जयपुर। यह सोचने में ही अजीब सा लगता है कि भला कोई महिला मुर्गी के अंडे से कैसे मां बन सकती है, लेकिन यह सच है। 23 साल लॉरेन डोनाकी के साथ कुछ ऎसा ही वाकया हुआ कि उसें मां बनने के लिए मुर्गी के अंडे का सहारा लेना पड़ा।
दरअसल लॉरेन के साथ एक समस्या थी कि जब भी वो गर्भधारण उसके कुछ दिनों बाद ही गर्भपात हो जाता। ऎसा एक या दो बार नहीं बल्कि 6 बार हो चुका था। इसका कारण भी समझ नहीं आ रहा था।
अंत में लॉरेन ने डॉक्टर की सलाह ली तो सामने आया कि उसके गर्भाशय में ऎसे किलर सेल्स हैं जो उसके सभी अंडाणुओं को खत्म कर देते हैं। इस समस्या को लेकर वह बड़ी परेशान हो गई, लेकिन डॉक्टरों ने इसका उपाय ढूंढ निकाला।
डॉक्टरों ने लॉरेन के गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स को खत्म करने के लिए "ऎग योल्क" नामक ट्रीटमेंट निकाला। इस ट्रीटमेंट के तहत मुर्गी के अंडे के पीले भाग को सोयाबीन तेल, ग्लीसरीन और पानी में मिलाकर एक खास प्रकार का फैट तैयार किया।
मुर्गी के अंडे से तैयार इस फैट को लॉरेन के खून में डाल दिया गया जिससें उसके गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स का असर कम हो गया जिसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।
दरअसल लॉरेन के साथ एक समस्या थी कि जब भी वो गर्भधारण उसके कुछ दिनों बाद ही गर्भपात हो जाता। ऎसा एक या दो बार नहीं बल्कि 6 बार हो चुका था। इसका कारण भी समझ नहीं आ रहा था।
अंत में लॉरेन ने डॉक्टर की सलाह ली तो सामने आया कि उसके गर्भाशय में ऎसे किलर सेल्स हैं जो उसके सभी अंडाणुओं को खत्म कर देते हैं। इस समस्या को लेकर वह बड़ी परेशान हो गई, लेकिन डॉक्टरों ने इसका उपाय ढूंढ निकाला।
डॉक्टरों ने लॉरेन के गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स को खत्म करने के लिए "ऎग योल्क" नामक ट्रीटमेंट निकाला। इस ट्रीटमेंट के तहत मुर्गी के अंडे के पीले भाग को सोयाबीन तेल, ग्लीसरीन और पानी में मिलाकर एक खास प्रकार का फैट तैयार किया।
मुर्गी के अंडे से तैयार इस फैट को लॉरेन के खून में डाल दिया गया जिससें उसके गर्भाशय में मौजूद किलर सेल्स का असर कम हो गया जिसके बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।
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