शुक्रवार, 21 मार्च 2014

जहरखुरानी के शिकार हुए चार पशु व्यापारी

बालोतरा। विख्यात मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा में पुलिस प्रशासन की बदइंतजामियों के चलते पशु व्यापारी लूट के शिकार हुए जा रहे हैं। गत वर्षो में जहरखुरानी के हुए कईमामलों के बाद भी इस वर्षभी प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया। गुरूवार रात लूटेरों ने चार पशु व्यापारियों को जहरखुरानी का शिकार बनाकर उनके जेब से लाखों रूपए लूट लिए। जहरखुरानी के शिकार चार व्यापारियों में से दो को होश आया है, दो अभी भी बेहोशी की हालत में है।

मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा के 27 मार्च को शुरू होने से पूर्वही मेला मैदान में पशुपालक व पशु व्यापारी पहुंच रहे हैं। 19 मार्च को उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर निवासी कन्हैयालाल शर्मा, गोधन यादव, दीना मुसलमान व महेशचंद्र तिवारी एक अन्य व्यक्ति के साथ मेले में पहुंचे। 20 मार्च की रात्रि को इन सबने सामूहिक रूप से खाना बनाया। खाना खाने के बाद रात 9 बजे घुड़दौड़ स्थल के समीप जाकर सो गए। उनको कोई होश नहीं था। शुक्रवार शाम करीब 5 बजे गोधन यादव व महेशचंद्र तिवारी ने आंखें खोली तो उन्होंने देखा कि उनके साथी कन्हैयालाल शर्मा व दीना के मुंह से झाग निकल रहे थे। ये बेहोशी की हालत में पड़े थे।

इन दोनों को बेहोशी की हालत में लड़खड़ाते देख बड़ी संख्या में मेलार्थी मौके पर एकत्र हो गए। उन्होंने इसकी सूचना पशुधन सहायक तिलवाड़ा दीपक वैष्णव व समाजसेवी डूंगरराम सुंदेशा को दी।उन्होंने पुलिस को घटना से अवगत करवाया। होश आने व जेब संभालने पर महेशचंद्र तिवारी के 2 लाख 45 हजार रूपए व गोधन यादव के 25 हजार रूपए गायब थे। सूचना पर पुलिस ने पहुंच कर चारों ही व्यापारियों को उपचार के लिए राजकीय नाहटा चिकित्सालय पहुंचाया गया। समाचार लिखे जाने तक दो पशु व्यापारी बेहोशी की हालत में ही थे।

मेले में जहरखुरानी की घटित घटना के बारे में बालोतरा पुलिस थाने के बेसिक नम्बर पर फोन किया गया। यहां से जानकारी नहीं मिली। इसके बाद थानाधिकारी के मोबाइल पर सम्पर्क किया गया। कई कोशिशों के बाद भी सम्पर्कस्थापित नहीं हुआ। आखिर में पुलिस उप अधीक्षक के मोबाइल पर रात करीब पौने आठ बजे फोन किया गया। उन्होंने ऎसी किसी घटना से अनभिज्ञता जाहिर की।

शुक्र है कि अनहोनी नहीं हुई : चारों पशु व्यापारी व एक अन्य व्यक्ति खाना खाकर रात 9 बजे सोए थे। शुक्रवार शाम 5 बजे इनमें से दो को थोड़ा होश आया। 21 घंटे से अधिक ये सभी पशु व्यापारी बेहोशी की हालत में मेला मैदान में ही पड़े रहे। दिन की तेज गर्मी के साथ बेहोशी की हालत में अनहोनी भी हो सकती थी।


तिलवाड़ा पशु मेले में घटना की कुछ जानकारी मिली है, लेकिन घटना की पूरी जानकारी नहीं हो पाई है। थानाधिकारी मेले गए हुए हैं, मैं भी मेले जा रहा हूं।
-अमृत जीनगर, पुलिस उप अधीक्षक, बालोतरा

बाड़मेर भाजपा के नेताओ ने वसुंधरा के खिलाफ खोला ,वसुंधरा का पुतला फूंका,अब जसवंत होगे निर्दलीय उमीदवार ,

बाड़मेर भाजपा के नेताओ ने वसुंधरा के खिलाफ खोला मोर्चा ,

अब जसवंत होगे निर्दलीय उमीदवार ,वसुंधरा का पुतला फूंका 
बाड़मेर भोपाल से चुनाव लड़ने की लालकृष्ण आडवाणी की इच्छा पूरी नहीं करने के बाद भाजपा ने उनके करीबी और वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को राजस्थान के बाड़मेर से टिकट देने के उनके आग्रह पर ध्यान नहीं दिया।पार्टी ने सिंह की बजाय बाड़मेर से पूर्व सांसद कर्नल :अवकाशप्राप्त: सोनाराम चौधरी को टिकट देने की शुक्रवार को घोषणा की। इस समय पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे 75 वर्षीय जसवंत सिंह ने हाल में कहा था कि मैंने दार्जिलिंग के लिए काफी कुछ किया है। अपना आखिरी चुनाव मैं अपने मूल स्थान से लड़ना चाहता हूं। अब भाजपा के स्थानीय नेताओ कार्यकर्ताओ ने मोर्चा खोल मानवेन्द्र के निवास सेकड़ो समर्थको ने वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी कर जसवंत सिंह समर्थको और भाजपा के नेताओ ने जसवंत के निर्दलीय लड़ने कि घोषणा कर दी और यह कह दिया अब असली बीजेपी और नकली बीजेपी की लड़ाई है जसवंत सिंह समर्थको ने एक और भविष्यवाणी कर डाली है कि अब राजस्थान में भाजपा दस सीटो पर ही शमलित पर ही थम जाएगी,भाजपा कार्यकर्ताओ ने अहिंसा चौराहे पर वसुंधरा राजे के  जमकर नारे लगाये ,भाजपा के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ ने पार्टी के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया। कार्यकर्ताओ ने वाहन रेली निकल वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी जम  कर कि ,वसुंधरा राजे का पुतला भी फूंका 

जसवंत कि अनदेखी से भाजपा के लिए मारवाड़ खतरे में जोधपुर ,जालोर ,पली और बीकानेर होंगे प्रभावित


जसवंत कि अनदेखी से भाजपा के लिए मारवाड़ खतरे में

जोधपुर ,जालोर ,पली और बीकानेर होंगे प्रभावित


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट न देकर नरेंद्र मोदी कि प्रधानमंत्री कि राह कठिन कर दी ,अब जसवंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे ,जसवंत सिंह कि टिकट काटने से जोधपुर ,पली ,बीकानेर ,जालोर में भाजपा प्रत्यासियो कि राह कठिन हो जायेगी ,

नरेंद्र मोदी लहर कि चकाचौंध में भाजपा प्रदेश को मुगालता था कि भाजपा से पत्थर खड़ा करेंगे जीत जायेंगे ,वसुंधरा राजे ने कई स्थानो पर पत्थर खड़े कर दिए ,लोगो कि भावनाए जिन प्रत्यासियो के साथ जुडी थी उनको दरकिनार कर गैरो और पार्टी लाइन से बाहर के लोगो को टिकट दिया।

राजस्थान में मिशन 24 खतरे में 14 सीटो पर सिमट जायेगी

राजस्थान भाजपा के मिशन 25 कि हवा टिकट वितरण के साथ निकल गयी ,जोधपुर ,जयपुर ग्रामीण ,जालोर ,चित्तोड़ ,,भीलवाड़ा सीकर ,अजमेर और पाली भाजपा से दूर हो रही हें। सभी पच्चीस टिकटों कि घोषणा के बाद जोधपुर ,पाली ,बीकानेर ,और जालोर भाजपा के हाथ से एकदम छिटकती नज़र आ रही हें ,बाड़मेर से वसुंधरा राजे कि हठधर्मिता के कारन जसवंत सिंह को टिकट नहीं देने से राजपूत समाज में भाजपा के प्रति आक्रोश बढ़ा जिसके साथ नरेंद्र मोदी प्रभाव भी प्रभावित हो गया ,बाड़मेर से जसवंत सिंह निर्दलीय सोमवार को अपंने नामांकन दाखिल करेंगे ,आदर्श स्टेडियम में करीब दो लाख लोगो कि मौजूदगी में जसवंत सिंह ,नामांकन दाखिल करेंगे ,इसके लिए जसवंत सिंह के वकील डूंगर सिंह से नामांकन फॉर्म के चार सेट उठाए गए हें।

बाड़मेर से सोनाराम को टिकट, जसवंत सिंह निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव



जयपुर। भाजपा ने राजस्थान की बाकी बची 4 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसके तहत वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए बाड़मेर से कर्नल सोनाराम को टिकट दिया गया हैं। इसके साथ ही जसवंत सिंह की टिकट की उम्मीदें खत्म हो गई। वहीं संभावना जताई जा रही है कि जसवंत सिंह अब निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरेंगे।
बाड़मेर से सोनाराम को टिकट, जसवंत सिंह निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

वहीं अजमेर से सिंचाई मंत्री सांवर लाल जाट को, पाली से पीपी चौधरी और करौली-धौलपुर से मनोज राजोरिया को टिकट दिया गया है। सांवर लाल जाट वर्तमान में नसीराबाद से विधायक हैं। पाली से उम्मीदवार बनाए गए पीपी चौधरी सीरवी समाज से आते हैं। चौधरी को टिकट देकर भाजपा ने जाट और अन्य समाजों को साधने का प्रयास किया है। इस सूची के साथ ही भाजपा ने प्रदेश की सभी सीटों से उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

दूसरी ओर जसवंत सिंह निर्दलीय के रूप में मैदान में उतर सकते हैं। गौरतलब है कि गुरूवार को जसवंत सिंह ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दी थी। इसके बाद भाजपा में खलबली मच गई थी। जसवंत सिंह का कहना था कि ये उनका अंतिम चुनाव होगा और वे बाड़मेर से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने घोषणा की थी कि अगर पार्टी ने उन्हें बाड़मेर से टिकट नहीं दिया तो वे 24 मार्च को बतौर निर्दलीय अपना नामांकर दाखिल कर देंगे। हालांकि जसवंत सिंह की इस मांग से भाजपा आलाकमान राजी था लेकिन प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से चुनाव लड़ाना चाहते थे।


पार्टी के इस कदम का बाड़मेर जिलेे में भी काफी विरोध हुआ था। जिले से भाजपा के छह विधायकों ने जसवंत सिंह को समर्थन दिया था। वहीं नाराज समर्थकों ने पार्टी के जिला मुख्यालय पर ताला जड़ दिया था। जसवंत सिंह एनडीए सरकार में वित्त और विदेश जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं। जाट बाहुल्य बाड़मेर सीट से कांग्रेस ने हरीश चौधरी को मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि इसके चलते ही भाजपा ने कर्नल सोनाराम को यहां से टिकट दिया है। सोनाराम बाड़मेर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। तीन दिन पहले ही वह भाजपा में शामिल हुए हैं।

गुरुवार, 20 मार्च 2014

लोकसभा चुनाव: कांग्रेस ने जारी की 50 और उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट



कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों की चौथी लिस्‍ट जारी की. इस सूची में 50 उम्‍मीदवारों के नाम हैं वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. चिदंबरम के बेटे कार्तिक को शिवगंगा से टिकट दिया गया है. पी चिदंबरम फिलहाल इसी सीट से सांसद हैं. कांग्रेस ने इस बार मणिशंकर अय्यर को भी चुनाव में उतारा है. हालांकि, वाराणसी सीट से किसे उम्‍मीदवार बनाया जाए, पार्टी अभी तक फैसला नहीं कर पाई है.
वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम
विदिशा से दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्‍मण को टिकट दिया गया है. पटना साहिब से कुणाल सिंह जबकि गोपालगंज से पूर्णमासी राम कांग्रेस के प्रत्‍याशी होंगे. कांग्रेस ने पश्चिम दिल्‍ली सीट से इस बार भी महाबल मिश्रा को टिकट दिया है. दक्षिण दिल्‍ली से रमेश कुमार पार्टी के उम्‍मीदवार होंगे. यूपी में सम्‍भल से आचार्य प्रमोद कृष्‍णन जबकि बिहार में हाजीपुर से संजीव टोनी कांग्रेस के उम्‍मीदवार होंगे.

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद लाल सिंह की जगह उधमपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे जबकि जम्‍मू से मदन लाल शर्मा पार्टी के उम्‍मीदवार होंगे. कांग्रेस नेता किरीट पटेल गांधीनगर सीट पर बीजेपी नेता लालकृष्‍ण आडवाणी को चुनौती देंगे. अमरेली से वीरजी भाई ठुमर जबकि पंचमहाल से परांजय सिंह परमार की जगह पर राम सिंह परमार को टिकट दिया गया है.

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बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध

बाड़मेर भाजपा लोकसभा चुनाव कार्यालय पर जड़े ताले ,कर्नल का जोरदार विरोध


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी बाड़मेर जिला संघठन ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा बाड़मेर जैसलमेर संसदीय सीट के लिए कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी कि उम्मीदवारी घोषित करने के प्रयासो के खिलाफ एक माह पूर्व खोले गए लोकसभा चुनाव कार्यालय पर ताले ठोक दिए तथा संगठन के समस्त पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध करते हुए संगठन से इस्तीफे देने का ऐलान कर दिया ,
बाड़मेर से भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह टिकट मांग रहे थे उनकी उम्मीदवारी तैसिडा थी इसी बीच वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को भाजपा में शामिल करा उन्हें बाड़मेर से टिकट देने का अनुमोदन केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रख दिया ,केंद्रीय चुनाव समिति ने कर्नल का टिकट रोक दिया ,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस कदम कि भाजपा के पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने निंदा कर कर्नल कि उम्मीदवारी का जोरदार विरोध किया ,गुरूवार शाम पांच बजे लोकसभा चुनाव कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्वरुप सिंह राठोड ,दिलीप पालीवाल के नेतृत्व में बैठक का आयोजन कर कर्नल कि दावेदारी को ,किया राठोड ने कहा कि जो व्यक्ति पिछले बीस सालो से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ता आया हो उसे तुरंत टिकर देना कार्यकर्ताओ का अपमान हें। कर्नल कि उम्मीदवारी किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं। उन्होंने दो टूक शब्दो में कहा कि बाड़मेर को सिर्फ जसवंत सिंह उम्मीदवार चाहिए ,पार्टी जसवंत सिंह को टिकर देती हें तो ठीक वर्ना पूरा संगठन जसवंत सिंह को निर्दलीय जितने में साथ खड़ा रहेगा ,सभी पदाधिकतरियो और कार्यकर्ताओ ने एक राय होकर कार्यालय पर ताले जड़ दिए ,भाजपा के वरिष्ट नेता दिलीप पालीवाल ने कहा कि जसवंत सिंह कि उम्मीदवारी कि घोषणा के बाद ही कार्यालय के ताले खुलेंगे।

मशहूर लेखक खुशवंत सिंह नहीं रहे, पंचतत्‍व में विलिन हुए

नई दिल्‍ली। प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार खुशवंत सिंह का गुरुवार को 99 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दोपहर 12. 55 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र राहुल ने दी। आज शाम करीब 5 बजे उनका अंतिम संस्‍कार लोधी रोड स्थित श्‍मशान घाट में किया गया। उनके अंतिम संस्‍कार में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी, केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला, कपिल सिब्‍बल, भाजपा नेता विनेाद खन्‍ना और पूर्व चुनाव आयुक्‍त एम.एस गिल पहुंचे। इससे पहले दोपहर करीब तीन बजे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी भी खुशवंत सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए उनके आवास पहुंचे। सिंह के निधन पर लेखन, राजनीतिक एवं सिनेमा जगत से जुड़े लोगों ने गहरा शोक व्‍यक्‍त किया है।
मशहूर लेखक खुशवंत सिंह नहीं रहे, 99 साल की उम्र में हुआ निधन
सांस लेने में आ रही थी परेशानी

उनके पुत्र राहुल सिंह ने बताया कि उम्रदराज होने की वजह से वे बेहद कमजोर हो गए थे और कुछ दिनों से उन्‍हें सांस लेने में दिक्‍कत भी आ रही थी। सिंह ने बताया कि जब उन्‍होंने ज्‍यादा बेचैनी की शिकायत की तो डॉक्‍टरों को बुलाया गया। कुछ देर बाद उन्‍होंने अंतिम सांस ली। राहुल के अनुसार, डॉक्‍टरों ने उन्‍हें बताया कि बेहद कमजोरी की वजह से उन्‍हें हार्ट अटैक हुआ, जिससे उनकी मृत्‍यु हुई। राहुल के अनुसार, गुरुवार सुबह उनके पिता ने अखबार और कुछ पुस्‍तकें पढ़ीं।

जन्म और शिक्षा

खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी, 1915 को पंजाब के हदाली नामक स्थान (अब पाकिस्तान में) पर हुआ था। खुशवंत सिंह के पिता का नाम सर सोभा सिंह था, जो अपने समय के प्रसिद्ध ठेकेदार थे। उस समय सोभा सिंह को आधी दिल्ली का मालिक कहा जाता था। खुशवंत ने 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' में शिक्षा पाई थी। इसके बाद लंदन से ही कानून की डिग्री ली। उसके बाद तक वे लाहौर में वकालत करते रहे। उनका विवाह कवल मलिक के साथ हुआ। इनके पुत्र का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है।

कॅरियर

खुशवंत सिंह ने पत्रकारिता में काफी प्रसिद्धि पाई। 1947 से कुछ वर्षों तक खुशवंत सिंह ने विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के सम्माननीय पद पर भी कार्य किया था। 1951 में वे आकाशवाणी से संबद्ध थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया। इसके अतिरिक्‍त वे मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेजी साप्ताहिक 'इल्लस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया' और 'न्यू डेल्ही' के संपादक भी रहे। 1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के संपादक भी वही थे। इसके अतिरिक्‍त वे 1980 से 1986 तक वे राज्य सभा के मनोनीत सदस्य भी रहे।

प्रसिद्ध रचनाएं

'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ वूमन', आई शैल नोट हियर द नाइटिंगेल। इनके अतिरिक्‍त वर्तमान संदर्भों तथा प्राकृतिक वातावरण पर भी उनकी कई रचनाएं हैं। दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। 95 की उम्र में उन्‍होंने 'द सनसेट क्‍लब' नामक नॉवेल भी लिखा। 2000 में पेंगुइन प्रकाशन ने उनकी आत्‍मकथा ‘सच, प्‍यार और थोड़ी सी शरारत’ भी प्रकाशित की। उम्र के अंतिम पड़ाव तक वो लेखन में सक्रिय रहे। पिछले साल उनकी किताब 'खुशवंतनामा: दि लेसन्स ऑफ माई लाइफ' प्रकाशित हुई थी।

सम्मान तथा पुरस्कार

- 1974 में राष्ट्रपति ने उन्हें 'पद्म भूषण' के अलंकरण से सम्मानित किया, जो अमृतसर के 'स्वर्ण मंदिर' में केंद्र सरकार की कार्रवाई के विरोध में उन्होंने 1984 में लौटा दिया था।
- 2007 में इन्हें 'पद्म विभूषण' से भी सम्मानित किया गया।

रूठे जसवंत सिंह, टिकट न मिलने पर होंगे बागी!

जयपुर। भाजपा में लोकसभा चुनावों से पहले अंदरूनी रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह भाजपा में टिकट वितरण से खफा हैं। जसवंत सिंह राजस्थान की बाड़मेर से टिकट मांग रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश नेतृत्व यहां से कर्नल सोनाराम को टिकट देना चाहता है। सोनाराम दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। रूठे जसवंत सिंह, टिकट न मिलने पर होंगे बागी!
सूत्रों के अनुसार बाड़मेर से टिकट मांग रहे जसवंत सिंह ने टिकट न देने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दे डाली है। इस संबंध में सिंह ने 24 मार्च को नामाकंन दाखिल करने की घोषण भी कर दी है। हालांकि सिंह के करीबियों ने ऎसी खबरों से इनकार किया है। जसवंत सिंह की दावेदारी के चलते ही बुधवार को घोषित लिस्ट में बाड़मेर सीट से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई। जसवंत सिंह को टिकट देने का समर्थन बाड़मेर जिले के छह भाजपा विधायक भी कर रहे हैं। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफे देने की तैयारी में जुट गए हैं।

वहीं भाजपा संगठन में भी कर्नल के नाम का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा में सिर्फ जसवंत सिंह को ही टिकट मिलना चाहिए। बीस साल भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे कांग्रेस नेता को टिकट बर्दाश्त नहीं है तथा वह जसवंत सिंह के समर्थन में इस्तीफा देने को तैयार हैं। गौरतलब है कि जसवंत सिंह 2009 में दार्जिलिंग से सांसद चुने गए थे। इसके अलावा वे एनडीए सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।

कर्नल कि दावेदारी से बाड़मेर जैसलमेर भाजपा में मचा बवाल , सामूहिक इस्तीफे कि तैयारियां


कर्नल कि दावेदारी से बाड़मेर जैसलमेर भाजपा में मचा बवाल , सामूहिक इस्तीफे कि तैयारियां

बाड़मेर उर्व वित् मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह पर कांग्रेसी नेता और एक दिन पहले भाजपा में आये कर्नल सोनाराम चौधरी कि बाड़मेर से दावेदारी का स्थानीय भाजपा नेताओ ने जबर्दस्त विरोध किया हें। बाड़मेर जैसलमेर में कर्नल के भाजपा कि सम्भावित उम्मीदवारी पर बवाल मच गया हें। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफे देने कि तैययारी में जुट गए हें। वसुंधरा राजे द्वारा जिताऊ और जन उम्मीदवार के रूप में जसवंत सिंह कि आपसी रंजिस के कारन टिकट कटवा कर्नल सोनाराम चौधात्री को दिलाने कि सिफारिश का जोरदार विरोध शुरू कर दिया हें ,सूत्रानुसार भाजपा के वरिष्ठ और अन्य कार्यकर्ता शाम आठ बजे मानवेन्द्र सिंह से मिलने उनके निवास पहुँच जसवंत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतरने का दबाव बनाने जा रहे हें ,वैसे जसवंत सिंह भाजपा टिकट देती हे या नहीं इसकी परवाह किये बिना चौबीस मार्च को नामांकन दाखिल करने कि घोषणा कर चुके हें। उन्होंने साफ़ संकेत दिए कि वो जोधपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे उनका प्रथम लक्ष्य अपने गृह जिले से चुनाव लड़ना हें। भाजपा संघठन में भी कर्नल के नाम का जोरदार विरोध शुरू हो गया हें। भाजपा कार्यकर्ताओ ने सामूहिक बयां दिया कि बाड़मेर से कर्नल सोनाराम भाजपा प्रत्यासी के तौर पर कतई मंजूर नहीं बाड़मेर के सभी छह भाजपा विधायको ने जसवंत सिंह के नाम पर सहमति जताई हें। भाजपा के कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा में सिर्फ जसवंत सिंह को ही टिकट मिलना चाहिए। बीस साल भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे कांग्रेस नेता को टिकट बर्दास्त नहीं हें। जसवंत सिंह के समर्थन में इस्तीफे देने को तैयार हें

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टांके में डूबने से विवाहिता की मौत, हत्या का आरोप



गुड़ामालानी. थाना क्षेत्र के उड़ासर गांव में एक दिन पूर्व टांके में डूबने से एक विवाहिता की मौत हो गई। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से विवाहिता को टांके से बाहर निकाला। वहीं बुधवार को शव का पोस्टमार्टम किया गया। वहीं पीहर पक्ष ने विवाहिता की हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि काकू देवी पुत्री बुधाराम भील निवासी विजलीयाल (बागौड़ा) जालोर की शादी 15 दिन पूर्व उड़ासर निवासी लालाराम भील के साथ हुई थी। मृतका की टांके में डूबने से मौत के मामले में परिजनों व भील समाज के लोगों ने दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया है। डीएसपी ओमप्रकाश उज्ज्वल ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।

तीन बच्चों के साथ महिला ने की खुदकुशी



बाड़मेर चौहटन थाना क्षेत्र के मंडासर (नेहरो की नाडी) गांव में एक विवाहिता ने तीन बच्चों के साथ टांके में कूद खुदकुशी कर ली। घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और टांके में पड़े तीन बच्चों समेत विवाहिता के शव को बाहर निकाला गया। पुलिस ने बताया कि 18-19 मार्च की अद्र्ध रात्रि में मंडासर नेहरो की नाडी निवासी कमला देवी पत्नी बांका राम जाट अपने तीन बच्चों समेत टांके में कूद गई। सूचना के बाद चौहटन डिप्टी किशन सिंह भाटी, थानाधिकारी सहदेव, हेड कांस्टेबल कल्याणसिंह मौके पर पहुंचे। घटना से एक दिन पूर्व ही पति बांका राम धानेरा(गुजरात) मजदूरी पर गया था। फिलहाल विवाहिता घर पर अकेली थी और सास-ससुर से अलग रहती है। ऐसे में मंगलवार रात्रि में तीन बच्चों के साथ टांके में कूद गई। बुधवार सुबह 11 बजे आसपास के लोगों ने जब घर में बच्चे खेलते हुए देखे तो छानबीन की। पैर की निशानी पर पानी के टांके को देखा गया तो उसमें तीन बच्चों समेत विवाहिता का शव तैरता हुआ दिखाई दिया। विवाहिता कमला देवी (30) उसके तीन बच्चे जगदीश(7), रमेश(5) व पपू (1.5) के शवों को पुलिस ने टांके से निकाला। सूत्रों के मुताबिक होली पर विवाहिता कमला पीहर गई थी और मंगलवार को ही वापस ससुराल में आई थी। वहीं मंगलवार को पति बांका राम मजदूरी के लिए गुजरात चला गया। फिलहाल पुलिस में ससुराल पक्ष ने रिपोर्ट दी है, जिसमें किसी तरह के विवाद का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन विवाहिता की ओर से तीन बच्चों के साथ खुदकुशी को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है, कि मौत की वजह क्या थी? फिलहाल पुलिस पीहर पक्ष की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। बुधवार को पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया। ऐसे में गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

बुधवार, 19 मार्च 2014

बाड़मेर राज परिवार में बधाना। …… सहभोज का आयोजन


बाड़मेर राज परिवार में बधाना। …… सहभोज का आयोजन

36 कौम ने कि शिरकत


बाड़मेर 19 मार्च। 70 वर्ष बाद बाड़मेर राज परिवार में पुत्र जन्म की थाली बजने की खुशी में बाड़मेर फोर्ट में सहभोज का आयोजन किया गया। इस सह भोज में 36 कौम के मोजीज लोगो ने शिरकत की। बाड़मेर फोर्ट के राजपरिवार में बीते माह 70 वर्ष बाद पुत्र जन्म की प्रापित हुर्इ थी इसी खुशी के सुअवसर पर बाड़मेर राज परिवार द्वारा बुधवार को बाड़मेर फोर्ट में सहभोज का आयेाजन रखा गया। इस अवसर पर बाड़मेर के गणमान्य नागरिको के साथ विभिन्न प्रशासनिक अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों सहित जिलेभर के लोगो सैकडो लोगो ने शिरकत करते हुए बाड़मेर रावल त्रिभुवनसिंह को बधार्इयां दी। जिलेभर के लोगो के बधार्इ देने का सिलसिला देर रात शाम तक जारी रहा। बाड़मेर फोर्ट में आयोजित इस भोेज से पहले राजपरिवार के पारम्परिक रिति रिवाजो का निर्वाहन करते हुए राजपरिवार के नये सदस्य धु्रवराजसिंह को पहली बार राज दरबार में नामाकरण के बाद शामिल किया गया। इस खास मौके पर फोर्ट को दुल्हन की तहर सज्जया गया। फोर्ट के समीप सिथत माता नागणेचिचयां माता मनिदर के सामुदयिक सभा भवन में भोज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजपरिवार के साथ साथ बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन,नाकोड़ा ट्रस्ट के अध्यक्ष अमृतलाल,बलराम प्रचापत,कैप्टन हीरसिंह,मोधोसिंह राजपुरोहित,मुकेशपचौरी,सुरेश बोथरा,मदन बारूपाल,प्रदीपसिंह,चन्दनसिंह भाटी,आजादसिंह सहित सैकड़ो लोगो ने उपसिथत थे।

समलैंगिकता छिपाने के लिए बीवी की हत्या





लंदन भारतीय मूल के एक व्यक्ति पर आरोप कि उसने समलैंगिकता छिपाने के लिए पत्नी का कत्ल कर दिया। यह बात ब्रिटिश कोर्ट को बताई गई। कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक, लंदन के एक बैंक में काम करने वाले जसवीर राम गिंडे (29) लंदन के मिडलैंड में रहते हैं। एक दिन उसने पत्नी की स्टील रॉड और वैक्यूम क्लीनर से हत्या कर दी। इसके बाद उसके शरीर को जलाकर बगीचे में दफन कर दिया।

जसवीर ने अपने पड़ोसियों को बताया कि उसकी पत्नी रानी (24) ने खुद को आग लगा ली थी। जसवीर और रानी की शादी पिछले साल मार्च में भारत में हुई थी। फिर वे वीजा पाकर लंदन रहने के लिए चले गए। कोर्ट में प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि जसवीर ने अपने एक दोस्त से कहा था कि वह पुरुषों की तरफ आकर्षित होता है, लेकिन यह बात वह किसी को बता नहीं सकता।

राज्य की 19 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस का मुकाबला तय

जयपुर । प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 19 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों का आमने-सामने का मुकाबला तय हो गया है।
शेष्ा छह सीटों में से दो पर कांग्रेस के और चार पर भाजपा के उम्मीदवार तय होने शेष्ा हैं।

कांग्रेस ने अभी भरतपुर व दौसा सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

जबकि भाजपा ने अजमेर, पाली, बाड़मेर व धौलपुर-करौली सीट पर प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे हैं।

जानिए भाजपा-कांग्रेस के कौन कौन प्रत्याशी होंगे आमने-सामने

सीट - भाजपा - कांग्रेस

झालावाड़ बारां- दुष्यंत सिंह - प्रमोद जैन भाया
चूरू- राहुल कस्वां - प्रताप पूनिया

बीकानेर- अर्जुन राम मेघवाल - शंकर पन्नू

चित्तौड़गढ- सी. पी. जोशी - गिरिजा व्यास

भीलवाड़ा- सुभाष्ा बहेडिया - अशोक चांदना, विधायक
जयपुर ग्रामीण- राज्यवर्घन सिंह - सी पी जोशी

जयपुर शहर- रामचरण बोहरा - महेश जोशी
कोटा- ओम बिड़ला - इज्येराज सिंह

टोंक सवाईमाधोपुर- सुखबीर सिंह जौनपुरिया - मोहम्मद अजहरूद्दीन

नागौर- सी.आर. चौधरी - ज्योति मिर्घा
सीकर- स्वामी सुमेधानन्द - पी.एस.जाट

झुंझुनंू- संतोष्ा अहलावत - राजबाला ओला

जोधपुर- गजेन्द्र सिंह शेखावत - चंद्रेश कुमारी

जालौर-सिरोही- देवजी पटेल - उदय लाल आंजना
उदयपुर- अर्जुन मीणा - रघुवीर मीणा

श्रीगंगानगर- निहाल चंद - मास्टर भंवर लाल मेघवाल
अलवर- महंत चांदनाथ - जितेन्द्र सिंह

राजसमंद- हरिओम सिंह राठौड़ - गोपाल सिंह शेखावत
बांसवाड़ा - मानशंकर निनामा - रेशम महेन्द्रजीत सिंह मालवीया

इन सीटों पर कांग्रेस नहीं लेकिन भाजपा के यह उम्मीदवार खड़े होंगे :-

भरतपुर- बहादुर सिंह कोली

दौसा- हरीश मीना

इन सीटों पर भाजपा ने उम्म्मीदवार खड़े नहीं किए लेकिन यह कांग्रेसी उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे :-

अजमेर - सचिन पायलट

पाली - मुन्नी देवी गोदारा

बाड़मेर - हरीश चौधरी

धौलपुर-करौली - लक्खी राम बैरवा - 

मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा कांग्रेस का यह योद्धा!

नई दिल्ली। बनारस की लोकसभा सीट पर घमासान अब रोचक होता जा रहा है।
इस लोकसभा सीट के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री उम्म्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किए जाने के बाद से सभी की दिलचस्पी इस बात में हो गई है कि अन्य प्रमुख पार्टियां अपने किस उम्मीदवार को मोदी के खिलाफ खड़ा करने वाली हैं।

जहां आम आदमी पार्टी की ओर से अरविंद केजरीवाल ख्खुद ही नमो के सामने उतरने की घोषणा कर चुके हैं वहीं ऎसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के दबंग और बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह इस सीट से नमो को चुनौती दे सकते हैं।

गौरतलब रहे कि इस सीट को लेकर कांग्रेस के लिए बड़ी हास्यापद स्थिति हो गई है जब उसके बड़े और कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस की कमजोर हालत देखते हुए बनारस से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है।

ऎसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने खुद ही अपना नाम मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए पेश किया है।

इस बारे में अंतिम फैसला हालांकि शुक्रवार को होना है। लेकिन दिग्गी ने अपनी रजामंदी दे दी है। अगर उनके नाम पर अंतिम मुहर लगती है, तो यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाएगी। कांग्रेस ने कहा है कि इस सीट पर उनका एक मजबूत उम्मीदवार उतारा जाएगा।

केजरीवाल के मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस पर यह दबाव बढ़ गया था कि वह कोई मजबूत दावेदार मोदी के सामने उतारे।

कांग्रेस वाराणसी को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं कर पाई थी और इसकी वजह यह है कि उसे मोदी के खिलाफ उतारने के लिए कोई कद्दावर नेता नहीं मिल रहा था। दिग्विजय सिंह उसकी कई चिंताएं दूर कर सकते हैं।

दिग्विजय सिंह के मैदान में उतरने से पहले भी बनारस का रण बेहद दिलचस्प हो गया है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि मोदी को बनारस से लड़ाने का फैसला उसे पूर्वाचल में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका दे सकता है।

उधर समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर से अपने विधायक और अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को इस सीट से मौका देने का मन बनाया है। वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव बनारस से सटे आजमगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी दौड़ में शामिल है। सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी दिग्गज कारोबारी विजय जायसवाल को टिकट देने की तैयारी कर रही है। ऎसे में अगर कांग्रेस दिग्गी को उतारती है, तो यह मुकाबला देखना वाकई में दिलचस्प रहेगा। -