शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

रोचक कथाओं से जुड़ा है ऎतिहासिक गाँव साण्डा,


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रेतीली धरती गुनगुनाती है कई मनोहारी मिथक

 रोचक कथाओं से जुड़ा है ऎतिहासिक गाँव साण्डा, 


रेगिस्तानी धरती का पर्याय जैसलमेर भले ही सीमावर्ती होने की वजह से देश के मुख्य भू-भागों से दूर है, मगर यहाँ की सरजमीं सदियों पुरानी रोचक गाथाओं, शौर्य-पराक्रम भरे इतिहास, विलक्षण परम्पराओं, अनूठे कला-संस्कृति व साहित्य के साथ ही ढेरों ख़ासियतों की वजह से खासा आकर्षण जगाती है। इस दिव्य धरा के बारे में वही अनुभव पा सकता है जो यहाँ रहता है अथवा विहार का सौभाग्य पा लेता है। सुदूरवर्ती होने की वजह से अंतरंग व रेत के टीबों के बीच बसे हुए कई गाँव ऎसे हैं जिनमें लोक जीवन से लेकर परिवेश तक खूब खासियतें विद्यमान हैं जिनकी जानकारी पश्चिमी राजस्थान के लोगों को भी नहीं हैं। प्राचीन रहस्य की अनसुनी व अनदेखी परतों के बीच आज भी समायी हैं असंख्य रोचक परम्पराएँ ओर मजेदार एवं प्रेरक इतिहास गाथाए।

कई मिथकों से जुड़ा है रेत में बसा सांडा



इसी तरह का एक गाँव है सांडा। जैसलमेर जिले की फतेहगढ़ तहसील के अंतर्गत डांगरी ग्राम पंचायत का यह गाँव जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। चारों तरफ पसरी रेतीली धरती पर साण्डा गाँव कई ऎतिहासिक व सामाजिक मिथकों से जुड़ा हुआ है। साण्डा नामक पालीवाल द्वारा बसाये जाने की वजह से इस गांव को साण्डा कहा जाता है। यहां उस जमाने में पालीवालों की समृद्ध बस्तियां थीं लेकिन एक ही दिन में पलायन करने की वजह से यह पूरा क्षेत्र वीरान हो गया।


पालीवाल सभ्यता का दिग्दर्शन



कई शताब्दियों पुराना यह गाँव पालीवाल सभ्यता का भी प्रतीक है, जहाँ आज भी पालीवाल संस्कृति व लोकजीवन के अवशेष नज़र आते हैं। इस गाव में पालीवालों का अब एक मात्र मूल मकान पूरी तरह जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ तत्कालीन भवन निर्माण व बस्तियों के शिल्प को दर्शाता है। यह मकान मूलतः भंवरलाल पुरोहित का बताया जाता है जो कि अब जैसलमेर शहर आकर बस गए हैं। इस प्राचीन मकान का वास्तु, कक्ष, स्तंभ आदि देखने लायक हैं। यहीं पास में पालीवालों के समय की कई छतरियाँ हैं, जो उस युग की याद दिलाती हैं। यहाँ के श्रृद्धास्थलों में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है जिसमें शताब्दियों पुराने भगवान श्रीकृष्ण और राधा की सुंदर मूर्तियाँ भी हैं।


रहस्यमय नक्शा



यहाँ चारणों की पोल के बाहर की दीवार पर चक्रव्यूह का मानचित्र है जिसे गांव वाले लंका का कोट कहते हैं और मानते हैं कि इस नक्शे में कोई न कोई रहस्य छिपा हुआ जरूर है। कोई-कोई इसे अभिमन्यु के चक्रव्यूह का मानचित्र बताते हैं।


प्राचीन समाधि देती है संरक्षण



इसके समीप ही स्वामी हरिदत्तपुरी की लगभग एक हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी जीवित समाधि है जो जाल पेड़ से घिरी हुई है। सिद्ध एवं चमत्कारिक योगी हरिदत्तपुरी महाराज के प्रति खूब जनश्रृद्धा है। इन्हें हरदासपुरी भी कहा जाता है। इस जाल के बारे में कहा जाता है कि हरिदत्तपुरी महाराज ने दातुन करने के बाद जो टहनी फेंक दी, उसी ने बाद में जाल वृक्ष का स्वरूप धारण कर लिया।


जाल रहेगी, तब तक दिव्यता


उन्होंने समाधि लेते समय यह वचन दिया था कि जब तक जाल का पेड़ यहाँ रहेगा तब तक वे दिव्य रूप में वहीं रहेंगे। आज भी ग्रामीणों व मवेशियों में बीमारी हो जाएँ अथवा कोई मनोकामना हो, स्वामी हरिदत्तपुरी का नाम लेते ही सब कम हो जाने की मान्यता है। गुरु पूर्णिमा को यहाँ पर मेला व जागरण होता है। पालीवालों के यहाँ से सामूहिक पलायन करने के बाद तत्कालीन जैसलमेर रियासत ने यहाँ की जागीर चारणों को बख्श दी। इसके बाद से यह चारणों का गाँव हो गया। बारठका गाँव में जाकर बस गए चारण मूल रूप से साण्डा गाँव के ही बताए जाते हैं।


जूझार लालसिंह को मानते हैं संरक्षक



साण्डा गांव में स्थापित जूझार लालसिंह (लालजी रतनू ) की छतरी न केवल चारण जाति बल्कि आस-पास के गाँव वालों के लिए भी श्रृद्धा केन्द्र है। चारण लोग इन्हें अपना संरक्षक तथा पितृ पुरुष मानकर बड़े ही श्रृद्धाभाव के साथ पूजते हैं। इस छतरी में स्वयं लालजी रतनू की मूर्ति हैं तथा पास में ही उनके अंगरक्षक संग्रामसिंह कसावा की मूर्ति भी स्थापित है। ऎतिहासिक लोक कथाओं के अनुसार 700 वर्ष पूर्व रियासतों की पारम्परिक लड़ाई में बाड़मेर जिले के राजडाल गाँव में लालजी रतनू शहीद हो गए। उनका अंगरक्षक भी साथ में मारा गया। उनकी स्मृति में ही साण्डा गाँव में मूर्तियाँ स्थापित की गई। लालजी रतनू की स्मृति में एक छोटा सा स्थान राजडाल गाँव में भी है। लालजी रतनू की छतरी ग्रामीणों की परम्परागत आस्था का बड़ा भारी केन्द्र है। ग्रामीण उन्हें अपने संरक्षक के रूप में पूजते हैं।


हर माह होती है मासिक पूजा


हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यहाँ मासिक अनुष्ठान होता है। क्षेत्र भर के रतनू परिवारजन यहाँ आकर धूप-दीप एवं नैवेद्य करते हैं, नारियल की चटखें चढ़ाते हैं और मिश्री का प्रसाद बाँटते हैं। लोक मान्यता है कि जूझार लालजी रतनू साँप-बिच्छुओं व शत्रुओं के भय से मुक्ति देते हैं तथा किसी भी प्रकार की आधि, व्याधि व उपाधि से बचाकर हर प्रकार से संरक्षण प्रदान करते हैं।


अधिकार बख्शे हुए थे लालजी को


लाल जी रतनू अपने जमाने के प्रभावशाली ठाकुर थे जिन्हें रियासत की ओर से यह अधिकार प्राप्त था कि वे किसी भी दोषी को छह माह तक जेल की सजा दे सकते थे। इसे राजाज्ञा के बराबर ही माना जाता था। सांडा गांव में प्राचीन हस्तशिल्प भी देखने लायक है। खान-पान की सामग्री व सुरक्षित संधारण के लिए गाव में प्राचीनकालीन कठातरा का प्रयोग आज भी कई घरों में होता दिखाई देता है। यह काष्ठ का बनी कलापूर्ण मंजूषा है जो हर दृष्टि से सुरक्षित है।


धोलकी नाड़ी


गांव के बाहर धोलासर अथवा धोलकी नामक नाड़ी है जिसे सफेद मिट्टी वाली होने के कारण धोलकी नाम दिया गया है। इसमें बरसात के बाद छह-सात माह तक पानी उपलब्ध रहता है। इस नाड़ी में चूने की तरह सफेद मिट्टी निकलती है जिसे घरों में पोतने के लिए उपयोग में लाया जाता है। लोक विश्वास है कि इस धोलासर नाड़ी में धरती माता के पग हैं। इस गाँव में कई कलात्मक चँवरे बने हुए जो बैठक के लिए उपयुक्त हैं। ख़ासकर गाँव में बाहर से आने वाले मेहमानों को ये चँवरे खूब सुहाते हैं। इनमें एक बड़ा चँवरा है - विजयदान का चंवरा। इसे जाटों ने बनाया है। यह किसानों के लिए बैठक के काम आता है। इसी प्रकार का एक चँवरा रमेश चारण के घर भी बना हुआ है। सांडा गांव कई विशेषताओं को लिए हुए है। यहां की मनोहारी परंपराएं और ऎतिहासिक गाथाओं के साथ ही इतिहास से जुड़े स्थलों की जानकारी अभिभूत कर देने वाली है।

---डॉ. दीपक आचार्य---
जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी

सोनिया की रायबरेली में मनरेगा धराशायी

सोनिया की रायबरेली में मनरेगा धराशायी

रायबरेली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का कोई पुरसा हाल नहीं है।

ग्राम पंचायतों के खाते में लाखों रूपए उपलब्ध होने के बावजूद विकास कार्य से होने से नाराज जिलाधिकारी अमित गुप्ता ने 170 ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा पर कुछ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का समूह पानी फेर रहा है।

योजना को संचालित करने से जुडे अधिकारियों की लापरवाही ही मनेरगा के संचालन में बाधक बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में अप्रेल से लेकर जुलाई के बीच जिले के 170 गांवों में काम ही नहीं शुरू हो पाया है जबकि इन गांवों के खातों में पांच लाख रूपए से अधिक की धनराशि डंप पड़ी है। कागजी खाना पूरी के लिए पिछले वित्त वर्ष का भुगतान भी छह महीने बाद कर उसे चालू वित्त वष्ाü के हिसाब किताब में जोड़ दिया जा रहा है।

जौहरी से ठगे 2.27 करोड़ के नगीने!

जौहरी से ठगे 2.27 करोड़ के नगीने!

जयपुर। आंध्र प्रदेश की एक फर्म के हाथों जयपुर का एक जौहरी 2.27 करोड़ रूपए ठगा बैठा। करीब दो साल पहले हुए एक कारोबारी सौदे के जरिए कथित फर्म पर गुरूवार को जौहरी ने जयपुर के माणक चौक थाने में मामला दर्ज कराया है।


माणक चौक थाना पुलिस के अनुसार जौहरी बाजार स्थित राणा ज्वैलर्स ने आंध्र प्रदेश की एक फर्म के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया है। थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 2011 में एक कारोबारी सौदे में राणा ज्वैलर्स ने आंध्र प्रदेश की फर्म को 2.27 करोड़ कीमत के नगीने भेजे थे। लेकिन सौदे में तय समय के बाद भी नगीनों की कीमत अदा नहीं की गई। राणा ज्वैलर्स की ओर से जब फर्म पर रूपए मांगे तो जवाब में नगीनों को नकली बताते हुए रूपए देने से इनकार कर दिया गया।


पुलिस के अनुसार जौहरी ने जिस फर्म पर ठगी के आरोप लगाए हैं,उसकी ओर से जौहरी की ओर से भेजे गए नगीनों की क्वालिटी को खराब बताया गया है। फर्म का कहना है कि राणा ज्वैलर्स की ओर से सौदे के मुताबिक नगीने नहीं भेजे गए। जो नगीने उन्हें मिले उनकी क्वालिटी घटिया थी। इनकी बाजार कीमत महज 10 लाख रूपए है,जो फर्म चुकाने को तैयार है।

हेमाराम के समर्थन में कांग्रेस विधि के जिला अध्यक्ष सोहन लाल चौधरी का इस्तीफा



हेमाराम के समर्थन में कांग्रेस विधि के जिला अध्यक्ष सोहन लाल चौधरी का इस्तीफा




बाड़मेर राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के अपने पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उनके समर्थन में जिला कांग्रेस विधि एवं मानव अधिकार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सोहन लाल चौधरी ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष घिसुलाल शर्मा को भेज दिया हें .उन्होने अपने इस्तीफे में लिखा हें की जिस तरह से एक सचे और नेक और इमानदार नेता का अपमान पार्टी के कुछ नेताओ द्वारा किया गया उससे मैं भी आहात हूँ .उङ्के समर्थन में अपना इस्तीफा दे रहा हूँ

दिग्गी ने की मीनाक्षी पर अमर्यादित टिप्पणी

दिग्गी ने की मीनाक्षी पर अमर्यादित टिप्पणी

नई दिल्ली। विवाद उनका पीछा कभी नहीं छोड़ते। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की जुबान ऎसी फिसली की सब सन्न रह गए। दिग्विजय ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की करीबी सहयोगी व मंदसौर से कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन के बारे में अमर्यादित टिप्पणी कर दी।


मंदसौर में एक सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने मंच पर मौजूद मीनाक्षी की ओर इशारात करते हुए कहा - ये आपकी सांसद हैं। ये गांधीवादी हैं। ये सादगी पसंद व ईमानदार हैं। ये गांव से गांव हर किसी के पास पहुंचती हैं। मुझे राजनीति में 40-42 साल का अनुभव है। मैं पुरानी पारखी हूं। राजनीतिज्ञ संकेत मात्र से समझ जाते हैं कि कौन असली है और कौन फर्जी। ये 100 प्रतिशत ..... और गरीबों के लिए लड़ती हैं। यहीं दिग्विजय की जुबान फिसली।


दिग्विजय ने कहा,ये धड़ेबाजी में नहीं पड़ती बल्कि सबको साथ लेकर चलती हैं। इन्होंने न केवल दिल्ली में अपनी जगह बनाई है बल्कि लोकसभा व पार्टी में भी अपनी छाप छोड़ी है। सोनियाजी और राहुलजी भी इनको बहुत महत्व देते हैं। दिग्विजय जैसे नेता भी इनसे डरते हैं। ये आपकी सांसद हैं इसलिए इन्हें पूरा समर्थन दीजिए। हालांकि अभी तक मीनाक्षी ने इस बारे में कुछ नहीं बोला है।

जयपुर मे दो विवाहिताओं से गैंगरेप


जयपुर मे दो विवाहिताओं से गैंगरेप

जयपुर। ग्रामीण क्षेत्र के सांभर थाना इलाके में दो विवाहिताओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीडिताओं ने आरोपियों को नामजद करते हुए इस्तेगासे के जरिए थाने में मामला दर्ज कराया हैं। पुलिस की ओर से शुक्रवार को पीडिताओं का मेडिकल मुआयना कराया जाएगा।

पुलिस के अनुसार कि सांभर थाना इलाके मे रहने वाली तीस वर्षीय व पैंतीस वर्षीय विवाहिताओं ने मामला दर्ज कराया है कि वह स्थानीय बाजार गई हुई थी। जब वे बाजार से लौट रही थी,तो इस दौरान रास्ते में उन्हें कार सवार चार लोगों ने घर छोड़ने को कहा। इस पर दोनों महिलाएं कार में बैठ गई।

आरोप है कि युवकों ने विवाहिताओं को करीब दो-तीन घंटे तक इधर-उधर धुमाया। इसके बाद नवरंगपुरा के पास एक सुनसान जगह पर ले जाकर विवाहिताओं से सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। इसके बाद पीडिताओं घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी। इस संबंध में पीडिताओं ने इस्तगासे के जरिए मदन,मोहन,कन्हैया व गोपाल नाम के युवकों को आरोपित करते हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा

अपने विधानसभा क्षेत्र दौरे पर निकले हेमाराम चौधरी


कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा


किसानो की बात मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से किया मना हेमाराम ने सोनाराम


बाड़मेर जिले के बायतु में रिफाइनरी लगाने को लेकर चल रहा उब्ााल फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की घोष्ाणा के बाद राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य नेताओं की समझाइश के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं सीएम तीन दिन के लिए जोधपुर में हैं। उधर,हेमाराम के इस्तीफे को कर्नल सोनाराम ने राजनीतिक हथकंडा बताया है। उनका कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही अपनी सीट बचाने के लिए हेमाराम ने इस्तीफा दिया है।उन्होंने किसानो की बात मुख्यमंत्री से करने से मना कर दिया


हेमाराम से आज सुबह उनके उनके विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोग मिलने भी बाड़मेर आये ,बाद में वो अपने वाहन से गुड़ा चले गए आम जनता की समस्याओ को सुना .उन्होने काफी गांवों में जनसंपर्क भी किया

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने गुरूवार को हेमाराम से फोन पर बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। फिर भी वो नहीं मानें तो स्थानीय सांसद हरीश चौधरी व अन्य कांग्रेसी विधायकों को बातचीत के लिए भेजा था। सूचना है कि हेमाराम को बातचीत करने के लिए सीएम ने जोधपुर भी बुलाया था,लेकिन वो नहीं गए। शुक्रवार सुबह भी हेमाराम जल्द ही अपने घर से निकल गए।

सुबह से क्षेत्र में बैठकों का दौर


रिफाइनरी को लीलाला से पचपदरा ले जाने के मामले में अपने लोगों का विरोध झेल रहे हेमाराम इस्तीफा देने के बाद लगातार स्थानीय नेताओं के साथ बैठक में लगे हैं। गुरूवार को उन्होंने बाड़मेर सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद अपने क्षेत्र के नेताओं के साथ आमजन से बातचीत और अपना पक्ष भी रखा। शुक्रवार सुबह भी वो अपने क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत करने के लिए निकल गए।

राजनीतिक हथकंडा : सोनाराम
इधर, हेमाराम के इस्तीफे को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए विधायक कर्नल सोनाराम ने कहा कि साढ़े चार साल तक सरकार का सुख लेने के बाद अब हेमाराम ने अपनी विधानसभा सीट बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।

सोनाराम ने कहा कि रिफाइनरी मामले में स्थानीय लोगों की मांग पर समर्थन के लिए मैंने गुरूवार को हेमाराम से बात की थी, लेकिन वो इस मामले में मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखने को तैयार नहीं हुए। सरकार के इस रवैये से क्षेत्र में पार्टी को करीब दो दर्जन सीटों पर नुकसान होगा।

भूला दिया कारगिल शहीद भीखाराम को बाड़मेर प्रशासन ने



भूला दिया कारगिल शहीद भीखाराम को बाड़मेर प्रशासन ने



जाने शहीद भीखाराम चौधरी के बारेः- 

बाडमेर जिले की पचपदरा तहसील के करीब चार सौ घरों और पांच हजार की अधिक की आबादी वाले गांव पतासर में 16 सितम्बर 77 की श्रीमती राईदेवी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम रखा भीखाराम। स्कूली शिक्षा गांव में ही प्राप्त करने के बाद 28 अप्रैल 95 को भीखाराम बीकानेर में सेना में 4 जाट रेजीटमेंट में भर्ती हुआ। 

कारगिल में ऑपरेशन विजय के दौरान भीखाराम को अप्रैल के अंत में कारगिल भेजा गया। वह उन कुछ जवानों में से एक था, जिन्हें सबसे पहले कारगिल में लगाया गया। वह कारगिल की काकसर अग्रिम चौकी पर तैनात था। 4 जाट रेजीमेंट के छः जवानों की जिस टोली को, घुसपैठ की सूचना के बाद 14 मई 99 को पेट्रोलिंग के लिए कारगिल के काकसर सैक्टर में भेजा गया, उनमें भीखाराम भी शामिल था। बजरंग चैक पोस्ट पर तैनात भीखाराम को पेट्रोलिग के दौरान वहां मौजूद पाकिस्तानी घुसपैठियों व रेंजरों ने चारों और से घेर कर अचानक हमला बोला। कई घंटो के खूनी संघर्ष के बाद अततः उन्हें अन्य पांच साथियों सहित बंदी बना लिया और पाकिस्तान ले जाकर उन्हें भंयकर यातनाएं दी उनके अंग-भंग कर नृशंस हत्या कर दी। इनमें लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया, भीखाराम, अर्जुनराम, भंवरलाल, मूलाराम व नरेशसिंह शामिल थे। इनमें से चार भीखाराम, भंवरलाल, अर्जुनराम व मूलाराम राजस्थान के थे। इनके क्षत-विक्षत शत पाकिस्तान ने 26 दिन बाद 9 जून 1999 को भारत को लौटाए।

शहीद भीखाराम का शव 12 जून 99 को दोपहर करीब साढे तीन बजे दिल्ली से विशेष वाहन से उनके पैतृक गांव पहुंचा तथा करीब पांच बजे शव पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। बाडमेर जिले का नाम गौरवान्वित करने वाले शहीद को हजारों सजन नेत्रों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र चौधरी, क्षेत्रीय विधायक व कई नेताओं ने उनके शव पर पुष्पांजलि अर्पित की। शहीद के शव को आमजन के अंतिम दर्शनों के लिए तिरंगे में लपेट कर रखा गया। बाद में पश्चिमी मोर्चे की सैनिक टुकडी द्वारा सलामी देकर शव यात्रा शुरू हुई।

अंत्येष्टि स्थल पर सेना के जवानों ने तीन चक्र फायर करके मातमीधुन बजाई। बाद में भीखाराम के तीन वर्षीय पुत्र भूपेन्द्र सिंह उर्फ बॉबी के मुखाग्नि दी और वैदिक मंत्रोच्चार से दाह संस्कार सम्पन्न हुआ। उस समय शहीद के पिता चैनाराम पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र मंडोर में नियुक्त थे। इस परिवार के अधिकांश सदस्य फौज में है। भीखाराम का विवाह पतासर से तीन किलोमीटर दूर संताऊनी पुरोहित के बुद्धाराम सियाल की बेटी भंवरी देवी से हुआ था। भंवरी देवी की उम्र अभी मात्र तीस वर्ष है। भंवरी देवी अधिक पढी लिखी नही है। पति के बलिदान से उसे एक ध्येय मिल गया है। शहीद के गांव में स्थित राजकिय उच्च प्राथमिक विद्यालय का नामकरण शहीद भीखाराम राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय करने की घोषणा जरूर हुई मगर आज-तक केवल एक बोर्ड पर ही शहीद का नाम लिखा गया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत, जोधपुर की पूर्व सांसद कृष्णा कुमारी एवं पूर्व महाराजा गजसिंह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी पतासर जाकर शहीद के परिजनों को सांत्वना दी थी।

डॉक्‍टर का प्राइवेट पार्ट काट पत्‍नी को किया कूरियर, 'सांवली' महिला की तलाश

कानपुर. गेस्ट हाउस में हुए एक सरकारी डॉक्टर सतीश चन्द्र के सनसनीखेज हत्याकांड की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है। पुलिस और जांच एजेंसियों को इस हत्याकांड में एक सांवले रंग की युवती की तलाश है। होटल के कर्मचारी और कूरियर ब्‍वॉय द्वारा बताए गए संकेतों के आधार पर शक की सुई सांवले रंग की युवती के इर्द-गिर्द घूम रही है।
डॉक्‍टर का प्राइवेट पार्ट काट पत्‍नी को किया कूरियर, 'सांवली' महिला की तलाश
पुलिस की जांच के मुताबिक, मंजू नाम की एक महिला पांच साल पहले डॉक्टर के प्राइवेट क्लीनिक पर काम करती थी। इसी दौरान दोनों में संबंध बन गए। दोनों शादी करना चाहते थे जिस पर डॉक्टर का पत्नी और साले से झगड़ा भी हुआ। एक साल पहले महिला ने किसी और से शादी कर ली। उसकी तलाश करते हुए बुधवार रात पुलिस उसके घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। इससे उस पर पुलिस का शक और गहरा गया है।
हत्या के बाद हत्यारों द्वारा डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काट कर उनकी पत्नी के नाम कुरियर कर दिया गया था। कूरियर करने के मामले में भी पुलिस को उसी सांवली युवती की तलाश है। गोविन्द नगर इलाके के सीटीआई चौराहे पर मौजूद एक कूरियर सर्विस के मालिक ने जब पुलिस को इस कूरियर के बारे में बताया तो वह दंग रह गई। कुरियर सर्विस देने वाले रजनीश कुमार सचदेवा के मुताबिक, 21 जुलाई की देर शाम करीब 8 बजे सांवले रंग की एक युवती (23) कूरियर करवाने के लिए दूकान पर आई थी। लिफाफा पहले से ही पैक था।


लिफाफे पर डॉ सतीश चंद्रा के घर का पता और मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। लड़की ने कहा कि कल डॉ साहब के बेटे का जन्मदिन है। इसमें उसके लिए गिफ्ट है। इसे 22 जुलाई को हर हाल में डिलीवर हो जाना चाहिए। अगले दिन सुबह कूरियर को डिलीवरी के लिए निकला गया तो उसमें से बदबू आ रही थी। इसके बाद रजनीश ने लिफाफा खोल कर देखा तो उसके होश उड़ गए। लिफाफे में किसी पुरुष का प्राइवेट पार्ट था। वह घबड़ा कर घर आ गया। इसकी जानकारी सबसे पहले उसने अपनी पत्नी को दी, फिर अपने मोहल्ले के सभासद को। सभासद ने फ़ौरन इसकी जानकारी गोविंदनगर थाने में देने को कहा। गोविंदनगर थाने ने इसकी सूचना तत्काल अकबरपुर थाने को दी। इस पर अकबरपुर पुलिस कूरियर मालिक रजनीश कुमार को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गयी।

पौने पांच साल में 7 मंत्री विदा

पौने पांच साल में 7 मंत्री विदा

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पौने पांच साल के कार्यकाल में राज्य के सात मंत्रियों की मंत्रिमंडल से विदाई हो चुकी है। दो मंत्रियों को चरित्र पर दाग लगने पर मंत्रिमंडल से विदा किया गया तो दो को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण हटाया गया। एक मंत्री अपने बड़बौलेपन के कारण मंत्री पद से हाथ धो बैठे तो एक ने अपने सांसद पति की सरकार विरोधी हरकतों का समर्थन करके मंत्री पद खोया। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी को अब रिफाइनरी की जगह को लेकर उठे विवाद के कारण पद छोड़ना पड़ा है।

1. महिपाल मदेरणा देशभर में चर्चित रहे भंवरी देवी हत्याकांड में प्रमुख आरोपी पूर्व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को 16 अक्टूबर, 2011 को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया। इससे पहले जोधपुर की एएनएम भंवरी देवी के साथ अश्लील सीडी चर्चा में आने के बाद करीब दो माह तक मदेरणा पर इस्तीफा देने का दवाब रहा, लेकिन वे मंत्री पद छोड़ना नहीं चाहते थे। 11 अक्टूबर 2011 को हाईकोर्ट ने भंवरी देवी के लापता होने के मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया तो पांच दिन बाद ही मुख्यमंत्री ने मदरेणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। मदेरणा जेल में हैं।

2. रामलाल जाट भीलवाड़ा के चर्चित पारस देवी आत्महत्या मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करने वाले पूर्व वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रामलाल जाट के चरित्र पर सवाल उठे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 16 नवंबर 2011 को उन्हें मंत्रिमंडल से विदा करना पड़ा। रामलाल जाट पर आरोप था कि वे पारस देवी के शव को अपनी सरकारी गाड़ी में रखकर उसका पोस्टमार्टम कराने के लिए पूरी रात अस्पतालों में चक्कर लगाते रहे।

3. मास्टर भंवरलाल मेघवाल अपने बड़बौले स्वभाव को लेकर चर्चा में रहने वाले मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कभी नर्स बाई की चुटिया पकड़कर ठीक करने की बात कही तो कभी शिक्षकों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। शिक्षा विभाग के तबादलों में जब कांग्रेस के विधायकों ने ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े तो 16 नवंबर 2011 को उन्हें मंत्रिमंडल से चलता किया गया।

4. प्रमोद जैन "भाया" गत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बारां जिले की सभी सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया तो इस जीत का सेहरा प्रमोद जैन "भाया" के सिर बंधा और मुख्यमंत्री ने उन्हें सार्वजनिक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा सौंपा। लेकिन जब सिर्फ बारां पर ही मेहरबानी और कथित भ्रष्टाचार की शिकायतें मुख्यमंत्री तक पहुंची तो 16 नवंबर 2011 को उन्हें भी हटा दिया गया।

5. भरोसी लाल जाटव हिंडौन के खरेटा में अधिकारियों से मिलीभगत कर वनभूमि पर चार पुत्रों व प्रभावशाली लोगों के नाम पर गैरकानूनी तरीके से खनन पट्टे हासिल करने के मामले में पूर्व मोटर गैराज राज्यमंत्री भरोसी लाल जाटव का नाम आया तो 16 नवंबर 2011 को जाटव की छुट्टी कर दी गई।

6. गोलमा देवी सांसद पति किरोड़ी लाल मीणा के सरकार विरोधी हर कदम में सहयोग करने वाली गोलमा देवी ने नई सरकार के गठन के पांच माह बाद ही 2 अप्रेल 2009 को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भिजवा दिया, लेकिन मुख्यमंत्री ने गोलमा का इस्तीफा मंजूर नहीं किया। अंतत: 16 नवंबर 2011 को गोलमा को मंत्रिमंडल से विदा कर दिया गया।

7. हेमाराम चौधरी भावुक प्रवृत्ति के हेमाराम चौधरी पौने पांच साल तक जल संसाधन मंत्री की जिम्मेदारी संभालते रहे, लेकिन बाड़मेर में रिफाइनरी की जगह को लेकर मचे बवाल के बाद वे खुद को रोक नहीं पाए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेज दिया।

नागदेवताओं की पूजा का पर्व- नागपंचमी

नागदेवताओं की पूजा का पर्व- नागपंचमी

जयपुर। श्रावण मास की कृष्ण पक्ष पंचमी 27 जुलाई को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रानुसार इस दिन सर्पो की पूजा करने का विधान है। पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार जिन लोगों की जन्म कुंडली में सर्प दोष हो, उन जातकों को नाग पंचमी पर सर्पो की पूजा करने से लाभ मिलना संभव है।

ज्योतिषशास्त्र में राहु को सर्प का मुख और केतु को पूंछ माना गया है। ये दोनों छाया ग्रह, तमोमुखी और पाप ग्रह हैं। इन दोनों पाप ग्रहों के बीच सभी ग्रहों की उपस्थिति अशुभ मानी जाती है। अर्थात् जन्मकुंडली में जब राहु और केतु के मध्य सभी गह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष योग बन जाता है। इस योग के परिणाम स्वरूप जीवन संर्घष होता है और सांसारिक सुखों में कमी आती है।

गरूण पुराण के अनुसार नाग देवता की पूजा करने से पुत्र प्राप्ति, वंश वृद्धि और घर की रक्षा तथा सर्प अथवा कालसर्प दोष निवारण होता है। इस साल 27 जुलाई को नागपंचमी का पर्व है। इस दिन नाग के प्रतीक के रूप में चांदी अथवा तांबे की सर्प प्रतिमा अथवा रस्सी में सात गांठे लगाकर उसे नाग देवता का प्रतीक मानकर उसकी पूजा करें। पूजा आप अपनी कुल परंपरा के अनुसार ही करें।

कालसर्प दोष निवारण हेतु निम्न उपाय करें....
-यदि आप चाहें तो सर्प सूक्त स्तोत्र का पाठ करें।
-श्रावण मास में भगवान शंकर का रूद्राभिषेक कराएं।
-तांबे का सर्प बनवाकर शिव लिंग पर चढ़ाएं।
- ऊँ नम: शिवाय या श्रीकार्तवीर्याजुन मंत्र का जाप करें।
- सर्पो को बंधन मुक्त कराएं।
- गोमेद रत्न धारण करें।

"रिफाइनरी के मुद्दे को भड़का रहा विपक्ष"

"रिफाइनरी के मुद्दे को भड़का रहा विपक्ष"
जोधपुर। रिफाइनरी के स्थान परिवर्तन के बाद चल रहे विवाद और राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष इस पूरे मामले में लोगों को भड़का रहा है। वे बोले-हम पूरा विवाद ही खत्म कर देंगे।

इस संबंध में वे सभी पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। गुरूवार को जोधपुर में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जोधपुर एम्स) के निरीक्षण के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद के साथ आए मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत मेंकहा कि जब एम्स का फैसला हुआ था तब भी विपक्ष ने विवाद खड़ा किया था। यहां पूंजला गोकुलजी की प्याऊ स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लेपटॉप वितरण समारोह में गहलोत ने कहा कि पहले एम्स नागौर रोड पर स्थापित करना था। विपक्ष ने आरोप लगाया कि नागौर रोड माली समाज का इलाका है, इसलिए एम्स वहां ला रहे हैं।

फिर एम्स को काजरी के पास ले गए। वहां पॉल्यूशन बहुत है। वे बोले-अब रिफाइनरी की जगह को लेकर विवाद शुरू हो गया। लोगों को चाहिए कि वे जगह की लड़ाई में ना पड़े। सभी को समझदारी दिखानी चाहिए। रिफाइनरी तो बाड़मेर जिले में ही खुल रही है। इससे पूरे राजस्थान को फायदा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि रिफाइनरी स्थापित करने के लिए प्रदेश में सबसे बड़ा 40 हजार करोड़ का निवेश किया जा रहा है जो बाड़मेर के साथ ही पूरे प्रदेश की तस्वीर बदल देगा। इसमें विपक्ष को भी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। हम लोगों को इस बारे में समझाने का प्रयास कर रहे हैं। विकास की बात पर राजनीति उचित नहीं है।

"जनता को माई बाप"
चुनावी साल में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता तो आत्मा से वोट डालती है। वह तो माई बाप होती है। काम करना तो हमारा फर्ज है। जनता जिसको चाहती है, उसे ही सत्ता सौंपती है।

प्रभारी मंत्री को दिखाए काले झंडे

प्रभारी मंत्री को दिखाए काले झंडे

नागौर। ग्रेड पे में सुधार की मांग को लेकर पिछले 15 दिन से कलक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे मंत्रालयिक कर्मचारियों ने गुरूवार को कांकरिया स्कूल में चिकित्सा एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह को काले झंडे दिखाकर रोष जताया।

कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हाय-हाय के नारे लगाते हुए राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। कांकरिया स्कूल के गेट पर मंत्रालयिक कर्मचारियों की नारेबाजी के बीच प्रभारी मंत्री गाड़ी से नीचे उतरे और कर्मचारियों से वार्ता की। इससे एक बारगी नारेबाजी बंद हो गई, लेकिन पीछे खड़े मंत्रालयिक कर्मचारियों ने हाथों में काले झंडे लहरा दिए।

नहीं तो चपरासी की वर्दी दिलवा दो
प्रांतीय सदस्य कमल कांत सिरोही ने प्रभारी मंत्री से कहा कि एक समय था जब उनकी तनख्वाह तृतीय श्रेणी कर्मचारियों से 10 रूपए ज्यादा थी, लेकिन आज उनका ग्रेड पे 3600 रूपए है, जबकि हमारा 2400 रूपए ही है। जब योग्यता एक है तो फिर सरकार यह भेदभाव क्यों कर रही है।

सिरोही ने कहा कि पिछले 15 दिन से रोड पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने सरकार से वार्ता कराने की मांग की। समिति के सदस्य राजेश चारण ने कहा कि कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम चपरासी की वर्दी दिला दो, हम झाडू-पोंछा कर लेंगे। मंत्री ने उन्हें सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

की समझाइश
मंत्रालयिक कर्मचारियों के कांकरिया स्कूल पहुंचते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। सीआई नगाराम चौधरी, डिप्टी रामप्रसाद मेहरड़ा, एएसपी भार्गव ने कर्मचारी नेताओं से मिलकर अपना विरोध शांतिपूर्वक करने का आह्वान किया।

शीतल जल की रही व्यवस्था
मंत्रालयिक कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट के सामने पानी के कैम्पर रख आमजन की जलसेवा की, जबकि सामूहिक अवकाश के दौरान आम जनता को हो रही परेशानियों के लिए सरकार की ओर से तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश जोशी ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता के कारण ही आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है।

कल जलाएंगे आदेश की होली
प्रांतीय सदस्य राजेश चारण व जिलाध्यक्ष जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से सामूहिक अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों का जुलाई का वेतन काटने के लिए जारी आदेशों की शुक्रवार को होली जलाकर विरोध प्रकट किया जाएगा।

युवक की हत्या कर निर्माणाधीन ओवरब्रिज में दबा गए

युवक की हत्या कर निर्माणाधीन ओवरब्रिज में दबा गए

पाली। नेशनल हाइवे 14 पर जेसीबी मशीन चलाने वाले युवक की हत्या कर आरोपित उसे निर्माणाधीन ओवरब्रिज में दबा गए। पुलिस को मृतक के फरार तीन साथियों पर शक है। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की और शव को बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।

पुलिस ने बताया कि निर्माणाधीन ओवरब्रिज के लिए लेवल किए जा रहे मिट्टी के ढेर से इन्द्रा नगर निवासी बीस वष्ाीüय गोविन्द पुत्र श्यामलाल ओड का शव मिला है। इस शव की स्थिति देखते हुए मामला हत्या का लगता है। युवक बीती रात से घर नहीं लौटा। अंतिम बार जिन सहकर्मियों के साथ इसे देखा गया वे मौके से फरार हैं। पुलिस ने उन्हीं पर हत्या का शक जताते हुए मामले की जांच प्रारंभ की है। सूचना पाकर मौके पर एएसपी प्रभुदयाल धानिया, शहर कोतवाल वीरेन्द्रसिंह महेचा समेत अधिकारी पहुंचे और मुआयना किया। पुलिस ने पंचनामा करवाकर शव को बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।

बिस्तर पर खून से चला पता
एक दिन पूर्व निर्माणाधीन फोरलेन के ओवरब्रिज पर रात्रि में काम बंद था। गुरूवार को दोपहर में लोगों ने खून सना हुआ एक बिस्तर देखा तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी से ओवरब्रिज के लिए बीते दिन लेवल की गई मिट्टी को हटवाना शुरू किया। थोड़ी देर में ही युवक का पैर नजर आया तो पुलिस ने जेसीबी से खुदाई बंद करवाकर शव को निकलवाया। इसी बीच घर नहीं लौटे गोविंद की चिंता में उसकी मां वहां पहुंची और मृत पुत्र को देखकर रो पड़ी।

सीएम को बताया धृतराष्ट्र

सीएम को बताया धृतराष्ट्र

पाली। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सी.डी. देवल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धृतराष्ट्र बताते हुए जैतारण विधायक दिलीप चौधरी और पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री की शुक्रवार को प्रस्तावित जैतारण यात्रा से एक दिन पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवल ने उद्घाटन के लिए प्रस्तावित पार्क के औचित्य को लेकर भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

जैतारण डाक बंगले में प्रेस वार्ता के दौरान देवल ने कहा कि मुख्यमंत्री वैसे तो विवादों से दूर रहते हैं। छवि को ठीक रखते हैं, लेकिन विधायक चौधरी और सांसद जाखड़ ने उन पर जादू कर रखा है। जैतारण के मामले में मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बने हुए हैं। जैतारण में शुक्रवार को मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित इन्दिरा गांधी शांति पार्क के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर देवल ने कहा कि यह पार्क नियम विरूद्ध बनाया गया है।

उद्घाटन पर सवाल
पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवल ने कहा कि ग्राम पंचायत की चरागाह भूमि में यह पार्क बनाया गया है और अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के बावजूद नगर पालिका जैतारण ने यहां पचास लाख रूपए का फण्ड दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पास में विधायक चौधरी के परिजन की जमीन है। शहर से दूर सरकारी पैसे से पार्क विकसित कर इस जमीन के भाव बढ़ाने की साजिश रची गई है।


देवल ने यह भी लगाए आरोप
- विधायक दिलीप चौधरी भ्रष्टाचारियों के साथी हैं। यदि भ्रष्ट नहीं तो रिश्वत लेते पकड़े गए चेयरमैन को गले नहीं लगाते।
- पार्क विधायक चौधरी के परिजनों के नाम पर रखा है।
- किसान आयोग के अध्यक्ष नारायणसिंह के साथ मसला पार्टी की बैठक में उठाया तो सीएम बोले गठबंधन का धर्म निभाना पड़ता है।
- अफसर चौथ (पैसा) पहुंचाते हैं। बिना पॉवर ऑफ अटॉर्नी विधायक के भाई के साथ मिलकर लोगों की जमीनें बेची।
- सीमेंट फैक्ट्रियों में विधायक और सांसद की मिलीभगत और ठेके


पूर्व में सांसद को बता चुके हैं चपरासी
इससे पूर्व देवल रायपुर में आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में पाली सांसद जाखड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चपरासी बता चुके हैं। अब सीएम की यात्रा से एक दिन पूर्व ऎसा बयान देकर देवल ने राजनीतिक हलके में नई बहस छेड़ दी है।

इस बारे में पाली सांसद ब्रदीराम जाखड़ से प्रतिक्रिया जानने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल नॉट रीचेबल होने के कारण सम्पर्क नहीं हो पाया।


निर्दलीय चुनाव लड़ा, जन्मजात कांग्रेसी
मैं किसी का भी नाम नहीं लेना चाहता। ये सारे फ्लॉप चेहरे हैं। जनता इनको नकार चुकी है। हमारी ताकत जनता है। हमारा काम, सेवा और विकास के प्रति समर्पित सफल प्रयास कांग्रेस को अगले चुनावों में जीत दिलाएगा। जो आरोप लगा रहे हैं, मैं उनको निर्दलीय चुनाव लड़कर भी तीसरे स्थान पर रख चुका हूं। मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं और कांग्रेस के लिए ही समर्पित रहूंगा।
- दिलीप चौधरी, विधायक, जैतारण