गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

समलैंगिकता: जयपुर या सूरत, मिलेगा जोड़ीदार!

जयपुर। समलैंगिकता पर देश भर में बुद्धिजीवी बहस में उलझे हैं। लेकिन आम आदमी के लिए आज भी यह बिरादरी बड़ी जिज्ञासा है। ये लोग कौन हैं? कैसे लगते होंगे? ये सवाल आम हैं और सबसे बड़ी उत्सुकता यह है कि आखिर इस एक मत को मानने वाले लोग आपस में मिल कैसे पाते हैं। तो साहब, यह जान लें कि खुलेआम अपने इस रूख का इजहार नहीं कर पाने वाले ये लोग इंटरनेट पर बड़े व्यवस्थित हैं। जयपुर हो या सूरत या फिर हैदराबाद, तमाम बड़े शहरों में इन लोगों के लिए आपस में अपना जोड़ीदार ढूंढना कोई बेहद मुश्किल खेल नहीं। समलैंगिकता: जयपुर या सूरत, मिलेगा जोड़ीदार!
इंटरनेट बना है बड़ा सहारा

इंटरनेट इन लोगों की आपसी कनेक्शन के लिए बड़ा वरदान साबित हुआ है। कई वेबसाइट्स और सोशल नेटवर्किग समलैंगिकों के बारे में जानकारी से अटे पड़े हैं। यहां यह तक जान सकते हैं कि किस शहर में कौन अपने साथी का इंतजार कर रहा है। हालांकि बताया गया नाम और पता कितना सच्चा, झूठा है, इसका दावा हम यहां नहीं कर रहे। इन वेबवाइट्स पर गे मीटिंग और इसमें रखी जाने वाली सावधानियों, उपयुक्त समय तक के बारे में सलाह दी गई हैं।

जयपुर तक में है सक्रिय
इन वेबसाइट्स की सामग्री विश्वसनीय है तो जयपुर शहर में भी यह बिरादरी इन्टरनेट पर सक्रिय है। समलैंगिक डॉट कॉम नामक एक वेबसाइट को खंगालें तो जयपुर से ऎसे कई पोस्ट मिल जाएंगे, जहां समलैंगिक लोगों ने अपने नाम और मोबाइल नंबर यहां दे रखें हैं। शहरवार बनाए गए पेजों में दिल्ली, मुम्बई, सूरत बंगलौर, सूरत जैसे कई बड़े शहरों से पोस्ट किए गए हैं।

breaking news..जैसलमेर नाचना में पति ने कुल्हाड़ी से पत्नी कि हत्या कि पति गिरफ्तार

जैसलमेर नाचना में पति ने कुल्हाड़ी से पत्नी कि हत्या कि पति गिरफ्तार


जैसलमेर जिले के नाचना थानाक्षेत्र में गुरूवार देर शाम को एक वयक ने अपनी [अटनि कि कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी ,जानकारी के अनुसार नाचना क्षेत्र के भारेवाला में पीराराम भील नामक युवक ने अपनी पत्नी रुखमा देवी उम्र तेंतीस कि कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। मृतका के पीहर पक्ष ने नाचना ठाणे में मामला दर्ज कराया ,पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया। मृतका का पोस्टमार्टम शुक्रवार सुबह किया जायेगा। हत्या का कारण अवैध सम्बन्ध बताया जा रहा हें।

नौकरी का लालच देकर लेफ्टिनेंट ने किया छात्रा से रेप



मेरठ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही एक छात्रा के साथ सेना के एक लेफ्टिनेंट द्वारा रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने आनन-फानन में महिला थाने में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता का बयान अदालत में दर्ज कराया है. मेरठ निवासी आरोपी लेफ्टिनेंट रोहित शर्मा इस समय रुड़की में तैनात है. छात्रा भी मेरठ की है.
रेप
सरधना थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़ित छात्रा प्रांतीय सिविल सेवा की तैयारी के लिए मेरठ में कोचिंग कर रही है. उसकी दोस्ती क्षेत्र के गांव दबथुवा के रोहित शर्मा से थी. रोहित सेना में लेफ्टिनेंट हैं. छात्रा का आरोप है कि 22 अक्टूबर को रोहित ने उसे यह कहकर रुड़की बुलाया कि सेना के स्कूल में शिक्षिकाओं की भर्ती होनी है और इसमें उसकी नौकरी लग सकती है. छात्रा के रुड़की पहुंचने पर रोहित ने उसे बताया कि ब्रिगेडियर किसी काम से देहरादून गए हैं और अगले दिन लौटेंगे. रोहित ने छात्रा को रुड़की के एक होटल में ठहराया.

महिला एसओ रीता शुक्ला के मुताबिक, छात्रा ने बताया कि होटल के कमरे में ही लेफ्टिनेंट रोहित ने उसके साथ रेप किया. साथ ही इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी. सहमी छात्रा ने मेरठ आकर बुधवार को महिला थाने में आपबीती सुनाई. मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण महिला एसओ ने अफसरों को इसकी जानकारी दी. अधिकारियों की अनुमति मिलते ही एसओ ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए छात्रा के बयान दर्ज करा दिए हैं.


CBSE के उपसचिव पर अपनी ही पत्नी से रेप का आरोप

केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के उप सचिव लखन लाल मीणा पर इलाहाबाद के धूमगंज थाने में रेप, जबरदस्‍ती गर्भपात, रेप करने के बाद अश्‍लील वीडियो बनाकर ब्‍लैकमेल करने, धोखे से प्रॉपर्टी दखल करने, पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करने और मारपीट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.सीबीएसई
यह सभी आरोप उनकी पत्‍नी ने लगाए हैं. यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है. लखन लाल मीणा पर आरोप है कि महिला को कोल्‍ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका रेप किया और फिर अश्‍लील वीडियो क्लिप बनाया. आरोपी मीणा फिलहाल अजमेर में तैनात हैं.

पीड़ित महिला का आरोप है कि इलाहाबाद में तैनाती के दौरान लखन लाल मीणा उनके यहां किराएदार बनकर आए थे. एक दिन उन्होंने उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और रेप करके वीडियो क्लिप बनाया. महिला का कहना है कि समाज के डर से उन्‍होंने यह बात किसी को नहीं बताई. यही नहीं, मीणा ने साल 2009 में डरा धमकाकर और वीडियो क्लिप से ब्‍लैकमेल कर उससे जबरन शादी भी की. मीणा से उसे एक बेटा भी है.

महिला ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद से ही मीणा ने दोनों से किनारा करना शुरू कर दिया. इसी बीच उनका अजमेर तबादला हो गया. महिला का कहना है कि उसने कई बार उनसे साथ ले चलने की गुजारिश की मगर वह किनारा करते रहे. दबाव डालने पर 16 अगस्त को वह उन्हें लेने आए. वह बेटे को साथ लेकर उनके साथ चलने को तैयार हुई तो सूबेदार गंज स्टेशन पर ट्रेन चलते ही उन्होंने बेटे को नीचे उतार दिया. उसने शोर मचाया तो थोड़ी दूर पर उसे भी नीचे उतार दिया.

महिला का आरोप है कि उसने इस बारे में पहले धूमनगंज पुलिस से शिकायत की मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई. उसके बाद उसने सीजेएम को शिकायत की. अदालत के आदेश पर लखन लाल मीणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.


 

नरेंद्र मोदी ने की थी ईवीएम से छेड़छाड़ इसलिए राजस्थान में हारी कांग्रेसः गहलोत



राजस्थान कांग्रेस चुनावों में करारी हार की समीक्षा करने बैठी तो नतीजा निकला कि नरेंद्र मोदी हैं इसके लिए जिम्मेदार. पर चौंकाने वाला तथ्य ये सामने आया कि पार्टी मोदी की लहर नहीं बल्कि उनके द्वारा ईवीएम से करवाई गई छेड़छाड़ की वजह से हारी.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऐसा ही लगता है कि उनके खिलाफ आई सुनामी में मोदी का ही हाथ है. अशोक गहलोत को शक है कि मोदी ने अहमदाबाद में ईवीएम मशीनों में प्रोग्रामिंग में गड़बड़ी की है जिसकी वजह से हर पांचवां वोट बीजेपी के खाते में गिरा है. कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग से मिलकर इसकी जांच की मांग की है.

दरअसल, कांग्रेस की हार पर गहलोत ने बहुत माथापच्ची की लेकिन कारण समझ में नही आया, फिर किसी ने बताया कि ये सब मोदी की कलाकारी है. गहलोत को अधिकारियों ने फीडबैक दिया है कि बूथ पर वोट तो कांग्रेस के लिए गिरे हैं लेकिन ईवीएम में गिनती पर बीजेपी के निकले हैं.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मिलकर शिकायत की है कि ईवीएम मशीनों की जांच की जाए क्योंकि इन ईवीएम मशीनों की प्रोग्रामिंग अहमदाबाद में की गई है और वहां मोदी के इशारे पर इस तरह से सेटिंग की गई है कि बूथ पर हर पांचवा वोट बीजेपी के खाते में ही जाए.

कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग में शिकायत से पहले आईटी एक्सपर्ट से जानकारी ली गई है और उन्होंने बताया है कि ऐसा किया जा सकता है. लेकिन बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस हार को पचा नही पा रही है और बहाने ढूंढ रही है.


फर्जी लेटर लिखने के लिए घूस मांगते कांग्रेस, बीजेपी,बीएसपी,जेडीयू के 11 सांसद स्टिंग में फंसे



खोजी पत्रकारिता करने वाले वेब पोर्टल कोबरा पोस्ट ने ‘ऑपरेशन फॉल्कन क्लॉ’ के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया है.इसकी चपेट में कथित रूप से 11 सांसद आए हैं. ये सांसद कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, बीएसपी और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों से जुड़े हैं. स्टिंग के मुताबिक इन सांसदों ने रिश्वत के लालच में एक फर्जी ऑस्ट्रलियाई तेल निर्यात कंपनी के पक्ष में रेकमंडेशन लेटर जारी करने पर सहमति जताई. इसके लिए सांसदों ने पचास हजार रुपये से लेकर 50 लाख रुपयों तक की मांग की. कोबरा पोस्ट का दावा है कि इनमें से छह सांसदों ने तो रेकमंडेशन लेटर लिख भी दिए.
कोबरा पोस्ट ने किया ऑपरेशन फॉल्कन क्लॉ
इन 11 सांसदों पर लगाए हैं कोबरा पोस्ट ने आरोपः
कांग्रेसः खिलाड़ी लाल बैरवा, विक्रम भाई अरजन भाई
बीजेपीःलालू भाई पटेल, रविंद्र कुमार पांडे. हरि मांझी
जेडीयूः विश्वमोहन कुमार, माहेश्वर हजारी, भूदेव चौधरी
बीएसपीः कैसर जहां
एआईएडीएमकेः के सुगुमार और सी राजेंद्रन

कोबरा पोस्ट का यह ऑपरेशन एक साल तक चला. इसमें उनके संवाददाता ने खुद को ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में बेस्ड एक ऑयल फर्म का प्रतिनिधि बताया.इसके बाद कुछ बिचौलियों के सहारे सांसदों के स्टाफ तक पहुंचा गया.सांसदों से कहा गया कि वे देश की पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को कंपनी के पक्ष में अनुशंसा के पत्र लिख दें.सांसदों को बताया गया कि कंपनी देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तेल के खनन का काम करना चाहती है और इस प्रोजेक्ट पर 1 हजार करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है.

कोबरा पोस्ट के मुताबिक कुल 11 सांसद रकम के बदले में ये लेटर लिखने को राजी हो गए. इनमें से छह ने तो ये लेटर जारी भी कर दिए. इसके लिए कांग्रेस के राजस्थान से सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा ने सबसे ज्यादा 50 लाख रुपये की मांग की. किसी भी सांसद ने इस कंपनी के बारे में जानने की जहमत नहीं उठाई. कोबरा पोस्ट के मुताबिक जेडीयू के समस्तीपुर से सांसद महेश्वर हजारी तो एक कदम और आगे निकल आए. उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री में लॉबीइंग के लिए मैं पांच सांसद और ला सकता हूं और सबके पांच-पांच लाख रुपये लगेंगे. कांग्रेस के गुजरात से सांसद विक्रम भाई अरजनभाई के लिए डील कर रहे दलाल ने कहा कि सांसद जी को पैसे हवाला नेटवर्क के जरिए दिए जाएं.

बीजेपी के दमन दीव से सांसद लालू भाई पटेल ने पैसों के जिक्र के दौरान आज तक के लिए कोबरा पोस्ट के सांसदों पर किए गए पिछले स्टिंग ऑपरेशन दुर्योधन का भी जिक्र किया. जिसमें संसद में सवाल पूछने के बदले सांसदों ने पैसे लिए थे और इस फेर में उनकी सदस्यता चली गई थी.

जेडीयू के सांसदों ने कहा कि पैसे लेना मजबूरी है, चुनाव महंगे हो चुके हैं. सुपौल से सांसद विश्वमोहन कुमार ने लेटर लिखने के लिए सबसे कम पचास हजार रुपये मांगे और यह भी कहा कि ये पैसे एक रैली के लिए ले रहा हूं. वर्ना मुफ्त में लिख देता.



और भी... http://aajtak.intoday.in/story/11-members-of-parliament-willing-to-write-letters-of-recommendation-for-a-fictitious-foreign-oil-major-for-money-1-749429.html

टैंकर से टकराई रोडवेज, चार की मौत

जोधपुर। जोधपुर में गुरूवार को रोडवेज और टैंकर की भिड़ंत में चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही हादसे में 30 लोग घायल भी हो गए। घायलों को जोधपुर के मथुरादास माथुर और महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि दो दिनों में ये दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले बुधवार को हुए हादसे में जोधपुर-जैसलमेर रोड पर 12 लोगों की जानें गई थी और 9 अन्य घायल हो गए थे।टैंकर से टकराई रोडवेज, चार की मौत
जानकारी के अनुसार जोधपुर-नागौर रोड पर नेतड़ा गांव के पास गुरूवार सुबह रोडवेज और टैंकर की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। इसके चलते दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दो अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। दुर्घटना में 30 सवारियां घायल हो गई। घायलों को मथुरादास माथुर अस्पताल और महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिनका इलाज जारी है।

आप को समर्थन, कर रहे हैं विचार: राहुल

नई दिल्ली। दिल्ली की बागडोर कौन संभालेगा , इस बात पर राजनितिक पार्टियों में आपसी एक खास तरह की खींच-तान अभी भी मची हुई है।
जहां हमेशा चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक पार्टियां खुद की सरकार बनाने के लिए उतावली नजर आती हैं वहीं इस बार खास बात यह नजर आ रही है कि इस जंग में सभी पार्टियां एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी डालने का प्रयास कर रही हैं।

इसी बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी को बाहर से समर्थन देने पर विचार कर रही है।

जब इस संबंध में आप के कुमार विश्वास से बात की गई तो उन्होंने राहुुल गांधी के इस ऑफर को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि हम किसी के साथ घटबंधन सरकार नहीं बनाएंगे। अगर कांग्रेस को सरकार बनानी है तो वह भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लें ।

मालूम हो कि आप पहले ही किसी के साथ भी मिलकर सरकार बनाने की बात से इंकार कर चुका है।

वैसे बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी भी उनसे कह चुकी हैं कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए।

इसी बीच यह खबर है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने गुरूवार को दिल्ली के राज्यपाल से मुलाकात की।

जानकारी के अनुसार दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग सरकार बनाने को लेेकर भाजपा का पक्ष जानना चाहते हैं।

चार बेटियां ,बेटा नहीं हुआ तो हत्या कर दी विवाहित कि

चार बेटियां ,बेटा नहीं हुआ तो हत्या कर दी विवाहित कि

फिर हुई इंसानियत शर्मसार ....... अगले जन्म में माहे बिटिया मत दीजो बाड़मेर



बाड़मेर . आज भी हमारे समाज में किस तरह बेटे और बेटियो में भेदभाव होता है व् किस तरह एक माँ को बेटा पैदा न करने पर उसका अपना परिवार ही उसका दुश्मन बन जाता है ऐसा ही एक मामला बाड़मेर जिले के चोहटन थाने के सोडियार गाव का है जिसमे पीहर पक्ष का आरोप है कि उसकी बहन को महज इस लिए हत्या कर दी गई क्योकि उसके चार मासमू बेटिया थी वह अपने परिवार को बेटा नहीं दे पाई इस घटना ने एक बात तो साफ़ कर दी कि आज भी हमारे समाज में बेटियो को लिए जगह

खेमी देवी का विवाह हनुमाराम से आज छ साल पहले बड़ी धूमधाम से हुआ था और उसके बाद खेमी देवी अपने ससुराल बड़ी खुश थी खेमी देवी ने एक के बाद एक चार बेटियो को जन्म दे दिया तो उसके ससुराल पक्ष के लोग जेसे ही उसकी बेटी पैदा होती तो एक के बाद एक उसे घ्रणा करना शरू कर दिया फिर खेमी देवी के साथ ससुराल के लोग कभी मारपीट करते तो कभी मानसिक रूप से परेशान करते थे इस बीच कई बार खेमी देवी के पीहर पक्ष ने हनुमानराम को समझाया कि बेटा ही पैदा करना मेरी बहन के हाथ में नहीं है यह तो सब भगवान के हाथ में है लेकिन खेमी देवी के ससुराल वालो को तो सिर्फ बेटे कि चाहत थी जब आखिर में जब चौथी बेटी पैदा हुई तो खेमी देवी का जीना बेहाल कर दिया
मृतक खेमी देवी के भाई पनराम के अनुसार मेरी बहन अपने वारिस नहीं दे पाने के कारन उससे बार मानसिक रूप से लम्बे समय से परेशान कर रहे थे मेरी बहन के चार बेटिया थी यह उसका कसूर था इसी लिए मेरी बहन को उसके परिवार ने मार दिया और अब वो कह रहे है कि उसने फासी खाई है लेकिन हकीकत यह है कि उसकी हत्या कर दी गई है अब मेरी बहन के हत्यारो को कडी से कड़ी सजा मिले ताकि उसकी आत्मा को शांति मिले

इस पुरे मामले के सामने आने के बाद पुरे इलाके में सनसनी फेल गई पुलिस को इस घटना जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए बाड़मेर लेकर आई है पुलिस के अनुसार अभी तक हमें इस मामले में कोई रिपोट प्राप्त नहीं हुई है मृतक महिला के चार बेटिया है और इसकी शादी छ साल पहले हुई थी इस मामले में जो भी आरोपी होगे उसे तत्काल गिरफ्तार कर दिया जाएगा



सरकार आज बेट और बेटियो में कोई भेदभाव नहीं होता है इसको लेकर समाज को जागृत करने के लिए कई योजनाए पुरे देश में चला रही है जिस पर करोडो रूपए खर्च होते है लेकिन जब इस तरह की घटनाए सामने आती है तो इन योजनाओ के प्रचार प्रसार पर कई सवाल खड़े हो जाते है खेमी देवी तो इस दुनिया में नहीं लेकिन उसने यह जरुर सोचा होगा कि अगले जन्म में मोहे बिटिया न दीजो


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सोनिया निराश, सरकार उठाएगी "बड़ा कदम"!

नई दिल्ली। समलैंगिकता को अपराध करार देने वाले भारतीय कानून को केन्द्र सरकार बदले जा रही है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार सरकार ने इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जल्द ही सरकार सर्वदलीय बैठक भी बुला सकती है।।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को भारतीय कानून के मुताबिक अपराध करार दिया था। इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। गुरूवार दोपहर को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताया था।

उधर,भारतीय जनता पार्टी की सुषमा स्वराज ने कहा है कि धारा -377 के बारे में भाजपा सही समय और स्थान पर अपना पक्ष रखेगी। यदि संसद कानून बदला चाहती है तो बदले। बता दें कि सुषमा के बयान से पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से धारा-377 पर अपना पक्ष रखने को कहा था।


इसलिए माना समलैंगिक संबंधों को जुर्म

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-377 के तहत सहमति से भी बनाए गए समलैंगिक संबंधों को जुर्म माना गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धारा-377 जो वयस्कों में सहमति से समलैंगिक सम्बंध बनाने को अपराध मानती है, उसे सही ठहराया है। धारा-377 मानती है कि ऎसे सम्बंध मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हैं। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आपसी सहमति से वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया था।

यह हे नए सितारे वसुंधरा राजे कि नै टीम में मानवेन्द्र और कैलाश चौधरी शामिल

यह हे नए सितारे वसुंधरा राजे कि नै टीम में मानवेन्द्र और कैलाश चौधरी शामिल 

जयपुर। इस बार विधानसभा में पहुंचे कुछ नए चेहरे ऎसे भी हैं जिन्होंने प्रदेश के धुरंधरों को हराकर जीत दर्ज की है। 13 दिसम्बर को भले ही कोई मंत्री शपथ नहीं ले रहा हो, लेकिन मंत्रिमण्डल को लेकर चर्चाएं थमी नहीं हैं और इन चर्चाओं में ही एक सवाल पहली बार चुनकर आए विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर घूम रहा है। कुछ नाम ऎसे भी हैं, जिन्हें टिकट पहली बार मिला, लेकिन राजनीतिक अनुभव पुराना है।


दीया कुमारी

जयपुर के पूर्व राजघराने से सम्बन्ध रखने वाली दीया कुमारी का इस बार राजनीति में प्रवेश हुआ है। उन्हें जयपुर से सवाईमाधोपुर चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया। इन्होंने किरोड़ी लाल मीणा को हराकर चुनाव जीता और वो भी साढ़े सात हजार से ज्यादा वोटों से।

अरूण चतुर्वेदी

राजनीति का लम्बा अनुभव रहा है, लेकिन सिविल लाइंस विस सीट से चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने हैं। उनकी जीत का अन्तर भी 11 हजार से ज्यादा का रहा है। इन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास को तो हराया ही है, साथ ही संघ खेमा भी चाहता है कि यह मंत्री बनें।
मानवेन्द्र सिंह

शिव सीट से चुनाव लड़ा। एक बार सांसद भी रह चुके हैं, लेकिन विधायक पहली बार बने हैं। इन्होंने पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति का स्तम्भ माने जाने वाले अमीन खान को 30 हजार से अधिक वोटों से हराया है। मानवेन्द्र सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र हैं।
ओम प्रकाश
महुआ सीट से चुनाव लड़ा। दबंग छवि के माने जाते हैं। सुराज संकल्प यात्रा में इनको भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने करीब आधे घण्टे तक बोलने का मौका दिया था। इन्होंने सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी और पूर्व मंत्री गोलमा देवी को पन्द्रह हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।

कैलाश चौधरी
भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रहे कैलाश चौधरी ने विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की है और कांग्रेस राजनीति में बड़ा नाम और विधायक कर्नल सोनाराम को बायतू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में करारी शिकस्त दी। सोनाराम को यहां 13 हजार से ज्यादा वोटो से मात मिली।

संतोष अहलावत

शेखावाटी की राजनीति में जाना पहचाना नाम, लेकिन पहली बार ही जीती हैं। इन्होंने भी शेखावाटी के बड़े नाम कांग्रेसी नेता श्रवण कुमार को सूरजगढ़ (झुंझुनूं) सीट से हराकर 50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है।

सरकार पलटी, अब इनकी होगी "बदली"!

जयपुर। प्रदेश में सरकार परिवर्तन के साथ ही उच्च स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों के बदलाव की कवायद भी शुरू हो गई है। इस कड़ी में पहले आदेश के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय में भारी फेरबदल होने की संभावना है।
चर्चा है कि कार्यालय में तैनात प्रमुख सचिव श्रीमत पांड़े और सचिव रजत मिश्रा का स्थानांतरण हो सकता है। वित्त विभाग में तैनात गोविंद शर्मा, कार्मिक में सुदर्शन सेठी, गृह विभाग में अशोक सम्पत राम और नगरीय विकास विभाग में जीएस संधु को बदला जा सकता है। जोधपुर व जयपुर विकास प्राधिकरण में आयुक्त को बदला जाएगा।

नई नियुक्ति में संभावित नामों में फिलहाल सुनील अरोड़ा को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, तन्मय कुमार को सचिव मुख्यमंत्री, अशोक जैन को नगरीय विकास, मुकेश शर्मा को कार्मिक विभाग में नियुक्त किया जा सकता है। अखिल अरोड़ा, विपिन चंद्र शर्मा सहित एक दर्जन अधिकारियों को महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है।

तबादलों सूची में जयपुर व जोधपुर में तैनात पुलिस कमिश्नर समेत दो दर्जन से अधिक आईपीएस का तबादला किया जा सकता है। सीएमओ में तैनात पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण गौड़ और इंटेलीजेंस के अधिकारियों को भी बदलने की चर्चा है।

सीएस-डीजी पर फैसला नहीं

प्रदेश में प्र्रशासनिक अधिकारियों के मुखिया सीके मैथ्यु और पुलिस अधिकारियों के मुखिया एचसी मीना पर फिलहाल कोई निर्णय होने की संभावना नहीं है। दोनों अधिकारी फिलहाल छुट्टी पर हैं और अगले सप्ताह अपना पद भार ग्रहण करेंगे।

नए महाधिवक्ता पर कवायद तेज

नई सरकार में पहली नियुक्ती महाधिवक्ता की जाएगी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वसुंधरा राजे शाम तक महाधिवक्ता के लिए नाम तय कर मुख्य न्यायाधीश को सौंपेंगी। जहां से फाइल संस्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस पद के लिए एडवोकेट अरूणेश्वर गुप्ता, जगमोहन सक्सेना, एसके गुप्ता, आरडी रस्तोगी, एनएम लोढ़ा, आरएन माथुर और भरत व्यास का नाम चर्चा में है।

जल्द खुलेगा 88 हजार नौकरियों का पिटारा

जयपुर। नई सरकार बनाने के साथ ही भाजपा जनता से किए गए अपने वादे पूरे करने में जुट गई है। आला अफसरों ने नए एक्शन प्लान के तहत काम करना शुरू कर दिया है।

सचिवालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ऊपर से विभिन्न विभागों में अभी तक निकाली गई 88 हजार से अधिक भर्तियों का ब्यौरा मांगा गया है। साथ ही इनके अटकने के कारण भी पूछे गए हैं।

माना जा रहा है कि नई सरकार किसी भी तरह इन अटकी हुई भर्तियों को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने की कोशिश में है। सचिवालय के एक आला अधिकारी जो कि नई सरकार के विश्वासपात्रों में माने जाते हैं। अटकी भर्तियों की स्थिति और कानूनी अड़चनों को दूर करने का फीडबैक ले रहे हैं।

बन रही है योजना
भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में ऎतिहासिक जीत मिलने के बाद सरकार के रणनीतिकारों की इन अटकी हुई भर्तियों पर नजर टिक गई है कि किस तरह जल्द से जल्द इनकी प्रक्रिया को पूरा किया जाए ताकि सरकार की प्रभावी कार्यक्षमता की नजीर पेश की जा सके।

चूंकि इन भर्तियों में कुछ कानूनी अड़चनों तो कुछ आचार संहिता के कारण अटक गई थी। लिहाजा अब आचार संहिता हट चुकी है और कानूनी प्रक्रिया की अड़चनों को दूर करने के लिए खुद मुख्य सचिव अधिकारियों से जानकारी ले रहे हैं कि किस तरह से जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जा सके। इसके लिए अन्य राज्यों के नियमों का भी तुलनात्मक अध्ययन कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि नई सरकार के पहले वक्तव्य में इनसे जुड़ी घोषणा भी शामिल होगी।

दो अहम विभागों पर दारोमदार
ऎसे में सबसे ज्यादा दारोमदार एनआरएचएम और शिक्षा विभाग की भर्तियों पर है। इन दोनों में ही भर्तियां कानूनी पेच में फंसी हुई हैं। ऎसे में अगर इन भर्तियों के दरवाजे खुलते हैं तो सरकार को लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह शानदार जीत हांसिल करने की उम्मीद है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 40 हजार भर्तियां बोनस अंकों के मामले में रूकी हुई हैं। अभ्यार्थियों ने बोनस अंक देने के मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। वहीं पंचायती राज विभाग की भर्तियों के मामले में न्यायालय ने फैसला तो दे दिया था, लेकिन तब तक आचार संहिता लग गई।
इन विभागों में अटकी इतनी भर्तियां

विभाग.............. भर्तियां.............. पद

एनआरएचएम.....40000...........नर्स ग्रेड द्वितीय, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता
शिक्षा विभाग...... 33,500.......... शिक्षा सहायक
पंचायती राज.......19500.......... लिपिक
नगर निकाय.........850............. विभिन्न पद
मनरेगा..............4500............. इंजीनियर, कंप्यूटर प्रोग्रामर
पंचायतीराज विभाग............2186..........कनिष्ठ अभियंता

जोहानसबर्ग में सोनिया-सुषमा में क्या खिचड़ी पकी?

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज में मंगलवार को जोहांसबर्ग में खूब बातचीत हुई। एक पांच सितारा होटल में लंच पर दोनों में लंबी बातचीत हुई। दोनों रंगभेद विरोधी आइकन नेलसन मंडेला के अंतिम संस्कार में शामिल होने दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहांसबर्ग में थीं।
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर चर्चा की। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उदय के कारण सरकार का गठन नहीं हो पा रहा। भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ने लंच के बाद अपनी बातचीत के बारे में बताने से इनकार कर दिया।
जब सोनिया से उन दोनों की मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने वहां से जाते हुए मुस्कुरा कर सुषमा स्वराज की ओर इशारा कर दिया वहीं भाजपा नेता ने भी किसी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। मंडेला के लिए आयोजित मेमोरियल सर्विस के तुरंत बाद लंच हुआ था। लंच टेबिल पर थीं सुषमा की बेटी बांसुरी, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा। सुषमा सोनिया के राइट में तो बांसुरी उनके लेफ्ट में बैठी। बाद में माकपा नेता सीताराम येचुरी भी उनके साथ लंच में शामिल हुए। सुषमा स्वराज ने भारत की राजनीति के बारे में किसी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।

मारवाड़ परंपरागत वोट बेंक खिसकने से हुई कांग्रेस कि करारी हार। . मुस्लिमो में दिखा नमो का जादू

मारवाड़ परंपरागत वोट बेंक खिसकने से हुई कांग्रेस कि करारी हार। . मुस्लिमो में दिखा नमो का जादू 



मारवाड़ अंचल में इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए उसका परम्परागत वोट बैंक हाथ से खिसक जाने तथा जातिगत समीकरणोंकी अनुुकूलता मुख्य रूप से जिम्मेदार रहे हैै।
चौहदवीं विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद मारवाड़ की कुल 43 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल तीन निर्वाचन क्षेत्रों में सफलता मिली हैै जिनमें से एक पर स्वयंं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थेे इसके अलावा जालोर जिलेे की सांचोर क्षेत्र से सुखराम विश्नोई तथा बाड़मेर से मेवाराम जैन ही अपनी सीट निकाल पाए हैै। इसके अलावा 39 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियोंं ने कब्जा जमाया हैै जबकि नागौर जिलेे की खींवसर निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की हैै। इस सीट से तो कांग्रेस उम्मीदवार राजेन्द्र फिरोदा की तो जमानत तक जब्त हो गई है जबकि भाजपा के भागीरथ महरिया तीसरेे नम्बर पर रहेे।
मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै।
इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।
इस क्षेत्र में आठ सीटें अनुुसूचित जाति एवं एक सीट जनजाति के लिए आरक्षित है। इनमेंं से एक सीट कांग्रेस के खाते में ही आर्ई और यहां से भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे हैै कांग्रेस के साथ रहने वाला अनुुसूचित जाति वर्ग इस बार बहुत कम रहा। अनुुसूचित जाति के लिए भोपालगढ़,बिलाडा, सोजत, जालोर, चौहटन, रेवदर, मेडता एवं जायल तथा पिंडवाड़ा सीट जनजाति के लिए आरक्षित सीटें है।
मारवाड़ में वर्ष 1977 मेंं आपातकाल से दुखी एवं 1989 मेंं ही देवीलाल चौधरी एवं वी पी सिंह गठजोड़ के चलतेे ही जाट एवं राजपूत मतदाता साथ रहे वरना इन दोनों जातियों में छत्तीस का आंकड़ा रहा हैै लेकिन इस चुनाव में इन जातियों में भी कई विधानसभा क्षेत्रों में मेल बैठता नजर आया हैै। आेसियां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी जाट समुदाय से थेे लेकिन जाट एवं राजपूत एक साथ होकर भेराराम का साथ दिया और उसकी जीत पक्की की।
इसी प्रकार बाड़मेर सीट पर भी राजपूत गंगाराम चौधरी की पौत्री प्रियंका के साथ रहा लेकिन जातिगत मतों में बंटवारा होनेे से वहां मेवाराम जैन की जीत हुई। भाजपा बागी मृदुुरेखा ने 19518 वोट लेकर प्रियंका की हार सुनिश्चित कर दी।
मारवाड़ की अन्य अधिकांश सीटों पर इन दोनों समुदाय के वोटरों ने साथ रह कर भाजपा का पक्ष लिया और उसे प्रचण्ड बहुुमत दिलाया।मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै। इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।