कोटा गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया
कोटा जिला प्रशासन कोटा द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों की टीम, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस को तैनात किया गया है।
जिले में अभी तक सतर्कता के कारण कोई अनहोनी घटना या जान-माल को नुकसान नही हुआ है। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से अफवाहों को फैलने से रोकें तथा जिम्मेदार नागरिक के रुप मे प्रभावित लोगों का सहयोग करें.......।
*मुक्तानन्द अग्रवाल,*
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोटा*
गांधी सागर बांध का जल स्तर 1317 तक पहुंच गया है। पॉवर हाउस एवं सारे जेनरेटर पानी में डूब गए है। पुलिया क्षतिग्रस्त होने की स्तिथि में है। किसी को न. 8 से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। इसलिए हो सके तो घर पर ही रहे नीमच मार्ग की यात्रा को थोड़े समय के लिए टाल दे।
गांधी सागर ताजा अपडेट 1300000 क्यूसेक पानी आ रहा है और मात्र 500000 क्यूसेक पानी निकल रहा है गांधी सागर को हाई अलर्ट पर रख दिया है तथा सभी पर्यटकों का आना प्रतिबंधित कर दिया है तो जो गांधी सागर जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं वह हाल-फिलहाल कैंसिल करें
रात 2 बजे गांधीसागर में पानी।की आवक ज्यादा होने से डेम के ऊपर से निकला पानी
सभी अधिकारी एवं कर्मचारी लोगो ने डेम की विद्युत सप्लाय को बंद कर बाहर निकल आये
जानकारी विशेष सूत्रों से
गांधीसागर बांध के सभी कर्मचारियों बांध क्षेत्र से बाहर निकाल लिया गया है।
बताया जा रहा है की बांध के विद्युत उत्पादन केंद्र में पानी भर गया है।
बांध के सभी 19 ही गेट खोलने से लगभग 4.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसके बाद भी लगभग 9 लाख क्यूसेक पानी की आवक है।
हो सकता है बांध के ऊपर से भी पानी निकल जाए।
स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई हैं।
जिला कलक्टर द्वारा आम नागरिकों से अपील........ .*
सम्पूर्ण हाड़ौती एवं मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण चम्बल व उसकी सहायक नदियों में पानी की आवक बनी हुई है। गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
चम्बल, कालीसिंध, परवन एवं अन्य नदियों के किनारे बसे नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाकर जिला प्रशासन द्वारा भोजन, आवास, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
मेरा अनुरोध है पानी भराव वाले स्थानों से आमजन आश्रय स्थलों पर चले जाएं वहां प्रशासन व सामाजिक, धार्मिक संगठन द्वारा माकूल व्यवस्था की गई है।
नदियों के बहाव क्षेत्रो, पर्यटक महत्व के जलस्रोतों, पुलों, बांधो पर अनावश्यक भीड़ नही करें सुरक्षा कारणों से सेल्फी नही ले तथा पुलिस का सहयोग कर आवागमन को सुचारु बनाये रखें।
कोटा जिला प्रशासन कोटा द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों की टीम, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस को तैनात किया गया है।
जिले में अभी तक सतर्कता के कारण कोई अनहोनी घटना या जान-माल को नुकसान नही हुआ है। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से अफवाहों को फैलने से रोकें तथा जिम्मेदार नागरिक के रुप मे प्रभावित लोगों का सहयोग करें.......।
*मुक्तानन्द अग्रवाल,*
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोटा*
गांधी सागर बांध का जल स्तर 1317 तक पहुंच गया है। पॉवर हाउस एवं सारे जेनरेटर पानी में डूब गए है। पुलिया क्षतिग्रस्त होने की स्तिथि में है। किसी को न. 8 से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। इसलिए हो सके तो घर पर ही रहे नीमच मार्ग की यात्रा को थोड़े समय के लिए टाल दे।
गांधी सागर ताजा अपडेट 1300000 क्यूसेक पानी आ रहा है और मात्र 500000 क्यूसेक पानी निकल रहा है गांधी सागर को हाई अलर्ट पर रख दिया है तथा सभी पर्यटकों का आना प्रतिबंधित कर दिया है तो जो गांधी सागर जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं वह हाल-फिलहाल कैंसिल करें
रात 2 बजे गांधीसागर में पानी।की आवक ज्यादा होने से डेम के ऊपर से निकला पानी
सभी अधिकारी एवं कर्मचारी लोगो ने डेम की विद्युत सप्लाय को बंद कर बाहर निकल आये
जानकारी विशेष सूत्रों से
गांधीसागर बांध के सभी कर्मचारियों बांध क्षेत्र से बाहर निकाल लिया गया है।
बताया जा रहा है की बांध के विद्युत उत्पादन केंद्र में पानी भर गया है।
बांध के सभी 19 ही गेट खोलने से लगभग 4.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसके बाद भी लगभग 9 लाख क्यूसेक पानी की आवक है।
हो सकता है बांध के ऊपर से भी पानी निकल जाए।
स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई हैं।
जिला कलक्टर द्वारा आम नागरिकों से अपील........ .*
सम्पूर्ण हाड़ौती एवं मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण चम्बल व उसकी सहायक नदियों में पानी की आवक बनी हुई है। गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
चम्बल, कालीसिंध, परवन एवं अन्य नदियों के किनारे बसे नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाकर जिला प्रशासन द्वारा भोजन, आवास, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
मेरा अनुरोध है पानी भराव वाले स्थानों से आमजन आश्रय स्थलों पर चले जाएं वहां प्रशासन व सामाजिक, धार्मिक संगठन द्वारा माकूल व्यवस्था की गई है।
नदियों के बहाव क्षेत्रो, पर्यटक महत्व के जलस्रोतों, पुलों, बांधो पर अनावश्यक भीड़ नही करें सुरक्षा कारणों से सेल्फी नही ले तथा पुलिस का सहयोग कर आवागमन को सुचारु बनाये रखें।