गुरुवार, 26 जून 2014

मोदी के खास शाह होंगे BJP के नए अध्यक्ष!



नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी की कमान दी जा सकती है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम लगभग तय है। खबर ये भी है कि पार्टी बजट सत्र से पहले उनके नाम का ऐलान कर सकती है।

अमित शाह के अलावा जेपी नड्डा और ओपी माथुर भी बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे। लेकिन बाजी अमित शाह के हाथ ही लगी। बताया जा रहा है कि नड्डा ने खुद महासचिव पद पर बने रहने की इच्छा जाहिर की थी।



वहीं ओपी माथुर के नाम पर सहमति नहीं बन पाई और मौका अमित शाह को मिलता दिख रहा है। यूपी प्रभारी के तौर पर अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को शानदार जीत दिलाई थी। बीजेपी को राज्य में 80 में से 71 सीटें मिली हैं। इस जबरदस्त कामयाबी का अमित शाह को इनाम भी मिलता दिख रहा है।

"सीएम, मंत्री और अफसर सब जनता के सेवक"

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, डाक्टर या कर्मचारी सब जनता के कार्यकर्ता है। राजे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत बुधवार को सूरतगढ से करणपुर जाते समय श्रीगंगानगर में बींझाबायला ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को संबोधित कर रही थीं। cm, ministers, public representatives, officers all are workers of the janata, says vasundhara raje

उन्होंने कहा कि 60 साल से मुख्यमंत्री ऑफिस में ही बैठकर काम करते थे, लेकिन पहली बार हमने सरकार आपके द्वार जैसे अभिनव प्रयोग के माध्यम से जनता को बता दिया कि हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को ये भी स्पष्ट कर दिया कि वे सब एक ही टीम के सदस्य है, जिनका मिशन है राजस्थान को बुलंदियों पर ले जाना। यह मिशन सबके सहयोग से ही पूरा होगा, जिसमें जनता को भी सहयोग करना होगा।

राजे ने कहा कि आजादी के बाद 60 सालों में जनता अपनी समस्याओं को लेकर सरकारों को कागज पर कागज पकड़ाती रही, लेकिन लोगों के काम नहीं हुए। ऎसी व्यवस्था को सुधारने के लिए ही हमने बहुत सोच-समझकर ऎसा कार्यक्रम हाथ में लिया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री और मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग रूट पर जनता के बीच पहुंच रहे हैं और हर पंचायत समिति को कवर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 60 साल में लोगों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। गांव में डॉक्टर नहीं हैं, आज भी प्रदेश में दस हजार डाक्टरों की कमी है। साठ साल में सरकार अपना काम चालू रखती तो सरकार और जनता के बीच इतना अंतर नहीं होता। उन्होंने कहा कि टीचर्स, डॉक्टर्स, अधिकारी और कर्मचारी सभी मिलकर जनता की परेशानी को दूर करने की कोशिश करेंगे तो राजस्थान बदल जाएगा।

पत्नी को साथ नहीं भेजने से खफा युवक टावर पर चढ़कर कूदा,

चूरू. पत्नी को साथ नहीं भेजे जाने से खफा युवक बुधवार दोपहर मोबाइल टावर पर चढ़ गया। पत्नी, ससुराल पक्ष व अन्य लोगों ने नीचे उतरने के लिए काफी समझाइश की। पुलिस की भी उसने नहीं सुनी और आधे घंटे बाद आखिरकार वह टावर से गेनाणी (गंदे पानी का हौद) में कूद गया। गेनाणी की दीवार से टकराने के कारण घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
पत्नी को साथ नहीं भेजने से खफा युवक टावर पर चढ़कर कूदा, देखिए तस्वीरें
पुलिस के अनुसार कोतवाली में बुधवार दोपहर 2.30 बजे फोन आया कि चांदनी चौक स्थित गेनाणी के पास टावर पर युवक चढ़ा हुआ है। पुलिस तुरंत ही पहुंची। उसे नीचे उतारने के लिए समझाइश की। कालू पुत्र मोहनलाल ने बताया कि उसका जीजा राजेश पुत्र बुधराम रेगर लाडनूं का था। मंगलवार रात वह ससुराल चूरू आया था। जीजा ने शराब पी रखी थी। सुबह फिर वह शराब पीकर आया और पत्नी को साथ भेजने के लिए झगडऩे लगा। ऐसी हालत में बहन को उसके साथ भेजने से मना कर दिया गया। तब राजेश नशे में टावर पर चढ़ गया। हमारी व पुलिस की समझाइश के बाद भी वह नहीं उतरा और गेनाणी में कूद पड़ा। कूदते समय वह पहले दीवार पर गिरा और फिर गंदे पानी में। उसे सरकारी डीबी अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

एएसपी राजकुमार चौधरी ने अस्पताल चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचना भेजी। शाम तक लाडनूं से परिजन नहीं पहुंचे थे और पुलिस
कार्रवाई जारी थी।

डेढ़ महीने पहले हुई थी शादी

राजेश की शादी करीब डेढ़ महीने पहले चांदनी चौक चूरू में शादी हुई थी। उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने बताया कि शादी के बाद से ही वह पत्नी से मारपीट करता। बुधवार को भी वह शराब के नशे में पत्नी को साथ ले जाने की जिद करने लगा।

पत्नी ने की गुहार, लोगों की लगी भीड़

युवक करीब आधा घंटे तक टावर पर चढ़ा रहा। इस दौरान पत्नी ने भी उससे नीचे उतरने की अपील की। टावर पर युवक के चढऩे की सूचना मिलने पर मोहल्ले के लोगों की भी मौके पर भीड़ लग गई।

बाड़मेर :सिवाना. पुलिस गिरफ्त में नाबालिग बच्ची के अपहरण के आरोपी।

बाड़मेर :सिवाना. पुलिस गिरफ्त में नाबालिग बच्ची के अपहरण के आरोपी। 
  

नाबालिग बच्ची का अभी तक कोई सुराग नहीं, तलाश जारी


सिवाना. क्षेत्र के मिठोड़ा गांव में गत 19 जून को दिन दहाड़े बदमाशों ने हवाई फायरिंग कर एक घर से नाबालिग का अपहरण कर ले जाने वाले मामले में पुलिस ने पांच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
घटना के बाद से थानाधिकारी सुमेरसिंह राठौड़ के नेतृत्व में गठित पुलिस दल के सदस्य रतिराम, पदमपुरी, जामीन खां, रामप्रसाद व गोविंदराम ने लगातार अलग-अलग ठिकानों के तहत अहमदाबाद, सांचोर, मालवाड़ा, सुरेंद्र नगर, भीनमाल में खोजबीन कर अपहरणकर्ता अरविंद पुत्र धनाराम दर्जी निवासी मालवाड़ा, कैलाशपुरी पुत्र नरेशपुरी स्वामी निवासी नांदिया (बागौड़ा), दिनेश पुत्र छगनलाल दर्जी मालवाड़ा (चितलाना), मोहनराम पुत्र खंगाराम विश्नोई निवासी बावरला व पूनमाराम पुत्र चौथाराम विश्नोई निवासी बिच्छावाड़ी (सिरोही) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने प्रथम पूछताछ में बताया कि उन्होंने अपहरण की साजिश मालवाड़ा व अहमदाबाद में घटना के मुख्य आरोपी गोपाराम दर्जी निवासी सांचोर सहित कुल आठ जनों ने मिलकर रची। साजिश रचने के बाद 19 जून को दिन में लगभग 3 बजे मिठौड़ा गांव के एक घर में घुसकर 12 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर ले गए। बालिका के परिजनों की ओर से रोकने की कोशिश करने पर आरोपियों ने हवाई फायर करते हुए स्कॉर्पियो में सवार होकर फरार हो गए। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों का मुख्य आरोपी पांड्या गैंग सांचोर का सदस्य है तथा शराब तस्करी सहित अनेक मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं। हालांकि पुलिस को अभी तक नाबालिग का सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए गुरुवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा।

महात्मा बुद्ध को माना गया भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार


बिहार में हिन्दुओं के गया तीर्थ में श्राद्ध कर्म पूर्ण करने के बाद भगवान विष्णु के दर्शन करने से मनुष्य पितृ, माता और गुरु के ऋण से मुक्त हो जाता है। गया के समीप ही बौध धर्म को समर्पित बौध गया प्रमुख तीर्थ माना गया है। गया से 1 किमी की दूरी पर स्थित बौद्ध गया, बौद्ध धर्म के अनुयायियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान बुद्ध ने इसी स्थान पर ईसा पूर्व 531 में फाल्गु नदी के तट पर पवित्र बोधिवृक्ष की छाया में बैठ कर तपश्चर्या के द्वारा ज्ञान के प्रकाश का प्रथम साक्षात्कार किया था तत्पश्चात वह भगवान बुद्ध कहलाने लगे।



ज्ञान प्राप्ति के पश्चात वे सात सप्ताह तक उरुवेला के समीप ही मनन करते रहे। काशी अथवा वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित सारनाथ प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है। सारनाथ वाराणसी से इतना करीब है की इसे वाराणसी से अलग नहीं कहा जा सकता। पहले यहां घना वन था और मृग-विहार किया करते थे। उस समय इसका नाम ‘ऋषिपत्तन मृगदाय’ था। ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश अपने पांच शिष्यों को दिया था। सम्राट अशोक के समय में यहां बहुत से निर्माण-कार्य हुए।


मान्यता है की सम्राट अशोक की पुत्री संघमित्रा ने बोध गया स्थित पवित्र बोधि वृक्ष की एक शाखा श्री लंका के अनुरधपूरा में लगाईं थी, उसी पेड़ की एक शाखा को यहां सारनाथ में लगाया गया है। गौतम बुद्ध तथा उनके शिष्यों की प्रतिमाएं म्यांमार के बौद्ध श्रद्धालुओं की सहायता से यहां लगाईं गई हैं। इसी परिसर में भगवान बुद्ध के अट्ठाईस रूपों की प्रतिमाएं भी स्थित हैं।

जिस परम पवित्र स्थान पर भगवान बुद्ध ने वैशाख महीने में पूर्णिमा के दिन ज्ञान प्राप्त किया था उस स्थान को बौध गया तथा वह शुभ दिन बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

बौध गया का सबसे प्रमुख मन्दिर महा बोधि मन्दिर है। आम जनमानस का भरोसा है कि महाबोधि मन्दिर में स्थापित बुद्ध की मूर्ति का संबध साक्षात भगवान बुद्ध से है। भगवान बुद्ध बौध भिक्षु के स्वप्न में आए और उस से कहा कि इस प्रतिमा का निर्माण स्वयं उन्होने हीे किया है। भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा को बौध धर्म में अत्यधिक मान-सम्मान प्राप्त है तथा नालन्दा और विक्रमशिला के बौध मन्दिरों में भी इसी का प्रतिरुप स्थापित है। सन् 2002 में यूनेस्को ने इस मन्दिर एवं क्षेत्र को विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।

राजस्थान की भव्यता का प्रतीक है माता श्री चामुंडा देवी का 500 वर्ष प्राचीन मंदिर



राजस्थान की भव्यता का प्रतीक जोधपुर शहर अपनी बेमिसाल हवेलियों की भवन निर्माण कला,मूर्ति कला तथा वास्तु शैली के लिए दूर-दूर तक विख्यात है। इसी शहर के लगभग 400 फुट ऊंचे शैल के पठार पर स्थित है, भारत के सबसे विशाल किलों में से एक मेहरानगढ़ का भव्य किला।यह किला वर्तमान नरेश महाराजा गज सिंह के राजपरिवार का निवास स्थान तो है ही, वहीं इसी किले में एक भव्यता का प्रतीक उत्कृष्ट म्यूजियम तथा मां जगदम्बा चामुंडा का मंदिर भी स्थित है, जो किले के दक्षिणी भाग में सबसे ऊंची प्राचीर पर स्थित है। श्री चामुंडा देवी का यह मंदिर जोधपुर राज परिवार का इष्ट देवी मंदिर तो है ही, बल्कि लगभग सारा जोधपुर ही इस मंदिर की देवी को अपनी इष्ट अथवा कुल देवी मानता है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति 1460 ई. में चामुंडा देवी के एक परमभक्त मंडोर के तत्कालीन राजपूत शासक राव जोधा द्वारा अपनी नवनिर्मित राजधानी जोधपुर में बनाए गए किले में ही स्थापित की गई।किले की छत पर विराजमान यह मंदिर अपनी मूर्ति कला तथा उत्तम भवन निर्माण कला की एक अनूठी मिसाल है, जहां से सारे शहर का विहंगम दृश्य साफ नजर आता है। 


मेहरानगढ़ किले में प्रवेश मार्ग से सूर्य की आभा का आभास देते श्री चामुंडा देवी मंदिर में प्रवेश करने का मार्ग आसपास बनी आकर्षक मूर्तियों से सुसज्जित है। मंदिर में स्थापित मां भवानी की मूर्ति मगन बैठी मुद्रा की बजाय चलने की मुद्रा में नजर आती है।शत्रुओं से अपने भक्तों की रक्षा करने वाली देवी का यह रौद्र रूप है जो सांसारिक शत्रुओं से उनकी रक्षा के साथ-साथ उनके भौतिक (शारीरिक) दुखों तथा मानसिक त्रासदियों को दूर करके उनमें आत्मविश्वास एवं वीरता का संचार कर जीवन को एक गति प्रदान करता है। नवरात्रों में तो सारे प्रदेश से यहां भक्तों का आवागमन होता है। श्री मत्स्य पुराण तथा श्री मार्कंडेय पुराण में विशेष तौर पर भगवती चामुंडा देवी के प्रताप व वैभव का वर्णन है। महाभारत के वन पर्व तथा श्री विष्णु पुराण के धर्मोत्तर में भी आदिशक्ति की स्तुति की गई है।एक पौराणिक मान्यता के अनुसार देवासुर संग्राम में जब शिवा (मां शक्ति) ने राक्षस सेनापति चंड तथा मुंड नामक दो शक्तिशाली असुरों का वध कर दिया तो मां दुर्गा द्वारा देवी के इस ‘शत्रु नाशिनी’ रूप को चामुंडा का नाम दिया गया। जैन धर्म में भी देवी मां चामुंडा को मान्यता प्राप्त है तथा मां देवी का यह रूप पूर्णत: सात्विक रूप में पूजा जाता है।

बुधवार, 25 जून 2014

दो साल का छोटा शराबी! दूध नहीं बीयर से मिटती है इसकी भूख


चीन का छोटा शराबी चेंग चेंग
जब बच्चों को भूख लगती है तो अमूमन वह दूध के रोते हैं. लेकिन चीन में एक दो साल का बच्चा ऐसा भी है जिसकी भूख दूध की बजाय बीयर से मिटती है. पूर्वी चीन में रहने वाले इस बच्चे को अल्कोहल की ऐसी लत लगी है कि वह दूध नहीं बीयर पीना पसंद करता है. इस बच्चे ने 10 महीने की उम्र में ही शराब चख ली थी.

चेंग चेंग नाम के इस बच्चे को स्थानीय मीडिया में 'लिटिल वाइनवीबर' यानी छोटा शराबी बुलाया जाता है. बताया जाता है कि यह बच्चा एक पूरी बीयर की बोतल बिना रूके खत्म कर देता है. खास बात यह है कि इसका उस पर कोई असर भी नहीं होता. 'डेली स्टार' में छपी खबर के मुताबिक, चेंग चेंग जब बहुत रोता या परेशान करता था तो उसके पिता उसे वाइन पिलाते थे ताकि वह थोड़ा शांत हो जाए.

दूसरी ओर, सरकारी अधि‍कारी चेंग की इस आदत के बारे में जानकर खासे परेशान हो गए हैं. हालांकि उसके माता-पिता उसकी इस आदत को छुड़ाने और समस्या से निजात पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि कहीं इस कवायद में उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर न लगाने पड़ जाए.

डर था अब हकीकत है
चेंग की चाची बताती हैं कि जब बचपन में उसे अल्कोहल दिया जाता था तो उन्हें डर था कि भविष्य में वह इसका आदी हो सकता है. आशंका सच साबित हुई और उम्र बढ़ने के साथ ही उसकी पीने की क्षमता भी बढ़ने लगी.



वह बताती हैं कि चेंग बहुत शोर मचाता है और उनके पास उसे शांत करने के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं सूझा. शुरुआत में वह चेंग को थोड़ी शराब पिला देते थें. इससे वह शांत हो जाता था, लेकिन अब जब वह बड़ा हो रहा है उसकी नजरें हर पल शराब और बीयर की बोतलों पर रहती है. चेंग के माता-पिता अब शराब की बोतलों को उससे छिपाकर रखने लगे हैं.

बताया जाता है कि चेंग लगभग पूरी तरह से अल्कोहल पर निर्भर हो गया है. जब कभी उसे भूख लगती है वह तब तक शोर मचाता है जब तक कि उसे अल्कोहल नहीं परोसा जाता.


 

हर साल नहीं कराना पड़ेगा गाड़ी का बीमा

मुंबई। यदि आप हर साल वाहन बीमा कराने के काम को मुश्किल समझते हैं तो निश्चिंत हो जाइए अब एक बार में ही तीन से पांच साल का बीमा करा सकते हैं । now you can do 5 year vehicle insurance

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल इसकी योजना बना रही है। काउंसिल तीन से पांच वर्ष तक का वाहन बीमा करेगी। इसके पीछे मकसद बड़ी संख्या उन वाहनों को बीमा के दायरे में लाना है जो इससे बाहर हैं।

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव आर चंद्रशेखरन ने चौथे वार्षिक फिनटेलीकट बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।

चंद्रशेखरन ने कहा कि तीन साल की वाहन बीमा पॉलिसी लेना वाहन मालिक के लिए स्वैच्छिक होगा।

उन्होंने कहा कि इससे वाहन मालिक को हर साल बीमा कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। फिलहाल इस नीति के तहत प्राइसिंग प्रणाली पर काम किया जा रहा है क्योंकि ऎसी पॉलिसियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि का निर्धारण बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि बीमाकर्ता थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पोर्टफोलियों में नुकसान में हैं। इसलिए दीर्घकालिक अवधि की बीमा पॉलिसियों पर किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद नहीं है।

अगले 6 महीने तक सस्ती मिलती रहेंगी कारें और बाइक्स -



नई दिल्ली। कार,स्कूटर और बाइक्स खरीदने वालों को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकार ने फरवरी में एक्साइड डयूटी में जो छूट दी थी उसे 31 दिसंबर 2014 तक बढ़ाया गया है। एक्साइज डयूटी में छूट की सीमा 30 जून को खत्म होने वाली थी। जेटली ने कहा कि ऑटोमोबाइल्स,कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर डयूरेबल्स पर एक्साइज डयूटी में की गई कटौती 31 दिसंबर तक जारी रहेगी।
Relief For Car Buyers: Excise Duty Cut Extended
जेटली ने कहा कि इस साल फरवरी में कुछ वाहनों पर एक्साइज डयूटी में कमी की गई थी। कुछ कैपिटने और कंज्यूमर डयूरेबल्स को भी कुछ छूट दी गई थी। सरकार ने इस सुविधा को अगले छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। अंतरिम बजट में छोटी कारों, स्कूटरों, मोटर साइकलों और अन्य कमर्शियल वाहनों पर एक्साइज डयूटी में 4 फीसदी की छूट दी गई थी। एक्साइज डयूटी को 12 फीसदी से 8 फीसदी किया गया था।

एसयूवी पर एक्साइज डयूटी को 30 फीसदी से 24 फीसदी कर दिया गया था। बड़ी कारों पर एक्साइज डयूटी को 27 फीसदी से 24 फीसदी और मिडल सैगमेंट की कारों पर एक्साइज डयूटी को 24 फीसदी से 20 फीसदी कर दिया गया था। जेटली ने कहा कि एक्सटेंशन से बीमार अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि ऑटो इंडस्ट्री लंबे समय से मंदी से जूझ रही है। वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान कारों की बिक्री में गिरावट आई थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान कारों की बिक्री में 4.65 फीसदी की गिरवाट आई थी। 2013-14 के दौरान 17,86,899 कारें बिकी। वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान 18,74,055 कारें बिकी थी। 2012-13 में कारों की बिक्री में 6.69 फीसदी की गिरावट आई थी।

-  

रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम तीन महीने नहीं बढ़ेंगे : प्रधान



नई दिल्ली। सरकार ने घरेलू रसोई गैस और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी के तेल की कीमतों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से इनकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को हुई बैठक के बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। अगले तीन महीनो तक इनके दाम फिलहाल नहीं बढ़ेंगे।
LPG, kerosene price hike deferred by 3 months
मीडिया में ऎसी खबरें आई थीं कि सरकार लागत से कम कीमत पर तेल विपणन कंपनियों को यह दोनों ईधन को बेचने से होने वाली अंडर रिकवरी को कम करने के लिए इनके दामों को डीजल की तरह थोड़ा-थोड़ा बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत में पांच रूपए और मिट्टी तेल पर एक रूपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की अटकलें लगाई जा रही थी।

प्रधान ने कहा, सरकार के समक्ष रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमत बढ़ाने के बारे में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उल्लेखनीय है कि संप्रग सरकार ने पिछले साल जनवरी में डीजल पर अंडर रिकवरी को कम करने के लिए तेल विपणन कंपनियों को हर माह पचास पैसे प्रति लीटर तक दाम बढ़ाने की छूट दी थी।

डीजल की कीमतों में इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ोतरी का परिणाम यह रहा कि इस पर अंडर रिकवरी 14.50 रूपए प्रति लीटर से घटकर 1.62 रूपए प्रति लीटर रह गई। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर अंडर रिकवरी 433 रूपए प्रति सिलेंडर है।

राशन के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर अंडर रिकवरी इसकी मौजूदा कीमत 33 रूपए प्रति लीटर के आसपास है। ईधन की कुल एक लाख 15 हजार 548 करोड़ रूपए की सब्सिडी में से रसोई गैस का हिस्सा 50 हजार 324 करोड रूपए है और मिट्टी तेल पर 29 हजार 488 करोड़ रूपए की सब्सिडी है।

-  

एक मरीज को लगाए पशुओं के 10 इंजेक्शन

बाड़मेर के बायतु निवासी 60 वर्षीय गोसाईराम सारणा। यह वक्त हाथ कंपकंपाते थे। तेज बुखार से पीडित थे। गत 13 जून को मथुरादास माथुर अस्पताल के मेडिकल वार्ड बी में भर्ती किया गया। a patient four day in ten veterinary injections in jodhpur hospital


मरीज को 17 से 20 जून तक पशुओं के ये 10 मेरीपीनाम इंजेक्शन लगाए गए। परिजनों का कहना है कि इन इंजेक्शनों से सेहत सुधरना तो दूर, तबीयत और बिगड़ गई। बाद में सेहत में सुधार ना होते देख उन्होंने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।

पालरोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। पालरोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए गोसाईराम के पुत्र बागाराम ने बताया कि जब उसे पशुओं के लेबल वाले इन मेरीपीनाम इंजेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होंने एमडीएम की दवा पर्चियां टटोली।

उनमें इस इंजेक्शन का नाम देख चौंक गया। बागाराम ने बताया कि पशुओं के इंजेक्शन के कारण ही उनके पिता का इलाज नहीं हो पाया। दिनों दिन सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ती रही। पुत्र ने एमडीएम की पर्चियंा दिखाते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता को पशुओं के ये 10 इंजेक्शन लगाए गए।

निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट बदलने के बाद अब गोसाईराम स्वस्थ है। श्रीराम अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील चांडक ने बताया कि मरीज 20 जून को बेहोशी की हातल में यहां आया था। एंटिबायोटिब बदल कर उसका इलाज किया गया। अब मरीज की हालत ठीक है।

मुरादें पूरी करती हैं माता आशापूर्णी जी

मुरादें पूरी करती हैं माता आशापूर्णी जी

उत्तर भारत का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पठानकोट स्थित मंदिर माता आशापूर्णी जी लगभग 200 वर्ष पूर्व पंडित जल्ला भक्त ने बनवाया था। एक रात माता जी उन्हें स्वप्न में आई और कहा कि मेरी मूर्ति यहां से एक किलोमीटर दूर दबी पड़ी है। उसे लेकर आओ और उसकी स्थापना इस स्थान पर करो। सुबह होते ही वह अपने भाई बंधुओं के साथ उस स्थान पर गए। खुदवाई करने पर माता जी की मूर्ति चक्की नदी से निकालकर बैंडबाजों के साथ बड़ी धूमधाम से बाजार के बीचों बीच उगे पीपल के वृक्ष के नीचे विधी विधान से उसकी स्थापना कर दी गई। चार दिवारी का र्निमाण करके उसे मंदिर का रूप दे दिया गया। एक वारहदारी पिछले हिस्से में तथा एक कुआ भी खुदवाया गया। उस समय पठानकोट एक मामूली सा कस्बा था। मंदिर की देखभाल ठीक समय पर न हो सकने के कारण यह खंडर बन गया।

अचानक एक चमत्कार हुआ। अमृतसर से एक सेल्समैन किसी काम से पठानकोट आया उसने खंडर रूपी मंदिर को देखा और मन ही मन बहुत दुखी हुआ कि यह कैसा शहर है। यहां के लोगों ने माता के मंदिर का क्या हाल बना रखा है। उसने मंदिर के भीतर प्रवेश किया उसे महसूस हुआ कि कोई अदृश्य शक्ति उसे कह रही है कि हे प्रिय भक्त यह मंदिर अब तेरे हवाले है। इसका पुर्न निर्माण करवा। सेल्समैन को यह सब अपने मन का वहम लगा और वह वापिस अपने शहर लौट गया।

कुछ माह उपरांत वह फिर से पठानकोट आया और उसे अदृश्य शक्ति का वही संदेश फिर से सुनाई दिया। उसने अपने मन में प्रार्थना करी हे मां यदि आपकी एसी ही इच्छा है तो सदा के लिए मुझे इस शहर में बसा दो। जब वह वापिस अपने शहर गया तो उसे जाते ही नौकरी से निकाल दिया गया। मां का आर्शिवाद जान वह पठानकोट आ गया और यहां आकर चाय की पत्ती का थोक का काम आरंभ कर दिया। उसे व्यापार में बहुत नुकसान हुआ मगर उसने हिम्मत नहीं हारी और दिन रात मेहनत करता रहा। माता जी की कृपा से व्यापार में सफलता मिलने लगी।

जब उसके पांव जम गए तो उन्होंने मंदिर के संस्थापक से इस संबंध में बातचीत की तो उन्होंने खुशी खुशी स्वीकृति दे दी। मां की कपा से जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ हो गया। इसी बीच बहुत से भक्त तन, मन और धन से योगदान देने लगे। जल्द ही खूबसूरत मंदिर का र्निमाण हो गया। प्रत्येक मंगलवार को यहां प्रशाद बनने तथा बंटने की प्रथा भी आरंभ हो गई, जागरण पार्टीयों द्वारा माता जी का गुनगान आरंभ हो गया। भक्तों द्वारा चढ़ाए चढ़ावें से मंदिर की आमदनी में बढ़ौतरी होने लगी। जिससे हर प्रकार की उसारी का काम होने लगा।

इसी दौरान मंदिर कमेटी का भी गठन किया गया जो शहर वासियों से चंदा इकट्ठा करती और मंदिर के अधूरे काम पूर्ण करवाए जाते साथ ही वार्षिक जागरण का भी आयोजन होने लगा। धीरे धीरे मंदिर प्रगती की तरफ अग्रसर होने लगा। कमेटी द्वारा मंदिर में चांदी के दरवाजे, सिंहासन, शीशे की मीनाकारी, परिसर में संगमरमर, गणेश जी, हनुमान जी तथा माता जी की प्रतिमाएं इत्यादि स्थापित करवाए गए।

प्राचीन एवंम ऐताहिसक माता आशापूर्णी जी के मंदिर में जो भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मुरादें माता जी अवश्य पूरी करती है। दूर दराज से लोग मां की पूजा अर्चना के लिए यहां पहुंचते हैं।

फेसबुक पर गैंगरेप का वीडियो, छिना यूपी पुलिस का चैन -

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के शाहपुर क्षेत्र में एक महिला के साथ गैंगरेप के दौरान उसका वीडियो भी बनाया गया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब उक्त वीडियो फेसबुक पर सार्वजनिक हो गया। पुलिस ने आनन फानन कार्रवाई करते हुए इस मामले में पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया है। teenage girl allegedly gangraped by eight youths and video uploded on facebook


सूत्रों के अनुसार अभी तक पीडिता की ओर से थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने बताया कि एक संप्रदाय विशेष के युवक ने अपनी पहचान छुपाकर शाहपुर क्षेत्र में एक युवती को प्रेमजाल में फं सा लिया। आरोपी युवक ने युवती को मिलने के बहाने बुलाया और एक खेत में बंधक बना लिया।

आरोपी युवक ने अपने कुछ साथियों के साथ युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया और वीडियो फिल्म बनाई और कुछ फोटोग्राफ भी लिए। युवती को मुंह बंद रखने की धमकी देकर युवती को छोड़ दिया। लोकलाज के डर से युवती ने अपने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी नहीं दी।

हाल ही में आरोपियों ने युवती की अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ सार्वजनिक कर दिए। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया। इस बीच शाहपुर थाना प्रभारी ने बताया कि मीडिया से मामले की जानकारी मिलने पर पूछताछ के लिए कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने बताया कि पीडिता की ओर से पुलिस में अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। मामले की जांच की जा रही है और यदि शिकायत नहीं मिलती है तो पुलिस वीडियो के आधार पर कार्रवाई करेगी।

अमेठी में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश मे अमेठी के पीपरपुर क्षेत्र में एक युवक द्वारा छह साल की बालिका के साथ मंगलवार को दुराचार किया गया। पुलिस के अनुसार पीपरपुर इलाके के लहना गांव में शुक्लादीनखजुरी गांव का रहने वाला गोपाल शुक्ला एक घर में घुस गया और छह साल की बालिका को अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि बालिका के परिजन जब घर पहंुचे तो बालिका खून से लथपथ बेहोश पड़ी थी। बालिका को अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

राशन की दुकान पर महिला के साथ रेप

उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी जिले के करारी क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकान पर चीनी लेने गई एक महिला के साथ दुकानदार द्वारा बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस के अनुसार शाहपुर टीकरी गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान में एक महिला चीनी लेने गई थी। विवाहिता का आरोप है कि कोटेदार ने धमकी देकर उसके साथ बलात्कार किया। महिला की शिकायत पर कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीडिता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया। आरोपी की तलाश जारी है। -  

जैसलमेर अतिक्रमण की जद मे करोड़ों की जमीन!

जैसलमेर। पाकिस्तान सीमा से सटा खूबसूरत जिला जैसलमेर अतिक्रमणो के आगोश मे आकर सिकुड़ता जा रहा है। प्रशासन मौन है, भू-माफिया सक्रिय हैं और राजनीतिक संरक्षण हावी है। बेशकीमती जमीन पर गिद्धदृष्टि बनाए अतिक्रमियो की नापाक हरकतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन इन्हे रोकने का साहस अभी तक प्रशासनिक तंत्र नहीं जुटा पाया है। समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। यही कारण है कि नियम व कायदो को ताक पर रखकर अतिक्रमण व अवैध कब्जो के लिए जैसलमेर पसंदीदा स्थली बनती जा रही है। JD land encroachment in the millions
कड़वा सच यह है कि चाहे कोई भी सरकार हो या कैसा भी बोर्ड हो, कोई कड़ा कदम उठाने को तैयार नहीं है। नेता, भू-माफिया और अधिकारी की मौजा ही मौजा है, लेकिन गरीब तबके का वह व्यक्ति सबसे ज्यादा परेशान है, जिसे रहने के लिए छोटा सा भूखंड भी नहीं मिल पा रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जैसलमेर मे आए दिन अवैध कब्जो व अतिक्रमणो के मामले सामने आ रहे हैं और कई बार झगड़े तक की नौबत आ रही है, लेकिन निराशाजनक यह है कि सब कुछ जानते हुए भी जिले के अधिकारी, नगरपरिषद व जनप्रतिनिधि आंखे मूंदे हुए हैं।

इसी का यह नतीजा है कि करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जों का सिलसिला सतत रूप से चलता ही जा रहा है। शहर की जमीन पर भू-माफियो व अतिक्रमियो की काली नजर से आम आदमी मायूस है। ये अतिक्रमण व अवैध कब्जे ही हंै, जिनके कारण जैसलमेर की विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त सुंदरता प्रभावित हो रही है। रसूखदार व प्रभावी अतिक्रमियों के अवैध कब्जों को हटाने के लिए अभी तक प्रशासनिक तंत्र ने साहस नहीं दिखाया है। केवल कागजों में चेतावनी देने की कार्यवाही हो रही है। जहां देखो वहां अतिक्रमणों की बाढ़ आई हुई है। अतिक्रमणों में नगरपरिषद के कुछ लोगो के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

कच्ची बस्तियो मे आलीशान इमारते
कच्ची बस्ती का नाम लेते ही झुग्गी झोपड़ी, कच्चे मकान, समूह मे खेलते अधनंगे बच्चे, एक छोटे से आशियाने मे समूह मे रहते लोग व आधारभूत सुविधाओ का टोटा.. कुछ ऎसी ही तस्वीर दिमाग मे बनती है। ऎसे मे यदि जैसलमेर मे कच्ची बस्तियो मे जाकर देखें तो ऑलीशान इमारतो को देखने के बाद यह समझा जा सकता है कि माजरा आखिर क्या है? जैसलमेर की कच्ची बस्तियों में गिनती के ही कच्चे मकान हैं। गरीबों को दिए गए 900 रूपयों के भूखण्डो पर आलीशान इमारतें, दुकानें व होटल बन गए हैं।

न तो कोई इन्हे रोकने वाला है और न ही नगर परिषद कोई एतराज कर रही है। गफूर भट्टा व बबर मगरा कच्ची बस्तियो को वर्ष 2002 मे समाप्त कर उन्हे क्रमश: शास्त्री व नेहरू कॉलोनी के रूप मे मान्यता दी गई थी। 15 अगस्त 1998 तक के काबिज लोगो को 20 गुणा 45 के भूखंड आवंटित किए गए थे। इन दो कॉलोनियो की नगर नियोजक की ओर से निर्मित नक्शो के आधार पर बसावट की गई थी, लेकिन उसके बाद वर्ष 2004 मे इसी कॉलोनी मे नए सर्वे कराए गए । इसी दुबारा सर्वे के कारण अतिक्रमण बढे और लोगो को गलत-सलत करने का मौका मिला।

बढ़ने लगीं कच्ची बस्तियां
जैसलमेर मे कच्ची बस्तियो मे मकान के लिए अनुदान देने संबंधी योजनाओ के बाद तो इन बस्तियो मे अवैध कब्जो का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पहले जहां शहर मे छह कच्ची बस्तियां थीं, वहीं इनकी संख्या वर्तमान मे बढ़कर 13 तक पहुंच गई है। एक सर्वे मे नाम जुड़ने के बाद कुछ लोगो ने और कब्जा कर लिया और अगले सर्वे मे नाम जुड़ाने की कवायद शुरू कर दी। ऎसे मे यह समस्या दिन-ब-दिन लाइलाज बीमारी के रूप मे सामने आ रही है।

यहां भी हिमाकत

भू-माफियो की गोचर, ओरण, पड़त भूमि व वन विभाग के क्षेत्र पर काली नजरें गड़ चुकी हैं। गांव में मवेशी चराने वाले ग्वालो के साथ भू-माफिया आए दिन मारपीट करते रहते हंैं।
भू-माफियो की ओर से कहीं भी खाली जमीन, गोचर ओरण या फिर पड़त भूमि दिखते ही वहां अवैध काश्त कर फसल बुवाई कार्य शुरू कर दिया जाता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गो पर बसे गांवों में बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो रहे हंै तथा अतिक्रमी बेखौफ होकर यहां दुकान व मकान निर्माण करवा रहे हैं। यही नहीं दिनोंदिन बढ रहे भू-माफिया जगह-जगह सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण करवाकर उन्हें बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं।
भूमाफियों ने अतिक्रमण कर जमीनों को बेचने का व्यवसाय बना रखा हैं, इस गोरखधंधे में इन भूमाफियों ने लाखों रूपए के वारे न्यारे कर दिए। बरसाती नदियों के साथ चारों तरफ हुए अतिक्रमणो के कारण कई बार बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं।
खाली पड़ी ओरण भूमि पर एक के बाद एक अतिRमण इसलिए हो गए, क्योंकि अतिक्रमण के दौरान स्थानीय प्रशासन ने कभी भी कड़ी कार्रवाई नहीं की।
करोड़ों रूपए की सैकड़ों बीघा जमीन पर भू-माफियाओं की ओर से अवैध निर्माण करवाकर, पत्थर डालकर तथा राजस्व, ओरण, गोचर आदि भूमि पर अवैध काश्त कर अतिक्रमण किया जा रहा है। -  

LPG सिलेंडर पर हर माह 5 रुपये बढ़ाएगी सरकार!



नई दिल्ली। रेल किराये के बाद अब केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन के दामों में भी जोर का झटका धीरे से देने की तैयारी में है। ये फॉर्मूला पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार डीजल के दामों में लागू कर चुकी है, जहां डीजल कीमतों में हर महीने 50 पैसे की वृद्धि की जाती है। मोदी सरकार मनमोहन के इस फॉर्मूले को एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन पर लागू करने पर विचार कर रही है।



केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर में हर महीने पांच रुपये की वृद्धि करने की तैयारी कर रही है। इसी तरह केरोसीन की कीमत में भी हर महीने 50 पैसे से एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है। ऐसा हुआ तो रेल किराये में बढ़ोतरी के बाद ये मोदी सरकार की जनता के लिए दूसरी कड़वी गोली होगी। सरकार अभी एलपीजी और केरोसीन पर 80 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है और उसका लक्ष्य बढ़ते बजट घाटे को पूरा करने के लिए इसी राशि को कम से कम करने पर है।



वैसे 14.2 किलो के हर एलपीजी सिलेंडर पर सरकार 432.71 रुपये सब्सिडी देती है। अगर पांच रुपये हर महीने दाम बढ़ाए गए तो इस सब्सिडी को खत्म करने में 7 साल लग जाएंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर राजनीतिक नेतृत्व राजी हुआ तो सिलेंडर पर हर महीने 10 रुपये भी बढ़ाए जा सकते हैं।



दूसरी ओर केरोसीन पर वर्तमान में 32.87 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी है। अगर केंद्र सरकार एक रुपये हर महीने बढ़ाती है तो ढाई साल में पूरी सब्सिडी खत्म हो जाएगी। वर्तमान में डीजल, एलपीजी और केरोसीन पर सरकार 1 लाख 15 हजार 548 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। इनमें से 50 हजार 324 करोड़ एलपीजी पर, 29 हजार 488 करोड़ केरोसीन पर खर्च होते हैं।