रविवार, 4 अगस्त 2013

जैसलमेर पोकरण विधायक शाले मोहम्मद के खिलाफ पुलिस कर्मी के साथ मारपीट करने का मुकदमा दर्ज



जैसलमेर   पोकरण विधायक  शाले मोहम्मद के खिलाफ पुलिस कर्मी के साथ मारपीट करने का मुकदमा दर्ज

उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार मुकदमा की जाच सीआर्इडी द्वारा की जावेगी

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने कल रत पोकरण विधायक साले मोहम्मद के खिलाफ पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और राज्य कार्य में बाधा का मुक़दमा दर्ज कराया हें .पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने बताया की पप्पूराम मीणा कानिस्टेबल संख्या 1086, पुलिस लार्इन जैसलमेर द्वारा दिनांक 17.05.2013 को एक लिखित रिपोर्ट पुलिस थाना जैसलमेर में इस आशय की पेश कि की आज दिनांक 17.05.2013 को पुलिस नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना अनुसार ''आपरेशन वेलकम टीम'' में व वेलकम टीम के कानि0 सहदेव 1054,रमेश 1063, शंकरलाल 1015 व चालक जितेन्द्र कुमार 1060 मय सरकारी वाहन आजे 15 यूए 0840 के र्इत्तला अनुसार पुलिस लार्इन जैसलमेर जैसलमेर से रवाना होकर बासनपीर के पास पहूचे तो कंट्रोल रूम से जरिये मोबार्इल टेलीफोन वार्ता अनुसार महाराष्ट्र पासिंग नम्बरों के वाहन के साथ दो मोटरसार्इकिलों पर सवार लपकें उन्हे परेशान करते हुए चल रह थे, चलते हुए वे लपके भागू गांव फांटा पेट्रोल पम्प पर रूक गये हमारे वाहन को नजदीक आते देख पेट्रोल पम्प की चार दीवारी को फांद कर भागने लगे तो हमने पीछा करते हुए उन्हे पकडा तथा मैंने एक लपके को पकड कर गाडी में बिठाने लगा तो विधायक शाले मोहम्मद आया तथा मुझे कहा कि तू कौन है, यहा कैसे आया है मेरे आदमी को पकडने की हिम्मत कैसे हुर्इ तू मुझे नहीं जानता कि मैं कौन हूू। यह पेट्रोल पम्प मेरा है तुने यहां आने की हिम्मत कैसे की तब मैने बताया कि हम सभी पुलिस कर्मी हे तथा उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसर चलाये जा रहे ''आपरेशन वेलकम टीम'' में कार्य कर रहे हैं तो मेरे को पकडकर मा-बहिन की गाली देता हुआ पेट्रोल पम्प आफिस के अन्दर ले गया तथा कहा की तू चोर व भदूर है तेरे विरूद्ध एम0आर्इ0आर0 दर्ज कराउगा और देखता हू कि तूने मेरे सामने आकर मेरे ही आदमी को पकडा है तुझे और तेरे एस.पी. को देखता हू व पुछा कि कहा का रहने वाला है तो मैंने बताया कि मैं अलवर का रहने वाला हूं तो कहा कि तेरी इतनी हिम्मत जो मेरे शहर के लोगों को पकडने लगा हैं। हमारे परिचय देने के उपरांत विधायक साले मोहम्मद ने राजकार्य में बाधा उत्पन्न कर मेरी बेइज्जती की तथा लपकों को छुडा दिया तथा मुझे चेतावनी दी की देख लूंगा ? जिसकी सुचना उच्चाधिकारियों को दी गर्इ। उच्चाधिकारियों द्वारा मामले को गम्भीरता से लेते हुए थानाधिकारी पुलिस थाना सदर नारायणलाल निरीक्षक पुलिस को उक्त रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज किया जावे तथा आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जावे। जिस पर कल दिनांक 03.08.2013 को पुलिस थाना सदर जैसलमेर में विधायक पोकरण साले मोहम्मद के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कर एफ.आर्इ.आर. में आगे की आवश्यक कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों के आदेशो की अनुपालना एवं नियमानुसार के अनुसार सी.आर्इ.डी. को भिजवार्इ गर्इ जिसमें अग्रीम कार्यवाही सी.आर्इ.डी. (अपराध शाखा) जयपुर में पदस्थापित अधिकारियों द्वारा की जावेगी।

देखिये सरहद के सुल्तान की तस्वीरें ...सरहद का सुल्तान गाजी फकीर

सरहद का सुल्तान गाजी फकीर
 
देखिये तस्वीरों में गाजी फ़क़ीर के रईसी ठाठ ।अशोक गहलोत से सोनिया गाँधी तक पहुँच 


 

अगर नोएडा में दुर्गा शक्ति नागपाल की बर्खास्तगी की खबर न उठती तो बाड़मेर के एसपी पंकज चौधरी की बर्खास्तगी भी कोई मुद्दा नहीं पाती। पंकज चौधरी ही वह शख्स हैं जिन्होंने सरहदी जिले जेसलमेर में उस व्यक्ति पर हाथ डालने की जुर्रत की जिसे सरहद का सुल्तान कहा जाता है। जिसकी सल्तनत सीमा के आर पार दोनों ओर चलती है। इसी सल्तनत के सुल्तान गाजी फकीर की बंद पड़ी फाइल को पंकज चौधरी ने खोलने की जुर्रत की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है। आखिर कौन है गाजी फकीर जिसके रसूख के आगे पंकज चौधरी को सरकार ने पटखनी दे दी?














पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने आज स्पष्ट कहा की गाजी फ़क़ीर राष्ट्रविरोधी गतिविधिओं में शामिल रहे हें .उङ्के पाकिस्तान के तस्करों के साथ तालुकात रहे हें . उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश उच्च अधिकारियो द्वारा ही दिए गए थे . गाजी फ़क़ीर हिस्ट्रीशीटर हें इसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर श्रीमती सोनिया गाँधी तक उनके रसूखात हें . कांग्रेस के साथ साथ उनकी चौखट पर भाजपा के नेता भी जाते रहे हें .पंकज चौधरी  ने गाजी फ़क़ीर की आज़ादी के बाद सरहद पर निर्विवाद चली आरही सल्तनत को चुनौती दे डाली . हिस्ट्रीशीटर गाजी फ़क़ीर के राजनितिक रसूख किसी राष्ट्राध्यक्ष से कम नहीं हें .तस्वॆरोन में साफ़ दिखाती हें गाजी की सल्तनत 
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सरहदी जिलों बाड़मेर, जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमों के धर्मगुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलों की राजनीति के दाता हैं। पूरे सरहदी क्षेत्र की राजनीति उनके रहमो करम पर चलती है, खासकर कांग्रेस की राजनीति में गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी है। उनके रहबरों ने उन्हें गाजी की पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते।

गाजी फ़क़ीर सरहदी क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं। उनका एक पुत्र पोकरण से विधायक है तो दूसरा जैसलमेर जिला प्रमुख है। उनके परिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हैं। सरहदी इलाके के इन दो जिलों में कांग्रेस की राजनीति गाजी फकीर से शुरू होकर उन्हीं के परिवार पर खत्म हो जाती है। जैसलमेर के एसपी द्वारा गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट सार्वजनिक करने के बाद उनके बारे में अपराधी होने की बात सामने आई है नहीं तो अब तक गाजी फकीर को लेकर ऐसी कोई बात कभी सामने नहीं आई थी। सत्तर पार के हो चुके गाजी फकीर का नाम किसी दौर में तस्करी के प्रकरणों में शामिल था।

गाजी फकीर का राजनीतिक रसूख कितना अधिक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर चुनाव से पहले इलाके के उनके समर्पित अनुयाई उनके फतवे का इंतजार करते हैं। गाजी फकीर का दावा है कि उन्हें सरहद पार से संदेश आता है जिसके बाद ही वे फतवा जारी करते हैं। उनके समर्थक गाजी के फतवे के अनुरूप ही किसी पार्टी के पक्ष में एकमुश्त मत डालते हें। गाजी फकीर की यही राजनीतिक ताकत उनके दुश्मन भी पैदा कर चुकी है।

हाल में ही एक गुट ने गाजी फकीर की ताकत को खत्म करने की कोशिश शुरू की है, और समझा जा रहा है कि गाजी फकीर की बंद पड़ी हिस्ट्रीशीट खोलना भी उसी कोशिश का हिस्सा है। नहीं तो इलाके में रहनेवाले लोग जानते हैं कि नेता ही नहीं अधिकारी भी गाजी के दर पर सलाम बजाने पहुंचते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरहदी इलाके के पांच लाख सिन्धी मुसलमानों के मन पर गाजी की सल्तनत चलती है। लेकिन अचानक गाजी की पुरानी हिस्ट्रीशीट सामने आई तो सब हैरान रह गये। हैरानी इसलिए और अधिक बढ़ गई क्योंकि सत्तर पार के गाजी फकीर रसूखदार आदमी तो हैं ही, अब तक किसी आपराधिक गतिविधि में उनके शामिल होने का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। ऐसे में ऐन चुनाव से पहले पुराने पड़ चुके मामलों को दोबारा खोलना कहीं न कही किसी राजनीतिक साजिश का अंदेशा भी पैदा करता है।

वैसे तो पुलिस रिकार्ड में गाजी फकीर जैसलमेर का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है जिसकी फाइल बीते दो साल पहले बंद कर दी गई थी। लेकिन सीआईडी के आला अधिकारी के आदेश पर गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट एक बार फिर खुली तो हंगामा खड़ा हो गया। गाजी फकीर की हिस्टीशीट खोनेवाले अधिकारी का नाम है एसपी पंकज चौधरी। गाजी फकीर की फाइल खोने का हुक्म उन्हें सीआईडी एडीजी कपिल गर्ग ने दिया था। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद एसपी पंकज चौधरी ने गोपनीय जानकारियां व पुराने रिकार्ड खंगालकर गाजी फकीर की बंद हुई हिस्ट्रीशीट को फिर से खोल दिया। पंकज चौधरी का कहना है कि गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 12 मई 2011 को नियम विरूद्ध तरीके से बंद कर दी गई थी। इस मामले में उच्चाधिकारियों के आदेश मिलने के बाद जांच की गई और गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट दोबारा खोल दी गई है।

गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई 1965 को खुली थी। उसके बाद 1984 में फकीर की हिस्ट्रीशीट गायब हो गई। 31 जुलाई 1990 को एसपी सुधीर प्रताप ने फिर हिस्ट्रीशीट खोली। उस समय शहर कोतवाल पहाड़ सिंह थे। 12 मई 2011 को एएसपी तथा कार्यवाहक एसपी गणपतलाल ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी। इस समय उप अधीक्षक पहाड़ सिंह थे जिन्होंने इनके पक्ष में टिप्पणी की। जबकि पहाड़ सिंह 1990 में शहर कोतवाल थे जिस समय हिस्ट्रीशीट वापस खुली थी। 12 मई को एसपी की अनुपस्थिति में जब गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद की गई थी तब तत्कालीन अपराध सहायक ने हिस्ट्रीशीट बंद करने के विरूद्ध टिप्पणी लिखी थी।

दूसरी बार बंद हुई हिस्ट्रीशीट खुलने पर एक और एसपी का तबादला जैसलमेर से हो गया है। पिछले हफ्ते ही एसपी पंकज चौधरी ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोली और बीते शुक्रवार को उनका यहां से तबादला हो गया। यह पहली बार नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार 1990 में तत्कालीन एसपी सुधीर प्रतापसिंह ने गाजी फकीर की 1984 में गायब हुई हिस्ट्रीशीट को वापस खुलवाया था। जिसके बाद उनका भी तबादला हो गया था।

राजस्थान में भी वाड्रा की 311 एकड़ से ज्यादा जमीन



सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने तीन साल में राजस्थान के बीकानेर में 311 एकड़ जमीन खरीदी है। इसके अलावा जैसलमेर में भी उन्होंने कई बीघा जमीन उनके नाम पर है। बीकानेर संभाग के रजिस्ट्रार विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वाड्रा ने 2009 से इस साल की शुरूआत तक यहां कई जगह जमीनें खरीदीं। ये जमीनें वाड्रा की अलग-अलग कंपनियों के नाम पर हैं।
Robert Vadra
एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राज्य सरकार को इस खरीद-फरोख्त की पूरी जानकारी थी और इसमें अनधिकृत तौर पर मदद भी की गई। इसके लिए बीकानेर के अधिकारी भी बदले गए।

बीकानेर के गजनेर, कोलायत क्षेत्र में 161 एकड़ जमीन बीकानेर में नार्थ इंडिया आइटी पा‌र्क्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से खरीदी गई। तब इसकी कीमत एक करोड़ दो लाख रुपये थी। करीब 150 एकड़ जमीन बीकानेर में छह अलग-अलग जगहों पर खरीदी गई। इसकी कीमत तब दो करोड़ 43 लाख रुपये थी। ये जमीनें रियल अर्थ एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, स्काइ लाइट रियलिटी लिमिटेड और स्काइ लाइट हास्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खरीदी गई। रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बीकानेर में कई कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षो में तीन हजार एकड़ से ज्यादा जमीनों की खरीद-फरोख्त की है। ये सारी जमीनें बीकानेर-श्रीकोलायत से जोधपुर की बाप पंचायत तक राष्ट्रीय राजमार्ग 15 के दोनों ओर एवं जैसलमेर मे हैं। कंपनियां यहां की जमीन में दिलचस्पी इसलिए ले रही हैं, क्योंकि यहां काफी अच्छी गुणवत्ता का जिप्सम निकलता है।

6 हजार की रिश्वत लेते एएसआई गिरफ्तार

भीलवाड़ा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रविवार को बदनोर थाने के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) इकबाल हुसैन को छह हजार रूपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। पुलिसकर्मी ने सामलाती जमीन के बंटवारे को लेकर रिश्वत की मांग की थी। 6 हजार की रिश्वत लेते एएसआई गिरफ्तार

ब्यूरो के निरीक्षक बंशीलाल को लोडियाना (अजमेर) निवासी लक्ष्मण भील ने शिकायत की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बदनोर थाना क्षेत्र ेके जयसिंहपुरा में उसकी चार बीघा पुश्तैनी जमीन है। जमीन के बंटवारे को लेकर भाइयों में विवाद चल रहा है। इसे लेकर पूर्व में भी झगड़े हुए। इस सम्बंध में लक्ष्मण ने बदनोर थाने में मामला दर्ज कराया।


मामले की जांच एएसआई इकबाल हुसैन के पास थी। निरीक्षक बंशीलाल ने बताया कि लक्ष्मण भील और उसके चचेरे भाइयों में विवाद को लेकर आपसी राजीनामा हो गया। राजीनाम की बात लक्ष्मण ने एएसआई को बताई। लेकिन एएसआई राजीनाम को तैयार नहीं हुआ। उसने कागजी कार्रवाई पूरी करने की एवज में दस हजार रूपए मांगे। दो-दो हजार करके चार हजार पूर्व में ले लिए। राजीनामा हो जाने के बावजूद छह हजार रूपए के लिए परेशान कर रहा था। आखिरकार परिवादी ने एसीबी को शिकायत कर दी।


ब्यूरो ने जाल बिछाकर लक्ष्मण भील को छह हजार रूपए देकर बदनोर थाने भेजा। उस समय एएसआई इकबाल अपने कमरे में था। रिश्वत की राशि लेने के बाद इकबाल ने उसे पेंट की जेब में रख ली। इशारा मिलते ही ब्यूरो ने पुलिसकर्मी को पकड़ लिया और रिश्वत की राशि पेंट की जेब से बरामद कर ली। हाथ धुलाने पर रंग निकल आया। एसीबी ने इकबाल के क्वॉर्टर की तलाशी भी, लेकिन कुछ खास नहीं मिला।

जैसलमेर कुकर्म के मामले पर पर्दा क्यूँ डाला पुलिस ने ,आरोपी राजनितिक सरंक्षण में



जैसलमेर कुकर्म के मामले पर पर्दा क्यूँ डाला पुलिस ने ,आरोपी राजनितिक सरंक्षण में

जैसलमेर जैसलमेर शहर के गाँधी कोलोनी में दो रोज पूर्व के साथ हुए कुकर्म के मामले को जैसलमेर पुलिस द्द्वारा दबा दिया गया .इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक के रिश्तेदार बताये जा रहे हें ,सूत्रानुसार जैसलमेर के गाँधी कालोनी में एक बालक के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना दो रोज पूर्व घटित हुई .उक्त मामला शनिवार को सिटी कोतवाली में दर्ज किया ,मामला दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ,सूत्रानुसार आरपओपी पक्ष पीड़ित पक्ष पर समझौते के लिए दबाव बना रहा हें ऽएसे में जैसलमेर पुलिस की भूमिका पर संदेह उत्पन हो रहा हें,आरोपियों को राजनितिक वरदहस्त प्राप्त होने के कारन भी मामले में पुलिस ढील दे रही हें .पिदित पक्ष ने न्याय की गुहार की हें

पुलिस अधीक्षक के राजनितिक तबादले के विरोध में जैसलमेर अभूतपूर्व बंद ,जनता उतारी सडकों पर


जैसलमेर की जनता का सरकार को पैगाम 

पुलिस अधीक्षक के राजनितिक तबादले के विरोध में जैसलमेर अभूतपूर्व बंद ,जनता उतारी सडकों पर 



जैसलमेर पोकरण विधायक साले मोहम्मद के पिता मुस्लिम धर्म गुरु और जैसलमेर के पुराने हिस्ट्रीशीटर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने पर राजनितिक का शिकार हुए जैसलमेर पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार चौधरी का तबादला होने के बाद जैसलमेर की जनता पुलिस अधीक्षक के तबादले के विरोध में सड़को पर उतर आई ,जनता के आह्वान पर जैसलमेर आज पूरी तरह बंद रखा गया ,लोगो ने खुले मन से पुलिस अधीक्षक के तबादले का विरोध करते हुए राज्य सरकार को साफ़ चेतावनी दी हे की राजनितिक दबाव में किया पुलिस अधीक्षक का तबादला तत्काल निरस्त किया जाये नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे .पुलिस अधीक्षक के तबादले के विरोध में जैसलमेर अभूतपूर्व बंद रहा यहाँ तक की चाय की थडिया तक नहीं खुली आम जन सरकार के निर्णय के विरोध में सड़को पर उतर आया .उल्लेख्निय हें पोकरण विधायक साले मोहम्मद को इमानदार और दबंग पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी फूटी आँख नहीं सुहा रहे थे .लम्बे समय से उन्होंने मुख्यमंत्री पर पुलिस अधीक्षक के तबादले को लेकर दबाव बना रखा था .

जैसलमेर के एसपी को भारी पड़ा कांग्रेसी विधायक से पंगा लेना

जैसलमेर। ईमानदार अफसर नेताओं को फूटी आंख नहीं सुहाते। जब अफसर नेताओं या उनके गुर्गो के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो उन्हें ट्रांसफर या निलंबन के जरिए प्रताडित करने की कोशिश की जाती है। आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को जहां रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की सजा मिली वहीं राजस्थान के जैसलमेर जिले के एसपी को कांग्रेस के एक दबंग विधायक से पंगा लेना भारी पड़ गया।
जैसलमेर के एसपी को भारी पड़ा कांग्रेसी विधायक से पंगा लेना
हिस्ट्री शीट खोलने पर किया तबादला
पोखरण से कांग्रेसी विधायक साले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने पर जैसलमेर के एसपी पंकज चौधरी का तबादला कर दिया गया। चौधरी ने टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े दलालों और स्थानीय शराब माफिया के खिलाफ अभियान चलाया था। संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चौधरी की साले मोहम्मद से कहासुनी भी हुई थी। स्थानीय लोग चौधरी के निलंबन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने ट्रांसफर के विरोध में जैसलमेर बंद बुलाया है। लोगों का कहना है कि चौधरी ने जिले में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाई थी। 

अवैध रूप से बंद कर दिया था मामला
आरोप है कि साले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने वाली तस्करी और असामाजिक गतिविधियों में कथित रूप से लिप्त है। 31 जुलाई 1965 को पहली बार गाजी फकीर की हिस्ट्री शीट खोली गई थी। 1984 में पुलिस की फाइल गायब हो गई थी। इसके बाद 1990 में फिर हिस्ट्रीशीट खोली गई लेकिन मई 2011 में एएसपी रैंक के एक अधिकारी ने अवैध रूप से केस बंद कर दिया। चौधरी ने गाजी फकीर की हिस्ट्री शीट खोलने की बात की पुष्टि की है। बकौल चौधरी जिले में समाज कंटकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर विधायक को कुछ दिक्कत थी। 

हाल ही में हुआ था बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान सरकार ने हाल ही में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए आईएएस और आईपीएस के तबादले किए थे। चौधरी का तबादला कर उन्हें अजमेर के किशनगढ़ में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थापित किया गया। चौधरी जैसलमेर में सिर्फ पांच महीने से एसपी रह पाए। कहा जा रहा है कि पोखरण के विधायक साले मोहम्मद के दबाव के कारण चौधरी को फील्ड पोस्टिंग से हटा दिया गया। विधायक के भाई अब्दुल्ला फकीर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। अब्दुल्ला फकीर जैसलमेर के जिला प्रमुख निर्वाचित हुए थे। 

गाजी फकीर के बेटे ने आरोप खारिज किए 
अब्दुल्ला ने कहा कि मेरे पिता 80 साल के हैं। वह ठीक से सुन और देख भी नहीं सकते। उनके खिलाफ कोर्ई चार्जशीट नहीं है। पिछले तीन दशकों में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा है। हाल ही में हेस्ट्री शीट को दोबारा खोल दिया गया। इससे पता चलता है कि चुनावी साल में उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है। हम अधिकारी का तबादला करवाने के लिए दबाव बनाने की बजाय पुलिस की कार्रवाई को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

गैंगरेप पीडिता ने ली दिल्ली में शरण

जयपुर। राजस्थान के एक विधायक के निजी सचिव सहित अन्य की हवस का शिकार पीडिता ने दिल्ली में महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता शर्मा से इंसाफ की गुहार लगाई है। पीडिता प्रदेश के पाली जिले की है और फिलहाल परिवार सहित दिल्ली के लव कमांडो शेल्टर में शरण ले रखी है। Gang rape victim of pali took asylum in Delhi
महिला आयोग की ओर से पाली जिले में हुए इस सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर महिला आयोग ने राजस्थान पुलिस को कड़े निर्देश देते पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है जिसमें आरोपियों को जल्द पकड़ने की बात कही है।

आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के इस पत्र में गैंगरेप के आरोपियों का उल्लेख भी किया गया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत का निजी सचिव मोहन मुख्य आरोपी है। उसके खिलाफ बकायदा नाना पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

पीडित परिवार को जान से मारने की धमकी

पाली के लुंडरा गांव की पीडिता के साथ मई में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद आरोपियों की तरफ से पीडिता और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। इसके बाद यह परिवार यहां दिल्ली में अपनी जान बचाने के लिए अब शैल्टर में रह रहा है। पीडिता ने महिला आयोग को लिखे पत्र में बताया है कि मुख्य आरोपी को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन अदालती कागजात में काट-छांट कर उन पर समझौता करने के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहा है। उनके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। पीडिता ने लव कमाण्डो के दिल्ली स्थित शैल्टर में शरण ली है।

पंचायती का शिकार बना पूर्व मुंशी



रायपुर मारवाड़। गुजरात पुलिस मे हैडकांस्टेबल रहने के बाद पिछले दिनों सेवानिवृत्त होकर लौटे व्यक्ति को जातीय पंचों ने पांच घंटे धूप मे खड़ा रखने के बाद समाज से बहिष्कृत करते हुए हुक्का-पानी बंद करने का फरमान सुनाया। पुलिस ने 14 पंचों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की है।


पुलिस के अनुसार धूलकोट निवासी रामजीवन पुत्र गिरधारीलाल दमामी ने रिपोर्ट मे बताया कि 27 जून को वह अपने साले के ससुर मोहनलाल दमामी के देहांत पर शवयात्रा मे शरीक होने लिलाम्बा गंाव आया था। वहां शव यात्रा से लौटने के बाद मोहनलाल के घर पर मुंह झूठा कराने की रस्म अदायगी के समय वह समाज के अन्य लोगों के साथ खाना खाने बैठा। तभी वहां मौजूद पंचों ने उसकी थाली को ठोकर मारकर उसे अपशब्द कहते हुए धूप में खड़ा कर दिया। जातीय पंचों ने उससे दस हजार रूपए की मांग की। पुलिस ने लिलाम्बा निवासी रामचन्द्र पुत्र रूपचंद दमामी वगैरा 14 पंचों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया है।

संगीत ने बदला गोवंश का व्यवहार

संगीत ने बदला गोवंश का व्यवहार
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जैसलमेर। संगीत का जादू इंसान तो क्या मूक पशुओ के आचरण भी बदल सकता है। जब संगीत के स्वर माहौल मे गूंजते है तो चारो ओर सुकून और शांति का आलम नजर आता है।

धार्मिक व संगीतमय माहौल मे कुछ ऎसा ही अहसास जैसलमेर से आठ किलोमीटर दूर मूलसागर गांव में तुलसी गोवर्द्धन निघि संस्थान की ओर से संचालित तुलसी गौशाला में देखने को मिल रहा है। यहां गो-वंश का व्यवहार इन दिनों बदला सा नजर आ रहा है। गौशाला प्रबंध समिति की ओर से किए गए इस नवाचार ने यहां के गो-वंश का व्यवहार बदला हुआ नजर आ रहा है।

ऎसे हुआ नवाचार
संस्थान की ओर से संचालित तुलसी गोशाला प्रबंधन समिति ने गो-वंश को शांत करने के लिए गो-शाला में म्युजिक सिस्टम लगाकर यह नवाचार किया। म्युजिक सिस्टम से निकल रही धार्मिक व भक्ति गीतो की धुन व गीतो के बोल हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।

गो-पालकों में उत्साह
गो-सेवा व भक्ति से सराबोर भजनों की सरिता बहने से गो-वंश के साथ गोपालक भी उत्साहित है। गोपालक मेहताबसिंह व छगनलाल ने बताया कि गो-शाला में बने भक्तिमय माहौल के बीच उन्हें गो-सेवा करने में सुकून मिलता है।

धार्मिक व वैज्ञानिकता का अनूठा मिश्रण
गौशाला में म्युजिक सिस्टम लगाने का उद्देश्य धार्मिकता और वैज्ञानिकता का मिश्रण करना था। वैज्ञानिक धारणा है कि संगीत की धुन से इंसान के साथ जानवारों के व्यवहार में भी बदलाव होता है। इसी को ध्यान मे रखते हुए गो सेवा केन्द्र मे यह नवीन प्रयोग किया जा रहा है।

इन्होने कहा
किसी पशु के आस-पास जब धीमे संगीत की धुन बजती है, तो इसका असर उसके व्यवहार पर भी देखने को मिलता है। अमरीका में एक वैज्ञानिक ने इस पर शोध किया था, जो सफल भी रहा।
- डॉ. पीके माथुर, उपनिदेशक बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय जैसलमेर

नवीन प्रयोग
गो-शाला में नवाचार की चाहत में म्युजिक सिस्टम लगाने का प्रयोग किया था। इस प्रयोग से गो-वंश के व्यवहार में अनूठा बदलाव देखने को मिला है। -मानव व्यास, अध्यक्ष तुलसी गौशाला, मूलसागर जैसलमेर

कृष्ण के बाल सखा सुदामा जी का मंदिर

कृष्ण के बाल सखा सुदामा जी का मंदिर
पोरबंदर शहर में एमजी रोड पर स्थित है कृष्ण के बाल सखा सुदामा जी का मंदिर। द्वारका में कृष्ण विराजते हैं तो उनके मित्र सुदामा विराजते हैं पोरबंदर में, इसलिए पोरबंदर को सुदामापुरी भी कहा जाता है। किसी जमाने में यहां जंगल हुआ करता था। यहीं पर संदीपनी ऋषि का आश्रम भी था। सुदामा मंदिर, बापू के घर कीर्ति मंदिर से कुछ दूरी पर ही है। सुदामा यानी महाभारत काल के एक प्रेरक व्यक्तित्व, जो अपनी गरीबी में जीते हैं, लेकिन अपने बाल सखा राजा कृष्ण से कोई मदद नहीं लेना चाहते। बाद में पत्नी की सलाह पर वे कृष्ण की मदद लेने जाते हैं। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की कहानी पूरे देश में सुनाई जाती है। हैरानी की बात है कि कृष्ण के मंदिर तो देश भर में बने हैं, लेकिन सुदामा जी का एकमात्र मंदिर पोरबंदर में ही है।

सुदामा मंदिर में सुदामा जी की प्रतिमा के अलावा उनकी पत्नी सुशीला की प्रतिमा भी लगी है। मंदिर बहुत भव्य नहीं है, लेकिन इसका अपना महत्व है। सुदामा में खास तौर पर निम्न मध्यमवर्गीय और गरीब लोगों की काफी आस्था है। सुदामा समाज के अंतिम लोगों के बीच प्रिय हैं, जैसे कि बापू। मंदिर परिसर में एक सुदामा कुंड भी है, जो किसी पुरानी बावड़ी जैसा है। मंदिर के बगल में 84 का चक्कर है। यह 84 लाख योनियों के बीच आत्मा के भटकाव का प्रतीक है। इसमें घुसने के बाद आप निकलने की कोशिश करेंगे, लेकिन निकल नहीं पाएंगे। वैसे कोई-कोई निकल भी जाता है। सुदामा मंदिर परिसर में बच्चों के लिए झूले, पार्क आदि बनाए गए हैं।
सुदामा मंदिर में महिलाओं की मंडलियां रोज कीर्तन करने आती हैं। ये अलग—अलग कई मंडलियां हैं। ये महिलाएं मंदिर में आने के बाद देवी-देवताओं की तस्वीरें सजाती हैं। उसके बाद बैठक लगा कर पूरी आस्था से देर तक ईश्वर की वंदना में लीन हो जाती हैं।

शनिवार, 3 अगस्त 2013

बाड़मेर की जनता का सलाम राहुल बारहट को

 विदाई एक होनहार और दबंग पुलिस अधिकारी राहुल बारहट की 


बाड़मेर की जनता का सलाम राहुल बारहट को



बाड़मेर प्रशासनिक व्यवस्थाओ में अधिकारी आते जाते रहते हें ज़िले में दो बड़े पद हें जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक . बाड़मेर जिले में आये प्रशासनिक अधिकारीयों में बेहतरीन जिला कलेक्टरों की फेहरिस्त लम्बी हें तो पुलिस अधीक्षक के पद पर भी कई प्रतिभाशाली अधिकारी आये य़हा में नामो का जिक्र करना नहीं चाहूँगा क्यूंकि नाम गिनने से फिर विवाद हो जायेगा ख़ैर मैं बात कर रहा हूँ एक आकर्षक व्यक्तित्व के धनि पुलिस अधिकारी राहुल मनाहर्दान बारहट का ज़िले को लम्बे समय बाद एक उर्जावान और आशावादी सकारात्मक विचारधारा का पुलिस अधीक्षक मिला था जिसमे काबिलियत कूट कूट कर भरी थी लगभग डेढ़ साल के कार्यकाल में उन्होंने अपनी कबिलिउअत की गहरी छाप बाड़मेर की जनता के दिलो में छोड़ी हें ,बेहद सरल सवभाव ,किन्तु कर्त्व्यप्रयानाता में इतनी ही चपलता ंएत्रो सीटियो की तर्ज पर बाड़मेर जिले में अपराधो की तादाद क्ले साथ किस्मे भी बढी ,छोटे से छोटे अपराध से लेकर उच्च स्तरीय अपराध से निपटने की गज़ब की क्षमता हें राहुल बारहट में . उनके जिले में पद पर रहते कोई विवाद ,पुलिस के खिलाफ धरना ,प्रदर्शन नहीं के बराबर हुआ ख़सियत यह रही की उन्हें विश्वसनीय साथी अधिकारी के रूप में पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली मिले ंआशिम साब ने अपनी काबिलियत और दबंगता का डंका जिले भर में बजा बाड़मेर पुलिस का नाम गौरवानित किया . इनके काम करने का उच्च कोटि की पुलिस टीम की याद दिला देती हें ंअशिम की मेहनत और लगन और निडरता के कारन अपराधियों में बाड़मेर पुलिस का खौफ रहा ज़न्त के लिए इन अधिकारियो के दरवाजे हमेशा खुले रहे जिससे जनता को राहत मिली .स्थनन्त्रन सतत प्रक्रिया हें . राहुल बारहट को बाड़मेर की जनता ने जो प्यार और विशवास दिया शायद इसे वो खुद भी भूल ना पाए . बाड़मेर के बेहतरीन कार्यकाल को बाड़मेर की जनता का सलाम .वे जन्हा भी रहेंगे जनता के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देंगे उन्हें जिंदगी में कई अवसर मिलेंगे बाड़मेर की जनता के सेवा के लिए ,यह भी तय हें उनमे पुलिस की उच्च पद तक जाने की क्षमता हें .सलम सलाम ,सलाम …।


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नागौर बिजली गिरने से दो की मौत

नागौर जिले के पीलवा क्षेत्र में शनिवार शाम बिजली गिरने से दो किसानों की मौत हो गई। जबकि इस हादसे में झुलसे दो लोगों का इलाज यहां के अस्पताल में किया जा रहा है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार संभाग के कालेटड़ा व पीलवा पंचायत क्षेत्र में करीब पौन घंटे तेज बारिश हा रही थी। शाम 4 बजे कालेटड़ा पंचायत स्थित सिमारों की ढाणी निवासी रामचंद्र पुत्र भंवरलाल व रामचन्द्र पुत्र मगनाराम (40) खेत पर काम कर रहे थे। इस दौरान बिजली गिरने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

इनके साथ खेत पर काम कर रहे श्रवणलाल व लच्छाराम इस हादसे में झुलस गए, जिन्हें अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया है।

वेश्याओं को संरक्षण: चीनी न्यायाधीशों के खिलाफ जांच

बीजिंग : शंघाई की एक अदालत के पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों के कथित वेश्याओं से अंतरंग होने संबन्धी एक वीडियो के चीनी माइक्रोब्लॉग नेटवर्क पर दिखाई पड़ने के बाद इन न्यायाधीशों की भूमिका की जांच की जा रही है।

शंघाई के हायर पीपुल्स कोर्ट ने चीनी सोशल साइट, सिना बाईबो पर 10 मिनट के एक वीडियो की जांच शुरू कर दी। वीडियो में इन पांच न्यायाधीशों को शंघाई के पुडोंग न्यू एरिया में गत 9 जून को एक रिसोर्ट में कई युवतियों के साथ अंतरंग होते दिखाया गया है।

सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार होटल के निगरानी कैमरे ने कम कपड़े पहने हुई पांच युवतियों को देर रात न्यायाधीशों के कमरे में जाते और लगभग आधे घंटे बाद उन्हें अपने अंतर्वस्त्रों में पैसे छिपाकर निकलते देखा गया।

एक अज्ञात व्हिसल ब्लोअर ने इन पांच में से दो की पहचान चेन जिमिंग और झाओ मिंघुआ के रूप में की है। दोनों क्रमश: शीर्ष नागरिक मुकदमा अदालत के मुख्य एवं उप मुख्य न्यायाधीश है।

व्हिसल ब्लोअर ने साथ ही आरोप लगाया कि झाओ और उनके परिवार के पास शंघाई में लाखों युआन की कम से कम चार संपत्तियां हैं।

उसने कहा, ‘मैं और मेरा परिवार मेरी जिदंगी तबाह करने वाले भ्रष्ट न्यायाधीशों को सजा दिलवाना चाहता है।’ हालांकि उसने अपनी नाराजगी की वजह का खुलासा नहीं किया।

उसने कहा कि उसे धमकी भरे फोन मिले हैं लेकिन वह पुलिस की जांच के लिए नए सबूत देने के लिए दृढ़ है।

भाजपा में पीएम-पद की बहस में अब कूदे जसवंत सिंह



लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर नरेन्द्र मोदी का नाम घोषित करने से असहमति रखने वालों की जमात में शामिल होते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने कहा कि भारत में राष्ट्रपति प्रणाली वाला लोकतंत्र नहीं है, इसलिए इस पद के लिए किसी नाम का ऐलान नहीं होना चाहिए।
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अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री रह चुके सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए किसी के नाम का ऐलान करना नयी घटना है, जबकि नाम तो इस बात पर उभरेगा कि चुनाव के बाद मतदाता क्या संख्या देते हैं।

उन्होंने सीएनएन—आईबीएन से बातचीत में कहा कि मेरा व्यक्तिगत रूप से विचार है कि नाम घोषित करने का यह पूरा कोलाहल एक नयी घटना है। आप नहीं जानते कि देश आपको क्या संख्या देने जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह ने गुरुवार को कहा था कि भाजपा के लिए अभी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना जल्दबाजी होगी और इस संबंध में उचित समय पर निर्णय किया जाएगा।

जसवंत ने कहा कि हमारे यहां राष्ट्रपति प्रणाली नहीं है और संसदीय व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि किसके पास कितनी संख्या आती है।

जसवंत सिंह का यह बयान पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह की इस टिप्पणी के दूसरे दिन आया है जिसमें मोदी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की हमारी पसंद स्पष्ट है और अब कांग्रेस की बारी है।