बाड़मेर। बाड़मेर से टिकट न मिलने से नाराज जसवंत सिंह को एक और झटका लगा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि बाड़मेर से टिकट देने का फैसला नहीं बदला जाएगा। जसवंत सिंह ने राजनाथ सिंह को फोन कर अपनी नाराजगी जताई थी और टिकट वितरण पर पुनर्विचार की मांग की थी। लेकिन राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया अब कोई विचार नहीं होगा। वहीं जसवंत सिंह इस फैसले से काफी आहत हैं और वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने बाड़मेर से कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दिया है।
"बिकाऊ नहीं हूं मैं"
नाराज जसवंत सिंह ने बताया कि 24 मार्च को बताएंगे कि असली और नकली बीजेपी क्या है। अपना फैसला 24 मार्च को सबके सामने कर दूंगा। जोधपुर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जसवंत सिंह काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहाकि भाजपा अब पहले वाली भाजपा नहीं रही है। बीजेपी में अतिक्रमण हो चुका है। टिकट के बदले बेटे मानवेन्द्र को मंत्री बनाने की खबरों पर उन्होंने कहाकि वह और उनके बेटे बिकाऊ नहीं हैं। कभी भी कोई काम अपने लिए किया। बाड़मेर आने के बारे में पूछे जाने पर जसवंत सिंह ने कहाकि,"मैं अपने घर नहीं आउंगा तो कहां जाउंगा।"
24 को करेंगे फैसला
इसके साथ ही अब जसवंत सिंह के भाजपा से इस्तीफा देने की संभावनाएं और बलवती हो गई है। जसंवत सिंह दिल्ली से जोधपुर पहुंच गए हैं। इसके बाद रात में अपने गांव में रूकेंगे। 24 मार्च को बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में आम सभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार इसके बाद वे निर्दलीय के रूप में नामाकंन दाखिल करेंगे।
"जसवंत सिंह सम्मानित नेता"
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस विवाद को ज्यादा तूल नही देते हुए कहा कि सिंह पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता है। उनके सम्मान को एक टिकट के आधार पर नहीं तौला जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा कि उन्हें टिकट नही दे पाना खेदजनक है लेकिन पार्टी सिंह की योग्यता का कहीं और इस्तेमाल करेगी।
पांच विधायक देंगे इस्तीफा!
बाड़मेर से कर्नल सोनाराम को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। वहीं सिंह के समर्थन में जैसलमेर-बाड़मेर से जुड़े पांच से ज्यादा विधायक त्यागपत्र देने की तैयारियों में हैं। ऎसे में जहां पार्टी का शीष्ाü नेतृत्व जसवंत सिंह को मनाने में जुटा है।वहीं प्रदेश नेता विधायकों से संपर्क साधने में जुटे हैं। सभी प्रत्याशियों को सबसे पहले विधायकों को साथ लेकर चुनाव प्रचार में जुटने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की नाराजगी को दूर किया जा सके।
नामाकंन फॉर्म मंगवाया
वहीं जसवंत सिंह के समर्थकों ने उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया है। समर्थकों ने गुरूवार को ही उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया था।
दबाव बनाने की मंशा
पूरे पांच साल तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की नाक में दम करने वाले कर्नल सोनाराम ने पिछले दिनों ही भाजपा का दामन थामा है, यही कारण है कि उनका विरोध अधिक हो रहा है। कर्नल को टिकट दिए जाने से बाड़मेर जैसलमेर से जुड़े हुए एक आधा दर्जन से ज्यादा विधायक नाराज हो गए हैं। इनमें जैसलमेर के छोटू सिंह, बायतू से कैलाश चौधरी, पचपदरा से अमराराम, लादू राम विश्नोई और शिव से मानवेंद्र सिंह के नाम प्रमुख हैं।
इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात बैठक कर नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए सामूहिक त्यागपत्र सौंपने की रणनीति बनाई है ताकि नेतृत्व को अपने निर्णय बदलने पर बाध्य किया जा सके। इसी को देखते हुए प्रदेश स्तर पर विधायकों को मनाने की कवायद चल रही है।
"बिकाऊ नहीं हूं मैं"
नाराज जसवंत सिंह ने बताया कि 24 मार्च को बताएंगे कि असली और नकली बीजेपी क्या है। अपना फैसला 24 मार्च को सबके सामने कर दूंगा। जोधपुर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जसवंत सिंह काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहाकि भाजपा अब पहले वाली भाजपा नहीं रही है। बीजेपी में अतिक्रमण हो चुका है। टिकट के बदले बेटे मानवेन्द्र को मंत्री बनाने की खबरों पर उन्होंने कहाकि वह और उनके बेटे बिकाऊ नहीं हैं। कभी भी कोई काम अपने लिए किया। बाड़मेर आने के बारे में पूछे जाने पर जसवंत सिंह ने कहाकि,"मैं अपने घर नहीं आउंगा तो कहां जाउंगा।"
24 को करेंगे फैसला
इसके साथ ही अब जसवंत सिंह के भाजपा से इस्तीफा देने की संभावनाएं और बलवती हो गई है। जसंवत सिंह दिल्ली से जोधपुर पहुंच गए हैं। इसके बाद रात में अपने गांव में रूकेंगे। 24 मार्च को बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में आम सभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार इसके बाद वे निर्दलीय के रूप में नामाकंन दाखिल करेंगे।
"जसवंत सिंह सम्मानित नेता"
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस विवाद को ज्यादा तूल नही देते हुए कहा कि सिंह पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता है। उनके सम्मान को एक टिकट के आधार पर नहीं तौला जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा कि उन्हें टिकट नही दे पाना खेदजनक है लेकिन पार्टी सिंह की योग्यता का कहीं और इस्तेमाल करेगी।
पांच विधायक देंगे इस्तीफा!
बाड़मेर से कर्नल सोनाराम को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। वहीं सिंह के समर्थन में जैसलमेर-बाड़मेर से जुड़े पांच से ज्यादा विधायक त्यागपत्र देने की तैयारियों में हैं। ऎसे में जहां पार्टी का शीष्ाü नेतृत्व जसवंत सिंह को मनाने में जुटा है।वहीं प्रदेश नेता विधायकों से संपर्क साधने में जुटे हैं। सभी प्रत्याशियों को सबसे पहले विधायकों को साथ लेकर चुनाव प्रचार में जुटने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की नाराजगी को दूर किया जा सके।
नामाकंन फॉर्म मंगवाया
वहीं जसवंत सिंह के समर्थकों ने उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया है। समर्थकों ने गुरूवार को ही उनके नाम से नामाकंन फॉर्म ले लिया था।
दबाव बनाने की मंशा
पूरे पांच साल तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की नाक में दम करने वाले कर्नल सोनाराम ने पिछले दिनों ही भाजपा का दामन थामा है, यही कारण है कि उनका विरोध अधिक हो रहा है। कर्नल को टिकट दिए जाने से बाड़मेर जैसलमेर से जुड़े हुए एक आधा दर्जन से ज्यादा विधायक नाराज हो गए हैं। इनमें जैसलमेर के छोटू सिंह, बायतू से कैलाश चौधरी, पचपदरा से अमराराम, लादू राम विश्नोई और शिव से मानवेंद्र सिंह के नाम प्रमुख हैं।
इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात बैठक कर नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए सामूहिक त्यागपत्र सौंपने की रणनीति बनाई है ताकि नेतृत्व को अपने निर्णय बदलने पर बाध्य किया जा सके। इसी को देखते हुए प्रदेश स्तर पर विधायकों को मनाने की कवायद चल रही है।
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