सोनिया की रायबरेली में मनरेगा धराशायी
रायबरेली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का कोई पुरसा हाल नहीं है।
ग्राम पंचायतों के खाते में लाखों रूपए उपलब्ध होने के बावजूद विकास कार्य से होने से नाराज जिलाधिकारी अमित गुप्ता ने 170 ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा पर कुछ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का समूह पानी फेर रहा है।
योजना को संचालित करने से जुडे अधिकारियों की लापरवाही ही मनेरगा के संचालन में बाधक बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में अप्रेल से लेकर जुलाई के बीच जिले के 170 गांवों में काम ही नहीं शुरू हो पाया है जबकि इन गांवों के खातों में पांच लाख रूपए से अधिक की धनराशि डंप पड़ी है। कागजी खाना पूरी के लिए पिछले वित्त वर्ष का भुगतान भी छह महीने बाद कर उसे चालू वित्त वष्ाü के हिसाब किताब में जोड़ दिया जा रहा है।
रायबरेली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का कोई पुरसा हाल नहीं है।
ग्राम पंचायतों के खाते में लाखों रूपए उपलब्ध होने के बावजूद विकास कार्य से होने से नाराज जिलाधिकारी अमित गुप्ता ने 170 ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा पर कुछ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का समूह पानी फेर रहा है।
योजना को संचालित करने से जुडे अधिकारियों की लापरवाही ही मनेरगा के संचालन में बाधक बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में अप्रेल से लेकर जुलाई के बीच जिले के 170 गांवों में काम ही नहीं शुरू हो पाया है जबकि इन गांवों के खातों में पांच लाख रूपए से अधिक की धनराशि डंप पड़ी है। कागजी खाना पूरी के लिए पिछले वित्त वर्ष का भुगतान भी छह महीने बाद कर उसे चालू वित्त वष्ाü के हिसाब किताब में जोड़ दिया जा रहा है।
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