जसवंत सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जसवंत सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 2 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में सभाओ को सम्बोधित करेंगे

जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में सभाओ को सम्बोधित करेंगे

बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन और सेड़वा में आम सभा को सम्बोधित करेंगे ,


जसवंत युवा आर्मी के जिला अध्यक्ष इस्लाम खान बासनपीर ने बताया कि जसवंत सिंह गुरूवार को दस बजे चौहटन और ग्यारह बजे सेड़वा में आम सभा को सम्बोधित करेंगे ,उन्होंने बताया कि कल शाम धोरीमन्ना में होने वाली आम सभा स्थगित कर दी गयी हें। अब धोरीमना में पांच अप्रेल को ग्यारह बजे आम सभा का आयोजन किया जायेगा

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

जसवंत सिंह शिव विधानसभा में लेंगे सभाए ,समर्थको ने किया स्वागत



जसवंत सिंह शिव विधानसभा में लेंगे सभाए


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह बुधवार से चुनावी अभियान का आगाज़ करेंगे। जसवंत सिंह के प्रवक्ता बद्री शरद ने बताया कि जसवंत सिंह बुधवार को ग्यारह बजे शिव मुख्यालय ,एक बजे हरसाणी ,दो बजे गड़रा रोड ,सवा चार बजे सेलाउ में आम सभाओ को सम्बोधित करेंगे ,उन्होंर बताया देरासर और रामसर में उनके समर्थको द्वारा स्वागत कार्यक्रम रखा गया हें जिसमे शिकरकट करेंगे ,उन्होंने कहा कि गुरूवार को जसवंत सिंह ग्यारह बजे चौहटन ,एक बजे सेड़वा ,दो बजे धोरीमन्नामें सभाओ को सम्बोधित करेंगे।


जसवंत सिंह पहुंचे बाड़मेर समर्थको ने किया स्वागत


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह सात दिवसीय जैसलमेर दौरे के बाद बुधवार को दोपहर बाद बाड़मेर पहुंचे ,जंहा जैसलमेर रोड पर जसवंत समर्थको ने जोश और उत्साह के साथ उनका स्वागतत किया ,जसवंत युवा आर्मी के जिला अध्यक्ष इलाम खान ,महेंद्र सिंह तारातरा ,हिन्दू सिंह तामलोर,बालम सिंह आगोर , सहित सेकड़ो कार्यकर्ताओ ने जसवंत तुम संघर्ष करो हैम तुम्हारे साथ हें ,जैसलेर में सात बाड़मेर में डाटा जैसे नारे लगाए। जसवंत सिंह ने कार्यकर्ताओ का उत्साह वर्धन करते हुए चुनावो तक जोश बरकरार रखने का कहा


जसवंत के कार्यकर्ताओ ने वार्डो में जनसम्पर्क किया


बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में जसवंत समर्थको और जसवंत युवा आर्मी ने बाड़मेर शहर के विभिन वार्डो में जनसम्पर्क कर जसवंत सिंह को समर्थन का आह्वान किया। इसी तरह केप्टन हीर सिंह भाटी ,कान सिंह ,रामाराम सुथार। धर्माराम प्रजापत ,पारस मॉल जैन उम्मेदाराम दरजी सरपंच आती ने चुली ,आटी गर्ल ,गिरल आदि गाँवो में जनसम्पर्क कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा

रविवार, 30 मार्च 2014

जसवंत ने कहा, राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति की दासी नहीं होनी चाहिए

जसवंत ने कहा, राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति की दासी नहीं होनी चाहिए
जैसलमेर: भाजपा से निष्कासित किये गए जसवंत सिंह ने आज नरेंद्र मोदी और उनके इर्दगिर्द केंद्रित प्रचार पर हमला बोलते हुए एक व्यक्ति की ‘‘पूजा’’ की निंदा की और कहा कि दुनिया ऐसे लोगों की कब्रों की भरमार है जिनके बारे में यह माना जाता था कि वह अपने देशों के लिए अत्यावश्यक हैं.जसवंत सिंह जैसलमेर में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे

सिंह को कल भाजपा से छह वर्ष के लिये निष्कासित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने बाडमेर सीट से एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति की दासी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह पर कडा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को उनके (राजनाथ सिंह के) अध्यक्ष बनने को लेकर चेतावनी दी थी और यह भी कहा था कि पार्टी को उनके निर्णय का खामियाजा उठाना पडेगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा के इस फैसले से आहत हुआ हूँ ,उन्होंने कहा भाजपा के जिन शीर्ष नेताओ को मुझसे संपर्क करना था कर लिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहित देश भर मई मोदी कि कोई लहर नहीं हें लोग विकल्प ढूंढ रहे हें। सिंह ने कहा कि मुझे मुलायम ,नितीश और ममता के भी फोन आए और उन्होंने कहा कि तुह्मारे से साथ बहुत गलत हुआ तुम चाहो तो हमारी पार्टी ज्वाइन कर सकते हो लेकिन में अब जितने के बाद ही फैसला लुगा कि किस पार्टी में जाउगा लेकिन भाजपा में अब शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है ,उनके बेटे और भाजपा से बाड़मेर कि शिव विधानसभा से विधायक मानवेन्द्र के उनके साथ नहीं होने के सवाल पर जसवंत सिंह ने कहा कि अपना धर्म निभाना रहा हें।
--

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव चित्रा सिंह


जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने ली सभाए

क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें जसवंत सिंह का चुनाव



बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में रविवार को चित्रा सिंह ने इंदिरा कॉलोनी और बायतु के लापुन्दडा में आम सभाओ का आयोजन कर आम जन को जसवंत सिंह को जिताने का आह्वान किया। चित्र सिंह ने सभाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह को भाजपा ने अपने लोगो कि सेवा करने से रोकने का षड्यंत्र रचा था मगर क्षेत्र कि जनता और कार्यकर्ताओ कि भावनाओ को देख उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णयो लिया। चित्रा सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह का चुनाव क्षेत्र कि जनता के स्वाभिमान से जुड़ा हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से चुनाव लड़ने का मानस बनाया था मगर भाजपा ने उनके साथ ठीक नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जसवंत सिंह और क्षेत्र कि जनता का अपमान किया जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा ,उन्होंने कहा कि सत्रह अप्रैल को जनता भाजपा को मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने आह्वान किया कि टॉर्च बेटरी के निशाँ पर बटन दबा कर अपने अस्तित्व के लिए जसवंत सिंह को जिताए। सभा को अशरफ अली खिलजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता के साथ जो कुछ हुआ उसकी निंदा कि जनि चाहिए ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह छतीस कौम के चहेते हें ,उन्होंने कहा कि हम भाजपा के वोट पर चोट करेंगे जसवंत सिंह को भारी मत्तो से विजयी बनाएँगे। अशरफ अली ने कहा कि जसवंत सिंह के आने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। पूनम राम मेघवाल ने कहा कि जिन लोगो ने अनुसूचित जाती के कर्मचारियो के आरक्षण का विरोध करने वालो को वोट नहीं देंगे यह समाज ने तय किया हें


सभाओ में शायर कंवर , सरपंच सोनाराम मेघवाल ,सरपंच विरधाराम दरजी ,महावीर जीनगर , मालकदिन गिड़ा ,सफ़िदिन गिड़ा ,सरपंच पर्वत सिंह भंवर लाल सांसी ,चेतन राम देवासी ,रामाराम मेघवाल ,पदम् सिंह कंवरली ,पटौदी सरपंच हदवंत सिंह ,चुनीलाल ,भेखा सिंह बोड़वा ,कल्याण सिंह गोपड़ी ,लूंण सिंह रेवाड़ा सहित कई जसवंत समर्थक उपस्थित थे।

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर



अब जसवंत की पत्नी ने खोला मोर्चा ,दिया सनसनी खेज बयान ,कहा जब भी मिलेगे नितिन गडकारी तो में उनसे करुँगी झगड़ा ,भाजपा अब चापलूसो की पार्टी ,अब यह इज्ज्त और अस्तित्व की लड़ाई हो गई

बाड़मेर बीजेपी ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ पार्टी नेता जसवंत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई की।पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। उसके बाद आज जसवंत सिंह की और से कोई प्रतिकिरिया आई लेकिन अब जसवंत सिंह कि पत्नी शीतल कवर ने मोर्चा सँभालते हुए जैसलमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा एक सनसनी आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जब मुझे नितिन गडगरी मिलेगे तो में उनसे लड़ाई करुँगी यह में आपके माध्यम से गडगरी बता देना चाहतु हु अगर निकलना ही था तो वापस क्यों लिया था भाजपा अब मेरी नजरो में गिर चुकी है अब यह हमांरे मान -सामान कि बात है इसलिए हम चुनाव में पूरा दम ख़म दिखाएगे हमने तो सिर्फ अपने घर से टिकट ही तो माग तो इसमें क्या गुना कर दिया हम किसी भी पार्टी में नहीं जा रहे है हमारे पास सपा प्रमुख मुलयाम सिंह से लेकर कई पार्टियो से हमें ऑफर मिला लेकिन हम निर्दलीय ही चुनाव लड़ेगे भाजपा में धर्म कि अहमियत नहीं है

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?


जसवंत के पीर पगारो से बेहतर रिश्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे चुनावो में ?

बाड़मेर चुनाव तो भारत में हो रहे हैं लेकिन बॉर्डर के निकट एक लोकसभा क्षेत्र में पाकिस्तान से भी उम्मीद हैं। धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी का जसवंत सिंह के साथ गनिष्ठ सम्बन्ध रहे हें। जसवंत सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सर्वाधिक लोकप्रिय एक मात्र भारतीय नेता हें ,2004 के लोक सभा चुनावो में पीर पगारो ने जसवंत सिंह के बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह को खलकर समर्थन दिया था जिसके चलते सरहदी मुस्लिमो ने मानवेन्द्र के पक्ष में खुलकर वोटिंग कर बड़ी जीत दिलाई थी। जसवंत सिंह ने साथ सालो से बंद भारत पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान मुनाबाव खोखरापार सड़कमार्ग खुलवा कर धार्मिक जत्थे के साथ माता हिंगलाज के दर्शन करने गए थे जहा जसवंत सिंह का जोरदार स्वागत सिंध वासियो द्वारा किया गया था ,जसवंत सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान पीर जोगोठ में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी से भी मुलाकात कि थी ,धर्मगुरु द्वारा जसवंत सिंह को दावते खास भी दी गयी थी। बाड़मेर जैसलमेर जिलो कि सरहद पर रह रह लाखों सिंधी मुस्लिम पीर पगारो के मुरीद हें ,वर्त्तमान समय में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी के पुत्र सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद पीर पगारो हें ,इनके जसवंत के साथ बेहतर तालुकात हें।

लोक सभा चुनावो में पीर पगारो का फ़तवा या चिट्ठी आने कि आहात के साथ चुनावी सरगर्मिया तेज हो गयी हें। चूँकि बाड़मेर से इस बार जसवंत सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हेनन ,जसवंत सिंह के प्रति सिंधी मुसलमानो में गज़ब का उत्साह हें।

यह उम्मीद वहां बैठे एक धार्मिक नेता से है। उनके मुरीद बॉर्डर के दोनों तरफ हैं। माना जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के धार्मिक नेता पीर पागारो के प्रति कुछ लोगों में भारी आस्था है।

ऎसे में उस तरफ से एक इशारे पर ही वोट दिए जाते हैं। हालांकि प्रकट तौर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है लेकिन इन वोटों के लिए तगड़े प्रयास किए जाते हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह की इन वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

कौन है पीर पागारो

पीर पागरो एक धार्मिक पद है। ब्रिटिश काल में इनके नेतृत्व में हुर आंदोलन चला था। विभाजन के बाद इनके हजारों अनुयायी इधर रह गए। सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद मौजूदा पीर पागारो हैं। -
chandan singh bhati

बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव ,शह और मात का खेल शुरू


बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव 

बाड़मेर। क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े और देश के दूसरे बड़े लोकसभा क्षेत्र में शनिवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन बीतने के साथ ही यहां चुनावी बिसात बिछ गई है। चुनाव से पहले ही चर्चाओं में आए इस क्षेत्र पर पूरे देश की नजर मतगणना तक रहेगी। भाजपा से बागी होकर निर्दलीय खड़े हुए अटल-आडवाणी टीम के सदस्य रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह, कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर टिकट लाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी और कांग्रेस के हरीश चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला होगा। बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में तीनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को शह और मात देने के लिए "प्यादे"बिछाने आरंभ कर दिए हैं। आठ विधानसभा क्षेत्र के मतदाता चुनावी चौसर मे खड़े उम्मीदवारों के भाग्य का 17 अप्रेल को फैसला करेंगे। आठ में से तीन विधानसभा क्षेत्र भारत-पाक के बीच स्थित अन्तरराष्ट्रीय सरहद से सटे हुए हैं।

पड़ोसी पाक की भी नजरें
इस बार चुनाव में इस क्षेत्र पर पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लोगों की भी नजरे हंै। वे यहां के हर चुनावी घटनाक्रम की बाड़मेर और जैसलमेर में स्थित रिश्तेदारों से जानकारियां ले रहे हैं। दोनों मुल्कों में सरहद पर आपस में कई रिश्तेदार हैं।

जसवंत की बगावत से बनी हॉट सीट
अपना अन्तिम चुनाव बताते हुए गृह क्षेत्र से लड़ने की दुहाई के बावजूद टिकट कटने से आहत दिग्गज भाजपा नेता जसवंत ने बगावत की घोष्ाणा करते हुए निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया। भाजपा के कई नेताओं ने नाम वापसी का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। जसवंत की बगावत के बाद पार्टीअध्यक्ष राजनाथसिंह और मुख्यमंत्री वसंुधरा राजे पर धोखा देने का आरोप लगाया। जसवंत के पार्टी विरौधी रवैये के बाद पूरे देश की नजरे यहां के क्षेत्र पर हंै।

एक नजर उम्मीदवारों पर

भाजपा-कर्नल सोनाराम

कांग्रेस में तीन बार सांसद और एक बार विधायक। कांगे्रस छोड़कर भाजपा में शामिल।

कांग्रेस-हरीश चौधरी
पिछले चुनाव में मानवेन्द्रसिंह को हरा कर चुने गए। कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय सचिव

बागी-जसवंतसिंह
एनडीए सरकार में वित्त एवं रक्षा मंत्री पद पर रहे। पिछला चुनाव दार्जलिंग से जीते। इस बार गृह क्षेत्र से टिकट मांगा। भाजपा ने टिकट काटा।

देश के सबसे बड़े पांच क्षेत्र
लद्दाख -173286.37
बाड़मेर -71601
कच्छ -41644
अरूणाचल पश्चिम -40572
अरूणाचल पूर्व -39749
देश के सबसे छोटे पांच क्षेत्र
चांदनी चौक -10
कोलकाता नार्थ वेस्ट -13
मुम्बई साउथ -13
मुम्बई साउथ सेन्टर -18
दिल्ली सदर -28
(सभी वर्ग किलोमीटर में)

सात पर जैसलमेर भारी
इस संसदीय क्षेत्र में बाड़मेर जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल 28,387 वर्ग किमी है जबकि अकेले जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र का क्षेत्रफल 28,875 वर्ग किमी है। - 

शुक्रवार, 28 मार्च 2014

जैसलमेर जसवंत सिंह को पलकों पर बिठाया लोगो ने



जैसलमेर जसवंत सिंह को पलकों पर बिठाया लोगो ने

लोगो ने उत्साह के साथ कहा अपने खर्चे से करेंगे प्रचार



बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह ने शुक्रवार को माता रानी भटियाणी जन्म स्थल जोगीदास धाम जाकर धोक लगाई ,तथा सफलता कि कामना कि। जसवंत सिंह का लोगो ने जबर्दस्त उत्साह के साथ स्वागत किया। लोगो में जसवंत के प्रति जोरदार उत्साह देखा गया। जोगीदास धाम में जसवंत सिंह ने विशाल आम सभा को भी सम्बोधित किया। सभा को सम्बोधित करते हुए जसवंत सिंह ने कहा कि भाजपा ने म,ऐरे साथ अन्याय किया इसीलिए चुनाव नहीं लड़ रहा ,भाजपा ने कार्यकर्ताओ कि भावनाओ को आहात किया। उन्होंने कहा कि मैं कार्यकर्ताओ का पार्टी में अपमान बर्दास्त नहीं कर पाया ,उन्होंने कहा कि मुझे सीधे सीधे टिकट न देने का कह कर भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दी जाती तो यहस्थति नहीं बनती। जसवंत सिंह ने कहा कि पार्टी में रह कर पार्टी के सिद्धांतो के लिए लड़ाई लड़ना आसान काम नहीं हें। जसवंत सिंह ने राजनाथ सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरा दूसरी बार पार्टी में अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि आपकी भावनाए और समर्थन ने मेरा उत्साह वर्धन किया हें।
सभा को सम्बोधित करते हुए आत्मा राम मेघवाल में कहा कि जसवंत सिंह देश का गौरव हें उनका अपमान असहनीय हें ,मालानी केर लोग जसवंत के साथ एक जुट हें ,यह सत्तरह तारिख को दिखा देंगे
सभा को सम्बोधित करते हुए तेजदान देथा ने कहा कि दुनिआ भर में जिस शख्शियत को सलाम किया जाता हें उसकी ही पार्टी में उनका अपमान कर ऐसे नेता को टिकट दी जो पिछले बीस सालो से भाजपा को गालिया दे रहा ,यह जसवंत का ही नहीं कार्यकर्ताओ का अपमान हें।
सभा को रतन सिंह कुंडा ,जालम सिंह हापा ,दलपत सिंह सत्तो ,जनक सिंह सत्तो ,चिंतामन दस ,राजूराम मेघवाल ,फोगे खान फ़क़ीर ,बहादुर खान ,आसु सिंह तेजमालता ,मानाराम दरजी ,वीर सिंह सरपंच ,राम सिंह कुंडा ,हाकम सिंह ,जुगत सिंह सोढा ,फूल सिंह सोढा ,अमरे खान पूर्व सरपंच सहित कई लोगो ने सम्बोधित कर जसवंत सिंह को भारी बहुमत से जितने कि अपील कि।

गुरुवार, 27 मार्च 2014

जसवंत युवा आर्मी का गठन ,इस्लामखान बासनपीर जिला अध्यक्ष


जसवंत युवा आर्मी का गठन ,इस्लामखान बासनपीर जिला अध्यक्ष


बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित् विदेश मंत्री और बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह के समर्थको ने जसवंत युवा आर्मी का गठन कर इस्लामखां बासनपीर को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया हें।


जसवंत समर्थक युवाओ ने गुरूवार को महावीर पार्क में बैठक आयोजित कर मालानी के सपूत जसवंत सिंह के समर्थन में कमर कस के उतरने का आह्वान किया। युवाओ ने एक प्रस्ताव पारित कर जसवंत युवा आर्मी के गठन का निर्णय लेकर इस्लाम खान बासनपीर को जिला अध्यक्ष मनोनीत किया। इस्लाम खान ने युवाओ को आह्वान किया हें कि जिस प्रकार भाजपा ने मारवाड़ के स्वाभिमान को जसवंत का टिकट काट कर ललकारा हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत का अपमान हैम किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान गिरवी रख कर हमें कोई पार्टी कोई प्रधानमंत्री मंजूर नहीं।

जसवंत युवा आर्मी कि कार्यकारिणी का विस्तार शुक्रवार को किया जायेगा।

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी

जसवंत सिंह के बढ़ते कद से परेशां थे राजनाथ मोदी। जसवंत कि पूरी कहानी 



बाड़मेर। जसवंत सिंह एक बार फिर अकेले हैं, और इस बार भी बीजेपी ने उनको अकेला कर दिया। टिकट नहीं दिया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही उन्हें पसंद ना करें। संघ परिवार को खुश रखने की कोशिश में बहुत सारे भाजपाई भी भले ही जसवंत सिंह को हमेशा अपने निशाने पर रखे रहें। और बीजेपी भले ही उनका टिकट काटकर उनकी इज्जत का मटियामेट करने की कोशिश कर ले। लेकिन समूचे देश को अपने जिन नेताओं पर गर्व होना चाहिए, उन इने-गिने सबसे बड़े नामों में जसवंत सिंह का नाम भी सबसे ऊंचे शिखर पर लिखा हुआ हैं। फिर भी बीजेपी ने उनका लोकसभा का टिकट काट दिया है। इस तथ्य और ब्रह्मसत्य के बावजूद कि बाड़मेर में जसवंत सिंह अपनी छवि की वजह से अजेय उम्मीदवार हैं। और देश के किसी भी संसदीय क्षेत्र में दो-सवा दो लाख मुसलमान एकमुश्त किसी भाजपाई के साथ हैं, तो वह अकेले जसवंत सिंह ही हैं। बाडमेर का सबसे बड़ा दर्द यह है कि जसवंत सिंह का टिकट उन कांग्रेसी कर्नल सोनाराम के लिए काटा गया, जिनका इस पूरे जनम में बीजेपी से नाता ही सिर्फ अटलजी से लेकर आडवाणी और नरेंद्र मोदी तक को गालियां देने का रहा। वसुंधरा राजे चुनाव से चार दिन पहले सोनाराम को कांग्रेस से बीजेपी में लाईं और लोकसभा के लिए लड़ने भेज दिया। वसुंधरा के इस अदभुत अंदाज से राजनीति अवाक है। लोग हत्तप्रभ, और बाड़मेर बेबस।
बीजेपी ने सबसे पहले मुरली मनोहर जोशी को बनारस से बेदखल किया। फिर भोपाल से लड़ने की लालकृष्ण आडवाणी की इच्छा पर उनकी इज्जत उछाली। और अब जसवंत सिंह को जोर का झटका बहुत जोर से दिया। यह नए जमाने की नई बीजेपी का नया रिवाज है। कभी संस्कारों वाली पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी का यह नया चेहरा है। माना कि राजनीति में चेहरे बदलते देर नहीं लगती। लेकिन बीजेपी जैसी बेहतर पार्टी में बुजुर्ग चेहरों को बहुत बेरहमी से बदरंग करके उनसे बदला लिया जाएगा, यह किसी को नहीं सुहा रहा है। बीजेपी के बुजुर्ग अपने जीवन के आखरी दिनों में आज सम्मान की खातिर खाक छानते दिख रहे हैं। और बाहर से आए दलबदलुओं का दिल खोलकर स्वागत किया जा रहा है। बीजेपी में बुजुर्गों के अपमान पर उसकी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे तक को कहना पड़ा कि आडवाणी, जिन्होंने पार्टी को बनाया और उसे प्रतिष्ठा दिलाई, वे भी अपने टिकट के लिए इंतजार करते रहे। यह आडवाणी का अपमान नहीं तो और क्या है।

वैसे तो राजनीति में कोई भी नहीं भूलता। लेकिन पिछली बार 2004 में, शिमला बैठक में जसवंत सिंह को बुलाने, फिर बीच रास्ते में ही रोककर पार्टी से निकाल देने का फरमान सुनाकर बीजेपी ने उनका जो अपमान किया था, उसे जसवंत सिंह शायद भूल गए होंगे। क्योंकि वे बड़े दिलवाले आदमकद के आदमी हैं। कारण था, जसवंत ने अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ की थी। लेकिन देश जब-जब चिंतन करेगा, तो जिन्ना के मामले में ज्यादा बड़ा पाप तो लाल कृष्ण आडवाणी का था। क्योंकि जसवंत सिंह ने तो लिखा भर था। आडवाणी तो जिन्ना के देश पाकिस्तान जाकर उनकी मजार पर माथा टेकने के बाद फूल चढ़ाकर यह भी कह आए थे कि जिन्ना महान थे। फिर देर सबेर बीजेपी संघ परिवार की भी अकल ठिकाने आ ही गई। उसे भी मानना पड़ा कि आडवाणी के अपराध के मुकाबले जसवंत के जिन्ना पर विचार अपेक्षाकृत कम नुकसान देह थे। लेकिन ताजा संदर्भ में तो जसवंत सिंह सिर्फ और सिर्फ वसुंधरा राजे की त्रिया हठ वाली राज हठ के शिकार हैं।

राष्ट्रीय परिपेक्ष्य को छोड़कर बात अगर सिर्फ प्रदेश की दीवारों के दाय़रे की करें, तो राजस्थान की राजनीति में अब तक के सबसे बड़े नेताओं के रूप में मोहनलाल सुखाडिय़ा और भैरोंसिंह शेखावत अब इस दुनिया में न होने और खुद के सीएम रहते हुए कांग्रेस का सफाया हो जाने के बावजूद कांग्रेस में सबसे विराट हो जाने वाले अशोक गहलोत आज भी लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं। उसी तरह, सबसे बड़े राजनयिक और राजनीतिक के रूप में जसवंत सिंह देश के सामने हैं। लेकिन इस बात का क्या किया जाए कि बीजेपी और व्यक्तिगत रूप से वसुंधरा राजे उनके इस कद का ही कबाड़ा करने पर उतारू हैं। वैसे, अपना मानना है कि जसवंत सिंह राजस्थान के नहीं, पूरे देश में आदमकद के आदमी हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि जसवंत सिंह जैसे नेता को, जीवन के इस अत्यंत ऊंचे और आखरी मोड़ पर आकर बीजेपी से जुड़े भी रहना चाहिए कि नहीं, यह चिंतन का विषय है।

राजस्थान में जिस तरह से वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में आई, उसी तरह से इस चुनाव के बाद देश में भी सरकार बन गई और अगर बन पाए, तो नरेंद्र मोदी का पीएम बनना उनका निजी पराक्रम होगा। लेकिन वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के बारे में देश को सिर्फ यह जरूर याद रहेगा कि उंचे कद के आला नेताओं की गरिमा को इन दोनों के काल में जितनी ठेस पहुंची और बीजेपी का संगठन के स्तर पर जितना कबाड़ा हुआ, उतना पार्टी के चौंतीस सालों के इतिहास में कभी नहीं हुआ। वसुंधरा राजे ने भी बड़े नेताओं के मानमर्दन का कोई मौका नहीं छोड़ा। स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत से लेकर, ललित किशोर चतुर्वेदी, हरिशंकर भाभड़ा, भंवरलाल शर्मा, रघुवीर सिंह कौशल जैसों को सार्वजनिक रूप से खंडहर कहने का वसुंधरा राजे ने जो राजनीतिक पाप किया था, उसका हिसाब अभी बाकी है। और यह तो गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवारी सहित ओमप्रकाश माथुर की किस्मत बहुत बुलंद है, लेकिन फिर उनको ठिकाने लगाने की वसुंधरा की कोशिशें तो अब भी जारी हैं ही। पार्टी का टिकट कटवाने और न देने का हक हासिल होने के बावजूद देश की राजनीति में आज भी वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह, जसवंत सिंह से बड़े नेता नहीं हैं। और अपना तो यहां तक मानना है कि राजनीति में जसवंत सिंह जैसी विश्व स्तरीय गरिमा प्राप्त करने के लिए इन दोनों को शायद कुछ जनम और लेने पड़ सकते हैं। राजनाथ सिंह ने भी कह दिया है कि बाड़मेर से उम्मीदवार को बदलना अब संभव नहीं है। लेकिन कोई भी इसका असली कारण नहीं बताता कि आखिर जसवंत सिंह को उम्मीदवारी से आउट क्यों किया गया। क्या सचमुच बीजेपी ने अपने बुजुर्गों का सम्मान करना बंद कर दिया है?

भले ही वह समूचे मंत्रिमंडल का फैसला था, फिर भी कुछ लोगों को हक है, तो वे कंधार के कसूर को हमारी विदेश नीति में नीहित कूटनीतिक मजबूरी न मानकर सिर्फ जसवंत सिंह की निजी गलती मानकर उनको कघटरे में खड़ा कर सकते हैं। लेकिन यह तो आपको भी मानना ही पड़ेगा कि उस कटघरे में खड़े होने के बावजूद जसवंत सिंह का कद उनका न्याय करनेवाले किसी भी जज से ज्यादा बड़ा है। जसवंत सिंह प्रभावशाली हैं, शक्तिशाली भी और समर्थ भी। राजनीतिक कद के मामले में उनको विराट व्यक्तित्व का राजनेता कहा जा सकता है। व्यक्तितव अगर विराट नहीं होता, तो दार्जीलिंग के जिन पहाड़ों से उनका जीवन में कभी कोई नाता नहीं रहा, वहां से भी लोगों ने निर्दलीय जिताकर उन्हें संसद में भेजकर अपने पहाड़ों से भी बड़ी उंचाई बख्श दी।

दरअसल, पूरे विश्व के राजनयिक क्षेत्रों में जसवंत सिंह को एक धुरंधर कूटनीतिज्ञ के रूप में देखा जाता है। विदेशी सरकारों के सामने जसवंत सिंह की जो हैसियत है वह एसएम कृष्णा से कई लाख गुना और नटवर सिंह, प्रणव मुखर्जी आदि के मुकाबले कई गुना ज्यादा बड़ी है। भाजपा में तो क्या देश की किसी भी पार्टी में विदेश के मामलों में उनकी टक्कर का कूटनीतिक जानकार नहीं है, यह कांग्रेस भी जानती है, आप भी और हम भी। और राजनीतिक कद नापा जाए, तो वसुंधरा राजे तो खैर उनके सामने कहीं नहीं टिकतीं, राजनाथ सिंह तक राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का बावजूद जसवंत सिंह के मुकाबले बहुत बौने हैं। लेकिन राजनीति का भी अपना अलग मायाजाल होता है। यह बीजेपी का सनातन दुर्भाग्य है या बड़े नेताओं की किस्मत का दुर्योग कि जो लोग कभी उनके दरवाजे की तरफ देखते हुए भी डरते थे, वे आज उन्हें आंख दिखा रहे हैं। लेकिन यह तो बीजेपी की किस्मत की कमजोरी का कमाल ही कहा जा सकता है कि जसवंत सिंह जैसा बहुत बड़ा नेता आज अलग थलग होकर निर्दलीय लड़ने को मजबूर हैं और उनके मुकाबले बहुत बौने लोग बहुत बड़े पदों पर बिराजमान होकर जसवंत सिंह जैसों की किस्मत लिखने के मजे ले रहे हैं। राजनीति भले ही इसी का नाम है। लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास है कि आखिर जसवंत सिंह का कसूर क्या है?

मंगलवार, 25 मार्च 2014

खुलासा। जसवंत सिंह का टिकट कटवाने में अम्बानी परिवार का षड्यंत्र ?

खुलासा। जसवंत सिंह का टिकट कटवाने में अम्बानी परिवार का षड्यंत्र ?


बाड़मेर जसवंत सिंह कि टिकट बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से कट कर पुरे देश में भाजपा घिर गई हें ,जसवंत कि टिकट काटने पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेता अपनी ही पार्टी को घेरने में लग गए हें ,आखिर राजनाथ सिंह और वसुंधरा राजे कि क्या मज़बूरी थी कि उन्होंने केंद्रीय चुनाव समिति में जसवंत कि टिकट का मशाला नहीं रखा तथा राजनाथ और वसुंधरा ने ही सब कुछ कर लिया ,अब बात सामने आ गयी कि जसवंत सिंह कि टिकट कटवाने में अम्बानी और जिंदल औद्योगिक घरानो का हाथ हें। बाड़मेर में तेल गेस और रिफायनरी के बड़े प्रोजेक्ट आये हुए हें ,इन पर अम्बानी और जिंदल ग्रुप कि निगाहे हें ,इन घरानो को जानकारी थी अगर बाड़मेर से जसवंत सिंह सांसद बन गए तो उनके मनसूबे पुरे नहीं होंगे ,चूँकि अम्बानी ग्रुप पचपदरा में प्रस्तावित रिफायनरी लेने के फ़िराक में हें। अटल बिहारी वाजपई सरकार में वित् मंत्री रहते हुए जसवंत सिंह ने अम्बानी ग्रुप के कई अनैतिक कार्यो को रोका था ,अम्बानी समूह जनता हें कि जसवंत सिंह के रहते अम्बानी को बाड़मेर में सफलता नहीं मिलनी हें ,इसी को ध्यान में रख भाजपा के दिग्गज नेताओ के साथ जसवंत को बाड़मेर से आने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया ,इस षड्यंत्र में राजनाथ सिंह ने पूरी भूमिका तैयार कि ,राजनाथ के इशारे पर वसुंधरा ने ठेकेदार जन प्रतिनिधि कर्नल सोनाराम चौधरी को बाड़मेर से भाजपा कि और से चुनाव लड़ने को तैयार किया गया ,जसवंत सिंह कि टिकट क्यूँ कटी इसका जवाब भाजपा आज तक नहीं दे पाई ,जबकि सुषमा स्वराज ने भी खुलासा किया था कि जसवंत सिंह कि टिकट चुनाव समिति ने नहीं काटी ,


अम्बानी ग्रुप के इस षड़यंत्र का शिकार हुए जसवंत सिंह के समर्थको में सुगबुगाहट शुरू हो गयी ,आने वाले दिनों में मिडिया जगत इस मुद्दे को जबर्दस्त तरीके से सामने लाएगी। इस मुद्दे पर जसवंत समर्थक खुले आम वक्तव्य देने लगे हें। जसवंत सिंह के समर्थक दुर्जन सिंह भाटी ने बताया कि यह जगजाहिर है कि जसवंत का टिकट अम्बानी और जिंदल समूह ने कटवाया हें। चूँकि सांसद रहते हुए जसवंत सिंह के पुत्र ,मानवेन्द्र सिंह ने जिंदल समूह के राजवेस्ट पवार प्लांट के खिलान भूमि अवाप्ति मुद्दे पर जोरदार आंदोलन किया था। रिफायनरी मुद्दे पर भी उनका स्पष्ट रुख अम्बानी परिवार को परेशां कर रहा था ,इसीलिए उनका टिकट कटवा कर किसी अन्य को दिलाया।

रविवार, 23 मार्च 2014

जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब


डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह कि टिकट काटने के बाद पहली बार गृह जिले बाड़मेर कि सीमा में प्रवेश पर हज़ारो समर्थको ने पहुँच जसवंत का उत्साह के साथ स्वागत कर उनके समर्थन में नारे लगाये। जसवंत का उनके समर्थक बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे ,खुली जीप में सवार जसवंत सिंह के साथ करीं आठ किलोमीटर लम्बी वाहन रेली साथ थी ,आठ किलोमीटसर् सड़क मार्ग जसवंत समर्थको से भरा था ,


कद्दावर नेता जसवंत सिंह कि भाजपा द्वारा टिकट काटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए जसवंत सिंह रविवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे बाड़मेर जिले कि सरहद पर पहुंचे जहा अपर जनसमूह ने जसवंत का जोरदार स्वागत कर उनकी हौसला अफजाई कि। यहाँ पहुंचे जसवंत सिंह हज़ारो कि तादाद में समर्थक देख गाड़ गाड़ हो गए ,जसवंत सिंह के काफिले में डोली से पचपदरा तक वाहनो का रेला लगा था ,


जसवंत सिंह का डोली ,सरवड़ी ,कल्याणपुरा ,धावा ,अराबा ,पटाऊ ,नागाणा में भी हज़ारो कि टाडा में समर्थक पहुंचे ,जसवंत सिंह ने कुल देवी नागनेशिया माता मंदिर में धोक लगा नागाणा माता का आशीर्वाद भी लिया ,जसवंत सिंह का पचपदरा पहुँचाने पर खारवाल समाज द्वारा स्वागत किया गया ,जसवंत सिंह के रोड शो में उमड़े जन समूह ने उनकी लोकप्रियता के संकेत विरोधियो को दे दिए ,

शुक्रवार, 21 मार्च 2014

जसवंत कि अनदेखी से भाजपा के लिए मारवाड़ खतरे में जोधपुर ,जालोर ,पली और बीकानेर होंगे प्रभावित


जसवंत कि अनदेखी से भाजपा के लिए मारवाड़ खतरे में

जोधपुर ,जालोर ,पली और बीकानेर होंगे प्रभावित


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट न देकर नरेंद्र मोदी कि प्रधानमंत्री कि राह कठिन कर दी ,अब जसवंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे ,जसवंत सिंह कि टिकट काटने से जोधपुर ,पली ,बीकानेर ,जालोर में भाजपा प्रत्यासियो कि राह कठिन हो जायेगी ,

नरेंद्र मोदी लहर कि चकाचौंध में भाजपा प्रदेश को मुगालता था कि भाजपा से पत्थर खड़ा करेंगे जीत जायेंगे ,वसुंधरा राजे ने कई स्थानो पर पत्थर खड़े कर दिए ,लोगो कि भावनाए जिन प्रत्यासियो के साथ जुडी थी उनको दरकिनार कर गैरो और पार्टी लाइन से बाहर के लोगो को टिकट दिया।

राजस्थान में मिशन 24 खतरे में 14 सीटो पर सिमट जायेगी

राजस्थान भाजपा के मिशन 25 कि हवा टिकट वितरण के साथ निकल गयी ,जोधपुर ,जयपुर ग्रामीण ,जालोर ,चित्तोड़ ,,भीलवाड़ा सीकर ,अजमेर और पाली भाजपा से दूर हो रही हें। सभी पच्चीस टिकटों कि घोषणा के बाद जोधपुर ,पाली ,बीकानेर ,और जालोर भाजपा के हाथ से एकदम छिटकती नज़र आ रही हें ,बाड़मेर से वसुंधरा राजे कि हठधर्मिता के कारन जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने से राजपूत समाज में भाजपा के प्रति आक्रोश बढ़ा जिसके साथ नरेंद्र मोदी प्रभाव भी प्रभावित हो गया ,बाड़मेर से जसवंत सिंह निर्दलीय सोमवार को अपंने नामांकन दाखिल करेंगे ,आदर्श स्टेडियम में करीब दो लाख लोगो कि मौजूदगी में जसवंत सिंह ,नामांकन दाखिल करेंगे ,इसके लिए जसवंत सिंह के वकील डूंगर सिंह से नामांकन फॉर्म के चार सेट उठाए गए हें।

गुरुवार, 20 मार्च 2014

बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध

बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी बाड़मेर जिला संघठन ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा बाड़मेर जैसलमेर संसदीय सीट के लिए कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी कि उम्मीदवारी घोषित करने के प्रयासो के खिलाफ एक माह पूर्व खोले गए लोकसभा चुनाव कार्यालय पर ताले ठोक दिए तथा संगठन के समस्त पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध करते हुए संगठन से इस्तीफे देने का ऐलान कर दिया ,
बाड़मेर से भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह टिकट मांग रहे थे उनकी उम्मीदवारी तैसिडा थी इसी बीच वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को भाजपा में शामिल करा उन्हें बाड़मेर से टिकट देने का अनुमोदन केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रख दिया ,केंद्रीय चुनाव समिति ने कर्नल का टिकट रोक दिया ,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस कदम कि भाजपा के पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने निंदा कर कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध किया ,गुरूवार शाम पांच बजे लोकसभा चुनाव कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्वरुप सिंह राठोड ,दिलीप पालीवाल के नेतृत्व में बैठक का आयोजन कर कर्नल कि दावेदारी को ,किया राठोड ने कहा कि जो व्यक्ति पिछले बीस सालो से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ता आया हो उसे तुरंत टिकर देना कार्यकर्ताओ का अपमान हें। कर्नल कि उम्मीदवारी किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं। उन्होंने दो टूक शब्दो में कहा कि बाड़मेर को सिर्फ जसवंत सिंह उम्मीदवार चाहिए ,पार्टी जसवंत सिंह को टिकर देती हें तो ठीक वर्ना पूरा संगठन जसवंत सिंह को निर्दलीय जितने में साथ खड़ा रहेगा ,सभी पदाधिकतरियो और कार्यकर्ताओ ने एक राय होकर कार्यालय पर ताले जड़ दिए ,भाजपा के वरिष्ट नेता दिलीप पालीवाल ने कहा कि जसवंत सिंह कि उम्मीदवारी कि घोषणा के बाद ही कार्यालय के ताले खुलेंगे।

कर्नल कि दावेदारी से बाड़मेर जैसलमेर भाजपा में मचा बवाल , सामूहिक इस्तीफे कि तैयारियां


कर्नल कि दावेदारी से बाड़मेर जैसलमेर भाजपा में मचा बवाल , सामूहिक इस्तीफे कि तैयारियां

बाड़मेर उर्व वित् मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह पर कांग्रेसी नेता और एक दिन पहले भाजपा में आये कर्नल सोनाराम चौधरी कि बाड़मेर से दावेदारी का स्थानीय भाजपा नेताओ ने जबर्दस्त विरोध किया हें। बाड़मेर जैसलमेर में कर्नल के भाजपा कि सम्भावित उम्मीदवारी पर बवाल मच गया हें। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफे देने कि तैययारी में जुट गए हें। वसुंधरा राजे द्वारा जिताऊ और जन उम्मीदवार के रूप में जसवंत सिंह कि आपसी रंजिस के कारन टिकट कटवा कर्नल सोनाराम चौधात्री को दिलाने कि सिफारिश का जोरदार विरोध शुरू कर दिया हें ,सूत्रानुसार भाजपा के वरिष्ठ और अन्य कार्यकर्ता शाम आठ बजे मानवेन्द्र सिंह से मिलने उनके निवास पहुँच जसवंत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतरने का दबाव बनाने जा रहे हें ,वैसे जसवंत सिंह भाजपा टिकट देती हे या नहीं इसकी परवाह किये बिना चौबीस मार्च को नामांकन दाखिल करने कि घोषणा कर चुके हें। उन्होंने साफ़ संकेत दिए कि वो जोधपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे उनका प्रथम लक्ष्य अपने गृह जिले से चुनाव लड़ना हें। भाजपा संघठन में भी कर्नल के नाम का जोरदार विरोध शुरू हो गया हें। भाजपा कार्यकर्ताओ ने सामूहिक बयां दिया कि बाड़मेर से कर्नल सोनाराम भाजपा प्रत्यासी के तौर पर कतई मंजूर नहीं बाड़मेर के सभी छह भाजपा विधायको ने जसवंत सिंह के नाम पर सहमति जताई हें। भाजपा के कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा में सिर्फ जसवंत सिंह को ही टिकट मिलना चाहिए। बीस साल भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे कांग्रेस नेता को टिकट बर्दास्त नहीं हें। जसवंत सिंह के समर्थन में इस्तीफे देने को तैयार हें

--

शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

लोकसभा चुनाव। । जयपुर में पेश हुई दावेदारियां जसवंत सिंह में जताया विशवास कार्यकर्ताओ ने

लोकसभा चुनाव। । जयपुर में पेश हुई दावेदारियां जसवंत सिंह में जताया विशवास कार्यकर्ताओ ने


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्यासियो के फीड बेक बैठक जयपुर में सम्पन हुई जंहा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ,प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी सहित बाड़मेर के जिला अध्यक्ष मेजर पर्वत सिंह ,सहित अग्रीम संघठनो के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए ,बैठक में लोक सभा चुनावो के लिए जसवंत सिंह ,डॉ प्रियंका चौधरी ,तन सिंह चौहान ,ऍन आर चौधरी के नाम सामनरे आये वाही अधिकांस कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो ने एक स्वर से जसवंत सिंह को बाड़मेर चुनाव लड़ाने कि बात कही। कार्यकर्ताओ ने कहा कि बाड़मेर कांग्रेस कि परंपरागत सीट हें जो सिर्फ जसवंत सिंह ही भाजपा के लिए सीट निकाल सकते हें। अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाअध्यक्ष मौलवी अब्दुल करीम ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के चार लाख मुस्लिम भाजपा के साथ जसवंत सिंह के जरिये ही जुड़ सकते हें ,उन्होंने कहा कि मुस्लिम मतदाताओ के सहयोग के बिना बाड़मेर कि सीट कोई नहीं निकाल सकता ,जसवंत सिंह सरहदी क्षेत्र के मुस्लिमो में बेहद लोक प्रिय हें मुस्लिमो का उन्हें विशवास प्राप्त हें। अन्य कार्यकर्ताओ ने जसवंत सिंह को चुनाव लड़ाने कि बात कही ,बैठक में डॉ प्रियंका चौधरी कि तरफ से मजबूत दावेदारी पेश हुई ,वाही अन्य दावेदारियों में तन सिंह चौहान ,और नाथू राम चौधरी के नाम भी सामने आये। बैठक के दौरान वसुंधरा राजे ने कहा कि लोक सभा के लिए जिताऊ उम्मीदवार कार्यकर्ताओ कि भावना को ध्यान में रख कर चुने जायेंगे। पार्टी एक जुट होकर चुनाव लड़े तभी टारगेट पूरा कर पाएंगे

गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

कांग्रेस में खलबली ,जसवंत सिंह के सामने किसे लड़ाएगी कांग्रेस ?ज्योति मिर्घा या हरीश चौधरी


कांग्रेस में खलबली ,जसवंत सिंह के सामने किसे लड़ाएगी कांग्रेस ?ज्योति मिर्घा या हरीश चौधरी




बाड़मेर कभी ऐसिअ के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र रहे बाड़मेर जैसलमेर लोक सभा सीट पर इस बार पुरे देश कि नज़ारे रहने वाली हें। एक बार फिर बाड़मेर संसदीय सीट चर्चाओ में हें। भारतीय जनता पार्टी कि राष्ट्रिय राजनीती में चार दशको कि सेवा के बाद राष्ट्रिय नेता और पूर्व वित् विदेश और रक्षा   मंत्री जसवंत सिंह अपने गृह जिले बाड़मेर से लोक सभा का चुनाव लड़ने कि ठान चुके हें कहने को दो तीन दावेदार के हें जसवंत सिंह का हें। भाजपा से जसवंत सिंह का नाम ,तय मना जा रहा हें ,जसवंत सिंह के नाम के आने के बाद विधानसभा चुनावो में बुरी तरह हारी कांग्रेस को और चिंता में दाल दिया हें। कांग्रेस कि और से वर्त्तमान हरीश चौधरी को प्रबल दावेदार माना जाता हें मगर क्षेत्र में उनकी स्थति बेहद नाज़ुक हें यह कांग्रेस के सर्वे में हें ऐसे में कांग्रेस हरीश चौधरी को बदल दे तो कोई आश्चर्य नहीं ,हरीश चौधरी के स्थान पर नागौर संसद ज्योति मिर्धा और पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी दावेदारी में शुमार हें ,राहुल गांधी इस बार कोई रिस्क लेना नहीं चाहते। जसवंत सिंह को कांग्रेस से गैर जात ही टक्कर दे सकता हें ,जात उम्मीदवार के उतरने से जसवंत सिंह स्वतः मजबूत होंगे। विधानसभा चुनावो में जाट मतदाताओ ने खुलकर भाजपा का साथ दिया ,जिसके कारन अल्पसंख्यक समुदाय के शिव विधानसभा से कांग्रेस प्रत्यासी अमिन खान बुरु तरह से चुनाव हार गए। मुस्लिम नेता अपनी हार का कारण जाट नेताओ को मानते हें ,मुस्लिम नेताओ का कहना हें कि जाट नेताओ ने मुस्लिम प्रत्यासी कि मदद नहीं कि जाटो के वोट मुस्लिमो को नहीं मिलने से पश्चिमी राजस्थान में एक भी मुस्लिम विधायक नहीं जीत पाया। मुस्लिम नेताओ ने तय कर दिया हें कांग्रेस यदि किसी भी जाट को उम्मीदवार बनाती हें मुस्लिम समाज उन्हें सहयोग नहीं करेंगे। कांग्रेस के परम्परागत जाट ,मुस्लिम मेघवाल गठबंधन विधासभा चुनावो में तार तार हो गया। जिसका विपरीत असर लोक सभा चुनावो में पड़ना तय हें। कहने को कांग्रेस एक मात्र बाड़मेर विधानसभा सीट पर जीती हें। बाड़मेर सीट कांग्रेस प्रत्यासी द्वारा जितने का एक मात्र कारन कांग्रेस प्रत्यासी का गैर जाट होना था। जसवन सिंह के पास सबसे विश्वशनीय चुनावी हथ्यार क्षेत्र के चार लाख अल्पसंख्यक मतदाता हें जो जसवंत सिंह जी के मुरीद हें। मुस्लिम समाज कि जसवंत सिंह पहली पसंद बने हुए हें। जसवंत सिंह को राजपूत ,दलित वर्ग ,मुस्लिम और अन्य जातियो का प्यूरा समर्थन हासिल हें। क्षेत्र के लोग चाहते हें कि जसवंत सिंह बाड़मेर से चुनाव लड़े। जसवन सिंह का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस में खलबली मची हुई हें।

गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

जसवंत सिंह ने गृह जिले बाड़मेर से चुनाव लड़ने के इरादे स्पष्ट किये

जसवंत सिंह ने गृह जिले से चुनाव लड़ने के इरादे स्पष्ट किये


बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित् विदेश और रक्षा मंत्री जसवंत सिंह अपने राजनितिक जीवन में पहली मर्तबा अपने गृह जिले बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इरादे जाहिर किये। राजनीती के धुरंधर राजस्थान के जोधपुर और चित्तोड़गढ़ संसदीय क्षेत्रो से पहले चुनाव लड़ चुके हें। अभी वो दार्जिलिंग से सांसद हें। उम्र के इस पड़ाव में जसवंत सिंह अपने गृह जिले बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते हें उन्होंने गुरूवार बाड़मेर में पत्रकारो से रुबरु होते हुए इच्छा हें कि वो अपने गृह जिले से चुनाव लड़े उन्होंने अपनी इच्छा पार्टी को जाहिर कर दी हें। बाकी पार्टी के आदेशानुसार चुनाव लडूंगा जंहा से पार्टी चाहेगी। उन्होंने बताया कि कहा की देश मे भाजपा की लहर चल रही है। यूपीए सरकार से देश त्रस्त है और नरेद्र मोदी के नेतृत्व मे भाजपा सत्ता मे आने वाली है।और अपने चुनाव लड़ने के सवाल पर जसवंतसिंह ने कहा की मेरी मंशा अपने गृह जिले से लोकसभा का चुनाव लड़ने की मंशा है। लेकिन पार्टी का जो आदेश होगा उसे मानूगा। इस दौरान बड़ी संख्या मे भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



--

शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

जसवंत सिंह गृह जिले बाड़मेर से लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव

जसवंत सिंह गृह जिले बाड़मेर से लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव

बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर राष्ट्रिय नेता जसवंत सिंह अपना लोक सभा चुनाव पहली बार घर से लड़ेंगे ,. बाड़मेर कि जनता कि पहली और आखरी पसंद जसवंत सिंह के रूप में सामने आई हें
जसवंत सिंह करीब चार दसको से राष्ट्रीय राजनीती में सक्रीय हें मगर उन्होंने अपने गृह जिले बाड़मेर जैसलमेर लोक सभा से कभी चुनाव नहीं लड़ा। जसवंत सिंह जोधपुर और चित्तोड़ गढ़ से चुनाव लड़ चुके हें। इस बार विधानसभा चुनावो में भाजपा ने बाड़मेर जैसलमेर कि बहदुर मानवेन्द्र सिंह को सौंपी थी। मानवेन्द्र सिंह ने शिव विधानसभा से बड़ी जीत हासिल करने के साथ जिले कि छह सीटे और जैसलमेर कि दोनों सीटे जिताकर अपना प्रभाव और कद पार्टी में बढ़ाया। जसवंत सिंह लोक सभा का चुनाव बाड़मेर से लड़े यह छतीस कौम कि जनता चाहती हें। जसवंत सिंह के चुनाव लड़ने कि स्थति में मुस्लिम ,मेघवाल ,राजपूत मतदाताओ के साथ छतीस कौम का जबर्दस्त समर्थन उनके खाते में जुड़ना तय हें। राजनीती कि धुरंधर माने जेन वाले जसवंत सिंह इस बार अपने गृह जिले से चुनाव लड़ने कि इच्छा पूर्व में जाता चुके हें उनके नाम कि औपचारिक के प्रथम सप्ताह में होने के समाचार हें।


--

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

संसदीय चुनावो कि आहट। ।जसवंत सिंह के साथ रूपाराम ,हरीश और तन सिंह कि उम्मीदवारी के चर्चे

संसदीय चुनावो कि आहट। ।जसवंत सिंह के साथ रूपाराम ,हरीश और तन सिंह कि उम्मीदवारी के चर्चे


बाड़मेर आठ दिसंबर को विधानसभा चुनावो के परिणाम आने के साथ ही थार नगरी में आगामी मई में होने वाले संसदीय चुनावो को लेकर चर्चे आम हो गए। आम जन संसदीय चुनावो में उम्मीदवारो के नामो के कयासों में लगे हें वैसे तो दर्जन भर उम्मीदवारो के नामो के चर्चे हो रहे हें मगर भाजपा से खासतौर से भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के नाम के चर्चे हें हेंवहि दूसरा बड़ा नाम उभर कर अब तक राजनीती से किनारा कर रहे समाजसेवी तन सिंह चौहान का हें। वाही नाथाराम चौधरीओ ,डॉ प्रियंका चौधरी के नामो को भी हवा दी जा रही हें। विधानसभा चुनावो में कांग्रेस का जातिगत गणित गड़बड़ा जेन के बाद बुरु तरह मात खाये सांसद हरीश चौधरी कि राह बेहद कतरहीं नज़र आने लगी हें चर्चाकारों को। चर्चाकारों का मानना हें जैसलमेर से चुनाव हारे रूपाराम मेघवाल हरीश चौधरी से बेहतर उम्मीदवार हो सकते हें।


विधानसभा चुनावो में जिस प्रकार बाड़मेर जैसलमेर में भाजपा ने परचम लहराया हें उसे भाजपा कि उम्मीदे इस सरहदी जिलो कि सीट पर अपेखये बढ़ गयी हें ,जसवंत सिंह भाजपा के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उम्मीदवार माने जा रहे हें ,बाड़मेर विधानसभा चुनावो में भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी के प्रचार कि कमान सम्भालने वाले तन सिंह चौहान ने राजनीती क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाते हुए ऊँची छलांग लगाई हें मगर राजपूत समाज ने ही उन्हें पूरी तरह स्वीकार नहीं किया यही बात डॉ प्रियंका चौधरी पर लागू होती हें ,प्रियंका चौधरी को अन्य समाजो ने भरपूर समर्थन दिया मगर उनके परंपरागत स्वजातीय मतदाता जाट तीन हिस्सो में बाँट गए जिसकले चलते उन्हें मामूली अंतर से हराना पड़ा ,हालांकि उनकी हार में भाजपा संघठन के बड़े खिलाड़ियो ने अपनी भूमिका निभाई हें ,फिर भी तन सिंह और प्रियंका चौधरी भाजपा के दावेदारी में शामिल हें।


कांग्रेस कि सरहदी जिलो में गत बिगड़ने का श्रेय सांसद हरीश चौधरी को दिया जा रहा हें चाहे वो निर्मलदास कि अप्रत्यासित उम्मीदवारी हो या रूपराम मेघवाल को सामान्य सीट से चुनाव लड़ने कि जिद या कांग्रेस के ड्रीम प्रोजेक्ट रिफायनरी स्थल पचपदरा से मदन प्रजापत को चुनाव लड़ने का निरनय सब बेकार गए ,कांग्रेस बुरी तरह चुनाव हारी ,एक मात्र सीट बाड़मेर कि मेवाराम जैन ने निकली तो व्यक्तिगत और पैसो के दम पर ,हरीश चौधरी कि जीत के समीकरण तहस नहस हो गए ,हरीश चौधरी के लाख प्रयाद्सो के बावजूद अमिन खान को शिव में जाट वोट नहीं दिला पाये। कर्नल सोनाराम कि हर नहीं ताल सके ,हेमाराम चौधरी कि बात अनसुनी कर सिवाना से कलबी को टिकट नहीं देकर उन्हें हार के रस्ते पर डालने हे भी उनकी हार तय हुई।


आम चुनाव मई में होने जा रहे हें। बाड़मेर से नाथाराम चौधरी के नाम कि चर्चा भी आई। तो बीकानेर के दिग्गज राजपूत नेता देवी सिंह भाटी कि सम्भावना को नक्कारा नहीं जा सकता। कांग्रेस हार से आहात होकर मुस्लिम कार्ड खेलती हें तो चौहटन प्रधान शम्मा खान के नाम पर मोहर भी लगा सकती हें।


--