मंगलवार, 5 नवंबर 2013

दिल्ली में 1000 करोड़ का हुआ 'देह' का व्यापार..जानिए गंदे धंधे का काला सच



नई दिल्ली। राजधानी दिल्‍ली देह व्‍यापार की सबसे बड़ी मंडी है। इस व्‍यापार की मंडी का कंट्रोल हमेशा किसी एक व्‍यक्ति के हाथ में रहा है। इसका कंट्रोल पहले सोनू पंजाबन के हाथों में था और बाद में बाबा भीमानंद के हाथ में आ गया। इन दोनों के जेल जाने के बाद से यह धंधा अब कोई सोनू बंगालन नाम की महिला संभाल रही है।



सूत्रों के अनुसार, जब दिल्‍ली पुलिस ने सोनू पंजबान को गिरफ्तार किया था तो उस वक्‍त दिल्‍ली में उसका कारोबार तकरीबन 1000 करोड़ रुपए का था। जिस पर अब सोनू बंगालन का राज है। सूत्रों का कहना है कि सोनू बंगालन का दिल्ली में होने वाला धंधा तो सिर्फ कुछ फीसदी का है। इसमें देश के कई राज्यों से लोगों और पैसों की आमदरफ्त होती है। यही नहीं, बड़ी तादाद में विदेशी लड़कियां धंधा करती हैं जिन्हें हिंदुस्तानी दलाल अपने पेरोल पर रखते हैं।


सूत्रों के मुताबिक दिल्‍ली में सोनू बंगालन की कमाई का पैमाना काफी बड़ा है। वहीं दलालों के जरिए दिल्‍ली में जिस्‍म की मंडी के कारोबार का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है। जिसकी पालनहार तकरीबन एक दो हजार नहीं बल्कि तकरीबन 20 हजार लड़कियां हैं। इस धंधे से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस बाजार में इन लड़कियों की सर्विस और उसके मुताबिक रेट तय होता हैं।

सर्विस वक्त रेट (रुपए)

एक ट्रिप 2 घंटे 5000-8000

दो ट्रिप 2 घंटे 8000-10000

दो ट्रिप 4 घंटे 10000-15000

ओर्जी 8 घंटे या पूरी रात 25000

एस्कॉर्ट एक दिन 25000

प्ले हॉस्टेस 4 घंटे 15000
राजधानी में सेक्‍स रैकेट कैश और क्रैडिट कार्ड दोनों तरीकों से काम करता है। सोनू बंगालन के पेरोल पर काम करने वाली करीब 500 लड़कियों में ज्यादातर का टाइम और पैसा मुकर्रर होता है। ये लड़कियां ओवरटाइम भी करती थीं और छुट्टी भी मिलती हैं। इन सभी से बंगालन ने अपना प्रॉफिट तय कर रखा था जो हर ट्रिप और नाइट के बदले उसे पहुंचा दिया जाता था।




सोनू पंजाबन के सेक्‍स रैकेट में कई हाइप्रोफाइल लड़कियां शामिल !

जैसे ही राजधानी दिल्ली में शाम के साए में गहराती हैं। लोग आनंद की तलाश में किसी ऐसे ठिकाने की तरफ निकल पड़ते हैं जहां उनकी दबी हुई ख्वाहिशें पूरी हो सकें। जहां कोई उन्हें प्यार कर सके, उनकी टूटी हुई तमन्नाएं सहला सके। कानून ने इसे जिस्मफरोशी का नाम दिया है। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में इस जिस्म के कारोबार में करीब 30 लाख लड़कियां लगी हैं जो एक पूरे शहर की आबादी के बराबर हैं।

सूत्रों का कहना है कि सोनू बंगालन के दिल्ली में सेक्स व्यापार में बड़ी तादाद में ऐसी लड़कियां शामिल हैं, जो बड़े घरों से ताल्‍लुक रखती हैं। ये ज्यादातर लड़कियों को पैसा चाहिए होता है और वो पैसे के लिए इस काम को करती हैं। इसमें बड़े बड़े अच्छे नंबर वन के घरों की लड़कियां भी हैं।

जेब खर्च के लिए जिस्मफरोशी का धंधा

लड़कियों को पैसा उनकी खूबसूरती, उनकी पढ़ाई-लिखाई, उनकी बातचीत के अंदाज, उनके पहनावे, उनकी अदाओं और उनके पिछले रिकॉर्ड को देखकर तय होता है। हालांकि दो घंटे के लिए एक अच्छी लड़की मार्केट में 5000 से लेकर 50 हजार रुपए तक पर मिलती है।

खास बात ये कि जिस्म के बाजार में पैसा एडवांस चलता है। वहां उधार की गुंजाइश नहीं। पैसा क्रैडिट कार्ड से भी अदा किया जा सकता है। जो शख्स ये सर्विस लेता है उसकी पहचान पूरी तरह छिपाकर रखी जाती है। सोनू बंगालन जो कई बार सेक्‍स रैकेट के धंधा चलाते हुए गिरफ्तार हो चुकी है। उसने पुलिस को बताया है कि उसके धंधे में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली हैं या अकेले पीजी में रहती हैं। इनमें कुछ घरेलू महिलाएं भी इस धंधे में थीं जो जेब खर्च निकालने के लिए जिस्मफरोशी का धंधा कर रही हैं। जाहिर है जल्द मोटा पैसा कमाने की तमन्ना उन्हें इस धंधे में खींच लाती है।

आज शुरू होगा मंगल पर विजय का अभियान

यह पराक्रम के प्रतीक ग्रह यानी मंगल पर विजय का अभियान है। चंद्रयान के बाद अब मंगलयान की बारी है। मंगल ग्रह को करीब से जानने की यह कोशिश अगर कामयाब होती है तो भारत अंतरिक्ष के मामले में एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। जाहिर है, इस प्रॉजेक्ट से भारत की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
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अभी तक अमेरिका, रूस और यूरोप के कुछ देश (संयुक्त रूप से) ही मंगल की कक्षा में अपने यान भेज पाए हैं। चीन और जापान इस कोशिश में अब तक कामयाब नहीं हो सके हैं। रूस भी अपनी कई असफल कोशिशों के बाद इस मिशन में सफल हो पाया है। अब तक मंगल को जानने के लिए शुरू किए गए दो तिहाई अभियान नाकाम साबित हुए हैं। भारत इस अभियान को अपने दम पर अंजाम तक पहुंचाने की ख्वाहिश रखता है और पूरी दुनिया की नजरें इस पर लगी हुई हैं।

आज है ऐतिहासिक दिन
मंगलयान को पिछले महीने 19 अक्टूबर को छोडे़ जाने की योजना थी, लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण यह काम टाल दिया गया। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने अब आज यानी 5 नवंबर को इसे दिन में 2 बजकर 36 मिनट पर छोड़ने का फैसला किया है। इस अभियान को मार्स ऑर्बिटर मिशन नाम दिया गया है। भारत के इस मिशन के लिए सरकार ने इसरो को 3 अगस्त 2012 को मंजूरी दी थी। वैसे, इसके लिए 2011-12 के बजट में ही फंड का प्रावधान कर दिया गया था। भारत की जनता के साथ ही देश के स्पेस साइंटिस्ट्स इस अभियान को लेकर खासे उत्साहित हैं।


कैसे शुरू होगा सफर
मंगलयान को इसरो के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल (पीएसएलवी) सी-25 की मदद से छोड़ा जाएगा। इस वीइकल की लागत 110 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है और इसका वजन 1350 किलो है। इसरो का कहना है कि पीएसएलवी मंगलयान को छोड़ने के लिए उपयुक्त है। कई देश अपने सैटलाइट छोड़ने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। वैसे, गौरतलब है कि अमेरिका और रूस ने अपने मंगल अभियान के लिए इससे बड़े रॉकेटों का प्रयोग किया था।

कैसा होगा सफर
मंगलयान को छोड़े जाने के बाद यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर करीब 10 महीने तक अंतरिक्ष में भ्रमण करता रहेगा। सितंबर 2014 में यह मंगल की कक्षा के पास पहुंचेगा। मंगल ग्रह की कक्षा 327 गुणा 80,000 किलोमीटर की है। पृथ्वी की कक्षा को पार करने के लिए मंगलयान की गति 11 किलोमीटर प्रति सेकंड रखी जाएगी। मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के लिए इस गति को कम किया जाएगा।

क्या है मकसद
मंगलयान को सफलतापूर्वक छोड़कर भारत अंतरिक्ष के मामले में अपनी टेक्नॉलजी का लोहा मनवाना चाहता है। इसके साथ ही वह अपनी वैज्ञानिक उत्सुकता को भी शांत करना चाहता है। मंगलयान के जरिए भारत मंगल ग्रह पर जीवन के सूत्र तलाशने के साथ ही वहां के पर्यावरण की जांच करना चाहता है। वह यह भी पता लगाना चाहता है कि इस लाल ग्रह पर मीथेन मौजूद है कि नहीं। मीथेन गैस की मौजूदगी जैविक गतिविधियों का संकेत देती है। इसके लिए मंगलयान को करीब 15 किलो वजन के कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसमें कई पावरफुल कैमरे भी शामिल हैं। इसरो का कहना है कि मंगलयान पर इससे ज्यादा वजन के उपकरण फिट करना संभव नहीं था, क्योंकि इससे इसे छोड़ने के लिए पीएसएलवी की बजाय ज्यादा पावरफुल रॉकेट की जरूरत होती और इससे इस मिशन पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा बढ़ जाता। मंगल पर मीथेन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए मंगलयान पर सेंसर भी लगे होंगे। ये सेंसर काफी संवेदनशील हैं और मीथेन की मात्रा कम होने पर पर भी उसका पता लगा सकते हैं।

खर्च कितना
इस मिशन की लागत 450 करोड़ रुपये (करीब छह करोड़ 90 लाख डॉलर) है। अमेरिका भी मंगल अभियान पर अपना एक और स्पेसक्राफ्ट (मैवेन) भेजने की तैयारी कर रहा है और इस पर करीब 48 करोड़ 50 लाख डॉलर का खर्चा आएगा। मंगलयान और मैवेन अगले साल सितंबर में ही मंगल की कक्षा में पहुंचेंगे। इसरो के सैकड़ों कर्मचारी और वैज्ञानिक भारत के मंगल मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

चुनौतियां भी
अगर मंगलयान को किन्हीं कारणों से इस 19 नवंबर तक नहीं छोड़ा जा सका तो मंगल और पृथ्वी के रोटेशन से जुड़ी़ तकनीकी वजहों के कारण इसको फिर 5 साल बाद ही छोड़ा जा सकेगा। इसके साथ ही इसे रेडिएशन और कम तापमान से बचाने और मंगल की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए रॉकेट के इंजन को दोबारा चालू करने की चुनौती भी इसरो के वैज्ञानिकों के सामने है। इसके कारण मंगल को जानने के लिए छोड़े गए कई सैटलाइट्स बर्बाद हो गए हैं।

लिफ्ट देने के बहाने बैठाया और बना दिया किन्नर!

मसूरी के नाहल में रहने वाले एक युवक ने तीन लोगों पर उसे जबरन किन्नर बनाने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है।

नाहल निवासी एक युवक ने शिकायत में कहा है कि वह किसी काम से एक नवंबर को पिलखुआ गया था। जब वह वापस आने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहा था, तभी सफारी सवार कुछ लोगों ने उससे पूछा कहां जाना है। जगह बताने पर कार सवारों ने कहा कि उन्हें भी गाजियाबाद जाना है और वे उसे मसूरी छोड़ देंगे।

कार सवारों की बातों में आकर युवक कार में बैठ गया। कार सवार लोगों ने उसे कुछ नशीला पदार्थ पिला दिया और फिर उसे होश नहीं रहा। 03 नवंबर को होश आया तो उसने खुद को मसूरी-पिलखुआ रोड पर पाया और इसी दौरान उसे पता चला कि उसका गुप्तांग भी कटा हुआ है।

दहेज में कार, कैश और चेन के लिए बनाया पत्नी का MMS

दहेज में कार, कैश और चेन के लिए बनाया पत्नी का MMS
फरीदाबाद
दहेज की मांग पूरी न होने पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ न केवल मारपीट की बल्कि अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए उसे कई बार मजबूर किया। इस दौरान व्यक्ति ने अपने मोबाइल से उसकी विडियो क्लिप भी बना ली। यह आरोप सराय ख्वाजा थाना एरिया में रहने वाली एक महिला ने अपने पति पर लगाए हैं।
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महिला का यह भी आरोप है कि डिमांड पूरी न होने पर पति ने उसकी विडियो क्लिप इंटरनेट पर डालने की धमकी दी और उसे जलाकर मारने की कोशिश भी की। इस काम में ससुराल वालों का भी हाथ है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी पति व ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

सराय ख्वाजा थाना एरिया की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला ने बताया कि उसकी शादी 4 फरवरी 2013 को दुर्गा एनक्लेव में रहने वाले रमा सिंह के साथ हुई थी। शादी के अगले दिन से ही ससुराल वाले 5 लाख रुपये कैश, कार और सोने की चेन के लिए उसे परेशान करने लगे थे। ससुराल वालों ने उसके पति को भी उकसाया। जिस पर उसने उनके साथ मारपीट की।आरोप है कि सुहागरात पर महिला के पति ने उन पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डाला। साथ ही पति ने मोबाइल से अंतरंग संबंधों की फिल्म बना डाली और डिमांड पूरी न होने पर इंटरनेट पर डालने की धमकी दी। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति के दूसरी लड़कियों से भी संबंध हैं। ससुराल वालों को बताने पर उल्टा महिला ही भला बुरा कहा जाता है।
11 मार्च को उसके पति और ननद ने उनके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। बाद में उनके पिता ने ससुराल वालों से बातचीत की और एक लाख रुपये दिए तो उनसे कहा गया कि अब उनकी बेटी को कोई दिक्कत नहीं होगी। 25 मई को उनकी सास व ससुर पंजाब में थे। सास ने उसके पति को फोन पर उन्हें जलाकर मार डालने को कहा। इसके बाद उसके पति और ननद ने गैस की नोब खोलकर जबरन उसे चाय बनाने के लिए किचन में भेजा।

गैस की गंध आने पर वह वापस आने लगी तो उसे रसोई में धकेल दिया गया और पति ने आग लगाने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह वह वहां से निकलकर अपने घर पहुंची और परिवार वालों को इस बारे में बताया। जिसके बाद मामले की शिकायत महिला सेल में दी गई और जांच पड़ताल के बाद केस दर्ज किया गया। वहीं, सराय ख्वाजा थाना इंचार्ज ब्रह्म सिंह ने बताया कि महिला की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच
की जा रही है।

अंडमान में आदिवासी लड़कियों के 22 पोर्न वीडियो

पोर्ट ब्लेयर। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक खास आदिवासी समुदाय की लड़कियों के पोर्न वीडियो के बाजार में आने के मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस तरह की कम से कम 22 फिल्मों का पता लगाया है और ये सभी 2000 से 2009 के बीच की बनी हुई हैं। अंडमान में आदिवासी लड़कियों के 22 पोर्न वीडियो
पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) असलम खान ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, हम लोगों ने इस तरह के कम से कम 22 वीडियो का पता लगाया है। इस संबंध में और जांच की जा रही है। किसी आदिवासी लड़की ने इस तरह के वीडियों के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।

पुलिस ने शनिवार को इस संबंध में आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले की जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपाधीक्षक (एसआर्ईटी) को दी गई है। एसआईटी पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में वीडियो कांड की सच्चाई का पता लगाने में जुटी हुई है।

एक अंग्रेजी साप्ताहिक के 24 अक्टूबर 2013 के अंक में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि द्वीप समूह की छवि खराब करने के नापाक इरादे से इस तरह का बाजार में उतारा गया है।

उप राज्यपाल ने पत्रिका की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष बैठक बुलाकर मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को दाषियों को सामने लाने के लिए एड़ी चोटी एक करने का निर्देश दिया था।

भैया दूज का विशेष है महत्व



भाई दूज (भातृद्वितीया ) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाईदूज में हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। भाईदूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। इस त्योहार के पीछे एक किंवदंती यह है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी (यमुना) को इसी दिन दर्शन दिया था, जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनकी मुक्ति हो जाएगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यमी ने अपने भाई से यह भी वचन लिया कि जिस प्रकार आज के दिन उसका भाई यम उसके घर आया है, हर भाई अपनी बहन के घर जाए। तभी से भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिनकी बहनें दूर रहती हैं, वे भाई अपनी बहनों से मिलने भाईदूज पर अवश्य जाते हैं और उनसे टीका कराकर उपहार आदि देते हैं। बहनें पीढियों पर चावल के घोल से चौक बनाती हैं। इस चौक पर भाई को बैठा कर बहनें उनके हाथों की पूजा करती हैं।
विधि 

इस पूजा में भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कुछ मंत्र बोलती हैं जैसे "गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े" इसी प्रकार कहीं इस मंत्र के साथ हथेली की पूजा की जाती है " सांप काटे, बाघ काटे, बिच्छू काटे जो काटे सो आज काटे" इस तरह के शब्द इसलिए कहे जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन अगर भयंकर पशु काट भी ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं ले जाएंगे। कहीं कहीं इस दिन बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर हथेली में कलावा बांधती हैं। भाई का मुंह मीठा करने के लिए उन्हें माखन मिस्री खिलाती हैं। संध्या के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। इस संदर्भ में मान्यता यह है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा।

मान्यता 

भारतीय में जितने भी पर्व त्यौहार होते हैं वे कहीं न कहीं लोकमान्यताओं एवं कथाओं से जुड़ी होती हैं। इस त्यौहार की भी एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार। यमी यमराज की बहन हैं जिनसे यमराज काफी प्रेम व स्नेह रखते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक बार जब यमराज यमी के पास पहुंचे तो यमी ने अपने भाई यमराज की खूब सेवा सत्कार की। बहन के सत्कार से यमराज काफी प्रसन्न हुए और उनसे कहा कि बोलो बहन क्या वरदान चाहिए। भाई के ऐसा कहने पर यमी बोली की जो प्राणी यमुना नदी के जल में स्नान करे वह यमपुरी न जाए। यमी की मांग को सुनकर यमराज चिंतित हो गये। यमी भाई की मनोदशा को समझकर यमराज से बोली अगर आप इस वरदान को देने में सक्षम नहीं हैं तो यह वरदान दीजिए कि आज के दिन जो भाई बहन के घर भोजन करे और मथुरा के विश्राम घट पर यमुना के जल में स्नान करे उस व्यक्ति को यमलोक नहीं जाना पड़े। इस पौराणिक कथा के अनुसार आज भी परम्परागत तौर पर भाई बहन के घर जाकर उनके हाथों से बनाया भोजन करते हैं ताकि उनकी आयु बढ़े और यमलोक नहीं जाना पड़े। भाई भी अपने प्रेम व स्नेह को प्रकट करते हुए बहन को आशीर्वाद देते है और उन्हें वस्त्र, आभूषण एवं अन्य उपहार देकर प्रसन्न करते हैं।

चित्रगुप्त जयंती
मुख्य लेख : चित्रगुप्त जयंती


इसके अलावा कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं। उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में इसी दिन 'गोधन' नामक पर्व मनाया जाता है जो भाईदूज की तरह होता है।

सोमवार, 4 नवंबर 2013

गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन के बावजूद नहीं जुटे मुस्लिम कानासर में

 गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन ,हुसैन फ़क़ीर  के बावजूद नहीं जुटे मुस्लिम कानासर में 


बाड़मेर शिव क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी अमिन खान से नाराज चल रहे मुस्लिमो को मनाने के प्रयासो में आज कानासर गांव में रखी बैठक में अपेक्षा से बहुत कम लोग नज़र आये। जबकि बैठक में मुस्लिमो के धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन खान जैसे लोग थे। लम्बे समय बाद गाज़ी फ़क़ीर और अमिन खान एक साथ दिखे ,लम्बे समय से उनके बीच छतीस का आंकड़ा था। बैठक में अल्पसंख्यक वर्ग के हज़ारो लोगो कि उपस्थिति का दावा किया गया था मगर अपेक्षा से कही कम लोग जूट। अमिन खान के प्रत्यासी घोषणा के बाद यह पहली सार्वजनिक बैठक थी ,बैठक में सांसद हरीश चौधरी के आने का बताया गया था जो नहीं आये। अमिन खान ने अप[ने घूर विरोधी बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी के भाई लाल चंद चौधरी को मीटिंग में बुला कर जाटो को राजी करने का प्रयास किया।

मंगलवार को भाजपा कि पहली सूचि जारी होगी

मंगलवार को भाजपा कि पहली सूचि जारी होगी 


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में एक दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावो के लिए मंगलवार को प्रत्यासियो कि घोषणा करेगी। राजस्थान भाजपा प्रभारी कप्तान सिंह के अनुसार दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति कि बैठक के बाद राजस्थान के प्रत्यासियो कि घोषणा कि जायेगी। उन्होंने बताया कि वसुंधरा राजे दिल्ली हें कल बैठक के बाद नामो का एलान कर दिया जायेगा। उनके अनुसार समस्त डॉ सौ विधानसभा सीटो कि सूचि तैयार हें

"देश में मोदी का असर है लेकिन लहर नहीं"

जम्मू। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह कहा कि देश में मोदी का असर है न कि मोदी की लहर। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कहना कि देश में मोदी की लहर है, बिल्कुल गलत है। हालांकि उन्होंने यह माना कि देश में मोदी का जो असर दिख रहा है, उसका प्रभाव आगामी चुनाव में पडेगा।
उमर अब्दुल्ला केंद्र सरकार के सहयोगी हैं और सरकार के किसी सहयोगी ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि देश में नरेंद्र मोदी का असर है।

उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए भाजपा नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि चलिए अंतत: उमर ने सच को स्वीकारा, यह बडी बात है।

उमर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा मोदी का असर है जिसे नकारा नहीं जा सकता। यह असर आम वोटरों पर नहीं बल्कि भाजपा के कैडर पर है।

उमर ने कहा कि मैं लहर जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा लेकिन हां, मोदी का असर जरूर है। असर कितना होगा इसका पता तो चुनाव बाद ही पता चलेगा

उमर के बयान के बाद भाजपा नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने आखिरकार सच्चाई को स्वीकार कर लिया। आज की तारीख में हर किसी की जुबान पर मोदी का नाम है। यह काफी है मोदी का असर बताने के लिए।

एक सप्ताह पहले एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में उमर ने कहा था कि मोदी की उपेक्षा करना यूपीए के लिए मूर्खता होगी। असल में यह एक बहुत बड़ी गलती होगी।

उमर ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस का तीसरे मोर्चे से कोई लेना देना नहीं है। पार्टी यूपीए का प्रमुख घटक है। ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाए जाने की कांग्रेस की मांग पर उमर ने कहा कि यह कांग्रेस की निजी राय हो सकती है।

नेशनल कांफ्रेंस क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए देश के अन्य हिस्सों के बारे में वह राय नहीं दे सकते। जम्मू कश्मीर में कभी ओपिनियन पोल नहीं होते। अगर कभी हुए तो वह देखेंगे कि इसमें हिस्सा लेना है या नहीं।

कांग्रेस ने निकाला मोदी के ओबीसी का तोड़ जाटों को आरक्षण देने का ऎलान कर सकती है

नई दिल्ली। बीजेपी अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को ओबीसी बताकर अन्य पिछड़ा वर्ग को लुभाने में लगी हुई है और दूसरी ओर कांग्रेस इसका तोड़ निकालने में जुटी हुई है।
कांग्रेस जाट समुदाय को आरक्षण देने की घोषणा के कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक संप्रग सरकार जल्द ही केंद्र सरकार की नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने का ऎलान कर सकती है। हालांकि इससे जुड़े कुछ तकनीकी पहलुओं को सुलझाया जाना बाकी है।

एक तरफ बीजेपी मोदी को ओबीसी बताकर आगामी लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटर को अपनी ओर लुभाने में लगी है। और इधर कांग्रेस पार्टी का रूख भी जाट आरक्षण को लेकर सकारात्मक है।

हाल ही कांग्रेस पार्टी ने जाट आरक्षण के मुद्दे पर मंत्री समूह का भी गठन किया था। पार्टी को इस बात का एहसास हो गया है कि मोदी की ओबीसी वाली आइडेंटिटी को झुठलाया नहीं जा सकता है।

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि मोदी की इस पहचान का तोड़ नहीं ढूंढ़ा गया तो यह सपा, बसपा (यूपी), राजद और जदयू (बिहार) की तरह भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है।

कांग्रेस के रणनीतिकारों की माने तो ध्रुवीकरण की स्थिति में ये निश्चित नहीं है कि ओबीसी वोटर किस तरफ जाएगा? क्या वो क्षेत्रवाद को महत्ता देगा या मोदी की तरफ खिंचा चला जाएगा। जबकि ये तय है कि मुस्लिम वोट बंट जाएंगे।

उनका कहना है कि किसी भी स्थिति में पार्टी के लिए आधार वोट जुटाने की कोशिश है। उन्होंने ने कहा कि अगर भाजपा मोदी की ओबीसी पहचान को लेकर बहुत ज्यादा आक्रामक नहीं होती, तो शायद कांग्रेस पार्टी ये दांव नहीं चलती।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी "गंगू तेली" को मोदी के साथ पूरे पिछड़ा वर्ग का अपमान बताया था। हिंदी पट्टी के राज्यों (उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्यप्रदेश) में जाट समुदाय के लोग चुनावों में बड़ी भूमिका निभाते है।

कुछ राज्यों में जाट समुदाय को ओबीसी कैटेगरी में शामिल किए जाने के बाद केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग उठने लगी थी।

कांग्रेस के सूत्रों ने इस बात को स्वीकार किया है जाटों को ओबीसी वर्ग में जगह दिए जाने पर विरोध हो सकता है। लेकिन कांग्रेस, क्षेत्रीय पार्टियों की तरह कभी भी ओबीसी केंद्रित पार्टी नहीं रही है। कांग्रेस रणनीतिकारों के मुताबिक ओबीसी वोटर कभी भी एक पार्टी को एकमुश्त वोट नहीं करता और उनके अपने विभिन्न कारक है। कांग्रेस पार्टी इसी कोण को पकड़ नया दांव चलने की तैयारी में है।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग (एनसीबीसी) ने जाट आरक्षण की मांग को खारिज कर दिया था।

एनसीबीसी के एक सदस्य के मुताबिक साल 2011 में आयोग पर पुर्नविचार के लिए जोर डाला गया था। साथ ही आईसीएसएसआर की ओर से एक आयोग का गठन किया गया था। ताकि जाटों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जा सके।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मिलने के बाद भी आयोग के लिए अपना निर्णय बदलना और उसके विपरीत खड़ा होना आसान नहीं होगा। लेकिन जो भी हो सरकार जाटों के लिए आरक्षण की घोषणा कर सकती है।

क्या ओपिनियन पोल से घबरा गई है कांग्रेस?

नई दिल्ली: चुनाव से पहले टीवी न्यूज चैनलों के ओपिनियन पोल से क्या कांग्रेस और सरकार घबरा गई है? कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ओपिनियन पोल को जोक करार दिया है.

दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि ओपिनियन पोल पर रोक लगाई जाए. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कोई भी पैसे देकर अपने पक्ष में ओपिनियन पोल करा सकता है.

आपको बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुवान होने वाले हैं. चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से ओपिनियन पोल पर राय मांगी थी कि इसे बैन कर देना चाहिए या नहीं.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस विचार का समर्थन किया है. कांग्रेस के मानवाधिकार एवं कानून विभाग के सचिव के.सी. मित्तल ने कहा था, "हम चुनाव आयोग के चुनाव के दौरान मतदान सवेक्षणों पर रोक लगाने के विचार का समर्थन करते हैं, क्योंकि यह वैज्ञानिक नहीं होता है. इस तरह के सर्वेक्षण सटीक और पारदर्शी नहीं होते हैं."


चुनाव आयोग को 30 अक्टूबर को लिखित जवाब में कांग्रेस ने कहा कि वह चुनावों के दौरान ओपिनियन पोल के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के विचारों को पूरा समर्थन देता है.

राहुल ने चुनाव आयोग से एक सप्ताह की मोहलत मांगी

नई दिल्ली।। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषणों को लेकर जारी नोटिस का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से एक सप्ताह का और समय मांगा है। राहुल ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि बीजेपी मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का काम कर रही है। इसके साथ ही राहुल ने मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ित युवकों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में होने का दावा किया था। बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि राहुल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने गुरुवार को राहुल गांधी को इन भाषणों के लिए नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर साढ़े ग्यारह बजे तक जवाब देने को कहा था। आयोग के एक सूत्र ने कहा, 'नोटिस का जवाब देने के लिए राहुल ने एक सप्ताह का समय मांगा है।' हालांकि, बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को और समय नहीं मिलना चाहिए।

राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त वी. एस. संपत को भेजे पत्र में कहा कि वह जवाब देने के लिए कुछ और समय चाहते हैं। उन्होंने त्योहारों के कारण छुट्टियों और पहले से तय यात्रा प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर अपने वकीलों से सलाह करने का बहुत कम समय मिला था। राहुल ने कहा कि उन्हें आयोग का नोटिस 31 अक्टूबर को रात साढ़े नौ बजे मिला था। आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के आग्रह पर विचार कर रहा है।
आयोग ने नोटिस में कहा कि गांधी की 23 अक्टूबर को चुरु और 24 अक्टूबर को इंदौर में दिया गया भाषण पहली नजर में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहा गया था कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अपनी विज्ञप्ति में आयोग ने कहा कि उसने राहुल गांधी के भाषण की सीडी देखी है और उस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नोटिस जारी किया गया है।

मोदी की रैली: पंजाब पुलिस को अलर्ट जारी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में आतंकी हमला होने की आशंका व्यक्त की गई है।
इस बार आईबी को एक जानकारी मिली है, जिसमें खबर है कि मोदी की रैली में आतंकी, धमाका करने की योजना बना रहे हैं। इस खबर के बाद आईबी ने पंजाब पुलिस को एलर्ट कर दिया है।

आतंकी पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे हैं। धमाका में सिख कट्टरपंथियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, आईबी ने इसकी भी आशंका जारी की है। इस खबर के बाद मोदी की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। मोदी को अब एलपीजी जैसी सुरक्षा दी जाएगी।

इससे पहले नरेंद्र मोदी की पटना में संपन्न हुई हुंकार रैली के दौरान आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था, जिसमें छ: लोगों की मौत हो गई थी। धमाके के बाद आईबी को खबर मिल रही है कि नरेंद्र मोदी आतंकियों के निशाने पर हैं।

मिलिए बायतु विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी


मिलिए बायतु विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी

लोकप्रियता ,दबंगता और साफगोई ही पहचान 



बाड़मेर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस से सेवानिवृति के बाद थार कि राजनीती में ध्रुव तारे के सामान राजनीती के चमकाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी तीन बार सांसद रहे ,मुख्यंत्री अशोक गहलोत के साथ सैद्धांतिक विचारधारा के विरोध के चलते कर्नल कि छवि राष्ट्रिय नेता कि बन गयी। कर्णव ने गत चुनाव बायतु से विधानसभा के लिए लड़ा था जिसमे उन्होंने भाजपा के कैलाश चौधरी को पेंतीस हज़ार से अधिक मतों से हरा कर बायतु के प्रथम विधायक बनाने का गौरव हासिल किया ,कर्नल ने आम आदमी के सुख दुःख में खड़ा रह कर जन नेता कि छवि का जबर्दस्त विकास किया। आज बाड़मेर कि राजनीती में कर्नल ही एक मात्र जन नेता हें जिनकी पीछे जनता कड़ी हें,बायतु से कर्नल ने रिफायनरी मुद्दे पर किसानो का साथ देकर वाह वाही लुटी तो उनके पॉटर रमन चौधरी ने भी अपना दायित्व निभाया। कर्नल पुरे राजस्थान में कांग्रेस के एक मात्र नेता हें जिनकी जीत पक्की मानी जाती रही ,कर्नल कि राजनीती पहुँच इसी से साबित होती हें कि लगातार गहलोत के विरोध के बावजूद उन्हें चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया। जन हित के मुद्दो पर जनता के साथ रहना ,विकास को प्राथमिकता कर्नल कि खाशियत रही हें यही उनकी जीत का आधार रह सकती हें।

किराएदार के प्रेम में पति को सुलाया मौत की नींद, फिर नाम बदल किया कारनामा



जयपुर। सात वर्ष पहले प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने के मामले का जवाहर सर्किल पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर पत्नी, प्रेमी और उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले का पता तब चला, जब जवाहर सर्किल पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर और उसके साथी दिल्ली में हैंड कांस्टेबल को विदेशी महिला से अभद्रता करने के मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में हत्या के मामले का खुलासा कर आरोपी महिला से मोटी रकम एंठने की बात कही।






डीसीपी (ईस्ट) डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि गिरफ्तार सरोज सोनी उर्फ किरण बर्मन उर्फ शमा सैफी, उसके प्रेमी शाबिर शफी और उनके सहयोगी राजेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने देवा बर्मन की हत्या कर जुर्म स्वीकार कर लिया।

हत्या के बाद फिर की शादी और अपना नाम बदलाप्रतापनगर थाना प्रभारी राजबीर सिंह ने बताया कि सरोज सोनी ने घर से भागकर सन् 2000 में आर्य समाज में देवा बर्मन से शादी कर ली थी। शादी के बाद वह प्रताप नगर में देवा बर्मन के घर में रहने लगी। देवा ने 2004 में साबिर शफी को अपने घर में किराए पर कमरा दे दिया। सरोज को शाबिर से प्रेम हो गया।इस प्रेम प्रसंग का पता देवा बर्मन को लग गया। इसके बाद पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा। सरोज व साबिर ने मिलकर देवा बर्मन की हत्या करने की साजिश रची। उन्होंने 2006 में 31 दिसंबर की रात को मकान नंबर 85/574 प्रताप नगर में नववर्ष के जश्न मनाने का कार्यक्रम रखा।देवा, साबिर और राजेंद्र ने शराब पी। इसके बाद सरोज ने देवा बर्मन की सब्जी-मीट में नींद की 10 गोलियां पीस कर डाल दी, जिससे देवा अचेत हो गया। इसके बाद राजेंद्र गुर्जर ने देवा का चुन्नी से गला दबा दिया। तीनों देवा को कार में डालकर बीसलपुर ले गए।वहां बांध के पास बनास नदी के पानी में डाल दिया। सरोज ने अपना दूसरा मकान बेचकर पति की हत्या में मदद के लिए एक लाख रुपए राजेंद्र गुर्जर को दिए। सरोज ने 2009 में साबिर से निकाह कर लिया और अपना नाम शमा शफी रख लिया।