सोमवार, 30 जून 2014

चांद दिखा, रहमतों का माहे रमजान आज से


चांद दिखा, रहमतों का माहे रमजान आज से

जैसलमेर रमजान का पाक महीना चांद दिखाई देने के साथ ही शुरू हो गया। जिले मे चांद दिखाई देने के साथ ही मोमिनोें मेें खुशी की लहर दौड़ गई। बरकतोें और रहमतोें का माहे रमजान सभी के लिए एक मौका है कि वे खुद के द्वारा जाने-अनजाने में किए गुनाहों के लिए तौबा करें। मोमिनों के लिए यह माफी का महीना होता है। यह साल के बारह महिनों में सबसे अधिक पाक तथा मुबारक होता है। माहे रमजान के दौरान जो अल्लाह की इबादत करता है उनके लिए नेकी का सबाब कई गुना अधिक बढ़ जाता है। माहे रमजान सिखाता है कि हमें किसी को सताना नहीं चाहिए। अल्लाह ने सभी के लिए रहम तथा मोहब्बत बख्शी है। फिर हम क्यों इसे नफरत में जाया करें, रमजान के दौरान जो सबसे खास ध्यान रखने वाली बात है, वह है सब्र। रमजान हमें खुद को काबू रखना सिखाता है। भूख और प्यास को काबू करना आसान है। लेकिन रमजान सिखाता है कि हम हाथ, कान, आंख तथा जुबान से कोई गुनाह करें। माहे रमजान के इबादत की सबसे बडी़ सीख है कि सभी इंसान नेक बंदे हैं।

चांद दीदार के लिए िदखा उत्साह 
हर मोमिन रमजान के आगाज के लिए चांद के इंतजार में दिखाई दिया। शाम ढलने के साथ ही लोग घरों से बाहर खुले स्थानों और छतों पर चढ़ कर चांद की सबसे पहले झलक देखने के लिए आसमान पर काफी देर तक नजरे जमाए बैठे रहे। चांद का दीदार होते ही अल्लाह का शुक्र अदा कर माहे रमजान का इस्तकबाल किया और एक दूसरे के गले लगकर माहे रमजान आगाज की बधाइयां दीं। 

नमाज की खास अहमियत 

माहे रमजान की नमाज की अपने आप में एक खास अहमियत है। माहे रमजान में किसी भी सूरत में नमाज का साथ छोड़ना चाहिए। रोजेदार को खजूर के साथ रोजा इफ्तार करना सबसे बेहतर रहता है। इफ्तारी के समय अकेले होकर समूह में इफ्तारी करना सबाब का होता है और इससे आपस में मोहब्बत का पैगाम जाता है। कुरआन शरीफ में अल्लाह ने फरमाया है कि हम तुम्हारा इम्तिहान लेंगे। अब जरूरत है तो सब्र को कायम रखने की। माहे रमजान इन हालातों में संयम रखने की सीख देता है। रमजान की इबादत सब्र के हौसलों को मजबूत बनाती है। माहे रमजान की इबादत करते हैं तो नेकी का जज्बा पैदा होता है। 

चांद दीदार के लिए िदखा उत्साह 
हर मोमिन रमजान के आगाज के लिए चांद के इंतजार में दिखाई दिया। शाम ढलने के साथ ही लोग घरों से बाहर खुले स्थानों और छतों पर चढ़ कर चांद की सबसे पहले झलक देखने के लिए आसमान पर काफी देर तक नजरे जमाए बैठे रहे। चांद का दीदार होते ही अल्लाह का शुक्र अदा कर माहे रमजान का इस्तकबाल किया और एक दूसरे के गले लगकर माहे रमजान आगाज की बधाइयां दीं। 

राेजे का समय 

सेहरी मंगलवार सुबह 4.20 बजे 
इफ्तार सोमवार शाम 7.47 बजे 

रविवार, 29 जून 2014

खुद की पत्नी को मां बनाने के लिए भतीजे से करवाया रेप -



हैदराबाद। आंध्रप्रदेश में स्थानीय कोर्ट ने खुद की ही पत्नी का भतीजे से रेप कराने के आरोप में एक युवक को 10 साल की सजा सुनाई है। पेंटन राजू नाम का यह युवक अपनी पत्नी का खुद के भतीजे से रेप करवाना चाहता था ताकि वह मां बन सके। भतीजे नवीन को भी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों दोषियों पर एक-एक हजार का जुर्माना भी लगाया है।
Man Asks Nephew to Rape Wife to `Get Her Pregnant`
शिकायत के मुताबिक 12 जनवरी 2010 नवीन ने अपनी ही चाची से रेप किया और जबकि राजू ने नवीन की सहायता करते हुए अपनी पत्नी को पकड़ रखा था। पीडिता द्वारा शिकायत दर्ज करवाए जाने के बाद दोनों आरोपियों को नारायणगुड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि राजू और पीडिता की साल 2004 में शादी हुई थी और एक लड़की भी पैदा हुई थी। लेकिन बच्ची के जन्म के कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद पीडिता मां नहीं बन पाई। जिसके बाद राजू चाहता था कि उसकी पत्नी उसके भतीजे नवीन के साथ शारीरिक संबंध बनाए ताकि वह मां बन सके।-

108 एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल और आज से आमरण अनसन शुरू।

108 एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल और आज से आमरण अनसन शुरू।
बीकानेर। आपातकाल की स्तिथि में काम आने वाली 108 एम्बुलेंस की हड़ताल आज 7वें दिन भी जारी रही। सरकार के अड़ियल रवैये के चलते आज दिन तक किसी भी सरकारी कर्मचारी ने108 के कर्मचारियों से बात तक भी नही की है ।
मरीजो का बुरा हाल----हड़ताल के कारण आम आदमी को 108 की सुविधा का कोई लाभ नही मिल रहा हैं मजबूरन लोगो को आपातकाल की स्तिथि में महंगे दामो में प्राइवेट व्हीकल किराहे पर ले जाना पड़ रहा है । 7 दिन की हड़ताल के बाद आज बीकानेर में 108 कर्मचारी यूनियन ने आमरण अनसन पर बेठने का निर्णय लिया है। आज आमरण अनसन पर 22 लोग बेठे जिसमे हर जिले के स्टाफ ने भाग लिया।
हमारे बाड़मेर जिले से emt हेमराज आमरण अनसन पर बेठे। जब तक इनकी जायज मांगे पूरी नही होगी तब तक ये हड़ताल और आमरण अनसन जारी रहेगा।

हनुमान बेनीवाल का आरोप वैभव गहलोत के थे भंवरी से सम्बन्ध ?

हनुमान बेनीवाल का आरोप वैभव गहलोत के थे भंवरी से सम्बन्ध ?

बाड़मेर खींवसर विधायक हनुमान बाड़मेर यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के भंवरी के साथ सम्बन्ध होने का सनसनीखेज दावा किया। बाड़मेर दौरे पर आये जाट नेता और खींवसर नागौर के निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा प्री पीएमटी घोटाला में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का पूरा हाथ हैं . उन्होंने कहा कि भंवरी मामले में महिपाल मदेरणा और दुसरे अन्य प्रकरण में जेल में बैठे बाबूलाल नागर को दस जनपथ के इशारे पर ही फंसाया गया और बाबूलाल नागर को फंसाने के लिए एक कांग्रेस नेता ने दस करोड़ रुपए का फाइंसेन्स किये गए . उन्होंने आरोप लगाया की कांग्रेस के बड़े नेता और प्रदेश प्रभारी रहे मुकुल वासनिक और अशोक गहलोत के पुत्र के भी भंवरी से संबंध थे साथ ही जोधपुर में उस वक्त आने वाले हर कलक्टर और दुसरे अधिकारी भंवरी के सम्पर्क में थे .

'मुसलमान को पूजती हैं उमा भारती, राम भक्त भी नहीं हैं'



हरिद्वार: साईं की पूजा पर मचा बवाल अब निजी हमले के साथ राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. द्वारिका पीठ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने जल संसाधन और गंगा अभियान से जुड़ी मंत्री उमा भारती पर बहुत ही तीखा और निजी हमला किया है.








हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरू शंकराचार्य ने कहा कि उमा भारती राम भक्त नहीं हैं और वह मुसलमानों की पूजा करती हैं.



उमा भारती के द्वारा साईं पूजा को सही बताने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद ने कहा, "उमा भारती राम भक्त नहीं हैं. वह मुसलमान की पूजा करती हैं. साईं मुसलमान थे."



उमा का जवाब



शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के इस बयान पर उमा ने जवाब देने से मना कर दिया है, लेकिन इतना जरूर कहा कि आस्था पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, और लोग मां बाप को भी भगवान मानते हैं.



उमा ने कहा, "भगवान में आस्था एक निजी विषय है. बच्चे अपने माता पिता को भी भगवान मानते हैं. ये उनकी आस्था है."



स्वरूपानंद के खिलाफ किसी निजी हमले से दूर रहते हुए उमा कहती हैं, "मैं स्वरूपानंद जी के खिलाफ कभी नहीं बोलती हूं और न ही बोलूंगी. स्वरूपानंद जी और बाक़ी सभी संतों का मेरे ऊपर आशिर्वाद है."



क्यों मचा बवाल?



आपको बता दें कि बीते दिनों शंकराचार्य स्वरूपानंद ने साईं पूजा को ग़लत ठहराया था, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है.



उमा भारती को राम भक्त नहीं बताने से पहले ने स्वरुपानंद ने कहा था कि उमा भारती साईं की पूजा का सर्मथन कर दबाब की राजनीति कर रही हैं.



उन्होंने कहा था, "उमा मंत्री हैं, भगवान नहीं हैं और उन्हें जनता ने शासन करने के लिए चुना है और वो धार्मिक व्यवस्थाओं में दखल ना दें."



आपको बता दें कि इससे पहले, हरिद्वार में साईं पूजा का सर्मथन करते हुए उमा ने कहा था कि वो खुद साईं भक्त हैं और यदि उनके भक्त साईं को भगवान मानते हैं तो क्या ग़लत है?



शंकराचार्य ने उमा भारती की गुरू भक्ति को ही सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि उमा ने जिस गुरू स्वामी विश्वेश तीर्थ से संन्यास की दीक्षा ली हैं वह साईं पूजा का विरोध कर रहे हैं.



शंकराचार्य के मुताबिक संनातन पंरपरा में सन्यासी गुरू भक्त होता है तो उमा कैसी सन्यासिनी है जो अपने गुरू के विरूद्ध जा रही हैं?

वृद्धा से एक दिन में दो बार बलात्कार

अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले के भगवानगंज इलाके मे एक साठ वर्षीय वृद्धा के साथ छह दिन पहले एक दिन में दो बार दुष्कर्म हुआ। 60 year old woman raped by two man in ajmer
पीडिता ने बीती रात रामगंज थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने शनिवार पीडिता का जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में मेडिकल मुआयना कराया। पुलिस एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरे की तलाश है।

पीडिता ने दर्ज शिकायत में बताया कि उसका पति विकलांग है और बेटा मेहनत मजदूरी करता है। गत 23 जून की दोपहर वह क्षेत्र के मंदिर के चबूतरे पर बैठी थी। इस दौरान भगवानगंज क्षेत्र का ही रहने वाल कनक वहां आया।

कनक पीडिता को मजार के दर्शन कराने के बहाने जंगल में ले गया। वहां आरोपी ने पीडिता के साथ दुष्कर्म किया। घर लौटने के बाद लोकलाज के भय से पीडिता ने अपने परिजन आपबीती नहीं सुनाई। शाम को वह मंदिर गई। वहां पर उसे भगवानगंज का ही रहने वाल राकेश मिला।

राकेश ने कहा कि उसके घर पर मीट पका है। वह मीट खिलाने के बहाने से उसे घर ले गया। घर पर राकेश ने पीडिता के साथ बलात्कार किया।

देर रात परिजन को घटना की जानकारी दी। शुक्रवार को पीडिता ने रामगंज थाने पहुंच कर मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने कनक को गिरफ्तार कर लिया।

बालक भगवान के समान है, उससे श्रम करवाना पाप है


बालक भगवान के समान है, उससे श्रम करवाना पाप है

लेखक:- गिरिराज गज्ज (एडवोकेट)
आज कल समाज में छोटी-छोटी बात को लेकर पारिवारीक झगडे बढ़ रहे हैं, जिसका अनुसरण कर बालक भी उसमें लिप्त हो जाते है, बालकों में यह प्रकृति आजकल निरन्तर बढ़ रही है। प्रषासन को इस बारें में कुछ कठोर निर्णय लेने चाहिये, और बालकों को इस प्रवृति से दूर रखने के लिये, उनको विद्यालयों में अच्छे साहित्य, और महापुरूषों की जीवनी का पठन करवाना चाहियें, उसके साथ साथ समाज के मौजिज व्यक्यिों को इस प्रकार के बालकों को सीधे रास्ते पर लाने के लिये विचार करना चाहिये। उनके द्वारा किये जा रहे अपराधों पर अकंुष लगाने के लिए, उनके पीछे किन व्यक्तियों का हाथ है, उनको प्रषासन द्वारा उनके सहयोगी के रूप में मुल्जिम बनाना चाहिये, आज कल समाज में बालकों के माध्यम से अपराध करवाने का कार्य भी किया जा रहा है। छोटे-छोटे बालक चोरीयों में लिप्त होकर धीरे-धीरे आगे जाकर बडी चोरीयों को अंजाम देने से नही चूकते है। बालक जो चोरी करते है, उनके द्वारा की चोरी में कौन कौन लाभ ल रहा है, उस विषय पर अनुसंधान प्रषासन को करना चाहिये, और उनके सहयोगीयों को भी पाबन्द करना चाहिये।

जब बालक बाल्य अवस्था मंे ही चोरी, डकैती, लूट व मारपीट और उससे भी ज्यादा अपराध करने शुरू कर देते है तो समाज में उसका विपरीत प्रभाव ही पड़ता है, और वह बालक जो एक बार बाल अपराधी के रूप में अपनी मन की बातें अन्य बालकों को सुनाते है तो वह भी उसी पथ पर चलने का मन बना लेते है। इसलिये बाल अपराधी के रूप में बालकों को कुछ दिन सुधार गृह में रखकर उन्हें महापुरूषों की जीवनी का अध्ययन करवाना चाहियें, उसके साथ साथ उन्हें धार्मिक ग्रन्थों का अध्ययन भी करवाना चाहिये। बालको के परिवार जनो को भी इस विषय में गोष्ठी के माध्यम से जानकारी देनी चाहिए अगर कोई बालक इस प्रकार की बदमाषी करे तो उसको सह नही देकर तुरन्त उसे सुधारने का प्रयत्न किया जाना चाहिये। सरकार ने बालकों के उपर गलत प्रभाव नही पड़े उसके लिये किषोर न्याय बोर्ड का गठन किया गया है, जहाॅं पर बाल अपचारीयों के मुकदमों का निस्तारण किया जाता है लेकिन कुछ बालक इस प्रक्रिया का लाभ लेकर शातिर अपराधी बन जाते है, और जब इस प्रकार तुरन्त ही उनको प्रकरण से राहत मिल जाती है, तो वह समाज के अन्य बालकों को अपने वृतान्त सुनाकर अपनी ओर अग्रसर करते है। सरकार की मंषा तो यह होती है कि बालको पर गलत प्रभाव न पड़े लेकिन उसके विपरीत वह बालक बाहर जाकर अपने अन्य मित्रों को अपने वृतान्त सुनाकर अपने कार्य को सही बताते है। जबकि ऐसे बाल अपचारीयों को कम से कम दो तीन दिन सुधार गृह में भेजकर कुछ प्रयत्न किये जावे तो, हो सकता है कि कुछ बालक सुधर जाने और उसके कारण समाज की नींव इन बालको के अपराध की प्रवृति कम हो सकें। समाज में बालको में सुधार होने से आने वाली पीढी अच्छी ईमानदार और देष व समाज के प्रति अच्छी सोच रखने वाली हो सकती है।

बालको में बढती अपराध की प्रकृति समाज को पतन के गर्त में ले जाती है, और बालक धीरे-धीरे इस अपराध की दुनिया का हिस्सा बन जाते है। बालको के लिये बने कानून का लाभ बालको को मिलना चाहिये, लेकिन उनको इन कामों में सहयोग करने वाले बालिग व्यक्तियों के प्रति प्रषासन को अपनी सोच बदल कर, उन सभी विषयों पर उचित निर्णय उठाना होगा जिससे बालक निरन्तर इन अपराधो का हिस्सा नही बन सके। बालको को सुधारना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है, वह भगवान का रूप् होते है, वह मिट्टी के समान होते है, उनको जिस तरह पढेगे वो उस रूप् में बन जायेगे। अर्थात् उनको अच्छे संस्कार दिये जाने के लिये ही सुधार गृह बनाये जाते है, उनको उसमें रखकर संस्कारित किया जा सकता है।

इस बढती प्रवृति को रोकने के लिये समाज के सभी व्यक्तियों को अपनी अच्छी सोच रखकर अपने-अपने बालको को अच्छे संस्कार दिये जाने चाहिये जिससे समान का विकास हो सके।

बाड़मेर सिन्धासवां के राशन डीलर की बदमाशी के आगे प्रशासन लाचार ,ग्रामीण परेशान

बाड़मेर सिन्धासवां के राशन डीलर की बदमाशी के आगे प्रशासन लाचार ,ग्रामीण परेशान 
बाड़मेर राशन डीलर की बदमाशी से परेशान सिन्धासवां के नागिरिक ,तीन बार निलंबित हुआ डीलर फिर बहाल ,नकली नोट चलने के जुर्म में जेल जा चूका डीलर

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के गुड़ा मालानी क्षेत्र के सिधासवा हर्नियां के लोग राशन डीलर की दादागिरी से परेशान हैं ,जिला रषद अधिकारी से लेकर जिला कलेक्टर तक के दरवाजे न्याय की आस में खटखटाने के बावजूद राशन डीलर के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी ,आदतन अपराधी किस्म के इस राशन डीलर को सत्ताधारी जान प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त होने के कारन प्रशासनिक अमला कोई कार्यवाही नहीं कर रहा ,सिन्धासवां के ग्रामीणो का एक दल जिला कलेक्टर से मिलकर डीलर की मनमानी के बारे में विस्तृत जानकारी दी ,कलेक्टर ने आश्वासन भी दिया मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई ,ग्रामीणो ने बताया की सिन्धासवा स्थित राशन डीलर गंगाराम के पास लुम्भावास और जुडी के राशन धरियो को सामग्री देने का भी जिम्मा हैं। इस दुकान पर 786 उपभोक्ता पंजीबद्ध हे जिन्हे राशन सामग्री वितरित की जनि होती हैं ,मगर राशन डीलर की मनमानी और दादागिरी के चलते सामग्री से वंचित रखा जाता हैं ,ग्रामीणो द्वारा पूर्व में शिकायत करने पर डीलर दोषी पाया गया उसका लाइसेंस 2012 और 2013 में निलंबित किया गया मगर राजनितिक पहुँच के चलते फिर बहाल किया गया ,इस बार फिर इसे बहाल किया गया मगर इसके द्वारा ग्रामीणो को सामग्री का वितरण नहीं करने के कारन ग्रामीणो में रोष और आक्रोश हैं ,ग्रामीण इस दुकानदार को हटाने के लिए रसद अधिकारी , अधिकारी ,तहसीलदार ,और जिला कलेक्टर से गुहार कर चुके हैं मगर किसी भी स्तर पर ग्रामीणो की सुनवाई नहीं हो रही ,राशन डीलर अपराधी प्रवर्ति का हैं ,डीलर नकली नोट प्रकरण में जेल जा चुका हैं ,इसके बावजूद उसका लाइसेंस निलंबित नहीं किया गया।
ग्रामीणो ने जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया की यदि डीलर को तत्काल हटाया नहीं गया तो जान आंदोलन करेंगे ,धरना और प्रदर्शन किया जायेगा ,


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बाड़मेर अंधेरगर्दी। ठेकेदार ने बस्ती को पानी से वंचित कर पाइप लाइन रिश्तेदार की ढाणी में बिछा दी


बाड़मेर अंधेरगर्दी। ठेकेदार ने बस्ती को पानी से वंचित कर पाइप लाइन रिश्तेदार की ढाणी में बिछा दी




ग्रामीणो की धमकी बात वसुंधरा राजे तक जायेगी


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी की मुखिया वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाख प्रयासों के बाद भी भाई भतीजावाद और राजनितिक द्वेष भावना बाड़मेर में काम नहीं हो रही। जिले के पाकिस्तान से सटे सरहदी गांव में चौंकाने वाला वाकया सामने आया। जहा ठेकेदार ने राजनितिक दबाव के चलते जिस बस्ती पेयजल पाइप लाइन योजना को स्वीकृत स्थान पर बिछाने की बजाय अपने रिश्तेदार के एक मात्र परिवार को लाभान्वित करने के लिए पाइप लाइन बिछा दी। ग्रामीण मामले मांग कर रहे हैं वाही दोषी ठेकेदार कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।


हुआ यूँ की गत वित्तीय वर्ष में शिव विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक और मंत्री अमिन खान की अनुसंशा पर बूठिया ग्राम पंचायत के पीरे का पर राजस्व गांव की हाजी कबूल की ढाणी को पेयजल पाइप लाइन योजना से जोड़ने की अनुसंशा पर जलदाय विभाग ने हाजी काबुल की ढाणी तक पाइप लाइन बिछाने के लिए निविदा आमंत्रित कर बाद में कार्यादेश जारी किया ,ठेकेदार अब तक ग्रामीणो को तकनिकी हवाला देते हुए गुमराह करता रहा की एक दो माह में काम शुरू हो जायेगा ,इस बार ग्रामीणो ने उच्च अधिकारियो से मिलकर समस्या बताई तो अधिकारी भौचंके रह गए की हाजी कबूल की ढाणी के लिए स्वीकृत योजना पूर्ण हो जिसका भुगतान भी उठ चुका हैं ,ग्रामीणो को जब बताया की योजना तो पूरी हो गयी ,ग्रामीणो ने इस सम्बन्ध ने अधिशाषी अभियंता शिव से मुलाकात की तो उन्होंने ग्रामीणो को टरका दिया ,बाद में साफ़ हुआ की राजनीती दबाव् बना कर ठेकेदार ने यह योजना अपने रिश्तेदार की ढाणी ले गया ,पाइप लाइन बिछा कर एम मात्र परिवार को फायदा पहुँचाया ,इस ढाणी में मात्र एक परिवार हे जबकि जिस ढाणी हाजी कबूल के लिए स्वीकृत की गयी थी वहा दो दर्जन से अधिक परिवार रहते हैं , पेयजल की किल्लत के बीच पाइप योजना में हुए घोटाले की जानकारी उच्च अधिकारियो तक ग्रामीणो द्वारा पहुँचाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की ,सत्ताशीन लोगो के दबाव और अधिकारियो की अंधेरगर्दी के कारन ग्रामीणो का पानी पीने का हक़ छें लिया गया ,ग्रामीण सोमवार से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धन पर बैठने की तयारी में जुटे हैं।




ग्रामीण सफी मोहम्मद ने बताया की राजनितिक कारणों के चलते गरीब जनता का अधिकार छीन कर अपने रिश्तेदार को फायदा पहुंचा के ठेकेदार ने न केवल राज्य सरकार की योजना को पलीता लगाया बल्कि भरस्टाचार कर पैसे भी , हमारा अधिकार छीनने वाले अधिकारी ,कर्मचारी और ठेकेदार के खिला ग्रामीण शीघ्र मोर्चा खोलेंगे ,बात मुख्यमंत्री तक जायेगी।

राजस्थान का गौरव है चित्तौड़गढ़ का दुर्ग



चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान का सबसे बड़ा किला है। किला चित्तौड़गढ़ के शानदार इतिहास को बताता है। किला इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। किला जमीन से लगभग 500 फुट ऊंचाई वाली एक पहाड़ी पर बना हुआ है। किले तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं है। इस किले में पहुंचने के लिए एक खड़े और घुमावदार मार्ग से होकर जाना होता है। इस किले में सात दरवाजे हैं जिनके नाम हिंदू देवताओं के नाम पर पड़े हैं। प्रथम प्रवेश द्वार पैदल पोल के नाम से जाना जाता है, जिसके बाद भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और अंत में राम पोल है जो सन 1459 में बनवाया गया था। किले की पूर्वी दिशा में स्थित प्रवेश द्वार को सूरज पोल कहा जाता है। इस किले में कई सुंदर मंदिरों के साथ-साथ रानी पद्मिनी और महाराणा कुम्भ के शानदार महल हैं। किले में कई जल निकाय हैं जिन्हें वर्षा या प्राकृतिक जलग्रहों से पानी मिलता रहता है। दुर्ग अनेक दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थानों से परिपूर्ण है।


इतिहास

चित्तौड़गढ़ किला राजपूत शौर्य के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखता है। यह किला 7वीं से 16वीं शताब्दी तक सत्ता का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह किला 500 फुट ऊंची पहाड़ी पर खड़ा है। यह माना जाता है कि 7वीं शताब्दी में मोरी राजवंश के चित्रांगद मोरी द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था।

आक्रमण

किले के लंबे इतिहास के दौरान इस पर तीन बार आक्रमण किए गए। पहला आक्रमण सन 1303 में अलाउद्दीन खलिजी द्वारा, दूसरा सन 1535 में गुजरात के बहादुरशाह द्वारा तथा तीसरा सन 1567-68 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा किया गया था। इसकी प्रसिद्ध स्मारकीय विरासत की विशेषता इसके विशिष्ट मजबूत किले, प्रवेश द्वार, बुर्ज, महल, मंदिर, दुर्ग तथा जलाशय स्वयं बताते हैं जो राजपूत वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने हैं।

प्रवेश द्वार

इस किले के सात प्रवेश द्वार हैं। सूरज पोल, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और राम पोल।

कब जाएं

अक्टूबर से मार्च

मार्ग स्थिति

चित्तौड़गढ़ का किला चित्तौड़गढ़ बूंदी रोड से लगभग 4 से 5 किमी की दूरी पर स्थित है।

बोली जानी वाली भाषा

हिंदी, राजस्थानी, अंग्रेजी

कैसे पहुंचें

हवाई जहाज, रेल, बस आदि से पहुंचा जा सकता है।

क्या देखें

जैन कीर्तिस्तंभ, महावीरस्वामी का मंदिर, पद्मिनी का महल, कालिका माई का मंदिर

कहां ठहरे

यहां ठहरने के लिए कई होटल और धर्मशाला है।

क्या खाएं

दाल-बाटी, चूरमा आदि राजस्थानी भोजन।

बुद्घ के प्रवचन सुनने के बाद वेश्या ने किया ऐसा काम हैरान रह जाएंगे

महात्मा बुद्ध की एक आदत थी, वह प्रवचन देने के बाद अंत में तीन बार कहते अपना अपना काम करो। एक बार महात्मा बुद्ध के प्रिय शिष्य आनंद ने बुद्ध से यह प्रश्न किया कि प्रभु आप हमेशा प्रवचन के अंत एक ही बात तीन बार क्यों कहते हैं कि 'अपना अपना काम करो'। महत्मा बुद्ध ने कहा कि प्रवचन में हर दिन कुछ नए लोग होते हैं जिन्हें समझाने के लिए यह एेसा करना जरुरी है।buddha jyanti buddha katha
 शिष्य के चेहरे को देखकर बुद्ध को लगा कि शिष्य उनकी बातों से संतुष्ट नहीं हुआ। इसलिए बुद्ध ने आनंद से कहा कि आज के प्रवचन में एक चोर, एक साधु आैर एक वेश्या शामिल हुई थी। तुम जाकर सुबह उनसे मिल लो


एक बार की बात है महात्मा बुद्ध संध्या के समय प्रवचन दे रहे थे। एक वेश्या भी प्रवचन सुनने वालों के बीच में आकर बैठ गई। बुद्ध जानते थे कि सभा में एक वेश्या भी बैठी है। और वह इस ओर किसी प्रकार का ध्यान दिए बिना प्रवचन देते रहे।


बुद्ध ने जब अपनी बात कह ली और सभा समाप्त होने लगी तो बुद्ध ने तीन बार यह वचन दुहराया कि अपना अपना काम करो। सभा सामाप्त हुई सभी अपने अपने घर लौट गए। वेश्या ने बुद्ध के अंतिम वचन को गांठ बांधकर रख लिया और जाकर महफिल सजाने में जुट गई। वेश्या ने उस रात अति उत्तम नृत्य किया। राजे महाराजे ने खूब धन लुटाए। इसके बाद वेश्या ने तय किया कि वह फिर कभी नृत्य नहीं करेगी क्योंकि उसे एक रात में इतना धन प्राप्त हो गया था कि उसे फिर उसे नृत्य करने की जरुरत नहीं थी।

वेश्या ने बुद्ध के वचनों को सांसारिक रुप में लिया था लेकिन बुद्ध के कहने का तात्पर्य था। मानव जीवन मुक्ति प्राप्ति के लिए मिला है। अपना यह काम करो ईश्वर का ध्यान करते हुए उसमें लीन हो जाओ। बुद्ध के इस विचार को उस साधु ने समझा था जो बुद्ध की उसी सभा में बैठा बुद्ध के वचनों को सुन रहा था। बुद्ध ने कहा है मनुष्य को हमेशा अपना काम करते रहना चाहिए। अपना कर्तव्य पालन करने वाले का कभी अहित नहीं होता।

आखिर क्यों आते हैं हर साल रमजान, क्या है रोजे का मतलब?

इस्लाम धर्म में अच्छा इंसान बनने के लिए पहले मुसलमान बनना आवश्यक है और मुसलमान बनने के लिए बुनियादी पांच कर्तव्यों का अमल में लाना आवश्यक है। पहला ईमान, दूसरा नमाज़, तीसरा रोज़ा, चौथा हज और पांचवा ज़कात।meaning of roza ramzaan

इस्लाम के ये पांचों कर्तव्य इंसान से प्रेम, सहानुभूति, सहायता तथा हमदर्दी की प्रेरणा देते हैं। रोज़े को अरबी में सोम कहते हैं, जिसका मतलब है रुकना। रोज़ा यानी तमाम बुराइयों से परहेज़ करना। रोज़े में दिन भर भूखा व प्यासा ही रहा जाता है। इसी तरह यदि किसी जगह लोग किसी की बुराई कर रहे हैं तो रोज़ेदार के लिए ऐसे स्थान पर खड़ा होना मना है।

जब मुसलमान रोज़ा रखता है, उसके हृदय में भूखे व्यक्ति के लिए हमदर्दी पैदा होती है।रमज़ान में पुण्य के कामों का सबाव सत्तर गुना बढ़ा दिया जाता है। ज़कात इसी महीने में अदा की जाती है।

रोजा झूठ, हिंसा, बुराई, रिश्वत तथा अन्य तमाम गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है। इसका अभ्यास यानी� पूरे एक महीना कराया जाता है ताकि इंसान पूरे साल तमाम बुराइयों से बचे।

कुरआन में अल्लाह ने फरमाया कि रोज़ा तुम्हारे ऊपर इसलिए फर्ज़ किया है, ताकि तुम खुदा से डरने वाले बनो और खुदा से डरने का मतलब यह है कि इंसान अपने अंदर विनम्रता तथा कोमलता पैदा करे?

शनिवार, 28 जून 2014

बाड़मेर में चिंकारा का फिर शिकार

बाड़मेर। बाड़मेर में एक बार फिर से चिंकारा शिकार की घटना सामने आई है। chinkara huntin again in barmer
वन्य प्रेमियों और शिकारियों के बीच हुए संघर्ष में शिकारी मौके से भाग छूटे।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने चिंकारा के शव का पोस्टमार्टम करवा शव दफना दिया है।

पुलिस के अनुसार गीड़ा थाना क्षेत्र के कानोड़ गांव में शनिवार तड़के सुबह शिकारियों ने एक गर्भवती मादा चिंकारा का शिकार किया।

गोली की आवाज सुनकर जाग होने से वन्यजीव प्रेमियों ने शिकारियों को भागते देखा। ग्रामीणों ने शिकारियों का पीछा किया लेकिन संघर्ष के दौरान शिकारी मौके से भाग छूटे।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित वन्यजीव प्रेमियों को शांत करवाया।

पुलिस ने चिंकारा के शव का पोस्टमार्टम करवा दफना दिया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष नौ चिंकारा का शिकार किया गया था।

शरद पवार के साथ नजर आए गौतम अडाणी



माउंट आबू। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृषि मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार शनिवार को माउण्ट आबू में प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडाणी के साथ नजर आए। वह यहां पर गुप्त रूप से निजी यात्रा पर पहुंचे थे। पवार व अडाणी बंद गाडियों में यात्रीकर नाके से शहर में आए बिना ही बाईपास पिलग्रिम रोड होते हुए सीधे ही देलवाड़ा पहंुचे।
Sharad Pawar meets secretly with Gautam Adani in Mount Abu
दोनो ने देलवाड़ा जैन मंदिर का अवलोकन किया। मंदिर प्रबंधक अमृत मरडिया, दीपक भोजक आदि ने मंदिर के इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने करीब आधा घंटा मंदिर कलाकृतियों को देखा। इस दौरान वे मीडियाकर्मियों से भी बचते रहे।

मीडिया से बात करना तो दूर दोनों फोटो खिंचवाने से भी मना करते रहे। पवार सीधे ही ओरिया गांव स्थित एक निजी भवन में ठहरने के लिए चले गए जहां दिन भर बंद कमरे में अडाणी के साथ गुफ्तगू करते रहे।

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मुख्यमंत्री राजे की अधिकारियों को कड़ी चेतावनी

चूरू। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को अधिकारियों कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि काम में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। chief minister raje warn officers in sarkar aapke dwar program
राजे ने कहा कि अधिकारियों को आज का काम कल और कल का काम परसों की आदत छोड़नी होगी।

सीएम राजे ने सरदार शहर में जन सुनवाइ्र के दौरान अधिकारियों को ये चेतावनी दी। राजे ने कहा कि हम सबको मिलकर काम करने की सोच विकसित क रनी होगी।

ऎसा होने से ही हम राजस्थान के नव निर्माण का सपना साकार कर पाएंगे। राजे ने अधिकारियों से विकास कार्यो में गुणवत्ता रखने के निर्देश देते हुए कहा कि विकास कार्यो में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी-कर्मचारी सबकी प्राथमिकता जनता के आंसू पोंछने की होनी चाहिए । राजे ने रतनगढ़ के सेठ सूरजमल जालान चिकित्सालय और पडिहारा हवाई पट्टी का भी निरीक्षण किया।

राजे ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर जनसुनवाई का पहला प्रयोग बताया है।