खोजी पत्रकारिता करने वाले वेब पोर्टल कोबरा पोस्ट ने ‘ऑपरेशन फॉल्कन क्लॉ’ के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया है.इसकी चपेट में कथित रूप से 11 सांसद आए हैं. ये सांसद कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, बीएसपी और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों से जुड़े हैं. स्टिंग के मुताबिक इन सांसदों ने रिश्वत के लालच में एक फर्जी ऑस्ट्रलियाई तेल निर्यात कंपनी के पक्ष में रेकमंडेशन लेटर जारी करने पर सहमति जताई. इसके लिए सांसदों ने पचास हजार रुपये से लेकर 50 लाख रुपयों तक की मांग की. कोबरा पोस्ट का दावा है कि इनमें से छह सांसदों ने तो रेकमंडेशन लेटर लिख भी दिए.
इन 11 सांसदों पर लगाए हैं कोबरा पोस्ट ने आरोपः
कांग्रेसः खिलाड़ी लाल बैरवा, विक्रम भाई अरजन भाई
बीजेपीःलालू भाई पटेल, रविंद्र कुमार पांडे. हरि मांझी
जेडीयूः विश्वमोहन कुमार, माहेश्वर हजारी, भूदेव चौधरी
बीएसपीः कैसर जहां
एआईएडीएमकेः के सुगुमार और सी राजेंद्रन
कोबरा पोस्ट का यह ऑपरेशन एक साल तक चला. इसमें उनके संवाददाता ने खुद को ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में बेस्ड एक ऑयल फर्म का प्रतिनिधि बताया.इसके बाद कुछ बिचौलियों के सहारे सांसदों के स्टाफ तक पहुंचा गया.सांसदों से कहा गया कि वे देश की पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को कंपनी के पक्ष में अनुशंसा के पत्र लिख दें.सांसदों को बताया गया कि कंपनी देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तेल के खनन का काम करना चाहती है और इस प्रोजेक्ट पर 1 हजार करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है.
कोबरा पोस्ट के मुताबिक कुल 11 सांसद रकम के बदले में ये लेटर लिखने को राजी हो गए. इनमें से छह ने तो ये लेटर जारी भी कर दिए. इसके लिए कांग्रेस के राजस्थान से सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा ने सबसे ज्यादा 50 लाख रुपये की मांग की. किसी भी सांसद ने इस कंपनी के बारे में जानने की जहमत नहीं उठाई. कोबरा पोस्ट के मुताबिक जेडीयू के समस्तीपुर से सांसद महेश्वर हजारी तो एक कदम और आगे निकल आए. उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री में लॉबीइंग के लिए मैं पांच सांसद और ला सकता हूं और सबके पांच-पांच लाख रुपये लगेंगे. कांग्रेस के गुजरात से सांसद विक्रम भाई अरजनभाई के लिए डील कर रहे दलाल ने कहा कि सांसद जी को पैसे हवाला नेटवर्क के जरिए दिए जाएं.
बीजेपी के दमन दीव से सांसद लालू भाई पटेल ने पैसों के जिक्र के दौरान आज तक के लिए कोबरा पोस्ट के सांसदों पर किए गए पिछले स्टिंग ऑपरेशन दुर्योधन का भी जिक्र किया. जिसमें संसद में सवाल पूछने के बदले सांसदों ने पैसे लिए थे और इस फेर में उनकी सदस्यता चली गई थी.
जेडीयू के सांसदों ने कहा कि पैसे लेना मजबूरी है, चुनाव महंगे हो चुके हैं. सुपौल से सांसद विश्वमोहन कुमार ने लेटर लिखने के लिए सबसे कम पचास हजार रुपये मांगे और यह भी कहा कि ये पैसे एक रैली के लिए ले रहा हूं. वर्ना मुफ्त में लिख देता.
और भी... http://aajtak.intoday.in/story/11-members-of-parliament-willing-to-write-letters-of-recommendation-for-a-fictitious-foreign-oil-major-for-money-1-749429.html
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