गुरुवार, 25 जुलाई 2013

शिक्षको का टोटा, छात्राए उतरी सडको पर.........

सिवाना से जितेन्द्र जांगिड की विशेष रिपोर्ट 

शिक्षको का टोटा, छात्राए उतरी सडको पर............ 

सिवाना। वर्तमान में राज्य में एसा शायद ही कोई सरकारी विद्यालय होगा जहाँ शिक्षको के पद खाली ना हो यही कारण है कि इससे विद्यार्थियों का अध्ययन कार्य प्रभावित होता है और मजबूरन छात्रों को सडक पर उतरना पड़ता है।हर दिन कहीं न कहि छात्र विद्यालय छोडकर सडको पर उतर आते है और शिक्षको की नियुक्ति की मांग करते है। आज इसका ताजा उदाहरन सिवाना में सामने आया जहाँ राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओ ने शिक्षिकाओ के रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्राए सडक पर उतर आई और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।कुछ ही समय में सिवाना का व्यापारी वर्ग और आमजन भी इस प्रदर्शन में शामिल हो गया और प्रदर्शन का समर्थन करते हुए सिवाना बंद करवा दिया। देखते ही देखते हजारो लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गये और सडक पर टायर जलाकर राजमार्ग जाम कर दिया । कई छात्राओ की तबियत खराब हुई..... दोपहर की तेज धुप में तपती सडक पर धरने पर बैठने के कारन कई छात्राओ को चक्कर आ गया और वे गिर पड़ी। लोगो ने उनका प्राथमिक उपचार किया और धरना हटाकर छाया में जाने को कहा किन्तु वे नही मानी। ....और उग्र हो गया आन्दोलन.. काफी समय तक विरोध प्रदर्शन के बाद भी जब कोई प्रशासन या सरकारी नुमाइन्दे मौके पर नही पहुंचे तो भीड़ आक्रोशित हो गयी और उन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। जब इसकी जानकारी मिलने पर विधायक कानसिंह कोटडी को हुई तो वे उपखंड अधिकारी गोमती शर्मा के साथ धरना स्थल पहुँचे और छात्राओ से समझाइश कर धरना उठवाया और जाम खुलवाया। सरकार की उदासीनता.... सरकारी विद्यालयों मे शिक्षको की कमी सरकार की उदासीनता का ही नतीजा है । सरकार अपनीै पुरानी बीमारी के कारण सदा विपक्षि विधायक के क्षेत्र में विकास को लेकर भेदभाव करती है। सिवाना बीजेपी का क्षेत्र है यही कारण है कि राज्य सरकार इस ओर कोई ध्यान नही देती है।।।।।

जैसलमेर फर्म ब्लैकलिस्टेड

जैसलमेर फर्म ब्लैकलिस्टेड

जैसलमेर। शहरी विकास के नाम पर केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का भुगतान उठाने के मामले की पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।

बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है। एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है। इसके साथ ही विकास शाखा के लिपिकों, लेखा संवर्ग को 16 सीसीए, 17 सीसीए व कनिष्ठ अभियंता को नोटिस जारी किए गए हैं।

इसके अलावा नगरपरिषद प्रशासन ने सभी शाखाओं को निर्देश जारी किए हैं कि वह संबंधित फर्म को भविष्य में किसी तरह के भुगतान की कार्रवाई नहीं करें। नगरपरिषद प्रशासन ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के बाद प्रारंभिक जांच में सामने आए आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।

इन्होने कहा
धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान प्राप्त करने के एवज में नगरपरिषद जैसलमेर ने पुलिस थाने में फर्म के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया है। फर्म मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
-आरके माहेश्वरी, नगरपरिषद आयुक्त, जैसलमेर

रिफाइनरी लीलाला में ही लगाने पर जोर

रिफाइनरी लीलाला में ही लगाने पर जोर

बायतु। रिफाइनरी लीलाला में ही स्थापित करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर जारी धरने के बीच बुधवार को किसानों से बातचीत के लिए राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, सांसद हरीश चौधरी, विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी, जिला प्रमुख मदन कौर, रिफाइनरी बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष चेतनराम सारण, सिणधरी प्रधान सोहनलाल भांभू व डॉ. रमण चौधरी बायतु पनजी पहंुचे। इस दौरान करीब नब्बे प्रतिशत किसानों ने जमीन देने की व्यक्तिगत सहमति भी दे दी वही आसपास के ग्रामीणों ने भी जमीन देने की इच्छा जताई।

बैठक में रिफाइनरी बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष चेतनराम सारण ने कहा कि बायतु ही नहीं अपितु पूरे जिले के विकास का सवाल हैे। विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि मंत्रीजी आप हमारे क्षेत्र के नुमाइंदे हो ऎसे में हमारी पैरवी करो। हम आपके साथ हंै। इस पर राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी तैश में आ गये तथा इस्तीफे की पेशकश कर डाली। उन्होंने कहा कि किसानों ने एक करोड़ रूपए प्रति बीधा की मांग कर भूल कर दी थी। मगर अब पानी सिर से गुजर चुका है। किसानों ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि सरकार उचित मुआवजा दे तो हम जमीन देने को तैयार हैं इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि अब जमीन क्यों दे रहे हो? खेती के लिए काम आयेगी।

रिफाइनरी ऎसे खिसकी
हेमाराम चौधरी ने कहा कि रिफाइनरी का स्थानीय किसानों ने लगातार विरोध किया था जिसके कारण ही स्थान परिवर्तन हुआ है मगर अब देर हो चुकी है। सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि रिफाइनरी का मामला अब आगे बढ़ चुका है। आपसी विवाद के कारण ही रिफाइनरी यहां से खिसकी है। सिणधरी प्रधान सोहनलाल भांभू ने सांसद हरीश चौधरी के आगे हाथ जोड़कर कहा कि आप हमारी पैरवी करो ताकि बाड़मेर जिले का भविष्य बन सके। जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने कहा कि गैर वाजिब मुआवजा मांगने पर रिफाइनरी का स्थान परिवर्तन किया गया मगर ऎसे और कई रोजगार के अवसर आएंगे जिससे हमारे युवा भागीदार बनेंगे।

राशि पर तकरार
किसानों ने मुआवजे के रूप में बुधवार को पन्द्रह लाख रूपए मांगे तो राजस्व मंत्री ने इसे गैर वाजिब बताते हुए कहा कि दो लाख सत्तर हजार रूपए व महंगाई की दर ही वाजिब है। इस पर कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि रिफाइनरी के लिए अवाप्त हो रही जमीन का मुआवजा पांच लाख रूपए प्रतिबीघा सरकार भी देने को तैयार थी मगर पांच से दस लाख रूपए प्रतिबीघा के बीच बात बन जाएगी। सांसद ने कहा कि हम विवादों से दूर रहकर विकास करना चाहते है मगर कुछ तत्व हर बार विवाद पैदा कर देते है। सांसद ने कहा कि हमने पैरवी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

कर्नल ने दिखाया धैर्य
बैठक में राजस्व मंत्री व सांसद हरीश चौधरी ने भाषण दिया मगर कर्नल ने काफी धैर्य रखा। अंत में राजस्व मंत्री ने कहा कि हमारे सामने बायतु से आपको टिकट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस पर कर्नल ने भी आपा खो दिया और कहा, मैं क्षेत्र की जनता के विकास की बात कर रहा हूं। यह बात बड़े नेताओं को भी नहीं सुहाती है मगर क्षेत्र व जिले के विकास की बात मैं आखरी दम तक करता रहूंगा तथा बाड़मेर जिले के विकास के लिए हरदम लड़ता रहूंगा। इस पर सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि हम पैरवी कर रहे हैं तथा बाड़मेर की जनता के साथ हैं।

बाड़मेर पानी पर राजनीति!

बाड़मेर पानी पर राजनीति!

बाड़मेर।तेल के भंडार समेटे रेगिस्तान के लोगों की बड़ी जरूरत है पानी। सरकारें इसका इंतजाम आज तक नहीं कर पाई। पानी को लेकर राजनीति किस कदर हो रही है इसका उदाहरण बनी हुई है बाड़मेर लिफ्ट योजना। वर्ष 2002 में बनी यह योजना ग्यारह साल में पूरी तो नहीं हुई है, लेकिन इसके नाम पर चार-चार समारोह हुए लेकिन हलक आज भी सूखे है।

यह है योजना


4 जून 2002 को बाड़मेर शहर समेत जिले के 528 व जैसलमेर जिले के 162 गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए 424.91 करोड़ रूपए की बाड़मेर लिफ्ट योजना बनी। जैसलमेर के मोहनगढ़ से इंदिरा गांधी नहर के पानी को पाइप लाइन के जरिए यहां पहंुचाना तय हुआ।


तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका शिलान्यास किया। सरकार बदल गई और योजना आगे नहीं बढ़ी। वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 2008 में इसका शुभारंभ किया, फिर सरकार बदली और योजना कागजों में ही रह गई।

इस बार सोनिया से उद्घाटन



आधारभूत संरचना का कार्य पूर्ण होने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 30 अगस्त 2012 को यहां समारोह में लोकार्पण करवा दिया गया।

चार बार हुए कार्यक्रम


लिफ्ट योजना के अधीक्षण अभियंता से ए के जैन से बातचीत
लिफ्ट योजना कब बनी थी?
जैन- इसको बने ग्यारह साल हो गए है।
कितने शिलान्यास हुए?
जैन- चार बार
सोनिया गांधी ने लोकार्पित किया, वह क्या था?
जैन- योजना का आधारभूत ढांचा तैयार हुआ था,उसका लोकार्पण हुआ था?


योजना पूरी कब होगी और पानी की आपूर्ति कब होगी?
जैन- अभी 238 गांवों के आदेश हुए है। कार्य चल रहा है। जैसे-जैसे बजट मिलेगा कार्य पूरा होगा। तीसरे चरण की योजना बन रही है। बाड़मेर शहर मे जलापूर्ति हो रही है।

अब यह स्थिति


बाड़मेर शहर में बिछी पुरानी पाइप लाइनों में 30 अगस्त 2012 के बाद पानी आपूर्ति प्रारंभ की है। शहर के कुछ इलाकों में यह पानी पहुंचा है। शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए आधारभूत ढांचा आरयूआईडीपी को बनाना है। इस पर 30 करोड़ रूपए खर्च होने है। आरयूआईडीपी सालभर बाद भी कार्य पूरा नहीं कर पाई है।


कार्यावधि से डेढ़ साल ऊपर हो गया है,अभी काफी कार्य बकाया है। सोनिया गांधी के दौरे के ठीक पहले 23 अगस्त 2012 को द्वितीय चरण के लिए 171 गांवों के लिए 202.36 करोड़ के कार्यादेश हुए है, जिनकी अवधि तीस माह की है। इसके बाद 16 मई 2013 को 67 गांवों के आदेश हुए है,जिनकी कार्यावधि इस आदेश के तीस माह बाद की है। कुल 238 गांवों में कार्य अभी चल रहा है।

कर्नल खुद तो साहूकार बने और मुझे कठघरे में खड़ा करे, ये मैं कैसे बर्दाश्त करता : हेमाराम

कर्नल खुद तो साहूकार बने और मुझे कठघरे में खड़ा करे, ये मैं कैसे बर्दाश्त करता : हेमाराम

बाड़मेर राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस सरकार के लिए नया सियासी संकट पैदा कर देने वाले हेमाराम चौधरी ने कहा है कि उनके इस्तीफे के लिए कर्नल सोनाराम जिम्मेदार हैं। उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के लिए नहीं दिया है। उन्होंने अपनी सभी सरकारी सुविधाएं लौटा दी हैं। गाड़ी और चालक को वापस भेज दिया है। प्रभारी मंत्री के नाते बुधवार का जैसलमेर का दौरा रद्द कर दिया गया है। उनसे बेबाक बातचीत :

आपने इस्तीफा क्यों दिया?

आज जब हम किसानों के प्रतिनिधियों से मिल रहे थे तो कर्नल सोनाराम कह रहे थे कि आप लीलाला में रिफाइनरी नहीं ला रहे हैं। अब मैं बिना जमीन कहां से रिफाइनरी लगवा दूं। जमीन के लिए पूछा तो किसान पहले तो एक करोड़ रुपए तक का मुआवजा मांग रहे थे और अब भी उन्होंने जो ज्ञापन दिया है, उसमें वे 15 लाख रुपए प्रति बीघा जमीन की कीमत और पता नहीं क्या-क्या पैकेज वे मांग रहे हैं। अब समय भी निकल गया है।

तो क्या यह झगड़ा आपका और कर्नल सोनाराम का है या कि लीलाला में रिफाइनरी लाने और किसानों के हितों की रक्षा का? आखिर प्राथमिकता क्या है?

बात तो किसानों के हित की ही थी। हमने भी कोशिश की थी कि रिफाइनरी लीलाला में लगे, लेकिन तब तो शर्त लगाई जा रही थी कि एक करोड़ रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा दोगे तो ही रिफाइनरी के लिए जमीन देंगे। अब तो बहुत देर हो चुकी है, लेकिन कर्नल खुद इलाके से विधायक हैं। वे खुद तो असफल रहे और जिम्मेदारी डालना चाहते हैं मुझ पर। वे कहते हैं कि मैं सरकार में राजस्व मंत्री हूं और मैं रिफाइनरी नहीं ला रहा। कर्नल का कहना है कि सरकार किसानों को कितनी भी कीमत दे दे, उसे क्या फर्क पड़ता है। ये कोई बात हुई।

क्या आप इस्तीफा वापस ले लेंगे?

मैंने सरकार को मंजूरी के लिए इस्तीफा भेजा है। वापस लेने के लिए नहीं। मैंने गाड़ी वगैरह सभी सुविधाएं भी लौटा दी हैं। ड्राइवर डाक बंगले चला गया है। कल जयपुर वापस चला जाएगा। मैंने जैसलमेर का कल का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया है। वहां का मैं प्रभारी मंत्री हूं। जब इस्तीफा ही दे दिया तो वहां जाने क्या अर्थ! मैं बहुत आहत हूं। मैं जनता के हित के लिए हूं या अहित के लिए! अगर मैं हित नहीं करवा सकता तो चलो मैं हट जाता हूं। मैं किसानों का हित नहीं कर पाऊं तो क्या, कर्नल सोनाराम तो हैं, वे करेंगे किसानों का हित!

आप इस्तीफा दे देंगे तो फिर किसानों के हितों की पैरवी कौन करेगा?

मैं तो मुख्यमंत्री और हमारी पार्टी के नेताओं को सलाह दूंगा कि कर्नल को मंत्री बना दो। वह लीलाला में रिफाइनरी लगवा देंगे। वह किसानों के हितों की मुझसे ज्यादा पैरवी कर सकते हैं। मैं तो अब तक यही समझता कि मैं किसानों के हितों के लिए ही सरकार में हूं, लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है कि प्रचार तो कुछ और ही हो रहा है। जैसे सिर्फ कर्नल ही किसानों का एकमात्र हितैषी है! पिछले दिनों वसुंधरा राजे आईं तो उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रियों ने पचपदरा में बेनामी जमीनें खरीद रखी हैं। मैंने तो कहीं एक इंच जमीन खरीदी नहीं है। मुझे तो ऐसे झूठे आरोप सुनकर बहुत बुरा लग रहा है। मैं ऐसे आधारहीन आरोपों को कब तक बर्दाश्त करूं।मैं सोचता हूं कि आखिर मैं ऐसी राजनीति में हूं ही क्यों! मुझे नहीं करनी ऐसी राजनीति!

लेकिन कर्नल को मंत्री बनाएगा कौन?

मैं खुद उनकी पैरवी करूंगा। मैं खुद मुख्यमंत्री और हमारे नेताओं से मिलूंगा कि उनको मंत्री बनाओ ताकि वे लीलाला में रिफाइनरी लगवाएं और किसानों का हित करें।


क्या आपसे मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष या किसी प्रमुख नेता ने अब तक बातचीत की?

अभी तक तो किसी ने बातचीत नहीं की। बातचीतकी बात ही क्या है, वह (कर्नल सोनाराम) खुद तो साहूकार बने और मुझे कठघरे में खड़ा करे यह मैं कैसे बर्दाश्त कर सकता हूं। अरे भई मैं ही सरकार हूं तो लो मैं सरकार से बाहर आ जाता हूं। आप बन जाओ मंत्री! आप आ जाओ सरकार में। आप आकर लगवा लो लीलाला में रिफाइनरी!

हेमाराम चौधरी मुझे मंत्री बना सकते हैं क्या! मेरे साथ मुख्यमंत्री और हेमाराम चौधरी मजाक कर रहे हैं। किसने मांगा एक करोड़ या 50 लाख रुपए! ये सब तो मुख्यमंत्री की प्लांटेड चीजें थीं। दरअसल हेमाराम की चल नहीं रही है। मुख्यमंत्री उनकी मान नहीं रहे हैं। मुझे ही क्या, पूरे इलाके को अफसोस है कि हेमाराम और हरीश चौधरी दोनों बायतू के हैं और दोनों ही ठीक से पैरवी नहीं कर पाए! मंत्री बनाने का ऑफर तो मुझे बहुत पहले से था, लेकिन मैंने खुद ही मना कर दिया था कि अब बहुत देर हो चुकी! -कर्नल सोनाराम चौधरी, बायतू विधायक

बुधवार, 24 जुलाई 2013

चलते चलते …राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा


चलते चलते …राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा 


बाड़मेर राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजने का पुख्ता समाचार हें ्‌आलनकि खुद हेमाराम चौधरी ने इसकी पुष्टि नहीं की मगर जानकर सूत्रों ने बताया की रिफायनरी बचाओ संघर्ष समिति की बायतु पनजी में आयोजित बैठक में भाग लेने के बाद बाड़मेर पहुँच उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया

रिश्वत लेते पटवारी और ऐ एस आई गिरफ्तार

  रिश्वत लेते पटवारी और ऐ एस आई गिरफ्तार
श्रीगंगानगर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार को एक पटवारी को दस हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के अधिकारियों सूत्रों ने बताया कि चक3 एनआरडी के पौंग बांध विस्थापित साकेत सिंह और उसके भाई जगदीश सिंह को चक चार डी मे स्थित पौंग बांध विस्थापित जनक सिंह पिता की मृत्यु के बाद उनकी 25 बीघा जमीन की खातेदारी के हक के लिए रामपुरा न्योला हलके के पटवारी से रिपोर्ट चाहिए थी।

इसकी एवज मे पटवारी प्रकाश सिंह उनसे 15 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा था। बाद में दस हजार रूपए में सौदा तय हुआ। ब्यूरो के गंगानगर चौकी में पुलिस उपअधीक्षक आनंद प्रकाश स्वामी ने बताया कि इसकी शिकायत 22 जुलाई को साकेत सिंह ने ब्यूरो से की। मंगलवार को शिकायत का सत्यापन कराया गया तो उसमें दस हजार रूपए की रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई।

उन्होंने बताया कि इस पर ब्यूरो ने अपना जाल बिछा कर बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे साकेत सिंह को सूरजगढ़ में इलाहाबाद बैंक वाली गली में स्थित एक भव्य मकाकन में प्रकाश सिंह के निजी कार्यालय में भेजा जहां ब्यूरो के दल ने साकेत सिंह से दस हजार रूपए लेत प्रकाश सिंह को दबोच लिया और उससे रिश्वत की रकम बरामद कर ली।

एएसआई 5 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को रींगस थाने के एएसआई बल्ला राम मीणा को पांच हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।

एसीबी महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी प्रकाशचंद निवासी वार्ड नं 2 रींगस ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई कि उसके खिलाफ उसके पड़ौसी श्रवण कुमार ने रींगस थाने में उसके परिवारजनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। यह मामला आपस में जमीन के विवाद से संबंधित है। मुकदमे की तफतीश एएसआई बल्ला राम मीणा कर रहे थे।

एएसआई ने परिवारवालों को थाने बुलाया और कहा कि मुकदमें से निकालने के लिए छ हजार रूपए रिश्वत की मांग की थी,जिसमें से पांच हजार रूपए बुधवार को देने व एक हजार रूपए बाद में देना तय हुआ था। शिकायत के बाद एसीबी टीम ने एएसआई बल्ला राम मीणा को पांच हजार रूपए की लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

नौ सांसदों ने कहा,साइन नहीं किए

नौ सांसदों ने कहा,साइन नहीं किए
नई दिल्ली। 65 सांसदों के अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गुजरात के मुख्यमंत्री को वीजा नहीं देने के लिए लिखे गए पत्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बुधवार को नौ सांसदों ने ऎसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं जिन सांसदों ने मोदी के खिलाफ पत्र लिखने से इनकार किया है उनमें पांच सांसद कांग्रेस के हैं। दो कांग्रेस सांसदों ने कहा कि उन्हें पत्र पर हस्ताक्षर करने के बारे में याद नहीं।


बाहरी पक्ष का दखल गलत -

केंद्र सरकार ने कहा है कि घरेलू मामलों में किसी बाहरी पक्ष का दखल उचित नहीं है। विदेश राज्यमंत्री प्रणीत कौर ने कहा,हमें हमारे विवाद घर में ही सुलझाने चाहिए। सीताराम येचुरी पहले सांसद थे जिन्होंने इस पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया था। अब डीएमके के केपी रामलिंगम और भाकपा सांसद अचूतन ने भी किसी पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात को गलत बताया है। एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण व संजीव नायक,कांग्रेस सांसद एम कवासे,अनिल लाड व जयंत्रो अवले ने भी ऎसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात को गलत बताया है। कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य व जॉय अब्राहम ने कहा कि उन्हें पत्र पर हस्ताक्षर करने के बारे में याद नहीं।


अनवर ने कहा,मैंने साइन किए -

हालांकि जद यु के अली अनवर ने पुष्टि की कि उन्होंने पिछले साल ओबामा को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के अनुसार इस पत्र को रविवार को पुन: फैक्स किया गया। ओबामा को 65 सांसदों द्वारा लिखे गए पत्र में माकपा नेता सीताराम येचुरी खुद को फंसा हुआ पा रहे हैं। येचुरी ने ऎसा कोई पत्र लिखने से इनकार किया है। वहीं सांसदों का कहना है कि वे भूल गए होंगे कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।


येचुरी का नाम नौवें नंबर पर -

साल 2012 के अंत में लिखे गए इस पत्र में येचुरी का नाम नौवें नंबर पर है। येचुरी ने उनके द्वारा ऎसा कोई पत्र लिखे जाने की बात को गलत बताया। येचुरी ने कहा,हम देश के अंदरूनी मामलों में बाहरी दखल नहीं चाहते। दूसरा यह अमरीकी सरकार पर निर्भर करता है कि वह वीजा दे या नहीं।


राज्यसभा में निर्दलीय सांसद मोहम्मद अदीब ने येचुरी की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य प्रकट किया है। उन्होंने कहा,येचुरी ने हस्ताक्षर किए थे। वे भूल गए होंगे क्योंकि यह मामला छह माह पुराना है। यह वह पत्र है जिस पर येचुरी ने नवंबर 2012 में साइन किए थे। उनका नाम वहां है।


पुन: भेजा पत्र -

अदीब ने अपने अभियान की अगुआई की तथा कहा कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा मोदी को वीजा दिलाए जाने संबंधी प्रयासों को देखते हुए उन्होंने फिर से यह पत्र ओबामा को भेजा। राजनाथ अभी अमरीका के दौरे पर हैं। उनका वहां अमरीकी सांसदों,विचारकों व सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने का कार्यक्रम है। राजनाथ ने कहा है कि वे अमरीकियों से मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को हटाने के लिए कहेंगे। 65 सांसदों के हस्ताक्षर वाले इस पत्र को अमेरिकन काउंसिल ऑफ मुस्लिम्स ने फिर से जारी किया है।


जांच हो: भाजपा -

भाजपा का कहना है कि गुजरात के मुख्यमंत्री को वीजा मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए। पार्टी का कहना है कि यह पता लगना चाहिए कि सांसदों ने ओबामा को पत्र भेजा भी या नहीं। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा,इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले आधे से अधिक सांसदों ने ऎसा कोई पत्र लिखने से इनकार किया है। अब इस पत्र के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों का पता लगना जरूरी है।


कांग्रेस की जुगलबंदी -

भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह विदेश में कांग्रेस की जुगलबंदी लगती है। यह सांसदों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का भी मामला है क्योंकि वे चुने हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ बोल रहे हैं। सांसदों के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला चलाया जाना चाहिए क्योंकि येचुरी ने कहा है कि उन्होंने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।


मोदी पर है वीजा बैन -

उल्लेखनीय है कि मोदी को अमरीका पिछले कई साल से वीजा नहीं दे रहा है। गुजरात दंगों के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के चलते अमरीका ने यह बैन लगाया है। कुल 65 सांसदों ने ओबामा को 2012 में पत्र लिखा था। एक पत्र पर राज्यसभा के 25 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे जबकि दूसरे पर लोकसभा के 40 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे। ये पत्र 26 नवंबर और पांच दिसंबर 2012 को लिखे गए थे।

सरकार ने बिगाड़े 72 हजार करोड़-राजे

सरकार ने बिगाड़े 72 हजार करोड़-राजे

स्वरूपगंज/सिरोही। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने बुधवार को राज्य सरकार पर जनता के 72 हजार करोड़ रूपए बेकार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार को अपने खजाने की चाबी सौंपी थी, लेकिन यह सरकार जनता के उस खजाने को भी ठीक से नहीं संभाल सकी।

सुराज संकल्प यात्रा के दौरान स्वरूपगंज और सिरोही में जनसभाओं को सम्बोधित कर रहीं राजे ने कहा कि इस कुप्रबंधन का नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में हर साल 18 हजार करोड़ रूपए सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन की भेंट चढ़ते गए। चार साल का हिसाब लगाएं तो जनता के करीब 72 हजार करोड़ रूपए इस सरकार ने यूं ही बेकार कर दिए। यदि सरकारी खजाने का यह सरकार सदुपयोग करती तो प्रदेश में कुछ तो विकास नजर आता। लेकिन इस सरकार ने ये साल नींद में ही निकाल दिए।

सीएम ने दी रिश्तेदारों को नौकरी

राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जोधपुर विश्वविद्यालय में अपने रिश्तेदार पीएचडी धारकों को बिना नेट, सेट परीक्षा के पात्र मानकर नौकरियां दे दी, लेकिन प्रदेश के बाकी बचे पीएचडी धारकों के बारे में इस सरकार ने नहीं सोचा। अब जो भर्ती निकली है उनमें जोधपुर युनिवर्सिटी की तरह पीएचडी धारकों को नौकरियां क्यों नहीं दी जा रही? अब ये पीएचडी धारक कहां जाये? लेकिन इन्हें तो अपने रिश्तेदारों से मतलब है, बाकी बेरोजगारों से उन्हें क्या?

"यूपीए सरकार के लिए रूपये खाना जरूरत"

राजे ने मुम्बई के एक रेस्टोरेंट बिल की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि अब तो सब मान गए हैं कि यूपीए सरकार भ्रष्ट है। बिल में छपा था कि यूपीए सरकार के लिए रूपए खाना (2जी, कोल व कॉमनवेल्थ घोटाले से) जरूरत बन गई है और एसी रेस्टोरेंट में भोजन करना लग्जरी। इसलिये ग्राहकों से सेवाकर लिया जाता है।

मंत्री ने कहा,5 लाख में जेल से भाग सकता हूं

मंत्री ने कहा,5 लाख में जेल से भाग सकता हूं
मुंबई। महाराष्ट्र के एक विधायक ने विधानसभा में गृह मंत्री आरआर पाटिल से कहा कि वह पांच लाख रूपए में पुणे की यरवदा जेल से भाग सकते हैं। विधायक के यह कहते ही विधानसभा में खलबली मच गई। धुले से विधायक अनिल गोटे ने कहा कि मैं जानता हूं कि जिलों में क्या होता है। एक जेल में मैं चार साल के लिए था।

गोटे करोड़ों रूपए के तेलगी स्टाम्प पेपर घोटाले में आरोपी थे। इस मामले में वह यरवदा जेल में बंद थे। गोटे ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब पुणे से भाजपा विधायक माधुरी मिसाल ने प्रश्नकाल के दौरान पुणे जेल में कैदियों को गैर कानूनी तरीके से मोबाइल फोन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बारे में सवाल पूछा था।

पाटिल ने कहा कि जेलों में सीसीटीवी और जैमर लगाने की प्रक्रिया जारी है। गोटे ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह जानते हैं कि जेल की चारदीवारी के पीछे क्या चलता है। जेलर और पुलिस गिरोहों के पैरोल पर हैं। वे अपना हिस्सा पाने के लिए कतार लगाते हैं और आप यहां की सुरक्षा की बात करते हैं।

मुझे पांच लाख रूपए दे दें,मैं यरवदा जेल से फरार होकर दिखा दूंगा। लोक संग्रा पार्टी के नेता गोटे ने दावा किया कि जेलर को हर महीने हफ्ते के रूप में 25 हजार रूपए मिलते हैं। पाटिल ने कहा कि गोटे की ओर से दी गई सूचना गंभीर प्रकृति की है और इसकी सीआईडी जांच कराई जाएगी।

बाड़मेर प्रशासनिक समाचार …… कचहरी परिसर से

 बाड़मेर प्रशासनिक समाचार …… कचहरी परिसर से 

सामरिक दृषिट से महत्वपूर्ण स्थलों की

सुरक्षा हेतु निषेधाज्ञा जारी

बाडमेर, 24 जुलार्इ। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर भानु प्रकाष एटूरू ने बाडमेर जिले में सिथत सामरिक दृषिट से महत्वपूर्ण स्थलों के आस पास कानून एवं शांनित व्यवस्था बनाए रखने एवं जान माल की सुरक्षा किये जाने की दृषिट से दण्ड प्रकि्रया सहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है।

जिला मजिस्टे्रट ने अनुसार बाड़मेर जिले से सिथत सामरिक दृषिट से महत्वपूर्ण आयल फील्ड एवं फैसिलिटीज क्षेत्र मंगला,ऐश्वर्या, भाग्यम, शकित, गुडा, सरस्वती, रागेश्वरी, कामेश्वरी, सैलेलार्इट, थूम्बली वाटर फील्ड, राजवेस्ट पावर प्लान्ट भादरेस एवं गिरल लिग्नार्इट परियोजना आदि स्थल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीक है तथा हाल ही मे घटित आंतकवादी घटनाओं एवं बढती हुर्इ आंतकवादी गतिविधियों आदि को मददे नजर रखते हुए इन क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था, कानून व्यवस्था एवं लोक शानित बनाये रखने के लिए बाडमेर जिले में सिथत उक्त सामरिक दृषिट से महत्वपूर्ण स्थलों के आस पास कोर्इ भी व्यकित इस दौरान लोक शांनित भंग करने वाले भडकाऊ भाषण, जूलूसप्रदर्शनपुतला जलाना नारेबाजी करना व ध्वनि विस्तारण यन्त्रों का उपयोग आदि नहीं करेगा तथा जूलूस प्रदर्शन धरना व ध्वनि विस्तारण यन्त्रों का उपयोग आदि संबंधित उपखण्ड मजिस्टे्रेट की पूर्व अनुमति के नहीं करेगा। आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं आन्य विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।

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सेना भर्ती रैली

बाडमेर जिले की भर्ती 18 को

बाडमेर, 24 जुलार्इ। स्थानीय आदर्श स्टेडियम में 17 से 25 अगस्त तक सेना भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। बाडमेर जिले की भर्ती 18 अगस्त को रखी गर्इ है।

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर पी.एस. भाटी ने बताया कि सैनिक सामान्य, सैनिक क्लर्कएसकेटी, सैनिक तकनिकी, सैनिक नर्सिग सहायक के लिए भर्ती होगी। भर्ती हेतु आवश्यक दस्तावेज शिक्षा प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र ( र्इ मित्र द्वारा जारी), चरित्र प्रमाण पत्र, पास पोर्ट सार्इज के 8 कलर फोटो तथा भूतपूर्व सैनिकसेवारत सैनिक युद्ध में श्हीद अपने पुत्रों का रिलेशन प्रमाण पत्र संबंधित रिकार्ड आिफस द्वारा जारी एवं सेना की डिसचार्ज बुक लाना जरूरी है। अगर अभ्यार्थी के अंक तालिका एवं प्रमाण पत्र एवं व्यकितगत अथवा पिता के नाम, जन्म तारीख मे फर्क है तो दस रूपये के स्टाम्प पेपर पर प्रथम श्रेणी मजिस्टे्रड (तहसीलदारएसडीएम) से जारी शपथ पत्र साथ लाना होगा। उन्होने बताया कि इस भर्ती बाबत टोकन संबंधित तहसील कार्यालय से प्राप्त करना होगा।

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बाडमेर पंचायत समिति की बैठक 26 को
बाडमेर, 24 जुलार्इ। बाडमेर पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक 26 जुलार्इ को दोपहर 1.00 बजे प्रधान श्रीमती धार्इदेवी की अध्यक्षता में समिति के सभा कक्ष में आयोजित की जाएगी। उक्त जानकारी विकास अधिकारी आर्इदानसिंह सोलंकी ने दी।

ब्यावर से भागी नाबालिक लडकी रामदेवरा में दस्तयाब


ब्यावर से भागी नाबालिक लडकी रामदेवरा  में दस्तयाब


भगवैया एवं अपहरणकर्ता को ब्यावर थाने के स्टाफ को किया सुपूर्द


जैसलमेर मंगलवार रात्रि गस्त के दौरान पुलिस पार्टी को कस्बा रामदेवरा मे रेलवे स्टेशन रोड पर होटल शिव शकित पर संदिग्ध हालत मे कुमारी लाछा पुत्री जगदीश सिंह जाति रावत उम्र साढे सत्रह वर्ष व मुकेंश पुत्र प्रभुसिंह जाति रावत उम्र 18 वर्ष निवासियान बिच्छुछोडा पुलिस थाना जवाजा जिला अजमेर मिलने पर उक्त दोनो से पूछताछ की गर्इ तो घर से भाग कर आना ज्ञात हुआ जिस पर कुमारी लाछा के परिजनो से टेलीफोन पर सम्पर्क करने पर बताया कि यह लडकी दिनांक 18.07.2013 को स्कूल ब्यावर सिटंी गर्इ थी शाम को घर नही लौटी जिसकी तलाश की गर्इ उसे मुकेश पुत्र प्रभुसिंह जाति रावत निवासी बिच्छुछोडा बहला फुसला कर ले जाने का संदेह होने पर पुलिस थाना ब्यावर सिटी मे मुकदमा दर्ज करवाया है जिस पर परिजनो को हिदायत हुर्इ की संबंधित पुलिस थाना को सूचित कर पुलिस थाना रामदेवरा पहुचें तथा पुलिस थाना ब्यावर सिटी को जरिये टेलीफोन उक्त दोनो की सूचना दी गर्इ।जिस पर अनुसंधान अधिकारी मय टीम के जल्द रवाना करने का बताया व बताया कि उक्त के खिलाफ पुलिस थाना ब्यावरसिटी मे प्रकरण दर्ज है दोनो को रोक रखे आज तारीख 24.07.2013 को पुलिस थाना ब्यावर सिटी के अनुसंधान अधिकारी रामदयाल स0उ0नि0 मय पुलिस पार्टी व भगवैया लाछा व अपराधी मुकेश के परिजन रामदेवरा आने पर पुलिस थाना ब्यावर सिटी जिला अजमेर मे मतलुब भगवैया कुमारी लाछा व अपराधी मुकेश को पुछताछ व अनुसंधान हेतु रामदयाल स0उ0नि0 मय पुलिस पार्टी व उक्त दोनो के परिजनो के सुपुर्द किये गये।

जैसलमेर पर्यटक सीजन की दस्तक, आपरेशन वेलकम की टीम हुर्इ सकि्रय


जैसलमेर पर्यटक सीजन की दस्तक, आपरेशन वेलकम की टीम हुर्इ सकि्रय

वर्दी एवं सादावस्त्र में तैनात होगी पुलिस

पुलिस कर्मी के पास कैमरा एवं मोटरसार्इकिल की होगी सुविधा


जैसलमेर शहर जैसलमेर में पर्यटक सीजन की शुरूआत होने पर शैलानियों की सुरक्षा हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर पंकज चौधरी के निर्देशन में गठित ''आपरेशन वेलकम'' सकि्रय हो गर्इ हैं। जैसलमेर में शैलानियों की आवक होने से मोटरसार्इकिल (बार्इक) लपकों की सकि्रयता के मध्यनजर रखते हुए आपरेशन वेलकम एवं स्पेशल टीम को नर्इ रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दिये गये। इसके तहत शहर में पर्यटक स्थलों, बाडमेर चौराहा, रेल्वे स्टेशन, गडीसर प्रोल, एयरफोर्स चौराहा, नीरज चौराहा एवं शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर आपरेशन वेलकम के मुलाजमानों को वर्दी व सादावस्त्र में मय कैमरा एवं मोटरसार्इकिल पर तैनात किया गया है। जो दिन भर अपने-अपने बताये स्थानाें पर तैनात रहकर मोटरसार्इकिल (बार्इक) लपकाें पर कडी नजर रखते हुए कानूनी कार्यवाही करवायेगें। पर्यटकों की गाडियों का पीछा करने वाले बार्इक लपकों की फोटोग्राफी की जा रही है तथा लपकों को चिनिहत कर फोटोग्राफी में आये लपकों के खिलाफ पर्यटन व्यवसाय अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी तथा ट्रेनो व बसों में आने वाले लपकों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु सादावस्त्र में पुलिस मुलाजमानोें को भेजकर बस व ट्रेन में पर्यटकों को परेशान करने वाले लपकों की धड़पकड़ कर सख्त कार्यवाही अमल में लार्इ जावेगी। जिससे पर्यटकों को जैसलमेर भ्रमण के दौरान राहत सके तथा पर्यटकों को जैसलमेर में अच्छा माहौल मिल सके।

इसके साथ पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त जिलेवासियों, पर्यटक व्यवसाय से संबंधी व्यापारियों, होटल मालिको से अपील की है कि वह किसी भी लपके का साथ न दे तथा किसी भी जगह कोर्इ भी लपका कोर्इ भी वारदात करता हुआ दिखे तो तुरंत उसकी शिकायत पर्यटक सहायता दल, अपने नजदीकी थाना एवं पुलिस कंट्रोल रूम को देवे। शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रखा जावेगा।जिससे पुलिस को लपको के विरूद्ध कार्यवाही करने में आसानी होगी तथा बाहर से आने वाले मेहमान शैलानियों को जैसलमेर में साफ वातावरण मिलेगा।

अफगानिस्तान की हबीबा को मैगसेसे पुरस्कार

अफगानिस्तान की हबीबा को मैगसेसे पुरस्कार

मनीला। अफगानिस्तान की पहली महिला गवर्नर और कशिन अल्पसंख्यक समूह की मानवतावादी कार्यकर्ता को इस वर्ष का मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार को नोबेल पुरस्कार का एशियायी संस्करण कहा जाता है।

मनीला स्थित रेमन मैगसेसे अवाड्र्स फाउंडेशन ने बुधवार को पुरस्कारों की घोषणा करते हुए कहा कि उसने तीन व्यक्तियों और दो संगठनों को चुना गया है। इनमें फिलीपींस का एक डाक्टर, इंडोनेशिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले एक आयोग और नेपाल का सिविल सोसायटी संगठन है, जो मानव तस्करी से पीडित लोगों द्वारा बनाया गया है।

अफगानिस्तान के बामियान प्रांत की गवर्नर हबीबा साराबी (57) को स्थानीय प्रशासन को सुचारू बनाने और हिंसक वातावरण के बावजूद महिलाओं के अधिकार और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जिसकी वजह से उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।

पार्षद के लिए नियमों को ढेंगा



पार्षद के लिए नियमों को ढेंगा

परिषद नियमों के विरूद्व निमार्णाधीन कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण रूकवाने की मांग

बाड़मेर। बाड़मेर निवासी मेवाराम सोनी और जगन्‍नाथ राठी ने जिला कलेक्‍टर, आयुक्‍त नगर परिषद और डिप्‍टी टाउन प्‍लानर जोधपुर को ज्ञापन भेजकर नगर परिषद द्वारा पाषर्द पिताम्‍बर सोनी के लिए नियमों को ढेंगा दिखाकर दी गयी इजजात को‍ निरस्‍त करने और नियम के विरूद्व निमार्णाधीन कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण रूकवाने की मांग की गयी है। शिकायतकर्ता मेवाराम सोनी ने बताया कि पाषर्द द्वारा अपने राजनीति प्रभाव का उपयोग करते हुए शहर के मध्‍य महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर परिषद नियमों के विरूद्व व्‍यवसायिक भवन का निमार्ण करवाया जा रहा है। सोनी के मुताबिक उक्‍त कॉम्‍पलेक्‍स के निमार्ण से ना केवल आस-पास के क्षेत्र के वाशिदों और आम नागरिकों को असुविधा होगी, वरन भविष्‍य में उक्‍त कॉम्‍पलेक्‍स के कारण जनहानि की आशंका भी बनी रहेगी।


ज्ञापन में सोनी ने बताया कि पाषर्द पिताम्‍बर सोनी द्वारा हाल ही में अपनी माता श्रीमती कमलादेवी पत्‍नी दुर्गादास सोनी के नाम नगर परिषद बाड़मेर को अंधेरे में रखकर नियम विरूद्व निमार्ण्‍ इजाजत हासिल की गयी है। मेवाराम सोनी ने बताया कि पिताम्‍बर सोनी ने इस नियम विरूद्व इजाजत के आधार पर शहर के मध्‍य महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर निमार्ण कार्य शुरू कर दिया है। सोनी के मुताबिक महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर 14 दुकानों और उनके उपर आवासीय मकानों की तीन मंजिला कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण करवाया जा रहा है। सोनी ने बताया कि उक्‍त‍ 11 फीट का रास्‍ता शहर के कई मौहल्‍लों को मुख्‍य बाजार से जोड़ता है, और वर्षो से लोग इस रास्‍ते का उपयोग कर रहे है, लेकिन नियम विरूद्व बनाए जा रहे काम्‍पलेक्‍स के निमार्ण के दौरान ही वर्तमान में यह रास्‍ता पुरी तरह से बंद हो गया है।


सोनी ने बताया कि इलाके के लोग पार्षद पितामबर सोनी ने रास्‍ते को चौड़ा करवाने की उम्‍मीद कर रहे थे, लेकिन लोगों की उम्‍मीदों पर पानी फेरते हुए पार्षद सोनी ने अपने राजनीतिक प्रभाव को उपयोग करते हुए उक्‍त संकरी गली में व्‍यवसायिक कॉम्‍पलेक्‍स की निमार्ण इजाजत लेकर काम शुरू कर दिया, जिससे गली और भी सकंरी हो गयी है।


सोनी ने चेतावनी दी है अगर परिषद ने जल्‍द ही इस नियम विरूद्व निमार्ण के मामले में ठोस कदम नहीं उठाया तो मौहल्‍ले वासियों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।