सरकार ने बिगाड़े 72 हजार करोड़-राजे
स्वरूपगंज/सिरोही। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने बुधवार को राज्य सरकार पर जनता के 72 हजार करोड़ रूपए बेकार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार को अपने खजाने की चाबी सौंपी थी, लेकिन यह सरकार जनता के उस खजाने को भी ठीक से नहीं संभाल सकी।
सुराज संकल्प यात्रा के दौरान स्वरूपगंज और सिरोही में जनसभाओं को सम्बोधित कर रहीं राजे ने कहा कि इस कुप्रबंधन का नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में हर साल 18 हजार करोड़ रूपए सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन की भेंट चढ़ते गए। चार साल का हिसाब लगाएं तो जनता के करीब 72 हजार करोड़ रूपए इस सरकार ने यूं ही बेकार कर दिए। यदि सरकारी खजाने का यह सरकार सदुपयोग करती तो प्रदेश में कुछ तो विकास नजर आता। लेकिन इस सरकार ने ये साल नींद में ही निकाल दिए।
सीएम ने दी रिश्तेदारों को नौकरी
राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जोधपुर विश्वविद्यालय में अपने रिश्तेदार पीएचडी धारकों को बिना नेट, सेट परीक्षा के पात्र मानकर नौकरियां दे दी, लेकिन प्रदेश के बाकी बचे पीएचडी धारकों के बारे में इस सरकार ने नहीं सोचा। अब जो भर्ती निकली है उनमें जोधपुर युनिवर्सिटी की तरह पीएचडी धारकों को नौकरियां क्यों नहीं दी जा रही? अब ये पीएचडी धारक कहां जाये? लेकिन इन्हें तो अपने रिश्तेदारों से मतलब है, बाकी बेरोजगारों से उन्हें क्या?
"यूपीए सरकार के लिए रूपये खाना जरूरत"
राजे ने मुम्बई के एक रेस्टोरेंट बिल की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि अब तो सब मान गए हैं कि यूपीए सरकार भ्रष्ट है। बिल में छपा था कि यूपीए सरकार के लिए रूपए खाना (2जी, कोल व कॉमनवेल्थ घोटाले से) जरूरत बन गई है और एसी रेस्टोरेंट में भोजन करना लग्जरी। इसलिये ग्राहकों से सेवाकर लिया जाता है।
स्वरूपगंज/सिरोही। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने बुधवार को राज्य सरकार पर जनता के 72 हजार करोड़ रूपए बेकार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार को अपने खजाने की चाबी सौंपी थी, लेकिन यह सरकार जनता के उस खजाने को भी ठीक से नहीं संभाल सकी।
सुराज संकल्प यात्रा के दौरान स्वरूपगंज और सिरोही में जनसभाओं को सम्बोधित कर रहीं राजे ने कहा कि इस कुप्रबंधन का नतीजा यह हुआ कि प्रदेश में हर साल 18 हजार करोड़ रूपए सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन की भेंट चढ़ते गए। चार साल का हिसाब लगाएं तो जनता के करीब 72 हजार करोड़ रूपए इस सरकार ने यूं ही बेकार कर दिए। यदि सरकारी खजाने का यह सरकार सदुपयोग करती तो प्रदेश में कुछ तो विकास नजर आता। लेकिन इस सरकार ने ये साल नींद में ही निकाल दिए।
सीएम ने दी रिश्तेदारों को नौकरी
राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जोधपुर विश्वविद्यालय में अपने रिश्तेदार पीएचडी धारकों को बिना नेट, सेट परीक्षा के पात्र मानकर नौकरियां दे दी, लेकिन प्रदेश के बाकी बचे पीएचडी धारकों के बारे में इस सरकार ने नहीं सोचा। अब जो भर्ती निकली है उनमें जोधपुर युनिवर्सिटी की तरह पीएचडी धारकों को नौकरियां क्यों नहीं दी जा रही? अब ये पीएचडी धारक कहां जाये? लेकिन इन्हें तो अपने रिश्तेदारों से मतलब है, बाकी बेरोजगारों से उन्हें क्या?
"यूपीए सरकार के लिए रूपये खाना जरूरत"
राजे ने मुम्बई के एक रेस्टोरेंट बिल की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि अब तो सब मान गए हैं कि यूपीए सरकार भ्रष्ट है। बिल में छपा था कि यूपीए सरकार के लिए रूपए खाना (2जी, कोल व कॉमनवेल्थ घोटाले से) जरूरत बन गई है और एसी रेस्टोरेंट में भोजन करना लग्जरी। इसलिये ग्राहकों से सेवाकर लिया जाता है।
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