रविवार, 23 मार्च 2014

जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब


डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह कि टिकट काटने के बाद पहली बार गृह जिले बाड़मेर कि सीमा में प्रवेश पर हज़ारो समर्थको ने पहुँच जसवंत का उत्साह के साथ स्वागत कर उनके समर्थन में नारे लगाये। जसवंत का उनके समर्थक बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे ,खुली जीप में सवार जसवंत सिंह के साथ करीं आठ किलोमीटर लम्बी वाहन रेली साथ थी ,आठ किलोमीटसर् सड़क मार्ग जसवंत समर्थको से भरा था ,


कद्दावर नेता जसवंत सिंह कि भाजपा द्वारा टिकट काटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए जसवंत सिंह रविवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे बाड़मेर जिले कि सरहद पर पहुंचे जहा अपर जनसमूह ने जसवंत का जोरदार स्वागत कर उनकी हौसला अफजाई कि। यहाँ पहुंचे जसवंत सिंह हज़ारो कि तादाद में समर्थक देख गाड़ गाड़ हो गए ,जसवंत सिंह के काफिले में डोली से पचपदरा तक वाहनो का रेला लगा था ,


जसवंत सिंह का डोली ,सरवड़ी ,कल्याणपुरा ,धावा ,अराबा ,पटाऊ ,नागाणा में भी हज़ारो कि टाडा में समर्थक पहुंचे ,जसवंत सिंह ने कुल देवी नागनेशिया माता मंदिर में धोक लगा नागाणा माता का आशीर्वाद भी लिया ,जसवंत सिंह का पचपदरा पहुँचाने पर खारवाल समाज द्वारा स्वागत किया गया ,जसवंत सिंह के रोड शो में उमड़े जन समूह ने उनकी लोकप्रियता के संकेत विरोधियो को दे दिए ,

भगत सिंह की कुर्बानी का दिन है आज

भारतीय इतिहास में 23 मार्च 1931 एक सुनहरे दोनों ही अर्थो में लिखा गया था। आज ही के दिन इंकलाब जिंदाबाद करने वाले क्रांतिकारी भगतसिंह तथा उनके साथी सुखदेव और राजगुरू को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। स्वयं को नास्तिक मानने वाले भगतसिंह कहते थे कि देश की आजादी सिर्फ अपने बूतेहासिल की जा सकती है और इसके लिये ईश्वर का सहारा लेना बेमानी है। शहीदे आजम के अनुसार ईश्वर की मौजूदगी का अहसास व्यकित को कमजोर बनाता है।भगत सिंह की कुर्बानी का दिन है आज
लाहौर जेल में बंदी धार्मिक स्वाभाव के क्रांतिकारी बाबा रणधीर सिंह द्वारा नास्तिक और घंमडी कहे जाने पर शहीदे आजम ने डायरी में अपना पक्ष रखते हुये लिखा,"मैं अहंकारवश सर्वशकितमान ईश्वर पर विश्वास नही करता हूं यह मानना गलत है। क्योंकि व्यकितगत अहंकार वह है जिसमें मनुष्य खुद को ईश्वर का प्रतिद्धंदी समझने लगे अथवा स्वंय को ही ईश्वर मानने लगे। ऎसा व्यक्ति किसी न किसी रूप में ईश्वर के अस्तित्व को मानता है जिसका अर्थ वह सात्विक है।" आर्यसमाजी परिवार में 28 सितम्बर 1907 को जन्मे भगतसिंह अपने विद्यार्थी जीवन में वह दो प्रहर गायत्री मंत्र का जाप करते थे और सिख होने के नाते लंबे केश रखते थे मगर स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हे अराजकतावादी नेता बाकु निन, साम्यवाद के पिता मार्क्स के अलावा क्रांतिकारी लेनिन और त्रात्सकी को पढ़ने का मौका मिला।

यह सभी नास्तिक थे और अपनी बदौलत एक बड़े लक्ष्य को हासिल कर सके। भगत सिंह ने लिखा, मैं एक मनुष्य हूं और इससे अधिक कुछ और नही। मेरा जन्म भारत माता को गुलामी के बेडियों से मुक्त कराने के लिये हुआ है और इसके लिये मुझे किसी ढाल अथवा सहारे की जरूरत नहीं। इसके लिये बटुकेश्वर दत्त समेत मेरा कोई मित्र मुझे नास्तिक अथवा घंमडी कहे इससे मेरा लक्ष्य अथवा सोच नही बदल सकती।

शहीदे आजम ने लिखा कि सीआईडी अधीक्षक न्यूमन ने 1927 में लाहौर में उनसे काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारियों का नाम बताने के बदले रिहाई का प्रस्ताव कि या जिसे नकारने पर उन्हें मौत की सजा भुगतने के लिये तैयार रहने की चेतावनी दी । जेल अधिकारियों ने सजा से बचने के लिये उन्हे न्यूमन की सलाह मानने अथवा दो समय ईश्वर का मंत्र जपने की सलाह दी। मगर नास्तिक होने के कारण उनकी यह तरकीब काम न आ सकी। भगतसिंह ने 12 वर्ष की अल्प आयु में ही जलियांवाला बाग नरसंहार से क्रोधित भगतसिंह ने जनरल डायर समेत समूची अंग्रेजी हुकूमत का सफाया करने का संकल्प ले लिया था।

वर्ष 1921 में महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेज सरकार के खिलाफ चलाए गए असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिये भगत सिंह ने स्कूली शिक्षा की तिलांजलि दे दी थी । वर्ष 1922 में गोरखपुर के चौरीचौरा कांड से भगत बहुत व्यथित हुए थे और उन्होने अंहिसा का रास्ता छोड़कर देश को आजाद कराने का संकल्प लिया था। परिजनों की मर्जी के अनुसार विवाह से इंकार करने के सवाल पर क्रातिकारी का कहना था कि उच्च कोटि के प्रेम के लिये स्वतन्त्रता का वातावरण चाहिये और इसलिए वह देश को गुलामी के बंधन से आजाद किये बिना विवाह के लिये सोच भी नही सकते। लाहौर सेन्ट्रल जेल में फांसी पर झूलने से पहले उन्होने अंग्रेज मजिस्ट्रेट को कहा था कि आप बेहद भाग्यशाली है जो आपको यह देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है कि एक भारतीय अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये किस तरह हंसते हंसते फांसी पर लटकना पसंद करता है।

'अस्तित्व खो रहा तिलवाड़ा पशु मेला'




बालोतरा सा'ब मेळा रो पूरो ही मटीयामेट हो ग्यो है, अठे बरसों सूं आवों हो पर अबे कसम खावों के अगली बार आवों तो राम दुहाई...ये पीड़ा है विश्व विख्यात श्रीमल्लीनाथ तिलवाड़ा अश्व मेले में पहुंचे पशुपालकों की। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते साल दर साल यह मेला अपना अस्तित्व खोने लगा है। जहां पहले इस मेले में पूरे देशभर से पशुपालक पहुंचते थे और विदेशों से भी पर्यटक उम्दा नस्ल के अश्व खरीदने व देखने पहुंचते थे। अब अव्यवस्थाओं के चलते मेला एक चौथाई ही नहीं भरता। दशकों से आ रहे कई पशुपालक पहुंचते हैं, उनकी इतनी बुरी गत होती है कि वे कसम खाते हैं कि अगली बार नहीं आएंगे। मेले में अब तक करीब पांच सौ पशु व सैकड़ों पशुपालक पहुंच चुके है। रविवार से पशु पालन विभाग की ओर से यहां चौकियां स्थापित की जाएगी और 27 मार्च को झंडारोहण होगा।    शनिवार को मेले में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पशुपालकों की दयनीय स्थिति सामने आई।

पशुपालक खरीदते हैं दो रुपए लीटर पानी : 

करीब दो दशकों से हर बार मेले में आने वाले पाली जिले से यहां पहुंचे पशुपालक काजीखां कहते हैं पशुपालन विभाग की ओर से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हमे 50 लीटर का जरीकेन यहां एक सौ रुपए में खरीदकर खुद की व पशुओं की प्यास बुझानी पड़ रही है। ऐसे में मेला बहुत ही महंगा साबित हो रहा है। मेलों की ऐसी बुरी गत के चलते अब तो पशुपालन से ही मोहभंग होने लगा है।
तावड़े तपों हों, पाणी ने तरस ग्या
पाली के पास ही रावलसा से आए जसराज पुरोहित तो जैसे बिफर ही गए। पुरोहित यहां 22 वर्षों से आ रहे हैं। वे कहते हैं, हर साल अव्यवस्थाएं बढ़ ही रही है। सरकार एक तरफ पशुपालकों को बढ़ावा देने की बात करती है और यहां तो परेशान किया जा रहा है। पुरोहित कहते हैं न पानी की व्यवस्था है और न ही चारे की। जबकि पहले रियायती दरों पर चारा मिलता था, बकायदा बिजली-पानी की व्यवस्था रहती थी।
कब कोई लूट ले : मेड़ता से आए किशनाजी प्रजापत तो दो दिन पूर्व मेले में हुई जहरखुरानी की घटना से घबराए हुए हैं। वे कहते हैं मेले में चल एटीएम लगाने की मांग हर बार उठती है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। पशुपालन विभाग के अधिकारी गौर ही नहीं करते। यदि जिम्मेदार विभाग किसी बैंक से बात करे तो यहां चल एटीएम की व्यवस्था आराम से हो जाए।
वे कहते हैं यहां हर पशु व्यापारी खरीद-फरोख्त के लिए आता है तो लाजमी है लाखों रुपए पास में होते हैं। ऐसे में हर वर्ष यहां जहरखुरानी की घटनाएं बढ़ गई है। इससे गरीब पशु पालक तो लुटता ही है, किसी की जान तक जा सकती है।

पानी के कार्यादेश हो गए हैं, रियायती दर पर चारा
॥पानी सप्लाई के कार्यादेश आज ही हुए हैं। शाम को पानी के टैंकर पहुंचा दिए थे। रियायती दर पर चारे के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी व्यवस्था करती है, इसके लिए कल ही बात करेंगे।
बीआर जेदिया,
जिला पशुपालन अधिकारी, बाड़मेर

बीजेपी के बागी फौजी जसवंत के संपर्क में राजस्थान कांग्रेस

बीजेपी के बागी फौजी जसवंत के संपर्क में राजस्थान कांग्रेस : बाड़मेर, जैसलमेर के 8 विधायकों को वसुंधरा ने जयपुर बुलाया



मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को बाड़मेर जैसलमेर के सभी आठ विधायकों को जयपुर  बुलाया हें। सूत्रानुसार शनिवार को मुख्यमंत्री  कार्यालय से फोन आये थे। बताया जाता हें कि वसुंधरा राजे विधायको को भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के साथ  लगा कर कम करने को। कहेगी दबाव बनाएगी। चौबीस मार्च को जसवंत सिंह नामांकन दाखिल कर रहे हें वसुंधरा को भनक लगी हें कि विधायक जसवंत सिंह के साथ जायेंगे। इधर जसवंत सिंह के राजस्थान में आते ही वसुंधरा राजे से असंतुष्ट विधायक और अन्य भाजपाई संपर्क में आ गए।  

शनिवार, 22 मार्च 2014

जसवंत सिंह का निर्णय चुनाव समिति ने नही किया, मैं बहुत दुखी हूं: सुषमा



लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के टिकट को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति में निर्णय नही हुआ है. उन्‍होंने कहा कि जो भी फैसला जसवंत सिंह को लेकर हुआ है, उससे मैं काफी आहत हूं.
सुषमा स्‍वराज
सुषमा स्‍वराज के आज यहां पहुंचने पर जब संवाददाताओं ने जसवंत सिंह की नाराजगी को लेकर उनसे पूछा, तो उन्होंने कहा कि जहां तक जसवंत सिंह का सवाल है, ये निर्णय पार्टी ने किया है. ये साधारण निर्णय नहीं है.

उन्होंने कहा असाधारण निर्णय अकारण तो नही लिए जाते हैं. कोई न कोई कारण रहा होगा. ये वो टिकट है, जिसे चुनाव समिति में तय नही किया गया है. ये बाद में तय हुई है.



प्रदेश की विदिशा संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इस निर्णय से दुख पहुंचा है. गौरतलब है कि सुषमा पहले भी हाल में पार्टी के कुछ फैसलों का विरोध कर चुकी हैं.

सुषमा की आपत्ति के बावजूद श्री रामुलु को ना सिर्फ बीजेपी ज्‍वॉइन कराई गई बल्कि उन्‍हें बेल्‍लारी सीट से बीजेपी का लोकसभा उम्‍मीदवार भी बनाया गया.

गजब! "मुर्गी के अंडे" से प्रेगनेंट होकर बन गई मां!

जयपुर। यह सोचने में ही अजीब सा लगता है कि भला कोई महिला मुर्गी के अंडे से कैसे मां बन सकती है, लेकिन यह सच है। 23 साल लॉरेन डोनाकी के साथ कुछ ऎसा ही वाकया हुआ कि उसें मां बनने के लिए मुर्गी के अंडे का सहारा लेना पड़ा।
दरअसल लॉरेन के साथ एक समस्या थी कि जब भी वो गर्भधारण उसके कुछ दिनों बाद ही गर्भपात हो जाता। ऎसा एक या दो बार नहीं बल्कि 6 बार हो चुका था। इसका कारण भी समझ नहीं आ रहा था।

अंत में लॉरेन ने डॉक्टर की सलाह ली तो सामने आया कि उसके गर्भाशय में ऎसे किलर सेल्स हैं जो उसके सभी अंडाणुओं को खत्म कर देते हैं। इस समस्या को लेकर वह बड़ी परेशान हो गई, लेकिन डॉक्टरों ने इसका उपाय ढूंढ निकाला।

डॉक्टरों ने लॉरेन के गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स को खत्म करने के लिए "ऎग योल्क" नामक ट्रीटमेंट निकाला। इस ट्रीटमेंट के तहत मुर्गी के अंडे के पीले भाग को सोयाबीन तेल, ग्लीसरीन और पानी में मिलाकर एक खास प्रकार का फैट तैयार किया।

मुर्गी के अंडे से तैयार इस फैट को लॉरेन के खून में डाल दिया गया जिससें उसके गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स का असर कम हो गया जिसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।

बाड़मेर सर्वधर्म समाज ने जसवंतसिंह के समर्थन में की सभा


बाड़मेर सर्वधर्म समाज ने जसवंतसिंह के समर्थन में की सभा
बाड़मेर 22 मार्च  शनिवार को स्थानीय कुम्भावत समाज के छात्रावास में सर्व समाज की एक बैठक रखी गर्इ जिसमें बाडमेर जैसलमेर संसदीय क्षैत्र से माननीय जसवंतसिंह जसोल के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर उनकेा पूर्ण समर्थन का आवश्वासन दिया । आम सभा में सभी समाज के वरिष्ठ लोगो ने उपसिथत होकर भाजपा द्वारा घोषित प्रत्यााशी का विरूद्व किया । बाड़मेर रावल श्री त्रिभुनसिंह ने कहा कि जिस प्रकार परिवार के बुर्जग का समान्न किया जाता है लेकिन उसके विपरीत भाजपा पार्टी ने वरिष्ठ नेता जसवंतसिंह के साथ जो व्यवहार किया वह बड़ा दुख:दायिक है जो मन का पीड़ा पहुचानें वाला है। अब हमे ऐसे राष्ट्रीय नेता के साथ हुऐ अमर्यदित व्यवहार के विरूद्व में सच्चे मन से काम करना है वह पूर्ण मन योग से जसवंतसिंह जी के साथ रहना है। मेरी छतीस: कौमो से अपील है कि हम कोर्इ भी ऐसा काम नहीं करे जिससे राष्ट्रीय नेता के लिये घातक हो जो कि पार्टी द्वारा किये गये निर्णय से भी घातक हो सकता है। सच्चे मन से जसवंतसिंह जी को पूर्ण समर्थन देना है। इसी प्रकार मौलवी अब्दूल करीम ने कहा कि ख्याति प्राप्त व्यतित्व के धनी जसवंतसिंह जी के साथ अल्पसंख्यक समुदाय पूर्ण रूप से तह दिल से साथ है। मौलपी पीर मौहम्मद,मुराद अली मेहर ,हाजी गफुर साहब,हसन समेजा,असरफअली,आदि ने सभा को सम्बोधित किया । वरिष्ठ नेता केप्टन हीरसिंह भाटी ने कहा कि भारतीय जनता पाार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जो निर्णय लिया है उसका जवाब हमे जसवंतसहिं को विजय बनाकर सासंद के रूप में दिल्ली भेजना है। वरिष्ठ कार्यकर्ता अनुपाराम मेगवाल ने कहा कि मेरी जिन्दगी में भाजपा के कायकर्ता के रूप में हम पार्टी द्वारा लिया गया निर्णय आत्मघाति निर्णय है इसका जबाब जी जान लगाकर जसवंतसिंह को विजय बनाकर भाजपा के नेतृत्व को देना है। आसूसिंह तेजमालता ने कहा कि हमे एक जुट होकर पार्टी के इस निर्णय का असली भाजपा बनाम नकली भाजपा के भेद को दिखाना है। हम सभी जसवंतसिंह जी के साथ है। सभा को श्री कुम्भाराम सियोल,रणजीत चौधरी,बलराम प्रजापत,सांगसिंह भाटी,कैलाश महेता,मोहन कुरर्डिया,र्इश्वर नवल,देवीलाल कुम्भावत हरीसिंह राठौड़,सुरेन्द्र सिंह दहिया,हरीसिंह राजपुरोहित,महावीर सिंह चुली, गिरधरसिंह कोटडिया,रतनसिंह बाखासर, अभेसिंह,मिचर्ुमल कृपलानी,लोकेश सिध्ांी आदि ने सभा को सम्बोधित किया है।

बाड़मेर सोमवार को जसवंतसिंह आम सभा को सम्बोधित करेगें


बाड़मेर सोमवार को जसवंतसिंह आम सभा को सम्बोधित करेगें

बाड़मेर: 22 मार्च  भाजपा वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता जसवंतसिंह जसोल सोमवार को आर्दश स्टेडियम बाडमेर में आम सभा को सम्बोधित करेगें सभा में दो लाख लोगो के आने की व्यवस्था की गर्इ है। प्रवक्ता बद्री शारदा ने बताया कि भाजपा वरिष्ठ नेता जसवतंसिंह सोमवार को प्रात' 10 बजे बाड़मेर पहुचेगे जहा आर्दश स्टेडियम बाड़मेर में आम सभा को सम्बोधित करेगें । उन्होने बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षैत्र के अधिक से अधिक लोगो को सभा मे पहुचने की अपील की है।

अब बाड़मेर में पोस्टर वार जसवंत समर्थको ने जारी किया असली और नकली भाजपा का पोस्टर ,मोदी वसुंधरा गयाब

अब बाड़मेर में पोस्टर वार जसवंत समर्थको ने जारी किया असली और नकली भाजपा का पोस्टर ,मोदी वसुंधरा गायब 

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के भीतर उठा बवंडर थमने की बजाए और तेज होता नजर आ रहा है. मनचाही सीट से टिकट न मिलने से नाराज सीनियर लीडर जसवंत सिंह बीजेपी छोड़ सकते हैं. इतना ही नहीं, राजस्थान के जैसलमेर में जसवंत समर्थकों ने पार्टी ऑफिस पर 'कब्जा' करने की कोशि‍श की है.जसवंत सिंह की बगावत का असर राजस्थान में कई जगहों पर नजर आ रहा है. प्रदेश में कई जगहों पर नए तरह के पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें अटल, आडवाणी के साथ जसवंत सिंह नजर आ रहे हैं मोदी के फ़ोटो पर तप चेप दी गई है इस पुरे पोस्टर की खास बात यह है कि इसमें असली और नकली भाजपा का नारा लिखा हुआ है इस पोस्टर में कई पर वसुंधरा का फ़ोटो नहीं लगाया गया है इस जसवंत समर्थको का कहना है कि वसुंधरा नकली भाजपा को तैयार कर रही है हैम असली भाजपा कि लड़ाई लड़ रहे है इसलिए हम जनता के बीच इस पोस्टर को जारी किया गया है

जसवंत के मुद्दे पर सुषमा स्वराज दुखी

नई दिल्ली जसवंत सिंह के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी में दरार चौड़ी होती जा रही है। अब सीनियर नेता सुषमा स्वराज ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। सुषमा स्वराज ने कहा है कि बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने कहा, पार्टी ने जसवंत सिंह के साथ जो किया, उससे दुखी हूं। sushma
जसवंत सिंह राजस्थान की बाड़मेर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें वहां से टिकट नहीं दिया है। इस बात से जसवंत सिंह काफी दुखी हैं और वह निर्दलीय चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने कहा था कि बीजेपी पर नकली लोगों का कब्जा हो गया है।

सुषमा स्वराज ने कहा, 'जसवंत सिंह का टिकट क्यों काटा, मुझे नहीं पता लेकिन मुझे बहुत दुख हुआ।' उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह के बारे में फैसला केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नहीं लिया गया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस तरह के असामान्य फैसले बिना किसी वजह के नहीं लिए जाते।

यह पहली बार नहीं है जब सुषमा स्वराज ने पार्टी के किसी फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले जब कर्नाटक में रेड्डी ब्रदर्स को पार्टी में वापस लाया गया और भ्रष्टाचार के आरोपी श्रीरामुलु को बेल्लारी से टिकट दिया गया, तब भी उन्होंने सख्त आपत्ति जताई थी। तब सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके कहा था कि उनकी असहमति के बावजूद पार्टी ने यह फैसला लिया। लेकिन सुषमा स्वराज की आपत्ति को पार्टी पहले भी नजरअंदाज करती आई है, जैसा कि कर्नाटक के मामले में हुआ। जसवंत सिंह पार्टी छोड़ने का संकेत दे चुके हैं। संभव है वह रविवार को बीजेपी छोड़कर बाड़मेर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करें।

जैसलमेर में भाजपा दफतर में जसवंत सिंह के समर्थन में जुटे भाजपा कार्यकर्ता

  जैसलमेर में भाजपा दफतर में जसवंत सिंह के समर्थन में जुटे भाजपा कार्यकर्ता
कर्नल सोनाराम को टिकट दिए जाने का कर रहे विरोध
 
बाड़मेर - जैसलमेर लोकसभा सीट पर कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट मिलने के बाद जसवंत सिंह के समर्थको में खासा रोष थमने का नाम ही नहीं ले रहा है बाड़मेर में भाजपा कार्यलय में टाला लगाने के बाद अब जैसलमेर भाजपा में विरोध शरू हो गया है भाजपा के ही दफतर में जसवंत के समर्थन में सेकड़ो कार्यकर्तो ने बैठक कर डाली और भाजपा प्रत्याशी सोनाराम के विरोध का खुला एलान कर दिया एक तरफ जहाँ बाड़मेर में समर्थकों ने प्रदर्शन करते हुए शहर में अलग अलग लगे नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़े और नरेंद्र मोदी के पोस्टर पर गोबर लगाकर स्याही की कालिख पोत दी थी वहीं जैसलमेर में भी आज इसका असर देखने को मिला , जिला भाजपा कार्यालय में आज सुबह से ही भाजपा कार्यक्रता जुटने शुरू हुए एवं वो जसवंत सिंह के टिकट काटने पर खासे नाराज़ हुए , सभी ने एक ही स्वर में कर्नल सोनाराम को टिकट दिए जाने का विरोध किया तथा जसवंत सिंह के समर्थन में आने का आह्वान किया , जिला भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नाथूसिंह दोहट ने सोनाराम को टिकट दिए जाने का कड़ा विरोध किया तथा सभी कार्यकर्ताओं को जसवंत सिंह के समर्थन में होने कि बात कही तथा वसुंधरा राजे के मिशन 25 को फ़ैल होना बताया

BJP जसवंत सिंह का उचित इस्तेमाल करेगी: राजनाथ सिंह

राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज जसवंत सिंह को शांत करने की कोशिश में बीजेपी ने शनिवार को कहा कि वह सीनियर नेता हैं और उनकी सेवाओं का पार्टी उचित इस्तेमाल करेगी। जसवंत सिंह के पार्टी छोड़ने संबंधी खबरों पर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को टिकट के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए।Rajnath-Singh
उन्होंने कहा, 'जसवंत सिंह पार्टी के सीनियर नेता हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। उनकी प्रतिष्ठा को टिकट के संदर्भ में नहीं आंका जा सकता है। हम उनकी सेवाओं और अनुभव का सदुपयोग करेंगे। यह पूछे जाने पर कि अगर वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो क्या पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। बीजेपी प्रमुख ने इसे एक काल्पनिक सवाल बताकर टाल दिया।

अभी दार्जिलिंग से सांसद जसवंत सिंह ने इस बार अपने गृह नगर बाड़मेर से प्रत्याशी बनाए जाने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसे पार्टी ने पूरा नहीं किया। इससे वह सख्त नराज हैं और खबरें है कि वह बीजेपी छोड़ कर निर्दलीय बाड़मेर से चुनाव लड़ सकते हैं। जसवंत पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी माने जाते हैं। आडवाणी ने भी इस बार गांधीनगर की बजाय भोपाल से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी लेकिन पार्टी ने उसे स्वीकार नहीं किया।

24 मार्च को बताएंगे कि असली और नकली बीजेपी क्या है।

बाड़मेर। बाड़मेर से टिकट न मिलने से नाराज जसवंत सिंह को एक और झटका लगा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि बाड़मेर से टिकट देने का फैसला नहीं बदला जाएगा। जसवंत सिंह ने राजनाथ सिंह को फोन कर अपनी नाराजगी जताई थी और टिकट वितरण पर पुनर्विचार की मांग की थी। लेकिन राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया अब कोई विचार नहीं होगा। वहीं जसवंत सिंह इस फैसले से काफी आहत हैं और वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने बाड़मेर से कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दिया है।

"बिकाऊ नहीं हूं मैं"

नाराज जसवंत सिंह ने बताया कि 24 मार्च को बताएंगे कि असली और नकली बीजेपी क्या है। अपना फैसला 24 मार्च को सबके सामने कर दूंगा। जोधपुर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जसवंत सिंह काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहाकि भाजपा अब पहले वाली भाजपा नहीं रही है। बीजेपी में अतिक्रमण हो चुका है। टिकट के बदले बेटे मानवेन्द्र को मंत्री बनाने की खबरों पर उन्होंने कहाकि वह और उनके बेटे बिकाऊ नहीं हैं। कभी भी कोई काम अपने लिए किया। बाड़मेर आने के बारे में पूछे जाने पर जसवंत सिंह ने कहाकि,"मैं अपने घर नहीं आउंगा तो कहां जाउंगा।"

24 को करेंगे फैसला

इसके साथ ही अब जसवंत सिंह के भाजपा से इस्तीफा देने की संभावनाएं और बलवती हो गई है। जसंवत सिंह दिल्ली से जोधपुर पहुंच गए हैं। इसके बाद रात में अपने गांव में रूकेंगे। 24 मार्च को बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में आम सभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार इसके बाद वे निर्दलीय के रूप में नामाकंन दाखिल करेंगे।

"जसवंत सिंह सम्मानित नेता"

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस विवाद को ज्यादा तूल नही देते हुए कहा कि सिंह पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता है। उनके सम्मान को एक टिकट के आधार पर नहीं तौला जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा कि उन्हें टिकट नही दे पाना खेदजनक है लेकिन पार्टी सिंह की योग्यता का कहीं और इस्तेमाल करेगी।

पांच विधायक देंगे इस्तीफा!

बाड़मेर से कर्नल सोनाराम को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। वहीं सिंह के समर्थन में जैसलमेर-बाड़मेर से जुड़े पांच से ज्यादा विधायक त्यागपत्र देने की तैयारियों में हैं। ऎसे में जहां पार्टी का शीष्ाü नेतृत्व जसवंत सिंह को मनाने में जुटा है।वहीं प्रदेश नेता विधायकों से संपर्क साधने में जुटे हैं। सभी प्रत्याशियों को सबसे पहले विधायकों को साथ लेकर चुनाव प्रचार में जुटने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की नाराजगी को दूर किया जा सके।

नामाकंन फॉर्म मंगवाया

वहीं जसवंत सिंह के समर्थकों ने उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया है। समर्थकों ने गुरूवार को ही उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया था।

दबाव बनाने की मंशा

पूरे पांच साल तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की नाक में दम करने वाले कर्नल सोनाराम ने पिछले दिनों ही भाजपा का दामन थामा है, यही कारण है कि उनका विरोध अधिक हो रहा है। कर्नल को टिकट दिए जाने से बाड़मेर जैसलमेर से जुड़े हुए एक आधा दर्जन से ज्यादा विधायक नाराज हो गए हैं। इनमें जैसलमेर के छोटू सिंह, बायतू से कैलाश चौधरी, पचपदरा से अमराराम, लादू राम विश्नोई और शिव से मानवेंद्र सिंह के नाम प्रमुख हैं।

इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात बैठक कर नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए सामूहिक त्यागपत्र सौंपने की रणनीति बनाई है ताकि नेतृत्व को अपने निर्णय बदलने पर बाध्य किया जा सके। इसी को देखते हुए प्रदेश स्तर पर विधायकों को मनाने की कवायद चल रही है।

शुक्रवार, 21 मार्च 2014

कर्नल खेमे में मिठाइयां


बाड़मेर। पांच दिन पहले कांग्रेस से भाजपा में गए कर्नल सोनाराम चौधरी को शुक्रवार को भाजपा से टिकट मिलने के बाद उनके समर्थक बाड़मेर स्थित उनके आवास पर पहुंचे। कर्नल शनिवार शाम या रविवार सुबह दिल्ली से बाड़मेर आएंगे।

कर्नल को टिकट मिलने की घोषणा के बाद उनके उत्तरलाई रोड स्थित निवास स्थान पर समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे। इन समर्थकों ने यहां मौजूद कर्नल के पुत्र डॉ. रमन को बधाइयां दी और रमन ने इसे स्वीकार किया।  


बायतु. भाजपा से कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट मिलने पर खुशी की लहर दौड़ गई। उपखण्ड मुख्यालय पर पटाखे फोड़े तथा मिठाई बांटी गई। कर्नल से टिकट मिलने की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में खुशी का जश्A मनाना शुरू हो गय। इस अवसर पर बायतु विधायक कैलाश चौधरी ने कहा कि पार्टी ने जिस प्रत्याशरी को टिकट दिया है उसके साथ हम मेहनत करते हुए बायतु विधानसभा क्षेत्र से आगे रखेंगे। भाजपा मण्डल महामंत्री हेराजराम सऊ, भाजपा नेता बालाराम मूंढ, बायतु भोपजी सरपंच आसूराम बेरड समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पार्टी के निर्णय का स्वागत किया।



उम्मीदों पर खरा उतरने का विश्वास
मुझे भाजपा ने सम्मान दिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद जो मेरे पर भरोसा जताया गया है उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जाएगा। नरेन्द्र मोदी, राजनाथसिंह और वसुंधरा राजे ने जिस विश्वास के साथ टिकट दिया है वह कमजोर नहीं होगा। बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के विकास के पूरे प्रयास किए जाएंगे। जसवंतसिह मेरे से बेहद सीनियर है। आर्मी, उम्र और राजनीति तीनों में वे मेरे से वरिष्ठ हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं।-कर्नल सोनाराम चौधरी,भाजपा प्रत्याशी,बाड़मेर

महिला की मौत, दहेज हत्या का मामला दर्ज

बाड़मेर। रामसर थानान्तर्गत एक महिला की मौत के बाद पीहर पक्ष ने दहेज हत्या का मामला दर्ज करवाया। श्रीमती हरखू (23) पत्नी प्रहलादराम निवासी सेतराऊ की मृत्यु गुरूवार को हुई। उसके ससुराल वालों ने टांके में गिरने से मौत होने की बात कही। शुक्रवार को विवाहिता के पिता आत्माराम पुत्र खेमनराम निवासी भाडली ने रामसर थाने में मामला दर्ज करवाया कि हरखू का विवाह तीन साल पहले हुआ था।

उसका पति, ससुर, बड़ी सास और देवर सहित परिजन उसको दहेज के लिए प्रताडित कर रहे थे। उन्होंने उसकी हत्या कर शव टांके में डाल दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को टांके से निकाल पोस्टमार्टम किया। जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन किशनसिंह भाटी को सौंपी गई।