हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास
बाड़मेर ढाई वर्ष पूर्व हुए एक हत्याकांड के मामले में तीन आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मंगलवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश कमल किशोर छंगाणी ने जसे का पार निवासी हम्मीर पुत्र शरीफ को लाठियों से हमला कर मारने के आरोप में उरसा, अब्दुला और मुबारक को आईपीसी की धारा 302, 325 व 323 के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया। एक अन्य आरोपी अलादीन की प्रकरण की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से कन्हैयालाल जैन तथा मुल्जिमान की ओर से करनाराम चौधरी ने पैरवी की।
पत्नी के खिलाफ दूसरी शादी का मामला दर्ज कल्याणपुर कल्याणपुर थाना अंतर्गत सरवड़ी गांव निवासी एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के खिलाफ बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने व गहने ले जाने का मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार मंगलाराम पुत्र केसाराम वादी निवासी सरवड़ी ने मामला दर्ज कराया कि उसकी पत्नी हुआदेवी ने उससे बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली। साथ ही वह गहने भी अपने साथ ले गई।
दुष्कर्म के मामले में षडय़ंत्र का आरोप
बाड़मेर गत दिनों सरली गांव में दो नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म के मामले में षडयंत्र का आरोप लगाते हुए मुकदमे को झूठा बताया है। साथ ही बताया कि सरली सरपंच पति और उसके बीच चल रहे विवाद का बदला लेने के लिए यह सब किया गया। पीडि़त अध्यापक सहित ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया कि सरली में दो नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में अध्यापक मोडाराम को बेवजह फंसाया गया है। आरोप है कि मोडाराम और सरपंच पति सामाराम के बीच किसी पुरानी रंजिश को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके बाद उसे षडयंत्र पूर्व दुष्कर्म के मामले में फंसाया गया। मंगलवार को गांधी नगर से कई लोगों ने जिला कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की।
विषाक्त पदार्थ खाने से विवाहिता की मौत
दस वर्ष पूर्व हुई थी शादी, दवाई के साथ खा लिया था बाड़मेर बाड़मेर जिले के नांद गांव में मंगलवार को एक विवाहिता ने जहर खा लिया, जिससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक विवाहिता दवा के साथ जहर खा गई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए राजकीय चिकित्सालय लाया गया, लेकिन विवाहिता ने दम तोड़ दिया। परिजनों के मुताबिक धर्मी देवी पत्नी रामचंद्र जाट निवासी नांद अपने घर पर थी और परिवार के सभी लोग खेत में निदान कर रहे थे। जब रामचंद्र का छोटा भाई घर पर पहुंचा तो विवाहिता के मुंह में झाग आ रहे थे। इस पर परिवार के लोग बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय लेकर आए लेकिन यहां इलाज के दौरान विवाहिता की मौत हो गई। शेष त्न पेज १५ इधर घटना की सूचना मिलने पर सदर थाने से पुलिस अस्पताल पहुंची और विवाहिता के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया। वहीं घटना की सूचना विवाहिता के पीहर पक्ष सनावड़ा दी गई। देर शाम सनावड़ा से पीहर पक्ष के लोग भी अस्पताल पहुंचे और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। ससुराल पक्ष के लोगों ने पुलिस को बताया कि विवाहिता ने दवा के साथ जहर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द किया।
करोड़ों की सरकारी जमीन पर पट्टे देने की तैयारी! बाड़मेर। शहर के महावीर सर्किल के ठीक पास स्थित करीब दस करोड़ रूपए के बाजार मूल्य की सरकारी जमीन पर पांच पट्टे जारी करने की तैयारी की जा रही है। एक ही परिवार के जिन पांच सदस्यों के नाम पट्टे जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, वे इस बेशकीमती जमीन पर अपना स्वामित्व न्यायालय में साबित नहीं कर पाए। ऎसे में हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में ही नगरपरिषद को निर्देश दिए कि वे इस जमीन से उन्हें विधिपूर्वक बेदखल करें,लेकिन परिषद की ओर से इन्हें बेदखल करने की बजाय पट्टे जारी करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। राजस्व रेकर्ड में नगरपरिषद के नाम दर्ज खसरा संख्या 1431 में छह वर्ष पहले परिषद ने चौदह पट्टे जारी किए थे, जिसे बाद में जिला कलक्टर के निर्देश पर खारिज करना पड़ा और शहर कोतवाली थाने में सोलह जनों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। इसी खसरे में मुख्य सड़क पर पारसमल व सोहनलाल पुत्र शंकरलाल निवासी बाड़मेर ने स्वयं की जमीन होने का दावा किया। जमीन के स्वामित्व को लेकर पारसमल, सोहनलाल ने नगर परिषद के विरूद्ध वर्ष 2003 में अपर सिविल न्यायालय (व ख) बाड़मेर में वाद दायर किया। न्यायालय ने 27 अप्रेल 2004 को दिए निर्णय में बताया कि पारसमल व सोहनलाल के पास ऎसे कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे इनका स्वामित्व सिद्ध होता हो। लिहाजा नगरपरिषद इन्हें विधिपूर्वक हटाएं। यहां से यह मामला अपील में अपर जिला न्यायालय के पास चला गया। एडीजे ने भी निर्णय यथावत रखा। इसके बाद परिवादी पारसमल व सोहनलाल ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में इनकी अपील खारिज की और निर्णय यथावत रखा।बोर्ड ने नीलामी का प्रस्ताव पारित कियामहावीर सर्किल के ठीक पास गडरारोड जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित 400 फीट (मैन रोड पर) गुणा 120 फीट जमीन के मामले में 11 सितम्बर 2009 को नगरपालिका बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि पालिका इस जमीन पर भूखण्ड काटकर नीलामी करे। हैरत की बात यह है कि बोर्ड के निर्णय की पालना आज दिन तक नहीं की गई। अतिक्रमी ही काबिज रहाइस बेशकीमती जमीन पर वर्तमान में चीणों की पियों से दीवार बनी हुई है, जिस पर एक जैसलमेर जिले की एक ग्राम पंचायत के सरपंच का नाम लिखा हुआ है। नगरपरिषद की ओर से अतिक्रमण नहीं हटाने का नतीजा यह है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में इस जमीन के पट्टे हासिल करने के लिए पांच फाइलें लगाई गई। यह फाइलें सुआ पत्नी शंकरलाल, सोहनलाल, मनोज, रतनलाल, पारसमल पुत्र शंकरलाल के नाम से लगी। फाइलें जमा होने संबंधी रसीदें इस वर्ष 26 फरवरी को रसीद क्रमांक 6719, 20, 21, 22, 23 से काटी गई। जबकि यह फाइले दाखिल योग्य नहीं थी। ठण्डे बस्ते से बाहर आई फाइलेंअभियान में रसीदे काटने के बाद इन फाइलों को योजनाबद्ध तरीके से ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। महीनों तक फाइलें ठण्डे बस्ते में रहने के बाद हाल ही में इन्हें बाहर निकाला गया। फाइलों से संबंधित मौका रिपोर्ट पूरी कर ली गई है। इन फाइलों पर पट्टे जारी करने संबंधी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। नगरपरिषद की बेशकीमती जमीन से अतिक्रमण हटाने का दायित्व जिन अधिकारियों के जिम्मे है, उन्होंने अतिक्रमण को लेकर कोई टिप्पणी इन फाइलों में नहीं की है। मामला मेरे ध्यान में नहीं हैखसरा संख्या 1431 की इन फाइलों का मामला मेरे ध्यान में नहीं है। फाइलें मेरे पास नहीं आई। इस संबंध में पता करवाता हूं। आलोक श्रीवास्तव, आयुक्त, नगरपरिषद बाड़मेर
प्राचीन स्थापत्य एवं शिल्पकला कृतियों के बेजोड़ नमूनों, , से परिपूर्ण विश्वविख्यात जैन तीर्थ श्री नाकोडा तीर्थ
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र के बाड़मेर जिले के बालोतरा औद्योगिक कस्बे से १२ किलोमीटर दूर पर्वतीय श्रृंखलाओं के मध्य प्राकृतिक नयनाभिराम दृश्यों, प्राचीन स्थापत्य एवं शिल्पकला कृतियों के बेजोड़ नमूनों, आधुनिक साज सज्जा से परिपूर्ण विश्वविख्यात जैन तीर्थ श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ आया हुआ है। राजस्थान का इतिहास अपने त्याग, बलिदान, देशभक्ति एवं शूरवीरता के लिए जगत में स्थान बनाए हुए है। इस प्रदेश के साहित्य, शिल्प एवं स्थापत्य कला में जैन धर्मावलंबियों का विशेष योगदान रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में सूक्ष्म शिल्पकलाकृतियों, गगनचुंबी इमारतों के रूप में अनेक जैन तीर्थ स्थल बने हुए हैं। इन धार्मिक श्रृंखलाओं में कड़ी जोड़ने वाला श्वेतांबर जैन तीर्थ नाकोड़ा पार्श्वनाथ आज प्राचीन वैभव सुंदर शिल्पकला, दानदाताओं की उदारता, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, त्याग मुनिवरों का प्रेरणा केंद्र, तपस्वियों की साधना भूमि, पुरातत्व विशेषज्ञों की जिज्ञासा स्थल, जैनाचार्यों द्वारा उपदेश देकर निर्मित अनेक जैन बिम्ब, सैकड़ाें प्राचीन एवं नवनिर्मित जिन प्रतिमाओं का संग्रहालय, पार्श्व प्रभु के जन्म कल्याणक मेले की पुण्य भूमि आज आधुनिक वातावरण से परिपूर्ण देश का गौरव बनी हुई है, साथ ही जन-जन की आस्था के रूप में विख्यात है। तीर्थ के अधिष्ठापक देव भैरुजी के अद्भुत चमत्कारों व मनोवांछित फल प्रदायक से देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का हजारों की संख्या में आवागमन होता है। ऐतिहासिक नाकोड़ा स्थल का प्राचीन इतिहास से गहरा संबंध है। वि. स. ३ में इस स्थान के उदय होने का आभास मिलता है, यद्यपि इस संबंध में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी कुछ प्रचीन गीतों, भजनों एवं चारण, भाटों की जनश्रुति के अनुसार वीरमदेव एवं नाकोरसेन दोनों बंधुओं ने क्रमशः वीरमपुर, वीरपुर एवं नाकार नगरों की स्थापना की थी। आचार्य एयुलि भद्रसुरि की निश्रा में वीरमपुर में श्री भगवान चंद्रप्रभु की एवं नाकार में सुविधिनाथ की जिन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई गई थी। नाकोड़ा तीर्थ के मुख्य भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का विशाल शिखर है तथा आजू-बाजू दो छोटे शिखर हैं। मंदिर में मूल गंभारा, गूढ मंडप, सभा मंडप, नवचौकी, श्रृंगार चौकी और झरोखे बने हुए हैं, जो देखने में साधारण से हैं उन्हें संगमरमर पाषाणों की बारीक शिल्पकलाकृतियों से सजाा गया है। मंदिर में तीर्थोंद्धारक खतरगच्छ आचार्य कीर्तिरत्न सुरिजी की पीत्त पाषाण की प्रतिमा विराजमान है, जिस पर सं. १३५६ का शिलालेख विद्यमान है, इनके ठीक सामने तीर्थ के अधिष्ठायक देव भैरुजी की मनमोहक आकर्षक प्रतिमा प्रतिष्ठित है , जिनके चमत्कारों से इस तीर्थ की दिनोंदिन ख्याति हो रही है। मंदिर में निर्माण संबंधित शिलालेख सं. १६३८, १६६७, १६८२, १८६४ एवं १८६५ के भी मौजूद हैं। मुख्य मंदिर के पीछे ऊंचाई पर प्रथम तीर्थंकर आदेश्वर भगवान का शिल्पकलाकृतियों का खजाना लिए हुए मंदिर विद्यमान है। इस मंदिर का निर्माण वीरमपुर के सेठ मालाशाह की बहिन लाछीबाई ने करवाकर इसकी प्रतिष्ठा सं. १५१२ में करवाई। उस समय इस मंदिर में विमलनाथ स्वामी की प्रतिमा थी, लेकिन अब मूलनायक के रूप में श्वेत पाषाण की राजा संप्रति के काल में बी ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर के विशाल शिखर व खंभों पर विभिन्न आकृतियों की सुंदर प्रतिमाएं शिल्पकला के बेजोड़ नमूने को श्रद्धालु घंटों तक निहारने के बावजूद थकान महसूस नहीं करते। इसके समीप भारत पाक विभाजन के समय सिधु प्रदेश के हानानगर से आई प्रतिमाओं का भव्य चौमुखा मंदिर कांच की कारीगरी का बेजोड़ नमूना है। तीर्थ का तीसरा मुख्य मंदिर १६ वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथजी का है, जिसका निर्माण सुखमालीसी गांव के सेठ मालाशाह संखलेचा ने अपनी माता की इच्छा पर करवाया। मंदिर के खंभों पर आबू व देलवाड़ा के मंदिरों की कारीगरी का आभास मिलता है। सूरजपोल में प्रवेश करते ही बाईं ओर सफेद संगमरमर की बारीक नक्काशीदार सीढ़यों से मंदिर का मुख्य मार्ग है तथा मंदिर के मुख्य मार्ग पर कलात्मक पटवों की हवेली जैसलमेर जैसे झरोखे बनाए हुए हैं। इस मंदिर की प्रतिष्ठा वि.स. १५१८ में गुरुदेव श्री जिनदत्त सूरि म. सा. ने एक बड़े महोत्सव में करवाई। मंदिर के प्रवेश द्वार बारीक नक्काशीदार के ठीक ऊपर श्रृंगार चौकी बनी हुई है जहां पीत पाषाण से निर्मित देव पुतलिकाएं विभिन्न वाद्य यंत्रों, नृत्य मुद्राओं के साथ संगीतमय उत्सव की झांकी प्रस्तुत करती हैं। इसी के पास नवचौकी के नीचे ही एक पीत पाषाण पर बारीकी कलाकृतिाें के बीच लक्ष्मीदेवी की मूर्ति उत्कीर्ण है। मंदिर के मूल गंभारे में भगवान शांतिनाथ की ३४ इंच प्रतिमा के दाईं ओर भगवान सुपार्श्वनाथजी की २७ इंच व बाईं ओर भगवान चंद्रप्रभुजी की २७ इंच प्रतिमा विराजमान है, जहां की उत्कृष्ट स्थापत्य कला को निहारते हुए सभी पुलकित हो उठते हैं। मूल गंभारे के बाईं ओर गोखले (आलेय) में दादा जिनदत्तसूरिजी विराजमान हैं, जिनकी निश्रा में इस मंदिर की प्रतिष्ठा हुई थी। ऐसे यशस्वी दादा गुरुदेव के पावन पागलिये बाईं ओर के गोखले में सफेद संगमरमर पर स्वर्ण निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं एवं पगलियों की प्रतिष्ठा २००८ में दादा जिनदत्त सूरिजी म.सा. ने करवाई थी। मंदिर के पिछवाड़े में श्रीपाल मेयनासुंदरी भव्य अनुपम चौमुखा मंदिर है। इसके आगे चलने पर श्रृंखलाबद्ध खंभों की कतार के मध्य विविध चित्रों के माध्यम से भगवान शांतिनाथजी के १२ भवों के पठों को कलात्मक चित्रों द्वारा उल्लेखित किया गया है। सूरजपोल के बाहर एक ओर महावीर स्मृति भवन स्थित है, जब महावीर स्वामी का २५०० वां निर्वाण महोत्सव वर्ष १९७५ में मनाया गया था तब ट्रस्ट मंडल द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इशके भीतर भगवान श्री महावीर स्वामी की आदमकद प्रतिमा विराजमान है। प्रतिमा के दोनों ओर भव्य सुसज्जित हाथी अपने मुंह से चंवर ढुलाते, धुपकरते, कलश से जल चढ़ाते, पुष्प अर्जित करते व दीप प्रज्वलित करते दर्शाए गए हैं और साथ ही भगवान की आरती वंदना करते नर-नारी दिखाए गए हैं।
इस आधुनिक भवन निर्माण कला और सुसज्जित विशाल हॉल में दोनों ओर आकर्षक चित्रों के माध्यम से भगवान श्री महावीर स्वामी के जीवन काल की घटनाओं का चित्रण किया गया है। सुरजपोल के ठीक सामने टेकरी पर पूर्व की ओर दादा श्री जिनदत्त सूरिजी म.सा. की दादावाड़ी स्थित है। इसका निर्माण व प्रतिष्ठा संवत २००० में हुई। दादावाड़ी की सीढ़यों पर चढ़ने से पूर्व सफेद संगमरमर के पाषाण का कलात्मक तोरण द्वार है जिसे शिल्पकारों ने अपने अथक कला एवं श्रम से सजाया एवं संवारा है। दादावाड़ी में श्री जिनदत्त सूरिजी, मणिधारी स्री जिनचंद्रसूरिजी, श्री जिनकुशलसूरीजी व श्री युगप्रधान श्री चंद्रसूरिजी के छोटे चरण प्रतिष्ठित हैं। दादावाड़ी से नीचे उतरते सम एक ओर सफेद संगमरमर का श्रृंखलाबद्ध भव्य नवनिर्मित मंगल कलश दृष्टिगोचर होता है। दादावाड़ी के पीछे आचार्य लक्ष्मी सूरिजी भव्य सफेद संगमरमर का गुरु मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है, इसके आगे श्री कीर्तिरत्नसुरिजी की दादावाड़ी स्थित है। दादावाड़ी के आगे बिखरे खंडहरों की बस्ती एवं कुछ टूटे फूटे मंदिर आज भी प्राचीन वैभव, शिल्पकला एवं इतिहास का स्मरण कराते हैं। मुख्य मंदिर के पीछे १२०० फीट की उंची पहाड़ी पर सफेद रंग की आभा से सुशोभित श्री जिनकुशलसूरिजीकी दादावाड़ी स्थित है। प्राकृतिक थपेड़ाें मुगल शासकों की आक्रमण नीति के अलावा इस तीर्थ की विनाश की एक करुण कहानी भी रही है। सेठ मालाशाह संखलेचा कुल के नानक संखलेचा को स्थानीय शासक पुत्र ने उनकी लंबी सिर की चोटी को काटकर अपने घोड़े के लिए चाबुक बनाने की ठानी। सेठ परिवार ने इसे अपना अपमान समझकर इस स्थान को छोड़कर जैसलमेर की ओर चल दिए, यह घटना १७ वीं शताब्दी की है। उपर्युक्त घटना से वहां का संपूर्ण समाज यहां से विदा हो गया, जिससे तीर्थ की व्यवस्था एवं विकास दो सौ वर्ष तक रुका रहा, उसके बाद में साध्वी सुंदरश्री ने आकर इसके चहुंमुखी विकास में नई जान फूंकी। साध्वी श्री प्रतिमा सांवलिया पार्श्वनाथ जिनालय में विराजमान हैं। तीर्थ के विकास में आचार्य हिमाचलसूरिजी एवं आचार्य जिनकांतिसागर सूरिश्वरजी म.सा. के सहयोग को भी नहीं भुलाया जा सकता। मुख्य मंदिर के समीप सफेद संगमरमर के पाषाण की पेढ़ी एवं सभागार है, जहां पौष दशमी मेले एवं अन्य बैठकों का आयोजन के साथ ट्रस्ट मंडल द्वारा विभिन्न समारोह इसी प्रांगण में आयोजित किए जाते हैं। श्री जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट मंडल तीर्थ की संपूर्ण सुरक्षा, रख-रखाव, नवनिर्माण, यात्रियों को पूर्ण सुविधाएं, साधु-साध्वियों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने में हर समय सक्रिय रहते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए तीर्थ पर कमरों की लंबी श्रृंखलाओं के साथ भव्य सुविधायुक्त श्रीपाल, भवन, महावीर भवन, आदेश्वर भवन, पार्श्व यात्री निवास के साथ विशाल धर्मशालाएं बनी हुई हैं, उसके बावजूद यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्टी मंडल द्वारा और धर्मशालाएं बनाना प्रस्तावित है। तीर्थ पर विशाल भैरव भोजनशाला बनी हुई है तथा मेले के समय विशाल भू-भाग में फैले नवकारसी भवन का उपयोग किया जाता है।
--
गुजरात में बने टाइमरों से बिहार में धमाके! नई दिल्ली। बिहार के महाबोधि मंदिर परिसर में हुए धमाकों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक धमाके करने के लिए आतंकियों ने जिन टाइमरों का इस्तेमाल किया गया था वे गुवाहाटी से खरीदे गए थे। ये टाइमर गुजरात में बने हुए थे। सूत्रों ने बताया कि 7 जुलाई को सीरियल ब्लास्ट मामले की जांच कर रही एनआईए के जांचकर्ताओं को पता चला है कि जो बम नहीं फटे थे,उनके साथ लगी घडियां (टाइमर)लोटस कंपनी की थी और ये राजकोट के एक प्लांट में बनी थी। घडियों की खेप गुवाहाटी भेजी गई थी। इनमें से कुछ घडियां ही एक खरीदार ने खरीदी थी। सूत्रों ने बम धमाकों में स्थानीय लोगों का हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया है क्योंकि बमों के साथ जोड़े गए गैस सिलेण्डर बिहार से ही खरीदे गए थे। जांचकर्ताओं को इस बात के पर्याप्त संकेत मिले हैं कि धमाकों में मंगोलियन नैन नक्श वाले लोगों का हाथ हो सकता है। हमले में म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के शामिल होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। धमाके म्यांमार के रखीन प्रांत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई कथित हिंसा की प्रतिक्रिया स्वरूप किए गए थे। गौरतलब है कि महाबोधि मंदिर परिसर में और बाहर कुल 13 बम प्लांट किए गए थे। इनमें से दस बम फटे थे। धमाकों में दो बौद्ध भिक्षु घायल हुए थे। इनमें एक म्यांमार का और एक तिब्बत का था।
आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत उग्रवादी, उन्हें जेल में ठूंस
देना चाहिए, बोले नीतीश के मंत्री
बिहार के कृषि मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को उग्रवादी करार देते हुए कहा कि भागवत के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए और संघ पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
पटना में मंगलवार को सिंह ने कहा कि भागवत का यह बयान कि देश की एकता एवं अखंडता सिर्फ हिन्दुत्व से ही बनी रह सकती है, भारत के संविधान का खुला मजाक है. उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना में एक लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य और कल्याणकारी सरकार के गठन की परिकल्पना समाहित है.
इसके बाद सिंह ने भागवत को उग्रवादी करार देते हुए कहा कि हम एक तरफ धर्मनिरक्षता और पंथनिरपेक्षता की बात करते हैं वहीं दूसरी तरह कुछ लोग एक पंथ या धर्म को ही सारे संकटों का मोचक कहते हैं. नरेंद्र सिंह बोले कि यह मेरे समझ से उग्रवादी और देशद्रोही बात है.
नीतीश के इस खास मंत्री के आरोप यहीं नहीं रुके. उन्होंने भागवत की तुलना खालिस्तानियों से करते हुए कहा कि जिस तरह से उन लोगों के आंदोलन देश को तोड़ते थे, उसी तरह से भागवत ये बयान देकर देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
अब तक बगलगीर रहे जिस बीजेपी के, उसके लिए सिंह बोले कि भाजपा सांप्रदायिक शक्तियों को बढावा देने और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने में लगी हुई है.
मोह भंग: साधु के खिलाफ 2 केस दर्ज जोधपुर। सांसारिक जीवन से मोह भंग होने की बात कह साधु के साथ सन्यासिनी बनने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मंगलवार को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश की। अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित व उनके सहयोगी प्रद्युम्नसिंह ने कहा कि बनाड़ निवासी साधु समरथराम के खिलाफ इस मामले में भीलवाड़ा जिले के गंगापुर थाने में 20 जुलाई को महिला के लज्जाभंग का मामला दर्ज है। इसी थाने में उसके खिलाफ एक अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई है।उल्लेखनीय है कि चातुर्मास के दौरान एक साधु के सम्पर्क में आने के बाद एक युवती के सांसारिक जीवन त्यागकर सन्यासिनी बनने की ठान ली है। इस मामले में वरिष्ठ न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खण्डपीठ में सरकारी वकील राजलक्ष्मीसिंह चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में साधु के युवती से बातचीत का ब्यौरा कॉल डिटेल में आया है। साधु के अन्य महिलाओं से सम्पर्क की बात भी सामने आई है। कोर्ट में कहा गया कि साधु के खिलाफ एक 25 वर्षीय दलित महिला के लज्जा भंग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है।इस पर खण्डपीठ ने सवाल किया कि जब साधु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो अब तक उसको गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इसके साथ ही खण्डपीठ ने अगली सुनवाई पर याचिकाकर्ता युवती को कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया।
रैगर समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह की तैयारियां जोरो पर अलग-अलग कमेटियां बनाकर सौंपी जिम्मेदाररियां बाड़मेर।राज्य भर के रैगर समाज की प्रतिभाओं का सम्मान समारोह जयपुर में आयोजित होगा। आयोजन में भाग लेने के लिए बाड़मेर से प्रतिभावान छात्र-छात्राऐं अधिक से अधिक जावे, इसलिए अलग-अलग कमेटियां बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गर्इ हैं। अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश जाटोल ने बताया कि अखिल भारतीय रैगर महासभा के राजस्थान प्रदेश युवा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में चार अगस्त को रैगर छात्रावास जयपुर में रैगर समाज की प्रतिभाओं का सम्मान समारोह रखा गया हैं। इस समारोह को सफल बनाने के लिए बाड़मेर चंदन जाटोल, भंवरलाल खोरवाल चौहटन रतनलाल फुलवारिया, अनोपचंद फुलवारिया, धोरीमन्ना दिनेश कुलदीप, ओमप्रकाश गोसार्इ, सिणधरी प्रकाश खोरवाल, रामलाल सिंघाडि़या, लीलसर चुन्नीलाल सिंघाडि़या, नगर से बाबूलाल जाटोल को जिम्मेदारी सौंपी गर्इ हैं। सभी प्रतिभावन छात्र-छात्राऐं अपनी-अपनी अंकतालिकाऐं इनके पास 31 जुलार्इ तक जमा करवायेगें। इस दौरान रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष शंकरलाल नारोलिया ने समाज के सभी लोगो से अपील करतें हुए कहा कि इस आयोजन में अधिक से अधिक पहुंचकर आयोजन को सफल बनायें। इस दौरान रैगर महासभा के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री जगदीश सोनवाल ने कहा कि महासभा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष टी आर वर्मा के नेतृत्व में समय-समय पर ऐसे आयोजन कर प्रतिभाओं का सम्मान कर उन्हें ओर आगे बढने का हौसला अवजाही करतें हैं। ऐसे आयोजन समय-समय पर आगे भी चलते रहेगे।
प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी बाड़मेर के दौरे पर 26 से- प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी जिले भर में आयोजित होने वाले लैपटाप एवं सार्इकिल क्रय करने के लिए चैक वितरण समारोहाें में शामिल होंगे।बाड़मेर, 23 जुलार्इ। बाड़मेर जिले के प्रभारी मंत्री एवं संसदीय सचिव दिलीप चौधरी 26 जुलार्इ से बाड़मेर के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान राजीव गांधी डिजिटल योजनान्तर्गत लैपटाप एवं सार्इकिल क्रय के लिए जिले भर में 27 से 30 जुलार्इ तक आयोजित होने वाले चैक वितरण समारोहाें में शामिल होंगे। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी 26 जुलार्इ को सांय 6 बजे जैतारण से रवाना होकर रात्रि 10.30 बजे बाड़मेर सर्किट हाउस पहुंचेंगे। बाड़मेर में रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन 27 जुलार्इ को सुबह 10 बजे भगवान महावीर टाउन हाल में लैपटाप, पीसी टेबलेट एवं साइकिल क्रय करने के लिए चैक वितरण समारोह में शिरकत करेंगे। इसके उपरांत दो बजे राउमावि शिव में आयोजित होने वाले चैक वितरण समारोह में शामिल होंगे। 27 जुलार्इ को रात्रि विश्राम बाड़मेर सर्किट हाउस में करने के बाद 28 जुलार्इ को सुबह दस बजे धोरीमन्ना पंचायत समिति एवं दोपहर दो बजे पंचायत समिति चौहटन में आयोजित होने वाले चैक वितरण समारोह में शामिल होंगे। रात्रि विश्राम बाड़मेर सर्किट हाउस में करने के उपरांत 29 जुलार्इ को बायतू पंचायत समिति में 10 बजे तथा दोपहर 2 बजे सिणधरी पंचायत समिति में चैक वितरण समारोह के दौरान चैक वितरण करेंगे। इस दिन रात्रि विश्राम बालोतरा डाक बंगले में करेंगे। गुगरवाल ने बताया कि 30 जुलार्इ को प्रभारी मंत्री चौधरी सुबह दस बजे बालोतरा पंचायत समिति एवं दोपहर दो बजे सिवाना पंचायत समिति में आयोजित होने वाले चैक वितरण समारोहाें में शामिल होंगे। सिवाना से वापिस जेतारण के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। इन चैक वितरण समारोह को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक एवं माध्यमिक को समुचित व्यवस्थाएं सुनिशिचत करने के निर्देश दिए गए है।उन्होने बताया कि इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (मा0) कार्यालय में 30 जुलार्इ तक प्रात: 8.00 बजे से सायं 8.00 बजे तक नियन्त्रण कक्ष की स्थापना की गर्इ है। नियन्त्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 02982-230228 है। नियन्त्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी विशनाराम चौधरी होंगे जिनके मोबार्इल नम्बर 9460669155 है।
निर्मल भारत अभियान के तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित-नरेन्दकुमारबाडमेर 23 जुलार्इ ( ) सिणधरी ब्लाक के बेरीवाला तला पंंचायत मेंं तेरह सौ से अघिक घरो में सिर्फ तीन शौचालय ही निर्मित थे। उसमें भी एक का ही नियमित उपयोग होता था। लोग खुले में ष्शेच जाते थे जिसके कारण वर्षा के दिनो गंदगी एंव मच्छरो की भरमार के चलते गाव म स्वच्छता के अभाव के चलते उल्टी-दस्त एंव पेट की बीमारियो आम रहती थी । जिला परिषद दवारा पंचायत को निर्मल भारत अभियान से जोडने एंवम केयर्न एनर्जी एंवम महानरेगा की मदद से गांव में शोचालय के साथ स्नानघर के निर्माण में ग्राम पंचायत जिले में रिर्काड बनाने की ओर अग्रसर है ं ये बात डीएफपी बाडमेर दवारा आयोजित निर्मल भारत अभियान प्रचार कार्यक्रम के दौरान आपसी चर्चा में ग्रामीणो एंवम संरपच खेताराम चौधरी ने बताया कि शौचालय एंव स्नानघर निर्माण कार्य से पूर्व पूरे गांव की मीटिग लेकर उनकी सहभागिता से कार्य शुरू किया गया ।आज कम पैसो के बावजूद अनेक ग्रामीणो ने स्ंवय मजदूरी करके तथा घर का पैसा लगाकर टार्इल्सो के साथ बेहतरीन शौचालय एंवम स्नानघरो का निर्माण किया है ।वहीं दौ सौ घरो में शोचालय एंवम स्नानघर बनकर तैयार हो गये है । साथ ही डेढ सौ घरो में कार्य प्रगति पर है । ग्राम पंचायत का प्रयास है कि ं आने वाले छ: महीनो में दूर-दराज एंवम रेगिस्तानी क्षेत्र होने के बावजूद सभी घरो में यह सुविघा शुरू करने के प्रयास का ग्रामीणो के सहयोग से अमली जामा पहनाया जायेगा । गांव की महिलाओ श्रीमति देवी.कमला.पन्नूइत्यादिने घूघट की ओट से बताया कि हम लोग पहलेस्नान करने के लिये चारपार्इ.पर्दो इत्यादि का सहारा लेती थी । एंव निपटने के लिये अन्धेरे मेेंं जाना पडता था । देरी से उठने एंव बीमारी के दौरान सिथति ओर खराब हो जाती थी। यह योजना हमारे लिये वरदान साबित हुयी है । अब हम भी शहरी महिलाओ की तरहजीवनका हर सुख ले रही है । डीएफपी दवारा निर्मल भारत अभियान के तहत दस गांवो में विशेष प्रचार अभियान चलाया गया जिसमें चलचित्र प्रर्दशन.मोखिक वार्ता.विचार गोष्ठीयो एंव प्रतियोगिताओ के माध्यम से ग्रामीणो को स्वच्छता से रहने से अनेक बीमारियो से निजात मिलने के साथ बीमारियो पर होने वाले खर्चो एंवम परेशानीयो से भी मुकित मिल जायेगी । डीएफपी बाडमेर दृवारा सीमावर्ती हेमावास में आयोजित प्रचार कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड के एम0सी0रेगर.डा0प्रदीप पगारिया.सामाजिक कार्यकर्ता सवार्इसिंह.मोहम्मद हनीफ ने बताया कि ग्रामीणोक्षेत्र में नब्बे प्रतिशत बीमारियो गंदगी के कारण होती है गांवो में गंदे पानी के भराव को रोकने एंवम अपने घर के साथ-साथ मौहल्लें एंवम गांव में भी स्वच्छता रहे ऐसे प्रयास सभी को मिल कर करने की अपील की । इस अवसर पर कार्यालय दवारा मोखिक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें विजेता दस प्रतिभागीयो को पुरस्कृत किया गया ।
गुरू के चरणो में ही स्वर्ग है ब्रहमसर में महापूजन का आयोजन
गुरू के चरणो में बही भजनो की सरिताबाड़मेर 23 जुलार्इ। गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर कुषल दर्षन मित्र मण्डल की ओर से गुरू दर्षन संघ का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रहमसर की धर्म धरा पर विराजमान दादा जिनकुषल सुरीष्वर के दर्षन कर भक्तो ने गुरू के चरणो में शीष झुकाया। मण्डल के कपिल मालू ने बताया कि संघ बाड़मेर से ब्रहमसर गुरू पूर्णिमा के दिन रवाना हूआ वहा पर पहुंचने के बाद दादा गुरूदेव के दर्षन के साथ साथ दादा गुरूदेव के महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यभर से आये भक्तो ने षिरकत की। मालू ने बताया कि महापूजन में स्थानीय कलाकारो की ओर से शानदार भजनो की प्रस्तुतियां दी। महापूजन के बाद सांय को गुरूदेव की 108 दिपक की महाआरती का आयोजन किया गया। ब्रहमसर में आयोजित गुरू-षिष्य की परम्परा का निर्वाहन करते हुए इसका आयोजन किया गया जिसमें लाभार्थी परिवारो का बहुमान किया गया। इस अवसर पर कुषल दर्षन मित्र मण्डल के अध्यक्ष ने गुरू व षिष्य की महिमा पर प्रकाष डाला। उन्होने कहा कि गुरू बिना ज्ञान नही ओर ज्ञान बिना मोक्ष नही मिल सकता। संसार में गुरू ही सच्चा मार्ग दिखला सकता है। उन्होने दादा गुरूदेव के जीवन के कर्इ प्रसंग सुनाकर गुरू महिमा का बखान किया। उसके पश्चात संघ लौद्रवा तीर्थ पहुंचा जहां पर दर्षन पूजा कर खूषहाली की कामना की।
रेप की खबर सुन पति ने किया सुसाइड पिलानी। तीन साल पहले राजस्थान में एक महिला से रेप के बाद अश्लील सीडी बनाकर देहशोषण के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे ही दिन पीडिता के पति ने कुएं में कूद कर मंगलवार को अपनी जान दे दी। मृतक ने सोमवार को ही थाने में 5 लोगों के खिलाफ पत्नी से दुष्कर्म और 3 साल तक देहशोषण को आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। फिलहाल,मृतक के परिजन आत्महत्या के पीछे पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगा रहे है और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग पर धरने पर बैठ गए हैं। परिजनों के विरोध के चलते शव का दोपहर तक भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।जानकारी के अनुसार मृतक 37 वर्षीय पवन सैन यहां पिलानी का रहने वाला था और लम्बे समय से विदेश में नौकरी कर रहा था। कुछ ही समय पूर्व वह विदेश से घर लौटा तो पता चला कि कुछ दंबग उसकी पत्नी को ब्लैकमैल कर रहे हैं। पत्नी को विश्वास में लेकर जब पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि 5 लोग 2010 से उसके साथ दुराचार कर रहे हैं और अब भी जबरन सेक्स का दबाव बना रहे हैं। आरोपियों के पास पीडिता की अश्लील सीडी होने की भी बात सामने आई। पत्नी के साथ अत्याचार की शिकायत लेकर सोमवार को पवन पुलिस स्टेशन पहुंचा और आरोपी संतलाल,हीरालाल,फूलचंद,निहालसिंह और राकेश के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोपमृतक के परिजनों ने पवन के सुसाइड के पीछे पुलिस प्रताड़ना को वजह बताया है। परिजनों की माने तो आरोपियों में से एक शख्स राजनीतिक पहुंच रखता है और क्षेत्र से विधायक का चुनाव भी लड़ चुका है। इन्हीं दबंगों के दबाव में पुलिस मृतक पर मामला वापस लेने का दवाब बना रही थी। जिससे दु:खी होकर पवन ने सुसाइड कर लिया।
कर्ज हुआ तो पत्नी को 5 के साथ सुलाया प्रतापगढ़। कर्ज में डूबे एक शख्स ने कर्जदारों से बचने के लिए अपनी बीवी की आबरू को ही दाव पर लगा दिया। राजस्थान की इस घटना में पीडित पत्नी ने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर पीछा कलयुगी पति से पीछा छुड़ाने की गुहार लगाई है। पुलिस में दर्ज शिकायत में पीडिता ने पति पर आरोल लगाय है कि उसका पति कर्ज चुकाने के लिए 5 से भी अधिक लोगों के पास सोने को मजबूर कर चुका है। प्रतापगढ़ पुलिस के अनुसार पीडिता जिले के बसाड की रहने वाली है। बुर्के में थाने पहुंचे इस मुस्लिम महिला ने पति पर दुष्कर्म कराने का आरोप लगाया है। पीडिता की शिकायत है कि आरोपी पति ने कर्जा चुकाने के लिए पांच से अधिक लोगों के साथ सोने के लिए मजबूर किया।