नई दिल्ली। बनारस की लोकसभा सीट पर घमासान अब रोचक होता जा रहा है।
इस लोकसभा सीट के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री उम्म्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किए जाने के बाद से सभी की दिलचस्पी इस बात में हो गई है कि अन्य प्रमुख पार्टियां अपने किस उम्मीदवार को मोदी के खिलाफ खड़ा करने वाली हैं।
जहां आम आदमी पार्टी की ओर से अरविंद केजरीवाल ख्खुद ही नमो के सामने उतरने की घोषणा कर चुके हैं वहीं ऎसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के दबंग और बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह इस सीट से नमो को चुनौती दे सकते हैं।
गौरतलब रहे कि इस सीट को लेकर कांग्रेस के लिए बड़ी हास्यापद स्थिति हो गई है जब उसके बड़े और कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस की कमजोर हालत देखते हुए बनारस से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है।
ऎसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने खुद ही अपना नाम मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए पेश किया है।
इस बारे में अंतिम फैसला हालांकि शुक्रवार को होना है। लेकिन दिग्गी ने अपनी रजामंदी दे दी है। अगर उनके नाम पर अंतिम मुहर लगती है, तो यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाएगी। कांग्रेस ने कहा है कि इस सीट पर उनका एक मजबूत उम्मीदवार उतारा जाएगा।
केजरीवाल के मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस पर यह दबाव बढ़ गया था कि वह कोई मजबूत दावेदार मोदी के सामने उतारे।
कांग्रेस वाराणसी को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं कर पाई थी और इसकी वजह यह है कि उसे मोदी के खिलाफ उतारने के लिए कोई कद्दावर नेता नहीं मिल रहा था। दिग्विजय सिंह उसकी कई चिंताएं दूर कर सकते हैं।
दिग्विजय सिंह के मैदान में उतरने से पहले भी बनारस का रण बेहद दिलचस्प हो गया है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि मोदी को बनारस से लड़ाने का फैसला उसे पूर्वाचल में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका दे सकता है।
उधर समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर से अपने विधायक और अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को इस सीट से मौका देने का मन बनाया है। वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव बनारस से सटे आजमगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी दौड़ में शामिल है। सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी दिग्गज कारोबारी विजय जायसवाल को टिकट देने की तैयारी कर रही है। ऎसे में अगर कांग्रेस दिग्गी को उतारती है, तो यह मुकाबला देखना वाकई में दिलचस्प रहेगा। -
इस लोकसभा सीट के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री उम्म्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किए जाने के बाद से सभी की दिलचस्पी इस बात में हो गई है कि अन्य प्रमुख पार्टियां अपने किस उम्मीदवार को मोदी के खिलाफ खड़ा करने वाली हैं।
जहां आम आदमी पार्टी की ओर से अरविंद केजरीवाल ख्खुद ही नमो के सामने उतरने की घोषणा कर चुके हैं वहीं ऎसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के दबंग और बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह इस सीट से नमो को चुनौती दे सकते हैं।
गौरतलब रहे कि इस सीट को लेकर कांग्रेस के लिए बड़ी हास्यापद स्थिति हो गई है जब उसके बड़े और कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस की कमजोर हालत देखते हुए बनारस से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है।
ऎसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने खुद ही अपना नाम मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए पेश किया है।
इस बारे में अंतिम फैसला हालांकि शुक्रवार को होना है। लेकिन दिग्गी ने अपनी रजामंदी दे दी है। अगर उनके नाम पर अंतिम मुहर लगती है, तो यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाएगी। कांग्रेस ने कहा है कि इस सीट पर उनका एक मजबूत उम्मीदवार उतारा जाएगा।
केजरीवाल के मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस पर यह दबाव बढ़ गया था कि वह कोई मजबूत दावेदार मोदी के सामने उतारे।
कांग्रेस वाराणसी को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं कर पाई थी और इसकी वजह यह है कि उसे मोदी के खिलाफ उतारने के लिए कोई कद्दावर नेता नहीं मिल रहा था। दिग्विजय सिंह उसकी कई चिंताएं दूर कर सकते हैं।
दिग्विजय सिंह के मैदान में उतरने से पहले भी बनारस का रण बेहद दिलचस्प हो गया है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि मोदी को बनारस से लड़ाने का फैसला उसे पूर्वाचल में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका दे सकता है।
उधर समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर से अपने विधायक और अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया को इस सीट से मौका देने का मन बनाया है। वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव बनारस से सटे आजमगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी दौड़ में शामिल है। सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी दिग्गज कारोबारी विजय जायसवाल को टिकट देने की तैयारी कर रही है। ऎसे में अगर कांग्रेस दिग्गी को उतारती है, तो यह मुकाबला देखना वाकई में दिलचस्प रहेगा। -
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