सोनिया के निवास पर सिखों का प्रदर्शन
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी किए जाने के फैसले के विरोध में सिख प्रदर्शनकारी दूसरे दिन गुरूवार को विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं,साथ ही उनके और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को भी गिरा दिया। सोनिया गांधी के घर प्रदर्शनकारी नहीं पहुंच सके,इसके लिए पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
प्रदर्शनकारी अपने साथ एक अर्थी भी लाए हैं। सज्जन कुमार के बरी होने के साथ-साथ वे पाकिस्तान के लाहौर के जिन्ना मे बुधवार देर रात भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत का भी विरोध कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सज्जन कुमार को 1984 मे हुए सिंख विरोधी दंगों के एक मामले में मंगलवार को बरी करने के विरोध में बुधवार को भी सिख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जैम भी किया। फैसले से नाराज प्रदर्शनकारी वैशाली-मेट्रो रूट पर पड़ने वाले सुभाषनगर मेट्रो स्टेशन पर पटरियों पर उतर आए।
प्रदर्शनकारी मेट्रो के अंदर भी घुस विरोध करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ट्रेन से उतारा। इसके कुछ देर बाद मेट्रो सेवा बहाल हो गई। नारे लगाते हुए 1984 के गुनाहगारों को फांसी दो और हमें न्याय चाहिए जैसी तखतियां लिए प्रदर्शनकारी तिलक नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे और वहां टै्रफिक जैम कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 29 साल हो गए हैं और हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम कभी नहीं भूल सकते और उन लोगों को माफ कर सकते जो दंगों में शामिल थे।
गुरुवार, 2 मई 2013
चाचा 3 साल से करता रहा दुष्कर्म
चाचा 3 साल से करता रहा दुष्कर्म
जयपुर। गांधी नगर थाना इलाके में झालाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की अश्लील क्लीपिंग सार्वजनिक करने का भय दिखा कर सगे चाचा द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आए दिन की प्रताड़नाओं से तंग आकर युवती ने घटनाक्रम की जानकारी अपने परिजनों को दी। इस संबंध में परिजनों ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।
गांधी नगर थाना प्रभारी मुकेश चौधरी ने बताया कि झालाना क्षेत्र निवासी 21 साल की युवती ने मामला दर्ज कराया है कि उसके सगे चाचा कमल कुमार ने वष्ाü 2010 में उसे घर में टीवी देखने के बहाने बुलाया। इस दौरान उसने कमरा बंद कर दुष्कर्म करते हुए अश्लील क्लीपिंग बना ली। इसके बाद आरोपी क्लीपिंग को सार्वजनिक करने का भय दिखा कर दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
शादी के बाद भी किया शोषण
पीडिता ने इस्तगासा के जरिए आरोप लगाया है कि चाचा ने उसके साथ सालों तक दुष्कर्म किया। वष्ाü 2012 में पीडिता की आंधी थाना इलाके में शादी हुई। इसके बाद जब भी वह पीहर आती तो क्लीपिंग का भय दिखा आरोपी दुष्कर्म करता रहा।
जयपुर। गांधी नगर थाना इलाके में झालाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती की अश्लील क्लीपिंग सार्वजनिक करने का भय दिखा कर सगे चाचा द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आए दिन की प्रताड़नाओं से तंग आकर युवती ने घटनाक्रम की जानकारी अपने परिजनों को दी। इस संबंध में परिजनों ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।
गांधी नगर थाना प्रभारी मुकेश चौधरी ने बताया कि झालाना क्षेत्र निवासी 21 साल की युवती ने मामला दर्ज कराया है कि उसके सगे चाचा कमल कुमार ने वष्ाü 2010 में उसे घर में टीवी देखने के बहाने बुलाया। इस दौरान उसने कमरा बंद कर दुष्कर्म करते हुए अश्लील क्लीपिंग बना ली। इसके बाद आरोपी क्लीपिंग को सार्वजनिक करने का भय दिखा कर दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
शादी के बाद भी किया शोषण
पीडिता ने इस्तगासा के जरिए आरोप लगाया है कि चाचा ने उसके साथ सालों तक दुष्कर्म किया। वष्ाü 2012 में पीडिता की आंधी थाना इलाके में शादी हुई। इसके बाद जब भी वह पीहर आती तो क्लीपिंग का भय दिखा आरोपी दुष्कर्म करता रहा।
बहन से रेप कर किया दोस्तों के हवाले
बहन से रेप कर किया दोस्तों के हवाले
जयपुर। राजधानी के आमेर थाना इलाके में एक युवक ने अपनी मौसेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर उसे दोस्तो के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है और अब उसके दो दोस्तों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार आमेर के पीली की तलाई निवासी आरोपी युवक 29 अप्रेल को अपनी मौसी की नाबालिग को घर से भगा ले गया। युवक ने किशोरी को अपनी दोस्त के मकान में रखा और वहीं पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार आरोपी युवक किशोरी से दुराचार के बाद उसे वहीं छोड़ फरार हो गया। यहां उसे अकेला देख दोस्तों ने भी दुष्कर्म की कोशिश की लेकिन शोर मचाने पर युवक घबरा गए और उसे आमरे थाने के पास छोड़ फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर उसके दोस्तों को तलाश कर रही है।
जयपुर। राजधानी के आमेर थाना इलाके में एक युवक ने अपनी मौसेरी बहन के साथ दुष्कर्म कर उसे दोस्तो के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है और अब उसके दो दोस्तों की तलाश में जुटी है।
जानकारी के अनुसार आमेर के पीली की तलाई निवासी आरोपी युवक 29 अप्रेल को अपनी मौसी की नाबालिग को घर से भगा ले गया। युवक ने किशोरी को अपनी दोस्त के मकान में रखा और वहीं पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार आरोपी युवक किशोरी से दुराचार के बाद उसे वहीं छोड़ फरार हो गया। यहां उसे अकेला देख दोस्तों ने भी दुष्कर्म की कोशिश की लेकिन शोर मचाने पर युवक घबरा गए और उसे आमरे थाने के पास छोड़ फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर उसके दोस्तों को तलाश कर रही है।
बाड़मेर नगर परिषद् का बाबू भगवानाराम प्रजापत रिश्वत लेते पकड़ा गया
नगर परिषद् का बाबू भगवानाराम प्रजापत रिश्वत लेते पकड़ा गया
बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर में गुरूवार को भरष्टाचार निरोधक विभाग ने एक लिपिक को हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया .विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर परिषद् के लिपिक भगवाना राम ने दूरभाष विभाग में कार्यरत समेजा के भूमि सम्बंधित कार्य के निस्तारण के लिए दस हज़ार रुपये मांगे थे .जिसे आह देने के लिए परिषद् गए जन्हा पूर्व में विभाग द्वारा जाल बिछाया गया था राशी देते ही उसे रंगे हाथो पकड़ लिए .आरोपी ने नोट खाने की नाकाम कोशिश भी की .विभागीय कार्यवाही जारी हें
बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर में गुरूवार को भरष्टाचार निरोधक विभाग ने एक लिपिक को हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया .विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर परिषद् के लिपिक भगवाना राम ने दूरभाष विभाग में कार्यरत समेजा के भूमि सम्बंधित कार्य के निस्तारण के लिए दस हज़ार रुपये मांगे थे .जिसे आह देने के लिए परिषद् गए जन्हा पूर्व में विभाग द्वारा जाल बिछाया गया था राशी देते ही उसे रंगे हाथो पकड़ लिए .आरोपी ने नोट खाने की नाकाम कोशिश भी की .विभागीय कार्यवाही जारी हें
पुलिस ने पति को पीटा, बचाने आई गर्भवती पत्नी को लात मार आंखों में डाली शराब
फलौदी। अदालत से प्राप्त इस्तगासा के आधार पर पुलिस थाने में एक एएसआई व तीन कांस्टेबल सहित पांच जनों के विरुद्ध घर में घुस कर महिला व परिवार वालों से मारपीट का मामला दर्ज हुआ है। कुण्डल निवासी नि:शक्त रेवंतसिंह ओड़ ने अदालत में इस्तगासा पेश किया कि 24 मार्च को एएसआई सज्जनसिंह कांस्टेबल अखेराज, दिनेश व मोहनलाल के साथ शाम को उसके घर आए और मारपीट करने लगे।
गर्भवती पत्नी छुड़ाने आई तो उसे भी मुल्जिमों ने लातों से मारा। बिलू यादव भी वहां आ गया और उसने भी रेवंत व उसकी पत्नी से मारपीट की। बाद में पुलिस थाने पहुंच कर उसके व उसकी पत्नी के विरुद्ध राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
25 मार्च की सुबह मुल्जिमान उसके घर पहुंचे और पति-पत्नी को गिरफ्तार कर पुलिस थाना ले आए और वहां भी दोनों के साथ मारपीट की। पत्नी को डंडों से पीटा और आंखों में शराब डालकर मारपीट की। पुलिस की मारपीट से उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई।
30 मार्च को उसकी पत्नी जमानत पर छूटी और 4 अप्रैल को वह जमानत पर बाहर आया। उसने आशंका जताई कि पत्नी का गर्भपात हो सकता है तथा शराब डालने से उसकी एक आंख खराब हो गई है।
गर्भवती पत्नी छुड़ाने आई तो उसे भी मुल्जिमों ने लातों से मारा। बिलू यादव भी वहां आ गया और उसने भी रेवंत व उसकी पत्नी से मारपीट की। बाद में पुलिस थाने पहुंच कर उसके व उसकी पत्नी के विरुद्ध राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
25 मार्च की सुबह मुल्जिमान उसके घर पहुंचे और पति-पत्नी को गिरफ्तार कर पुलिस थाना ले आए और वहां भी दोनों के साथ मारपीट की। पत्नी को डंडों से पीटा और आंखों में शराब डालकर मारपीट की। पुलिस की मारपीट से उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई।
30 मार्च को उसकी पत्नी जमानत पर छूटी और 4 अप्रैल को वह जमानत पर बाहर आया। उसने आशंका जताई कि पत्नी का गर्भपात हो सकता है तथा शराब डालने से उसकी एक आंख खराब हो गई है।
ख़ास खबर तो आई एस आई का अगला शिकार कुलदीप यादव और कुलदीप सिंह होंगे ?
फोटो लखपत जेल पाक में भारतीय कैदी ....तीसरे नंबर कर कुलदीप यादव |
इसी साल चमेल सिंह की भी जेल में पिट पिट कर हत्या की थी
कोट लखपत में दो भारतीय नागरिको की जान दांव पर
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर लगभग सौलह साल से लाहौर (पाकिस्तान) की जेल में बंद एक भारतीय ने जेल अधिकारियों पर यातनाएं देने का आरोप लगाया है। अहमदाबाद, गुजरात निवासी 41 वर्षीय कुलदीप कुमार यादव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने कैद कर रखा है। सरबजीत को कैदियों से हमला करवा मौत देने की साजिस में आई एस आई कामयाब हो गया .आई एस आए की नज़र अब लखपत जेल में पचीस पचीस साल की सज़ा भुगत रहे गुजरात निवासी कुलदीप कुमार और कश्मीर जम्मू निवासी कुलदीप सिंह पर हें .आई एस आई इन पर भी कभी भी हमला करवा सकती हें ,यह खुलासा इनके साथ तीन साल तक लखपत जेल में रहे बाड़मेर जिले के रासबानी गाँव निवासी जुम्मा खान ने विशेष बातचीत में किया .जुम्मा खान तीन साल पहले पाकिस्तान से रिहा होक वतन लौटा हें .
जुम्मा खान ने बताया कि कोट लखपत जेल से कुलदीप ने राजकोट निवासी अपने वकील एम. के. पॉल को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे यातनाएं दी जा रही हैं। मैं अब और यातनाएं सहन नहीं कर सकता। मैं इस पत्र में यह बताने की स्थिति में नहीं हूं कि मुझे किस तरह की यातनाएं दी जा रही हैं। भारत सरकार मेरी रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए कोई ईमानदार पहल नहीं कर रही। सरकार ने अहमदाबाद में रहने वाले मेरे परिवार को कोई मुआवजा भी नहीं दिया है।
पॉल ने बताया कि यादव 23 मार्च 1994 से पाकिस्तान में बंद है। कुलदीप की 76 वर्षीय मां मायादेवी जब अपने बेटे के बारे में बात करती हैं तो उनकी आंखों के आंसू नहीं थमते। अहमदाबाद के चांदखेड़ा में रहने वाली मायादेवी ने कहा कि कुलदीप 1989 में यह कहकर हमें छोड़कर चला गया कि मैं नई दिल्ली नौकरी के लिए जा रहा हूं। उसने यह नहीं बताया कि उसे कहां नौकरी मिली है और वह किसके लिए काम कर रहा है। कुलदीप ने गुजरात यूनिवर्सिटी से वकालत पढ़ी है। मायादेवी के मुताबिक कुलदीप के पाकिस्तान की जेल में होने के बारे में उन्हें कुछ साल पहले पता चला था। उसके बाद हमने उसकी रिहाई के लिए खूब भागदौड़ की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे के बारे में सोचते-सोचते उसके पिता नानकचंद की वर्ष 2000 में मौत हो गई।
1 फरवरी, 2007 को भारतीय उच्चायोग द्वारा भेजा गया खत कुलदीप के पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में होने का पुख्ता सबूत मिले थे । इस खत में न सिर्फ कुलदीप के वहां होने की पुष्टि की गई है, बल्कि यह भी कहा गया है कि उनकी जल्द रिहाई के प्रयास जारी हैं। मगर इन दिनों कुलदीप को भारतीय सरकार ने भुला दिया .उनके साथ कुलदीप सिंह भी हे जिसे पचीस साल की सज़ा मिली हें उनकी सज़ा के सत्रह सत्रह साल पूर्ण हो चुके हें मगर उनकी रिहाई की कोई उम्मीद नज़र नहीं आती सरबजीत की मौत के बाद आई एस आई चुप बैठेगी ऐसा नहीं लगता क्योंकि पाकिस्तानी जिलो में समस्त गतिविधिया आई एस आई चलती हें .आई एस आई दोनों कुल्दीपो को मौत की सज़ा दिलाना चाहती थी मगर पाकिस्तान न्यायालय ने उन्हें पचीस पचीस साल की सज़ा सुनाई थी ,उनकी सात सात साल की सज़ा शेष हें ,ऐसे में दोनों कुलदीप की जिंदगियां लखपत जेल में सुरक्षित हें कहा नहीं जा सकता .क्योंकि इसी साल पाक जेल में बंद चमेल सिंह की भी चोबीस जनवरी को पिट पिट कर बुरी तरह घायल कर दिया था बाद में उसे जिन्ना अस्पताल में भारती कराया था जन्हा उसमने दम तोड़ दिया था कर दी थी
जम्मू-कश्मीर के प्रगवाल निवासी सिंह को 2008 में पाकिस्तान में जासूसी करने का दोषी ठहराया गया था .चमेल सिंह पर भी जासूसी का आरोप लगाया था .इसी तरह पाक जेल में बंद सतपाल सिंह की भी मौत जेल में पिटाई के कारन हुई थी
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ख़ास रिपोर्ट सरबजीत की लखपत जेल की कहानी उसके दोस्त जुम्मा खान की जुबानी
ख़ास रिपोर्ट सरबजीत की लखपत जेल की कहानी उसके दोस्त जुम्मा खान की जुबानी
सरबजीत को वतन वापसी की उमीदो पर भारत सरकार ने फेरा था पानी चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर पाकिस्तान की लाहौर की लखपत जेल में जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल हुए सरबजीत सिंह ने आख़िरकार जिन्ना अस्पताल में देर रत दम तोड़ दिया .सरब्ज्त के साथ विश्वासघात आई एस आए ने किया .सरबजीत पर हमला आई एस आई ने कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो ने लखपत जेल में बंद कैदियों से हमला करवा जान से मार डाला . लेकिन हम आपको सरबजीत के लखपत जेल की तीन साल कहानी से रूबरू करते है जिसने सबजीत के साथ जेल में पुरे तीन साल गुजारे है इस शख्स से सबजीत अपने दिल की बाते करता था अब जब इस शख्स को इस बात से खबर मिली कि सबजीत पर जेल में हमला हो गया है तो यह शख्स हर पल आल्हा से यह दुआ कर रहा है कि सबजीत अपनी जिन्दगी की जग जीत जाए।जुम्मा की दुआ भी आज बेअसर हो गई सरबजीत ने दान तोड़ दिया .जुम्मा की आँखे सरबजीत की मौत के बाद सुनी सी हो गयी .,
पिछले कई दिनों से पुरे देश में सरबजीत को लेकर दुआए को दौर जारी है लेकिन एक ऐसा शख्स है जिसने सरबजीत के साथ अपनी जिन्दगी के अहम तीन साल एक साथ गुजारे है और जब राजस्थान के बाड़मेर जिले भारत -पाक पर रहने वाले जुमे खान को इस बात की खबर मिला की उसके दोस्त सरबजीत पर
पाक की लखपत जेल में हमला हुआ तो जुमे खान के पेरो तलो जमीन खिसक गई ओए जुमे खान को अब तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि उसके दोस्त जिन्दगी की आखिर जग लड़ रहा है अब जुमे खान को हर वो पल पल रह रह कर याद आ आरहे है जो उसने सरबजीत के साथ बिताए थे जुमे खान अब हर वक्त अपने अलाह से यह दुआ कर रहा है कि सरबजीत का इलाज दुसरे देश में हो और जब वो अपनी जिन्दगी की जंग जीत जाए तो रिहा होकर अपने मुल्क वापिस अपने घर लोट आए मगर ऐसा नहीं हो सका .
सबजीत के साथ जेल में रहने वाला भारतीय कैदी
..जुमे खान के अनुसार सबजीत को इस बात का यकीन हो गया था कि उससे अब फासी नहीं होगी इस बात को लेकर वो हमेशा खुश रहता था और सबजीत हेमशा यह कहता था कि वह निर्दोष है उसने पाक में कोई भी ब्लास्ट नहीं किया है वो तो रेहड़ी पर सामान बेचते हुए पकड़ा गया था उसके बाद आई एस आई ने उससे फसा दिया गया था में सबजीत से जेल में महीने में एक दो बार मिलते रहते थे जुमे खान के अनुसार अब जो हमला जेल हुआ है वो किसी भी कैदी नहीं किया है जेल में जो भी केडी रहते है वो भाई की तरह रहते है यह हमला तो कसाब की फासी का बदला लेने के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई ने करवाया है मुझे इसी बात का बड़ा दुख है कि सबजीत पर पाक में जेल में हमला करवाया कर उसे मोट के घाट उतारने की कोशशि की है इससे तो अच्छा होता कि जब सरबजीत को फाशी की सजा सुनाई गयी थी उसी वक्त फासी पर चढ़ा देते इस तरीके से पाक ने सरबजीत के साथ धोखा दिया है
.जुमे खान पाक की लखपत जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था जुमे खान पशु चराते हुए सीमा के उस पार चला गया था उसके बाद पाक ने उसे जासूस के आरोप में दस साल की सजा सुनाई थी और जुमे खान ने सजा पुरे होने के बाद तीन साल २007 से 2010 तक लखपत जेल में सरबजीत के साथ बिताए थे अब जुमे खान को इस बात कि चिंता सता रही है कि पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई अजमल कसब और अफजल गुरु का बदला लेने के लिए और किसी भी भारतीय पर जेल में हमला करवाकर मोत के घाट उतार सकती है .आई एस आई कसब और अफज़ल गुरु की मौत का बदल भारत से लेना चाहता था सरबजीत को मौत देकर बदल ले लिया .
बाड़मेर पाकिस्तान की लाहौर की लखपत जेल में जानलेवा हमले में पिछले सप्ताह गंभीर रूप से घायल हुए सरबजीत सिंह ने आख़िरकार जिन्ना अस्पताल में देर रत दम तोड़ दिया .सरब्ज्त के साथ विश्वासघात आई एस आए ने किया .सरबजीत पर हमला आई एस आई ने कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो ने लखपत जेल में बंद कैदियों से हमला करवा जान से मार डाला . लेकिन हम आपको सरबजीत के लखपत जेल की तीन साल कहानी से रूबरू करते है जिसने सबजीत के साथ जेल में पुरे तीन साल गुजारे है इस शख्स से सबजीत अपने दिल की बाते करता था अब जब इस शख्स को इस बात से खबर मिली कि सबजीत पर जेल में हमला हो गया है तो यह शख्स हर पल आल्हा से यह दुआ कर रहा है कि सबजीत अपनी जिन्दगी की जग जीत जाए।जुम्मा की दुआ भी आज बेअसर हो गई सरबजीत ने दान तोड़ दिया .जुम्मा की आँखे सरबजीत की मौत के बाद सुनी सी हो गयी .,
पिछले कई दिनों से पुरे देश में सरबजीत को लेकर दुआए को दौर जारी है लेकिन एक ऐसा शख्स है जिसने सरबजीत के साथ अपनी जिन्दगी के अहम तीन साल एक साथ गुजारे है और जब राजस्थान के बाड़मेर जिले भारत -पाक पर रहने वाले जुमे खान को इस बात की खबर मिला की उसके दोस्त सरबजीत पर
पाक की लखपत जेल में हमला हुआ तो जुमे खान के पेरो तलो जमीन खिसक गई ओए जुमे खान को अब तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि उसके दोस्त जिन्दगी की आखिर जग लड़ रहा है अब जुमे खान को हर वो पल पल रह रह कर याद आ आरहे है जो उसने सरबजीत के साथ बिताए थे जुमे खान अब हर वक्त अपने अलाह से यह दुआ कर रहा है कि सरबजीत का इलाज दुसरे देश में हो और जब वो अपनी जिन्दगी की जंग जीत जाए तो रिहा होकर अपने मुल्क वापिस अपने घर लोट आए मगर ऐसा नहीं हो सका .
सबजीत के साथ जेल में रहने वाला भारतीय कैदी
..जुमे खान के अनुसार सबजीत को इस बात का यकीन हो गया था कि उससे अब फासी नहीं होगी इस बात को लेकर वो हमेशा खुश रहता था और सबजीत हेमशा यह कहता था कि वह निर्दोष है उसने पाक में कोई भी ब्लास्ट नहीं किया है वो तो रेहड़ी पर सामान बेचते हुए पकड़ा गया था उसके बाद आई एस आई ने उससे फसा दिया गया था में सबजीत से जेल में महीने में एक दो बार मिलते रहते थे जुमे खान के अनुसार अब जो हमला जेल हुआ है वो किसी भी कैदी नहीं किया है जेल में जो भी केडी रहते है वो भाई की तरह रहते है यह हमला तो कसाब की फासी का बदला लेने के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई ने करवाया है मुझे इसी बात का बड़ा दुख है कि सबजीत पर पाक में जेल में हमला करवाया कर उसे मोट के घाट उतारने की कोशशि की है इससे तो अच्छा होता कि जब सरबजीत को फाशी की सजा सुनाई गयी थी उसी वक्त फासी पर चढ़ा देते इस तरीके से पाक ने सरबजीत के साथ धोखा दिया है
.जुमे खान पाक की लखपत जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था जुमे खान पशु चराते हुए सीमा के उस पार चला गया था उसके बाद पाक ने उसे जासूस के आरोप में दस साल की सजा सुनाई थी और जुमे खान ने सजा पुरे होने के बाद तीन साल २007 से 2010 तक लखपत जेल में सरबजीत के साथ बिताए थे अब जुमे खान को इस बात कि चिंता सता रही है कि पाक की खुफिया एजेंसी आई एस आई अजमल कसब और अफजल गुरु का बदला लेने के लिए और किसी भी भारतीय पर जेल में हमला करवाकर मोत के घाट उतार सकती है .आई एस आई कसब और अफज़ल गुरु की मौत का बदल भारत से लेना चाहता था सरबजीत को मौत देकर बदल ले लिया .
तीन जगह सड़क हादसा तीन लोगों की मौत
तीन जगह सड़क हादसा तीन लोगों की मौत
पाली तखतगढ़ थाना क्षेत्र के लापोद गांव के पास मंगलवार देर रात बाइक फिसलने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाली के बारवा गांव के निकट किसी वाहन की चपेट में आने से बाइक चालक की मौत हो गई। उधर, रास के कोलपुरा गांव के निकट ट्रोला की चपेट में आने से रास अस्पताल में लगे कंपाउडर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लापोद गांव का रमेश कुमार पुत्र हीराराम चौधरी मंगलवार रात करीब 10 बजे बाइक लेकर तखतगढ़ से अपने घर लौट रहा था। लापोद गांव के पास रात के अंधेरे में अचानक संतुलन खोने से उसकी बाइक फिसलने हो गई, जिससे रमेश कुमार नीचे गिर गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बाली के बारवा गांव के पास मंगलवार रात 9 बजे किसी वाहन की चपेट में आने से गणेशराम मेघवाल पुत्र भूराराम निवासी बारवा की मौत हो गई। दुर्घटना के समय गणेशराम बाइक पर बारवा से सेवाड़ी गांव जा रहा था, जिसे किसी वाहन ने चपेट में आ गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं लग पाया है। उधर, रास के सरकारी अस्पताल में नियुक्त कंपाउडर ओमप्रकाश सिंघाडिय़ा निवासी जैतारण मंगलवार दिन में जरूरी काम से रास से कोलपुरा की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्रोला चालक ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ब्यावर अस्पताल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पाली तखतगढ़ थाना क्षेत्र के लापोद गांव के पास मंगलवार देर रात बाइक फिसलने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाली के बारवा गांव के निकट किसी वाहन की चपेट में आने से बाइक चालक की मौत हो गई। उधर, रास के कोलपुरा गांव के निकट ट्रोला की चपेट में आने से रास अस्पताल में लगे कंपाउडर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लापोद गांव का रमेश कुमार पुत्र हीराराम चौधरी मंगलवार रात करीब 10 बजे बाइक लेकर तखतगढ़ से अपने घर लौट रहा था। लापोद गांव के पास रात के अंधेरे में अचानक संतुलन खोने से उसकी बाइक फिसलने हो गई, जिससे रमेश कुमार नीचे गिर गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बाली के बारवा गांव के पास मंगलवार रात 9 बजे किसी वाहन की चपेट में आने से गणेशराम मेघवाल पुत्र भूराराम निवासी बारवा की मौत हो गई। दुर्घटना के समय गणेशराम बाइक पर बारवा से सेवाड़ी गांव जा रहा था, जिसे किसी वाहन ने चपेट में आ गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं लग पाया है। उधर, रास के सरकारी अस्पताल में नियुक्त कंपाउडर ओमप्रकाश सिंघाडिय़ा निवासी जैतारण मंगलवार दिन में जरूरी काम से रास से कोलपुरा की ओर जा रहा था। रास्ते में ट्रोला चालक ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ब्यावर अस्पताल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
भीनमाल विधायक के भतीजे की हादसे में मौत
भीनमाल विधायक के भतीजे की हादसे में मौत
कावतरा से भीनमाल आ रहा थे परिवार के सदस्य। जुंजाणी में सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकराई बोलेरो
भीनमाल
भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी के भतीजे की बुधवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने पीएम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार कावतरा निवासी मेघाराम पुत्र सादाराम चौधरी बुधवार सवेरे करीब 9.30 बजे बोलेरो जीप नंबर आरजे 16 यूए 9595 को लेकर परिवार के तीन अन्य सदस्यों के साथ कावतरा से भीनमाल आ रहा था। इस दौरान सरहद जुंजाणी में सड़क किनारे खड़े पेड़ से बोलेरो अचानक टकरा गई, जिससे मेघाराम की मौत हो गई। घटना की सूचना पर एएसआई कुंदनसिंह देवड़ा मय दल ने मौका स्थल पर पहुंचकर शव को स्थानीय राजकीय अस्पताल लाया। यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया। विधायक के भतीज की दुर्घटना में मौत की खबर पर नगरपालिका अध्यक्ष हीरालाल बोहरा और पूर्व सरपंच वरधाराम चौधरी सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। शाम करीब 4 बजे गमगीन माहौल में मेघाराम का अंतिम संस्कार किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
खुशियां बदली मातम में
मृतक मेघाराम के भाई प्रकाश की शादी 20 मई को होने वाली है। शादी की तैयारियों को लेकर परिवार के सदस्य मुंबई सहित अन्य शहरों से गांव आए हुए थे। शादी को लेकर घर में तैयारियां चल रही थी, लेकिन दुर्घटना में मेघाराम की मौत ने खुशियों को मातम में बदल दिया।
सरहदी गांवों में मनरेगा बेमानी, रोजगार को मोहताज ग्रामीण
सरहदी गांवों में मनरेगा बेमानी, रोजगार को मोहताज ग्रामीण
गडरारोड
मनरेगा से जरूरतमंद लोगों को रोजगार मुहैया करवाने के दावे सरहदी गांवों में बेमानी साबित हो रहे हैं। करीब एक दर्जन अकालग्रस्त गांवों में मनरेगा से एक भी कार्य स्वीकृत नहीं है। इसके चलते ग्रामीणों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। ताज्जुब की बात यह है कि जॉबकार्ड धारकों ने रोजगार की डिमांड कर रखी है, मगर प्रशासन की लापरवाही के चलते जरूरतमंद लोगों को रोजगार के लिए तरसना पड़ रहा है। अकाल के चलते लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। तहसील क्षेत्र के करीम का पार, लालासर, द्राभा, पूंजराज का पार, समद का पार, डोकर, सरगुवाला समेत एक दर्जन गांवों के लोगों के लिए मनरेगा योजना दूर की कौड़ी साबित हो रही है। अकाल की मार झेल रहे ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी चुनौती रोजगार की है। नजदीक क्षेत्र में रोजगार नहीं मिलने से ग्रामीण मजबूरन दूर दराज के गांवों में दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर है। जबकि मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में डिमांड के अनुसार करोड़ों रुपए का बजट आवंटित किया जा रहा है। सरहदी गांवों के लोगों की पीड़ा को प्रशासन समझ नहीं पा रहा है। नतीजतन लोगों को रोजगार के लाले पड़ रहे हैं। द्राभा गांव के ग्रामीण बताते हैं कि गांव में एक भी मनरेगा से कार्य स्वीकृत नहीं है। नजदीक के गांव व ढाणियों में भी कार्य मंजूर नहीं होने पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। डोकर गांव के खेतसिंह सोढ़ा ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी के चलते मनरेगा कार्य स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। इस संबंध में ग्राम सेवक व सरपंच को कई बार अवगत करवाने के बावजूद कार्य स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। बीपीएल परिवारों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति में पलायन की नौबत आ गई है।
फिर जाएं तो जाएं कहां: सरहदी गांवों में सरकारी योजनाओं के तहत कार्य स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। जबकि अन्य पंचायतों के प्रत्येक राजस्व गांव में कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत खानियानी के पूर्व सरपंच जबल खां ने बताया कि करीम का पार, लालासर में बीते कई सालों से मनरेगा के कार्य बंद है। जॉबकार्ड धारक ग्राम सेवक के पीछे चक्कर काटते काटते थक चुके हैं। अकाल की घड़ी में लोगों के लिए दो जून की रोजी रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
मशीनों से कार्य, जॉबकार्ड ठेके पर: कई ग्राम पंचायतों में तो मनरेगा से स्वीकृत कार्य मशीनों से करवाए जा रहे हैं। जॉब कार्ड पंचायत के कार्मिकों ने ठेके पर ले रखे है। मस्टररोल में फर्जी नाम अंकित कर भुगतान उठाया जा रहा है। ग्राम पंचायत खानियानी, खबडाला में लंबे अर्से से श्रमिकों के जॉबकार्ड के आधार पर कार्य मशीनों से करवाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच व ग्रामसेवक अपने ही स्तर पर कार्य करवा रहे हैं।
अकाल त्रासदी
एक दर्जन गांवों में एक भी कार्य स्वीकृत नहीं, फिर कैसे मिलेगा रोजगार, प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे है बेकसूर
॥सरहदी गांवों में सरकारी योजनाएं विफल साबित हो रहे हैं। अकाल पीडि़तों को रोजगार के लिए तरसना पड़ रहा है। प्रशासन ग्रामीणों को रोजगार मुहैया करवाने को तैयार ही नहीं है। डिमांड देने के बावजूद भी कार्य स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। उगमसिंह, सोढ़ा द्राभा
॥रोजगार मुहैया करवाने की सरकार की मंशा के बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। अगर समय रहते अकालग्रस्त गांवों में मनरेगा से कार्य स्वीकृत नहीं किए गए तो आंदोलन किया जाएगा।
दशरथ मेघवाल, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष भाजपा शिव
दशरथ मेघवाल, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष भाजपा शिव
॥डिमांड पर रोजगार मुहैया करवाना अनिवार्य है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाई जाएगी। ग्रामीणों की ओर से डिमांड दी गई है तो संबंधित ग्राम सेवकों को निर्देश दिए जाएंगे।
एल.आर. गुगरवाल, सीईओ जिप
जवानों को गर्मी से बचाव के लिए 'कूलवेस्ट' : डीजी
जवानों को गर्मी से बचाव के लिए 'कूलवेस्ट' : डीजी
बीएसएफ डीजी सुभाष जोशी पहुंचे बाड़मेर, सीमा क्षेत्र का लेंगे जायजा
बाड़मेर 'बीएसएफ के जवान रेगिस्तानी इलाकों में 50 डिग्री तापमान होने के बावजूद देश की सुरक्षा का कार्य कर रहे हैं। जवानों को भीषण गर्मी में किसी प्रकार की तकलीफ ना हो इसके लिए डीआरडीओ को 'कूलवेस्ट' नामक ड्रेस तैयार करने को कहा गया है। कूलवेस्ट से सामान्य तापमान 15 डिग्री तक कम हो जाएगा।' यह बात सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सुभाष जोशी नेे बुधवार को बाड़मेर में कही। जोशी बीएसएफ के क्षेत्रीय मुख्यालय पर आयोजित संयुक्त सैनिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जोशी दो दिन तक सीमा क्षेत्र का भ्रमण करने के साथ ही बॉर्डर की सुरक्षा व्यवस्था तथा जवानों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का जायजा लेंगे।
जवानों से हुए रूबरू
बीएसएफ डीजी विशेष विमान से सुबह 10:30 बजे उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन पहुंचे। जहां पर उनका गुजरात फ्रंटियर के आईजी ए.के. सिन्हा, डीआईजी माधोसिंह चौहान व यू.के. नियाल सहित अन्य अधिकारियों ने अगवानी कर स्वागत किया। डीजी के साथ स्पेशल डीजी (वेस्ट) राजदीपसिंह तथा डीआईजी हरमिंदरपाल भी विशेष विमान से बाड़मेर पहुंचे। यहां से सभी अधिकारी बीएसएफ के क्षेत्रीय मुख्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने सैनिकों को संबोधित किया तथा जवानों की समस्याओं से रूबरू होकर उनके निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
मौजूदा वर्ष 'जवानों का वर्ष'
डीजी ने सैनिक सम्मेलन में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वर्ष 'जवानों का वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान ही सभी सीमा चौकियों पर भोजनालय, बैरक तथा शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही वे स्वयं सीमांत मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर जवानों के लिए अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेंगे।
सतर्कता घुसपैठ पर लगाम
उन्होंने कहा कि बाड़मेर सेक्टर में पिछले तीन वर्षों से तस्करी व घुसपैठ की कोई भी घटना सामने नहीं आई है, कभी घुसपैठ की कोशिश भी नहीं हुई। यह सब बीएसएफ के जवानों की चौकसी और सतर्कता के कारण संभव हो पाया है। जवानों ने घुसपैठियों को दबोचा भी है। जवानों से फायरिंग और शारीरिक दृढ़ता के क्षेत्र में अधिक से अधिक दक्षता प्राप्त करने के लिए डीजी ने जवानों को प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने जवानों से अपने स्वास्थ्य का भी बराबर ख्याल रखने की बात कही।
केमिकल फैक्ट्री में आग
केमिकल फैक्ट्री में आग
जोधपुर। बासनी द्वितीय फेज बंगाली कॉलोनी के पास बुधवार शाम एक कलर केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई। आग से फैक्ट्री में पड़ा लाखों रूपए का माल स्वाह हो गया। निगम की 12 और रीको की दो दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फैक्ट्री में आग की ऊंची-ऊंची लपटे देख वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेश थानवी ने बताया कि यह फैक्ट्री रातानाडा सुनारों की बगेची निवासी अजय चांडक की है। फैक्ट्री में पैकिंग मेटेरियल, चाइना ट्रे, रेगजीन, ड्रम केमिकल और अकाउंट्स से जुड़ा सामान जलकर खाक हो गया। यह आग ग्राउंड व प्रथम मंजिल वाले हिस्से में लगी थी। इसमें करीब 50 से 60 लाख रूपए का माल जलने की पुष्टि हुई है।
थानवी ने बताया कि इस आग पर काबू पाने के लिए नगर निगम अग्निशमन विभाग की 4 शास्त्रीनगर, 4 बासनी, 2 नागौरी गेट, 2 मंडोर और 2 दमकलें रीको से मंगाई गई। विभाग से प्रशांतसिंह चौहान, हेमराज, जितेन्द्रसिंह मनीष पुरोहित, रामचंद्र मोहनलाल और देवेन्द्र सहित कई दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंच आग को नियंत्रण में लिया।
जोधपुर। बासनी द्वितीय फेज बंगाली कॉलोनी के पास बुधवार शाम एक कलर केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई। आग से फैक्ट्री में पड़ा लाखों रूपए का माल स्वाह हो गया। निगम की 12 और रीको की दो दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फैक्ट्री में आग की ऊंची-ऊंची लपटे देख वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेश थानवी ने बताया कि यह फैक्ट्री रातानाडा सुनारों की बगेची निवासी अजय चांडक की है। फैक्ट्री में पैकिंग मेटेरियल, चाइना ट्रे, रेगजीन, ड्रम केमिकल और अकाउंट्स से जुड़ा सामान जलकर खाक हो गया। यह आग ग्राउंड व प्रथम मंजिल वाले हिस्से में लगी थी। इसमें करीब 50 से 60 लाख रूपए का माल जलने की पुष्टि हुई है।
थानवी ने बताया कि इस आग पर काबू पाने के लिए नगर निगम अग्निशमन विभाग की 4 शास्त्रीनगर, 4 बासनी, 2 नागौरी गेट, 2 मंडोर और 2 दमकलें रीको से मंगाई गई। विभाग से प्रशांतसिंह चौहान, हेमराज, जितेन्द्रसिंह मनीष पुरोहित, रामचंद्र मोहनलाल और देवेन्द्र सहित कई दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंच आग को नियंत्रण में लिया।
मां-बेटे आग में जिंदा जले
मां-बेटे आग में जिंदा जले
जोधपुर-भोपालगढ़। जिले की भोपालगढ़ तहसील में पालड़ी राणावता ग्राम पंचायत में बुधवार दोपहर रायड़ी के कचरे में आग लगने से मां-बेटे जिंदा जल गए। भोपालगढ़ थाना पुलिस से मिली जानकारी अनुसार हस्तुदेवी (27) पत्नी हुकमाराम व सुनील (9) पुत्र हुकमाराम निवासी बाघोरिया, हाल पालड़ी राणावता अपने कृषि कुएं पर कुछ कार्य कर रहे थे।
इस दौरान रायड़ी के कचरे में अचानक आग लग गई। इसकी चपेट में आकर दोनों मां-बेटे झुलस गए। इलाज के लिए परिजन उन्हें भोपालगढ़ अस्पताल ले आए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए। मृतक महिला के देवर ने थाने में मामला दर्ज कराया।
जोधपुर-भोपालगढ़। जिले की भोपालगढ़ तहसील में पालड़ी राणावता ग्राम पंचायत में बुधवार दोपहर रायड़ी के कचरे में आग लगने से मां-बेटे जिंदा जल गए। भोपालगढ़ थाना पुलिस से मिली जानकारी अनुसार हस्तुदेवी (27) पत्नी हुकमाराम व सुनील (9) पुत्र हुकमाराम निवासी बाघोरिया, हाल पालड़ी राणावता अपने कृषि कुएं पर कुछ कार्य कर रहे थे।
इस दौरान रायड़ी के कचरे में अचानक आग लग गई। इसकी चपेट में आकर दोनों मां-बेटे झुलस गए। इलाज के लिए परिजन उन्हें भोपालगढ़ अस्पताल ले आए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए। मृतक महिला के देवर ने थाने में मामला दर्ज कराया।
बंदूक की जगह पिस्टल पहली पसंद
बंदूक की जगह पिस्टल पहली पसंद
बाड़मेर। रेगिस्तान मे तेल उत्खनन से आई आर्थिक उन्नति के बाद शौक भी परवान चढ़ने लगे हंै। लग्जरी गाडियो के साथ अब हथियार लाइसेस लेने वालों में "पिस्टल" रखने की चाह बढ़ी है। पहले हथियार के नाम पर अधिकांश लोगों के पास बारह बोर बंदूक ही थी और कुछ के पास रिवाल्वर। बीते आठ साल में बीस से ज्यादा लोगों ने रिवाल्वर और पिस्टल खरीदे हंै।
बंदूकें हजारों में
जिले में बंदूक के लाइसेंस हजारो में है। 1965 व 1971 के युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में लाइसेस जारी हुए। इसके बाद भी लगातार बंदूक के लिए लाइसेंस जारी होते रहे हैं।
कीमत डेढ़ से दस लाख तक
रिवाल्वर की कीमत डेढ़ लाख के करीब है लेकिन नए पिस्टल खरीदने वालों ने साढ़े पांच से दस लाख तक के अत्याधुनिक विदेशी पिस्टल खरीदे हैं।
उद्योगपति और नेता भी
रिवाल्वर और पिस्टल खरीदने वालों में उद्योगपति और राजनेता हैं, जिन्होंने नए लाइसेंस लिए हैं और सुरक्षा के तौर पर अत्याधुनिक पिस्टल खरीदे है।
लाइसेंस के बाद कोई भी हथियार
शस्त्र लाइसेंस जारी होने के एक साल के भीतर हथियार खरीदना जरूरी होता है। इस हथियार को लाइसेंस जारीकर्ता यानि जिला कलक्टर के यहां रजिस्टर्ड करवाना पड़ता है। जिसमें हथियार का प्रकार और उनकी अन्य जानकारी दर्ज होती है।
समृद्धि व प्रतिष्ठा वजह
समय बदला है, साथ ही आर्थिक समृद्धि आई है। इस कारण सुरक्षा व सामाजिक प्रतिष्ठा के लिहाज से महंगे हथियार खरीदे जा रहे हैं। पिस्टल की सार-संभाल आसान है।
एडवोकेट किरण मंगल
बाड़मेर। रेगिस्तान मे तेल उत्खनन से आई आर्थिक उन्नति के बाद शौक भी परवान चढ़ने लगे हंै। लग्जरी गाडियो के साथ अब हथियार लाइसेस लेने वालों में "पिस्टल" रखने की चाह बढ़ी है। पहले हथियार के नाम पर अधिकांश लोगों के पास बारह बोर बंदूक ही थी और कुछ के पास रिवाल्वर। बीते आठ साल में बीस से ज्यादा लोगों ने रिवाल्वर और पिस्टल खरीदे हंै।
बंदूकें हजारों में
जिले में बंदूक के लाइसेंस हजारो में है। 1965 व 1971 के युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में लाइसेस जारी हुए। इसके बाद भी लगातार बंदूक के लिए लाइसेंस जारी होते रहे हैं।
कीमत डेढ़ से दस लाख तक
रिवाल्वर की कीमत डेढ़ लाख के करीब है लेकिन नए पिस्टल खरीदने वालों ने साढ़े पांच से दस लाख तक के अत्याधुनिक विदेशी पिस्टल खरीदे हैं।
उद्योगपति और नेता भी
रिवाल्वर और पिस्टल खरीदने वालों में उद्योगपति और राजनेता हैं, जिन्होंने नए लाइसेंस लिए हैं और सुरक्षा के तौर पर अत्याधुनिक पिस्टल खरीदे है।
लाइसेंस के बाद कोई भी हथियार
शस्त्र लाइसेंस जारी होने के एक साल के भीतर हथियार खरीदना जरूरी होता है। इस हथियार को लाइसेंस जारीकर्ता यानि जिला कलक्टर के यहां रजिस्टर्ड करवाना पड़ता है। जिसमें हथियार का प्रकार और उनकी अन्य जानकारी दर्ज होती है।
समृद्धि व प्रतिष्ठा वजह
समय बदला है, साथ ही आर्थिक समृद्धि आई है। इस कारण सुरक्षा व सामाजिक प्रतिष्ठा के लिहाज से महंगे हथियार खरीदे जा रहे हैं। पिस्टल की सार-संभाल आसान है।
एडवोकेट किरण मंगल
एक योजना में गरीब, दूसरी में अमीर!
एक योजना में गरीब, दूसरी में अमीर!
बाड़मेर। गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए डिस्कॉम में दोहरे मापदण्ड चल रहे हैं। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकृत होने वाले बी पी एल परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में बी पी एल परिवारों से डिमाण्ड राशि वसूली जा रही है। योजनाओं के मकड़जाल में उलझे बी पी एल परिवारों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि एक योजना में वह गरीब है तो दूसरी योजना में अमीर कैसे हो गए?
बाड़मेर जिले में करीब एक लाख अठाइस हजार बीपीएल परिवार हैं। इनमें से करीब साठ हजार परिवार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकृत हो चुके हैं। इन्हे नि:शुल्क घरेलू विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। इसके अलावा पच्चीस हजार बी पी एल परिवार अन्य योजनाओं में विद्युतीकृत हो चुके हैं। चालीस हजार से अधिक बीपीएल परिवारों का जीवन अभी भी अंधेरे में ही गुजर रहा है। अंधेरे से निकलकर रोशनी में आने का सपना देखने वाले इन बीपीएल परिवारों को बस इतनी-सी जानकारी है कि सरकार उन्हें नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देती है। विद्युत कनेक्शन के लिए उन्होंने जो आवेदन जमा किए हैं, वह किस योजना में किए हंै, इसकी उन्हें समझ नहीं है।
राजीव गांधी में बजट नहीं
केन्द्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में फिलहाल बजट ही नहीं है। केन्द्र सरकार से जब बजट आएगा, तब ही यह योजना आगे बढ़ेगी। स्थिति एकदम साफ है कि जब तक केन्द्र से बजट नहीं आता, तब तक बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं है।
बीपीएल को डिमाण्ड नोटिस
नए वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में प्राप्त आवेदनों में डिस्कॉम की ओर से डिमाण्ड नोटिस भिजवाए जा रहे हैं। बीपीएल परिवारों को भी 3700 रूपए का डिमाण्ड नोटिस मिल रहा है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि बीपीएल को नि:शुल्क कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान है तो फिर डिमाण्ड नोटिस क्यों दिया जा रहा है? इन हालात में बीपीएल परिवार अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वे यह नहीं जानते कि सरकार की एक योजना में गरीब तो दूसरी में अमीर हैं।
दोनों अलग-अलग
राजीव गांधी विद्युतीकरण व मुख्यमंत्री विद्युतीकरण दोनों योजनाएं अलग-अलग हैं। मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन का प्रावधान नहीं है। इसलिए डिमाण्ड नोटिस भिजवाए हैं।
प्रेमजीत धोबी अधीक्षण अभियंता, डिस्कॉम
बाड़मेर। गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए डिस्कॉम में दोहरे मापदण्ड चल रहे हैं। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकृत होने वाले बी पी एल परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में बी पी एल परिवारों से डिमाण्ड राशि वसूली जा रही है। योजनाओं के मकड़जाल में उलझे बी पी एल परिवारों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि एक योजना में वह गरीब है तो दूसरी योजना में अमीर कैसे हो गए?
बाड़मेर जिले में करीब एक लाख अठाइस हजार बीपीएल परिवार हैं। इनमें से करीब साठ हजार परिवार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकृत हो चुके हैं। इन्हे नि:शुल्क घरेलू विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। इसके अलावा पच्चीस हजार बी पी एल परिवार अन्य योजनाओं में विद्युतीकृत हो चुके हैं। चालीस हजार से अधिक बीपीएल परिवारों का जीवन अभी भी अंधेरे में ही गुजर रहा है। अंधेरे से निकलकर रोशनी में आने का सपना देखने वाले इन बीपीएल परिवारों को बस इतनी-सी जानकारी है कि सरकार उन्हें नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देती है। विद्युत कनेक्शन के लिए उन्होंने जो आवेदन जमा किए हैं, वह किस योजना में किए हंै, इसकी उन्हें समझ नहीं है।
राजीव गांधी में बजट नहीं
केन्द्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में फिलहाल बजट ही नहीं है। केन्द्र सरकार से जब बजट आएगा, तब ही यह योजना आगे बढ़ेगी। स्थिति एकदम साफ है कि जब तक केन्द्र से बजट नहीं आता, तब तक बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं है।
बीपीएल को डिमाण्ड नोटिस
नए वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में प्राप्त आवेदनों में डिस्कॉम की ओर से डिमाण्ड नोटिस भिजवाए जा रहे हैं। बीपीएल परिवारों को भी 3700 रूपए का डिमाण्ड नोटिस मिल रहा है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि बीपीएल को नि:शुल्क कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान है तो फिर डिमाण्ड नोटिस क्यों दिया जा रहा है? इन हालात में बीपीएल परिवार अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वे यह नहीं जानते कि सरकार की एक योजना में गरीब तो दूसरी में अमीर हैं।
दोनों अलग-अलग
राजीव गांधी विद्युतीकरण व मुख्यमंत्री विद्युतीकरण दोनों योजनाएं अलग-अलग हैं। मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना सबके लिए में नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन का प्रावधान नहीं है। इसलिए डिमाण्ड नोटिस भिजवाए हैं।
प्रेमजीत धोबी अधीक्षण अभियंता, डिस्कॉम
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