सैन्य एवं राजकीय ससम्मान के पोकरण के लांैगासर गांव के
शहीद नरपतसिंह की हुई अंत्येष्टि
प्रदेष की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की तरफ से राज्य बीज निगम के
अध्यक्ष खेतासर ने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रंद्वाजली
शहीद की शहादत सदैव अमर रहेगी-प्रभारी मंत्री श्री चैधरी
सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजोर ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रंद्वाजली
हजारों लांेगों ने नरपतसिंह अमर रहें के नारों के साथ शहीद को दी अंिन्तम विदाई
शहीद के पुत्र एवं भाई ने दी मुखाग्नि
जैसलमेर, 21 नवंबर। पोकरण के राजमथाई क्षेत्र के धौलासर ग्राम पंचायत के लौंगासर गांव की भोपालसिंह ढाणी के निवासी नरपतसिंह भारतीय थल सेना की 15 कमाउं मंे नायक पद पर रहते हुए 19 नवंबर को असम के तनसुकिया जिला दिग्री अन्तर्गत नक्षलवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। सोमवार को शहीद नायक नरपतसिंह का पार्थिव देह राजकीय एवं सैनिक ससम्मान के साथ राजमथाई श्मसान घाट पर अंन्तेष्टि की गई। शहीद के 8 वर्षीय पुत्र एवं भाई भोमसिंह ने शहीद के पार्थिव देह को मुखाग्नि दी तो पूरा माहौल गमगीन हो गया एवं हजारों लोगों ने नरपतसिंह अमर रहें के नारो के साथ शहीद को अन्तिम विदाई दी । इस दौरान 24 मेकेनाइज इनफेन्ट्री के जवानों द्वारा गाॅर्ड आॅफ आॅनर दिया गया।
भोपालसिंह ढाणी के सवाईसिंह के शहीद पुत्र नरपतसिंह के पार्थिव देह पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की ओर से राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री शंभूसिंह खेतासर ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रंद्वाजलीं दी। जिले के प्रभारी मंत्री एवं राजस्व उपनिवेषन मंत्री श्री अमराराम चैधरी, सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रेमसिंह बाजोर, जैसलमेर विधायक श्री छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक श्री शैतानसिंह राठौड, सिवाना विधायक श्री हमीरसिंह भायल, जिला कलक्टर मातादीन शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल बी.एस.आर.राठौड, एडम कमाण्डेन्ट पोकरण कर्नल एस.के.शर्मा, नगरपालिका पोकरण के अध्यक्ष आनंदीलाल गुचिया, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, साले मोहम्मद, पंचायत समिति सांकडा की प्रधान अमतुल्ला मेहर, पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, करणसिंह उच्चियारडा, दिनेषपालसिंह भाटी, राजमथाई सरपंच मदनसिंह, समाजसेवी स्वरूपसिंह हमीरा ने भी शहीद के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रंद्वाजंली दी। जोधपुर सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत की और से समाजसेवी जुगलकिषोर व्यास ने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए एवं श्रंद्वाजंली दी।
राजमथाई श्मसान घाट पर शहीद के पिता सवाईसिंह, भाई भोमसिंह, 8 वर्षीय पुत्र फूलसिंह के साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, आसपास के गांवों से आए ग्रामीणों, परिजनों ने भी पुष्प अर्पित कर श्रंद्वाजंली दी।
शहीद का पार्थिव देह उसके पैतृक गांव भोपालसिंह की ढाणी में पंहुचा तो उसकी माता श्रीमती उदय कंवर, धर्मपत्नि श्रीमती भंवर कंवर के साथ ही वहां एकत्रित सभी महिलाएं उसके देह को देखकर रो पडी एवं पूरा माहौल गमगीन हो गया एवं सभी की आंखें शहीद की इस शहादत के लिए नम हो गई। शहीद की माता एवं धर्मपत्नि को अन्य महिलाओं ने ढांढस बंधाया।
शहीद के घर जिलें के प्रभारी मंत्री श्री अमराराम चैधरी, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर, सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रेमसिंह बाजोर के साथ ही विधायकों एवं जन प्रतिनिधियों ने शहीद के पिता-पुत्र एवं भाई के साथ ही परिजनों को ढांढस बंधाया एवं कहा कि उनके पुत्र ने देष की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया है यह गौरव की बात है एवं उनकी शहादत सदैव अमर रहेगी। राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री खेतासर ने शहीद की माता श्रीमती उदय कंवर, धर्मपत्नि भंवर कंवर, 8 वर्षीय पुत्र फूलसिंह को मुख्यमंत्री की और से शोक संदेष व्यक्त किया एवं कहा कि राज्य सरकार शहीद सैनिक के लिए हर समय सहायता देंगीे एवं नियमानुसार सहायता पैकेज देंगें। उन्होंनें कहा कि शहीद नरपतसिंह ने समाज का गौरव बढाया है एवं देष की रक्षा के लिए काम आया है। अतिथियों ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए ईष्वर से प्रार्थना की इस वज्रपात एवं दुःख की घडी सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
शहीद की शवयात्रा भोपालसिंह की ढाणी से रवाना होकर लगभग 4 कि.मी. पैदल पंहुची एवं इस शवयात्रा में सैंकडों लोग शामिल हुए एवं पूरे मार्ग में शहीद नरपतसिंह अमर रहें-अमर रहें, नरपतसिंह तेरा यह बलिदान सदैव याद रखेगा हिन्दुस्तान, जब-तक सूरज चांद नरपतसिंह तेरा नाम अमर रहेगा के नारे लगाते हुए श्मषान घाट पंहुचें। लौंगासर के वीर सपूत शहीद नरपतसिंह के पार्थिव देह को श्मसान घाट लोगों ने दर्षन किए एवं पुष्प अर्पित कर श्रंद्वाजंली दी। इस दौरान उपखंड अधिकारी पोकरण मूलसिंह शेखावत, उप अधीक्षक पुलिस नानकसिंह, आरएएस प्रषिक्षु रवीन्द्र कुमार, तहसीलदार भणियाला पुखराज भार्गव, विकास अधिकारी सांकडा समिति टीकमाराम चैधरी भी थे एवं उन्होंनंे भी शहीद को श्रंद्वाजली दी।
शहीद नरपतसिंह की शवयात्रा के साथ आएं 15 कमाउं रेजीमेन्ट के सुबेदार ओमप्रकाष ने बताया कि 19 नवंबर को असम में तनसुकिया जिला दिग्री एरिया से एडम की ड्यूटी के लिए गाडियां लेकर बटालियन एरिया में आ रहें थे तो रास्ते मंे आंतकवादियों ने आई ब्लास्ट किया एवं ताबड-तोड फायरिंग शुरू कर दी उसके पीछे डाइटन के चालक नायक नरपतसिंह आ रहें थें एवं उस दौरान नक्सलवादियों ने उन पर भी फायरिंग शुरू कर दी तो नरपतसिंह अद्म्य साहस दिखाते हुए उन्होंनें भी आंतकवादियों के सामने फायरिंग शुरू की एवं अन्तिम दम तक लडते रहें तब नक्सलवादियों की तरफ से की गई फायरिंग से नरपतसिंह के सीने पर गोली लगी वहीं बडे गोले से किए गए फायर के छर्रें जगह-जगह लगें जिससे वह शहीद हो गए। नरपतसिंह का अद्म्य साहस सदैव यादगार रहेगा एवं उसने देष की रक्षा के लिए नक्सलवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया।