मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

बीते दिनों के संत फकीरों का संक्षिप्त परिचय - बुल्ला शाह (1680 - 1757)


बीते दिनों के संत फकीरों का संक्षिप्त परिचय - बुल्ला शाह (1680 - 1757)
 
बुल्लेशाह जिला कसूर (पाकिस्तान) में एक फकीर हुये हैं इनका जन्म बहावलपुर सिंध के गांव उच गैलानीयां में शाह मुहम्मद दरवेश के घर हुआ, जो मुसलमानों में ऊंची जाति के सैय्यद थे। जन्म के बाद का इनका जीवन जिला कसूर में बीता। वर्तमान में भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित जिला कसूर एक विशेष प्रकार कि मेथी के लिए जाना जाता है इसे 'कसूरी मेथी' कहते हैं। बुल्लेशाह बचपने से ही अध्यात्म से जुड़े रहे और उन्होंने कुछ गैबी (न दिखने वाली) ताकत हासिल कर ली कि अधपके फलों को पेड़ से बिना छुए गिरा दे पर उनको तलाश थी एक ऐसे मुर्शिद की जो उन्हें खुदा से मिलवा दे। एक दिन अराईं (छोटी मुसलिम जात) के बाग के पास से गुज़रते हुए, बुल्ले की नजऱ शाह इनायत पर पड़ी। उन्हें लगा शायद मुर्शिद की तलाश पूरी हुई। मुर्शिद को आज़माने के लिए बुल्ले ने अपनी गैबी ताकत से आम गिरा दिए। शाह इनायत ने कहा, नौजवान तुमने चोरी की है। बुल्ले ने चतुराई दिखाई, ना छुआ ना पत्थर मारा कैसी चोरी? शाह इनायत ने इनायत भरी नजऱों से देखा, हर सवाल लाजवाब हो गया। बुल्ला पैरों पर नतमस्तक हो गया। झोली फैला खैर मांगी मुर्शिद मुझे खुदा से मिला दे। मुर्शिद ने कहा, मुश्किल नहीं है,बस खुद को भुला दे। फिर क्या था बुल्ला मुरशद का मुरीद हो गया, लेकिन अभी इम्तिहान बाकी थे। पहला इम्तिहान तो घर से ही शुरू हुआ। सैय्यदों का बेटा अराईं का मुरीद हो, तो तथाकथित समाज में मौलाना की इज्ज़त खाक में मिल जाएगी। बहनें-भाभीयां समझाती हैं कि अराईं का संग छोड़ दो,
बुल्ले नू समझावण आइयां भैणां ते भरजाइयां l
बुल्ले तूं की लीकां लाइयां छड्ड दे पल्ला अराइयां ll
पर बुल्ला कहां जाति को जानता है। कहां पहचानता है समाज के मजहबों वाले मुखौटे।

शाह इनायत पूर्ण पुरुष थे| लोग महात्माओं के चरणों में जाते है तो लोक लाज में बंधे हुए जाते हैं | बुल्ले के परिवार में शादी थी, बुल्ले ने मुर्शिद को आने का न्यौता दिया। फकीर तबियत इनायत शाह खुद तो गए नहीं अपने एक मुरीद को भेज दिया। अराईं मुरीद फटे पुराने कपड़ों में शादी में पहुंचा। बुल्लेशाह के सम्मान को धक्का लगा | लोगों ने ताना दिया कि तुम्हारे गुरु भाई तुमसे मिलने आये हैं | बुल्लेशाह ने लोक लाज के डर से कहा कि ये मेरे गुरु भाई नहीं हैं | वह मुरीद लौट कर शाह इनायत के पास पहुंचा और उन्हें सारी बातें बता दी | गुरु जी ने कहा कि कोई बात नहीं|

बुल्लेशाह साधना करते थे और रूहानी तरक्की भी अच्छी थी उस दिन से उनकी रूहानी तरक्की बंद हो गई | वे बड़े परेशान हुये | गुरु भी इनके प्रति उदासीन दिखाई पड़ने लगे तो खूब रोये | सोचा कि अब क्या किया जाये ? गलती मालूम हो गई थी | परमार्थ के रास्ते पर चलने वालों को अहं को मिटाना पड़ता है , लोक लाज समाप्त करनी पड़ती है, तानेकशी बर्दाश्त करनी पड़ती है | गुरु को खुश करना आसान बात नहीं थी | उन्होंने देखा कि शाह इनायत को गाना पसंद था | बुल्लेशाह ने मुर्शिद को खुश करने के लिए कंजरों से गाना सीखना शुरू कर दिया| मान अपमान से बड़ी चीज रूहानी तरक्की छिन गई थी बंद हो गई थी | साधकों का साधन रुक जाय, जो दिखाई या सुनाई पड़ता है बंद हो जाय तो ऐसी विरह और तड़प पैदा होती है कि मरना बेहतर समझते हैं| तो वेश्या के यहाँ गाना सीखने लगे | कुछ दिन बीत गये | लगन से काम किया जाय तो सफलता जल्दी मिलने लगती है | बुल्लेशाह एक अच्छे गायक बन गये और नाचने वाले भी | गुरु के प्यार ने उन्हें इस स्तर तक पहुंचा दिया | सारी लोक लज्जा कुल मर्यादा समाप्त हो गई | गुरु खुश हो जांय और कुछ नहीं चाहिए | मुर्शिद जिसको चाहे आलिम (अक्लमंद) कर दे, जिसे चाहे अक्ल से खाली कर दे।

एक दिन नाचने वाली एक स्त्री (कंजरी) शाह इनायत के यहाँ कव्वाली के लिए जाने लगी - तो बुल्लेशाह ने उससे कहा कि अपने कपड़े मुझे दे दे तेरी जगह मैं कव्वाली करूँगा| बुल्लेशाह वहां पहुंचे और गाना शुरू कर दिया। चेहरे पर घूंघट था | गाने के साथ नाचने भी लगे।

दिल में दर्द हो तो जुबां में भी दर्द कि तासीर होती है| बाहर से कितना ही बनाव करो बात नहीं बनती | जिसके दिल में विरह है तो उसकी जबान भी दर्द भरी होगी| बुल्लेशाह ने अपने गाने में सारा दर्द उड़ेल दिया था| शाह इनायत ने उठकर, स्त्री भेष में बुल्ले को गले लगा लिया | लोग शाह इनायत के इस कृत्य पर आश्चर्यचकित थे कि ये क्या हो गया ? शाह इनायत ने कहा कि भाई बुल्ले अब पर्दा उठा ले | बुल्ले ने चरणों पर गिर कर कहा कि मैं बुल्ला नहीं भुल्ला हूँ अर्थात भूला हुआ हूँ | मुरशिद ने सीने से लगाकर भुल्ले को जग के बंधनों से मुक्त कर अल्हा की रमज़ से मिला दिया।

गुरु का खुश होना है भारी सत्तपुरुष निज किरिया धारी|
गुरु प्रसन्न होंय जा ऊपर वही जीव है सबके ऊपर ||

बुल्ला ने अलाह को पाने को जो रास्ता अपनाया वो इश्क मिज़ाजी (इंसान से मोहब्बत) से होते हुए इश्क हकीकी (खुदा से मोहब्बत) को जाता है। बुल्ले ने एक (मुरशद) से इश्क किया और उस एक (खुदा) को पा लिया। बुल्ला कहता है,

राझां राझां करदी नी मैं आपे रांझा होई
सद्दो नी मैंनू धीदो रांझा हीर ना आखो कोई

नाम-जाति-पाति, क्षेत्र, भाषा, पाक-नापाक, नींद-जगने, आग-हवा, चल-अचल के दायरे से खुद को बाहर करते हुए खुद के अंदर की खुदी को पहचानने की बात बुल्ले शाह यूं कहते हैं-

बुल्ला की जाना मैं कौन
ना मैं मोमन विच मसीतां न मैं विच कुफर दीयां रीतां
न मैं पाक विच पलीतां, न मैं मूसा न फरओन
बुल्ला की जाना मैं कौन

न मैं अंदर वेद किताबां, न विच भंगा न शराबां
न रिंदा विच मस्त खराबां, न जागन न विच सौण
बुल्ला की जाना मैं कौन

न मैं शादी न गमनाकी, न मैं विच पलीती पाकी
न मैं आबी न मैं खाकी, न मैं आतिश न मैं पौण
बुल्ला की जाना मैं कौन

न मैं अरबी न लाहौरी, न मैं हिंदी शहर नगौरी
न हिंदू न तुर्क पिशौरी, न मैं रहंदा विच नदौन
बुल्ला की जाना मैं कौन

न मैं भेत मजहब दा पाया, न मैं आदम हव्वा जाया
न मैं अपना नाम धराएया, न विच बैठण न विच भौण
बुल्ला की जाना मैं कौन

अव्वल आखर आप नू जाणां, न कोई दूजा होर पछाणां
मैंथों होर न कोई स्याना, बुल्ला शौह खड़ा है कौन
बुल्ला की जाना मैं कौन




 

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संत कँवर राम पर पाकिस्तान में शोध

संत कँवर राम पर पाकिस्तान में शोध


सिंध के सुप्रसिद्ध लोकप्रिय संत कँवर राम (1885-1939) पर पाकिस्तान के कई लेखकों द्वारा शोध किया जा रहा है। संत कँवर राम के विशिष्ट योगदान से युवा पीढ़ी को अवगत कराने के लिए भारत की कई राज्य सरकार उनकी प्रेरक-जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर रहीं हैं।लखनाउ में संत कँवर राम की 125वीं जयंती के मौके पर उक्त जानकारी दी गई। 17 व 18 जुलाई को आयोजित इस संगोष्ठी में हिन्दी और सिंधी के लगभग 150 लेखकों ने हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष भारत सरकार द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के इस विलक्षण संत पर डाक टिकट भी जारी किया गया है। विभाजन के पश्चात भारत में बसे सिंधी-हिन्दू लंबे समय से इसकी माँग कर रहे थे। संत कँवर राम जी की 1 नवंबर 1939 को आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। सिंधी कथा गायन शैली 'भगत' को लोकप्रियता प्रदान करने का श्रेय भी संत कँवर राम को जाता है।



PRलखनऊ में संपन्न इस संगोष्ठी का आयोजन हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा किया गया। संगोष्ठी में ‍समाज सुधार के लिए संत कँवर राम द्वारा किए गए प्रयासों का स्मरण किया गया। संत कँवर राम ने तत्कालीन सिंध में सामाजिक समरसता के प्रसार तथा जनजागृति के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य किए।

सबसे महत्वपूर्ण, देश की आजादी के लिए वातावरण निर्मित करने में उनका अहम योगदान रहा। संत कँवर राम के लोकगायक, जनप्रिय नेता, समाज सुधारक और एक संत के रूप में दिए गए अवदान पर संगोष्ठी में लगभग 60 शोध पत्रों का वाचन किया गया। लखनऊ के संत असुदा राम आश्रम के प्रमुख चाँदूरामजी ने लेखकों को प्रशस्ति पत्र दिए।

उन्नत खेती का पैगाम, पहुँचा सरहद, ढाँणी-गाँव खुशहाली लाए खेत-खलिहान, धरती पुत्र हुए निहाल


उन्नत खेती का पैगामपहुँचा सरहदढाँणी-गाँव
खुशहाली लाए खेत-खलिहानधरती पुत्र हुए निहाल
डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
राजस्थान की पश्चिमी सरहद पर अवस्थित  रेतीली धरा जैसलमेर जिले में बहुसंख्यक लोगों की आजीविका कृषि और पशुपालन पर आधारित रही है। सरकार की कृषि व इससे संबंधित योजनाओं की वजह से परम्परागत कृषि में बदलाव आने लगा है तथा काश्तकार नवाचारों को अपना रहे हैं।
इंदिरा गांधी नहर का पानी प्यासे खेतों में पहुँचकर खुशहाली के स्वप्नों को साकार कर रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पिछले चार वर्ष में कृषि विकास व विस्तार के क्षेत्र में ढेरों उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं।
खेतों में खिले नवाचारों के फूल
इस अवधि में कृषि विभाग द्वारा किसानों के यहां 370.51 लाख रुपये व्यय कर 14 हजार 704 फसल प्रदर्शन आयोजित किये गये। इनमें से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पोषण सुरक्षा के लिये कृषकों के यहां कलस्टरों में 12860 हैक्टर क्षेत्र में बाजरा प्रदर्शनों का निःशुल्क आयोजन किया गया। इस अवधि में 29.4 लाख रुपए लागत के 57 हजार 736मिनिकिट्स का निःशुल्क वितरण ग्राम पंचायत स्तरीय शिविरों में किया गया। इसी तरह 235 किसानों को कृषि यंत्र की खरीद के लिये 20.98 लाख रुपए  अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराये गये।
उपकरणों ने बदली खेतों की तस्वीर
जिले में हजार 255 किसानों को पौध संरक्षण यंत्र खरीद के लिये 11.17 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। 137 किसानों को जल हौज निर्माण के लिये 68.50लाख रुपए का अनुदान तथा नहरी क्षेत्र में 292 किसानों को डिग्गी निर्माण के लिये 348 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध करवाकर बहुत बड़ी राहत पहुँचाई गई है। इसी प्रकार 35किसानों को सामुदायिक पौण्ड निर्माण के लिये 244 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की गई।
बूँद-बूँद सिंचाई पद्धति ने भरे भण्डार
जिले में हजार 891 हैक्टर क्षेत्र में फव्वारा संयत्र लगाने के लिये 228.89 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। इससे हजार 961 किसान लाभान्वित हुए। बूँद-बूँद सिंचाई को प्रोत्साहन करने के लिये 348 हैक्टर क्षेत्र में किसानों के यहाँ बूंद-बूँद संयत्र स्थापित किये गये एवं उन्हें 205.50 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। जबकि167 हैक्टर क्षेत्र में मिनी स्पि्रंकलर लगाये जाकर किसानों को 123 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने न्यून अन्तराल पर बूँद-बूँद संयंत्र स्थापित करने पर अनुदान को 70 से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया गया।
खजूर और बेर उत्पादन को बढ़ावा
इस अवधि में जिले में 45.88 हैक्टर में 90 प्रतिशत अनुदान पर टिश्यू कल्चर से तैयार आयातित खजूूर पौधों पर कृषकों को 110.17 लाख राशि का अनुदान उपलब्ध करवाया गया। कुल 105 हैक्टर में बेर पौधारोपण किया गया। इस दौरान किसानों को जिप्सम पर अनुदान के रूप में 4.99 लाख रुपए राशि व्यय की गई।
भ्रमणों ने निखारा काश्तकारों के हुनर को
जिले में 21 हजार 725 कृषकों को कृषक प्रशिक्षणोंभ्रमण व मेलों इत्यादि से लाभान्वित किया गया। इन गतिविधियों पर 29.57 लाख की धन राशि व्यय की गई। कृषकों को अनुदान पर पाईप लाईन स्थापित कराकर उन्हें 30 कि.मी. पाईप लाईन पर 10.18 लाख रुपए की राशि अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराई गई। जिले में हजार 920 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। जिले में चलाये गये रबी अभियान ने किसानों को खेती-बाड़ी के मामले में नई दिशा प्रदान की है।
जैसलमेर जिले में कृषि की विपुल संभावनाओं और सिंचित क्षेत्र में निरन्तर वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उपनिदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद्का नया पद सृजित किया गया। इसी प्रकार जिला मुख्यालय पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की गई।
प्रगतिशील किसानों को मिला प्रोत्साहन
जिले में पहली बार आत्मा योजनान्तर्गत वर्ष 2009-10 से प्रत्येक पंचायत समिति पर दो प्रगतिशील कृषकों का चयन कर 10-10 हजार रुपए का पुरस्कार एवं जिला स्तर पर प्रगतिशील कृषकों को 25-25 हजार रुपए का पुरस्कार दिलाया गया। अब तक 18 किसानों को 2.70 लाख रु पए पुरस्कार स्वरूप मिल चुके हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत पहली बार वर्ष 2010-11 में 200 कृषकों के यहाँ चना प्रदर्शन किया गया एवं उन्हें 1000 मिनिकिट्स निःशुल्क वितरित किये गये।
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
जवाहरलाल नेहरु सौर ऊर्जा मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत जिले में वर्ष 2011-12 में पहली बार 31 कृषकों के यहां 86 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर 150 लाख अनुदान राशि उपलब्ध करवाई गई।
रबी एवं खरीफ अभियान से किसानों ने पायी नई जानकारी
राज्य सरकार द्वारा किसानों को कृषि की नवीन तकनीक की जानकारी देने एवं उन्नत किस्म के बीजों का वितरण कराने के लिये खरीफ एवं रबी अभियानों का संचालन किया गया। चार वर्षीय कार्यकाल में जिले में कृषि विभाग द्वारा खरीफ अभियान शिविरों का आयोजन किया जाकर किसानों को खेती-बाड़ी की नवीन कृषि तकनीक की जानकारी दी गई।
आलोच्य अवधि में 128 ग्राम पंचायतों में प्रतिवर्ष खरीफ अभियान शिविरों का आयोजन किया जाकर 23 हजार 144 किसानों को बीज मिनिकिट्स का निःशुल्क वितरण किया गया। इस अवधि में रबी अभियान के तहत शिविरों का आयोजन किया जाकर 24 हजार 359 बीज मिनिकिट्स किसानों को निःशुल्क वितरित किये गये। इसके साथ ही 10 हजार 233चारा मिनिकिट्स भी निःशुल्क वितरित किये। इसी प्रकार हजार 862 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये एवं 4325 मृदा स्वास्थ्य के नमूनों का संग्रहण किया गया।
शिविरों मेंं हजार 807 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये गये वहीं 875 किसानों के खेतों से मृदा स्वास्थ्य के नमूने संग्रहीत किये गये। शिविरों में किसानों को मांग के अनुसार रबी व खरीफ फसलों के लिये उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराये गये। इन चार वर्षों में खेती-बाड़ी के लिहाज से जिले में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत खूब काम हुए हैं और व्यापक उपलब्धियां हासिल की गई हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी का 88वां जन्मदिन, PM पहुंचे उनके घर


अटल बिहारी वाजपेयी का 88वां जन्मदिन, PM पहुंचे उनके घर


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 88 वें जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अनेक लोगों ने मंगलवार को उनके निवास पर जाकर उन्हें बधाई दी और उनके स्वस्थ जीवन की कामना की.

मनमोहन सिंह वाजपेयी के निवास, 6-ए कृष्णा मेनन मार्ग पर गए और बीजेपी के वरिष्ठ नेता के साथ तकरीबन 15 मिनट बिताए. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने वाजपेयी को इस अवसर पर गुलदस्ता भेजा.

वाजपेयी को बधाई देने उनके निवास पर सुबह पंहुचने वालों में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी और लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा शामिल हैं.

प्रधानमंत्री के रूप में छह साल के दौरान वाजपेयी ने मई 1998 में पोखरण परमाणु विस्फोट परीक्षण करने का निर्भीक कदम उठाया. उन्हें गठबंधन सरकार चलाने का भी ‘गुरू’ माना जाता है जिन्होंने 24 राजनीतिक दलों के साथ मिल कर राजग सरकार चलाई.

उन्हें बधाई देने पंहुचने वालों में राजनाथ सिंह, शाहनवाज हुसैन, कलराज मिश्र, राजीव प्रताप रूडी, विजय गोयल और अनंत कुमार शामिल हैं. अपने प्रिय नेता के जन्मदिवस के अवसर पर बीजेपी के कुछ नेताओं ने गरीबों को कंबल भी बांटे.

वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. एक कवि और पत्रकार के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की और बाद में देश के राजनेता के रूप में उभरे.


आईपीएस के घर घुसे चोर

आईपीएस के घर घुसे चोर
जयपुर। राजधानी में चोरों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे दिनदहाड़े पुलिस के घर में चोरी करने से भी नहीं डर रहे हैं। सोमवार को मालवीय नगर निवासी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विपुल चतुर्वेदी के घर दिन दहाड़े तीन चोर घुस गए। हालांकि नौकर की मुस्तैदी से एक बाल अपचारी मौके पर ही पकड़ा गया,लेकिन उसके दो साथी भागने में सफल हो गए। बाद में पुलिस ने पकड़े गए बाल अपचारी से पूछताछ के आधार पर उसके साथियों को भी धर-दबोचा।

पुलिस ने बताया कि मौजी कॉलोनी निवासी आईपीएस अधिकारी विपुल चतुर्वेदी वर्तमान में विदेश में संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर कार्य कर रहे हैं। उनके घर पर सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे तीन बाल अपचारी चोरी के इरादे से घुसे। चोरों ने घर के पीछे के दरवाजे का कुंदा सरिये से तोड़कर घर में प्रवेश किया। एक आरोपी घर के ऊपरी हिस्से में चला गया और दो बाहर ही रूक गए।

घर में घुसे चोर ने अलमारियों को खंगालना शुरू किया। खटपट की आवाज सुन नौकर मिश्रीलाल कमरे में गया और एक बाल अपचारी को पकड़ लिया। नौकर ने ही पुलिस को बुलाया और आरोपी को उनके हवाले कर मामला दर्ज करवाया।

पहले भी पकड़े गए हैं आरोपी
पुलिस के अनुसार पकड़े गए तीनों बाल अपचारी मॉडल टाउन में चोरी के मामले में पहले भी पकड़े गए थे। मौके से पकड़ा गया 14 वर्षीय बाल अपचारी खो नागोरिया का रहने वाला है। उससे पूछताछ के बाद मंगलवार सुबह जगतपुरा कच्ची बस्ती निवासी 11 वर्षीय और मनोहरपुरा कच्ची बस्ती निवासी नौ वर्षीय दोनों बाल अपचारियों को भी धर-दबोचा।

पूरी तैयारी में आए थे
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास चोरी के लिए उपयोगी सारा सामान मिला है। तीनों चोरी के इरादे से ही घर में घूसे थे। उनके पास एक लोहे की छड़,नकब और बोरी मिली है। पूछताछ में बालअपचारियों ने बताया कि कई दिनों से उनकी निगाह इस मकान पर थी। हालांकि उन्हें नहीं पता था कि इसमें नौकर व अधिकारी की बुजुर्ग मां होगी।

एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित की बहन लापता

एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित की बहन लापता

मुंबई। सुलक्षणा,विजेता,जतिन और ललित पंडित.. ये चार नाम ऎसे हैं,जिन्हें बॉलीवुड में पहचान मिली है। लेकिन संगीतकारों और कलाकारों के इस परिवार की पांचवीं सदस्य संध्या सिंह के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते। अब संध्या इस वजह से चर्चा में हैं कि वे पिछले दो सप्ताह से मुंबई से लापता हैं।

इंदौर के सीनियर कस्टम और एक्साइज कमिश्नर जयप्रकाश सिंह की पत्नी संध्या (50) पिछले 13 दिसम्बर से लापता हैं। पुलिस की जानकारी के अनुसार वे बैंक में 20 लाख रूपए की ज्वैलरी जमा करवाने के लिए घर से निकली थीं, लेकिन उसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। संध्या नवी मुंबई के सीवुड्स में अपने दो बच्चों के साथ रह रही थीं,जबकि उनके पति की पोस्टिंग ग्वालियर में है। जयप्रकाश ने संदेह जताया है कि उनकी पत्नी किसी लूट की घटना का शिकार हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि घर पर हाल ही हुई लूट की घटना की वजह से वे ज्वैलरी को बैंक लॉकर में जमा करवाने जा रही थीं।

जयप्रकाश को घटना की जानकारी उस वक्त मिली,जब उनके 22 वर्षीय पुत्र ने उन्हें फोन पर बताया कि मां घर नहीं लौटी। सभी दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां पूछताछ के बाद पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई गई। पड़ताल में पता चला कि संध्या बैंक नहीं पहुंची और रास्ते में उन्होंने पानी की बोतल खरीदी थी। उनके पास मौजूद फोन भी स्विच्ड ऑफ हैं।

जांच में पता चला है कि संध्या डिप्रेशन की शिकार हैं और वे इसके लिए गोलियां भी ले रही थीं। इससे पहले वे घर से बिना बताए जा चुकी हैं, लेकिन हर बार वे किसी दोस्त या रिश्तेदार के पास मिल जाती थीं। यह पहली बार है कि दो सप्ताह से उनकी किसी तरह की जानकारी नहीं है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।

पार्क में लड़के-लड़की की बीच हो रहा था ऐसा गंदा खेल, पुलिस भी देख रह गई दंग

इंदौर। दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद पुलिस ने सोमवार से शहर में ऑपरेशन सुरक्षा शुरू किया। टीमों ने स्कूलों व कॉलेजों के आसपास मंडराने वाले मनचलों को सबक सिखाया। साथ ही एक गार्डन में युवती के साथ बैठे गुंडे को पकड़ा। पहले दिन तो पुलिस ने छात्राओं को समझाइश देकर छोड़ दिया। अभियान में अब तक 37 से ज्यादा मनचलों पर कार्रवाई की गई। एसपी डॉ. आशीष ने बताया सभी थाना प्रभारियों को मनचलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
PIX: पार्क में लड़के-लड़की की बीच हो रहा था ऐसा गंदा खेल, पुलिस भी देख रह गई दंग 
दरअसल दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद पूरे मध्यप्रदेश में पुलिस को ऐसे वारदात रोकने के लिए आदेश दिया गया है। इसी मद्देनजर पार्क में
 दोपहर में कोतवाली पुलिस ने गुजराती कॉलेज के बाहर खड़े दो युवकों को पकड़ा। उन्होंने ने अपने नाम महेंद्र पिता फूलचंद वर्मा निवासी रुस्तम का बगीचा व राहुल पिता राधेश्याम नि. पंचमूर्तिनगर बताए। विजयनगर व एमआईजी पुलिस मेघदूत गार्डन पहुंची।
PIX: पार्क में लड़के-लड़की की बीच हो रहा था ऐसा गंदा खेल, पुलिस भी देख रह गई दंग

पुलिस देख बाहर खड़े युवक भाग गए। पुलिस अंदर पहुंची तो एक युवक भागने लगा जिसे पकड़ लिया गया। वह एमआईजी थाना क्षेत्र का बदमाश कपिल पिता खुशालराव रंगारी है। वसीम पिता असलम भी पकड़ा गया।
PIX: पार्क में लड़के-लड़की की बीच हो रहा था ऐसा गंदा खेल, पुलिस भी देख रह गई दंग


पुलिस को देख कई प्रेमी युगल मुंह छिपाते रहे। एक युवती ने पुलिस को बताया वह यहां फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है और रीवा की रहने वाली है। प्रेमी से मिलने गार्डन में आई थी। सीएसपी ने समझाइश देकर छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस प्रेस्टीज कॉलेज, सत्यसांई स्कूल पहुंची। यहां से तीन युवकों को पकड़ा। पुलिस को देख युवती भागी, युवक धराया- जूनी इंदौर पुलिस ने ओल्ड जीडीसी के गेट के बाहर मनचलों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया। यहां एक युवक और युवती खड़ी दिखी।

छठी बार हिमाचल के सीएम बने वीरभद्र सिंह

शिमला. वीरभद्र सिंह ने छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। मंगलवार को राज्‍यपाल ने उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वीरभद्र के नेतृत्‍व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 68 में से 36 सीटें जीती हैं। उन्‍हें एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है।
 
ठियोग की विधायक विद्या स्टोक्स, द्रंग के विधायक कौल सिंह ठाकुर, नगरोटा बगवां के विधायक जीएस बाली, भरमौर के ठाकुर सिंह भरमौरी, बंजार के विधायक कर्ण सिंह, बल्ह के विधायक प्रकाश चौधरी, फतेहपुर के विधायक सुजान सिंह पठानिया, हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री और धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा को वीरभद्र ने मंत्री बनाने का फैसला किया है। विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह से हाथ मिलाकर चलने वाली विद्या स्टोक्स को मनचाहा विभाग मिलने की उम्‍मीद है। विद्या ने मुख्‍यमंत्री के बाद शपथ ली।

नेगी सलाहकार होंगे

पूर्व कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी टीजी नेगी वीरभद्र सिंह के सलाहकार होंगे। चुनावी टीम के सभी सदस्यों को कांग्रेस सरकार में ओहदेदारी प्राप्त होगी। पूर्व अफसरों में टीजी नेगी, टीसी जनारथा, सुभाष आहलुवालिया की अहम भूमिका रही है।

सीडी कांड में वीरभद्र और प्रतिभा बरी, सीएम का पद संभालने से पहले बड़ी राहत

बहुचर्चित सीडी मामले में शिमला की स्पेशल कोर्ट (वन) ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वीरभद्र सिंह और उनकी प्रतिभा सिंह को बरी कर दिया है।

अदालत के इस फैसले की जानकारी वीरभद्र सिंह के वकील श्रवण डोगरा ने मीडिया को दी। सीडी मामले में वीरभद्र और प्रतिभा सिंह दोनों पर अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। यह मामला वर्ष 1989 का है।

उस समय वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे। कोर्ट ने कहा,‘इस बारे में कोई भी मामला नहीं बनता, क्योंकि एक भी गवाह ने प्रॉसीक्यूटर के सबूतों का समर्थन नहीं किया।’

यह था मामला

आरोप था कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र ने दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट के यूनिट को मंजूरी देने के लिए पद का दुरुपयोग किया। प्लांट लगाने के लिए औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गईं। प्रतिभा सिंह पर आरोप था कि उन्होंने अनुमति देने के लिए वीरभद्र सिंह पर दबाव बनाया।

राजनीति से प्रेरित था मामला: वीरभद्र सिंह


वीरभद्र सिंह फैसला आने के बाद बेहद खुश दिखे। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित था। पहले धूमल सरकार ने उनको सागर कत्था मामले और बाद में सीडी मामले में फंसाने का प्रयास किया। कोर्ट में सब झूठ साबित हुआ।

अदालत का निर्णय सर्वमान्य : मनकोटिया

वीरभद्र सिंह के खिलाफ घोटले से संबंधित कथित बातचीत की सीडी जारी करने वाले पूर्व पर्यटन मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने कहा कि अदालत का निर्णय सर्वमान्य है। इस पर कोई टिप्पणी करना सही नहीं होगा।

कब-कब क्या हुआ?

2007 : सीडी जारी

27 मई 2007 को मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने सीडी जारी की। उन्होंने दावा किया कि सीडी में वीरभद्र, प्रतिभा और तत्कालीन डीसी महेंद्र सिंह के बीच पैसों के लेन-देन की बात रिकॉर्ड है। रिकॉर्डिग 1989 की बताई गई थी।

2008 : जांच शुरू

2008 में भाजपा सरकार ने विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच सौंपी। मामले की चार्जशीट तैयार कराई। 3 अगस्त 2009 को एंटी करप्शन ब्यूरो ने वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया।

2010 : चालान पेश

अक्टूबर 2010 को कोर्ट में चालान पेश किया गया। एंटी करप्शन ब्यूरो ने कोर्ट में दावा कि उसके पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे यह साबित होता है कि तीनों आरोपियों के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर बातचीत हुई थी।

2012 : हाईकोर्ट से झटका

हाईकोर्ट में वीरभद्र सिंह की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने स्पेशल कोर्ट पर चल रहे मामले पर रोक लगाने की मांग की। ऐसा न होने पर सीबीआई से जांच मांग की गई। लेकिन, कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया।

25 जून 2012: आरोप तय

वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा-7,11,13 (1) (डी) और धारा-120 बी के तहत आरोप तय किए गए। प्रतिभा सिंह के खिलाफ धारा-120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा-9 के अधीन आरोप थे।

जून 2012 : मंत्री पद छोड़ा

25 जून 2012 को केंद्रीय मंत्री वीरभद्र और प्रतिभा सिंह के खिलाफ आरोप तय हुए। विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था और चार्जशीट 42 बिंदुओं पर आधारित थी। इसके बाद वीरभद्र ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

फैसले में देरी क्यों?

वीरभद्र सिंह ने एफआईआर खारिज करवाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। मांग की थी कि ऐसा न होने पर मामला सीबीआई को सौंपा जाए। 7 जनवरी 2012 को हाईकोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने वीरभद्र को मामले में छूट देने से मना कर दिया और ट्रायल कोर्ट में जाने की सलाह दी। इसके बाद विशेष अदालत ने कार्यवाही फिर से शुरू की। इस वजह से फैसला आने में देरी हुई।

10 साल की बच्ची के बलात्कारी हत्यारे को सजा-ए-मौत



बरेली।। दिल्ली में चलती बस में हुई 23 साल की युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद सारा देश जाग चुका है। जहां सारा देश इस समय बलात्कारियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहा है, वहीं बरेली की अदालत ने 10 साल की बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या करने के मामले में अभियुक्त को फांसी की सजा का फैसला सुनाया है। जज ने फैसला सुनाने के दौरान दिल्ली के गैंग रेप का जिक्र करते हुए कहा है कि देश को एक बार फिर बलात्कारियों को मृत्युदंड की बहस से आगे जाकर कानूनों की सीमा के संबंध में सोचने की जरूरत है।
10 साल की बच्ची के दुष्कर्मी हत्यारे को फांसी 
भुता थाने के बुधौली गांव में 27 मई 2000 को अशोक कश्यप नाम ने 10 साल की लड़की मीरा को अपनी हवस का शिकार बनाया और फिर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर सुनवाई के बाद स्पेशल जज यू. सी. पाण्डेय ने अशोक को दोषी करार दिया और उसे सजा-ए-मौत दी। मीरा के पिता हीरालाल की 2010 में बीमारी के कारण मौत हो गई, उसके आठ महीने बाद ही मां गनेशा देवी की भी मौत हो गई थी।बुधौली के पूर्व प्रधान हीरालाल की बेटी मीरा अपने चचेरे भाई के साथ गांव में जानवर चरा रही थी। इसी दौरान वह पानी पीने टयूबवेल पर गई। टयूबवेल चलाने वाले अशोक कश्यप ने मीरा को दबोच कर रेप किया और टयूबवेल की कोठरी में ही उसकी हत्या कर दी। घटना का किसी को पता न चले, इसलिए लाश को भूसे के नीचे दबा दिया। बाद में टयूबवेल की कोठरी में भूसे में दबा हुआ उसका नग्न शव बरामद हुआ। 29 मई 2009 को पुलिस ने अशोक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तब से ही अशोक जेल में बंद है।
पुलिस ने भूसे में दबी लड़की की लाश को मौका-ए-वारदात से बरामद किया था। अशोक को पकड़ने के बाद उसकी निशानदेही से टयूबवेल की कोठरी में लड़की के कपड़े बरामद किए। इन कपड़ों में लड़की की फ्रॉक और दूसरे कपड़ों पर खून के धब्बे थे। अशोक की पैंट और कच्छे पर भी खून के धब्बे मिले। मृत बच्ची और आरोपी के अंगवस्त्रों पर शुक्राणु भी पाए गए थे। पुलिस ने इन कपड़ों को फॉरेन्सिक लैब में भेजा और रिपोर्ट से साबित हो गया कि बच्ची से रेप व उसकी हत्या करने वाला कोई दूसरा नहीं अशोक था।

तमाम सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद जज यू.सी. पाण्डेय ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त अपने पाशविक कृत्य से पूर्णतया भिज्ञ था। उसने एक अबोध बालिका की निर्मम हत्या की है। इस तरह का कामांध और बर्बर व्यक्ति समाज के लिए कभी भी गंभीर खतरा बन सकता है। अभियुक्त को धारा 376 के तहत आजीवन कारावास और 302 के तहत मृत्युदंड से दंडित किया जाता है।

दहेज पीडिताओं का दुखड़ा

दहेज पीडिताओं का दुखड़ा
बीकानेर। दहेज के लिए प्रताडित महिलाएं पुलिस की ढुलमुल नीति से आक्रोशित है। पीडित महिलाएं सोमवार को कलक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठी। दहेज प्रताडित महिलाओं ने बलात्कार पीडितों को भी शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने जिला कलक्टर के माध्यम से गृहमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

बाद में पीडित महिलाएं सावधान संस्थान के दिनेशसिंह भदौरिया के साथ कलक्टर आरती डोगरा व एसपी राकेश सक्सेना से मिली और आपबीती बताई। सक्सेना ने मामलों की जांच के लिए सीओ सिटी अनुकृति उज्जैनिया को निर्देश दिए। एसपी से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल में विमला, नथीदेवी, रामप्यारी, भंवरी, सुमित, प्रियंका, नेहा भाटी, धनेश्वरी, अनिता, मोहनी आदि शामिल थी।

झगड़े में चले लाठी-सरिए, दो पीबीएम में
रामपुरिया रोड पर भार्गवों के मोहल्ले में सोमवार सुबह दो गुटों में मारपीट हुई और दोनों ओर से लाठी-सरिए चले। इससे चार-पांच जनों के चोटें आई। इनमें से दो जनों को पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों पक्षों ने सिटी कोतवाली में मामले दर्ज कराए हैं।

एक पक्ष से सुनील भार्गव ने रिपोर्ट में कहा कि रविवार रात नरेश व नरसी ने उसके साथ गाली गलौच की थी। इसका उलाहना देकर राजीनामे के लिए वह इनके घर गया तो सुरेश, हनुमान, बजरंग, नरेश, श्यामलाल व विजय ने लाठी व सरिए से उस पर वार किए। इससे वह घायल हो गया। दूसरे पक्ष से श्यामसुन्दर ने रिपार्ट मेंं कहा कि सोमवार सुबह सुनील, सुरेश, महेश व अन्य ने मारपीट की।

डॉ.चारण को केंद्रीय नाटक अकादमी पुरस्कार

डॉ.चारण को केंद्रीय नाटक अकादमी पुरस्कार

जोधपुर। प्रख्यात राजस्थानी साहित्यकार व नाटककार डॉ. अर्जुनदेव चारण को केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी की ओर से संपूर्ण नाट्य लेखन पर पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। अकादमी सचिव हेलन आचार्य ने बताया कि पुरस्कार के तहत उन्हें एक लाख रूपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

डॉ. चारण को डा.ॅ चारण को उनके काव्य संग्रह घर तो एक नाम है भरोसे रौ...पर वर्ष 2011 के लिए हाल ही में के के बिड़ला फाउंडेशन का बिहारी पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने राजस्थानी में कुल 17 नाटक लिखे हैं। जिनमें धर्मजुद्ध, जेठवा ऊजली, मुक्ति गाथा, तत्वमसी, बोल म्हारी मछली इत्तो पाणी, जातरा, अजे सैं बाकी है, बलिदान सत्याग्रह और जम लीला आदि प्रमुख हैं।

जवान की जवानों पर फायरिंग,4 मरे

जवान की जवानों पर फायरिंग,4 मरे

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सीआरपीएफ के एक जवान ने साथी जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें चार जवानों की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

दंतेवाड़ा के एसपी नरेन्द्र खरे ने बताया कि फायरिंग की घटना बीती रात की है। 111 सीआरपीएफ बटालियन के कैंप में जवान दीप कुमार तिवारी ने सो रहे साथी जवानों पर अचानकर फायरिंग कर दी।

तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक की अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में मोत हुई। गंभीर रूप से घायल जवान को जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की वजह का पता नहीं चल पाया है लेकिन कहा जा रहा है कि फायरिंग करने वाला जवान मानसिक तनाव में था।

पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाया!

पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाया!

नई दिल्ली। गैंग रेप मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब एक जज ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाने की कोशिश की थी। 3 पुलिस कर्मियों ने पीडिता को कैमरे के सामने बयान दर्ज करवाने से रोकने की भी कोशिश की थी। यही नहीं उससे गलत बर्ताव भी किया गया था। जज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से पुलिस वालों की शिकायत की है। शिकायत करने वाले जज ने ही शुक्रवार को पीडिता का बयान दर्ज किया था।

इस बयान को ट्रायल के दौरान यूज किया जाएगा। जज की शिकायत के आधार पर शीला दीक्षित ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने को कहा है। शीला ने पत्र में लिखा है कि जांच प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जांच कराई जाए।

हालांकि जज ने पीडिता के बयान के कंटेट पर कोई सवाल नहीं उठाए हैं। उधर पुलिस वालों का कहना है कि पीडिता के घर वालों ने ही कैमरे के सामने बयान लेने से मना किया था। पीडिता की मां नहीं चाहती थी कि उनकी बेटी के बयान का वीडियो बनाया जाए।

पुलिस कर्मियों का कहना है कि जज ने जिन तीन लोगों के नाम लिए हैं वे उस रूम में मौजूद नहीं थे जहां पीडिता का बयान दर्ज किया गया था। जज पीडिता से जो सवाल पूछना चाहते थे,पूछ सकते थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से पीडिता का बयान दर्ज करने के लिए तैयार हैं।

प्रेमिका को देह व्यापार में धकेला

प्रेमिका को देह व्यापार में धकेला


अलवर। एक प्रेमी ने पैसे की खातिर अपनी प्रेमिका को देह व्यापार में धकेल दिया लेकिन पुलिस ने समय रहते प्रेमी-प्रेमिका सहित एक दलाल को गिरफ्तार कर लिया। युवती मूलत: टोंक की रहने वाली है तथा जयपुर के एक नर्सिग कॉलेज की छात्रा है। पुलिस ने पीटा एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

डीएसपी (शहर) नरेन्द्र मोहन शर्मा ने बताया कि पिलानी निवासी नरेश सैनी (29) पुत्र ओमप्रकाश दो दिसम्बर को जयपुर से प्रेमिका को लेकर भागा था। पहले कुछ दिन वह प्रेमिका को दिल्ली की तरफ ले गया, लेकिन वहां उनके रहने की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। दस दिसम्बर को वह अलवर आ गया।

यहां वह अम्बेडकर नगर में किराए से रह रहे नायला निवासी दयाशंकर के सम्पर्क में आया। यहां एक मसाज पार्लर पर काम करने की बात हुई थी, लेकिन काम नहीं मिला। इसके बाद छात्रा के प्रेमी नरेश व दलाल दयाशंकर ने एक अखबार में मोबाइल नम्बर सहित विज्ञापन दिया। इसके बाद दलाल के मोबाइल पर फोन आने लग गए। शुक्रवार शाम को पुलिस अधीक्षक उमेश चन्द्र दत्ता को इसकी शिकायत मिली।

पुलिस अधीक्षक ने डीएसपी नरेन्द्र मोहन शर्मा के नेतृत्व में कोतवाल गणपतराम व एनईबी थाना प्रभारी राजेश वर्मा व पुलिस कांस्टेबलों की टीम गठित की। एक दिन बाद ही पुलिस ने दलाल सहित प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया। जिनके खिलाफ सोमवार को चालान पेश किया जाएगा।

अटल बिहारी वाजपेयी: एक करिश्माई व्यक्तित्व के धनी

जन्मदिवस पर विशेष .......बधाई ......शुभकामनाए 

अटल बिहारी वाजपेयी: एक करिश्माई व्यक्तित्व के धनी


नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मंगलवार को 88 वर्ष के हो गए। उनके जन्मदिन पर भाजपा के कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। भाजपा में करिश्माई व्यक्तित्व के धनी वाजपेयी को उनके विरोधी भी पूरा सम्मान देते हैं। वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता और सिद्ध हिन्दी कवि भी हैं।

अटल की सबसे बड़ी उपलब्धि :-






प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना वाजपेयी ने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसी कदम भी उठाये। सन 1998 में राजस्थान के पोखरण में भारत का द्वितीय परमाणु परीक्षण किया जिसे अमेरिका की सीआईए को भनक तक नहीं लगने दी। इस परीक्षण की खबर से अमेरिका समेत कई मुल्क सन्न रह गए थे।

यूएन में सुनाई दी हिंदी :-

अटल बिहारी वाजपेयी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था। इन सबसे अलग उनके व्यक्तित्व का सबसे बडा गुण है कि वे सीधे सच्चे व सरल इंसान हैं। उनके जीवन में किसी भी मोड पर कभी कोई व्यक्तिगत विरोधाभास नहीं दिखा।

एक कृति से बदला जीवन :-

वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर 25 दिसंबर 1924 को हुआ। उनके पिता मध्यप्रदेश की रियासत ग्वालियर में अध्यापक थे। लेखन की शैली उन्होंने अपने पिता से ही सीखी। उनके पिता हिंदी और ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। उनकी शिक्षा भी यहीं पर हुई। इसके बाद महात्मा रामचंद्र वीर द्वारा रचित अमर कृति विजय पताका ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।

राजनीति की शुरुआत :-

छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े। बाद में उन्होंने कानपुर के डीएवी कालेज से राजनीति शास्त्र में एमए और एलएलबी की पढ़ाई भी प्रारम्भ की। यहीं से उन्होंने राजनीति का ककहरा भी सीखा। उन्होंने पांचजन्य, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसी पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। उन्हें भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में भी गिना जाता है। वह वर्ष 1968-1973 तक इसके अध्यक्ष भी रहे।

1957 में पहली बार बने सांसद :-

1955 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 1957 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। अटल 1968 1973 तक भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मोरारजी देसाई की सरकार में जब वह विदेश मंत्री थे तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण पढ़कर अपनी अनूठी छवि और हिंदी के प्रति अपने लगाव का भी परिचय दिया।

इंडिया शाइन का दिया नारा :-

1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के साथ ही वह इसके अध्यक्ष भी चुन लिए गए। उन्होंने 1997 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। 19 अप्रैल, 1998 को पुन: प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार ने पांच वषरें में देश के अन्दर प्रगति के अनेक आयाम छुए। लेकिन 2004 के चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका। इस दौरान उनके द्वारा दिए गए इंडिया शाइन नारे की भी कड़ी आलोचना की गई। कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की स्थापना कर एक बार फिर देश को गठबंधन की सरकार दी। इसके बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया।

कवि के रूप में अटल :-

कवि के रूप में अटल की मेरी इक्यावन कविताएं प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। इसके अलावा मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुंडलियां, संसद में तीन दशक, अमर आग है, कुछ लेख: कुछ भाषण, सेक्युलर वाद, राजनीति की रपटीली राहें और बिन्दु-बिन्दु विचार आदि हैं।