जैसलमेर फर्म ब्लैकलिस्टेड
जैसलमेर। शहरी विकास के नाम पर केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का भुगतान उठाने के मामले की पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है। एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है। इसके साथ ही विकास शाखा के लिपिकों, लेखा संवर्ग को 16 सीसीए, 17 सीसीए व कनिष्ठ अभियंता को नोटिस जारी किए गए हैं।
इसके अलावा नगरपरिषद प्रशासन ने सभी शाखाओं को निर्देश जारी किए हैं कि वह संबंधित फर्म को भविष्य में किसी तरह के भुगतान की कार्रवाई नहीं करें। नगरपरिषद प्रशासन ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के बाद प्रारंभिक जांच में सामने आए आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
इन्होने कहा
धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान प्राप्त करने के एवज में नगरपरिषद जैसलमेर ने पुलिस थाने में फर्म के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया है। फर्म मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
-आरके माहेश्वरी, नगरपरिषद आयुक्त, जैसलमेर
जैसलमेर। शहरी विकास के नाम पर केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का भुगतान उठाने के मामले की पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है। एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है। इसके साथ ही विकास शाखा के लिपिकों, लेखा संवर्ग को 16 सीसीए, 17 सीसीए व कनिष्ठ अभियंता को नोटिस जारी किए गए हैं।
इसके अलावा नगरपरिषद प्रशासन ने सभी शाखाओं को निर्देश जारी किए हैं कि वह संबंधित फर्म को भविष्य में किसी तरह के भुगतान की कार्रवाई नहीं करें। नगरपरिषद प्रशासन ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के बाद प्रारंभिक जांच में सामने आए आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
इन्होने कहा
धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान प्राप्त करने के एवज में नगरपरिषद जैसलमेर ने पुलिस थाने में फर्म के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया है। फर्म मैसर्स सोना कन्सट्रक्शन कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
-आरके माहेश्वरी, नगरपरिषद आयुक्त, जैसलमेर
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