सोमवार, 2 दिसंबर 2013

बाड़मेर जिले में महिलाओ ने बाज़ी मारी पुरुषों को छोड़ा पीछे मतदान में

विधानसभा चुनाव 2013
जिले में 10,98,312 मतदाताओं ने किया मताधिकार का प्रयोग

बाड़मेर जिले में महिलाओ ने बाज़ी मारी पुरुषों को छोड़ा पीछे मतदान में


बाडमेर, 2 दिसम्बर। विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान रविवार को जिले की सातों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 5,77,737 पुरूष एवं 5,20,575 महिलाओं सहित कुल 10,98,312 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिले में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 76.64 तथा महिला मतदाताओं का प्रतिशत 78.74 रहा। थर में महिला मतदाता पुरुषो से मत देने में आगे रही।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी अरूण पुरोहित ने बताया कि जिले में 1,25,826 मतदाताओं ने फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र, 9,70,224 मतदाताओं ने वोटर स्लीप तथा 2262 मतदाताओं ने अन्य दस्तावेजों से पहचान साबित कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होने बताया कि जिले में कुल 44 नैत्रहीन मतदाताओं द्वारा भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया ।
उन्होने बताया कि शिव विधानसभा क्षेत्र में 94,504 पुरूष एवं 84,351 महिला मतदाताओं सहित कुल 1,78,855 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी प्रकार बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में 82,329 पुरूष एवं 74,026 महिलाओं सहित कुल 1,56,355 मतदाताओं, बायतु विधानसभा क्षेत्र में 74,828 पुरूष एवं 68,408 महिलाओं सहित 1,43,236 मतदाताओं, पचपदरा विधानसभा क्षेत्र में 74,591 पुरूष एवं 66,961 महिलाओं सहित कुल 1,41,552 मतदाताओं, सिवाना विधानसभा क्षेत्र में 74,139 पुरूष एवं 67,167 महिलाओं सहित कुल 1,41,306 मतदाताओं, गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र में 85,348 पुरूष एवं 78,005 महिलाओं सहित कुल 1,63,353 मतदाताओं तथा चौहटन विधानसभा क्षेत्र में 91,998 पुरूष एवं 81,657 महिलाओं सहित कुल 1,73,655 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

बाड़मेर महिलो का भेष धारण कर किया युवको ने फर्जी मतदान ,पुलिस को सौंपा तो उसे छोड़ दिया व्

बाड़मेर महिलो का भेष धारण कर किया युवको ने फर्जी मतदान ,पुलिस को सौंपा तो उसे छोड़ दिया व्


मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत कि मानवेन्द्र सिंह ने


बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र के दो बुथो पर फर्जी वोट डालने और भाजपा अभिकर्ताओ के साथ मारपीट करने कि शिकायक भाजपा प्रत्यासी मानवेन्द्र सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को कि हें।


मानवेन्द्र सिंह के मुख्य चुनाव अभिकर्ता राजेंद्र सिंह भियांद ने बताया कि बूथ संख्या 344 रमजान कि गफन में सरकारी रेकार्ड एवं एरिया मजिस्ट्रेट कि रिपोर्ट में अंकित किया हें कि इस बूथ पर फर्जी मतदान किया गया ,जिसमे पुरुषो द्वारा महिलाओ के कपडे पहन कर मतदान करने के मामले पकड़ कर बूथ पर पुलिस कर्मियो को सुपुर्द किया मगाय बी एल ओ द्वारा को कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी ,इसी बूथ में चुनाव आयोग के केंद्र के एक सौ मीटर के दायरे में लोगो कि उपस्थिति पर पाबंदी के बावजूद बूथ परिसर में सेकड़ो लोग फर्जी मतदान के षडयंत्र के लिए। इस बूथ पर कांग्रेस पारी के प्रत्यासी समर्थको द्वारा मारपीट भाजपा के अभिकर्ता के साथ कि गई। जिसकी सूचना सम्बंधित अधिकारी को दी मगर कोई एक्शन नहीं लिया। ठीक इसी प्रकार शिव विधानसभा क्षेत्र के ही बूथ संख्या 195 हमीरनी में भरी फर्जी मतदान हुआ और भाजपा के अभिकर्ता को बूथ में डराया धमकाया और मारपीट कर सामूहिक रूप से फर्जी मतदान किया गया जिसका बूथ पर उपस्थित मतदाताओ ने भी विरोध किया। अधिकारी को सूचना दी जिस पर आर ओ द्वारा तहसीलदार को मौके पर भेजा जरुर मगर कोई कार्यवाही नहीं कि। चूँकि ऊपर अंकित दोनों बूथ संवेदनशील हें नियमानुसार इन केंद्र कि दिन भर कि रिकॉर्डिंग जरुरी हें मगर इसके बावजूद संवेदनशील केंद्र कि रिकॉर्डिंग नहीं कि ,तो रमजान कि गफन में बूथ परिसर के अंदर करीब चार दर्जन अनजान लोग बेठे थे जबकि नियमानुसार सौ मीटर के दायरे में किसी पार्टी का व्यक्ति परिसा में खड़ा नहीं रह सकता। यह लोग वो थे फर्जी वोट डालने वाले थे ,जो जो फर्जी पोलिंग कि कि प्लानिंग कर रहे थे।



उक्त मतदान केंद्र संवेदनशील होने के कारन इनकी फूल टाइम विडिओग्राफी करना नित्य जरुरी था मगर जिला प्रशासन ने जान बुझ कर विडिओ ग्राफी नहीं कराई गयी। रविवार को मतदान के दिन सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी शिव के पास शिकायत दर्ज कराई गयी थी मगर कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी।



इस प्रशासनिक लापरवाही कि निष्पक्ष जांच कर दोनों स्थानो पर पुनर्मतदान कराने और पी ओ और बी एल ओ के खिलाफ कार्यववाही कि मांग कि हें

सिविल सर्विस की परीक्षा देने वाला पहला किन्नर

चेन्नई। 23 साल के किन्नर स्वपना ने सिविल सर्विस की परीक्षा देकर एक ऎतेहासिक मिसाल कायम की है। बीसीए ग्रेजुएट स्वपना ने एक दिसंबर को तमिलनाडू सिविल सर्विस की परीक्षा दी है। मदुरई के रहने वाले इस किन्नर को किन्नरों द्वारा लंबे समय तक कैम्पेन चलाने के परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है। सिविल सर्विस की परीक्षा देने वाला पहला किन्नर
ऎसे ही एक ट्रांसजेंडर फिजियोथेरेफिस्ट सेल्वी का कहना है कि हम इसके लिए पिछले दस साल से लड़ रहे हैं। अब जाकर सरकार ने हमें यह मौका दिया है। सेल्वी एक फिजियोथेरेफिस्ट हैं तो बनू एक कम्पयूटर प्रोफेशनल हैं। दोनों ने ही एक अंग्रेजी चैनल को बताया कि उन्होंने काफी बाधाओं का सामने करके अपनी शीक्षा पूरी की है। साथ ही उन्होंने बताया कि एक बार उनके लिंग की पहचान जाहिर हो जाने के बाद उनके लिए नौकरी ढूंढना और अपनी नौकरी बचाए रखना काफी मुश्किल होता है। केवल सरकार की मान्यता और आरक्षण ही उन्हें स्वीकार्यता पाने में सहायता मिलेगी।
सिविल सर्विस की परीक्षा देने वाला पहला किन्नर
किन्नर बनू का कहना है कि हर किसी की तरह पेरेंट्स भी सोचते हैं कि उनके बच्चे भिखारी बनेगें या फिर एक वेश्या बन जाएगा। अगर किन्नर बच्चे भी सरकार की सहायता से सामान्य शिक्षा और नौकरी पाने लगेगें तो कभी भी पेरेंट्स अपने किन्नर बच्चों को नहीं छोड़ेंगे।

विवाहिता को वेश्यावृत्ति की धमकी, आत्महत्या का प्रयास

जयपुर। राजधानी जयपुर में मनचलों पर पुलिस को बिलकुल भी डर नहीं है। ऎसा हम नहीं बल्कि प्रतिदिन सामने आ रहे मामलों से साफ दिखाई देता है। ऎसा ही मामला राजधानी के विद्याधर नगर थाना क्षेत्र में सामने आया। यहां एक विवाहिता ने मनचले की अश्लील हरकतों से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास किया। आत्महत्या का प्रयास करने पर मामला खुला और रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। विवाहिता को वेश्यावृत्ति की धमकी, आत्महत्या का प्रयास
जांच अधिकारी एसआई संतोषदास ने बताया कि बापू कच्ची बस्ती निवासी 20 वर्षीय विवाहिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि सुंदर नगर नाला निवासी हरीओम मीणा लंबे समय से परेशान कर रहा है। वह उसका पीछा करता और शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था। पीडिता ने बताया कि आरोपी ने गत 30 नवंबर की शाम घर से कुछ दूरी पर उसे पकड़ा और जबरदस्ती ले जाने लगा। जैसे- तैसे वह छूटकर घर आई।

पति ने बचाया और सबक सिखाया
पीडिता ने बताया कि आरोपी उसको धमकी देता है कि वेश्यावृत्ति का धंधा करवाकर तुझसे पैसे कमाउंगा। मना करने पर जान से मारने और बस्ती में बदनाम करने धमकी देता है। पीडिता ने तंग आकर घर पर फांसी का फंदा लगा आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन पति ने उसे बचा लिया। बस्ती वाले और परिजनों ने उसे समझाया और आरोपी को सबक सिखाने का निर्णय किया। जिसके बाद विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी हरिओम को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

सटीक आंकलन रहा बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक का अब तक , भाजपा को छह सीटे बायतु खुली सीट

सटीक आंकलन रहा बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक का अब तक , भाजपा को छह सीटे बायतु खुली सीट


बाड़मेर राजस्थान में सम्पन हुए विधानसभा चुनावो को लेकर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने सबसे पहले राजनीती समाचारो कि शुरुआत कर पाठको के लिए विशेष आलेख और खास समाचार दिए ,चुनाव के विधानसभा वार ऐतिहासिक आंकड़ो के साथ वर्त्तमान परिस्थितयो ,राजनीती ,गुटबाज़ी ,भितरघात ,सोशल इंजीनरिंग ,सामाजिक बदलाव ,मोदी और वसुंधरा फेक्टर ,प्रत्यासियो के चयन ,बदलते जातिगत समीकरण ,उठा पटक ,उम्मीदवारो और पुराने दिग्गज नेताओ का जीवन परिचय सहित कई जानकारिया उपलब्ध कराई जिसे पाठको ने रूचि के साथ पढ़ा। अगली खबर का इंतज़ार किया। चुनाव सम्पन भी हुए। मतदान भी वाही हुआ जो हमने कहा। बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक के समाचारो को कांग्रेस के लोगो ने भाजपानीत बताने का पूरा जातां किया मगर हकीकत कुछ और थी ,अगर कांग्रेस हमारे समाचारो पर अमल करती तो उनकी इतनी दुर्गति नहीं होती ,


आठ को परिणाम। । बाड़मेर के कल सम्पन चुनावो में स्पष्ट तौर पर शिव से भाजपा प्रत्यासी कर्नल मानवेन्द्र ,सिंह बाड़मेर से डॉ प्रियंका चौधरी ,सिवाना हमीर सिंह ,गुदा लादूराम विश्नोई ,पचपदरा अमराराम चौधरी चौहटन से तरुण कागा ,जैसलमेर से छोटू सिंह भाटी और पोकरण से शैतान सिंह राठोड कि जीत तय हें ,जबकि एक मात्र बायतु सीट खुली हें जहा कुछ भी हो सकता हें। भाजपा और कांग्रेस अपने दावे कर रहे हें मगर जाट बाहुल्य क्षेत्र होने तथा मतदाताओ के खुलकर किसी एक पक्ष में नहीं बोलने से स्थति स्पष्ट नहीं हो रही।


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एल्कोहल है खतरनाक

एल्कोहल का सेवन एक धीमी मौत की तरह है, जो धीरे-धीरे आपको बीमार करता है और फिर आखिर में मौत के कगार तक ले जाता है। एल्कोहॉलिज्म : क्लिनिकल एंड एक्सपेरीमेंटल रिसर्च ने हालिया शोध के नतीजों में एल्कोहल को हानिकारक बताया है।

ए ल्कोहल का सेवन करना हमेशा से ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता रहा है। अब एक बार फिर एक शोध में कहा गया है कि इसका सेवन मौत और विकलांगता का कारण बन सकता है।


एक नए शोध में कहा गया है कि एल्कोहल का सेवन मौत और विकलांगता का कारण बन सकता है। यह शोध "एल्कोहॉलिज्म : क्लिनिकल एंड एक्सपेरीमेंटल रिसर्च" ने अमरीकी लोगों पर किया था। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वर्ष 2005 में करीब 53,000 पुरूषों व 12,000 महिलाओं की मौत एल्कोहल से संबंधित विकारों के चलते हुई।


कनाडा स्थित टोरंटो यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर एडिक्शन एंड मेंटल हेल्थ में सामाजिक व महामारी विज्ञान अनुसंधान के निदेशक एवं अग्रणी लेखक जुर्गेन रेहम का कहना है कि मेटा-विश्लेषकों (एक सांख्यिकीय विश्लेषण) के नतीजे आश्चर्यजनक थे। हमने पहले एल्कोहल के प्रयोग से होने वाले विकारों पर मेटा विश्लेषण किए थे और जानते थे कि यह पहली अध्ययन सामग्री से आगे जाएंगे। लेकिन हमने बीमारियों के इस बोझ के इतना अधिक होने की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि एल्कोहल की उपलब्धता पर प्रतिबंध की जरूरत है।

8 महीने के प्रेग्नेंट दुल्हे ने रचाई शादी

8 महीने के प्रेग्नेंट दुल्हे ने रचाई शादी

आयर्स। शादी तो आपने कई देखी होंगी मगर अर्जेटिना में बीते शुक्रवार को हुई यह शादी कुछ अलग थी। यहां भी दूल्हा-दुल्हन शादी के जोड़े में जीवन भर साथ निभाने की कसमें ले रहे थे मगर अलग बात यह थी कि दूल्हा आठ महीने का प्रेग्नेंट था। मगर हैरान न होइए, यह कुदरती अजूबा नहीं है बल्कि इस कपल ने ही जेंडर चेंज करवाया है।
दूल्हा एलेक्सिस ताबोरदा जन्म से महिला है और दुल्हन कारेन ब्रूसलेरियो जन्म से पुरूष है। पर बाद में इस कपल ने सेक्स चेंज करवाया। यहां भी खास बात यह रही कि इनमें से किसी ने सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी नहीं करवाई। यानी उन्होंने जिस रूप में जन्म लिया था वह आज भी उसी रूप में हैं मगर उनकी पहचान बदल गई है। एलेक्सिस अब खुद को पुरूष कहते हैं और कारेन खुद को महिला और इनका कानूनी स्टेटस भी अब यही हो चुका है।

एलेक्सिस और कारेन की मुलाकात अजेंüटिना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुई जब ये दोनों ही बतौर एक्टिविस्ट ट्रांससेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर राइट्स के लिए लड़ रहे थे। 2010 में ही अजेंüटिना लैटिन अमेरिका का पहला ऎसा देश बना जिसने समान सेक्स वाले कपल को शादी की इजाजत दी।

इन दोनों ने गर्भ में पल रही बेटी का नाम भी चुन लिया है। 26 साल के ताबोरदा जो कि कानूनन अब पुरूष हैं, बताते हैं कि शादी का मौका बहुत ही इमोशनल करने वाला पल था। यह बहुत खास था क्योंकि एक सपना पूरा हो रहा था।

आखिर हम सिविल मैरिज कर रहे थे। हमने कैथलिक चर्च में शादी की इच्छा जताकर अजेंüटिना मूल के पोप फ्रैंसिस को ईमेल भेजा था मगर रिस्पॉन्स नहीं आया है। मैं 36 हफ्तों का प्रेग्नेंट हूं मगर बच्चे को जन्म देने का मां वाला अहसास बहुत ज्यादा नहीं है। शादी के बाद ट्रांससेक्सुअल कपल एलेक्सिस पत्नी केरन के साथ।

सोमवती अमावस्या : अखंड सौभाग्य की प्राप्ति का व्रत



नई दिल्ली: सोमवती अमावस्या, यानी सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान और दान आदि करने का विधान है. कई स्थानों पर विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत भी रखती हैं. शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत भी कहा गया है. अश्वत्थ यानी पीपल का पेड़. कई प्रांतों में विवाहित स्त्रियां इस दिन पीपल के पेड़ की दूध, जल, फूल, अक्षत, चन्दन से पूजा करती हैं और उसके चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं.
अमावस्या से जुड़े ये रहस्य बहुत कम ही लोग जानते हैं
कुछ अन्य जगहों पर पति-पत्नी के साथ प्रदक्षिणा करने का भी विधान होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है. कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा. ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है.

कुछ एक अन्य परम्पराओं में भँवरी देने का विधान है. धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढाया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है. कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृध्द, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा. ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है.

सोमवती अमावस्या कथा

सोमवती अमावस्या से सम्बंधित अनेक कथाएँ प्रचलित हैं. एक गरीब ब्रह्मण परिवार था, जिसमे पति, पत्नी के अलावा एक पुत्री भी थी. पुत्री धीरे धीरे बड़ी होने लगी. उस लड़की में समय के साथ सभी स्त्रियोचित गुणों का विकास हो रहा था. लड़की सुन्दर, संस्कारवान एवं गुणवान भी थी, लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था. एक दिन ब्रह्मण के घर एक साधू पधारे, जो कि कन्या के सेवाभाव से काफी प्रसन्न हुए. कन्या को लम्बी आयु का आशीर्वाद देते हुए साधू ने कहा की कन्या के हथेली में विवाह योग्य रेखा नहीं है.

ब्राह्मण दम्पति ने साधू से उपाय पूछा कि कन्या ऐसा क्या करे की उसके हाथ में विवाह योग बन जाए. साधू ने कुछ देर विचार करने के बाद अपनी अंतर्दृष्टि से ध्यान करके बताया कि कुछ दूरी पर एक गाँव में सोना नाम की धोबी जाती की एक महिला अपने बेटे और बहू के साथ रहती है, जो की बहुत ही आचार- विचार और संस्कार संपन्न तथा पति परायण है. यदि यह कन्या उसकी सेवा करे और वह महिला इसकी शादी में अपने मांग का सिन्दूर लगा दे, उसके बाद इस कन्या का विवाह हो तो इस कन्या का वैधव्य योग मिट सकता है.

साधू ने यह भी बताया कि वह महिला कहीं आती जाती नहीं है. यह बात सुनकर ब्रह्मणि ने अपनी बेटी से धोबिन कि सेवा करने कि बात कही. कन्या तडके ही उठ कर सोना धोबिन के घर जाकर, सफाई और अन्य सारे काम करके अपने घर वापस आ जाती. सोना धोबिन अपनी बहू से पूछती है कि तुम तो तडके ही उठकर सारे काम कर लेती हो और पता भी नहीं चलता. बहू ने कहा कि मांजी मैंने तो सोचा कि आप ही सुबह उठकर सारे काम ख़ुद ही ख़तम कर लेती हैं. मैं तो देर से उठती हूँ. इस पर दोनों सास बहू निगरानी करने करने लगी कि कौन है जो तडके ही घर का सारा काम करके चला जाता है. कई दिनों के बाद धोबिन ने देखा कि एक एक कन्या मुंह अंधेरे घर में आती है और सारे काम करने के बाद चली जाती है.


जब वह जाने लगी तो सोना धोबिन उसके पैरों पर गिर पड़ी, पूछने लगी कि आप कौन है और इस तरह छुपकर मेरे घर की चाकरी क्यों करती हैं. तब कन्या ने साधू द्बारा कही गई साड़ी बात बताई. सोना धोबिन पति परायण थी, उसमें तेज था. वह तैयार हो गई. सोना धोबिन का पति थोड़ा अस्वस्थ था. सोना धोबिन ने अपनी बहू से कहा कि उसके लौटने तक वो घर पर ही रहे. सोना धोबिन ने जैसे ही अपने मांग का सिन्दूर कन्या की मांग में लगाया, उसके पति का देहांत हो गया.

सोना धोबिन को इस बात का पता चल गया. वो घर से निराजल ही चली थी, उसने सोंचा था कि रास्ते में कहीं पीपल का पेड़ मिलेगा तो उसे भंवरी देकर और उसकी परिक्रमा करके ही जल ग्रहण करेगी.उस दिन सोमवती अमावस्या थी. ब्रह्मण कन्या के घर से मिले पूए-पकवान की जगह उसने ईंट के टुकडों से 108 बार भँवरी देकर 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा की, और उसके बाद जल ग्रहण किया. ऐसा करते ही उसके पति के मुर्दा शरीर में कम्पन होने लगा.

पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है. अत:, सोमवती अमावस्या के दिन से शुरू करके जो व्यक्ति हर अमावस्या के दिन भँवरी देता है, उसके सुख और सौभग्य में वृध्दि होती है. जो हर अमावस्या को न कर सके, वह सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या के दिन 108 वस्तुओं कि भँवरी देकर सोना धोबिन और गौरी-गणेश की पूजा करता है, उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

रविवार, 1 दिसंबर 2013

बच्चा पैदा करते हुए खिंचवाई फोटो!



ब्राजीलिया। शायद ही कोई ऎसी महिला हो जो बच्चा पैदा करते समय अपने पल-पल की फोटो खिंचवाए, वो भी बिल्कुल उसी हालत में जब उसने अपने शरीर के नीचले हिस्से पर कुछ भी नहीं पहन रखा हो!



लेकिन इस दुनिया में एक ऎसी महिला भी है जिसने अपने बच्चे को कई लोगों के सामने और बिल्कुल खुले में जन्म दिया। यही नहीं बल्कि बच्चे को जन्म देती हुई फोटो भी खिंचवाई जिन्हे उसके दोस्त खींचा। इसके बाद अपने बर्थ अनुभव शेयर करते हुए ऑनलाइन भी पोस्ट कर दिया।



पेशे से फोटोग्राफर तथा ब्राजील की रहने वाली नाचो डॉक वो महिला है जिसने अपने बच्चे को जन्म देने समय के हर पल तस्वीरे खिंचवाई तथा अपने अनुभवों को बांटने के लिए ही इंटरनेट पर लाइव करवा दी।



दरअसल नाचो डॉक ने अपने इस बच्चे को अपनी दोस्त के घर में जन्म दिया। सब के सामने बच्चे को जन्म देने के लिए इसने बाथपूल चुना जहां पर इसकी दोस्त मैनुएला समेत उसकी 2 साल बेटी एलिस, उसके पति भी मौजूद थे।




अपने अपने को जन्म देने की हर घटना को कैमरे में कैद करवाने वाली इस महिला ने अपने बर्थ पेन से लेकर बच्चे के बाहर आने तक का हर पल कैद कया तथा अपना अनुभव लिखकर भी जताया, जिसें देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ सकता है।