बुधवार, 24 जुलाई 2013

पार्षद के लिए नियमों को ढेंगा



पार्षद के लिए नियमों को ढेंगा

परिषद नियमों के विरूद्व निमार्णाधीन कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण रूकवाने की मांग

बाड़मेर। बाड़मेर निवासी मेवाराम सोनी और जगन्‍नाथ राठी ने जिला कलेक्‍टर, आयुक्‍त नगर परिषद और डिप्‍टी टाउन प्‍लानर जोधपुर को ज्ञापन भेजकर नगर परिषद द्वारा पाषर्द पिताम्‍बर सोनी के लिए नियमों को ढेंगा दिखाकर दी गयी इजजात को‍ निरस्‍त करने और नियम के विरूद्व निमार्णाधीन कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण रूकवाने की मांग की गयी है। शिकायतकर्ता मेवाराम सोनी ने बताया कि पाषर्द द्वारा अपने राजनीति प्रभाव का उपयोग करते हुए शहर के मध्‍य महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर परिषद नियमों के विरूद्व व्‍यवसायिक भवन का निमार्ण करवाया जा रहा है। सोनी के मुताबिक उक्‍त कॉम्‍पलेक्‍स के निमार्ण से ना केवल आस-पास के क्षेत्र के वाशिदों और आम नागरिकों को असुविधा होगी, वरन भविष्‍य में उक्‍त कॉम्‍पलेक्‍स के कारण जनहानि की आशंका भी बनी रहेगी।


ज्ञापन में सोनी ने बताया कि पाषर्द पिताम्‍बर सोनी द्वारा हाल ही में अपनी माता श्रीमती कमलादेवी पत्‍नी दुर्गादास सोनी के नाम नगर परिषद बाड़मेर को अंधेरे में रखकर नियम विरूद्व निमार्ण्‍ इजाजत हासिल की गयी है। मेवाराम सोनी ने बताया कि पिताम्‍बर सोनी ने इस नियम विरूद्व इजाजत के आधार पर शहर के मध्‍य महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर निमार्ण कार्य शुरू कर दिया है। सोनी के मुताबिक महज 11 फीट के संकरे रास्‍ते पर 14 दुकानों और उनके उपर आवासीय मकानों की तीन मंजिला कॉम्‍पलेक्‍स का निमार्ण करवाया जा रहा है। सोनी ने बताया कि उक्‍त‍ 11 फीट का रास्‍ता शहर के कई मौहल्‍लों को मुख्‍य बाजार से जोड़ता है, और वर्षो से लोग इस रास्‍ते का उपयोग कर रहे है, लेकिन नियम विरूद्व बनाए जा रहे काम्‍पलेक्‍स के निमार्ण के दौरान ही वर्तमान में यह रास्‍ता पुरी तरह से बंद हो गया है।


सोनी ने बताया कि इलाके के लोग पार्षद पितामबर सोनी ने रास्‍ते को चौड़ा करवाने की उम्‍मीद कर रहे थे, लेकिन लोगों की उम्‍मीदों पर पानी फेरते हुए पार्षद सोनी ने अपने राजनीतिक प्रभाव को उपयोग करते हुए उक्‍त संकरी गली में व्‍यवसायिक कॉम्‍पलेक्‍स की निमार्ण इजाजत लेकर काम शुरू कर दिया, जिससे गली और भी सकंरी हो गयी है।


सोनी ने चेतावनी दी है अगर परिषद ने जल्‍द ही इस नियम विरूद्व निमार्ण के मामले में ठोस कदम नहीं उठाया तो मौहल्‍ले वासियों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।

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