गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

हॉस्टल में 9 छात्रों से 3 साल तक तक किया कुकर्म

अहमदाबाद। गुजरात के पोरबंदर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक हॉस्टल वार्डन ने 9 छात्रों से 3 साल तक कुकर्म करने का आरोप लगा हैं। एक अन्य छात्र में शारीरिक शोषण का भी आरोप लगाया है। सभी पीडित छात्रों की उम्र 9 से 11 साल तक की है।

आरोपी वार्डन राजेश कनानी कई सालों से हॉस्टल में वार्डन की नौकर कर रहा था। राजेश का अपराध उजागर होने के बाद रविवार से फरार हो गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को लताश शुरू कर दी हैं।

उन पीडितों में से एक छात्र वार्डन की करतूतों से परेशान होकर मुंबई में अपने चाचा के पास चला गया। उसने वार्डन की इस शर्मनाक करतूत के बारे अपने चाचा को बताया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पी बी पंडित ने बताया कि रविवार को अभिभावकों की बैठक की गई थी। वार्डन की करतूत सामने आई तो हमने तत्काल पुलिस से शिकायत करने का निर्णय लिया।

स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि वार्डन अक्सर बच्चों को पीटता था। एक अधिकारी गोविंद सावु ने बताया कि वार्डन उसी हॉस्टल में रहता था। जनवरी में उसकी बीवी की मौत हो गई थी।

वह अकेले रह रहा था। एसपी दीपेन भंद्रा ने कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं। एक बार वार्डन पकड़ में आ जाए तो उससे सारी हकीकत सामने आ जाएगी।

सांप्रदायिक हिंसा बिल पर मचा "घमासान"

नई दिल्ली। सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरूवार को संसद के शीतकालीन सत्र में भी इसको लेकर जमकर घमासान हुआ। सत्तापक्ष जहां बिल को एकमत होकर पास कराने की बात कह रहा है। वहीं, गृहमंत्री सुशील कुमार ने मोदी की (पीएम को) चिट्ठी के संदर्भ में कहा कि बिल इसी सत्र में पास हो जाएगा। इस पर बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने बिल पर गंभीर आपत्तियां जाहिर करते हुए मोदी के पक्ष को सही ठहराया।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सांप्रदायिक हिंसा बिल का विरोध करते हुए इसे "आपदा का नुस्खा" करार दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है। मोदी ने लिखा है कि सांप्रदायिक हिंसा बिल से समाज बंटेगा। मोदी ने संसद में सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल लाए जाने के समय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने बिल के मसौदे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।

असल मकसद वोट बैंक की राजनीति: मोदी
मोदी ने लिखा है कि ये बिल असल मकसद के लिए नहीं वोटबैंक की राजनीति का हिस्सा है। मोदी ने लिखा कि केंद्र ऎसे कानून बनाने में व्यस्त है जो राज्य सरकारों का मामला है। अगर ये कानून लागू हुआ तो समाज बंट जाएगा और हिंसा बढ़ जाएगी।

सरकार आम सहमति की कोशिश करेगी: पीएम
नरेन्द्र मोदी की ओर से सा प्रदायिक हिंसा बिल को "आपदा का नुस्खा" करार दिये जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर व्यापक सहमति बनाने का प्रयास करेगी जिनका महत्व काफी अधिक है। सिंह ने कहा कि सरकार विधेयकों को आसानी से पारित कराने के लिए संसद के सभी वर्गो का सहयोग चाहती है।

वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं मोदी: कांग्रेस
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के. रहमान खान ने कहा कि मोदी वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं। हम इस विषय पर 2005 से ही राज्यों से विचार-विमर्श कर रहे हैं। वहीं,संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने आरोप लगाया कि मोदी हर चीज को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और विवाद पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक फायदे के लिए इसका विरोध कर रहे हैं।

"चाइल्ड पोर्नोग्राफी"पर लग पाएगा अंकुश?

दुनिया भर में बाल पोर्नोग्राफी बना ज्वलंत मुद्दा। इंटरनेट पर बच्चों से जुड़े बढ़ते अपराधों को देखते हुए प्रमुख सर्च इंजन गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने इसे रोकने के लिए की अहम पहल। गूगल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एरिक श्मिट ने बताया कि इंटरनेट पर अश्लील तस्वीरों की खोज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक लाख से अधिक शब्दों पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से अब कोई परिणाम नहीं आएगा।
इसके साथ ही बच्चों की अश्लील तस्वीरों को गैर कानूनी बताने वाला एक संदेश भी दिखाई देगा। फिलहाल यह अंग्रेजी भाषी देशों पर लागू होगा, पर बाद में छह महीनों के भीतर इसे 158 भाषाओं पर लागू किया जाएगा।

एक मुहिम ऎसी भी!
नीदरलैंड्स में मानवाधिकार के लिए काम करने वाले एक संगठन "टेरे डेस होम्मेस" ने बाल यौन शोषण के इस नए रूप को दुनिया के सामने लाने के लिए एक ऑनलाइन योजना की मदद ली। उन्होंने दुनिया भर से 1,000 पीडोफीलो को ढूंढ निकाला और ऎसे लोगों की जानकारी पुलिस को दी, जो विकासशील देशों के बच्चों को ऑनलाइन सेक्स के एवज में पैसे देना चाहते हैं। इसके लिए कंप्यूटर पर एक 10 साल की लड़की "स्वीटी" के पात्र को विकसित किया और उसके जरिए बच्चों का यौन शोषण करने वालों तक पहुंच बनाई।

इसको चैटरूम में स्थापित करने के 10 हफ्तों के भीतर ही 71 देशों के करीब 20 हजार लोगों ने स्वीटी से संपर्क किया और उससे वेबकैम के सामने उत्तेजक हरकतों की मांग की। संगठन के प्रमुख के अनुसार ये लोग इन गतिविधियों के लिए कीमत चुकाने को तैयार थे। इसे "वेबकैम बाल यौन पर्यटन" नाम दिया गया है। जिस समय ये लोग स्वीटी से ऑनलाइन बात कर रहे थे, उस समय रिसर्चरों ने सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों की पहचान इकटा की। जानकारी पुलिस को सौंप दी गई। इसके ज्यादातर शिकार बच्चे हजारों की तादाद में फिलीपींस में हंै।

भारत में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
भारत की सर्वोच्च अदालत ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी (बच्चों से जुड़े अश्लील चित्र/वीडियो) को रोकने के उपायों के लिए निर्देश देने संबंधी याचिका पर दूरसंचार विभाग से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति बी. एस. चौहान और न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े की खंडपीठ ने पेशे से वकील इंदौर निवासी कमलेश वासवानी की याचिका की सुनवाई के दौरान दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी करके पूछा कि पोर्नोग्राफी साइटों को किस तरह ब्लॉक किया जा सकता है? कोर्ट ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया है।

इसी मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग आता है। याचिकाकर्ता के वकील विजय पंजवानी ने दलील दी कि महिलाओं, बच्चे और लड़कियो के खिलाफ यौन अपराध के मामले अश्लील सामग्री देखने के बाद बढ़ रहे हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि देश में पोर्न वेबसाइटों को रोकना मुश्किल काम है।

सरकार ने कोर्ट से समय मांगा था ताकि अलग-अलग मंत्रालयों से इस मुद्दे पर चर्चा की जा सके। पंजवानी के मुताबिक इंटरनेट कानून की गैरमौजूदगी में लोगों को पोर्न देखने से नहीं रोका जा सकता। उनके मुताबिक 20 करोड़ से ज्यादा पोर्न क्लिपिंग या पोर्न वीडियो बाजार में उपलब्ध हैं। याचिका में दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार कांड का भी जिक्र था, जिसमें पैरामेडिकल की छात्रा के साथ चलती बस में बलात्कार हुआ था। पीडित लड़की के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था, इसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

"नो रिजल्ट" कितना होगा कामयाब ?
इसके बाद इन कंपनियों ने एक ऎसा अल्गोरिथम बनाया, जो कि बच्चों की अश्लील तस्वीरों की खोज को रोकता है। इसके लिए गूगल ने पहल करते हुए पिछले तीन महीनों में 200 से भी ज्यादा कर्मचारियों को इस समस्या के समाधान का उपाय ढूंढने पर लगा दिया था। उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद ऎसे 1 लाख शब्दों को हटाने का फैसला किया है, जिस पर अब 'नो रिजल्ट' दिखाई पड़ेगा। वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने भी कहा है कि अब बिंग पर भी ऎसे शब्द खोजने पर कोई परिणाम नहीं आएगा। दोनों कंपनियों ने कहा है कि वे बच्चों के शोषण से संबंधित सामग्री बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।


वाकई असरकारी होगा?
ब्रिटेन के इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) का कहना है कि इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी अश्लील वेबसाइटों (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) की खोज या सर्च बंद करना प्रभावी उपाय नहीं है। संस्थान का कहना है कि यह उपाय अप्रभावी है तथा इसे आसानी से धोखा दिया जा सकता है। गौरतलब है कि प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल तथा माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही अपने सर्च में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े 1,00,000 संभावित संदर्भ को ब्लॉक करने की घोषणा की थी। चेयरमैन मार्टिन थॉमस के मुताबिक यह सही दिशा में उठाया गया कदम है लेकिन मुद्दे को पूरी तरह सुलझाने में पर्याप्त नहीं। आईईटी के अनुसार इंटरनेट सर्च इंजनों के जरिए बाल शोषण से जुड़े फोटो की खोज को कठिन करना ज्यादा दूरगामी उपाय नहीं है। इंस्टीट्यूशन के 127 देशों में 1 लाख 50 हजार से ज्यादा सदस्य हैं।

12 प्रतिशत वेबसाइट हैं इंटरनेट पर पोर्नोग्राफिक, यानी कुल 24,644,172 साइट।
4.9
बिलियनकी है ग्लोबल पोर्न इंडस्ट्री।

72
मिलियन व्यूअर्स हैं इंटरनेट पर प्रति माह।

2.5
बिलियन ई-मेल भेजे जाते हैं प्रतिदिन पोर्नोग्राफिक।

25
प्रतिशत रिक्वेस्ट पोर्नोग्राफिकहोती हैं।

68
मिलियन सर्च होती हैं प्रतिदिन पोर्न से संबंधित।


मन्जु माहेश्वरी

"एक चाय वाला भी पीएम बन सकता है"

नई दिल्ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के मुखर आलोचक कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मोदी अपनी उन्मादी विचारधारा से पीछे हट रहे हैं और एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है। मोदी की आलोचना करने वाले दिग्विजय की इस टिप्पणी को भाजपा ने हाथों-हाथ लेते हुए प्रशंसा की है।
सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह इस बात का स्वागत करते हैं कि मोदी धीरे धीरे अपनी उन्मादी विचारधारा से हट रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा की ओर बढ़ रहे हैं और इसका स्वागत करना चाहिए कि यदि संघ और भाजपा कांग्रेस और (जवाहरलाल) नेहरू की विचारधारा के करीब आ रहे हैं।

साथ ही दिग्विजय ने कहा कि मोदी को भारत की जनता स्वीकार नहीं करेगी और खुदा न करे यदि भाजपा सत्ता में आए तो वह मोदी की जगह सुषमा स्वराज को तरजीह देंगे। सिंह ने कहा कि भारत की जनता को वाजपेयी और सुषमा स्वीकार्य हो सकते हैं लेकिन मोदी स्वीकार्य नहीं होंगे।

सिंह इस बात को गलत बताया कि कांग्रेस एक परिवार और कुछ विशेष लोगों के हाथों में है और भाजपा की तरह कांग्रेस आम कार्यकर्ता को बढते नहीं देखना चाहती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में यदि केरल का कोई गरडिया राष्ट्रपति बन सकता है तो एक चाय वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता

सिंधी कैंप थाने का एएसआई रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरूवार सुबह राजधानी जयपुर के सिंधी कैंप थाने के एएसआई को छह हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। पकड़े गए एएसआई गणेश नारायण ने लूट के आरोपी की रिमांड नहीं लेने के बदले रिश्वत मांगी थी। सिंधी कैंप थाने का एएसआई रिश्वत लेते गिरफ्तार
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक बजरंग सिंह ने बताया कि सिंधी कैंप थाने के एएसआई गणेश नारायण के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी। एएसआई ने पिछले दिनों लूट के मामले में फरार आरोपी गोल्डी सिंह को गिरफ्तार किया था। मामले में एएसआई ने गिरफ्तार आरोपी की रिमांड नहीं लेने व जब्ती नहीं दिखाने की एवज में 10 हजार रूपए की मांग की थी।

इस पर गोल्डी की मां मंजीत कौर ने एसीबी में शिकायत की। छह हजार रूपए गुरूवार को लेना तय हुआ था। एएसआई ने जैसे ही छह हजार रूपए लिए, एसीबी ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया।

कोई नहीं जानता किसके वोट गिनने हैं

जयपुर। मतदान दलों की तर्ज पर ही मतगणना कार्मियोंको भी अंतिम समय पर ही बताया जाएगा कि उन्हें किस विधानसभा क्षेत्र में किस टेबल पर बैठकर मतगणना करनी है। इतना ही नहीं उन्हें मतगणना से पहले गोपनीयता बरकरार रखने के लिए बकायदा शपथ भी दिलाई जाएगी।
इस बार निर्वाचन विभाग ने मतदान दलों के गठन में काफी गोपनीयता बरती थी। इन्हें पहले सिर्फ यह बताया गया था कि उन्हें किस विधानसभ क्षेत्र में जाना है, मतदान बूथ के बारे में नहीं बताया गया था। दल में कौन होंगे, यह जानकारी भी उन्हें रवानगी से पहले ही दी गई थी।

अब मतगणना में भी ऎसा ही किया गया है। इसके तहत ही प्रशासन ने कार्ययोजना बनाकर मतगणना कार्मिकों को बुधवार को प्रशिक्षण दिया और उन्हें गोपनीयता के प्रति गंभीरता बरतने की हिदायत भी दी। इसके साथ ही मतगणना स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था व मतगणना कक्षों के इंतजामों की भी समीक्षा की।

मोबाइल पर भी पाबन्दी
मतगणना के दौरान माचिस, खाने का सामान, बीडी, सिगरेट, तम्बाकू के पैकेट, ब्लेड, चाकू, समेत अन्य कोई भी निषेधात्मक सामग्री अपने साथ मतगणना स्थल पर नहीं ले जाई जाएगी। मतगणना व्यवस्था में नियुक्त पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य के मोबाइल पर भी पाबन्दी रहेगी।

मतगणना का प्रशिक्षण
मतगणना के लिए नियुक्त मतगणना सहायक, मतगणना सुपरवाइजर एवं मतगणना माईक्रो ऑब्जर्वर्स को बुधवार को ओटीएस एवं पंचायती राज संस्थान में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हें बताया कि सर्वप्रथम कंट्रोल यूनिट की सील की जांच होगी। इसके बाद "रिजल्ट सेक्शन" को खोला जाएगा और फिर ग्रीन पेपर सील एवं एड्रेस टैग आदि के क्रमांक मतगणना टेबिल पर अभिकर्ताओं को दिखाए जाएंगे। उन्हें मतगणना कार्य को सावधानी से करने को लेकर भी कई तरह की जानकारी दी।

पूर्व एमडी ने महिला पत्रकार से की छेड़छाड

जयपुर। उम्र 65 साल और काम फेसबुक पर युवतियों को दोस्ती कर झांसा देकर घर बुलाना और फिर उनसे छेडछाड़ और अश्लीलता करना। ऎसा ही एक मामला बुधवार को सांगानेर थाना क्षेत्र में सामने आया है। पुलिस के अनुसार आरोपी जयपुर डेयरी में एमडी के पद से रिटायर्ड है।

पिछले दिनों उसने वैशाली नगर निवासी एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल की महिला पत्रकार से फेसबुक पर दोस्ती की। काफी दिनों तक चेटिंग चलती रही। उसके बाद आरोपी ने महिला पत्रकार से कहा कि उसे डेयरी की बड़ी खबर देगा, इसलिए मिलने आओ।

पीडिता ने अपने मित्रों को उसकी जानकारी दी और उससे मिलने चली गई। आरोपी उसे गोपालपुरा से अपनी गाड़ी में ले गया और घर पर छेड़छाड़ व अश्लीलता की। इस बीच पीडिता ने अपने मित्र को फोन कर बुला लिया और थाने पहुंच मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपी रणवीर सिंह गोदारा को गिरफ्तार कर लिया है।

रास्ते में खरीदी शराब की बोतल

एसीपी बाघसिंह ने बताया कि पीडिता का कहना है कि आरोपी ने गोपालपुरा के पास ही एक दुकान से शराब की बोतल खरीदी। उसने पीडिता को भी शराब पीने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। जिस पर आरोपी ने उसे कुछ दूर जाकर एक स्वीट कैटर्स से खाने के लिए कुछ दिलाया। घर ले जाने के बाद आरोपी ने शराब पी और पत्रकार से छेड़छाड़ की।

दिखाने लगा बैडरूम

रिपोर्ट के अनुसार आरोपी उसे घर ले जाकर अपना घर, बैडरूम व बाथरूम तक दिखाने लगा। आरोपी ने उसे बाथरूम की चाबी दी और फ्रेश होने के लिए भी कहा। और इस बीच खुद शराब पीने लगा।

पीडिता ने आरोपी के मंसूबों को भांप लिया और अपने मित्र को इसकी जानकारी दी। मित्र के पहुंचने के बाद वह सांगानेर थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने बुधवार को ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

जब महिला ने पति को प्रेमिका के साथ पकड़ा तो खुद ही देखिए फिर क्या हुआ



ग्वालियर. दिल्ली की एक महिला को अपने पति के चरित्र पर शंका हुई तो वह जासूसी करते हुए उसके पीछे ग्वालियर तक आ गई थी। महिला को पति और उसकी प्रेमिका स्टेशन बजरिया में ऑटो से जाते हुए मिल गए। यहां पर वह पति के साथ मिली युवती पर टूट पड़ी थी। पत्नी और प्रेमिका को झगड़ते देख पति भाग निकला था। इसके बाद आधा घंटे तक महिलाएं सड़क पर एक-दूसरे के बाल पकड़कर झगड़ती रहीं। झगड़ा देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। इसके चलते पड़ाव पुल पर आधा घंटे तक ट्रैफिक जाम भी रहा था।






दिल्ली के एक सराफा कारोबारी का कारोबार के सिलसिले में ग्वालियर और मथुरा आना-जाना था। पति का किसी युवती से चक्कर चल रहा है, ऐसी आशंका उसकी पत्नी को थी।






इसके चलते वह पिछले काफी समय से अपने पति की जासूसी कर रही थी। उसका पति घर से मथुरा की कह कर निकला था। इसी बीच उसे पता चला कि वह किसी युवती के साथ ग्वालियर में है।




वह ग्वालियर आकर स्टेशन बजरिया पर ऑटो तलाश कर रही थी, तभी पति और उसकी प्रेमिका ऑटो से जाते हुए दिखाई दिए।

पति को प्रेमिका के साथ देखते ही वह ऑटो में चढ़ गई। पत्नी का गुस्सा देखकर पति भाग निकला, जबकि महिला उसकी प्रेमिका को पकड़कर पिटाई करने लगी थी।


इस बीच किसी ने पड़ाव थाने की पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस दोनों को ऑटो में बैठाकर महिला थाने ले आई। यहां पर टीआई रुचिका चतुर्वेदी ने दोनों महिलाओं की बात सुनी।

महिला ने पुलिस से कहा कि उसने अपने पति को सुधारने के लिए उस पर नजर रखी थी, लेकिन वह पति के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहती। इसके बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं को इस हिदायत के साथ जाने दिया कि वे झगड़ा नहीं करेंगी। पत्नी के हाथ लगी प्रेमिका ने पुलिस को बताया था कि वह तलाकशुदा है। उसके बाल उड़ रहे हैं, जिसका इलाज कराने के लिए वह शिंदे की छावनी में एक डॉक्टर के यहां जा रही थी। इसी दौरान महिला ने उसके साथ मारपीट कर दी थी। टीआई महिला थाना रुचिका चतुर्वेदी का कहना था दोनों महिलाएं शिकायत करने के लिए तैयार नहीं थीं, इसलिए उन्हें जाने दिया।

राहुल के कहने पर चुनाव लड़ा, नतीजे पक्ष में नहीं : हेमाराम


राहुल के कहने पर चुनाव लड़ा, नतीजे पक्ष में नहीं : हेमाराम



बाड़मेर  राजस्व मंत्री और गुढ़ामालानी से कांग्रेस प्रत्याशी हेमाराम चौधरी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के दबाव में चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं रहेंगे। मैं इससे आहत हूं और भविष्य में चुनाव नहीं लडऩे का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि विकास के बूते पर वोट नहीं मिलते है। वोटर की मानसिकता बदल चुकी है, इसी कारण राजनीति से मुझे नफरत हो रही है। सर्वे में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने संबंधी सवाल पर चौधरी ने कहा कि स्थिति कमजोर है या मजबूत इस बारे में तो मैं क्या कह सकता हूं। ये तो आठ दिसंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा। चुनाव परिणाम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वे बोले- इस बार चुनाव परिणाम पार्टी के पक्ष में नहीं रहेंगे। यह मेरा अंतिम चुनाव था।  

भविष्य में कोई चुनाव नहीं लडूंगा।

गुड़ामालानी में रिकार्ड वोटिंग के बारे में चौधरी ने कहा कि यहां फर्जी वोटिंग हुई है। मैं तो पहले ही चुनाव लडऩे से इनकार कर चुका था, लेकिन राहुल गांधी ने फोन पर कहा कि आपको ही चुनाव लडऩा है।

बाड़मेर कौन कहा क्यूँ जीतेगा एक विश्लेषण

बाड़मेर कौन कहा क्यूँ जीतेगा एक विश्लेषण

बाड़मेर रविवार को एक दिसंबर को सम्पन हुए विधानसभा चुनावो के परिणाम आने हें। सभी प्रत्यासी अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हें। सत्ता बाज़ार और विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओ से बातचीत के आधार पर लगा कि इस बार बाड़मेर कि जनता ने दिल खोल कर भाजपा के पक्ष में मतदान किया हें। हर सीट पर हार जीत के चौंकाने वाले कारन सामने आये हें

बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र। …इस क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्यासी मेवाराम जैन भीतरघात के शिकार हुए लग रहे हें साथ ही उनका गढ़ माने जाने वाली प्रमुख तेरह पंचायतो चुली ,भद्रेश ,विशाला ,मारूड़ी ,लंगेरा ,आती ,जैसे ,जूना ,बालेरा ,सुरा ,डूडा बेरी ,कपूरड़ी ,जालिपा ,हरसाणी फांटा ,आदि में अपनी पिछली बढ़त कायम नहीं रख पाये वाही शहरी क्षेत्र में भी उनकी पकड़ बहुत कमज़ोर साबित हुई ,डॉ प्रियंका चौधरी के पक्ष में राजपूत ,मेघवाल ,रावण राजपूत ,मुस्लिम ,और जाट वोटो के ध्रुवीकरण के कारन वो मजबूत नज़र आती हें ,प्रियंका ने वर्त्तमान विधायक के गढ़ में उनकी बढ़त ख़त्म करने तथा शहरी क्षेत्र में बढ़त कि सम्भावना से भारी हें वाही जाट वोट उनकी जीत का अंतर बढ़ा रहे हें ,भाजपा कि बागी श्रीमती मृदुरेखा के कारन कांग्रेस प्रत्यासी को ज्यादा नुक्सान हुआ हें


चौहटन। ।सॆमवर्ति चौहटन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के तरुण कागा और कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल आमने सामने ,थे इस बार इस सीट पर निर्णायक मत जाट मतदाताओ का भाजपा के जुड़ाव और कुछ मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण के कारन भाजपा मजबूत हें


शिव विधानसभा क्षेत्र। ज़िले कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठा का सवाल बनी शिव विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अमिन खान और भाजपा के मानवेन्द्र सिंह के बीच कडा मुकाबला था ,मानवेन्द्र सिंह ने अमिन खान के परंपरागत वोट बेंक मुस्लिम ,अनुसूचित जाती ,जनजाति ,और जाट मतदाताओ में जोरदार सेंध लगाई ,कांग्रेस के परंपरागत मतों के ध्रुवीकरण और भाजपा समर्थक राजपूत और अन्य जातियो के लामबंद होने से मानवेन्द्र सिंह मजबूत हें ,


बायतु। बायतु वधान सभा क्षेत्र से कर्नल सोनाराम चौधरी और भाजपा के कैलाश चौधरी आमने सामने थे। ,कर्नल पिछली बार चौंतीस हज़ार मतों से जीते थे। मगर इस बार वो कांग्रेस के जाट नेताओ के कोप भजन का शिकार हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं ,कर्नल अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हें मगर बायतु से आई पोलिंग पार्टियो कि माने तो कर्नल इस सीट को खोते नज़र आ रहे हें , कर्नल को रिफायनरी आंदोलन में सक्रीय रहने के बावजूद बायतु से पचपदरा शिफ्ट होना उनके विपक्ष में जा रहा हें ,कर्नल कि कांग्रेस नेता कार सेवा में जूट थे ,भीतरघात के कारन वो कमज़ोर नज़र आयते हें ,भाजपा के कैलाश चौधात्री के पक्ष में जाट मतदाताओ के साथ अन्य जातियो के खुल कर आने से भी वो मजबूत हें ,इस दशा में बायतु सीट से कोई भी निकल सकता हें ,

पचपदरा। . इस सीट पर कांग्रेस का असंतोष वर्म्मन विधायक मदन प्रजापत को टिकट देने के साथ शुरू हुआ था ,मूल कांग्रेस इनकी उम्मीदवारी के विरोध में अलग हो गयी उन्होंने अब्दुल रहमान को बागी उतर मदन प्रजापत के सरे समीकरण बिगाड़ दिए ,भाजपा के अमराराम चौधरी के प्रति सहानुभूति थी ,उसका बड़ा असर रहा साथ ही नरेंद्र मोदी कि लोकप्रियता बड़ा कारण हें ,पचपदरा सीट पर अमराराम मजबूत नज़र आते हें


सिवाना। । सिवाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने महंत निर्मलदास को उतरा ,उनकी टिकट के साथ सिवाना कांग्रेस में विरोध शुरू हुआ ,कांग्रेस के परम्परागत वोटर कुलबी और मुस्लिम निर्मलदास के खिलाफ लामबंद हुए ,उनके समाज कि कांग्रेस कि महिला जिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी ने विरोधस्वरूप पार्टी ही छोड़ भाजपा के साथ हो ली ,ंिमलदास को कांग्रेस का पूरा सहयोग नहीं मिला जिससे वो शुरू में ही मुकाबले में विछड़ गए , भाजपा से हमीर सिंह भायल के पक्ष में सभी समाजो सहित राजपूतो का लामबंद होना उन्हें मजबूत बनता हें


गुडा मालानी। । गुडा मालानी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के वरिष्ट नेता हेमाराम चौधरी ने पहले चुनाव लड़ने से मन कर दिया जिससे उनके शीटर में गलत सन्देश गया कि वो हार के दर से चुनाव नहीं लड़ना चाहते ,हेमाराम ने राहुल गांधी के दबाव में चुनाव लड़ने कि हामी तो भर दी मगर अपने परंपरागत मतदाताओ के भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण को रोकने में सफल नहीं हुए ,भाजपा के लादूराम विश्नोई को जाट मत मिलाने साथ उन्हें कुलबी जाती का भी समर्थन मिला ,सिवाना में कुलबी को टिकट नहीं मिलाना हेमाराम चौधरी के लिए घटक सिद्ध हो सकता हें ,लादूराम को नरेंद्र मोदी और वसुंधरा कि लोकप्रियता अ फायदा मिला




वोट मांगने नहीं आये। ।यह पहली बार हुआ जब कांग्रेस के एक बी स्टार प्रचारक आम सभा के लिए नहीं आया। यहाँ तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने प्रत्यासियो के लिए वोट मांगने नहीं औए ,जबकि हर चुनाव में राहुल गांधी या सोनिआ गांधी वोट मांगने आती रही ,मगर इस बार कांग्रेस के लिए कोई वोट मांगने नहीं आया जिसका विपरीत प्रभाव पड़ा


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विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म

मूण्डवा।मूण्डवा थाना क्षेत्र के ग्राम खुड़खुड़ा खुर्द निवासी अनुसूचित जाति की विवाहिता को बीमार पिता से मिलाने के बहाने ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है।


थानाधिकारी हरिनारायण मीणा ने बताया कि पीडिता ने पति के साथ आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि 2 दिसम्बर की रात्रि माणकपुर निवासी सेनाराम पुत्र कोजाराम मेघवाल ने मोबाइल से सूचना दी कि पीडिता के पिता की तबियत खराब हो गई है। इस पर रात्रि करीब साढ़े 10 बजे पीडिता बिना किसी को बताए पिता से मिलने के लिए घर से रवाना हो गई। इस दौरान आरोपी सेनाराम ने उसे डम्पर पर बिठाया। इसके बाद माणकपुर सरपंच पुत्र राजेन्द्र पुत्र मुन्नाराम जाट भी डम्पर पर आ गया। करीब एक किलोमीटर आगे डम्पर ले जाने के बाद राजेन्द्र ने पीडिता के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उसके बाद दोनों आरोपियोें ने विवाहिता से दुष्कर्म किया।

जैसे तैसे पीडिता घर पहुंची तथा परिजनों को आप-बीती बताई। पीडिता का बुधवार को मेडिकल मुआयना कराया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव व जांच अधिकारी नागौर एससी, एसटी के पुलिस उप अधीक्षक डा. हरिप्रसाद शर्मा ने मूण्डवा थानाधिकारी के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया। पीडिता के कपड़े बरामद किए। गुरूवार को न्यायालय में 164 के बयान के लिए आवेदन पेश किया जाएगा।

पुलिस के घर में अफीम तस्कर

नागौर।पुलिस लाइन स्थित एक सिपाही के क्वार्टर से बुधवार सुबह जोधपुर पुलिस के विशेष दल ने भोजासर थाने के वांछित अफीम तस्कर को गिरफ्तार किया है। विशेष दल की ओर से की गई कार्रवाई से हड़कम्प मच गया। सिपाही के क्वार्टर में तस्कर मिलने से पुलिस की ओर से कहे जाने वाले उस जुमले "अपराधियों में खौफ, आमजन में विश्वास" की सच्चाई सामने आ गई है।


जिला पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे हो रहे इस कार्य में पुलिस कर्मियों के लिप्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जोधपुर व नागौर थाने की ओर से की गई कार्रवाई की सूचना पुलिस लाइन के अधिकारियों तक को नहीं दी गई। सूत्रों ने बताया कि क्वार्टर में दो दरवाजे हैं, आगे कुछ गतिविधि होने पर पीछे का दरवाजा खोलकर आरोपी बाहर जा सकता है।


कई सवाल अनसुलझे

यातायात पुलिस के सिपाही अरविंद कुमार बिश्नोई (577) के क्वार्टर में आरोपी कितने समय से हैं, घटना के समय अरविंद कहां गया, आरोपी के साथ उसके क्या रिश्ते हैं, मुखबिर से मिली सूचना पर आरोपी तो मिल गया मगर मौके से अफीम कहां गायब हो गई, पुलिस लाइन में कार्यरत पुलिस कर्मियों को इस गोरखधंधे की भनक क्यों नहीं लग पाई, कार्रवाई के दौरान पुलिस लाइन के अधिकारियों को शामिल क्यों नहीं किया गया जैसे अनेक सवाल अभी खड़े हैं। विशेष दल ने सिपाही के संजय कॉलोनी स्थित मकान पर भी दबिश दी मगर वो वहां भी नहीं मिला।

ये हुआ गिरफ्तार


जोधपुर से स्पेशियल टीम प्रभारी सब इंस्पेक्टर निरंजन प्रताप सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस लाइन स्थित क्वाटर से चित्तौड़गढ़ के अनूपपुरा निवासी शांतिलाल (48) पुत्र भूराजी धाकड़ को गिरफ्तार किया गया।मुखबिर ने बताया कि आरोपी के पास बड़ी मात्रा में अफीम है। लेकिन मौके से अफीम नहीं मिली। आरोपी भोजासर थाने का वांछित अपराधी है। यह लम्बे समय से तस्करी में लिप्त है।


यातायात पुलिस के सिपाही से इसके क्या संबंध थे सहित अन्य बिंदुओं पर तो जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। कार्रवाई में थानाधिकारी नगाराम चौधरी भी शामिल थे।


यातायात पुलिस का सिपाही अधिकतर क्वार्टर बंद रखता था। आसपास के सिपाहियों तक से बात करने में परहेज करता था। इसके आसपास रहने वालों को यह बात खटकी लेकिन उन्होंने कभी गौर नहीं किया।

लीक पीटना शुरू


नागौर पुलिस लाइन किसी धर्मशाला से कम नहीं है। यहां के कई क्वार्टर किराए तक दिए गए हंै। इतना ही नहीं आने-जाने वालों का कोई ब्यौरा तक नहीं रखा जाता है। बुधवार सुबह तस्कर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस लाइन प्रशासन हरकत में आया और करीब एक बजे से आने वालों के नाम पते पूछना और लिखना शुरू किया गया।

रामगढ़ में खुले बाजार

रामगढ़। रामगढ़ में बुधवार सुबह बाजार खुल गए और दिन चढ़ने के साथ ही चहल-पहल बढ़ गई। हालांकि अभी भी शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिसकर्मिययो का पहरा बना हुआ है। कस्बे के मुख्य बाजार सहित समस्त चौराहों पर पुलिस की ओर से गश्त की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामगढ़ में डेरा डाले हुए हैं, वही भारी संख्या मे जाब्ता तैनात किया हुआ है। आरोपियों की तलाश में पुलिस की ओर से दबिश दी जा रही है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
घटना के दो दिन बाद बाजार तो खुल गए लेकिन चर्चाओं का दौर जारी है। बुधवार को मुख्य बाजार, बस स्टैण्ड, तनोट सड़क मार्ग पर स्थित सभी दुकानें खुल गई और लोग रोज की तरह खरीददारी करते दिखे। गौरतलब है कि रामगढ़ में दो दिन पूर्व नहरी भूमि विवाद को लेकर एक युवक पर कुछ लोगो की ओर से किए गए हमले के बाद तनाव बढ़ गया था और लोग दहशत मे थे। कस्बे मे बुधवार को आम दिनो की तरह बाजार खुले, लेकिन लोगों मे कुछ भय भी दिखा।

बागी का खर्चा सबसे अधिक

बाड़मेर।बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों ने 30 नवंबर तक का अपने खर्च का निरीक्षण करवाया है। इसमें भाजपा की बागी निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. मृदुरेखा सबसे आगे रही है। मृदुरेखा ने तीसरे निरीक्षण में 8 लाख 52 हजार 927 रूपए खर्च दर्शाया है।


भाजपा की डॉ. प्रियंका चौधरी ने 8 लाख 30 हजार 296 रूपए खर्च बताया है।कांग्रेस के मेवाराम जैन ने 6 लाख 19 हजार 484 रूपए खर्च करने का उल्लेख किया है। इसके अलावा लालचंद ने 2 लाख 43 हजार 493, हुकमीचंद ने 71 हजार 855, बन्नाराम दर्जी ने 23 हजार 275, नानकदास धारीवाल ने 1 लाख 51 हजार 530, मदन मोहन ने 1लाख 9 हजार 20, हरीश चण्डक ने 20 हजार 800, भवानीसिंह ने 14 हजार 850, सफी मोहम्मद ने 10 हजार, शंकरलाल ने 30 हजार 300 व चंद्रप्रकाश ने 2 लाख 7 हजार 216 रूपए खर्च बताया है।
छाया रजिस्टर
में भी दर्ज
प्रत्याशियों ने तीन बार खर्च का निरीक्षण करवा दिया है।अब मतगणना के पंद्रह दिन बाद तक अंतिम खर्च का निरीक्षण करवाएंगे। निर्वाचन आयोग के छाया रजिस्टर से मिलान कर अंतर की संवीक्षा की जाएगी।
शिव. चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव में सोलह लाख रूपए का खर्च निर्धारित किया गया है, लेकिन निर्दलिय प्रत्याशियों को छोड़कर प्रमुख राजनीतिक दलाें के प्रत्याशियों ने लाखों में आंकड़े पेश किए हैं। विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस विधानसभा क्षेत्र में जिले के सर्वाधिक मतदाता होने के साथ विशाल क्षेत्रफल वाले भू-भाग में फैला है। विधानसभा के एक छोर राजबेरा से दूसरे छोर सुन्दरा व चौहटन के भीलो की ढाणी तक जाने के लिए तीन सौ किलोमीटर से अधिक का सफर तय करना पड़ता है। यहां प्रचार के लिए अधिक संसाधन के साथ कड़ी मेहनत कर मतदाताओं के पास पहुंचा जाता है। दूसरी तरफ यहां के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग को पेश किया गया खर्च जिले में सबसे न्यून है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी मानवेंन्द्रसिंह ने महज 324722 रूपए व कांग्रेस प्रत्याशी अमीन खां ने 39296 1 रूपए का खर्च पेश किया है।

मंत्री पद के तीन-तीन दावेदार

बाड़मेर।चुनाव परिणाम आने में तीन दिन शेष है, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक हलकों में बाड़मेर जिले से मंत्री पद के दावेदारों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों से मंत्री पद के तीन-तीन दावेदार माने जा रहे हैं।

बाड़मेर जिले की सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के टिकट पर मेवाराम जैन, हेमाराम चौधरी, कर्नल सोनाराम, पदमाराम मेघवाल, अमीनखां, मदन प्रजापत, महंत निर्मलदास ने चुनाव लड़ा है।
वहीं भाजपा के टिकट पर डॉ. प्रियंका चौधरी, कैलाश चौधरी, तरूण राय कागा, मानवेन्द्रसिंह, अमराराम चौधरी, लाधूराम विश्नोई, हमीरसिंह भायल ने ताल ठोकी है। चुनाव परिणाम यदि कांग्रेस के पक्ष में रहता है और हेमाराम चौधरी, अमीनखां व कर्नल सोनाराम चौधरी अपने-अपने क्षेत्र से चुनाव जीतने में कामयाब रहते हैं तो वे मंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। हेमाराम चौधरी व अमीनखां गहलोत सरकार में क्रमश: राजस्व मंत्री व अल्पसंख्यक मामलाता एवं वक्फ राज्यमंत्री है। हालांकि कर्नल सोनाराम चौधरी को अशोक गहलोत का धुर विरोधी माना जाता है, लेकिन यह माना जा रहा हैकि राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनती हैतो कर्नल सोनाराम चौधरी को मंत्रिमण्डल में जगह मिलेगी।
यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो मंत्रिमण्डल में दावेदारी के लिहाज से आंकड़ा तीन का ही है। मानवेन्द्रसिंह, अमराराम चौधरी व लाधूराम विश्नोई मंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे हैं। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में अमराराम चौधरी गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। वहीं लाधूराम विश्नोई भी मुख्यमंत्री के मॉनिटरिंग सलाहकार रहे हैं। ऎसी में उनकी दावेदारी स्वाभाविक मानी जा रही है। दिग्गज भाजपा नेता जसवंतसिंह के पुत्र मानवेन्द्रसिंह एक बार सांसद रह चुके हैं। यह माना जा रहा है कि यदि वे विधायक बनने में कामयाब रहे तो मंत्री बन सकते हैं।