पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाया!
नई दिल्ली। गैंग रेप मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब एक जज ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाने की कोशिश की थी। 3 पुलिस कर्मियों ने पीडिता को कैमरे के सामने बयान दर्ज करवाने से रोकने की भी कोशिश की थी। यही नहीं उससे गलत बर्ताव भी किया गया था। जज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से पुलिस वालों की शिकायत की है। शिकायत करने वाले जज ने ही शुक्रवार को पीडिता का बयान दर्ज किया था।
इस बयान को ट्रायल के दौरान यूज किया जाएगा। जज की शिकायत के आधार पर शीला दीक्षित ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने को कहा है। शीला ने पत्र में लिखा है कि जांच प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जांच कराई जाए।
हालांकि जज ने पीडिता के बयान के कंटेट पर कोई सवाल नहीं उठाए हैं। उधर पुलिस वालों का कहना है कि पीडिता के घर वालों ने ही कैमरे के सामने बयान लेने से मना किया था। पीडिता की मां नहीं चाहती थी कि उनकी बेटी के बयान का वीडियो बनाया जाए।
पुलिस कर्मियों का कहना है कि जज ने जिन तीन लोगों के नाम लिए हैं वे उस रूम में मौजूद नहीं थे जहां पीडिता का बयान दर्ज किया गया था। जज पीडिता से जो सवाल पूछना चाहते थे,पूछ सकते थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से पीडिता का बयान दर्ज करने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली। गैंग रेप मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब एक जज ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने पीडिता को धमकाने की कोशिश की थी। 3 पुलिस कर्मियों ने पीडिता को कैमरे के सामने बयान दर्ज करवाने से रोकने की भी कोशिश की थी। यही नहीं उससे गलत बर्ताव भी किया गया था। जज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से पुलिस वालों की शिकायत की है। शिकायत करने वाले जज ने ही शुक्रवार को पीडिता का बयान दर्ज किया था।
इस बयान को ट्रायल के दौरान यूज किया जाएगा। जज की शिकायत के आधार पर शीला दीक्षित ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने को कहा है। शीला ने पत्र में लिखा है कि जांच प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जांच कराई जाए।
हालांकि जज ने पीडिता के बयान के कंटेट पर कोई सवाल नहीं उठाए हैं। उधर पुलिस वालों का कहना है कि पीडिता के घर वालों ने ही कैमरे के सामने बयान लेने से मना किया था। पीडिता की मां नहीं चाहती थी कि उनकी बेटी के बयान का वीडियो बनाया जाए।
पुलिस कर्मियों का कहना है कि जज ने जिन तीन लोगों के नाम लिए हैं वे उस रूम में मौजूद नहीं थे जहां पीडिता का बयान दर्ज किया गया था। जज पीडिता से जो सवाल पूछना चाहते थे,पूछ सकते थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से पीडिता का बयान दर्ज करने के लिए तैयार हैं।
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