बाड़मेर
अग्निको साक्षी मानकर प्रदीप के संग सात फेरे लेने वाली नेहा का वैवाहिक जीवन शुरू होने के बाद हमसफर के साथ वह खुशनसीब महसूस कर रही थी। शादी के डेढ़ साल बाद पुत्र ध्रुव पांच साल बाद रजत का जन्म हुआ। जिंदगी का सफर कटता रहा।
दोनों को हंसी खुशी जीवन यापन करता देख नेहा के परिजन रिश्तेदार सब बेहद खुश थे। वक्त की रफ्तार के साथ नेहा-प्रदीप की गृहस्थ जिंदगी अनवरत चल रही थी। इस बीच प्रदीप के एक आरएएस अफसर महिला के साथ अफेयर ने नेहा की जिंदगी में मानो जहर घोल दिया। धीरे धीरे दोनों के रिश्तों में कड़वाहट से दूरियां बढ़ती गई। ऐसे में प्रदीप के सिर पर आरएएस महिला से शादी का जुनून इस कदर सवार हुआ कि उसने नेहा को रास्ते से ही हटाने की ठान ली। उसने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर नेहा की हत्या कर दी।
उन्नीस अप्रैलकी काली स्याह रात को सरहद पर स्थित गांव में एक विवाहिता को मौत के घाट उतार दिया गया। हत्या को हादसे का रूप दे दिया। हत्या को हादसा बताने वाले रसूखदार अफसर की काली करतूत का आपके अपने भास्कर ने पेरेलल इंवेस्टिेगेशन के जरिये खुलासा किया।
अन्याय के खिलाफ न्याय की भास्कर की इस मुहिम में कई लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष साथ जुड़े। घटना स्थल से जुड़े प्रत्यक्षदर्शियों से लेकर उसको गाड़ी में डालकर बाड़मेर लाने वाले सभी ने इस जांच में भास्कर का सहयोग किया। इसके लिए पुलिस टीम को भी बधाई। भास्कर के समाचारों के बाद पुलिस के अन्य अफसरों के साथ एसपी परिस देशमुख ने भी इस वारदात से जुड़े हर पहलू की जांच जारी रखी। भास्कर और पुलिस दोनों की इंवेस्टिेगेशन रंग लाई और पत्नी की हत्या के आरोपी पति आरएएस अफसर प्रदीप बालाच को गिरफ्तार किया।
जिस अफसर के पास लोग न्याय की उम्मीद में जाते है वही अगर अपनी पत्नी की हत्या कर दे तो उससे कोई क्या न्याय की उम्मीद करेगा? हत्या का दूसरा आरोपी प्रदीप का छोटा भाई हितेष। जिस देवर को नेहा ने शादी के बाद ससुराल में अपना भाई माना, वह भी अपनी भाभी की हत्या के दौरान एक बार भी नहीं हिचका। सरकारी पदों पर कार्यरत इन आरोपियों को हत्या से पहले एक बार भी नहीं लगा कि वे कितनी बड़ी लोमहर्षक और अमानवीय घटना को अंजाम दे रहे हैं।
इन रसूखदार आरोपियों की हिमाकत देखिए नेहा की हत्या के बाद पूरी रात वे नेहा के इलाज के नाम पर अलग-अलग गाडिय़ों में दौड़ते रहते है। दूसरे दिन आरोपी नेहा का अंतिम संस्कार कर देते हैं। विवाहिता के परिजन जांच की मांग करते हैं, लेकिन रसूखदार प्रदीप के मामले में कोई सुनवाई नहीं होती। 22 अप्रैल को परिजन एस पी से मुलाकात कर हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग करते हैं।
भास्कर नेहा के परिजनों की आवाज बनता है। हत्या के आरोपियों को उनके अंजाम गिरफ्तारी तक पहुंचाता है। भास्कर किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगा। अपने सुधि पाठकों की आवाज बना रहेगा।
बाड़मेर. हेलीपेड जहां प्रदीप ने पत्नी नेहा की हत्या की थी।
23 अप्रैल को भीमाराम निवासी बींजासर हाल महावीर नगर बाड़मेर ने मामला दर्ज करवाया था कि उसकी बेटी निर्मला उर्फ नेहा की आरएएस प्रदीप बालाच देवर हितेष ने दहेज के लिए हत्या की। इस पर एसपी परिस देशमुख ने डीएसपी चौहटन नीरज पाठक के नेतृत्व में रामसर थानाधिकारी दशरथसिंह गडरारोड थानाधिकारी बाबूलाल विश्नोई को जांच सौंपी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए 25 अप्रैल को शाम 5 बजे एसपी परिस देशमुख गडरारोड पहुंचे और अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया। वहां से लौटकर गडरा थाने में आरोपी प्रदीप से पूछताछ शुरू की गई। रविवार शाम 5 बजे पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपी आरएएस को गिरफ्तार कर दिया।
हत्या क हादसे में बदलने के लिए झूठ पर झूठ, पत्नी की मौत पर आंसू भी बनावटी
19अप्रैल की रात को नेहा की हत्या कर प्रदीप ने इस घटना को सड़क हादसे का रूप दिया। भाई हितेष बेटे रजत की मौजूदगी में नेहा को सीएचसी गडरारोड से राजकीय अस्पताल पहुंचाने की रस्म अदायगी की गई ताकि कोई शक नहीं करें। नेहा को स्वयं की गाड़ी से अस्पताल ले जाने की बजाय भाजपा नेता दशरथ मेघवाल को फोन कर मौके पर बुलाया गया। यहां से नेहा को सीएचसी गडरारोड ले गए। डॉ. अशोक मीणा ने चेकअप कर बाड़मेर रेफर कर दिया। इस दौरान नेहा की सांसें रूक रूककर चल रही थी। चिकित्सक ने ऑक्सीजन के लिए एंबुलेंस से ले जाने की बात कही। लेकिन प्रदीप ने मना कर दिया और सफारी गाड़ी से लेकर बाड़मेर रवाना हुए। राजकीय अस्पताल में 1.30 बजे जांच में डॉक्टर ने नेहा को मृत घोषित कर दिया। इस दौरान प्रदीप काफी देर तक नेहा से गले लगकर रोता रहा।
भास्कर काजिंदगी भर शुक्रगुजार रहेगा परिवार
^मेरीबेटी नेहा की हत्या के गुनहगार दामाद प्रदीप बालाच की घिनौनी हरकत ने शर्मसार किया है। प्रदीप ने तो सारी हदें पार करते हुए बेटी को तड़पा तड़पा कर मार दिया। नेहा के हत्यारे पति प्रदीप को कड़ी सजा मिले तो मन को सुकून मिले। पुलिस मामले की जांच कर सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना किसी के साथ दुबारा नहीं हो। पार्वती,नेहा की मां
सामने लाया था हत्या का सच
नेहाकी हत्या का मामला दर्ज होने के बाद पूरे मामले की इंवेस्टिगेशन शुरू की। घटनास्थल से लेकर राजकीय अस्पताल पहुंचाने में शामिल चश्मदीद गवाहों को ढूंढा और बारीकी से जानकारी जुटाई। नेहा को अस्पताल पहुंचाने के लिए तीन बार गाड़िया बदलने, घटनास्थल के प्रत्यक्षदर्शी रियाज मूसे खां सफारी गाड़ी के चालक सवाईसिंह,सीएचसी डॉक्टर अशोक मीणा, राजकीय अस्पताल बाड़मेर के डॉक्टर महिपाल चौधरी कांस्टेबल लूंबाराम से सबूत जुटाए।