रविवार, 29 जून 2014

'मुसलमान को पूजती हैं उमा भारती, राम भक्त भी नहीं हैं'



हरिद्वार: साईं की पूजा पर मचा बवाल अब निजी हमले के साथ राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. द्वारिका पीठ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने जल संसाधन और गंगा अभियान से जुड़ी मंत्री उमा भारती पर बहुत ही तीखा और निजी हमला किया है.








हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरू शंकराचार्य ने कहा कि उमा भारती राम भक्त नहीं हैं और वह मुसलमानों की पूजा करती हैं.



उमा भारती के द्वारा साईं पूजा को सही बताने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद ने कहा, "उमा भारती राम भक्त नहीं हैं. वह मुसलमान की पूजा करती हैं. साईं मुसलमान थे."



उमा का जवाब



शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के इस बयान पर उमा ने जवाब देने से मना कर दिया है, लेकिन इतना जरूर कहा कि आस्था पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, और लोग मां बाप को भी भगवान मानते हैं.



उमा ने कहा, "भगवान में आस्था एक निजी विषय है. बच्चे अपने माता पिता को भी भगवान मानते हैं. ये उनकी आस्था है."



स्वरूपानंद के खिलाफ किसी निजी हमले से दूर रहते हुए उमा कहती हैं, "मैं स्वरूपानंद जी के खिलाफ कभी नहीं बोलती हूं और न ही बोलूंगी. स्वरूपानंद जी और बाक़ी सभी संतों का मेरे ऊपर आशिर्वाद है."



क्यों मचा बवाल?



आपको बता दें कि बीते दिनों शंकराचार्य स्वरूपानंद ने साईं पूजा को ग़लत ठहराया था, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है.



उमा भारती को राम भक्त नहीं बताने से पहले ने स्वरुपानंद ने कहा था कि उमा भारती साईं की पूजा का सर्मथन कर दबाब की राजनीति कर रही हैं.



उन्होंने कहा था, "उमा मंत्री हैं, भगवान नहीं हैं और उन्हें जनता ने शासन करने के लिए चुना है और वो धार्मिक व्यवस्थाओं में दखल ना दें."



आपको बता दें कि इससे पहले, हरिद्वार में साईं पूजा का सर्मथन करते हुए उमा ने कहा था कि वो खुद साईं भक्त हैं और यदि उनके भक्त साईं को भगवान मानते हैं तो क्या ग़लत है?



शंकराचार्य ने उमा भारती की गुरू भक्ति को ही सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि उमा ने जिस गुरू स्वामी विश्वेश तीर्थ से संन्यास की दीक्षा ली हैं वह साईं पूजा का विरोध कर रहे हैं.



शंकराचार्य के मुताबिक संनातन पंरपरा में सन्यासी गुरू भक्त होता है तो उमा कैसी सन्यासिनी है जो अपने गुरू के विरूद्ध जा रही हैं?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें