मोह भंग: साधु के खिलाफ 2 केस दर्ज
जोधपुर। सांसारिक जीवन से मोह भंग होने की बात कह साधु के साथ सन्यासिनी बनने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मंगलवार को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश की।
अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित व उनके सहयोगी प्रद्युम्नसिंह ने कहा कि बनाड़ निवासी साधु समरथराम के खिलाफ इस मामले में भीलवाड़ा जिले के गंगापुर थाने में 20 जुलाई को महिला के लज्जाभंग का मामला दर्ज है। इसी थाने में उसके खिलाफ एक अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि चातुर्मास के दौरान एक साधु के सम्पर्क में आने के बाद एक युवती के सांसारिक जीवन त्यागकर सन्यासिनी बनने की ठान ली है।
इस मामले में वरिष्ठ न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खण्डपीठ में सरकारी वकील राजलक्ष्मीसिंह चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में साधु के युवती से बातचीत का ब्यौरा कॉल डिटेल में आया है। साधु के अन्य महिलाओं से सम्पर्क की बात भी सामने आई है। कोर्ट में कहा गया कि साधु के खिलाफ एक 25 वर्षीय दलित महिला के लज्जा भंग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इस पर खण्डपीठ ने सवाल किया कि जब साधु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो अब तक उसको गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इसके साथ ही खण्डपीठ ने अगली सुनवाई पर याचिकाकर्ता युवती को कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया।
जोधपुर। सांसारिक जीवन से मोह भंग होने की बात कह साधु के साथ सन्यासिनी बनने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मंगलवार को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश की।
अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित व उनके सहयोगी प्रद्युम्नसिंह ने कहा कि बनाड़ निवासी साधु समरथराम के खिलाफ इस मामले में भीलवाड़ा जिले के गंगापुर थाने में 20 जुलाई को महिला के लज्जाभंग का मामला दर्ज है। इसी थाने में उसके खिलाफ एक अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि चातुर्मास के दौरान एक साधु के सम्पर्क में आने के बाद एक युवती के सांसारिक जीवन त्यागकर सन्यासिनी बनने की ठान ली है।
इस मामले में वरिष्ठ न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खण्डपीठ में सरकारी वकील राजलक्ष्मीसिंह चौधरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में साधु के युवती से बातचीत का ब्यौरा कॉल डिटेल में आया है। साधु के अन्य महिलाओं से सम्पर्क की बात भी सामने आई है। कोर्ट में कहा गया कि साधु के खिलाफ एक 25 वर्षीय दलित महिला के लज्जा भंग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इस पर खण्डपीठ ने सवाल किया कि जब साधु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो अब तक उसको गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इसके साथ ही खण्डपीठ ने अगली सुनवाई पर याचिकाकर्ता युवती को कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया।
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