गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

चार बेटियां ,बेटा नहीं हुआ तो हत्या कर दी विवाहित कि

चार बेटियां ,बेटा नहीं हुआ तो हत्या कर दी विवाहित कि

फिर हुई इंसानियत शर्मसार ....... अगले जन्म में माहे बिटिया मत दीजो बाड़मेर



बाड़मेर . आज भी हमारे समाज में किस तरह बेटे और बेटियो में भेदभाव होता है व् किस तरह एक माँ को बेटा पैदा न करने पर उसका अपना परिवार ही उसका दुश्मन बन जाता है ऐसा ही एक मामला बाड़मेर जिले के चोहटन थाने के सोडियार गाव का है जिसमे पीहर पक्ष का आरोप है कि उसकी बहन को महज इस लिए हत्या कर दी गई क्योकि उसके चार मासमू बेटिया थी वह अपने परिवार को बेटा नहीं दे पाई इस घटना ने एक बात तो साफ़ कर दी कि आज भी हमारे समाज में बेटियो को लिए जगह

खेमी देवी का विवाह हनुमाराम से आज छ साल पहले बड़ी धूमधाम से हुआ था और उसके बाद खेमी देवी अपने ससुराल बड़ी खुश थी खेमी देवी ने एक के बाद एक चार बेटियो को जन्म दे दिया तो उसके ससुराल पक्ष के लोग जेसे ही उसकी बेटी पैदा होती तो एक के बाद एक उसे घ्रणा करना शरू कर दिया फिर खेमी देवी के साथ ससुराल के लोग कभी मारपीट करते तो कभी मानसिक रूप से परेशान करते थे इस बीच कई बार खेमी देवी के पीहर पक्ष ने हनुमानराम को समझाया कि बेटा ही पैदा करना मेरी बहन के हाथ में नहीं है यह तो सब भगवान के हाथ में है लेकिन खेमी देवी के ससुराल वालो को तो सिर्फ बेटे कि चाहत थी जब आखिर में जब चौथी बेटी पैदा हुई तो खेमी देवी का जीना बेहाल कर दिया
मृतक खेमी देवी के भाई पनराम के अनुसार मेरी बहन अपने वारिस नहीं दे पाने के कारन उससे बार मानसिक रूप से लम्बे समय से परेशान कर रहे थे मेरी बहन के चार बेटिया थी यह उसका कसूर था इसी लिए मेरी बहन को उसके परिवार ने मार दिया और अब वो कह रहे है कि उसने फासी खाई है लेकिन हकीकत यह है कि उसकी हत्या कर दी गई है अब मेरी बहन के हत्यारो को कडी से कड़ी सजा मिले ताकि उसकी आत्मा को शांति मिले

इस पुरे मामले के सामने आने के बाद पुरे इलाके में सनसनी फेल गई पुलिस को इस घटना जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए बाड़मेर लेकर आई है पुलिस के अनुसार अभी तक हमें इस मामले में कोई रिपोट प्राप्त नहीं हुई है मृतक महिला के चार बेटिया है और इसकी शादी छ साल पहले हुई थी इस मामले में जो भी आरोपी होगे उसे तत्काल गिरफ्तार कर दिया जाएगा



सरकार आज बेट और बेटियो में कोई भेदभाव नहीं होता है इसको लेकर समाज को जागृत करने के लिए कई योजनाए पुरे देश में चला रही है जिस पर करोडो रूपए खर्च होते है लेकिन जब इस तरह की घटनाए सामने आती है तो इन योजनाओ के प्रचार प्रसार पर कई सवाल खड़े हो जाते है खेमी देवी तो इस दुनिया में नहीं लेकिन उसने यह जरुर सोचा होगा कि अगले जन्म में मोहे बिटिया न दीजो


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सोनिया निराश, सरकार उठाएगी "बड़ा कदम"!

नई दिल्ली। समलैंगिकता को अपराध करार देने वाले भारतीय कानून को केन्द्र सरकार बदले जा रही है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार सरकार ने इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जल्द ही सरकार सर्वदलीय बैठक भी बुला सकती है।।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को भारतीय कानून के मुताबिक अपराध करार दिया था। इसके बाद से ही इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। गुरूवार दोपहर को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताया था।

उधर,भारतीय जनता पार्टी की सुषमा स्वराज ने कहा है कि धारा -377 के बारे में भाजपा सही समय और स्थान पर अपना पक्ष रखेगी। यदि संसद कानून बदला चाहती है तो बदले। बता दें कि सुषमा के बयान से पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से धारा-377 पर अपना पक्ष रखने को कहा था।


इसलिए माना समलैंगिक संबंधों को जुर्म

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-377 के तहत सहमति से भी बनाए गए समलैंगिक संबंधों को जुर्म माना गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धारा-377 जो वयस्कों में सहमति से समलैंगिक सम्बंध बनाने को अपराध मानती है, उसे सही ठहराया है। धारा-377 मानती है कि ऎसे सम्बंध मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हैं। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एपी शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आपसी सहमति से वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने का आदेश दिया था।

यह हे नए सितारे वसुंधरा राजे कि नै टीम में मानवेन्द्र और कैलाश चौधरी शामिल

यह हे नए सितारे वसुंधरा राजे कि नै टीम में मानवेन्द्र और कैलाश चौधरी शामिल 

जयपुर। इस बार विधानसभा में पहुंचे कुछ नए चेहरे ऎसे भी हैं जिन्होंने प्रदेश के धुरंधरों को हराकर जीत दर्ज की है। 13 दिसम्बर को भले ही कोई मंत्री शपथ नहीं ले रहा हो, लेकिन मंत्रिमण्डल को लेकर चर्चाएं थमी नहीं हैं और इन चर्चाओं में ही एक सवाल पहली बार चुनकर आए विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर घूम रहा है। कुछ नाम ऎसे भी हैं, जिन्हें टिकट पहली बार मिला, लेकिन राजनीतिक अनुभव पुराना है।


दीया कुमारी

जयपुर के पूर्व राजघराने से सम्बन्ध रखने वाली दीया कुमारी का इस बार राजनीति में प्रवेश हुआ है। उन्हें जयपुर से सवाईमाधोपुर चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया। इन्होंने किरोड़ी लाल मीणा को हराकर चुनाव जीता और वो भी साढ़े सात हजार से ज्यादा वोटों से।

अरूण चतुर्वेदी

राजनीति का लम्बा अनुभव रहा है, लेकिन सिविल लाइंस विस सीट से चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने हैं। उनकी जीत का अन्तर भी 11 हजार से ज्यादा का रहा है। इन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास को तो हराया ही है, साथ ही संघ खेमा भी चाहता है कि यह मंत्री बनें।
मानवेन्द्र सिंह

शिव सीट से चुनाव लड़ा। एक बार सांसद भी रह चुके हैं, लेकिन विधायक पहली बार बने हैं। इन्होंने पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति का स्तम्भ माने जाने वाले अमीन खान को 30 हजार से अधिक वोटों से हराया है। मानवेन्द्र सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र हैं।
ओम प्रकाश
महुआ सीट से चुनाव लड़ा। दबंग छवि के माने जाते हैं। सुराज संकल्प यात्रा में इनको भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने करीब आधे घण्टे तक बोलने का मौका दिया था। इन्होंने सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी और पूर्व मंत्री गोलमा देवी को पन्द्रह हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।

कैलाश चौधरी
भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रहे कैलाश चौधरी ने विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की है और कांग्रेस राजनीति में बड़ा नाम और विधायक कर्नल सोनाराम को बायतू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में करारी शिकस्त दी। सोनाराम को यहां 13 हजार से ज्यादा वोटो से मात मिली।

संतोष अहलावत

शेखावाटी की राजनीति में जाना पहचाना नाम, लेकिन पहली बार ही जीती हैं। इन्होंने भी शेखावाटी के बड़े नाम कांग्रेसी नेता श्रवण कुमार को सूरजगढ़ (झुंझुनूं) सीट से हराकर 50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है।

सरकार पलटी, अब इनकी होगी "बदली"!

जयपुर। प्रदेश में सरकार परिवर्तन के साथ ही उच्च स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों के बदलाव की कवायद भी शुरू हो गई है। इस कड़ी में पहले आदेश के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय में भारी फेरबदल होने की संभावना है।
चर्चा है कि कार्यालय में तैनात प्रमुख सचिव श्रीमत पांड़े और सचिव रजत मिश्रा का स्थानांतरण हो सकता है। वित्त विभाग में तैनात गोविंद शर्मा, कार्मिक में सुदर्शन सेठी, गृह विभाग में अशोक सम्पत राम और नगरीय विकास विभाग में जीएस संधु को बदला जा सकता है। जोधपुर व जयपुर विकास प्राधिकरण में आयुक्त को बदला जाएगा।

नई नियुक्ति में संभावित नामों में फिलहाल सुनील अरोड़ा को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, तन्मय कुमार को सचिव मुख्यमंत्री, अशोक जैन को नगरीय विकास, मुकेश शर्मा को कार्मिक विभाग में नियुक्त किया जा सकता है। अखिल अरोड़ा, विपिन चंद्र शर्मा सहित एक दर्जन अधिकारियों को महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है।

तबादलों सूची में जयपुर व जोधपुर में तैनात पुलिस कमिश्नर समेत दो दर्जन से अधिक आईपीएस का तबादला किया जा सकता है। सीएमओ में तैनात पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण गौड़ और इंटेलीजेंस के अधिकारियों को भी बदलने की चर्चा है।

सीएस-डीजी पर फैसला नहीं

प्रदेश में प्र्रशासनिक अधिकारियों के मुखिया सीके मैथ्यु और पुलिस अधिकारियों के मुखिया एचसी मीना पर फिलहाल कोई निर्णय होने की संभावना नहीं है। दोनों अधिकारी फिलहाल छुट्टी पर हैं और अगले सप्ताह अपना पद भार ग्रहण करेंगे।

नए महाधिवक्ता पर कवायद तेज

नई सरकार में पहली नियुक्ती महाधिवक्ता की जाएगी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वसुंधरा राजे शाम तक महाधिवक्ता के लिए नाम तय कर मुख्य न्यायाधीश को सौंपेंगी। जहां से फाइल संस्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस पद के लिए एडवोकेट अरूणेश्वर गुप्ता, जगमोहन सक्सेना, एसके गुप्ता, आरडी रस्तोगी, एनएम लोढ़ा, आरएन माथुर और भरत व्यास का नाम चर्चा में है।

जल्द खुलेगा 88 हजार नौकरियों का पिटारा

जयपुर। नई सरकार बनाने के साथ ही भाजपा जनता से किए गए अपने वादे पूरे करने में जुट गई है। आला अफसरों ने नए एक्शन प्लान के तहत काम करना शुरू कर दिया है।

सचिवालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ऊपर से विभिन्न विभागों में अभी तक निकाली गई 88 हजार से अधिक भर्तियों का ब्यौरा मांगा गया है। साथ ही इनके अटकने के कारण भी पूछे गए हैं।

माना जा रहा है कि नई सरकार किसी भी तरह इन अटकी हुई भर्तियों को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने की कोशिश में है। सचिवालय के एक आला अधिकारी जो कि नई सरकार के विश्वासपात्रों में माने जाते हैं। अटकी भर्तियों की स्थिति और कानूनी अड़चनों को दूर करने का फीडबैक ले रहे हैं।

बन रही है योजना
भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में ऎतिहासिक जीत मिलने के बाद सरकार के रणनीतिकारों की इन अटकी हुई भर्तियों पर नजर टिक गई है कि किस तरह जल्द से जल्द इनकी प्रक्रिया को पूरा किया जाए ताकि सरकार की प्रभावी कार्यक्षमता की नजीर पेश की जा सके।

चूंकि इन भर्तियों में कुछ कानूनी अड़चनों तो कुछ आचार संहिता के कारण अटक गई थी। लिहाजा अब आचार संहिता हट चुकी है और कानूनी प्रक्रिया की अड़चनों को दूर करने के लिए खुद मुख्य सचिव अधिकारियों से जानकारी ले रहे हैं कि किस तरह से जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जा सके। इसके लिए अन्य राज्यों के नियमों का भी तुलनात्मक अध्ययन कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि नई सरकार के पहले वक्तव्य में इनसे जुड़ी घोषणा भी शामिल होगी।

दो अहम विभागों पर दारोमदार
ऎसे में सबसे ज्यादा दारोमदार एनआरएचएम और शिक्षा विभाग की भर्तियों पर है। इन दोनों में ही भर्तियां कानूनी पेच में फंसी हुई हैं। ऎसे में अगर इन भर्तियों के दरवाजे खुलते हैं तो सरकार को लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह शानदार जीत हांसिल करने की उम्मीद है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 40 हजार भर्तियां बोनस अंकों के मामले में रूकी हुई हैं। अभ्यार्थियों ने बोनस अंक देने के मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। वहीं पंचायती राज विभाग की भर्तियों के मामले में न्यायालय ने फैसला तो दे दिया था, लेकिन तब तक आचार संहिता लग गई।
इन विभागों में अटकी इतनी भर्तियां

विभाग.............. भर्तियां.............. पद

एनआरएचएम.....40000...........नर्स ग्रेड द्वितीय, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता
शिक्षा विभाग...... 33,500.......... शिक्षा सहायक
पंचायती राज.......19500.......... लिपिक
नगर निकाय.........850............. विभिन्न पद
मनरेगा..............4500............. इंजीनियर, कंप्यूटर प्रोग्रामर
पंचायतीराज विभाग............2186..........कनिष्ठ अभियंता

जोहानसबर्ग में सोनिया-सुषमा में क्या खिचड़ी पकी?

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज में मंगलवार को जोहांसबर्ग में खूब बातचीत हुई। एक पांच सितारा होटल में लंच पर दोनों में लंबी बातचीत हुई। दोनों रंगभेद विरोधी आइकन नेलसन मंडेला के अंतिम संस्कार में शामिल होने दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहांसबर्ग में थीं।
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर चर्चा की। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उदय के कारण सरकार का गठन नहीं हो पा रहा। भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ने लंच के बाद अपनी बातचीत के बारे में बताने से इनकार कर दिया।
जब सोनिया से उन दोनों की मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने वहां से जाते हुए मुस्कुरा कर सुषमा स्वराज की ओर इशारा कर दिया वहीं भाजपा नेता ने भी किसी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। मंडेला के लिए आयोजित मेमोरियल सर्विस के तुरंत बाद लंच हुआ था। लंच टेबिल पर थीं सुषमा की बेटी बांसुरी, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा। सुषमा सोनिया के राइट में तो बांसुरी उनके लेफ्ट में बैठी। बाद में माकपा नेता सीताराम येचुरी भी उनके साथ लंच में शामिल हुए। सुषमा स्वराज ने भारत की राजनीति के बारे में किसी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।

मारवाड़ परंपरागत वोट बेंक खिसकने से हुई कांग्रेस कि करारी हार। . मुस्लिमो में दिखा नमो का जादू

मारवाड़ परंपरागत वोट बेंक खिसकने से हुई कांग्रेस कि करारी हार। . मुस्लिमो में दिखा नमो का जादू 



मारवाड़ अंचल में इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए उसका परम्परागत वोट बैंक हाथ से खिसक जाने तथा जातिगत समीकरणोंकी अनुुकूलता मुख्य रूप से जिम्मेदार रहे हैै।
चौहदवीं विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद मारवाड़ की कुल 43 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल तीन निर्वाचन क्षेत्रों में सफलता मिली हैै जिनमें से एक पर स्वयंं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थेे इसके अलावा जालोर जिलेे की सांचोर क्षेत्र से सुखराम विश्नोई तथा बाड़मेर से मेवाराम जैन ही अपनी सीट निकाल पाए हैै। इसके अलावा 39 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियोंं ने कब्जा जमाया हैै जबकि नागौर जिलेे की खींवसर निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की हैै। इस सीट से तो कांग्रेस उम्मीदवार राजेन्द्र फिरोदा की तो जमानत तक जब्त हो गई है जबकि भाजपा के भागीरथ महरिया तीसरेे नम्बर पर रहेे।
मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै।
इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।
इस क्षेत्र में आठ सीटें अनुुसूचित जाति एवं एक सीट जनजाति के लिए आरक्षित है। इनमेंं से एक सीट कांग्रेस के खाते में ही आर्ई और यहां से भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे हैै कांग्रेस के साथ रहने वाला अनुुसूचित जाति वर्ग इस बार बहुत कम रहा। अनुुसूचित जाति के लिए भोपालगढ़,बिलाडा, सोजत, जालोर, चौहटन, रेवदर, मेडता एवं जायल तथा पिंडवाड़ा सीट जनजाति के लिए आरक्षित सीटें है।
मारवाड़ में वर्ष 1977 मेंं आपातकाल से दुखी एवं 1989 मेंं ही देवीलाल चौधरी एवं वी पी सिंह गठजोड़ के चलतेे ही जाट एवं राजपूत मतदाता साथ रहे वरना इन दोनों जातियों में छत्तीस का आंकड़ा रहा हैै लेकिन इस चुनाव में इन जातियों में भी कई विधानसभा क्षेत्रों में मेल बैठता नजर आया हैै। आेसियां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी जाट समुदाय से थेे लेकिन जाट एवं राजपूत एक साथ होकर भेराराम का साथ दिया और उसकी जीत पक्की की।
इसी प्रकार बाड़मेर सीट पर भी राजपूत गंगाराम चौधरी की पौत्री प्रियंका के साथ रहा लेकिन जातिगत मतों में बंटवारा होनेे से वहां मेवाराम जैन की जीत हुई। भाजपा बागी मृदुुरेखा ने 19518 वोट लेकर प्रियंका की हार सुनिश्चित कर दी।
मारवाड़ की अन्य अधिकांश सीटों पर इन दोनों समुदाय के वोटरों ने साथ रह कर भाजपा का पक्ष लिया और उसे प्रचण्ड बहुुमत दिलाया।मारवाड़ में इस बार कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंैंक अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय का जनाधार भी खिसक कर भारतीय जनता पार्टी की आेर चला गया। बाड़मेर जिलेे की शिव सीट पर मुस्लिम वोटों के मिलनेे से ही भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह की जीत सुनिश्चित हुई हैै। इसके अलावा सीमावर्ती चौैहटन, सिवाना, पचपदरा में गुजरात सेे आई मुस्लिम समुदाय के दलों ने गांवों में पहुंच कर नरेन्द्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी नहीं होने की बात समझाकर मुस्लिम समुदाय को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेेरित करने का अभियान चलाया बताया। इस बार कम ही सही लेकिन भाजपा को मुस्लिम वोट मिले है।

शिक्षिका-सहेली ने किया आत्मदाह का प्रयास

रूपनगढ़। जाजोता के एक निजी स्कूल में बुधवार दोपहर स्कूल संचालक की पुत्री व एक शिक्षिका ने संदिग्ध हालात में केरोसिन उड़ेल आत्मदाह का प्रयास किया। दोनों सहेलियां हैं।
उन्होंने आत्मदाह करने से पहले कमरा अन्दर से बंद कर लिया। ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर दोनों को बाहर निकाला। रूपनगढ़ में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को अजमेर रेफर कर दिया गया।

पुलिस के अनुसार निजी स्कूल के कमरे में बुधवार दोपहर विद्यालय संचालक की पुत्री कुसुम व विद्यालय में शिक्षिका विशाखा ने केरोसिन उड़ेल कर अपने शरीर के आग लगा ली। कमरे से धुआं उठने पर विद्यार्थियों ने विद्यालय संचालक को सूचना दी। ग्रामीणों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा गया।

कमरा टूटते ही कोमल व विशाखा को झुलसी हालत में देख संचालक बेहोश हो गए। अस्पताल में भर्ती दोनों की हालत गंभीर होने से बयान नहीं हो सके। जबकि परिजन मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

पहले गैस फिर स्टोव!
जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचे रिश्तेदारों ने चिकित्सकों को पहले गैस सिलेंडर फटने की जानकारी दी। चिकित्सकों ने उपचार शुरू किया तो केरोसिन से झुलसने के लक्षण दिखे व गंध महसूस हुई।

चिकित्सकों के इस बारे में परिजनों से पूछताछ की गई तो बाद में वे गैस सिलेंडर फटने की जगह स्टोव भभकने की बात कहने लगे। परिजन-रिश्तेदारों व चिकित्कसें के विरोधाभासी बयान सामने आने के बाद पुलिस मामले को संदिग्ध मान पड़ताल में जुटी है। पुलिस के अनुसार विशाखा और कुसुम सहेलियां हैं। दोनों का अधिकांश समय साथ बीतता था। कुसुम की सगाई हो चुकी है।

दिल्‍ली: IGI एयरपोर्ट पर बाल-बाल बचे राहुल गांधी, विमान को आखिरी वक्‍त लैंडिंग से रोका गया



दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर मंगलवार को लैंडिंग के वक्त कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का विमान हादसे का शिकार होते-होते बचा. रन वे पर पहले से दूसरा विमान खड़ा था.
राहुल गांधी
राहुल गांधी मंगलवार को रायबरेली से दिल्‍ली आ रहे थे. राहुल निजी विमान में सवार थे, एनटीसी ने आखिरी समय में राहुल के विमान को लैंडिंग से रोका.

इस अमेरिकन बिजनेस जेट को दो पायलट उड़ा रहे थे. डीजीसीए ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

foto..वसुंधरा राजे शुक्रवार को दूसरी बार लेंगी मुख्यमंत्री कि शपथ। ।वसुन्धर का जीवन परिचय











वसुंधरा राजे शुक्रवार को दूसरी बार लेंगी मुख्यमंत्री कि शपथ। ।वसुन्धर का जीवन परिचय 
वसुंधरा राजे सिंधिया (जन्म- 8 मार्च, 1953 ई. मुंबई) राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव उनके साथ जुड़ा हें   हैं। वसुंधरा राजे सिंधिया को राजनीति विरासत में मिली है।

प्रचंड लोकप्रियता फिर मुख्यमंत्री। । विधानसभा 2013 चुनावो में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा को प्रचंड ऐतिहासिक बहुमत मिला। 162 सीटो का चमत्कारिक आंकड़ा उनके नेतृत्व में मिला। तेरह दिसंबर को फिर वसुंधरा राजे राजस्थान कि दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेगी।
जीवन परिचय

वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च, 1953 ई. को मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे ग्वालियर के शासक जीवाजी राव सिंधिया और उन की पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान हैं। वसुंधरा राजे ने प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल, से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर राजघराने के महाराजा हेमंतसिंह के साथ हुई थी। वसुंधरा राजे तब से हीराजस्थान से जुड़ गईं थी। वसुंधरा राजे अध्ययन, संगीत, घुड़सवारी, फ़ोटोग्राफ़ी और बागबानी की शौक़ीन हैं। विभिन्न प्रकार की महँगी साड़ियाँ पहनना और उच्च रहन-सहन वसुंधरा राजे का शौक़ है। यह रूतबा देख कर राजस्थान की जनता ही नहीं, पक्षविपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे
राजनीतिक सफ़र

वसुंधरा राजे को सन् 1984 में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। वसुंधरा राजे की कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते 1998-1999 में अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रीमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे को अक्टूबर, 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।


वसुंधरा ने देश की राजनीति में अपनी क़ाबलियत से एक पहचान क़ायम कर ली। इसी बीच राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने से प्रदेश में किसी दमदार नेता का अभाव खटकने लगा। वसुंधरा के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए केंद्रीय पार्टी ने उन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना कर भेज दिया।
वसुंधरा राजे ने चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश भर में परिवर्तन यात्रा निकाली। वसुंधरा राजे इस यात्रा के ज़रिये वे आम जनता से मिलती थीं। ख़ासतौर से वसुंधरा राजे महिलाओं को लुभाने के लिये जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहन कर जाती थीं। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं।1 दिसंबर, 2003 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
वसुंधरा राजे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये 2007-2008 के बजट में शिक्षा, रोज़गार, बालविवाह प्रथा पर रोक जैसे पाँच सूत्री कार्यक्रम बनाए थे।
इस्‍तीफ़ा

देश जब 62 वॉ स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान हमारे देश में लोकतंत्र की ऊँचाई एक बार फिर दिखी। ये प्रजातंत्र का ही करिश्‍मा है कि राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रही वसुन्‍धरा राजे को आख़िरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफ़ा देने के लिये तैयार होना पड़ा। लेकिन इस्तीफ़ा देने वाली ये वसुंधरा पाँच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गयीं वसुंधरा नहीं थीं। अब वसुंधरा राजे के साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावज़ूद विधायक उनके साथ बने रहे। यानी ये कहा जा सकता है कि वसुंधरा अब एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिये उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बनाने का हसीन ख्वाब देख सकती थीं
स्वशाक्तीकरण के प्रयास

2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिये स्वशाक्तीकरण के प्रयासों के लिये 'विमन टूगेदर अवार्ड' दिया गया। कुछ भी हो, वसुंधरा राजे ने हमेशा अपनी क़ाबिलियत का लोहा मनवाया और आगे बढ़ते हुए राजनीतिक विजय के झंडे गाड़े।

बिग बॉस के घर का झगड़ा पहुंचा पुलिस थाने

मुंबई। टीवी शो बिग बॉस के घर का झगड़ा अब पुलिस थाने पहुंच गया है। शो से बाहर हो चुकीं मॉडल सोफिया हयात ने बिग बॉस के घर के सदस्य अरमान कोहली के खिलाफ मारपीट और बदसलूकी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने अरमान कोहली के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल की मॉडल सोफिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके साथ बिग बॉस के घर में मारपीट हुई है और बदसलूकी भी की गई है। बिग बॉस के घर का झगड़ा पहुंचा पुलिस थाने
सोफिया ने सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने अरमान पर मारपीट, गाली-गलौज और बदसलूकी के आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि उसके साथ यह घटना 4 दिसंबर को घटी थी। जिसका कुछ हिस्सा ही शो में दिखाया गया है और बाकी प्रसारित नहीं किया गया। बिग बॉस का स्टूडियो मुंबई के लोनावला क्षेत्र में है इसलिए अब यह केस केस लोनावला पुलिस स्टेशन ट्रांसफर में किया जाएगा।

बीकानेर से पांच डकैत गिरफ्तार

जोधपुर।छह दिसंबर को सरदारपुरा बीरोड स्थित अमरदीप कॉम्पलेक्स की एक फाइनेंस कंपनी में युवक की आंख में मिर्च डाल हजारों की डकैती के पांच आरोपियों को पुलिस ने बीकानेर से गिरफ्तार किया है। दो आरोपी अभी फरार हैं।


डीसीपी वेस्ट अजयपाल लांबा ने बताया कि एडीसीपी सतीशचंद जांगिड़ के नेतृत्व में पुलिस ने बीकानेर के एक्सरे गली आलसर हाउस के पीछे सादुल कॉलोनी निवासी अजयसिंह मेड़तिया पुत्र विजयसिंह, पीबीएम हॉस्पिटल रोड सादुल कॉलोनी निवासी साहिल खान पुत्र मुनीर खां, नवीन विश्Aोई पुत्र विजयपाल विश्Aोई, बिछवाल निवासी भूपेन्द्रसिंह पुत्र लक्ष्मणसिंह, बीकानेर निवासी सुशील कुमार पुत्र राजेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया है।


पुलिस ने वारदात को अंजाम देने के लिए प्रयुक्त वाहन और टेक्निकल व मैन्युअल इंटेलीजेंस के आधार पर पांचों बदमाशों को पकड़ा है। वारदात से पहले आरोपियों ने 16 से 20 नवंबर तक ऑफिस आकर रैकी की थी। लूट के बाद आरोपी बीकानेर फरार हो गए थे।

पाक शरणार्थी बने पहली बार विधायक मेरे हिन्दुस्तान ने छाती से लगा लिया...

पाक शरणार्थी बने पहली बार विधायक मेरे हिन्दुस्तान ने छाती से लगा लिया...

बाड़मेर।सन्1971 भारत-पाकिस्तान का युद्ध। पाकिस्तान में हिन्दुओं का रहना मुश्किल हो गया। 24-25 साल का बिना मां-बाप का एक युवा अपने भाई-बहिनों को लेकर निकल पड़ा हिन्दुस्तान की ओर। ऎसा वतन जिससे पाकिस्तान की लड़ाई थी, लेकिन उसे उम्मीद थी कि वहीं उसे "शरण" मिलेगी। उसी युवा को आज 67 वर्ष की उम्र में यहां के लोगों ने सरताज बना दिया है। सीमावर्ती चौहटन विधानसभा क्षेत्र का विधायक बनने के बाद तरूणराय कागा कहते हैं "मेरे हिन्दुस्तान ने मुझे छाती से लगा लिया..।"


चौहटन से भाजपा प्रत्याशी तरूणराय कागा विधायक चुने गए हैं। कागा का जीवन संघर्ष की मिसाल है। 1971 तक पाकिस्तान के भाडासिंधा तहसील छाछरों निवासी कागा के लिए वहां रहना मुश्किल हो गया।युद्ध के बाद जन्मभूमि (पाकिस्तान) को छोड़ना पड़ा। परिवार सहित भारत आ गए। स्नातक तक पाकिस्तान में पढ़ाई की हुईथी। यहां आते ही पढ़े लिखे होने के कारण उन्हें शरणार्थी शिविर में 21 मई 1972 को शिक्षक बना दिया ताकि वे शरणार्थियों को पढ़ा सके। अकेले आए कागा को यहां 1972 में ही जीवनसाथी मिल गया। उनकी शादी भोजारिया की मिश्रीदेवी के साथ हो गई। 1978 में शरणार्थी शिविर समाप्त हुए और कागा की शिक्षक की नौकरी नहीं रही। वे चिकित्सा विभाग में कंपाउंडर बन गए।1982 में विभाग ने उन्हें क्लर्क बना दिया।


राजनीति सफर

कागा शरणार्थी परिवारों के निकट रहने के साथ पढ़े लिखे होने से उनके नेता तो बने ही पाकिस्तानी अंदाज की उनकी बोली और व्यवहार हिन्दुस्तान के लोगों को भी जोड़ता रहा। लिहाजा चौहटन क्षेत्र के गांवों में पकड़ बढ़ी। उनकी पत्नी मिश्रीदेवी को 1995 में चौहटन का प्रधान पद मिल गया।

खुद उतर गए मैदान में


2003 में सरकारी नौकरी छोड़ कागा खुद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव में उतरे मगर जीत नहीं पाए।2008 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाई और पिछड़ गए। संघर्ष खत्म करने की बजाय लोगों से जुड़े रहे। 2013 के चुनावों में चौहटन के 88 हजार 647 लोगों ने साथ दिया और 23 हजार 526 वोटों से जीत दर्ज करवा दी।


पाकिस्तान मेरी मातृभूमि है और हिन्दुस्तान कर्मभूमि। पाकिस्तान से आया था तो यही सोचा था कि शरण मिल जाए लेकिन हिन्दुस्तान ने मुझे छाती से लगा लिया।इतना अपनापन कोई और धरती नहीं दे सकती।मुझे फक्र है और शुक्रगुजार हूं कि मेरे भगवान ने मुझे पाकिस्तान में जन्म देने के बाद भारत की सरजमीं भेज दिया।- तरूणराय कागा, विधायक चौहटन
पहले विधायक


1947 में बंटवारे के वक्त आए कई लोग विधानसभा व लोकसभा में पहुंचे हैंलेकिन 1965 व 1971 के शरणार्थियों मे से विधायक बनने वाले कागा पहले व्यक्ति हैं। उनके विधायक बनने की पाक विस्थापितों में खुशी भी है और नागरिकता सहित अन्य समस्याओं के समाधान की उम्मीद करते हंै।
- हिन्दूसिंह सोढ़ा, नेता पाक विस्थापित संघ

ट्रक ने प्राचार्य महिला को कुचला

बाड़मेर।शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पंद्रह पर चामुण्डा माता मंदिर के पास बुधवार सुबह देखते ही देखते एक महिला प्राचार्य ट्रक के नीचे आ गई, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे स्कूटी पर सवार महिला शहीद सर्किल की तरफ जा रही थी। चामुण्डा माता मंदिर से पचास मीटर पहले उसकी स्कूटी सड़क पर आवारा साण्ड से टकराई, जिससे अनियंत्रित होकर महिला बीच सड़क पर गिर गई। सड़क पर गिरने के बाद वह संभल पाती, उससे पहले ही पीछे से आ रहे ट्रक का टायर महिला के सिर पर चढ़ गया। ट्रक चालक ने ट्रक नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुआ। महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गई। दुर्घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस यहां पहुंची और स्थिति को संभाला।


शहर कोतवाल कैलाशचंद्र मीणा ने बताया कि मृतका की शिनाख्त गीता (40) पत्नी शिवप्रकाश गुप्ता के रूप में हुई। गीता शहर के एक निजी विद्यालय बी.आर. बिड़ला में प्रिंसीपल थी, उसके पति शिवप्रकाश एयर फोर्स स्टेशन उत्तरलाई में कार्यरत हैं। यह परिवार मूलत: कानपुर उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। शहर कोतवाल ने बताया कि गीता की पुत्री व पुत्र सेण्ट पॉल स्कूल में पढ़ते हैं। संभवत: वह उनसे मिलकर वापस आ रही थी। मीणा ने बताया कि गीता के पति कानपुर गए हुए हैं, उन्हें दुर्घटना की सूचना दी गई। शव मोर्चरी में रखवाया गया। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी की मांग


बाड़मेर. पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में हुडों की ढाणी कोसरिया निवासी एक दुष्कर्म पीडिता ने आरोपित को गिरफ्तार करने की मांग की है।
पीडिता ने बताया कि 21 अक्टूबर को उसके साथ दुष्कर्म हुआ। 2 नवम्बर को मामला दर्ज हुआ। उसके बयान दर्ज हो गए, लेकिन पुलिस ने आरोपित को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

नशीला पदार्थ पिलाकर किया दुष्कर्म

सुमेरपुर।पुलिस थाने में एक युवक के विरूद्ध बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार नेतरा निवासी एक व्यक्ति ने जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष रिपोर्ट पेशकर बताया कि उसकी छोटी बहन से एक युवक ने नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया। रिपोर्ट में बताया कि उसकी बहन सुमेरपुर में कॉलेज रोड पर गई थी, तब रोजड़ा निवासी सुरेशकुमार पुत्र कानाराम मीणा कार लेकर आया। 


उसने पिता का एक्सीडेंट होने की बात कह कर सिरोही चलने को कहा। रास्ते में उसे नशीला पेय पदार्थ पिला दिया। सिरोही में उसे एक होटल में ले जाया गया, जहां उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींच कर धमकाया और दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।