जयपुर। भाजपा में लोकसभा चुनावों से पहले अंदरूनी रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह भाजपा में टिकट वितरण से खफा हैं। जसवंत सिंह राजस्थान की बाड़मेर से टिकट मांग रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश नेतृत्व यहां से कर्नल सोनाराम को टिकट देना चाहता है। सोनाराम दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार बाड़मेर से टिकट मांग रहे जसवंत सिंह ने टिकट न देने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दे डाली है। इस संबंध में सिंह ने 24 मार्च को नामाकंन दाखिल करने की घोषण भी कर दी है। हालांकि सिंह के करीबियों ने ऎसी खबरों से इनकार किया है। जसवंत सिंह की दावेदारी के चलते ही बुधवार को घोषित लिस्ट में बाड़मेर सीट से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई। जसवंत सिंह को टिकट देने का समर्थन बाड़मेर जिले के छह भाजपा विधायक भी कर रहे हैं। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफे देने की तैयारी में जुट गए हैं।
वहीं भाजपा संगठन में भी कर्नल के नाम का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा में सिर्फ जसवंत सिंह को ही टिकट मिलना चाहिए। बीस साल भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे कांग्रेस नेता को टिकट बर्दाश्त नहीं है तथा वह जसवंत सिंह के समर्थन में इस्तीफा देने को तैयार हैं। गौरतलब है कि जसवंत सिंह 2009 में दार्जिलिंग से सांसद चुने गए थे। इसके अलावा वे एनडीए सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार बाड़मेर से टिकट मांग रहे जसवंत सिंह ने टिकट न देने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दे डाली है। इस संबंध में सिंह ने 24 मार्च को नामाकंन दाखिल करने की घोषण भी कर दी है। हालांकि सिंह के करीबियों ने ऎसी खबरों से इनकार किया है। जसवंत सिंह की दावेदारी के चलते ही बुधवार को घोषित लिस्ट में बाड़मेर सीट से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई। जसवंत सिंह को टिकट देने का समर्थन बाड़मेर जिले के छह भाजपा विधायक भी कर रहे हैं। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफे देने की तैयारी में जुट गए हैं।
वहीं भाजपा संगठन में भी कर्नल के नाम का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के कार्यकर्ता ओम प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा में सिर्फ जसवंत सिंह को ही टिकट मिलना चाहिए। बीस साल भाजपा के खिलाफ लड़ते रहे कांग्रेस नेता को टिकट बर्दाश्त नहीं है तथा वह जसवंत सिंह के समर्थन में इस्तीफा देने को तैयार हैं। गौरतलब है कि जसवंत सिंह 2009 में दार्जिलिंग से सांसद चुने गए थे। इसके अलावा वे एनडीए सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
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