शनिवार, 6 जुलाई 2013

अप्राकृतिक यौन तलाक का आधार!

अप्राकृतिक यौन तलाक का आधार!
जालोर। जिला एवं सेशन न्यायालय ने जबरदस्ती अप्राकृतिक यौन दुराचार व मारपीट को क्रूरता मानते हुए तलाक की डिक्री का आधार माना है।

न्यायाधीश रमेशचन्द्र पारीक ने कहा कि विवाह विच्छेद प्रार्थना-पत्र स्वीकार किया। एक विवाहिता ने न्यायालय में परिवाद पेश कर बताया कि शादी के बाद उसका पति दहेज की मांग करने लगा। नशे में जबरदस्ती अप्राकृतिक यौन दुराचार करता है। अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने से मना करने पर उसके साथ मारपीट करता था।

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