गुरुवार, 25 जुलाई 2013

शिक्षको का टोटा, छात्राए उतरी सडको पर.........

सिवाना से जितेन्द्र जांगिड की विशेष रिपोर्ट 

शिक्षको का टोटा, छात्राए उतरी सडको पर............ 

सिवाना। वर्तमान में राज्य में एसा शायद ही कोई सरकारी विद्यालय होगा जहाँ शिक्षको के पद खाली ना हो यही कारण है कि इससे विद्यार्थियों का अध्ययन कार्य प्रभावित होता है और मजबूरन छात्रों को सडक पर उतरना पड़ता है।हर दिन कहीं न कहि छात्र विद्यालय छोडकर सडको पर उतर आते है और शिक्षको की नियुक्ति की मांग करते है। आज इसका ताजा उदाहरन सिवाना में सामने आया जहाँ राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओ ने शिक्षिकाओ के रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्राए सडक पर उतर आई और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।कुछ ही समय में सिवाना का व्यापारी वर्ग और आमजन भी इस प्रदर्शन में शामिल हो गया और प्रदर्शन का समर्थन करते हुए सिवाना बंद करवा दिया। देखते ही देखते हजारो लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गये और सडक पर टायर जलाकर राजमार्ग जाम कर दिया । कई छात्राओ की तबियत खराब हुई..... दोपहर की तेज धुप में तपती सडक पर धरने पर बैठने के कारन कई छात्राओ को चक्कर आ गया और वे गिर पड़ी। लोगो ने उनका प्राथमिक उपचार किया और धरना हटाकर छाया में जाने को कहा किन्तु वे नही मानी। ....और उग्र हो गया आन्दोलन.. काफी समय तक विरोध प्रदर्शन के बाद भी जब कोई प्रशासन या सरकारी नुमाइन्दे मौके पर नही पहुंचे तो भीड़ आक्रोशित हो गयी और उन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। जब इसकी जानकारी मिलने पर विधायक कानसिंह कोटडी को हुई तो वे उपखंड अधिकारी गोमती शर्मा के साथ धरना स्थल पहुँचे और छात्राओ से समझाइश कर धरना उठवाया और जाम खुलवाया। सरकार की उदासीनता.... सरकारी विद्यालयों मे शिक्षको की कमी सरकार की उदासीनता का ही नतीजा है । सरकार अपनीै पुरानी बीमारी के कारण सदा विपक्षि विधायक के क्षेत्र में विकास को लेकर भेदभाव करती है। सिवाना बीजेपी का क्षेत्र है यही कारण है कि राज्य सरकार इस ओर कोई ध्यान नही देती है।।।।।

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