मारवाड़ परंपरागत वोट बेंक खिसकने से हुई कांग्रेस कि करारी हार। . मुस्लिमो में दिखा नमो का जादू
चौहदवीं विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद मारवाड़ की कुल 43 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल तीन निर्वाचन क्षेत्रों में सफलता मिली हैै जिनमें से एक पर स्वयंं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थेे इसके अलावा जालोर जिलेे की सांचोर क्षेत्र से सुखराम विश्नोई तथा बाड़मेर से मेवाराम जैन ही अपनी सीट निकाल पाए हैै। इसके अलावा 39 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियोंं ने कब्जा जमाया हैै जबकि नागौर जिलेे की खींवसर निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की हैै। इस सीट से तो कांग्रेस उम्मीदवार राजेन्द्र फिरोदा की तो जमानत तक जब्त हो गई है जबकि भाजपा के भागीरथ महरिया तीसरेे नम्बर पर रहेे।
मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै।
इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।
इस क्षेत्र में आठ सीटें अनुुसूचित जाति एवं एक सीट जनजाति के लिए आरक्षित है। इनमेंं से एक सीट कांग्रेस के खाते में ही आर्ई और यहां से भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे हैै कांग्रेस के साथ रहने वाला अनुुसूचित जाति वर्ग इस बार बहुत कम रहा। अनुुसूचित जाति के लिए भोपालगढ़,बिलाडा, सोजत, जालोर, चौहटन, रेवदर, मेडता एवं जायल तथा पिंडवाड़ा सीट जनजाति के लिए आरक्षित सीटें है।
मारवाड़ में वर्ष 1977 मेंं आपातकाल से दुखी एवं 1989 मेंं ही देवीलाल चौधरी एवं वी पी सिंह गठजोड़ के चलतेे ही जाट एवं राजपूत मतदाता साथ रहे वरना इन दोनों जातियों में छत्तीस का आंकड़ा रहा हैै लेकिन इस चुनाव में इन जातियों में भी कई विधानसभा क्षेत्रों में मेल बैठता नजर आया हैै। आेसियां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी जाट समुदाय से थेे लेकिन जाट एवं राजपूत एक साथ होकर भेराराम का साथ दिया और उसकी जीत पक्की की।
इसी प्रकार बाड़मेर सीट पर भी राजपूत गंगाराम चौधरी की पौत्री प्रियंका के साथ रहा लेकिन जातिगत मतों में बंटवारा होनेे से वहां मेवाराम जैन की जीत हुई। भाजपा बागी मृदुुरेखा ने 19518 वोट लेकर प्रियंका की हार सुनिश्चित कर दी।
मारवाड़ की अन्य अधिकांश सीटों पर इन दोनों समुदाय के वोटरों ने साथ रह कर भाजपा का पक्ष लिया और उसे प्रचण्ड बहुुमत दिलाया।मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै। इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।
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