बीजिंग। चीन में अजीबों गरीब घटना घटी। यहां एक युवक ने युवती को बंधक बनाकर छत पर ले गया और सब सामने उसने सब सामने युवती के कपड़े उतार दिए। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया। घटना चीन के हैनन प्रांत के सान्या शहर की है।
डेली मेल की खबर के अनुसार सोमवार को एक 32 वर्षीय सिरफिरे आशिक ने लड़की के घरवालों के शादी के लिए राजी न होने पर लड़की का अपरहण कर लिया। लड़की को चाकू से डरा-धमकाकर वह एक घर के घत पर ले गया और उसे मारने की धमकी देने लगा।
इस घटना को देखकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसकी सूचना पुलिस को गई। मौके पर पहुंची लेकिन उसने पुलिस को धमकी देने लगा।
पुलिसवाले जैसे ही आगे बढ़ते वह छुरा दिखाकर युवती को मारने की धमकी देता। इस दौरान लड़के ने युवती के कपड़े उतार दिया और खुद भी अपने उतार दिया। यह घटनाक्रम करीब पांच घंटे तक चला।
युवक ने पुलिसवालों से एक सौदा किया जिसमें उसने भागने के लिए कार मंगवाई। पुलिस ने उसकी मांग को मान लिया। इसके बाद वह छत से नीचे उतरा तो पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि लड़की के साथ युवक के माता-पिता भी शादी के खिलाफ थे।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती एक सवाल पर अचानक भड़क उठे और सरेआम एक पत्रकार को चांटा रसीद कर दिया। यह पत्रकार टीवी चैनल का है। शंकराचार्य को गुस्सा इस बात पर आ गया, क्योंकि उनसे बीजेपी के नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर सवाल पूछा गया था।
सवाल पर क्रोधित शंकराचार्य ने आनन-फानन में मौके पर ही पत्रकार को थप्पड़ मार दिया। शंकराचार्य ने कहा कि उनसे राजनीतिक सवाल नहीं पूछा जाए। वैसे आपको बता दें कि स्वामी जी कांग्रेस के समर्थक माने जाते हैं।
एक पादरी ने अपने बेहद खतरनाक और अकल्पनीय सेक्स हंगामे से मानो भूचाल ही ला दिया है।
इस पादरी को लोग एक स्वयंभू पादरी के तौर पर जानते हैं। अपने चर्च में किए इस अजीबोगरीब कारनामे के दौरान इसने अपने से मिलने आने वाली भक्त महिलाओं में से 13 महिलाओं को ही गर्भवती बना डाला।
और वो भी केवल 5 महीनों के अंतराल में ही...
इन पीडित महिलाओं का कहना है कि वे इस पादरी के पास अपनी शादी से संबंधित समस्याएं सुलझाने के वास्ते गई थी।
इन में से एक ने तो बताया कि पादरी ने उसको पहले तो यह कहा कि उसका पति शैतान के चंगुल में है व जल्दी ही उसको छोड़ने वाला है।
इसके बाद पादरी ने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया और दोनों ने सेक्स किया। सेक्स के दौरान पादरी ने कंडोम का भी इस्तेमाल नहीं किया।
यह तो उसको बाद में पता चला कि इस पादरी के और भी कई महिलाओं के साथ शारिरिक संबंध हैं।
इसी तरह की अजीबोगरीब और अविश्वसनीय कहानियां बाकी पीडित महिलाओं के पास भी कहने को हैं जो इस पादरी के बारे में कई तरह के खुलासे करता है।
इतनी सारी महिलाओं के साथ संबंध होने के बावजूद आज दिन तक यह पादरी अविवाहित ही है। पीडित महिलाओं का यह भी कहना हे कि इतनी बार अलग अलग महिलाओं के साथ सोने वाले इस पादरी को किसी बीमारी के होने का भी डर नहीं है।
अपनी पोल खुलती देख ऎसा सुनने में आया है कि अब इस पादरी ने इन सभी महिलाओं को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी है।
पादरी से पूछे जाने पर उसने इन में से कुछ महिलाओं के साथ संबंध होना स्वीकार किया है लेकिन इनको गर्भवती बनाने की बात से साफ यह कहते हुए इंकार किया कि ये तो वेश्याएं हैं और न जाने किस किस के साथ यह सोती हैं।
अब यह बताया जा रहा है कि पादरी को वहां से चले जाने की सलाह दी जा रही है क्योंकि उस ने एक पवित्र जगह को अपवित्र किया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के लाभपुर थाना इलाके के सुबलपुर गांव की अदिवासी युवती (20) से सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आई है।
घटना के बाद हालत गंभीर होने पर पीडिता को पहले लाभपुर अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे सिउड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हैरानी की बात यह है कि 13 आदिवासी युवकों ने सॉलसी सभा में सामूहिक रूप से लिए गए फैसले के बाद युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया।
किसी दूसरे सम्प्रदाय के युवक से प्रेम करने के कारण सॉलिसी सभा ने युवती को कड़ी सजा देने का फैसला किया। युवक से 25 हजार रूपए बतौर जुर्माने की मांग की थी।
गांववाले प्रेम प्रसंग से नाराज थे। पुलिस ने मुख्य आरोपी बलाई मांडी समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पीडिता ने पुलिस को बताया कि उससे सामूहिक दुष्कर्म करने का फैसला गांव की सॉलसी सभा में किया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर जब पुलिस ले जा रही थी तब ग्रामीण पुलिस वैन का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने लगे और उन्हें छोड़ने की मांग करने लगे।
घटना की सूचना पाकर पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने बताया कि सोमवार रात पीडिता से सामूहिक बलात्कार हुआ था। उसके परिजनों ने बुधवार को घटना की सूचना लाभपुर थाने को दी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
जोधपुर। कांग्रेस के दो दिग्गज नेता जिस भंवरी देवी के चक्कर में आज भी जेल की हवा खा रहे हैं, ये वैसा मामला नहीं है। फिर भी जोधपुर में इन दिनों इस भंवरी देवी का नाम सुर्खियों में है। ये किसी सेक्स स्कैंडल से नहीं जुड़ी हैं, बल्कि धोखाधड़ी के एक मामले में हाल ही गिरफ्तार हुई हैं।
बता दें कि पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में लम्बे समय इस भंवरी देवी को लेकर जोधपुर पुलिस पशोपेश में थी। भंवरी देवी मथानिया से सरपंच हैं और उम्र है 60 वर्ष। आखिर बुधवार को करीब 8 महीने बाद पुलिस ने भंवरी देवी को गिरफ्तार कर ही लिया।
यह था मामला
सरपंच भंवरी देवी पर एक व्यक्ति को गोचर भूमि की एनओसी जारी कर बेचने के आरोप हैं। यह भूमि रामकुटिया गांव में थी और खरीदार था अमराराम नाम का व्यक्ति। अमराराम ने बाद में गोचर भूमि को अपने तीन बेटों के नाम से रजिस्ट्री करवा दी थी।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर का ही बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत में 303 गवाहों की सूची तथा सबूत के तौर पर 315 दस्तावेज पेश किए जाने के बाद भी मामला अभी तक सुलझा नहीं हैं। मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह आदि अन्य आरोपी आज भी जेल की हवा खा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भंवरी देवी की जिले के बिलाडा कस्बे से अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
जैसलमेर। रात के अंधेरे मे एहतियात के तौर पर सीमा सुरक्षा बल के जवान अत्याधुनिक हथियारो से लैस होने के साथ सीमा के उस पार की हरकतो को देखने के लिए आधुनिक उपकरणो से उन पर नजर रखते हैं। पाक सीमा से सटी जैसलमेर की सरहद पर इन दिनो चल रहे ऑपरेशन सर्द हवा के दौरान हर जवान के हाथो मे हाइटेशन टॉर्च, रात के अंधेरे मे हरकत पर नजर रखने वाले कैमरे हैं, जिससे वे सीमा के उस पार की गतिविधियो पर नजर रखते हैं।
सरहद पर निगरानी रखने वाले जवान बताते हैं कि एक टुकड़ी रात भर सीमा की चौकसी करती है और दूसरी टुकड़ी बंकरो पर हथियार ताने पहली टुकड़ी के इशारे का इंतजार करती है। उनका इशारा पाते ही वे मुस्तैद होकर दुश्मन को निशाना बनाने के लिए तत्पर हो जाते हैं। रात भर यही सिलसिला जारी रहता है। इस पूरी प्रक्रिया मे उन्हे मुस्तैदी से कार्रवाई करनी होती है। इस दौरान जैसे ही उन्हे खतरे का आभास होता है तो वे इसकी सूचना उच्चाधिकारियो को दे देते हैं। इस कड़कड़ाती सर्दी मे उन्हे ताजगी देने के लिए चाय का एक प्याला ही पर्याप्त है।
...ताकि न बढ़े तनाव
सीसुब के जवानो की ड्यूटी जब पूरी हो जाती है तो वे पोस्ट पर लगे टीवी सेट के आगे गु्रप मे बैठकर मनोरंजन करते हैं। तनाव न बढ़े, इसके लिए वे मनोरंजन के साधनो के आगे बैठकर अपनी पसंद के गीत व फिल्में देखकर शारीरिक व मानसिक थकान मिटाने का प्रयास करते हैं।
रोजमर्रा की एक्सरसाइज
वैसे ऑपरेशन अलर्ट सर्द हवा के दौरान सीसुब के अधिकारियो व जवानो की सतर्कता व चौकसी बढ़ जाती है। सीसुब जवान बताते हैं कि ये रोजमर्रा की तरह ही एक एक्सरसाइज है। जवानो को इन हालातो से अभ्यस्त करने के लिए ये ड्यूटियां मुख्य रूप से खराब मौसम, त्योहार, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, कड़ाके की सर्दी या भीषण गर्मी के दिनो मे दी जाती है। आशंका यही रहती है कि इस समय दुश्मन यहां घुसपैठ करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियो के अभ्यास सीमा प्रहरी सीमा पार से घुसपैठ कर देश की सीमा मे किसी को नहीं घुसने देने के लिए सतर्क रहते हैं।
बाड़मेर/बालोतरा। साढ़े बारह हजार बीघा में प्रस्तावित प्रदेश की जिस पहली रिफाइनरी पर 37 हजार करोड़ रूपए से अधिक खर्च कर चार साल में कार्य पूरा करने का चार माह पहले दावा किया जा रहा था, वह कार्य एक इंच भी आगे नहीं खिसका है।
चार माह पहले 22 सितम्बर को पचपदरा में शिलान्यास स्थल पर हजारों लोग एकत्र हुए अब वहां खामोशी का पहरा है। तमाम विवादों और विरोध के बीच यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने पचपदरा में जब रिफाइनरी की आधारशिला रखी तो उम्मीदे बढ़ी थी कि अब कार्य भी शुरू होगा। इसके बाद आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई। रिफाइनरी के भविष्य व इसके स्थान को लेकर नई सरकार ने आधिकारिक रूप से कहीं कुछ नहीं कहा है। ऎसे में आमजन में कई तरह की चर्चाएं हैं लोग कयास लगा रहे हैं, पर जमीनी हकीकत यही है कि अब तक सब कुछ कागजों में ही है।
रिफाइनरी पर रूख साफ नहीं होने से पचपदरा में असमंजस का माहौल है। संशय के बादल छंट नहीं रहे। लिहाजा विकास को लेकर संजोई गई उम्मीदें डांवाडोल होती नजर आ रही है। जमीनों के कारोबार व कीमतों पर जैसे नकेल सी लग गईहै। रिफाइनरी की मंजूरी के साथ ही यहां विकास और नए प्रतिष्ठान खुलने की जो बयार शुरू हुईथी, अब उस पर ब्रेक सा लग गया है। फिलहाल एचपीसीएल भी यहां मौन नजर आ रही है। हाइवे की सड़क के अलावा निर्माण का कोई कार्यनहीं हो रहा। लवणीय इलाके में खार से अटे शिलान्यास स्थल पर खामोशी की चादर पसरी है। पचपदरा साल्ट इलाके की वह जमीन जो कुछ माह पहले यूपीए की चेयर पर्सन सोनिया गांधी के साथ ही कईविशिष्ट व अतिविशिष्ट नेताओं-अधिकारियों के जमावड़े का गवाह बनी थी, अब सूनसान नजर आ रही है।
थमी विकास की रफ्तार
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद हालात भी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। रिफाइनरी की मंजूरी के बाद तेजी के साथ पचपदरा मे विकास कार्यो की दिशा में कदम भरने शुरू ही किए थे कि उस पर ब्रेक सा लग गया। यहां कई नए बैंकों ने दस्तक दी। बड़े पैमाने पर नए प्रतिष्ठान खुले और निर्माण कार्य भी आरम्भ हुए। होटल और रेस्टोरेंट ने रंगत ही बदल डाली। बाहर से आए कईलोगों ने पचपदरा में नए प्रतिष्ठान खोले, लेकिन अब यहां खामोशी की चादर फैली हुई है।
जमीन पर धड़ाम कारोबार
पचपदरा में जमीनों का कारोबार अब अर्श से फर्श पर पहुंच गया है। हालात यह है कि जमीनों के खरीदार नजर तक नहीं आते। जमीनों के कारोबार से जुड़े दलाल जैसे गायब ही हो गए। रिफाइनरी की मंजूरी के समय पचपदरा में
जमीनों के भाव इस कदर बढ़ गए थे कि सुनने वाले भी गश खा जाए। अब जमीनों का कारोबार थम गया है।
अनियमिततताओं का भंडाफोड़
पचपदरा के रिफाइनरी क्षेत्र में बडे पैमाने पर जमीनों की खरीद फरोख्त का दौर चला। अजा-जजा वर्गकी भूमि की बेनामी खरीद तथा पंजीयन में अनियमितताओं को लेकर राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने 11 जुलाईको पचपदरा व जसोल पंजीयन क्षेत्रों में पंजीयन पर प्रतिबंध लगा दिया। हाल ही में इस मामले में पचपदरा के तहसीलदार विवेक कुमार व्यास, पचपदरा के तत्कालीन नायब तहसीलदार व हाल उप पंजीयक मूंडवा हीरसिंह चारण, जसोल के उप पंजीयक राजेश मेवाड़ा तथा जसोल के तत्कालीन नायब तहसीलदार व हाल उप पंजीयक आबू रोड ताराचंद वेंकट को निलम्बित कर दिया गया।
नुकसान में नमक उत्पादक
पचपदरा में रिफाइनरी की मंजूरी ने सबसे बड़ा नुकसान इस इलाके में चल रहे सदियों पुरानेे लवण उद्योग को पहुंचाया है। रिफाइनरी के लिए तय इलाके के दायरे में लगभग सवा सौ नमक की खानें आ रही है। जिन्हें सीधा नुकसान पहुंच रहा है। बड़े पैमाने पर नुकसान के बाद भी मुआवजे के नाम पर प्रभावित नमक उत्पादकों को नया धेला तक नहीं दिया गया है।नमक उत्पादकों का विरोध और पीड़ा धरी की धरी रह गई।
एक तिहाई तेल थार से
थार में 3 लाख बैरल तेल प्रतिदिन उत्पादन संभावित है। यह देश के वर्तमान घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत होगा। यह देश के राजस्व में 30 हजार करोड़ रूपए का इजाफा करेगा। साथ ही यह हर साल देश के तेल आयात बिल में 57 हजार करोड़ रूपए की बचत करेगा।
अब तक 14 हजार करोड़
बाड़मेर के तेल के बूते राज्य सरकार के राजकोष में अब तक 14 हजार करोड़ रूपए जमा हुए हैं।
2041 तक तेल उत्पादन
थार में मंगला और भाग्यम् के बाद ऎश्वर्या तीसरा बड़ा तेल क्षेत्र है। तेल भंडारों के अध्ययन से संकेत मिले हैं कि यह क्षेत्र 2041 तक और उससे भी आगे तक तेल उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इसमें लगभग 5 करोड़ बैरल(लगभग 70 लाख मीट्रिक टन) तेल के भंडार हैं। यदि इसमें उन्नत तेल प्राप्ति (ईओआर) तकनीक के उपयोग से उत्पादन किया जाता है तो इसकी क्षमता में और बढ़ोतरी होने की संभावना है।
कैसे होगा सपना सच
रिफाइनरी के करार में यह शामिल किया गया था कि सवा लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा जो कुशल व अकुशल होंगे। एचपीसीएल प्रशिक्षण देगी और प्राथमिकता स्थानीय युवाओं को रहेगी। 2017 तक रिफाइनरी तैयार होने तक 45 हजार लोग प्रतिदिन रोजगार पाएंगे, ऎसा 2008 से 2012 तक तैयार हुई नौ मिलियन टन की भटिण्डा रिफाइनरी में भी हुआ है। एज्युकेशन हब की कल्पना बाड़मेर में अब साकार होती नजर आएगी,लेकिन अभी तक इस दिशा में कोईकार्य शुरू नहीं हुआ है।
समय पर पूरा हो पाएगा काम?
पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने रिफाइनरी शिलान्यास पर कहा था कि रिफाइनरी का निर्माण चार साल में पूरा कर लिया जाएगा। रिफाइनरी लगने से 129 तरह के प्रोडक्ट बनेंगे, 500 तरह के विभिन्न उद्योग लगेंगे। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सब तय समय पर हो पाएगा।
नहीं होगा रिव्यू
पचपदरा में रिफाइनरी के निर्णय का विषय अभी तक कमेटी के सामने नहीं आया है। रिफाइनरी का एमओयू पहले ही हो चुका था। यह कमेटी तो चुनाव से छह माह पहले हुए तत्कालीन सरकार के निर्णयों का रिव्यू करेगी। वैसे रिफाइनरी को लेकर अब तो कोई विवाद ही नहीं है। पहले स्थान को लेकरजरूर विवाद था।
गुलाबचंद कटारिया, ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री एवं अध्यक्ष मंत्रीमण्डलीय उप समिति
मैं इस पर प्रतिक्रया नहीं दूंगा
मैं रिफाइनरी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। इस विषय में मुख्यमंत्री ही बता सकती हैं।
कैलाश मेघवाल, खनिज मंत्री
बालोतरा।शहर पुलिस ने तीन दिन बाद एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए बुधवार को दुपहिया वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाशकिया है। पुलिस ने पंाच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से खरीदी गई 9 मोटर साइकिले बरामद की है।इससे पूर्व पुलिस ने गत शनिवार को वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों के कब्जे से सोलह मोटर साइकिलें बरामद की थी।इस मामले में आरोपितों से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर बुधवार को पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नौमोटर साइकिलें बरामद की है।
थानाधिकारी सुखाराम विश्नोई ने बताया कि वाहन चोरी के मामलों के पर्दाफाश के लिए विशेष टीम का गठन किया। टीम में शामिल सहायक उप निरीक्षक रावताराम, कांस्टेबल सुखदेव, राकेश कुमार वर्मा, जसाराम, उदयसिंह ने कड़ी निगरानी व सतत प्रयास करते हुए दुपहिया वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर खरीदी गई चोरी की 9 मोटर साइकिलें बरामद की है।
ये हुए गिरफ्तार
पुलिस ने दुपहिया वाहन चोर गिरोह के आरोपित रहीम खां पुत्र मुबिन खां मुसलमान निवासी देवीकोट (जैसलमेर), शकूर खां पुत्र गजन खां मुसलमान निवासी देवीकोट (जैसलमेर), पोकरराम पुत्र भोमाराम मेघवाल निवासी कानासर (बाड़मेर), वीरमाराम पुत्र कानाराम मेघवाल निवासी कानासर (बाड़मेर), अचलाराम पुत्र जोधाराम जाट निवासी झाख (बाड़मेर)को दस्तयाब कर उनसे गहन पूछताछ की। आरोपितों ने कुख्यात मोटर साइकिल चोर लूणाराम मेघवाल बालोतरा से चोरी की गईमोटर साइकिलें खरीदना स्वीकार किया है। पुलिस इस मामले में आरोपितों से पूछताछ कर रही है। जिस पर और भी बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
बाड़मेर।मौत किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, हर समस्या का समाधान जीवन है। यही सच है। इसके बावजूद कुछ लोग जीवन से मुंह मोड़कर मौत को गले लगाते हैं और अपनों को रूसवा कर जाते हैं। बाड़मेर जिले में बीते वर्ष 116 जने अपनों को रूसवा कर गए। पुलिस की भाषा में कहें तो वर्ष 2013 में 116 जनों ने आत्महत्या कर ली। अजीब संयोग है कि वर्ष 2012 में भी इतने ही लोगों ने आत्महत्या की थी।
कई दशकों से अकाल व अभाव का दंश भोगते रहे बाड़मेर जिले में पिछले एक दशक में बदलाव व समृद्धि की बयार चली है, लेकिन इस मोटी परत के तलछट में नजर न आने वाली तनाव की महीन रेखा मोटी होती गई है।
यही वजह हैकि जिले में हर तीन दिन में एक जने ने जिंदगी से हार मान ली। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2012 में पुरूषों की तुलना में महिलाओं की आत्महत्या की संख्या ज्यादा थी, लेकिन वर्ष 2013 में यह आंकड़ा उल्टा हो गया। वर्ष 2012 में 6 4 महिलाओं व 52 पुरूषों तथा वर्ष 2013 में 41 महिलाओं तथा 75 पुरूषों ने आत्महत्या की।
जिंदगी से रूठने की वजह क्या?
कोई आत्महत्या क्यों करता है? मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस सवाल का सीधा जवाब यह है कि अत्यधिक तनाव इंसान को बेरूखा कर देता है। निरंतर तनाव, अकेलापन व उससे उपजने वाला क्षणिक आक्रोश व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेल देता है।
भावात्मक आक्रोश पर शाब्दिक प्रहार भी कई बार मौत की वजह बन जाता है। एकल परिवार व एकाकी जीवनवृत्ति की कठिनाइयां भी कभी कभार मौत का कारण बन जाती हैं। रिश्तों की अनबन, अविश्वास की भावना, गहराई तक जुड़ाव न होने से जिंदगी से लगाव खत्म हो जाता है, जो आत्महत्या के रूप में परिणित हो जाता है।
पानी के टांके, रस्सी से फंदा
आत्महत्या का दुस्साहस करने वाले पानी के टांकों में कूदते हैं अथवा पेड़ व पंखे से फंदा लगा देते हैं। आत्महत्या के अधिकांश मामलों की यही कहानी है। आत्महत्या करने वाली अधिकांश महिलाओं ने पानी के टांके में कूदकर इहलीला समाप्त की। वहीं अधिकांश पुरूषों ने रस्सी से पेड़ व अथवा पंखे से फंदा लगा जिंदगी से मुंह मोड़ लिया। कुछ पुरूषों ने ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या की।
प्रतिवर्ष 50 टांके नाकारा
जिस टांके में कूदकर आत्महत्या होती है, वह टांका हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। बाड़मेर जिले में प्रतिवर्ष औसतन पचास टांके इस वजह से नाकारा हो जाते हैं। उन टांकों का कोईउपयोग नहीं होता। कुछ लोगो का सुझाव है कि टांकों में सीढियां होनी चाहिए। क्षणिक आवेश के साथ जो टांके में कूद जाता है, उसे यदि सीढियों का सहारा मिल जाए तो जिंदगी बच सकती है। इससे प्रतिवर्ष नाकारा होने वाले टांकों की संख्या भी कम हो जाएगी।
निराशा...कुण्ठा...मौत
परिवार व कार्यस्थल पर असंतोष उत्पन्न होने के कारण निराशा होती है, जो धीरे-धीरे कुण्ठा बन जाती है। दीर्घकाल तक कुण्ठा रहने पर सकारात्मक विचार रूक जाते हैं और आत्महत्या जैसी स्थिति बन जाती है। जहां तक असंतोष का प्रश्न है तो उसकी कई वजहें होती हैं। पति-पत्नी के बीच ईगो, अविश्वास, आर्थिक तंगी जैसे कईकारण हैं। इस स्थिति से बचने का तरीका यही है कि हमेशा सकारात्मक रहें, भरोसा करें, भरोसा दें। इससे सहनशक्ति पैदा होगी, जिससे जिन्दगी व परिवार से लगाव रहेगा। फिर आत्महत्या की नौबत नहीं आएगी। -नीता जैन, मनोवैज्ञानिक, जेएनवीयू जोधपुर
जोधपुर। भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने पद का दुरूपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप में सिरोही के तत्कालीन जिला कलक्टर व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जी.एस. नरवानी को दो वर्ष केकठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने नरवानी पर दो हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सन 1994 में सिरोही जिला कलक्टर पद पर कार्यरत नरवानी के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था। इसके अनुसार नरवानी ने सितम्बर 1990 को स्थानांतरण होने केबाद द्वितीय शनिवार का राजकीय अवकाश होने पर भी नगरपालिका का कार्यालय खुलवाकर भूमि रूपान्तरण के एक मामले के आवेदक के पक्ष में दस्तावेजों को आधिकारिक टिप्पणी कर दी थी।
राज्य सरकार की ओर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सहायक निदेशक (अभियोजन) बरकत अली ने कहा कि नरवानी ने इस मामले में अपने पद व अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए उक्त भूमि पर नगरपालिका का स्वामित्व समाप्त करते हुए नगरपालिका को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।
पटना। बिहार में अधिकारियों और कर्मचरियों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपतियों को जब्त करने में सफलता मिलने के बाद राज्य में पहली बार देह व्यापार में संलिप्त एक व्यक्ति की संपति जब्त की गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत बेगूसराय के सुरेश नट की चल-अचल संपति जब्त कर ली है। अपर पुलिस महानिदेशक रवीन्द्र कुमार ने बुधवार को बताया कि नट पर देह व्यापार के दो मामले दर्ज हैं। इसके जरिए उसने लाखों की संपति अर्जित की है। नट के पूर्णिया और बेगूसराय में भी मकान हैं, जबकि सीतामढ़ी में एक भूखंड है।
उन्होंने बताया कि बेगूसराय के बखरी स्थित नट के बैंक खाते में जमा पांच लाख रूपये समेत कई बैंक खातों को सील कर दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक नट के पास से 30 लाख से ज्यादा की संपति जब्त की गई है।
उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कई अपराधियों, अवैध शराब कारोबारियों और पत्थर माफियाओं की संपति जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को प्रस्ताव भेजा है।
1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध का असली हीरो रणछोड़दास, दिखाया था जीत का रास्ता
अहमदाबाद। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ‘मार्गदर्शक’ आम आदमी के सम्मान में अपनी बॉर्डर पोस्ट का नामकरण किया है। इस पोस्ट पर रणछोड़दास की एक प्रतिमा भी लगाई जाएगी। उत्तर गुजरात के सुईगांव अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक बॉर्डर पोस्ट को रणछोड़दास पोस्ट नाम दिया है।
रणछोड़भाई रबारी ने भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 71 में हुए युद्घ के समय सेना का जो मार्गदर्शन किया, वह सामरिक दृष्टि से निर्णायक रहा। जनवरी-2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़भाई रबारी का निधन हो गया था। बीएसएफ के इन्स्पेक्टर जनरल ए के सिंहा ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से इजाजत मिलने पर पोस्ट को नामकरण किया गया है।
संक्षिप्त में उनके बारे में जानकारी व उनके योगदान को भी अंकित किया जाएगा। इसमें एक महीना लग सकता है। सुरक्षा बल की कई पोस्ट के नाम मंदिर, दरगाह और जवानों के नाम पर हैं, किन्तु रणछोड़भाई पहले ऐसे गुजराती हैं जिनके नाम पर पोस्ट का नामकरण किया गया है। रणछोड़भाई अविभाजित भारत के पेथापुर गथडो गांव के मूल निवासी थे। पेथापुर गथडो विभाजन के चलते पाकिस्तान में चला गया। पशुधन के सहारे गुजारा करने वाले रणछोड़भाई पाकिस्तानी सैनिकों की प्रताड़ना से तंग आकर बनासकांठा में बस गए थे।
क्या थी भूमिका:
युद्घ-1965:
साल 1965 के आरंभ में पाकिस्तानी सेना ने भारत के कच्छ सीमा स्थित विद्याकोट थाने पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर हुई जंग में हमारे 100 सैनिक शहीद हो गए थे। इसलिए सेना की दूसरी टुकड़ी (10 हजार सैनिक) को तीन दिन में छारकोट तक पहुंचना जरूरी हो गया था, तब रणछोड़ पगी के सेना का मार्गदर्शन किया था। फलत: सेना की दूसरी टुकड़ी निर्धारित समय पर मोर्चे पर पहुंच सकी। रणक्षेत्र से पूरी तरह परिचित पगी ने इलाके में छुपे 1200 पाकिस्तानी सैनिकों के लोकेशन की जानकारी भी भारतीय सेना तक पहुंचाई थी, जो भारतीय सेना के लिए अहम साबित हुई। सेना ने इन पर हमला कर विजय प्राप्त की।
साल 1971:
इस युद्घ के समय रणछोड़भाई बोरियाबेट से ऊंट पर सवार होकर पाकिस्तान की ओर गए। घोरा क्षेत्र में छुपी पाकिस्तानी सेना के ठिकानों की जानकारी लेकर लौटे। पगी के इनपुट पर भारतीय सेना ने कूच किया। जंग के दौरान गोली-बमबारी के गोला-बारूद खत्म होने पर उन्होंने सेना को बारूद पहुंचाने का काम भी किया। इन सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति मैडल सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
सुरक्षा बल करता है कद्र:
सुरक्षा बल के एक उच्च अधिकारी ने पहचान छुपाने की शर्त पर कहा कि राष्ट्रसेवा और सामरिक जरूरत के समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले रणछोड़ पगी की सेवाओं की सुरक्षाबल कद्र करता है। बीएसएफ ने ही पहल कर रणछोड़दास रबारी ऊर्फ रणछोड़ पगी के नाम पर बॉर्डर पोस्ट का नामकरण करने का सुझाव दिया था।
जनरल साम मॉणोक शा के हीरो थे रणछोड़पगी:
रणछोड पगी जनरल साम माणोक-शॉ के ‘हीरो’ थे। इतने अजीज कि ढाका में माणोकशॉ ने रणछोड़भाई पगी को अपने साथ डिनर के लिए आमंत्रित किया था। बहुत कम ऐसे सिविल लोगों थे, जिनके साथ माणोकशॉ ने डिनर लिया था। रणछोडभाई पगी उनमें से एक थे। पगी का पूरा नाम है रणछोड़भाई सवाभाई रबारी। वे पाकिस्तान के घरपारकर, जिला गढडो पीठापर में जन्मे थे । बनासकांठा पुलिस में राह दिखाने वाले (पगी) के रूप में सेवारत रहे। जुलाई-2009 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। विभाजन के समय वे एक शरणार्थी के रूप में आए थे।
अंतिम समय तक माणोकशॉ नहीं भूले थे पगी को:
वर्ष 2009 में 27 जून को जनरल सैम माणोकशॉ का निधन हो गया। वे अंतिम समय तक रणछोड़ पगी को भूल नहीं पाए थे। निधन से पहले हॉस्पिटल में वे बार-बार रणछोड़ पगी का नाम लेते थे। बार-बार पगी का नाम आने से सेना के चैन्नई स्थित वेलिंग्टन अस्पताल के दो चिकित्सक एक साथ बोल उठे थे कि ‘हू इज पगी’। जब पगी के बारे में चिकित्सकों को ब्रीफ किया गया तो वे भी दंग रह गए।
रणछोड़भाई के कलेउ के लिए उतारा था हैलिकॉप्टर:
साल 1971 के युद्घ के बाद रणछोड़ पगी एक साल नगरपारकर में रहे थे। ढाका में जनरल माणोकशॉ ने रणछोड़ पगी को डिनर पर आमंत्रित किया था। उनके लिए हैलिकॉप्टर भेजा गया। हैलिकॉप्टर पर सवार होते समय उनकी एक थैली नीचे रह गई जिसे लेने के लिए हैलिकॉप्टर वापस उतारा गया। अधिकारियों ने थैली देखी तो दंग रह गए क्योंकि उसमें दो रोटी, प्याज और बेसन का एक पकवान (गांठिया) भर था।
इनके भी नाम पर:
फ्रीडम फाइटर व सिविलियन के नाम पर एक। मंदिर व दरगाह के नाम पर दो-दो तथा जवान व अधिकारियों के नाम पर 40 से अधिक पोस्ट का नामकरण बीएसएफ ने गुजरात क्षेत्र में किया है। गांव व स्थानीय इलाके के नाम पर 100 से अधिक पोस्ट को पहचाना जाता है।
रणछोड़भाई रबारी ने भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 व 71 में हुए युद्घ के समय सेना का जो मार्गदर्शन किया, वह सामरिक दृष्टि से निर्णायक रहा। जनवरी-2013 में 112 वर्ष की उम्र में रणछोड़भाई रबारी का निधन हो गया था।
आगरा। इस मंहगाई के जमाने में अब दूल्हे भी अपनी कीमत लगाने में लगे है। एक दूल्हे ने पहले अपनी कीमत चार लाख रूपए लगाई लेकिन बाद में उसने सात लाख कर दी। साथ ही शर्त रखी कि पहले पैसा फिर बरात।
शादी का जोड़ा पहनने दुल्हन बरात का इंतजार करती रही। मामला आगरा के सदर थाना क्षेत्र की एक कॉलीन का है।
प्रापर्टी डीलिंग कमीशन एजेंट ने अपनी बीस वर्षीय बेटी का रिश्ता चार महीने पहले भिंड के युवक से तय किया था।
दूल्हे ने दहेज में चार लाख रूपए की मांग की। लड़की पक्ष की माने तो दूल्हे ने सगाई में दहेज के पैसे देने की शर्त रखी। पिछले दिनों सगाई पर उन्होंने शर्त के मुताबिक चार लाख रूपए दे दिए। बारात 21 जनवरी को आनी थी।
दोपहर तक बारात नहीं आई तो दुल्हन पक्ष के लोगों ने लड़के वालों से संपर्क किया। दूल्हे ने दो लाख रूपए और मांगे।
लड़की के पिता ने दूल्हे को मनाने की कोशिश की गई लेकिन वह अपनी शर्त पर अड़ा रहा। दूल्हे की जिद देख लड़की वालों ने मामले की की शिकायत पुलिस से करने का फैसला किया।
नई दिल्ली। आप पार्टी के सुप्रीमो एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री का धरना भले ही खत्म हो गया हो पर धरने के दौरान गृहमंत्रालय और आप पार्टी के बीच उपजी तल्खी बरकरार है। इसी का असर बुधवार को उस समय सामने आया जब केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पागल कह डाला।
महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे ने अपने संबोधन के दौरान केजरीवाल के खिलाफ यह तक कह डाला कि दिल्ली में पागल मुख्यमंत्री आंदोलन चला रहा है जिसके कारण हमें पुलिसवालों की छुटि्टयां कैंसिल करनी पड़ी।
लालू ने उड़ाया था मजाक
आप के धरने का मजाक उड़ाते हुए लालूप्रसाद यादव ने कहा था कि ये केजरीवाल कौन है? वे लोग सब कुछ चौपट करना चाहते हैं। कोई किसी को भी गाली दे रहा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब ये तो नहीं कि आप किसी को भी गाली दे।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ महानगर में खरीददारी करने गई एक महिला का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस सिलसिले में तीन आरोपियों के खिलाफ मेरठ कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओंकार सिंह के अनुसार हापुड देहात की रहने वाले एक महिला मेरठ में लगने वाले अस्थाई बाजार "पेठ" में खरीददारी करने के दो पहले गई थी।
पीडिता का आरोप है राशिद और मशरूफ आदि तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और नशीला पदार्थ खिला दिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
उन्होंने बताया कि महिला के अनुसार बलात्कारी उसे हापुड देहात में छोड़कर फ्करार हो गए। महिला को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है।
इस सिलसिले में राशिद समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सिंह केअनुसार आरोपियो को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमों को भेजा गया है।