शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

जन्मदिन विशेषः लता का संगीत के साथ सुहाना सफर

बॉलीवुड की बेमिसाल पार्श्‍व गायिका लता मंगेशकर जी आज 83 वर्ष की हो गई हैं। तकरीबन एक हजार हिंदी फिल्मों में अपनी आवाज दे चुकीं स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी हालांकि अब बहुत कम नए गानों को अपनी आवाज दे रही हैं, लेकिन फिर भी उनके प्रशंसकों में आज भी कोई कमी नहीं आई है। आज भी लता दीदी के फैन उनकी मखमली आवाज के कायल हैं। 
लता जी का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को मध्यप्रदेश में इंदौर के एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। लता मंगेशकर ने वर्ष 1942 में ‘किटी हसाल’ के लिये अपना पहला गाना गाया। लता जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर को लता का फिल्मों में पार्श्‍व गायिका के तौर गाना पसंद नहीं था। इसीलिए उनके पिता ने उस फिल्म से नन्हीं लता के गाए गीत को हटवा दिया था। लेकिन इसी वर्ष उन्हें ‘मंगलगौर’ में अभिनय करने का मौका मिला। लता जी का पहला हिन्दी गाना 'पा लूं कर जोरी’ है जिसे उन्होंने 1946 में रिलीज वसंत जोगलेकर की फिल्म 'आप की सेवा में’ लिए गाया था।

वर्ष 1974 से 1991 तक विश्व में सर्वाधिक गीतों की रिकार्डिंग करवाने वाली लता दीदी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड्स में दर्ज है। इतना ही नहीं लता दीदी एसडी बर्मन, शंकर जयकिशन, हेमन्त कुमार, सी.रामचंद्र, मदनमोहन, और सलिल चौधरी जैसे नामीगिरामी संगीतकारों की चहेती गायिका रहीं हैं।

लता दीदी चाहे फिल्म जगत को कई साल पहले अलविदा कह चुकी हैं, फिर भी संजय लीला भंसाली और मधुर भंडारकर जैसे बहुत-से फिल्मकारों की वह पहली पसंद हैं एवं आज के नए गायक-गायिकाओं की प्रेरणास्रोत हैं। लता दीदी ने मधुर स्वर भंडारकर की फिल्म 'जेल’, ‘कॉरपोरेट’ और ‘पेज 3’ के लिए अपनी आवाज दी।

लताजी के जन्मदिवस पर एक बार फिल्मकार यश चोपड़ा ने कहा था, "लताजी ने हमें संगीत के माध्यम से काफी कुछ दिया है, जैसे प्रेम और अनुराग। मुझे उम्मीद है कि वह हमेशा जीवित रहेंगी और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता रहेगा। मैं उनके काफी करीब रहा हूं और बेहद खुश हूं। मुझे गर्व है कि वह भी मुझसे लगाव रखती हैं।" 'जब कभी भी जी चाहे’ (दाग), 'कभी कभी मेरे दिल में’(कभी कभी), 'नीला आसमां सो गया’ (सिलसिला), 'मेरी बिंदिया तेरी निंदिया’ (लम्हे), 'ढोलना’ (दिल तो पागल है) और 'तेरे लिए’ (वीर जारा) जैसे लता के मशहूर गीत हैं जो उन्होंने यश चोपड़ा के लिए गाए।

संजय लीला भंसाली ने उनके बारे में कहा था, "मैं उनकी आवाज की हर बारीकी को समझता हूं। वह प्रकृति की एक चमत्कार हैं। उनके गले में अभी भी ऐसा बहुत कुछ है, जिसका उन्होंने प्रयोग नहीं किया है।" उन्होंने कहा, "लता जी एक गायिका से ज्यादा बहुत कुछ हैं।" भंसाली ने लता द्वारा गाए गए गीत 'है तेरे साथ मेरी वफा मैं नहीं तो क्या’ से प्रभावित होकर ही फिल्म ‘गुजारिश’ बना रहे हैं।

लता जी के सुपर हिट गाने

‘ए मेरे वतन के लोगों...’, 'कितने अजीब रिश्‍ते हैं यहां पर' ( पेज 3), ‘गुमनाम है कोई (गुमनाम), ‘जिया बेकरार है’ (बरसात), ‘एहसान तेरा होगा मुझ पर’ (जंगली), ‘रसिक बलमा’ (चोरी चोरी), 'ये हरियाली और ये रास्ता' (हरियाली और रास्ता), ‘रूक जा रात ठहर जा रे चंदा’ (दिल एक मंदिर) और ‘तुम्हें याद करते करते’ (आम्रपाली) हैं।

उन्होंने 1000 से अधिक हिन्दी फिल्मों के लिए गाना गाने के अलावा 36 क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज की जादू बिखेरी हैं। लता जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

जानिए की रत्न क्या हें..कब एवं क्यों धारण करें/पहने..

जानिए की रत्न क्या हें..कब एवं क्यों धारण करें/पहने..

पंडित दयानन्द शास्त्री 
मनुष्य की सहज प्रकृति है कि वह हमेशा सुख में जीना चाहता है परंतु विधि के विधान के अनुसार धरती पर ईश्वर भी जन्म लेकर आता है तो ग्रहों की चाल के अनुसार उसे भी सुख-दुःख सहना पड़ता है।

हम अपने जीवन में आने वाले दुःखों को कम करने अथवा उनसे बचने हेतु उपाय चाहते हैं। उपाय के तौर पर अपनी कुण्डली की जांच करवाते हैं और ज्योतिषशास्त्री की सलाह से पूजा करवाते हैं, ग्रह शांति करवाते हैं अथवा रत्न धारण करते हैं।

रत्न पहनने के बाद कई बार परेशानियां भी आती हैं अथवा कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में ज्योतिषशास्त्री के ऊपर विश्वास डोलने लगता है। जबकि हो सकता है कि आपका रत्न सही नहीं हो।
 
जितने भी रत्न या उपरत्न है वे सब किसी न किसी प्रकार के पत्थर है। चाहे वे पारदर्शी हो, या अपारदर्शी, सघन घनत्व के हो या विरल घनत्व के, रंगीन हो या सादे...। और ये जितने भी पत्थर है वे सब किसी न किसी रासायनिक पदार्थों के किसी आनुपातिक संयोग से बने हैं। विविध भारतीय एवं विदेशी तथा हिन्दू एवं गैर हिन्दू धर्म ग्रंथों में इनका वर्णन मिलता है।

आधुनिक विज्ञान ने अभी तक मात्र शुद्ध एवं एकल 128 तत्वों को पहचानने में सफलता प्राप्त की है। जिसका वर्णन मेंडलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी (Periodic Table) में किया गया है। किन्तु ये एकल तत्व है अर्थात् इनमें किसी दूसरे तत्व या पदार्थ का मिश्रण नहीं प्राप्त होता है। किन्तु एक बात अवश्य है कि इनमें कुछ एक को समस्थानिक (Isotopes) के नाम से जाना जाता है।

प्राचीन संहिता ग्रंथों में जो उल्लेख मिलता है, उसमें एकल तत्व मात्र 108 ही बताए गए हैं। इनसे बनने वाले यौगिकों एवं पदार्थों की संख्या 39000 से भी ऊपर बताई गई हैं। इनमें कुछ एक आज तक या तो चिह्नित नहीं हो पाए है, या फिर अनुपलब्ध हैं। इनका विवरण, रत्नाकर प्रकाश, तत्वमेरू, रत्न वलय, रत्नगर्भा वसुंधरा, रत्नोदधि आदि उदित एवं अनुदित ग्रंथों में दिया गया है।


महर्षि पाराशर एवं वराह मिहिर ने भी इसका संक्षिप्त विवरण अपने ग्रंथों में किया है, किन्तु इनकी संख्या असंख्य बताकर संक्षेप में ही उपसंहार कर दिया है।


केसे करें जाग्रत रत्नों को..???


उदाहरण के लिए हम एक रत्न मूंगा लेते है। इसकी 62 प्रजातियां हैं। किन्तु इनमें मात्र सात ही आज उपलब्ध है। हीरा की 39 प्रजातियां उपलब्ध हैं। नीलम की 65 प्रजातियां उपलब्ध हैं। जबकि इसकी प्रजातियां 400 से भी ऊपर बताई गई हैं। पुखराज की 24 प्रजातियां उपलब्ध है। इसी प्रकार एक-एक रत्नों की अनेक प्रजातियां उपलब्ध है, जो नाम में समान होने के बावजूद भी उनका गुण, प्रकृति, रंग एवं प्रभाव पृथक-पृथक है।

हम उदाहरण के लिए लहसुनिया (Cat's Eye) को लेते है। इसे वैतालीय संहिता में प्राकद्वीपीय मणि भी कहा गया है। इसके अनेक भेद है। जैसे - अवन्तिका, विदारुक, बरकत, विक्रांत, परिलोमश, द्युतिवृत्तिका, नारवेशी, निपुंजवेलि आदि। प्रायः सीधे शब्दों में लहसुनिया को केतु का रत्न माना गया है। किन्तु ध्यान रहे, यदि केतु किसी अन्य ग्रह के प्रभाव में होगा तो यह लहसुनिया उस ग्रह के संयोग वाला होना चाहिए। कोई भी लहसुनिया हर जगह प्रभावी नहीं हो सकता। बल्कि इसका विपरीत प्रभाव भी सामने आ सकता है।
कज्जलपुंज, रत्नावली, अथर्वप्रकाश, आयुकल्प, रत्नाकर निधान, रत्नलाघव, Oriental Prism, Ancient Digiana तथा Indus Catalog आदि ग्रंथों में भी इसका विषद विवरण उपलब्ध है।

कुछ रत्न बहुत ही उत्कट प्रभाव वाले होते है। कारण यह है कि इनके अंदर उग्र विकिरण क्षमता होती है। अतः इन्हें पहनने से पहले इनका रासायनिक परिक्षण आवश्यक है। जैसे- हीरा, नीलम, लहसुनिया, मकरंद, वज्रनख आदि। यदि यह नग तराश (cultured) दिए गए हैं, तो इनकी विकिरण क्षमता का नाश हो जाता है। ये प्रतिष्ठापरक वस्तु (स्टेट्‍स सिंबल) या सौंदर्य प्रसाधन की वस्तु बन कर रह जाते हैं। इनका रासायनिक या ज्योतिषीय प्रभाव विनष्ट हो जाता है।

कुछ परिस्थितियों में ये भयंकर हानि का कारण बन जाते हैं। जैसे- यदि तराशा हुआ हीरा किसी ने धारण किया है तथा कुंडली में पांचवें, नौवें या लग्न में गुरु का संबंध किसी भी तरह से राहु से होता है, तो उसकी संतान कुल परंपरा से दूर मान-मर्यादा एवं अपनी वंश-कुल की इज्जत डुबाने वाली व्यभिचारिणी हो जाएगी।

दूसरी बात यह कि किसी भी रत्न को पहनने के पहले उसे जागृत (Activate) अवश्य कर लेना चाहिए। अन्यथा वह प्राकृत अवस्था में ही पड़ा रह जाता है व निष्क्रिय अवस्था में उसका कोई प्रभाव नहीं हो पाता है।

उदाहरण के लिए पुखराज को लेते हैं। पुखराज को मकोय (एक पौधा), सिसवन, दिथोहरी, अकवना, तुलसी एवं पलोर के पत्तों को पीस कर उसे उनके सामूहिक वजन के तीन गुना पानी में उबालिए। जब पानी लगभग सूख जाए तो उसे आग से नीचे उतारिए। आधे घंटे में उसके पेंदे में थोड़ा पानी एकत्र हो जाएगा। उस पानी को शुद्ध गाय के दूध में मिला दीजिए। जितना पानी उसके लगभग चौगुना दूध होना चाहिए। उस दूधयुक्त घोल में पुखराज को डाल दीजिए। हर तीन मिनट पर उसे किसी लकड़ी के चम्मच से बाहर निकाल कर तथा उसे फूंक मार कर सुखाइए और फिर उसी घोल में डालिए।

इस प्रकार आठ-दस बार करने से पुखराज नग के विकिरण के ऊपर लगा आवरण समाप्त हो जाता है तथा वह पुखराज सक्रिय हो जाता है।

इसी प्रकार प्रत्येक नग या रत्न को जागृत करने की अलग विधि है। रत्नों के प्रभाव को प्रकट करने के लिए सक्रिय किया जाता है। इसे ही जागृत करना कहते हैं।


क्या सभी रत्न/स्टोन स्वयं सिद्ध होते हें..???
कई ज्योतिषगण बगैर पढ़े, बगैर डिर्गी लिए एक बार नहीं कई बार गोल्ड मैडल पाते हैं। बड़े ताज्जुब की बा‍त है कि जिन्हें ज्योतिष का जरा भी ज्ञान नहीं है वे भी गोल्ड मैडलिस्ट बना दिए जाते है। कई तो करोड़ों मंत्रों की सि‍द्धि द्वारा रत्नों का चमत्कार करने का दावा भरते है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, रत्न तो स्वयं सिद्ध होते हैं। बस जरूरत है उन्हें कुंडली के अनुसार सही व्यक्तियों तक पहुँचाने की।

असल में रत्न स्वयं सिद्ध ही होते है। रत्नों में अपनी अलग रश्मियाँ होती है और कुशल ज्योतिष ही सही रत्न की जानकारी देकर पहनाए तो रत्न अपना चमत्कार आसानी से दिखा देते है। माणिक के साथ मोती, पुखराज के साथ मोती, माणिक मूँगा भी पहनकर असीम लाभ पाया जा सकता है।


विशेष सावधानियां रत्न/स्टोन खरीदते समय पर---


ज्योतिष ग्रहों के आधार पर व जन्म समय की कुंडलीनुसार ही भाग्य का दर्शन कराता है एवं जातक की परेशानियों को कम करने की सलाह देता है। आज हर इन्सान परेशान है, कोई नोकरी से तो कोई व्यापार से। कोई कोर्ट-कचहरी से तो कोई संतान से। कोई प्रेम में पड़ कर चमत्कारिक ज्योतिषियों के चक्कर में फँस कर धन गँवाता है। ना तो वो किसी से शिकायत कर सकता है और ना किसी को बता सकता है। इस प्रकार न जानें कितने लोग फँस जाते हैं। न काम बनता है ना पैसा मिलता है।

आज हम देख रहे हैं ज्योतिष के नाम पर बडे़-बडे़ अनुष्ठान, हवन, पूजा-पाठ कराएँ जाते है। जबकि इस प्रकार धन व समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है। कुछ ज्योतिषगण प्रेम विवाह, मूठ, करनी, चमत्कारी नग बताकर जनता को लूट रहे है। तो कोई वशीकरण करने का दावा भरते नजर आते है जबकि ऐसा करना कानूनन अपराध है, क्योंकि पहले तो ऐसा होता ही नहीं है।

यदि कोई दावा भरता है तो ये अपराध है। कई तो ऐसे भी है जो जेल से छुडा़ने तक का दावा भरते है, तो कोई बीमारी के इलाज का भी दावा करते है। कुछ एक तो संतान, दुश्मन बाधा आदि दूर करने के दावा भरते है।


नीलम के साथ मूँगा पहना जाए तो अनेक मुसीबातों में ड़ाल देता है। इसी प्रकार हीरे के साथ लहसुनिया पहना जाए तो निश्चित ही दुर्घटना कराएगा ही, साथ ही वैवाहिक जीवन में भी बाधा का कारण बनेगा। पन्ना-हीरा, पन्ना-नीलम पहन सकते है। फिर भी किसी कुशल ज्योतिष की ही सलाह लें तभी इन रत्नों के चमत्कार पा सकते है।

जैसे मेष व वृश्चिक राशि वालों को मूँगा पहनना चाहिए। लेकिन मूँगा पहनना आपको नुकसान भी कर सकता है अत: जब तक जन्म के समय मंगल की स्थिति ठीक न हो तब तक मूँगा नहीं पहनना चाहिए। यदि मंगल शुभ हो तो यह साहस, पराक्रम, उत्साह प्रशासनिक क्षेत्र, पुलिस सेना आदि में लाभकारी होता है।

वृषभ व तुला राशि वालों को हीरा या ओपल पहनना चाहिए। यदि जन्मपत्रिका में शुभ हो तो। इन रत्नों को पहनने से प्रेम में सफलता, कला के क्षेत्र में उन्नति, सौन्दर्य प्रसाधन के कार्यों में सफलता का कारक होने से आप सफल अवश्य होंगे।

मिथुन व कन्या राशि वाले पन्ना पहनें तो सेल्समैन के कार्य में, पत्रकारिता में, प्रकाशन में, व्यापार में सफलता दिलाता है।

सिंह राशि वालों को माणिक ऊर्जावान बनाता है व राजनीति, प्रशासनिक क्षेत्र, उच्च नौकरी के क्षेत्र में सफलता का कारक होता है।

कर्क राशि वालों को मोती मन की शांति देता है। साथ ही स्टेशनरी, दूध दही-छाछ, चाँदी के व्यवसाय में लाभकारी होता है।

मकर और कुंभ नीलम रत्न धारण कर सकते हैं, लेकिन दो राशियाँ होने सावधानी से पहनें।

धनु व मीन के लिए पुखराज या सुनहला लाभदायक होता है। यह भी प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता दिलाता है। वहीं न्याय से जुडे व्यक्ति भी इसे पहन सकते है। आपको सलाह है कि कोई भी रत्न किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह बगैर कभी भी ना पहनें।

रत्न क्या हैं..??? आप कोनसा रत्न/स्टोन पहन सकते हैं..???

<-: :-=":-">

राशि

स्वामी ग्रह

रत्न

उपरत्न

मेषमंगल
websoft
मूंगा
लाल हकीक, लाल आनेक्स, तामड़ा, लाल गोमेद
वृषशुक्र
websoftहीरा
सफेद हकीक, ओपल, स्फटिक, सफेद पुखराज, जरकन
मिथुनबुध
websoftपन्ना
हरा हकीक, आनेक्स, मरगज, फिरोजा
कर्कचन्द्र
websoftमोती
दूधिया हकीक, सफेद मूंगा, चन्द्रकांत मणि, सफेद पुखराज
सिंहसूर्य
websoftमणिक
स्टार माणिक, रतवा हकीक, तामड़ा लाल तुरमली
कन्याबुध
websoftपन्ना
हरा हकीक, आनेक्स, मरगज, फिरोजा
तुलाशुक्र
websoftहीरा
सफेद हकीक, ओपल, स्फटिक, सफेद पुखराज, जरकन
वृश्चिकमंगल
websoftमूंगा
लाल हकीक, लाल आनेक्स, तामड़ा, लाल गोमेद
धनुगुरु
websoftपुखराज
पीला हकीक, सुनहैला, पीला गोमेद, बैरुज
मकरशनि
websoftनीलम
कटैला, काला हकीक, काला स्टार, लाजवृत
कुम्भशनि
websoftनीलम
कटैला, काला हकीक, काला स्टार, लाजवृत
मीनगुरु
websoftपुखराज
पीला हकीक, सुनहैला, पीला गोमेद, बैरुज
 
राहु
websoftगोमेद
 
केतु
websoftलहसुनिया



मूंगा



उपरत्न
लाल हकीक, लाल आनेक्स, तामड़ा, लाल गोमेद।मूगा एक जैविक रत्न है। यह समुद्र से निकाला जाता है। अपनी रासायनिक संरचना में मूंगा कैल्षियम कार्बोनेट

का रुप होता है। मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है। अर्थात् मूंगा धारण करने से मंगल ग्रह से सम्बंधित सभी दोष दूर हो जाते है। मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है तथा रक्त से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते है। मंूगा मेष तथा वृष्चिक राषि वालों के भाग्य को जगाता है। मूंगा धारण करने से मान-स्वाभिमान में बृद्धि होती है। तथा मूंगा धारण करने वाले पर भूत-प्रेत तथा जादू-टोने का असर नहीं होता। मूंगा धारण करने वाले की व्यापार या नौकरी में उन्नति होती है। मूंगा कम से कम सवा रती का या इससे ऊपर का पहनना चाहिए। मूंगा 5, 7, 9, 11 रती का शुभ होता है। मूंगे को सोने या तांबे में पहनना अच्छा माना जाता है।
विशेषता
तान्त्रिक प्रयोगों में भी मूंगे का अपना विशेष स्थान है। मूंगे के अतिरिक्त किसी अन्य रत्नीय पत्थर का उपयोग तांत्रिक प्रयोगों में नहीं होता।
तंत्र प्रयोगों में प्रयोग की जाने वाली मूर्तियाँ यदि मूंगे की बनायी जायें तो श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से गणेश-सिद्धि तथा लक्ष्मी-साधना के लिए प्रयोग की जाने वाली मूर्तियां तो मूंगे की ही सर्वश्रेष्ठ होती हैं।





हीरा



उपरत्न
सफेद हकीक, ओपल, स्फटिक, सफेद पुखराज, जरकनहीरा कोयले से ही बनता है। रायासनिक विष्लेषण के अनुसार हीरा कार्बन का ठोस रुप है। हीरे को रत्नों का सम्राट भी कहा जाता है। हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है। हीरा धारण करने से शुक्र ग्रह संबंधित सभी दोष दूर हो जाते है। जिस व्यक्ति की कुझडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है अथवा जिनकी राषि वृष या तुला होती है। वह हीरा धारण करके दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते है।

हीरा सबसे सुन्दर रत्न है जो व्यक्ति हीरे को धारण करता है। उसके चेहरे पर तेज रहता है। हीरा धारण करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। दाम्पत्य जीवन सुखमय व्यतीत होता है। मानसिक दुबर्लता का अन्त होता है। हीरा धारण करने से भूत-प्रेत तथा जादू टोने का असर नहीं होता। स्वास्थ्य ठीक रहता है।
हीरा के औषधि गुण
निद्रानाश, वातरोग, चर्मरोग, मूलव्याध, जलोदर, पाचनशक्ति आदि रोगों में यह रत्न अत्यन्त गुणकारी है। आयुवेदाचार्यो के अनुसार हीरा के भष्म को भी अनेक बीमारियों के लिए उपयोग में लाया जाता है।
दैवीय शक्ति
हीरा में किसी भी कार्य निर्विरोध सम्पन्न होने के लिए देवीय शक्ति समाहित होती है। अतः इस रत्न को धारण करने से घर में सभी प्रकार की शान्ती एवं सुलभता का निर्माण होता है समाज में मान-सम्मान की प्रतिष्ठा प्रदान होती है तथा धारक को शक्ति प्रदान करके चुस्त-दुस्त रखने में सहायता प्रदान करता है यह रत्न किसी प्रकार से भी हानि उत्पन्न नहीं करता इस रत्न को स्त्री, पुरुष, बालवृद्ध प्रत्येक लोग धारण कर सकते हैं। विशेषतः यह रत्न वृषभ राशि के लोगों का रत्न है।





पन्ना



उपरत्न
हरा हकीक, आनेक्स, मरगज, फिरोजापन्ना एक खनिज रत्न है। यह हरे रंग का चमकदार पारदर्षक बहुमूल्य महा रत्न है। इसे बुद्ध ग्रह का रत्न कहते है।

इसलिए पन्ना पहनने से बुद्ध ग्रह के समस्त दोष दूर हो जाते है। पन्ना वैवाहिक जीवन में मधुरता, संतान की प्राप्ति तथा धन वृद्धि करने वाला महारत्न है। जिस व्यक्ति की कुण्डली में बुद्ध ग्रह की स्थिति ठीक न हो तथा लिजनकी राषि कन्या हो तो उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए। यदि विद्यार्थी पन्ना पहने तो बुद्धि, तीव्र होती है। सरस्वती की कृपा बनी रहती है। पन्ना आधरित व्यक्ति के विरुद्ध कोई षड़यन्त्र सफल नहीं होता है। पन्ना पहनने से शरीर में बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है। इसे धारण करने से मन एकाग्र होता है। पन्ना व्यक्ति को संयमित करता है तथा मानसिक शांति प्रदान करता है। बुद्ध ग्रह का संबंध वाणी से होता है। पन्ना, दमा, श्वास हकलाना आदि परेशानियों में अति लाभकारी होता है। जिन व्यक्तियों के पास धन नही रुकता उन्हें पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए।





मोती



उपरत्न
दूधिया हकीक, सफेद मूंगा, चन्द्रकांत मणि, सफेद पुखराज।मोती को भाषाभेद के अनुसार अनेक नामों से सम्बोधित किया जाता है। यथा, संस्कृत में मुक्ता, मौक्तिक, शुक्तिज, इन्द्र-रत्न, हिंन्दी पंजाबी में मोती अँग्रेजी में पर्ल तथा उर्दू फारसी में मुखारीद कहा जाता है।

मोती को पहनने से बल, बुद्धि, ज्ञान एवं सौन्दर्य में वृद्धि होती है। तथा धन, यष सम्मान एवं सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। मन शांत रहता है। मोती धारण करने से हृदय रोग, नेत्र रोग, गठिया, अस्तमा इत्यादि बीमारियों से बचाव होता है। मोती गर्म स्वभाव वाले व्यक्तियों के लिए अच्छा माना जाता है। इसको धारण करने से गुस्सा शांत रहता है। मोतियों की माला लड़कियों का आत्मविष्वास तथा सुन्दरता को बढ़ाती है। पुत्री की शादी में मोतियों की माला देना बहुत ही शुभ माना जाता है। मोती में लगभग 90 प्रतिषत चूना होता है। इसलिए कैल्षियम की कमी के कारण उत्पन्न रोग में मोती चमत्कारी ढ़ग से फायदा पहुंचाता है।





मणिक



उपरत्न
स्टार माणिक, रतवा हकीक, तामड़ा लाल तुरमली।भगवान सूर्य को ग्रहराज कहा जाता है इन्हीं के प्रताप से मानव जीवन का विकास होता है कुण्डली में सूर्य की क्षीण स्थिति को शक्तिपूर्ण बनाने के लिए सूर्यरत्न माणिक्य धारण के लिए परामर्श दिया जाता है।

माणिक्य एक अत्यधिक मूल्यवान तथा शोभायुक्त रत्न है। माणिक्य को स्थान भेद के अनुसार अनेक नामों से पुकारा जाता है। माणिक्य के सबसे अधिक नाम संस्कृत भाषा में मिलते हैं। संस्कृत में इसे कुरविन्द, पदुमराग, वसुरत्न, लोहित, माणिक्य, शोणरत्न, रविरत्न शोणोपल आदि विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। हिन्दी में चुन्नी, माणिक, बंगला में माणिक्य, मराठी में माणिक, तेलगू में माणिक्य फारसी में याकूत, अरबी में लाल बदख्शाँ तथा अंग्रेजी में रुबी नाम से पुकारा जाता है। माणिक एक खनित रत्न है। माणिक की खाने बर्मा, श्रीलंका, काबुल, हिमालय पर्वत कष्मीर मे पायी जाती है। अपनी रासायनिक संरचना के रुप में माणिक्य एल्युमीनियम आक्साइड का रुप होता है। यह पारदर्षी तथा अपारदर्षी दोनों तरह का होता है। माणिक सूर्य ग्रह का रत्न है। अंतः माणिक को धारण करने से सूर्य ग्रह से संबंधित समस्त दोष दूर हो जाते है। सिंह राषि वालों के लिए माणिक पहनना अति शुभ माना जाता है। जन्म कुण्डली में जिन व्यक्तियों का सूर्य ग्रह कमजोर स्थिति में हो उन्हें माणिक अवश्य पहनना चाहिए। माणिक धारण करने से यष, कीर्ति, धन, सम्पति, सुख-षांति प्राप्त होती है। यह वंष वृद्धिकारक भी माना जाता है। इसके प्रयोग से भय, व्याधि, सुख, क्लेष, चिन्ता आदि का नाष होता है। जिन व्यक्तियों के जीवन में स्थिरता ना हो तथा कोई काम निष्चित ना हो यह उनके जीवन की अनिष्चिताओं को दूर कर उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में ठहराव आता है। कई प्रकार की बीमारियों से रक्षा होती है।





पुखराज



उपरत्न
पीला हकीक, सुनहैला, पीला गोमेद, बैरुजयह एक मूल्यवान खनिज रत्न है। इसे गुरु रत्न भी कहा जाता है। यानि इसका स्वामी बृहस्पति है। पुखराज हीरा और माणिक्य के बाद सबसे कठोर रत्न है। अपने रासायनिक विष्लेषण में इसमें एल्युमीनियम हाइड्रोविसम और क्लोरिन जैसे तत्व पाए जाते है।

यह कई रंगों का होता है लेकिन भारत में प्राय पीला तथा सफेद ही ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है। यह कई देषों में पाया जाता है। लेकिन श्रीलंका तथा ब्राजील का सबसे अच्छा माना जाता है। पुखराज गुरु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। पुखराज पहनने से गुरु ग्रह से संबंधित समस्त दोष दूर हो जाते है। धनु राषि वालो को पुखराज पहनने से लाभ होता है। पुखराज पहनने से बल, आयु, स्वास्थ्य, यष, कीर्ति व मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसको धारण करने से व्यापार तथा व्यवसाय में वृद्धि होती है। पुखराज को बृहस्पति जी का प्रतीक माना गया है। बृहस्पति जी को देव गुरु का वरदान प्राप्त है। इसलिए इन्हें गुरु भी कहा जाता है। इसलिए इसे पढ़ाई लिखाई के क्षेत्र में उन्नति के लिए पहनाया जाता है। यदि किसी कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो पुखराज धारण करने से समस्या का हल जल्द हो जाता है। पुखराज मानसिक शांति प्रदान करके मान प्रतिष्ठा को श्रेयस्कर व दीर्घायु प्रदान करता है। इसे व्यापारी स्टोन भी कहते है। क्योंकिं यह व्यापार करने वालो के लिए लाभदायक माना जाता है। पुखराज का स्वामी गुरु होने के कारण इसे सभी लोग धारण कर सकते है। पुखराज धारक के रुके हुए कार्यो को पुनः शुरु करवाता है। मित्रता को बल प्रदान करता है। पुखराज चर्म रोग नाषक, बल-वीर्य की वृद्धि करने वाला होता है। जो लोग पुखराज ना खरीद सके वह स्ट्रिीन (सुनैला) धारण कर सकते है।





नीलम



उपरत्न
कटैला, काला हकीक, काला स्टार, लाजवृतयह एक मूल्यवान खनिज पत्थर है। नीलम, नीला, हल्का नीला, आसमानी या बैंगनी रंग का होता है। यह भारी पारदर्षी पत्थर है। लेकिन कुछ स्थानों पर मिलने वाले नीलम गहरे रंग के होते है था इनमें पारदर्षिता कम होती है। नीलम के अन्दर चीर-फाड़, दाग-धब्बे, धुंधलापन तथा जाला भी पाया जाता है।

जितना दाग कम पाया जाता है। नीलम उतना महंगा हो जाता है। बिना दाग के नीलम की कीमत बहुत अधिक होती है। नीलम बर्मा, श्रीलंका, बैंकाक, भारत, आस्ट्रेलिया तथा अन्य कई देशों में पाया जाता है। भारत में कष्मीर तथा उत्तराखण्ड के पहाड़ों में नीलम की खाने है। नीलम शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है, अतंः नीलम पहनने से शनि संबंधित समस्त दोष दूर हो जाते है। मकर तथा कुम्भ राषि वालो को नीलम पहनना अति शुभकारी होता है। नीलम के बारे में कहा जाता है कि यह अपना प्रभाव शीघ्र दिखाता है। नीलम का प्रभाव शुभ तथा अषुभ दोनों प्रकार का होता है। इसलिए नीलम अंगूठी में धारण करने से पहले बाजू में कपड़ें से बांध कर दो दिन तक रखना चाहिए। इसके अलावा नीलम का उपरत्न भी नीलम धारण करने से पहले कुछ समय के लिए धारण करना चाहिए। रात को सोते समय यदि शुभ स्वप्न आए या शुभ समाचार मिले तो नीलम आपके लिए शुभ माना जाएगा। यदि विपरीत परिस्थितियॅा बने तो नीलम अशुभ माना जाएगा। नीलम यदि अनुकूल पड़े तो धन-धान्य, सुख सम्पति, मान,सम्मान, यश गौरव, आय वृद्धि, बल तथा वंष की वृद्धि होती है। नीलम के बारे में कहा जाता है। यदि अनुकूलन पड़े तो भिखारी को भी रातों रात राजा बना देता है।





गोमेद



यह एक खनिज पत्थर है। अपनी रासायनिक संरचना में यह जिर्कोनियम का सिलिकेट रुप माना जाता है। इसकी उत्पति सायनाइट की षिलाओं के अन्दर होती है। यह एक पारदर्षी रत्न है। इसके अन्दर जाला धुंधलापन अथवा कट के निषान अवश्य पाये जाते है। लेकिन जितना साफ गोमेद होता है उतना उत्तम माना जाता है। गोमेद काफी सस्ता रत्न होता है। लेकिन अपने आकर्षक रंग व गुणों के कारण इसे नवरत्नों में सम्मानित स्थान प्राप्त है। गोमेद को राहू ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है।

इसलिए राहु ग्रह से संबंधित समस्त दोष तथा राहु दषा जनित समस्या दुष्प्रभाव गोमेद धारण करने से दूर हो जाते है। अंतः दैत्य ग्रह राहु की दशा को ठीक करने के लिए गोमेद धारण करना चाहिए। राहु ग्रह के प्रकोप से मानसिक तनाव बढ़ता है। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आता है। कार्यकुषलता में निर्णायक कमी आती हे। निर्णय लेने की क्षमता क्षीण हो जाती है तथा योजनाएं असफल हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों को गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए। गोमेद धारण करने वाले के समक्ष शत्रु टिक नहीं पाता इससे शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है। जिन बच्चों का मन पढ़ाई में ना लगता हो तथा बहुत शरारतें करते हो। उन्हें गोमेद पहनाने से लाभ पहुंचता है। इसको धारण करने से सुख सम्पति में भी वृद्धि होती है। गोमेद रत्न यद्यपि कई रंगों में उपलब्ध होता हैं लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु रत्न गोमेद वही कहलाता है, जो गो-मूत्र के रंग वाला हो। यह अत्यधिक प्रचलित राहु रत्न स्थान तथा भाषा भेद के अनुसार अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। गोमेद को देवभाषा संस्कृत में तृणवर, तपोमणि, राहुरत्न, स्वर भानु, पीतरत्न, गोमेद, रत्नगोमेदक, हिन्दी में गोमेद, गुजराती में गोमूत्रजंबु, मराठी में गोमेदमणि, उर्दू, फारसी में जरकुनिया अथवा जारगुन, बंगाली में लोहितमणि, अरबी में हजारयमनि, बर्मा में गोमोक, चीनी में पीसी तथा आंग्ल भाषा में अगेट नाम से जाना जाता है।





लहसुनिया



लहसुनिया का स्वामी केतु ग्रह होता है। जिसके ऊपर केतु ग्रह का प्रकोप हो उसे लहसुनिया धारण करना चाहिए। इसको धारण करने से पुत्र सुख और सम्पति प्राप्त होती है। धारक की शत्रु, अपमानए तथा जंगली जानवरों से रक्षा होती है। लहसुनिया को अंग्रेजी में कैटस आई कहते है। इसमें सफेद धारियॅा पाई जाती है। जिनकी संख्या आमतौर पर दो तीन, या चार होती है। लेकिन जिस लहसुनिया में ढाई धारियॅा हो वह अच्छा माना जाता है। यह धारियॅा धुएं के समान दिखाई देती है।

यह दिमागी परेषानियां शारीरिक दुर्बलता, दुख, दरिद्रता, भूत आदि सू छुटकारा दिलाता है। लहसुनिया यदि अनुकूल हो तो यह धन दौलत में तीव्र गति से वृद्धि करता है। आकस्मित दुर्घटना, गुप्त शत्रु से भी रक्षा करता है। इसे धारण करने से रात्रि में भयानक स्वप्न नहीं आते है। असको लाकेट में पहनने से दमे से तथा श्वास नली की सूजन से आराम मिलता है।








क्या संयुक्त रत्न पहन कर उत्तम लाभ पाया जा सकता हें ???


रत्न कोई भी हो अपने आपमें प्रभावशाली होता है। हीरा शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए होता है तो नीलम शनि को। इसी प्रकार माणिक रत्न सूर्य के प्रभाव को कई गुना बड़ा कर उत्तम फलदायी होता है। मोती जहाँ मन को शांति प्रदान करता है ‍तो मूँगा उष्णता को प्रदान करता है। इसके पहनने से साहस में वृद्धि होती है।

पुखराज रत्न सभी रत्नों का राजा है। इसे पहनने वाला प्रतिष्‍ठा पाता है व उच्च पद तक आसीन हो सकता है। अपनी योग्यतानुसार रत्न पहनने से कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर कर राह आसान बना देते हैं। यूँ तो रत्न अधिकांश अलग-अलग व अलग-अलग धातुओं में पहने जाते है। लेकिन मेरे 20 वर्षों के अनुभव से संयुक्त रत्न पहनवाकर कईयों को व्यापार में उन्नति, नौकरी में पदोन्नति, राजनीति में सफलता, कोर्ट-कचहरी में सफलता, शत्रु नाश, कर्ज से मुक्ति, वैवाहिक ‍तालमेल में बाधा को दूर कर अनुकूल बनाना, संतान कष्ट, विद्या में रुकावटें, विदेश, आर्थिक उन्नति आदि में सफल‍ता दिलाई।

जन्मपत्रिका के आधार पर व ग्रहों की स्थितिनुसार संयुक्त रत्न पहन कर उत्तम लाभ पाया जा सकता है। संयुक्त रत्न में माणिक-पन्ना, पुखराज-माणिक, मोती-पुखराज, मोती-मूँगा, मूँगा-माणिक, मूँगा-पुखराज, पन्ना-नीलम, नीलम-हीरा, हीरा-पन्ना, माणिक-पुखराज-मूँगा, माणिक-पन्ना, मूँगा भी पहना जा सकता है।

क्या नहीं पहना जा सकता इसे भी जान लेना आवश्यक है। लहसुनियाँ-हीरा, मूँगा-नीलम, नीलम-माणिक। संयुक्त रत्न तभी पहने जाते है जब जन्मपत्रिका में देख व अनुकूल ग्रहों की अवस्था हो या दशा-अन्तर्दशा चल रही है। ऐसी स्थिति में श्रेष्‍ठ फलदायी होते हैं।

कभी-कभी व्यापार नहीं चल रहा हो, अच्छी सफलता नहीं मिल रही हो तो चार रत्न यथा पुखराज-मूँगा, माणिक व पन्ना पहनें तो सफलता मिलने लग जाती है। रत्नों की सफलता तभी मिलती है जब शुभ मुहूर्त में उसी के नक्षत्र में बने हो या जो ग्रह प्रभाव में तेज हो उसके नक्षत्र में बने हो व पहनने का भी उसी ग्रह के नक्षत्र में हो तब लाभ भी कई गुना बढ़ जाता है।

मेरे अनुभव से संयुक्त रत्न पहनवाकर कईयों को व्यापार में उन्नति, नौकरी में पदोन्नति, राजनीति में सफलता, कोर्ट-कचहरी में सफलता, शत्रु नाश, कर्ज से मुक्ति, वैवाहिक ‍तालमेल आदि में सफल‍ता दिलाई।
गार्नेट सूर्य का उपरत्न माना गया है। इसे माणिक की जगह पहना जाता है। यह सूर्य का उपरत्न होने के साथ बहुत प्रभावशाली भी है। इसे हिन्दी में याकूब और रक्तमणि के नाम से भी जाना जाता।

यह लाल रंग का कठोर होता है। अक्सर सस्ती घड़ियों में माणिक की जगह इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कीमती घड़ियों में इसका इस्तेमाल नहीं होता बल्कि असली माणिक का प्रयोग करते हैं। यह रत्न सस्ता होने के साथ-साथ बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

इस रत्न को अनामिका अँगुली में ताँबे में बनवाकर शुक्ल पक्ष के रविवार को प्रातः सवा दस बजे पहना जाता है। इसके पहनने से सौभाग्य में वृद्धि, स्वास्थ्य में लाभ, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। यात्रादि में सफलता दिलाता है, मानसिक चिन्ता दूर होती है। मन में शंका-कुशंका को भी दूर भगाता है। इसके पहनने से डरावने सपने नहीं आते।

कहा जाता है कि लाल रंग का गार्नेट बुखार में फायदा पहुँचाता है व पीले रंग का गार्नेट पीलिया रोग में फायदा पहुँचाता है। इसके पहनने से बिजली गिरने का असर नहीं होता एवं यात्रा में किसी प्रकार की हानि, जोखिम से भी रक्षा करता है, ऐसी प्रचीन मान्यता है।


यह रत्न खतरों को भाँप कर अपना मूल स्वरूप खो देता है। कभी कष्ट आने पर टूट भी जाता है। जिन्हें माणिक नहीं पहनना हो वे इसे अजमाकर देख सकते है। क्योंकि ये जेब पर भारी नहीं पड़ता।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व परिषद की बैठक मे सांसद मेघवाल ने रखे अपने विचार



बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल का राजस्थान एसोसिएशन ने किया स्वागत
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व परिषद की बैठक मे सांसद मेघवाल ने रखे अपने विचार


फरीदाबाद। 28 सितम्बर 2012। शुक्रवार को हरियाणा के फरीदाबाद में राजस्थान ऐसोशिएशन द्वारा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक मे आये हुये राजस्थान के भाजपा नेताओं का स्वागत किया गया।

राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष बिनोद कुमार भुवालका एवं सरंक्षक टी. एम. लालाणी द्वारा बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। बीकानेर सांसद के अलावा भाजपा विधायक राष्ट्रीय महामंत्री किरण महेश्वरी, औंकार सिंह लखावत प्रदेश उपाध्यक्ष, मदन दिलावर पूर्व मंत्री, सुनील भार्गव प्रदेश प्रवक्ता आदि का भी स्वागत किया गया। राजस्थान सेवा सदन मे आयोजित इस कार्यक्रम में लणिया , राजकुमार , एस पी अग्रवाल सहित कई राजस्थानी उपस्थित थें।

बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व परिषद की बैठक मे भाग लिया। सांसद मेघवाल ने इस बैठक में अपने विचार प्रस्तुत कियें। सांसद मेघवाल कल शनिवार को प्रातः 11 बजे तहसील नोखा में एक कार्यक्रम मे भाग लेगे, उसके बाद दोपहर को बीकानेर पहुॅचेगें।

संपादक महोदय को प्रकाशनार्थ प्रेषित।

बाड़मेर पुलिस डायरी ...आज के ताज़ा अपराध समाचार

अवैध शराब सहित एक गिरफ्तार 

बाड़मेर राहुल बारहठ जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अवैध शराब की रोकथाम के सम्बन्ध में दिये गये निर्देशानुसार श्री सुखाराम नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना शिव मय जाब्ता द्वारा मौजा सुआला में मुलजिम छगनाराम पुत्र अनोपाराम मेगवाल निवासी सुआला को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लाईसेन्स की हरियाणा व अरूणाचल प्रदेश निर्मित 53 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना शिव पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


धारदार तलवार के साथ एक गिरफ्तार

बाड़मेर जिले में अवैध आम्र्स की धरपकड़ हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री नरपतसिंह स.उ.नि. पुलिस थाना पचपदरा मय जाब्ता द्वारा मौजा इकराणी में सार्वजनिक स्थान पर मुलजिम कैलाशदान पुत्र जोधूदान चारण नि. इकराणी द्वारा बिना लाईसेन्स की धारदार तलवार लेकर घुमते पाये जाने पर दस्तयाब कर उसके कब्जा से धारदार तलवार जब्त की जाकर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना पचपदरा पर आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


धोखाधड़ी का मामला दर्ज
बाड़मेर हरिओम गौड़ हाल कलेक्शन मैनेजर कोटेक महेन्द्रा बैंक जोधपुर ने मुलजिम प्रभुराम पुत्र बगडूराम विश्नोई नि. कातरला वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की कम्पनी के साथ धोखाधड़ी कर फर्जी कागजात पेश कर तीन ट्रेक्टर खरीद कर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज
बाड़मेर श्रीमति सरीता पुत्री मंगलाराम जाट नि. असाडा की बेरी ने मुलजिम जेताराम पुत्र देराजराम जाट नि. रवाली वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा दहेज की मांग को लेकर मुस्तगीसा का स्त्री धन हड़प कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना महिला पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

आभूषण चोरी

बाड़मेर अशोककुमार पुत्र पूनमाराम जाट नि. बलदेवनगर बाड़मेर ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा कमरे में प्रवेश कर कमरे में रखा सोने का फुल व डायरीया चुराकर ले जाना वगेरा पर अज्ञात मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर बाडमेर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह मेसाराम पुत्र दुर्गाराम जाट नि. नागाणा ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की दुकान में प्रवेश कर गले में रखे 14200/रूपये चुराकर ले जाना वगेरा पर अज्ञात मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना नागाणा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। --

रेगिस्तान में सुनाई देगी ‘एमआई-17 वी5’ की गर्जना!



जोधपुर.भारतीय वायुसेना में गत 17 फरवरी को शामिल किए गए रूस निर्मित अपग्रेडेड हेलिकॉप्टर ‘एमआई -17 वी5’ की मारक क्षमता का परीक्षण थार के रेगिस्तान में किया जाएगा। यह परीक्षण पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में दो तीन दिन बाद शुरू होने की संभावना है। माना जा रहा है कि परीक्षण के बाद इस हेलिकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन की तैनातगी जोधपुर जिले के फलौदी एयरफोर्स स्टेशन पर की जाएगी। अगले साल 22 फरवरी को पोकरण फायरिंग रेंज में होने वाले युद्धाभ्यास ‘वायु शक्ति 2013’ में भी यह हेलिकॉप्टर पहली बार अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेगा। पश्चिमी सीमा के निकट इसकी पहली तैनातगी के कारण ही इसका परीक्षण शुरू किया गया है।


भारत ने 80 हेलिकॉप्टर खरीदे :

मीडियम व मालवाहक हेलिकॉप्टर एमआई 17 का ज्यादातर उपयोग पहले रेस्क्यू ऑपरेशन में होता था। इसमें बदलाव कर इसके इंजन व मारक क्षमता को और शक्तिशाली किया गया है।

बाकोलिया बने सेवानिवृत होने वाले डीआरडीए के पहले कार्मिक



बाकोलिया बने सेवानिवृत होने वाले डीआरडीए के पहले कार्मिक
बाकोलिया को विदाई दी
बाडमेर। जिला परिषद ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भंवरलाल बाकोलिया को भाुक्रवार को सेवानिवृति पर विदाई दी गई। बाकोलिया बाड़मेर जिला ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के पहले सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी है। डीआरडी के गठन के बाद पहली मर्तबा कोई कार्मिक सेवानिवृत हुआ है।

जिला परिषद के ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ में आयोजित समारोह के दौरान जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर, परियोजना अधिकारी लेखा मंगलाराम विनोई, अधिषी अभियंता अभियांत्रिकी, महात्मा गांधी नरेगा योजना समेत कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भंवरलाल को विदाई देते हुए उनकी दीर्घायु होने की कामना की। इस दौरान जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर ने बाकोलिया की दीर्घायु होने की कामना करते हुए उनसे समाज सेवा में जुड़ने एवं पोंन की पहली माह की राि दान देने को कहा। इस दौरान सहायक लेखाधिकारी जुगलकिोर मुंदड़ा ,हिंगलाजदान ,वक्ताराम,जीयाराम गोदारा, चन्द्रोखर पुरोहित, सुरो गोलेच्छा, दिनो कुमार, इन्द्रसिंह समेत कई कर्मचारी उपस्थित थे।

सोने की तस्करी की आशंका में एयरपोर्ट व मुनाबाव में कस्टम अलर्ट



बाड़मेर कस्टम ने सोने की तस्करी बढ़ने की आशंका के चलते जोधपुर एयरपोर्ट व मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर अलर्ट जारी किया है। मुनाबाव में पाकिस्तानी यात्रियों की बारीकी से छानबीन की जाएगी तथा एयरपोर्ट पर चार्टर विमानों से आने वाले लोगों का सामान भी चैक किया जाएगा।

कस्टम ने जयपुर एयरपोर्ट पर कुछ दिन पहले तस्करी से लाया सोना पकड़ा था। खाड़ी देशों के अलावा यूरोपियन देशों में भी सोने की कीमत कम होने के कारण इन दिनों तस्करी की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए जयपुर में कस्टम कमिश्नर ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट व मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर अलर्ट जारी करते हुए हर सामान की बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए हैं।

एयरपोर्ट पर अलर्ट :

हालांकि यह अलर्ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जारी किया गया है। जयपुर में दुबई से दो फ्लाइट आती है, मगर जोधपुर में विदेशी फ्लाइट नहीं आती। बहरहाल इन दिनों शाही शादी के कारण विदेशों से भी चार्टर प्लेन आने की सूचनाओं के कारण यहां भी विदेशी यात्रियों का सामान चैक करने के निर्देश दिए गए हैं।

33 उत्तम सेवा चिन्ह, 20 अतिउत्तम सेवा चिन्ह एवं 06 सर्वोत्तम सेवा चिन्ह










पुलिस अधीक्षक द्वारा अच्छी एवं बेदाग सेवा के लिए उनसाठ पुलिस कर्मियो को सेवा चिन्हो से नवाजा गया
33 उत्तम सेवा चिन्ह, 20 अतिउत्तम सेवा चिन्ह एवं 06 सर्वोत्तम सेवा चिन्ह

जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक ममता राहुल में शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में जिले में कार्यरत उन पुलिस कर्मियों को उत्तम और सर्वोत्तम सेवा मेडल से नवाजा जिन्होंने बेदाग़ पुलिस सेवा की .पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ने पुलिस लाईन जैसलमेर में =शुक्रवार को पुलिस कर्मियों को सेवा चिन्ह प्रदान करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा जिले के पुलिस बल में अच्छी एवं बेदाग सेवा करने वाले 59 पुलिस कर्मियों को सेवा चिन्ह से नवाजा गया। जिसमें से 33 पुलिस कर्मियो को उत्तम सेवा चिन्ह, 20 पुलिस कर्मियो को अतिउत्तम सेवा चिन्ह एवं 06 पुलिस कर्मियो को सर्वोत्तम सेवा चिन्ह प्रदान किये गये। उक्त कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक जैसलमेर के अलावा गणपतलाल अति0 पुलिस अधीक्षक जैसलमेर, बंशीलाल वृताधिकारी वृत जैसलमेर, विरेन्द्रसिंह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर एवं मोहनसिंह निपु आर0 आई0 पुलिस लाईन जैसलमेर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन चैनाराम प्रभारी बल शाखा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों द्वारा आर0 आई0 पुलिस लाईन के नेत्त्व में परैड का आयोजन किया गया जिसकी सलामी पुलिस अधीक्षक द्वारा ली गई।
कार्यक्रम के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस लाईन जैसलमेर में सम्पर्क सभा का अयोजन किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस कर्मियो की मौखिक समस्याओं को सुना गया एंव उनका निवारण किया गया। सम्पर्क सभा में पुलिस लाईन की सफाई व्यवस्था हेतु पुलिस लाईन में रहने वाले समस्त पुलिस कर्मियों को निर्देश दिये गये तथा पुलिस लाईन की सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु अति0 पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया।



--

गडकरी को दोबारा मिली अध्यक्ष की गद्दी



गडकरी को दोबारा मिली अध्यक्ष की गद्दी

सूरजकुंड। नितिन गडकरी के दूसरी बार भाजपा अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है। हरियाणा के सूरजकुंड में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पारित कर लिया गया। बैठक में पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी के संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा,जिसे 1200 सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। अभी तक भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का ही था। संविधान में संशोधन के बाद यह छह साल का हो जाएगा।

पार्टी के संविधान की धारा 21 में संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक कोई भी योग्य व्यक्ति दो बार अध्यक्ष बन सकता है। भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि कोई अपने आपम दोबारा अध्यक्ष बन सकता है। ऎसा प्रावधानों को सक्षम बनाने के लिए किया गया है। मई में मुंबई में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के संविधान में संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था लेकिन उसे पारित नहीं किया गया था।

गडकरी का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा था। पार्टी के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पारित होने के बाद अब वे दिसंबर 2015 तक पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने में संघ का हाथ है। संघ चाहता था कि गडकरी के नेतृत्व में ही भाजपा 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ें।

बार गर्ल के 20 ब्वॉयफ्रेंड,काम चोरी

बार गर्ल के 20 ब्वॉयफ्रेंड,काम चोरी

मुंबई। मुंबई की रेलवे पुलिस ने हाल ही में 20 साल की एक लड़की को गिरफ्तार किया था। पुलिस को पता चला है कि लड़की के 20 ब्वॉयफ्रेंड हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ब्वॉयफ्रेंड को खुश रखने के लिए वह लोकल ट्रेनों में चोरियां करती थी। आरोपी लड़की इस डर से चोरियां करती थी ताकि उसके ब्वॉयफ्रेंड उसे छोड़ न दें।

पुलिस के मुताबिक आरोपी लड़की के सभी ब्वॉयफ्रेंड 17 से 20 साल की उम्र के हैं। जीआरपी ने रेशमा शेख उर्फ यासमीन और सायरा शेख को पिछले सप्ताह ट्रांबे के चेतन पार्क से गिरफ्तार किया था। दोनों बार गर्ल है। पुलिस के मुताबिक रेशमा और सायरा टीम के रूप में काम करती थी। दोनों लोकल ट्रेनों में चैन स्नैचिंग में लिप्त थी। दोनों के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

पुलिस अभी तक इनसे चोरी का माल बरामद नहीं कर पाई हैं क्योंकि दोनों उन ज्वैलर्स के नाम नहीं बता रही है जिनको सोने की चैनें बेची थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रेशमा मास्टर माइंड है। वह अपने सभी ब्वॉयफ्रेंड को पॉश होटलों ले जाती थी। वह उन पर चोरी से मिला सारा पैसा खर्च कर देती थी ताकि वे उसे छोड़ न दें।

कुर्ला स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर शिवाजी धुमल ने बताया कि रेशमा और सायरा महिलाओं के डिब्बे में चढ़ जाती थी। दोनों की निगाह उन यात्रियों पर रहती थी जो सोने से लदी रहती थी। दोनों अचानक उस महिला यात्री से झगड़ा शुरू कर देती जो सोने से लदी होती थी। सायरा लगातार महिला से झगड़ा करती रहती। इस बीच रेशमा सोने की चैन पर हाथ साफ कर देती। ट्रेन की रफ्तार धीमी होने पर दोनों नीचे उतरकर फरार हो जाती।

पति से रूठी युवती से सेक्स,फिर धोखा

पति से रूठी युवती से सेक्स,फिर धोखा  
जयपुर। पति से रूठ कर अलग रहने वाली एक राजस्थानी युवती के साथ सेक्स और फिर जमीन के सौदे के नाम पर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीडित युवती जयपुर की रहने वाली है। पति से अलगाव के बाद अस्मत के साथ 5 लाख रूपए और जेवर भी गंवा चुकी पीडित युवती ने गुरूवार को जवाहर नगर थान में युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने शादी का झांसा देकर देहशोषण का मामला दर्ज कर,जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार पति से मनमुटाव के बाद पीडित महिला अपने पति से अलग रह रही थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात बनीपार्क थाना क्षेत्र के अशोक शर्मा से हुई। युवक ने बातों में पीडितों को फंसाते हुए जवाहर नगर में किराए से मकान दिला दिया और साथ रहने लगा। इसके बाद मई माह में आरोपी युवक ने पीडिता से प्लॉट खरीदने की बात कहते हुए रूपए मांगे,इस पर विवाहिता ने आरोपी को पांच लाख रूपए नकद दे दिए गए।

जमीन के चक्कर में जेवर भी गंवाए
दो महीने तक प्लॉट नहीं खरीदने के बाद इस बारे में पूछा गया तो आरोपी युवक ने राशि कम होने की बात कही व अधिक राशि देने को कहा। इस पर पीडिता ने अपने सोने के आभूष्ाण व अन्य सामान युवक को दे दिया लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया।

पुलिस को खबर पर मर्डर की धमकी

आरोपी युवक ने पीडित महिला को पुलिस में खबर करने पर धमकी भी दी। फोन पर पीडिता को इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पर जान से मार देने की बात कही।

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मामले की जांच आदर्श नगर एसीपी नरेश कुमार की ओर से की जा रही है। एसीपी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए दल को रवाना कर दिया है, शीघ्र आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

बच्ची को बैग में पैक कर छोड़ गई मां



बच्ची को बैग में पैक कर छोड़ गई मां

जयपुर। जयपुर के गांधी नगर थाना इलाका स्थित एक कॉलेज के पीछे एक बैग में नवजात कन्या मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से बैग के संबंध में जानकारी जुटाई लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने नवजात को इलाज के लिए जेके लोन अस्पताल में भर्ती करा दिया। बच्ची की हालत सामान्य बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार गांधी नगर थाना पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि थाना इलाका स्थित एक महिला कॉलेज के पीछे की गली में एक काले रंग बैग पड़ा हुआ है । बैग में से किसी के रोने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बैग को खोला तो उसमें जिंदा नवजात कन्या को पाया।

हिना के खिलाफ जारी हो सकता है फतवा

हिना के खिलाफ जारी हो सकता है फतवा
ढाका/न्यूयॉर्क। पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदरारी के पुत्र और पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो के साथ इश्क लड़ाना भारी पड़ सकता है।

बांग्लादेश के एक समाचार पत्र के मुताबिक हिना के खिलाफ फतवा जारी किया जा सकता है। समाचार पत्र इत्तेफाक के अनुसार इस्लाम में विवाहेत्तर संबंधों को गलत मानते हुए
पाक के कट्टरपंथी संगठन जल्द ही हिना व बिलावल के खिलाफ फतवा जारी कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति जरदारी को भी इसका इल्म है। वे कुछ आशंकित दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही हिना की कैबिनेट से विदाई हो सकती है। बिलावल को पीपीपी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।


बीते अगस्त में देर रात तक चैटिंग करने को लेकर हिना के पति फिरोज गुलजार ने वजह जाननी चाही तो हिना ने दो टूक कहा था कि वे बिलावल को राजनीतिक और कूटनीतिक मसलों पर समझाइश देती हैं,लेकिन ये सिलसिला जब हद से ज्यादा बढ़ गया तो दोनों में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।

सूत्रों के अनुसार मध्य अगस्त में हुई इस घटना के बाद हिना ने फिरोज से साफ कह दिया कि वे पति को तो छोड़ सकती हैं, लेकिन राजनीति को अलविदा कतई नहीं कहेंगी। हिना ने फिरोज से अपना नजरिया सुधारने को भी कह दिया।

थार की छाती पर हरियाली का परचम



थार की छाती पर हरियाली का परचम

कसी लगाम मरु प्रसार पर

- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी

बाड़मेर

दूर-दूर तक छितराये रेगिस्तान में हरियाली का मंजर देख पाना अकल्पनीय ही था मगर सरकारी प्रयासों सेअब थार धरा पर व्यापक पैमाने पर चल रही वन विकास व विस्तार गतिविधियों ने हरियाली ला दी है वहीं मरुस्थलके प्रसार पर लगाम कसने के लिए की जा रही कोशिशें भी रंग ला रही हैं।

दरख़्तों का संसार बिछा हरित राजस्थान में

राजस्थान प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 से सम्पूर्ण राज्य में हरितराजस्थान कार्यक्रम का आगाज किया गया। इस कार्यक्रम में वन विभाग के साथ ही अन्य राजकीय विभागों, आमजनएवं काश्तकारों द्वारा वृहत स्तर पर वृक्षारोपण कार्य करवाये जाते रहे हैं। बाड़मेर जिले में इस वर्ष अब तक 1.80 लाखपौधों का विभिन्न विभागों व आम जनता द्वारा रोपण किया जा चुका है।

नर्मदा नहर वृक्षारोपण परियोजना

नर्मदा नहर परियोजना से बाड़मेर जिले के 108 गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। वनविभाग द्वारा पर्यावरणीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में भूमिगत क्षार एवं लवण से वाटर लोगिंग केजरिये भूमि को खराब होने से बचाने, शैल्टर बैल्ट बनाकर नहरों में रेत जमा होने से रोकने और क्षेत्र के समग्रपर्यावरण को सुधारने की दृष्टि से मुख्य नहर एवं उसकी वितरिकाओं के समानान्तर वृक्षारोपण कार्य करवाया जा रहाहै। अब तक मुख्य नहर के समानान्तर दायंे व बायें 100 रनिंग कि.मी में वृक्षारोपण कार्य पूर्ण हो चुका है तथावितरिकाओं के समानान्तर 260 आर.के.एम. में वृक्षारोपण के कार्य प्रगति पर है।

रेगिस्तानी डग थामने के प्रयास

केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राजस्थान सरकार के सहयोग से मरुस्थलीय जिलों में मरुप्रसार रोक परियोजना के तहत शैल्टर बैल्ट वृक्षारोपण, वनीकरण वृक्षारोपण व टिब्बा स्थिरीकरण वृक्षारोपण कियेगये हैं।

बाड़मेर जिले में इस योजना के तहत कुल 25232 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य किये गये हैं, जिसकीवजह से रेतीली आंधियों, चलायमान टिब्बों से कृषि भूमि, आबादी, जलस्रोतों को बचाने एवं रेगिस्तान के प्रसार कोरोकने में काफी सफलता मिली है।

शहीदे आज़म भगत सिंह को किया याद दी श्रधांजलि

शहीदे आज़म भगत सिंह को किया याद दी श्रधांजलि


बाड़मेर राजस्थानी मोटियार परिषद् के तत्वाधान में स्थानीय डाक बंगलो में शहीदे आज़म भगत सिंह की जयंती समारोह का आयोजन राजस्थानी भाषा समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया के मुख्या आतिथ्य ,रणवीर सिंह भादू की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ,जयंती समारोह में मुख्या अतिथि द्वारा शहीदे आज़म भगत सिंह के चित्र पर पुष्पहार कर शर्धांजलि दी गई ,इस अवसर पर लक्ष्मण दान कविया ने कहा की अशहिदे आज़म की जयंती पर युवाओं द्वारा उन्हें याद करना सुखद आभास हें उन्होंने कहा की देश की आज़ादी में इन क्रांतिवीरो के कारण ही भारत को आज़ादी मिली उन्होंने कहा किसी भी अभियान को युवाओं के सहयोग के बिना सफलता नहीं मिलाती .इस अवसर पर शेर सिंह भुरटिया ने कहा की भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च, १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। इस अवसर पर चन्दन सिंह भाटी , नरेश देव सारण ,रिड़मल सिंह दांता रणवीर सिंह भादू ,दुर्जन सिंह गुडीसर रघुवीर सिंह तामलोर ,विजय सिंह खारा ,आवड सिंह सोढा ,अशोक सारला ,रमेश गौड़ ,दिनेशपाल सिंह लखा सहित कई लोग मोजूद थे ,सभी ने शहीदे आज़म को श्रधांजलि अर्पित की