रविवार, 7 जुलाई 2013

जाटों ने रिफायनरी को लेकर गहलोत के खिलाफ भरी हुंकार



जाटों ने रिफायनरी को लेकर गहलोत के खिलाफ भरी हुंकार



रिफाइनरी को आर -पार की लड़ाई शरू सेकड़ो लोगो ने किया जमकर प्र्दशन दी
सरकार को खुली चेतवानी मगला प्लांट को सात दिन के लिए बंद करवा देंगे


बाड़मेर रिफाइनरी को लीलाला में स्थापित करने की माग को लेकर
आज रविवार को बाड़मेर जिले के सेकड़ो लोगो ने बायतु कसबे को बंद रख कर
सेकड़ो लोगो ने सडको पर उतर कर आर -पार की लड़ाई शरू कर दी लोगो ने सडको पर
जमकर हंगामा करते सूबे की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते
हुए खुली चेतवानी दे दी कि अगर सरकार ने समय रहते रिफाइनरी को लीलाला
में नहीं स्थापित की तो हम आने वाले दिनों में मगला प्लांट को सात दिन
के लिए बंद करवा देंगे याद रहे देश का करीब तीस फीसदी क्रूड आयल एमपीटी
प्लांट से निकलता है
रिफाइनरी बचाओ संघर्ष समिति की और से आयोजित बायतु कसबे में
महापंचायत में सुबह से ही बाड़मेर जिले के लोगो का जुटने का सिलसला शरू हो
गया उसके बाद करीब 12 बजे के करीब एक विशाल सभा का आयोजन किया गया जिसे
विभिन्न नेताओ ने सम्भोधित करते हुए एक ही आवाज में कहा कि रिफाइनरी
यहीं लगेगी इसके लिए अगर जान देनी पड़ी तो दे देंगे। तेल बायतु में तो
रिफाइनरी भी यही लगे। जनता के साथ धोखा किया जा रहा है जिसे सहन नहीं
किया जाएगा। इस मोके पर राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष केलाश बेनीवाल
ने कहा कि पचपदरा तहसील में सरकारी जमीन पर रिफाइनरी लगाने का फैसला
करवा कर सरकार ने जिलेवासियों के साथ विश्वासघात किया है। 2004 में
पचपदरा तहसील में रिफाइनरी के लिए इसी जमीन को अनुपयुक्त माना, अब सरकार
रातों रात उपयुक्त मानने का फैसला करवाकर बाड़मेर की जनता के साथ धोखा
किया है। साथ ही सरकार को खुली चेतवानी दे डाली की अगर आने वाले दिनों
रिफाइनरी को लिलाना नहीं की घोषणा सरकार नहीं की तो हम हजारो लोग मगला
प्लांट को सात दिन के लिए बंद करवा देंगे याद रहे देश का करीब तीस फीसदी
क्रूड आयल एमपीटी प्लांट से निकलता है
सेकड़ो लोगो को सम्भोधित करते हुए कांग्रेस युवा नेता
डॉक्टर रमन चोधरी ने कहा सरकार ने हमारे लोगो के साथ सरकार ने धोखा किया
है यह पूरी राजनीति साजिस के तहत कुछ नेताओ को लाभ पहुचाने के लिए
रिफायनरी को पचपदरा लगाया जा रहा है रिफायनरी पर पहला हक़ हमारे है इससे
स्थानीय लोगो को आजादी के बाद पहली बार लाखो लोगो को रोजगार मिलने की
उम्मीद जागी तो जो कि अब पूरी तरीके से खत्म हो गई पचपदरा रिफायनरी लगने
से सारे केमिकल फेक्ट्री जोधपुर में लगेगी अब हम रिफायनरी को किसी भी हाल
में पचपदरा नहीं जाने देंगे
रिफाइनरी को लीलाला में स्थापित करने की माग को लेकर अब
कांग्रेस और बीजेपी के नेता भी एक हो गए है भाजपा के नेता केलाश चोधरी
ने कहा कि .रिफाइनरी को लीलाला में स्थापित होगी अगर इसके लिए हमे उग्र
आन्दोलन करके सड़के जाम करनी पड़ेगी तो हम आने वाले दिनों में वो भी करेगे
हम तेल की एक बूंद भी बायतु से पचपदरा नहीं जाने देंग बायतु के उपखंड अधिकारी आलोक जैन के अनुसार आज सेकड़ो
लोगो ने एक ज्ञापन दिया है जिसमे इन लोगो कि माग है कि .रिफाइनरी को
लीलाला में स्थापित किया जाए
.रिफाइनरी को लीलाला में स्थापित करने की माग को लेकर अब
सेकड़ो लोगो ने अपने ज्ञापन साफ़ लिखा है कि अगर इस आन्दोलन में कोई जन
हानि हुई तो सरकार जिम्मेदार होगी एक बात तो अब साफ़ है कि इसी साल होने
वाले विधानसभा से पहले सूबे के मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत की रिफायनरी को
लेकर मुश्किले बढती जा रही है

जोधपुर में कैदी ने जेल में की आत्महत्या

जोधपुर में कैदी ने जेल में की आत्महत्या
जोधपुर केन्द्रीय कारागाह में एक विचाराधीन कैदी ने रविवार तड़के आत्महत्या कर ली।

रातानाडा थानाधिकारी सुगम सिंह ने बताया कि सुबह सूचना मिली कि अपने भाई की हत्या के आरोप में जेल की बैरक नम्बर चार में बंद जावेद अली ने सुबह करीब 3 बजे फंासी लगाकर आत्महत्या कर ली।

उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मौका मुआयना किया तथा न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं । पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनोें को सुपुर्द कर दिया गया।

हमले में आडीएक्स का भी इस्तेमाल"

हमले में आडीएक्स का भी इस्तेमाल"
पटना। विश्व में सत्य अहिंसा और करूणा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बिहार का बोधगया रविवार को पहली बार आतंकी हमले का शिकार बना जिसमें दो विदेशी घायल हो गए। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एस.के भारद्वाज ने बताया कि बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर और उसके आसपास सुबह साढ़े पांच से छह बजे के बीच हुए नौ बमों के धमाके के लिए अमोनियम नाइट्रेट, आरडीएक्स और टीएनटी तथा टाइमर का इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने बताया कि दो बम भी बरामद किए गए हंै जिन्हे बम निरोधक दस्ते की मदद से निष्क्रिय कर दिया गया है। भारद्वाज ने कहा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की एक टीम मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीम भी जांच के लिए वहां पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि कि जांच के बाद ही यह पता चल सकेगा कि हमले में किस संगठन का हाथ है और हमले के पीछे उनका मकसद क्या था।

उन्होंने बताया कि इस हमले में दो तिब्बती बौद्ध श्रद्धालु घायल हुए हैं। बिहार में पहली बार हुए आतंकवादी हमले के बाद सिखो के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह की जन्म स्थली तख्त हरमंदिर पटना साहिब, पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर और बिड़ला मंदिर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही हथुआ मार्केट समेत भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस श्वान दस्तें के साथ तलाशी कर रही है।

हजुरी समाज द्वारा वृहद स्तर पर मुक्तिधाम में पौधारोपण







हजुरी समाज द्वारा वृहद स्तर पर मुक्तिधाम में पौधारोपण

जीना हें तो पोधे लगाने पड़ेंगे ....प्रेम सिंह



जैसलमेर हजुरी समाज सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार को हजूरी समाज के सेकड़ो लोगो ने शहर स्थित मुक्तिधाम में पौधारोपण कर समाज में पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश दिया .मुक्तिधाम में समाज के अध्यक्ष प्रेम सिंह नैनसोपरा के मुख्य आतिथ्य में धार्मिक तुलसी का पौधा मंत्रोचारण के साथ रोपित कर कार्यक्रम की शुरुआत की समाज के सेकड़ो सेवकों ने दो सौ इक्यावन पोधे एक साथ रोपित किये .इस अवसर पर अर्जुन सिंह परिहार ,मोती सिंह तंवर ,अचल सिंह दैया ,चन्दन सिंह भाटी ,सुजान सिंह तंवर .घनश्याम सिंह चौहान ,शिवनारायण भाटी ,छोटू सिंह देवड़ा ,मान सिंह देवड़ा ,उम्मेद सिंह जंगा ,रमण जंगा ,शैतान सिंह देवड़ा ,रमण सिंह राठोड ,नैन सिंह ,पंकज तंवर ,प्रदीप गौड़ ,जीतेन्द्र महेचा ,शैतान सिंह चौहान ,प्रताप राठोड ,जीतेन्द्र सिंह सिसोदिया ,मास्टर मयंक देवड़ा ,मास्टर चेतन सोलंकी ,मग सिंह राठोड ,अनिल जंगा ,घनश्याम सिंह बासन पीर सहित समाज के सेकड़ो युवा और बुजुर्ग कार्यकर्ता उपस्थित थे .कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हजुरी समाज के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह नैन सौपारा ने कहा की पोधारोपन सबसे बड़ा धर्म हें ,जीना हें तो पौधे लगाने पड़ेंगे ,उन्होंने समाज के युवाओं से आह्वान किया की समाज में प्रयावरण की जागरूकता के लिए ऐसे कार्यक्रमों की महती आवश्यकता हें .उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि युवाओं में समाज की भावना पैदा करें तथा समाज के विकास में आगे बढ़ कर योगदान दे उन्होंने कहा की समाज शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हें .युवा वर्ग शिक्षा के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे .इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष अर्जुन सिंह परिहार ने कहा की समाज के विकास में युवाओं की महत्ती भूमिका रहती हें इसके लिए युवाओं में समाज हित की भावना होना जरुरी हें ,उन्होंने कहा की युवाओं वर्ग समाज के कार्यो के लिए आगे आये तभी समाज का विकास संभव हें .इस अवसर पर मोती सिंह तंवर ने कहा की आपसी मतभेद भुला कर समाज के विकास में सब एक साथ जुट जाए ,उन्होंने अन्य समाजो की तरह हजूरी समाज में राजनितिक जागरूकता की बात कही .चन्दन सिंह भाटी ने कहा की जिस युवा में समाज के प्रति जज्बा ना हो उसका जीवन बेकार हें ,उन्होंने कहा की समाज को एकसूत्र में बांधे रखना मौजिज लोगो का काम हें तो युवाओं को उनके मार्ग दर्शन में समाज के विकास में अपनी भूमिका तय करना भी निहायत जरुरी हें ,उन्होंने युवाओं से समाज की भावना जाग्रत करने का आह्वान किया .मुक्तिधाम में आयोजित सभा के बाद निर्णय लिया की युवाओं को महीने में दो बार मुक्तिधाम के विकास के लिए कार सेवा ,समिति के सदस्यों द्वारा निरंतर देखभाल करने के साथ समाज की सम्पतियों के विकास के कई निर्णय लिए गए . समाज के सेवको द्वारा मुक्तिधाम परिसर की वृहद स्तर पर सफाई अभियान भी चलाया गया .

शनिवार, 6 जुलाई 2013

अप्राकृतिक यौन तलाक का आधार!

अप्राकृतिक यौन तलाक का आधार!
जालोर। जिला एवं सेशन न्यायालय ने जबरदस्ती अप्राकृतिक यौन दुराचार व मारपीट को क्रूरता मानते हुए तलाक की डिक्री का आधार माना है।

न्यायाधीश रमेशचन्द्र पारीक ने कहा कि विवाह विच्छेद प्रार्थना-पत्र स्वीकार किया। एक विवाहिता ने न्यायालय में परिवाद पेश कर बताया कि शादी के बाद उसका पति दहेज की मांग करने लगा। नशे में जबरदस्ती अप्राकृतिक यौन दुराचार करता है। अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने से मना करने पर उसके साथ मारपीट करता था।

ललित पुरोहित को एनचेंटिंग इंडिया नामक प्रतिष्ठित पर्यटक गाईड के एवार्ड



जैसलमेर के प्रकाशवान नक्षत्र ललित पुरोहित को एनचेंटिंग इंडिया नामक प्रतिष्ठित जर्मन ट्रेवल कंपनी ने वर्ष 11-12 के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गाईड के एवार्ड से नवाजा है। नई दिल्ली की लीला होटल में आयोजित किये गये एवार्ड समारोह में जैसलमेर के प्रतिष्ठित गाईड ललित पुरोहित को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। देश भर में पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रहे गाईडों व एस्कार्ट में से जर्मन भाषा में अपनी बेजोड पकड एवं ज्ञान तथा पर्यटकों के साथ कुशल व्यवहार के चलते पुरोहित को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। आयोजित समारोह में प्रसस्ती पत्र के साथ कंपनी द्वारा पुरोहित को 25 हजार रूपये का नगद पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
पुरोहित द्वारा विश्व स्तर पर जैसलमेर का नाम रौशन करते हुए इस एवार्ड को प्राप्त करने पर जैसलमेर के पर्यटक गाईडों में भी जोश का माहौल है एवं पुराहित के जैसलमेर पहंुचने पर शहर भर के पर्यटक गाईडों ने उनका माल्यापर्ण कर स्वागत किया। इस अवसर पर चन्द्रशेखर श्रीपत, पृथ्वीपाल सिंह रावलोत, के के व्यास, विमल गोपा, भानु श्रीमाली, जितेन्द्र पोलजी, पी एस राजावत, अनिल आचार्य, राजेश व्यास सहित कई पर्यटक प्रेमियों ने एनचेटिंग कंपनी का आभार व्यक्त किया और पुरोहित द्वारा प्राप्त किये गये अवार्ड पर प्रशंसा की। इस अवसर पर पुरोहित का स्वागत करते हुए रंगकर्मी विजय बल्लाणी ने जैसलमेर पर्यटन के इतिहास में इसे स्वर्णिम बताया और कहा कि यहां के गाईड ने देश भर के पर्यटक गाईडों के बीच अपनी अच्छी सेवा व सद्व्यवहार के के कारण इस अवार्ड को प्राप्त किया है यह जैसलमेर के लिये गौरव का विषय है।

लम्बे समय से स्थार्इ वारंटी पुलिस की गिरफ्त में,छ और गिरफ्तार


लम्बे समय से स्थार्इ वारंटी पुलिस की गिरफ्त में,छ और गिरफ्तार
स्थार्इ वारंटी आले दर्जे का तार चोर

तार चोर का स्थार्इ वारंटीहिस्ट्रीशीटर गोरधनसिंह का सगा भार्इ है


जैसलमेर जिला पुलिस को तार चोरो के विरूद्ध बडी कामयाबी हाथ लगी जब पुलिस थाना झिझनियाली का स्थार्इ वारंटी डूंगरसिंह पुलिस के हत्थे चढ़ा, जो कि तार चोरी का शातिर चोर है तथा स्थार्इ वारंटीहिस्ट्रीशीटर गोरधनसिंह का सगा भार्इ है। ज्ञात रहे कि पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर पंकज चौधरी द्वारा तार चोरो की कुख्यात गैंग जिसमें गोरधनसिंह एवं उसके साथियों को गिरफतार करने के लिए पुलिस टीमों गठन कर पुलिस टीमों एवं थानाधिकारी झिझनियाली को सख्त निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशों की पालना में पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। दौराने तलाशी दिनांक 04.07.2013 को थानाधिकारी पुलिस थाना झिझनियाली नारायणलाल निपु को जरिये मुखबीर र्इतला मिली की डूंगरसिंह पुत्र र्इश्वरसिंह उम्र 45 साल निवासी म्याजलार जोकि ख्याला मठ के आगे जंगल में दिखार्इ दिया है। जिस पर नारायणलाल निपु थानाधिकारी पुलिस थाना झिझनियाली मय जाब्ता द्वारा ख्याला मठ से आगे जंगल में सूचना अनुसार छानबीन की, तो मुलजिम डूंगरसिंह पुत्र र्इश्वरसिंह उम्र 45 साल निवासी म्याजलार भागते हुए गिरफतार किया गया। स्थार्इ वारंटी आले दर्जे के तार चोर है। इसके विरूद्ध कर्इ चोरी के मुकदमें जिला एवं जिले से बाहर दर्ज है। इसकी गिरफतारी के बाद पुलिस केा अन्य चोरियों के सुराग मिलने में सहायता मिलेगी।गोरधनसिंह को पकड़ने वाले नागरिक, व्यकित एवं अधिकारी या जवान को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जायेगा।




06 शातिर केबल तार चोर गिरफतार


जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर पंकज चौधरी के निर्देशन में जैसलमेर क्षैत्र में चोरी नकबजनी की वारदातों पर अंकुश लगाने व चोरों, नकबजनों की गिरफ्तारी हेतु, जिले के समस्त वृताधिकारियोंथानाधिकारियों को अपने-अपने हल्का क्षेत्र में सघन गश्त एवं नाकाबंदी के निर्देश दिये गये। इसके साथ जिले में स्थापित विंड एनर्जी एवं कम्पनी में पदस्थापित सुरक्षा गार्ड की भी मिटींग लेकर उनको डयूटी पर मुस्तैद रहने की समझार्इश की गर्इ। उक्त निर्देशों की पालना में पुलिस एवं सुजलोन कम्पनी जैसलमेर द्वारा सतर्कतापूर्वक एवं मुस्तैदी से कार्यवाही करते हुए 06 शातिर चोरो को गिरफतार किया गया।


लक्ष्मीनारायण सहायक मैनेजर सिक्युरीटी सुजलोन कंपनी जैसलमेर ने हाजिर थाना होकर लिखित रिपोर्ट पेश की कि दिनांक 05.07.13 शाम के आकल शरहद में कंपनी के टावरों के पास गार्ड द्वारा चैकिंग के दौरान टावर सं0 ए0के0 411 के पास गाड़ी देखने पर गार्डो व सुपरवार्इजर को सुचित कर चैक किया तो गार्ड को देखकर चोर टावर में से निकल कर भाग गये तथा छ: चोरों को गार्ड व गांव वालों ने पकड़ लिया तथा कंपनी के मुख्य सुरक्षा अधिकारियों को सुचित कर 06 शातिर चोर 01. कमलसिंह पुत्र सतीदानसिंह राजपूत निवासी जसुवा पुथा खूहड़ी, 2. नरपतसिंह पुत्र भैरूसिंह राजपूत निवासी गोरेरा पुथा खूहड़ी, ,3. कमलसिंह पुत्र भैरूसिंह राजपूत निवासी गोरेरा पुथा खूहड़ी, 4. जेठुसिंह पुत्र नखतसिंह राजपूत निवासी भींया पुथा खूहड़ी ,5. पपुराम पुत्र तिलोकाराम मेघवाल निवासी हांसुवा पुथा खूहड़ी तथा 6. भैरूसिंह पुत्र आमसिंह राजपूत निवासी मेहरेरी पुथा सांगड़ को पकड़ कर पुलिस को पेश किया। इनके पास से दो सरिये तथा पाने तथा काटी गर्इ केबल मिली है। उक्त मुलजिमान ने कंपनी के लोकेशन नंबर 411 का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसकर केबल काटकर चोरी कर ले गये है। पांच आदमी और थे जो गाड़ी लेकर भाग गये। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना जैसलमेर में विधुत अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर, पुलिस द्वारा 6 चोरो को गिरफतार किया जाकर मुकदमा की तफतीश शेराराम सउनि मय जाब्ता को सपुर्द की गर्इ। अनुसंधान जारी है।

जैसलमेर पुलिस बेड़े में भारी फेरबदल 07 इन्स्पेक्टर एवं 14 सब इन्स्पेक्टर के स्थानांतरण

जैसलमेर पुलिस बेड़े में भारी फेरबदल 07 इन्स्पेक्टर एवं 14 सब इन्स्पेक्टर के स्थानांतरण

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर पंकज चौधरी द्वारा पुलिस में फेरबदल करते हुए, 07 इन्स्पेक्टरों एवं 14 सब इन्स्पेक्टरों के स्थानांतरण किये गये।
ज्ञात रहे कि जिले में रेंज एवं अन्यत्र रेंज से पदस्थापन पर आये निरीक्षक पुलिस एंव उप निरीक्षक पुलिस के जिले में उपसिथत देने के बाद तथा इस जिले से भी अधिकारी अन्यत्र जाने से जिले के काफी थानों के थानाधिकारी के पद खाली थे। उक्त खाली पदों एवं कार्य के मूल्यांकन के बाद आज
पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर पंकज चौधरी द्वारा 07 निरीक्षक पुलिस का स्थानांतरण किया गया जिसमें से हरीश राठौड को थानाधिकारी कोतवाली जैसलमेर, नारायणलाल को थानाधिकारी पुलिस थाना सदर जैसलमेर, रमेश कुमार को थानाधिकारी पुलिस थाना रामगढ, मोहनसिंह को थानाधिकारी पुलिस थाना मोहनगढ, मुकेश चावडा को थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड, कैलाशदान को थानाधिकारी पुलिस थाना सम एवं दिनेश कुमार को थानाधिकारी पुलिस थाना पोकरण लगाया गया। इसके साथ-साथ 14 उप निरीक्षकों का भी स्थानांतरण किया जिनमें से जब्बरसिंह को पुलिस थाना कोतवाली, धन्नाराम को पुलिस चौकी अस्पताल जैसलमेर, बुद्धाराम को पुलिस थाना सदर जैसलमेर, नरपतसिंह पुलिस थाना सदर जैसलमेर, अणदाराम को पुलिस थाना झिझनियाली, राजेन्द्रसिंह को पुलिस थाना नाचना, कमलकिशोर को थानाधिकारी पुलिस थाना खुहडी, मोहनलाल को थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड, वीरसिंह को थानाधिकारी पुलिस थाना लाठी, रेवंतसिंह को थानाधिकारी पुलिस थाना रामदेवरा, माणकराम को प्रभारी यातायात शाखा जैसलमेर, प्र्रेमदान को अपराध शाखा, सहीराम को पुलिस थाना पोकरण तथा जीवणाराम को एल0ओ0 पुलिस लार्इन जैसलमेर पदस्थापित किया गया। उक्त समस्त अधिकारियों को अपने-अपने नवपदस्थान पद पर शीघ्रातिशीघ्र उपसिथती देने के आदेश दिये गये। 

बहु ने किया केस,सास-ननद ने की सुसाइड

बहु ने किया केस,सास-ननद ने की सुसाइड
बीकानेर। शहर के व्यास कालोनी थाना क्षेत्र मे शनिवार सुबह अपनी बहु से तंग आकर सास और ननद ने एक ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। पुलिस के अनुसार क्षेत्र के पवनपुरी निवासी 54 वर्षीय विधवा किरण पुरी और उसकी बेटी गीतिका (30) तड़के करीब चार बजे घड़सीसर इलाके में पटरियों की तरफ गई और ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

इससे किरणपुरी की मौके पर मौत हो गई और गीतिका गंभीर रूप से घायल हो गई। गंभीर रूप से घायल गीतिका को पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां इलाज के दौरान दोपहर को गीतिका की भी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक 26 जून को किरणपुरी की पुत्रवधू ने अपने पति,विधवा सास किरणपुरी और ननद गीतिका के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला महिला थाने में दर्ज कराया था।

इस पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया जहां किरणपुरी और गीतिका को जमानत पर रिहा कर दिया गया जबकि उसके बेटे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसके बाद से ही मां बेटी मानसिक रूप से परेशान थी।

दूल्हा 92 का और दुल्हन 22 की

दूल्हा 92 का और दुल्हन 22 की
नई दिल्ली। ऎसी कहावत है कि जोडियां ऊपर वाला ही तय करता है, लेकिन इस शादी को क्या कहेंगे कि एक व्यक्ति ने अपने से 70 साल छोटी युवती से निकाह करके नया ही रिकार्ड बना दिया। निकाह करने वाला व्यक्ति पेशे से किसान है।

इराक के 92 वर्षीय एक किसान ने हाल ही में अपनी उम्र से 70 साल छोटी युवती से ब्याह रचाया है। इस निकाह की खास बात है कि उसके दो किशोर पोतों का निकाह भी दादा के साथ ही हुआ है। इस निकाह कि खास बात यह है कि निकाह करीब 4 घंटे चला। इस दौरान खूब आतिशबाजी की गई और गाने-बाजों के साथ जश्न मनाया गया।

मीडिया खबरों के मुताबिक मुसली मोहम्मद अल-मुजामाय ने गुरूवार को बगदाद के उत्तरी छोर स्थित अपने गांव में 22 वर्षीय मुना मुख्लिफ अल-जुबूरी से निकाह किया है। तीन साल पहले मुजामाय की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई थी। पहले निकाह से उनके 16 बच्चे हुए। मुजामाय ने 16-17 के अपने पोतों के साथ इसलिए निकाह किया ताकि उन्हें भी अपनी उम्र कम महसूस हो।

जैसलमेर ख़त्म होती संस्कृति और परम्पराओं से घटे पर्यटक



विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष 

जैसलमेर पर्यटन सीजन पर विशेष लेख भाग 1 


आखिर क्यों आये विदेशी पर्यटक .....


ख़त्म होती संस्कृति और परम्पराओं से घटे पर्यटक 
जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान का रेगिस्तानी ऐतिहासिक जिला जैसलमेर अपने पर्यटन व्यवसाय से लिए विश्व भर में मशहूर हें .कभी पर्यटकों की रेलम पेल बारहमास रहने लगी थी असि और नब्बे के दशक में इस जिले में प्रयातकों का काफी जोर था .खासकर विदेशी सैलानी थार क्षेत्र की लोक कला ,संस्कृति और ग्रामीण जीवन करीब से देख अभिभूत हो जाते थे .एक साल में करीब पांच से सात लाख देशी विदेशी प्रयातकों का जैसलमेर आना होता था जो अब घटकर तीन लाख तक पहुँच गया .विदेशी सैलानियों का जैसलमेर से मोहभंग सा हो गया .पूर्व में जन्हा विदेशी पर्यटक जैसलमेर जिले को औसत दस दिन देते थे अब पर्यटक एक दो दिन में ही जैसलमेर की सैर कर निकल जाते हें .विदेशी पर्यटकों के जैसलमेर से मोहभंग होने का मुख्य कारन चाहे कोई कुछ बताये मगर वास्तव में जब से जैसलमेर में आधुनिकता ने घर किया तभी से विदेशी पर्यटकों से मूंह मोड़ना आरम्भ कर दिया .


ग्रामीण जीवन शैली में बदलाव

पूर्व में जैसलमेर आने वाला पर्यटक अपना अधिकांस समय ग्रामीण जन जीवन को जानने में लगाते थे .गाँवो का स्वछन्द वातारण ,पानी से भरे तालाब ,अलमस्त जीवन ,ग्रामीण वेशभूषा , रेगिस्तानी धोरे और कच्चे मकान एक गाँव के सुखद वातावरण का अहसास पर्यटकों को करते थे .थार की लोक संस्कृति ,परम्पराओं ,और जीवन शैली से वे खासे प्रभावित होते थे .आज गाँव गाँव नहीं रहे .गाँव शहरों को मात देते नज़र आते हें ,कच्चे झोंपड़ो की जगह पक्के मकान ,घरो में आधुनिकता की साड़ी सुख सुविधाए ,रेफ्रिजेटर ,कूलर एयर कंडीशनर ,घरो के आस पास लगे मोबाइल टावर .जींस पहने ग्रामीण ,शहरी पोशाको में सजी महिलाए ....विदेशी पर्यटक भारत की असली तस्वीर जैसलमेर के गाँवों में तलाशने आते थे जो अब गायब सी हो गयी हें .पर्यटक गांवों में दो दो तीन तीन दिन ग्रामीणों के साथ रह कर उनकी जीवन शैली को अपने कमरों में कैद करते थे .शाम को जंगल से वापस गाँवों की और आने वाली भेड़ बकरियों की एवड उन्हें लुभाती थी ,तो सुहानी रात में रेगिस्तानी धोरो की शीतलता में खो जाता था एक दम शांत वातावरण पर्यटकों को लुभाता
था .अब गाँवो में शोर गुल के अलावा कुछ बचा नहीं रही सही कसर विंड पवार के टावरों के पूरी कर दी ,जैसलमेर के पर्यटन उद्योग को विंड पोवार ने ख़त्म सा कर दिया .


चिर निंद्रा में पर्यटन विभाग
विदेशी शैलानियों के जैसलमेर से मोह भंग होने के बावजूद पर्यटन विभाग को कोई परवाह नहीं .सालाना करोड़ों रुपयों का कारोबार देने वाले विदेशी पर्यटकों को वापस जैसलमेर की और रुख करने को लेकर कोई योजना नहीं .पर्यटन विभाग के पास जैसलमेर आने जाने वाले देशी विदेशी पर्यटकों के संख्यात्मक आंकड़े तक उपलब्ध नहीं हें .पर्यटन विभाग में कोई फोन अटेंड करने वाला नहीं .पर्यटन विभाग की अनदेखी भी विदेशी शैलानियो के जैसलमेर तक ना आना प्रमुख कारण हें .


जिला प्रशासन लूटने में लगा हें

जैसलमेर आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को सर्वाधिक परेशानी जिला प्रशासन की कार्यवाही से होती . डेजर्ट नेशनल पार्क घूमने के लिए जिला प्रशासन से विशेष अनुमति लेनी होती हें .इसके लिए इतनी कागज़ी कार्यवाही होती हें की पर्यटक आखिर कर इरादा बदल देता हें .जिसको स्वीकृति मिल जाती हें उसे इसके लिए बहूत .सा पैसा दलालों के माध्यम से देना पड़ता हें ,कई स्थान जिले में ऐसे हें जहां जाने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जरुरी होती हें इसके लिए उन्हें भारी रकम चुकानी पड़ती हें .नगर पालिका ,पुलिस थाना ,पार्किंग स्थल ,जैसलमेर विकास समिति ,सहित कैयो को सुविधा शुल्क देने के बाद भी काम नहीं होते ,फिल्म शूटिंग वाले इस लूट के चलते जैसलमेर में शूटिंग करना भी अब पसंद नहीं करते ,


राजस्थानी लोक संस्कृति के अनवरत अनदेखी और पाश्चात्य संस्कृति की नक़ल ने जैसलमेर को विदेशी पर्यटकों से दूर कर रखा हें .

हम लोग जैसलमेर के इतिहास ,संस्कृति और लोक जीवन को जानने समझने और सीखने आते हें ,जैसलमेर में अब पहले वाला माहौल नहीं रहा .जब जैसलमेर जैसा वातावरण मुंबई और दिल्ली में मिल रहा हें तो लोग क्यूँ आये .हम भी यंहा आके निराश हें ,जैसा हमने जैसलमेर के बारे में पढ़ा हमें वैसा कुछ नहीं दिखा .जेम्स हेनरी ..जर्मन पर्यटक


मुंबई में 19 साल की लड़की का मर्डर

मुंबई में 19 साल की लड़की का मर्डर
मुंबई। पश्चिमी उपनगर के जोगेश्वरी लिंक रोड पर शुक्रवार देर रात कुछ अज्ञात लोगों ने एक 19 वर्षीय लड़की की चाकू घोंप कर हत्या कर दी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक पूजा के भाई सचिन राजू गायकवाड ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके बहन की किसी ने शुक्रवार रात नौ बजे चाकू घोंप कर हत्या कर दी।

हत्यारे ने पूजा पर चाकू के कई वार किए हैं और गला रेता हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए राजावाडी अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भाजपा का"रामराग",भड़की यूपी कांग्रेस

भाजपा का"रामराग",भड़की यूपी कांग्रेस
अयोध्या। भाजपा द्वारा शनिवार को "रामराग" छेड़ते ही कांग्रेस भड़क गई। कांग्रेस ने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि का मामला फिलहाल सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है तथा इस पर यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश है ऎसे में इस पर किसी पार्टी को बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

मालूम हो कि भाजपा के महामंत्री और पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सुशासन के साथ राममन्दिर निर्माण पार्टी की प्राथमिकताओं में शामिल है। विवादित राम जन्मभूमि में प्रतिष्ठापित "रामलला" के दर्शन के बाद शाह ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकताओं में सुशासन के साथ ही राम मन्दिर निर्माण शामिल है।

शाह के इस बयान के आते ही उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने कहा कि भाजपा फिर से सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिशों में जुट गई है। कांग्रेस ने अमित शाह के यूपी आने पर रोक की मांग भी की है।


अमित शाह ने अध्योध्या में रामलला मंदिर दर्शन करते वक्त रामलला से प्रार्थना की कि उनका "रामलला" का भव्य मंदिर जल्दी बने। उन्होंने कहा राममन्दिर क्लोज टू हार्ट है। पार्टी देश में सुशासन के साथ राम मन्दिर निर्माण की ओर आगे बढ़ना चाहती है। रामलला के दर्शन के बाद उन्होंने यहां के प्रसिद्ध हनुमानगढी का भी दर्शन किया। शाह ने "रामलला" के दर्शन कर यह सन्देश देने की कोशिश की है कि पार्टी हिन्दुत्व के एजेण्डे पर अभी पूर्ववत कायम है।

शाह ने कहा कि कांग्रेस से मुक्ति मिले बगैर देश का चौतरफा और संतुलित विकास नहीं होगा। भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा और सभी के रोजी-रोटी की व्यवस्था नहीं होगी। कांग्रेस ने अपने हितों के लिए देश में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कई बार कोशिश की। इस मौके पर मौजूद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि राममन्दिर निर्माण के लिए भाजपा की केन्द्र में पूर्ण बहुमत की सरकार आना जरूरी है। पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही मन्दिर निर्माण का मार्ग अपने आप प्रशस्त हो जाएगा।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास शाह ने "रामलला" और हनुमानगढी में दर्शन करने के बाद विश्व हिन्दू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम् में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में फैजाबाद, देवीपाटन और बस्ती मण्डलों के सांसद-विधायक व अवध क्षेत्र के पदाधिकारी और प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई शामिल हुए।

भाजपा ने संगठन की दृष्टि से प्रदेश को आठ भागों में विभाजित कर इन तीन मंडलों को अवध क्षेत्र में रखा है। शाह ने इससे पहले गत दो जुलाई को मेरठ में पश्चिम क्षेत्र की बैठक की थी और रविवार को गोरखपुर जाएंगे। पार्टी की बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की योजना है। सूत्रों की मानें तो भाजपा लोकसभा में उत्तर प्रदेश की कुल 80 में से कम से कम 45 सीटें जीतना चाहती है।

प्रदेश के प्रदेश सह प्रभारी रामेश्वर चौरसिया काशी क्षेत्र का दूसरे औरसह प्रभारी सतीन्द्र कुशवाहा पांच जुलाई से 12 जुलाई तक बुन्देलखण्ड की जिलेवार बैठक लेंगे। शाह पूरे प्रदेश में क्षेत्रवार बैठक कर कार्यकर्ताओं से सीधे सम्पर्क साधना चाह रहे हैं।

वाह पुलिस! थाने में जूतम पैजार

वाह पुलिस! थाने में जूतम पैजार
जयपुर। राजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हुई पुलिस अब आपस में ही झगड़कर कानून व्यवस्था का मखौल उड़ा रही है। शुक्रवार रात मामूली सी टोका-टोकी पर गांधी नगर थाने में एएसआई और थानाधिकारी में झगड़ा हो गया। नौबत जूतम पैजार तक हो गई। मामले को बढ़ता देख थाने में मौजूद पुलिस वालों ने आला अधिकारियों को भी मौके पर बुला लिया।

शुक्रवार रात को हुए इस घटनाक्रम के बाद दोनों का मेडिकल भी करवाया गया और मामले में एएसआई को निलंबित कर दिया गया हैं। पुलिस कमिश्नर ने भी पूरी घटना की जानकारी मांगी है।

जानकारी के अनुसार गांधी नगर थाने का एएसआई कन्हैयालाल शुक्रवार रात किसी काम से थाने से बाहर गया हुआ था। कुछ समय बाद लौटा तो थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने उससे थाने से बाहर जाने का कारण पूछा। बताया जाता है कि थानाधिकारी का टोकना एएसआई को इतना नागवार लगा कि उसने गाली-गलौच शुरू कर दी, इस पर थानाधिकारी भी बिफर गया।

एक घंटे चला हंगामा
थाने में शोर शराबा सुन परिसर स्थित पुलिस क्वार्टर से भी पुलिसकर्मी बाहर निकल आए। बताया जाता है कि एएसआई और थानाधिकारी में काफी देर झगड़ा हुआ, झगड़े में एएसआई ने थानाधिकारी पर जमकर लात-घूंसे चलाए। वहीं थानाधिकारी ने भी जमकर उसकी धुनाई की। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े भी फाड़ दिए। इस दौरान पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे।

मौके पर पहुंचे आलाधिकारी
झगड़े की सूचना मिलने पर ईस्ट जिले के एडीशनल डीसीपी योगेश दाधीच भी मौके पर पहुंच गए। बताया जाता है एडीसीपी ने झगड़े पर उतारू दोनों पुलिसकर्मियों को अलग-अलग करवाया और दोनों को जमकर लताड़ लगाई।

एडीसीपी ने मामले की रिपोर्ट डलवाते हुए एएसआई और थानेदार का मेडिकल मुआयना भी करवाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी ईस्ट श्वेता धनखड़ ने मामले की जांच गांधी नगर सर्किल एसीपी डॉ. तेजपाल को सौंपी है। डीसीपी ने प्रथम दृष्टया दोनों को ही दोष्ाी मानते हुए कार्रवाई की है।

अफीम की मनुहार रंग उदयपुर रै राणा नै



यह अत्यंत आश्चर्य की बात है कि मेवाड़ व मालवा के इलाके, जहाँ अफीम की खेती की जाती है, उससे कही बहुत अधिक, इसका प्रचलन मारवाड़ में जैसलमेर व बाड़मेर के गाँवों में है, जहाँ कभी- कभी कोसों दूरी से पानी लाया जाता है। कहीं- कहीं तो पूरे ग्रामवासी अफीमची है। "डिंगल कोष' में अफीम के कई नाम दिये गये हैं-- नाग-झाग, कसनाग रा, काली, अमल (कुहात), नागफैण, पोस्त (नरक), आकू, कैफ (अखात), अफीण, कालागर, सांवलौ, दाणावत, कालौ आदि। बोलचाल की भाषा में इसे अफीम, अमल, कसूंबो, कहूंबो, कालियो आदि कहा जाता है।

यहाँ के समाज में संत जांभोजी का प्रभाव व्यापक था। उनके संपर्क में आकर राठौड़ों ने मांस तथा मदिरा का सेवन छोड़ दिया। अफीम ने शराब का स्थान ले लिया और धीरे- धीरे इसका महत्व बढ़ता गया। विवाह, सगाई, मरण, मिलन, विछोह, मान- मनुहार, मेलजोल व आपसी समझौते के समय अफीम की मनुहार का यहाँ विशेष महत्व है। अमल के समय विभिन्न इतिहास पुरुषों को स्मरण किया जाता है। इन्हें वे "रंग देना' कहते हैं। इसमें वे ब्रम्हा से लेकर देश के राजा व चौधरी तक को अपने अमूल्य योगदान के लिए रंग देते हैं। इनका एक उदाहरण इस प्रकार दिया जा रहा है --

""रंग उदयपुर रै राणा नै, रंग रुप नगर रै ढ़ाणा नै, रंग मंडोवर री बाड़ी नै, रंग नींबाज रा किंवाड़ा नै, रंग सूरा साकदड़ा नै, रंग कोटड़ा रा घोड़ा नै, रंग तेजा जूंझारा नै, रंग मेड़ता रा अमवारां नै, रंग जसवंत सिघ री हाडी राणी नै, रंग रुपादे मल्लीनाथ री राणी नै, रंग सीता रै सत नै, रंग लिछमण जती नै, रंग ईसरदास नै, रंग जेतमाल दसमा सालगराम नै, रंग जैसल री राणी नै, रंग भीम रा अपांण नै, रंग दीवाण रोहितास नै, रंग सती कागण नै, रंग पाबू रा भाला नै, रंग जायल रा जाट नै, रंग खिंवाड़ा रा चौधरी नै, रंग जेत रा थाल नै, रंग सोनगरा री आण नै, रंग सहजादी री जबान नै, रंग हम्मीरां रा हठ नै, रंग सवाईसिंध रा वट नै, रंग महाराजा ईष्ट नै, रंग ब्रम्हा रा तृष्ट नै।

समाज में एक- दूसरे को अफीम देने की प्रथा विद्यमान रही है। अक्षय तृतीया को सभी ग्रामवासी जागीरदार के दरीखाने में अफीम- सेवन के लिए एकत्रित होते थे। इस सभा को "रेयाण' कहते हैं। जागीरदार स्वयं उस दिन अपने दाहिने हाथ से प्रत्येक ग्रामवासी को अफीम का विशेष घोल सम्मान के साथ पिलाते थे। विशेष सम्मानस्वरुप ग्रामवासी जागीरदार के हाथ को अपने "साफे' को खोलकर उसके पल्लू से हाथ साफ करते थे। अपने हाथ से प्रत्येक व्यक्ति को अफीम की मनुहार करने के बाद, उसे अपना हाथ पीकदानी में धोना पड़ता था और स्वच्छ हाथ से दूसरे ग्रामवासी को अफीम की मनुहार की जाती थी।

यहाँ के गाँवों में रिवाज के अनुसार जमाई आने को सूचना"अमल के हेले' से होती है। ग्रामीण लोग बड़ी संख्या में अफीम की आस में उनके घर मिलने जाते हैं तथा तोले का तोला अफीम खा जाते हैं।

नियमित " मावे' से अमल लेने वालों को तीन बार हथेली भर कर अमल दिया जाता है। इसे तेड़ा कहते हैं। बड़े अफीमचियों को तृप्त करने के लिए हाथ की हथेली की अंगुलियों व अंगूठे को जोड़कर एक छोटी तलाई का रुप दिया जाता है। इस प्रकार की भरपूर हथेली को "खोबा' कहा जाता है। अधिक "खोबे' पीने वाले लोगों की चर्चा रेयाण में विशेष रुप से होती है। जिस अफीमची की मनुहार भारी पड़ रही हो, वह काव्यमयी भाषा में रंग देना प्रारंभ करता है। प्रत्येक रंग के साथ वह अपने अनामिका से हथेली में भरे हुए अफीम से छीटा देने लगता है। रंग देते हुए आधा अफीम छींटे देकर ही कम कर देता है। जितना अफीम आवश्यक लगता है, उतना पी लेता है। लेकिन परंपरानुसार जब तक अफीम समाप्त न हो जाए, हथेली को बिना हिलाए सामने की तरफ रखना पड़ता है।

जब किसी अफीमची को "अमल' ज्यादा लेना होता है, तो वे अपने निकट बैठे किसी सबल अफीमची के मुँह में जबरदस्ती अफीम दे देते थे, जिसके प्रतिक्रिया में वह दुगुनी मात्रा में सुखी अफीम उसके मुँह में डाल देता था, जिसके लिए वह पहले से तैयार रहता था। कुछ अफीमचियों को नशा चढ़ाने के लिए मजाक में ही हाथापाई करनी पड़ती है। कई अफीमची तो रेयाण मे मनुहार करने पर बड़ी मात्रा में अफीम मुँह में डाल लेते थे। फिर कभी बड़ी चालाकी से उसे अमल की हंडिया में संग्रहित कर लेते थे, जिसका बाद में पुनः प्रयोग किया जा सके। रेयाण में, ऐसी मजलिस प्रायः मध्याह्म तक चलती रहती है।

रेयाण की समाप्ति के बाद अफीम की कड़वाहट को दूर करने के लिए मिसली, बताशे जैसे मीठे खाद्य बाँटे जाते हैं। इसे खारभंजणा कहा जाता है। इसका वितरण आर्थिक स्थिति के अनुसार किया जाता है। ज्यादा "खारभंजणा' वितरित करने वालों की इज्जत बढ़ती है। वितरण की जिम्मेदारी गाँव के "नाई' की होती है, जिसके बदले उसे "नेग' मिलती है।

पहले दो समूहों के झगड़े को शांत करने के लिए, पंच लोग अफीम दिलाकर आपस में एक- दूसरे की सुलह कराते थे। ऐसी मान्यता थी कि कैसी भी पुरानी दुश्मनी हो, एक- दूसरे के हाथ से अफीम ले लेने के बाद बैर खत्म हो जाती है। विवाह- सगाई में भी अफीम की मनुहार के बाद ही बात पक्की मानी जाती थी। सगाई- संबंध के गवाह के रुप में ग्रामीणों को अफीम का हेला (न्योता) किया जाता रहा है। मृत्युपरांत शोक- संतप्त परिवार से मिलने आये रिश्तेदारों को भी अफीम की मनुहार की जाती है।

गाँवों में अफीम का प्रयोग कई प्रकार से, दवाओं के रुप में भी किया जाता है, शरीर के किसी अंग में दर्द होने पर अफीम की मालिश की जाती है। किसान अपनी
कमर दर्द कम करने के लिए तो प्रायः इसी घरेलु औषधि का प्रयोग करते हैं। अफीम कब्ज पैदा करने वाला पदार्थ है, अतः दस्त होने पर भी गाँव वाले इसका प्रयोग करते हैं। सर्दी- जुकाम में अफीम को गर्म करके लेने की भी परंपरा रही है। युद्ध के समय मल- मुत्र रोकने के लिए अफीम पी जाती थी।

अफीमचियों से अफीम की लत छुड़वाना, हमेशा से ही एक समस्या रही है। कर्नल टॉड ने भी माना है- राजपूतों का नाश अफीम ने किया। कई लोगों ने इस जहर से मुक्ति की दिशा में प्रयास किये हैं। वि. सं. १९२३ (सन् १८६६ ई.) में लिखित एक ग्रंथ में बाघसिंह का एक गुटका मिला है, जिसमें अमल छोड़ने की दवा का नुस्खा इस प्रकार दिया गया है --

।। षुरणांणी अजमो:।। कुचीला।। मोठ की जडः।। कटील की जड़।।