इस बार दीपावली से पहले मंगल पुष्य का योग बन रहा है। इसका प्रारंभ सोमवार पांच नवंबर को शाम 5 बजे से होगा और इसके बाद मंगलवार को दिनभर यह योग बना रहेगा। मंगलवार शाम पांच बजकर 45 मिनिट पर यह समाप्त होगा। ऐसे में इस बार मंगल पुष्य नक्षत्र दिनभर खरीदारी का मौका देगा। पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। यह उसके स्वयं के स्वामित्व वाली राशि है। इसी दिन मंगलवार होने से यह धन वृद्धि का योग बना रहा है। चंद्र मंगल का मित्र है। इसलिए यह इस दिन की गई खरीदारी को सुख समृद्धिदायक बना रहा है।
इसकी करें खरीदारी : वैसे तो हर साल दीपावली और इससे पहले धन तेरस को खरीदारी का शुभ योग होता है, लेकिन इससे पहले पुष्य नक्षत्र भी यह खास मौका देता है कि बाजार में शुभ योग में खरीदारी की जाए। ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु जीवन भर सुख समृद्धि देती है, लेकिन इस योग में खास तौर पर जमीन, ज्वैलरी, वाहन, इलेक्ट्रानिक्स आइटम, सोना और मशीनरी खरीदना शुभ माना जाता है।
बन रहा शुभ योग
सोमवार शाम से शुरू होगा पुष्य नक्षत्र, मंगलवार दिन भर रहेगा योग। खरीदारी के लिए खास माना जाता है पुष्य नक्षत्र। दीपावली से पहले खरीदारी का आया शानदार मौका।
अच्छे कारोबार की उम्मीद
फेस्टिवल सीजन पर मुस्कुराएगा बाजार। व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद। ग्राहकों के लिए बाजार हुआ तैयार। दीपावली तक खरीदारी के अनेक मौके लौटाएंगे बाजार की रौनक।
घर आएगी समृद्धि
शुभ योग में खरीदी गई वस्तु देती हैं सुख और समृद्धि। इसीलिए इस योग में की जाती है खरीदारी। आप भी बनाएं प्लानिंग, दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र पर भी कर सकते हैं खरीदारी।
मिलेंगी ढेरों खुशियां
शुभ योग में खरीदी गई कोई वस्तु आपको देगी खुशियां। इस योग में वाहन, प्रापर्टी, ज्वैलरी और इलेक्ट्रानिक आइटम खरीदने से जीवन भर रहती है घर में बरकत। साथ ही मिलती हैं खुशियां।
रविवार, 4 नवंबर 2012
एक ही मंच पर दिखे विभिन्न संस्कृति के रंग
एक ही मंच पर दिखे विभिन्न संस्कृति के रंग
अरण्य पर्व सिल्वर जुबली यात्रा माटी के रंग कार्यक्रम का हुआ आयोजन
पोकरण पंचायत समिति कार्यालय के सामने खुले चौक में शुक्रवार रात्रि को अरण्य पर्व सिल्वर जुबली यात्रा माटी के रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने अपनी संस्कृति तथा नृत्य की अनूठी छटा बिखेरी।
रात्रि को 8 बजे अरण्य पर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी त्रिलोकचंद वैष्णव, अध्यक्ष नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी जोधाराम विश्नोई तथा कनिष्ठ अभियंता सुनील बोड़ा, समाजसेवी महिपालसिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजित इस कार्यक्रम में दूर दराज से आए कलाकारों द्वारा की गई प्रस्तुति को शहरवासियों ने खूब सराहा।
एक ही मंच पर दिखी कई संस्कृतियां
अरण्य पर्व के अवसर पर गोवा से आए कलाकारों ने सुरमई नृत्य प्रस्तुत कर दर्शक ों का मन मोहा। वहीं दादरा नगर से आए कलाकारों ने तारपा नृत्य पेश कर समां बांधा। नागौर से आए कलाकारों ने लोकगीत ख्याल को प्रस्तुत किया। वहीं बासोड़ा से आए कलाकारों ने गुमरा, गुजरात से आए कलाकारों ने डांग व सिंधी नृत्य, छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने पंथी नृत्य पेश कर एक ही मंच पर विभिन्न संस्कृतियों की छटा को बिखेर लोगों को भावविभोर कर दिया। नृत्य के दौरान पुरुष तथा महिलाओं ने रथ, पिरामिड, गरुड, चकरी आदि की प्रस्तुति दी।
विभिन्न प्रांतों से आए कलाकार : अधिशाषी अधिकारी जोधाराम विश्नोई ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा शुक्रवार की रात्रि में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा पश्चिमी क्षेत्र के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा व केन्द्र शासित प्रदेश दमन, दीव व दादरा के लोगों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम प्रदर्शनकारी कलाओं, चाक्षुष कलाओं, साहित्य कार्य पारंपरिक लोक व जनजाति कलाओं के उन्नयन व संरक्षण के संबंध में कार्यक्रम किए गए।
कलाकारों ने मचाई धूम
फतेहगढ़. कस्बे के राउमावि के प्रांगण में शुक्रवार रात्रि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के सौजन्य से भव्य सांस्कृतिक संध्या अरण्य पर्व का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश मेहरा तथा अध्यक्षता तहसीलदार नाथू सिंह राठौड़ ने की। इस अवसर पर पूर्व सरपंच चंगेज खां, संजयनाथ योगी सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेहरा ने कहा कि जिस देश की लोक संस्कृति मजबूत होगी वह देश बहुत मजबूत होगा। उपनिदेशक फुरकान खान ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश में कई राज्य है। कई भाषाएं है, कई वेशभूषा है। सभी की अपनी-अपनी परंपराएं व लोक संस्कृति है जो वहां की लोकप्रियता की मिसाल देखने को मिलती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुरानी परपंराओं को पुन: जीवित करने के लिए गांवों के ग्रामीणों को कलाकारों द्वारा वहां की लोक कलाएं, संस्कृति व परंपराएं दिखाना है।
संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ खुला
संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ खुला
बाड़मेर
राजस्थान व गुजरात में 300 से अधिक शाखाओं के साथ विस्तारित सहकारिता क्षेत्र की प्रमुख संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड द्वारा 8 अक्टूबर से शुरू की गई सावधि जमा योजना संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ शनिवार को खोला गया। सोसायटी प्रबंध निदेशक किशन सिंह चूली ने बताया कि सोसायटी द्वारा शुरू की गई शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ जोधपुर, उदयपुर, बाड़मेर व पाली में खोला गया। जिसमें समस्त राजस्थान व गुजरात की 300 शाखाओं का ड्रॉ खोला गया। जोधपुर में हड़मानराम प्रजापत सालावास शाखा, बाड़मेर में धापू देवी, उदयपुर में जयपुर की विराटनगर शाखा की लाली देवी व पाली में आबूरोड शाखा के राजूराम के नाम उपहार स्वरूप ड्रॉ में मोटरसाइकिल खुली। जोधपुर में सहायक प्रबंध निदेशक सुरेश नेनानी की उपस्थिति में अभिकर्ता कन्हैया लाल माथुर ने ड्रॉ खोला। इस अवसर पर मुख्य मार्केटिंग अधिकारी अभिनव सिंह, एरिया मैनेजर तखतसिंह, वासुदेव सिंह, जालिम सिंह, घनश्याम सिंह, विक्रम सिंह, तनेराव सिंह, शाखा प्रबंधक शिवांश भारद्वाज सहित अनेक अभिकर्ता व नागरिक उपस्थित थे।
बाड़मेर. संजीवनी शुभ दीपावली योजना के तहत उपहार स्वरूप निकली मोटरसाइकिल की चाबी सौंपते अतिथि।
शनिवार, 3 नवंबर 2012
मैं एमएलए का दावेदार नहीं : कालवी
जोधपुर। राजपूत समाज के नेता व राजपूत करणी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि आनेवाले विधानसभा चुनावों में जोधपुर, नागौर सहित प्रदेश के किसी भी हिस्से से एमएलए के पद का दावेदार नहीं हैं। वे विधायक का चुनाव नहीं लड़ेंगे। संसदीय चुनाव के लिए राजनीतिक निर्णय लेना अभी उनके हाथ में नहीं है, ना ही उनका चुनावी राजनीति का मानस है। उनका मानस सामाजिक व्यक्ति बन कर जीना है।
भाजपा ने आरक्षण के मामले में धोखा किया
भारतीय जनता पार्टी ने राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य, सिंधी, पंजाबी, कायस्थ, शेख, बोहरा व पठान जैसी नौ कौम के साथ आरक्षण के मामले में धोखा किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पिछले डेढ़ माह से मृत प्राय: पड़े आरक्षण के मुद्दे को अब फिर उठाने और इन नौ जातियों के साथ धोखा करने वाले राजनीतिक दलों को संख्या बल की ताकत दिखाने का समय आ गया है। कुछ चीजें राजनीति तय करती है और उसी से सब कुछ तय होता है। गुर्जर आंदोलन के दौरान गोलीबारी हुई और उसमें 72 लोग मारे गए बावजूद इसके गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिल सका। इससे यह तय है कि कुछ निर्णय राजनीति के दबाव में होता है और इसलिए अब राजनीतिक ताकत भी मजबूत करने पर समाज को विचार करना चाहिए। कालवी का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने का संकल्प लेने वाली करणी सेना का कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि करणी सेना बिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना समाज के हित के लिए संघर्ष करने को तैयार है मगर ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे उस पर कोई आरोप लगे।
कालवी शुक्रवार को जगदंबा माता के मंदिर में स्थित सभा भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कालवी ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अटलबिहारी वाजपेयी ने जाटों को आरक्षण देकर राजपूत-ब्राह्मण-वैश्य सहित प्रमुख 9 जातियों, जिनके प्रदेश में 80 फीसदी वोटर हैं, को आरक्षण के मामले में धोखा दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को घोषणा पत्र में तो शामिल कर लिया, लेकिन आरक्षण देने की इच्छा शक्ति नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे में 13 जनवरी को राजधानी जयपुर में राजपूत करणी सेना रैली कर ताकत दिखाएगी। इस रैली को आयोजित करने के पीछे आरक्षण मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ कल्याणसिंह कालवी की जयंती, करणी सेना में नए नेतृत्व से अवगत कराने सहित चार प्रमुख उद्देश्यों के तहत स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इससे पहले 16 दिसंबर को ब्राहाण इस संबंध में रैली कर रहे हैं।
40 की उम्र के साढ़े सात लाख सदस्य -
कालवी ने कहा कि करणी सेना विभिन्न उद्देश्यों को लेकर संघर्ष कर रही है। वर्तमान में 40 साल उम्र से कम वाले करीब साढे सात लाख सदस्य हैं। किसी भी सदस्य को राजनीति में जाने की कोई रोक टोक नहीं है। राजनीति में कोई चुनाव जीतता हैं तो उन्हे करणी सेना का पद छोड़ना पड़ेगा, जबकि उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।
कालवी शुक्रवार को जगदंबा माता के मंदिर में स्थित सभा भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कालवी ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अटलबिहारी वाजपेयी ने जाटों को आरक्षण देकर राजपूत-ब्राह्मण-वैश्य सहित प्रमुख 9 जातियों, जिनके प्रदेश में 80 फीसदी वोटर हैं, को आरक्षण के मामले में धोखा दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को घोषणा पत्र में तो शामिल कर लिया, लेकिन आरक्षण देने की इच्छा शक्ति नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे में 13 जनवरी को राजधानी जयपुर में राजपूत करणी सेना रैली कर ताकत दिखाएगी। इस रैली को आयोजित करने के पीछे आरक्षण मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ कल्याणसिंह कालवी की जयंती, करणी सेना में नए नेतृत्व से अवगत कराने सहित चार प्रमुख उद्देश्यों के तहत स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इससे पहले 16 दिसंबर को ब्राहाण इस संबंध में रैली कर रहे हैं।
40 की उम्र के साढ़े सात लाख सदस्य -
कालवी ने कहा कि करणी सेना विभिन्न उद्देश्यों को लेकर संघर्ष कर रही है। वर्तमान में 40 साल उम्र से कम वाले करीब साढे सात लाख सदस्य हैं। किसी भी सदस्य को राजनीति में जाने की कोई रोक टोक नहीं है। राजनीति में कोई चुनाव जीतता हैं तो उन्हे करणी सेना का पद छोड़ना पड़ेगा, जबकि उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।
कांग्रेसियों ने सोनिया को दुर्गा, रामदेव-केजरीवाल को बताया रावण
इलाहाबाद. अब तक फेसबुक और ट्विटर पर कांग्रेसी नेताओं के पोस्टर बनाकर कांग्रेसियों को चिढ़ाया जा रहा था। लेकिन अब इलाहाबाद में तो कांग्रेसियों ने अपने आकाओं को खुश करने और विपक्षियों का दिल जलाने के लिए शहर के चौराहों पर ही पोस्टर लगा दिए हैं।
किसी जमाने पार्टियों के पोस्टरों पर अपनी पार्टी के नेताओं की तस्वी होती थी। लेकिन ये आरोप लगाने और दूसरों के नीचा दिखाने का दौर है। दशहरे पर देश के कई शहरों में भाजपाइयों ने रावण के पुतले पर कांग्रेसियों के मुंह लगाए तो अब इलाहाबाद में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने जो पोस्टर शहर में चिपकाएं हैं उनमें सोनिया गांधी देवी दुर्गा के रूप में हैं और नितिन गडकरी और सुब्रमण्यम स्वामी असुरों के रूप में हैं। इसी पोस्टर में रावण को भी स्थान दिया गया है। रावण के चेहरे पर केजरीवाल और बाबा रामदेव के पोस्टर चस्पा हैं। हालांकि नाम बदल कर बाबा झामदेव और आरोप लगाने की झाल कर दिया गया है।
यह होर्डिंग लगने के बाद से ही इलाहाबाद में विवाद भी हो गया है। पोस्टर को इलाहाबाद कें सब से पॉश इलाके सिविल लाइन कें सुभाष चौराहे पर लगाया गया है। पोस्टर में हाल के राजनेतिक हालात को ले कर व्यंग किया गया है। पोस्टर मे लिखे कंटेंट और तस्वीरे यह बयान करती है की यह पोस्टर कही न कही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए गए हैं। इस पोस्टर पर दो स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के भी तस्वीरें हैं जिन्होंने रविवार को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की रैली में लोगों से शामिल होने की अपील की है।
हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सोनिया गांधी को देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया हो। इससे पहले भी सोनिया गांधी को साल 2007 में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया था। इस संबंध में बिहार के एक वकील सुधीर कुमार ओझा हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाकर सोनिया गांधी के खिलाफ कोर्ट चले गए थे।
किसी जमाने पार्टियों के पोस्टरों पर अपनी पार्टी के नेताओं की तस्वी होती थी। लेकिन ये आरोप लगाने और दूसरों के नीचा दिखाने का दौर है। दशहरे पर देश के कई शहरों में भाजपाइयों ने रावण के पुतले पर कांग्रेसियों के मुंह लगाए तो अब इलाहाबाद में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने जो पोस्टर शहर में चिपकाएं हैं उनमें सोनिया गांधी देवी दुर्गा के रूप में हैं और नितिन गडकरी और सुब्रमण्यम स्वामी असुरों के रूप में हैं। इसी पोस्टर में रावण को भी स्थान दिया गया है। रावण के चेहरे पर केजरीवाल और बाबा रामदेव के पोस्टर चस्पा हैं। हालांकि नाम बदल कर बाबा झामदेव और आरोप लगाने की झाल कर दिया गया है।
यह होर्डिंग लगने के बाद से ही इलाहाबाद में विवाद भी हो गया है। पोस्टर को इलाहाबाद कें सब से पॉश इलाके सिविल लाइन कें सुभाष चौराहे पर लगाया गया है। पोस्टर में हाल के राजनेतिक हालात को ले कर व्यंग किया गया है। पोस्टर मे लिखे कंटेंट और तस्वीरे यह बयान करती है की यह पोस्टर कही न कही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए गए हैं। इस पोस्टर पर दो स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के भी तस्वीरें हैं जिन्होंने रविवार को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की रैली में लोगों से शामिल होने की अपील की है।
हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सोनिया गांधी को देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया हो। इससे पहले भी सोनिया गांधी को साल 2007 में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया था। इस संबंध में बिहार के एक वकील सुधीर कुमार ओझा हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाकर सोनिया गांधी के खिलाफ कोर्ट चले गए थे।
"भूपेन दा से प्रेम करती थीं लता"
"भूपेन दा से प्रेम करती थीं लता"
गुवाहाटी। डा. भूपेन हजारिका का लता मंगेशकर से प्रेम था। यह सनसनीखेज खुलासा भूपेन दा की पत्नी प्रियम पटेल हजारिका ने शुक्रवार को किया। स्थानीय टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रियम ने कहा कि अपनी जीवनी "मोई एक यायावर" में भूपेन दा ने यह संकेत दिए। लता के साथ उनके प्रेम-प्रसंग के चलते ही मैं उन्हें छोड़कर चली गई।
प्रियम ने कहा कि कोलकाता में मैं, भूपेन दा, लता मंगेशकर, मशहूर संगीतकार कल्याणजी आनंदजी ठहरे थे। वहां मुझे दोनों के प्रेम का पता चला। जब भूपेन से बाद में मैंने इस बारे में पूछा तो उसका कहना था कि बड़ा कलाकार बनने के लिए यह करना पड़ता है। मैंने कहा कि यह क्या बात हुई। इस तरह वे काफी करीब हो गए थे।
जीवनी में भूपेन दा ने प्रियम के बहाने कहा है कि एक बार बड़ी कलाकार आई तो मैं उसे हवाईअड्डे पर छोड़ने गया, बड़ी कलाकार को छोड़ने मुझे विमान के पास जाने दिया गया। मैं गया नहीं, प्रियम को भेजा। प्रियम लौटी तो उसकी आंखें गिली थी। उस कलाकार ने कहा कि भूपेन को माता-पिता बेहद प्यार करते हैं, पत्नी के रूप में तुम करती हो और मैं उससे अधिक करती हूं। गौरतलब है कि भूपेन दा का 5 नवबंर 2011 में निधन हो गया था। प्रियम विदेश से भूपेन दा को श्रद्धाजंलि देने आई हैं।
गुवाहाटी। डा. भूपेन हजारिका का लता मंगेशकर से प्रेम था। यह सनसनीखेज खुलासा भूपेन दा की पत्नी प्रियम पटेल हजारिका ने शुक्रवार को किया। स्थानीय टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रियम ने कहा कि अपनी जीवनी "मोई एक यायावर" में भूपेन दा ने यह संकेत दिए। लता के साथ उनके प्रेम-प्रसंग के चलते ही मैं उन्हें छोड़कर चली गई।
प्रियम ने कहा कि कोलकाता में मैं, भूपेन दा, लता मंगेशकर, मशहूर संगीतकार कल्याणजी आनंदजी ठहरे थे। वहां मुझे दोनों के प्रेम का पता चला। जब भूपेन से बाद में मैंने इस बारे में पूछा तो उसका कहना था कि बड़ा कलाकार बनने के लिए यह करना पड़ता है। मैंने कहा कि यह क्या बात हुई। इस तरह वे काफी करीब हो गए थे।
जीवनी में भूपेन दा ने प्रियम के बहाने कहा है कि एक बार बड़ी कलाकार आई तो मैं उसे हवाईअड्डे पर छोड़ने गया, बड़ी कलाकार को छोड़ने मुझे विमान के पास जाने दिया गया। मैं गया नहीं, प्रियम को भेजा। प्रियम लौटी तो उसकी आंखें गिली थी। उस कलाकार ने कहा कि भूपेन को माता-पिता बेहद प्यार करते हैं, पत्नी के रूप में तुम करती हो और मैं उससे अधिक करती हूं। गौरतलब है कि भूपेन दा का 5 नवबंर 2011 में निधन हो गया था। प्रियम विदेश से भूपेन दा को श्रद्धाजंलि देने आई हैं।
जैसलमेर पुलिस डायरी आज की अपराध की खबरे
बिना लाईसेंस विस्फोटक सामग्री बेचते 01 गिरफतार
जैसलमेर दिपावली पर्व को देखते हुए जनता के जानमाल की रक्षा हेतु विस्फोटक सामग्री को बिना लाईसेंस बेचने पर लगी पाबंदी के मदेनजर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों/थानाधिकारियों को अपनेअपने हल्खा क्षैत्र में बिना लाईसेंस विस्फोटक सामग्री रखने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिसके तहत पुलिस थाना फलसुण्ड में दौराने हल्खा गश्त थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड कमलकिशोर उनि मय जाब्ते द्वारा कस्बा फलसुण्ड में एक दूकान पर विस्फोटक सामग्री बेचते हुए पाया जाने पर दूकानदार से लाईसेंस के बारे में पुछा गया तो लाईसेंस नही होने पर दूकानदार दलीपचंद पुत्र राणमल जैन नि0 फलसुण्ड को बिना लाइेसेंस विस्फोटक सामग्री बेचते हुए पाया जाने पर विस्फोटक अधिनियम के तहत गिरफतार किया गया।
पुलिस थाना नाचना में शांति भंग के आरोप में 04 गैरसायल गिरफतार
पुलिस थाना नाचना में शांति भंग के आरोप में 04 गैरसायल गिरफतार
जैसलमेर पुलिस थाना नाचना के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में जुसफखॉ पुत्र कादरखॉ मुसल0 उम्र 26 साल, सतारखॉ पुत्र नूरमोहम्मद उम्र 22 साल, कुतबदीन पुत्र कादरखॉ उम्र 30 साल एवं हईयात खॉ पुत्र इसन्दर उम्र 52 साल सर्वे जाति मुसलमान नि0 भारेवाला को गोविन्दराम हैड कानि0 मय जाब्ता द्वारा भारेवाला से गिरफतार किया गया।
कारगर साबित हुए गाँधी के अहिंसक अस्त्र
कारगर साबित हुए गाँधी के अहिंसक अस्त्र
शिवकर लिग्नाइट परियोजना का धरना स्थगित, जारी रहेगा जागरूकता अभियान
विधायक, एडीएम समेत कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे
बाड़मेर, शनिवार
लीगल मित्र के नेतृत्व में शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने के बाहरवें दिन के शुरू होते ही तडके सुबह ही प्रशासन ने धरनार्थियों के चेहरों पर खुशी ला दी। शनिवार को सुबह साढे नौ बजे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ओर बाड़मेर के विधायक मेवा राम जैन ने धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को बताया कि प्रशासन ने पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता की मांगों पर गहनता से अध्ययन करवाया है। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित तकरीबन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए तहसीलदार बाड़मेर और एस डी ओ द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और उक्त रिपोर्ट बाड़मेर प्रशासन सोमवार को अपनी सकारात्मक टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेज देगा। पुरोहित ने बताया की अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाना है और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार पीडि़त किसानों के पक्ष में सकारात्मक फैसला लेगी।
विधायक मेवा राम जैन ने एक बार फिर पुरजोर आवाज में दोहराया कि ‘‘किसानों और बाड़मेर के निवासियों की मांगे पूरी तरह जायज है और वो शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए होने वाली भूमि अवाप्ति को निरस्त करा कर रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उक्त समस्त प्रकरण मुख्यमंत्री के ध्यान में है और वो पीडि़त किसानों का अहित नहीं होने देंगे’’।
लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने उपस्थित लोगो को मांगे और उन पर प्रशासन की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘‘प्रशासन ने अवाप्त की जाने वाली भूमि की आबादी से दूरी, उससे होने वाला प्रदूषण, उत्तरलाई एयरबेस, जल परियोजनाओं के लिए अवाप्ति नीति, मास्टर प्लान, पेरीफेरी क्षेत्र, आदि सभी मांगों पर विचार कर सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है, यह संवेदनशील प्रशासन की निशानी है जो पीडि़त किसानों की परेशानी को समझ कर उस पर तत्परता से सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है।’’
इसके बाद रितेश शर्मा ने धरनार्थियों से प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद धरना स्थगित किये जाने का प्रस्ताव दिया जिसको सभी धरनार्थियों ने एकमत होकर स्वीकार किया तथा धरना स्थगित कर दिया।
कैलाश कोटडिया ने धरणार्थियों को शिवकर लिग्नाइट परियोजना के बारे में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसे लीगल मित्र और किसानों की जीत बताई। उत्साहित किसानों ने रितेश शर्मा को कंधे पर उठा कर भारत माता की जय, आम जनता की जय हो, लीगल मित्र की जय हो की हुंकार भरी।
ज्ञात रहे कि 23 अक्तूबर को लीगल मित्र के बैनर तले पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता ने शहर की सीमा में होने वाली भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण के विरोध में मौन जुलुस निकाल कर बाड़मेर के इतिहास का सबसे बडा 45 पेज का ज्ञापन सौपा था। जिसके बाद जुलूस कलेक्ट्री के सामने धरने में तब्दील हो गया था।
शहर में प्रस्तावित भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नए आयोजन किये गए। जिसमें भजन संध्या, मशाल जुलुस, पाबू जी की पड़, काली पट्टियाँ बांध कर विरोध प्रदर्शन, पोस्ट कार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान और हजारों पशुओं के साथ अनोखी पशु रैली का आयोजन किया गया। उक्त अनोखे धरने को सम्पूर्ण राष्ट्र समेत कई देशों में समर्थन मिला और ख़बरें प्रकाशित हुई।
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह अगोर ने बताया कि ‘‘उक्त धरना लीगल मित्र के नेतृत्व में 12 दिन चला। जिसमें किसी भी राजनैतिक दल को शामिल नहीं किया गया और एक भी नारा नहीं लगाया गया। बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के उक्त धरने का सफल आयोजन अपने आप में उपलब्धि है।’’ पीडि़त किसानों ने प्रशासन, मेवाराम जैन तथा लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, खीम सिंह राठौड़ और सम्पूर्ण बाड़मेर लीगल मित्र टीम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि ‘बाड़मेर बचाओ अभियान’ के तहत हस्ताक्षर अभियान, पोस्ट कार्ड अभियान और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जो निरंतर जारी रहेगा तथा आगामी रणनीति तक धरने को स्थगित किया गया है।
धरना स्थल पर रेवत सिंह आगोर, छगन सिंह, पदम सिंह शिवकर, उदयराज सिंह आगोर, दुर्जन सिंह, उत्तम सिंह आगोर, पन्ने सिंह शिवकर, वीरसिंह शिवकर, देवी सिंह कुडला, नारायण सिंह राठौड़, पप्पसिंह महेचा, मूलाराम भाम्भू, मेहराराम राईका, जल्ला राम भील, तोगसिंह शिवकर, हठे सिंह रामदेरिया, रतन सिंह चुली, शंभू सिंह शिवकर, किसनाराम मेघवाल, तमाचीराम मेघवाल, सोहन सिंह, खंगार सिंह, थानसिंह, प्रेमसिंह आगोर, समेत कई धरनार्थियों ने सभी का आभार व्यक्त किया और उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
शिवकर लिग्नाइट परियोजना का धरना स्थगित, जारी रहेगा जागरूकता अभियान
विधायक, एडीएम समेत कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे
बाड़मेर, शनिवार
लीगल मित्र के नेतृत्व में शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने के बाहरवें दिन के शुरू होते ही तडके सुबह ही प्रशासन ने धरनार्थियों के चेहरों पर खुशी ला दी। शनिवार को सुबह साढे नौ बजे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ओर बाड़मेर के विधायक मेवा राम जैन ने धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को बताया कि प्रशासन ने पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता की मांगों पर गहनता से अध्ययन करवाया है। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित तकरीबन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए तहसीलदार बाड़मेर और एस डी ओ द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और उक्त रिपोर्ट बाड़मेर प्रशासन सोमवार को अपनी सकारात्मक टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेज देगा। पुरोहित ने बताया की अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाना है और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार पीडि़त किसानों के पक्ष में सकारात्मक फैसला लेगी।
विधायक मेवा राम जैन ने एक बार फिर पुरजोर आवाज में दोहराया कि ‘‘किसानों और बाड़मेर के निवासियों की मांगे पूरी तरह जायज है और वो शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए होने वाली भूमि अवाप्ति को निरस्त करा कर रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उक्त समस्त प्रकरण मुख्यमंत्री के ध्यान में है और वो पीडि़त किसानों का अहित नहीं होने देंगे’’।
लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने उपस्थित लोगो को मांगे और उन पर प्रशासन की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘‘प्रशासन ने अवाप्त की जाने वाली भूमि की आबादी से दूरी, उससे होने वाला प्रदूषण, उत्तरलाई एयरबेस, जल परियोजनाओं के लिए अवाप्ति नीति, मास्टर प्लान, पेरीफेरी क्षेत्र, आदि सभी मांगों पर विचार कर सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है, यह संवेदनशील प्रशासन की निशानी है जो पीडि़त किसानों की परेशानी को समझ कर उस पर तत्परता से सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है।’’
इसके बाद रितेश शर्मा ने धरनार्थियों से प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद धरना स्थगित किये जाने का प्रस्ताव दिया जिसको सभी धरनार्थियों ने एकमत होकर स्वीकार किया तथा धरना स्थगित कर दिया।
कैलाश कोटडिया ने धरणार्थियों को शिवकर लिग्नाइट परियोजना के बारे में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसे लीगल मित्र और किसानों की जीत बताई। उत्साहित किसानों ने रितेश शर्मा को कंधे पर उठा कर भारत माता की जय, आम जनता की जय हो, लीगल मित्र की जय हो की हुंकार भरी।
ज्ञात रहे कि 23 अक्तूबर को लीगल मित्र के बैनर तले पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता ने शहर की सीमा में होने वाली भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण के विरोध में मौन जुलुस निकाल कर बाड़मेर के इतिहास का सबसे बडा 45 पेज का ज्ञापन सौपा था। जिसके बाद जुलूस कलेक्ट्री के सामने धरने में तब्दील हो गया था।
शहर में प्रस्तावित भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नए आयोजन किये गए। जिसमें भजन संध्या, मशाल जुलुस, पाबू जी की पड़, काली पट्टियाँ बांध कर विरोध प्रदर्शन, पोस्ट कार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान और हजारों पशुओं के साथ अनोखी पशु रैली का आयोजन किया गया। उक्त अनोखे धरने को सम्पूर्ण राष्ट्र समेत कई देशों में समर्थन मिला और ख़बरें प्रकाशित हुई।
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह अगोर ने बताया कि ‘‘उक्त धरना लीगल मित्र के नेतृत्व में 12 दिन चला। जिसमें किसी भी राजनैतिक दल को शामिल नहीं किया गया और एक भी नारा नहीं लगाया गया। बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के उक्त धरने का सफल आयोजन अपने आप में उपलब्धि है।’’ पीडि़त किसानों ने प्रशासन, मेवाराम जैन तथा लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, खीम सिंह राठौड़ और सम्पूर्ण बाड़मेर लीगल मित्र टीम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि ‘बाड़मेर बचाओ अभियान’ के तहत हस्ताक्षर अभियान, पोस्ट कार्ड अभियान और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जो निरंतर जारी रहेगा तथा आगामी रणनीति तक धरने को स्थगित किया गया है।
धरना स्थल पर रेवत सिंह आगोर, छगन सिंह, पदम सिंह शिवकर, उदयराज सिंह आगोर, दुर्जन सिंह, उत्तम सिंह आगोर, पन्ने सिंह शिवकर, वीरसिंह शिवकर, देवी सिंह कुडला, नारायण सिंह राठौड़, पप्पसिंह महेचा, मूलाराम भाम्भू, मेहराराम राईका, जल्ला राम भील, तोगसिंह शिवकर, हठे सिंह रामदेरिया, रतन सिंह चुली, शंभू सिंह शिवकर, किसनाराम मेघवाल, तमाचीराम मेघवाल, सोहन सिंह, खंगार सिंह, थानसिंह, प्रेमसिंह आगोर, समेत कई धरनार्थियों ने सभी का आभार व्यक्त किया और उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर पहुंची
रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर पहुंची
बाड़मेर. बाड़मेर में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर पिछले दो सालों से राज्य सरकार व केद्र सरकार के बीच वार्ताओं का दौर चल रहा है। लंबे समय से चर्चाओं के दौर के बाद अब राज्य व केद्र सरकार सहित पेट्रोलियम एजेंसियों के बीच रिफायनरी का मुददा गंभीरता से उछलता दिखाई दे रहा है। बाड़मेर के बायतु क्षेत्र में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर सरकार की ओर से पहल की जा चुकी है, जिसे लिए भूमि अधिग्रहण करने सहित कई तैयारियां चल रही है जिसको लेकर शनिवार को जिला कलेक्टर भानू प्रकाश एटरू की अध्यक्षता में हिंदुस्तान पोट्रोलियम क्रोपरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें बाड़मेर की रिफायनरी पर विस्तार से विचार-विमर्श कर यहां की भौगोलिक परिस्थतियों के बारे में जानकारी ली। बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग, भूमि अवाप्ति अधिकारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी उपिस्थत थे। जिसमें लीलाणा में लगने वाली रिफायरी को लेकर वहां की स्थितियों के बारे में जिला प्रशासन के साथ विस्तार से जानकारी ली। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों से हुई बातचीत में उन्होंने बाड़मेर में जल्द ही रिफायनरी लगाए जाने की संभावना जताई, जिसे लिए यहां भूमि अधिग्रहण को लेकर लीलाला का अवलोकन करने व वहां की भौगोलिक स्थितियों की जानकारी लेने की बात कही। साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने कहा कि रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर आई थी, जिसे बाद बैठक में रिफायनरी को लेकर चर्चा की गई। रिफायनरी को लेकर राज्य सरकार व केद्र सरकार सहित अन्य कई बड़ी कंपनियों के बीच डील को लेकर लंबे समय से चर्चाओं का दौर चल रहा है। जिसे बाद अब सरकारी स्तर पर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जाने व केद्रीय टीमों के बाड़मेर पहुंच रिफायनरी को लेकर जांच की जाने को लेकर अब उम्मीदे परवान पर चढ़ने लगी है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बाड़मेर रिफायनरी लगेगी। अब देखना ये है कि सरकार रिफायनरी को लेकर कब घोषणा कर पाती है। ये तो समय आने पर बता पाएंगे।
बाड़मेर. बाड़मेर में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर पिछले दो सालों से राज्य सरकार व केद्र सरकार के बीच वार्ताओं का दौर चल रहा है। लंबे समय से चर्चाओं के दौर के बाद अब राज्य व केद्र सरकार सहित पेट्रोलियम एजेंसियों के बीच रिफायनरी का मुददा गंभीरता से उछलता दिखाई दे रहा है। बाड़मेर के बायतु क्षेत्र में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर सरकार की ओर से पहल की जा चुकी है, जिसे लिए भूमि अधिग्रहण करने सहित कई तैयारियां चल रही है जिसको लेकर शनिवार को जिला कलेक्टर भानू प्रकाश एटरू की अध्यक्षता में हिंदुस्तान पोट्रोलियम क्रोपरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें बाड़मेर की रिफायनरी पर विस्तार से विचार-विमर्श कर यहां की भौगोलिक परिस्थतियों के बारे में जानकारी ली। बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग, भूमि अवाप्ति अधिकारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी उपिस्थत थे। जिसमें लीलाणा में लगने वाली रिफायरी को लेकर वहां की स्थितियों के बारे में जिला प्रशासन के साथ विस्तार से जानकारी ली। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों से हुई बातचीत में उन्होंने बाड़मेर में जल्द ही रिफायनरी लगाए जाने की संभावना जताई, जिसे लिए यहां भूमि अधिग्रहण को लेकर लीलाला का अवलोकन करने व वहां की भौगोलिक स्थितियों की जानकारी लेने की बात कही। साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने कहा कि रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर आई थी, जिसे बाद बैठक में रिफायनरी को लेकर चर्चा की गई। रिफायनरी को लेकर राज्य सरकार व केद्र सरकार सहित अन्य कई बड़ी कंपनियों के बीच डील को लेकर लंबे समय से चर्चाओं का दौर चल रहा है। जिसे बाद अब सरकारी स्तर पर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जाने व केद्रीय टीमों के बाड़मेर पहुंच रिफायनरी को लेकर जांच की जाने को लेकर अब उम्मीदे परवान पर चढ़ने लगी है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बाड़मेर रिफायनरी लगेगी। अब देखना ये है कि सरकार रिफायनरी को लेकर कब घोषणा कर पाती है। ये तो समय आने पर बता पाएंगे।
प्रेमी के खातिर बेटी ने की मां की हत्या
प्रेमी के खातिर बेटी ने की मां की हत्या
इंदौर। स्वार्थसिद्धि के लिए इंसान किस हद गिर सकता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण महू के पास गवली पलासिया में देखने को मिला है। वहां एक युवती ने लव मैरिज का विरोध करने वाली अपनी मां को ही मौत घाट उतार डाला। फिर अपनी करतूत पर परदा डालने के लिए प्रेमी के साथ इंदौर भाग आई व घटना के प्रति अनभिज्ञता जताती रही थी। मगर पुलिस की पड़ताल में सच्चाई सामने आई तब कलयुगी बेटी को हवालात पहुंचाया जा सका है।
एएसपी देहात पkविलोचन शुक्ल के अनुसार यह घटना बड़गोंदा थाना क्षेत्र के गवली पलासिया में 25 अक्टूबर की शाम हुई थी। वहां आनंद नगर में रहने वाली गीताबाई पति कैलाश अग्रवाल (45) की रक्तरंजित लाश उसके घर में पड़ी मिली थी। पास रहने वालों ने लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में पता चला कि वह अपनी बेटी मीना उर्फ सोनू (22) के साथ रहती थी। घटना के कुछ देर पहले ही मीना किसी काम से इंदौर के लिए रवाना हुई थी। पुलिस ने मीना से संपर्क किया तो उसने घटना के प्रति अनभिज्ञता बताई थी। इसे चोरी, लूट या किसी रंजिश में हत्या का मामला समझकर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया व तहकीकात शुरू की थी। मृतका की लाश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसी ठोस व बोथरे हथियार से सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर आई चोटों के कारण गीताबाई की मौत हुई थी। एएसपी शुक्ला, डीएसपी सीपीसिंह व बड़गोंदा टीआई ने अपने अमले के साथ घटनास्थल की बारीकी से पड़ताल की तो पता चला कि घर से कोई कीमती वस्तु गायब नहीं है। साथ ही यह तथ्य सामने आया कि वारदात में किसी चिरपरिचित व्यक्ति का हाथ होसकता है।
चाबी ने खोला राज
जांच में यह पता चला था कि घर के दरवाजे पर ताला लगा था। पड़ोसियों की मदद से पुलिस ने दरवाजा तोड़कर ही प्रवेश किया था। घर के ताले की दो ही चाबियां थीं। एक चाबी तो पहले दिन ही लाश के पास पड़ी मिली थी। जब पुलिस ने मीना उर्फ सोनू से दूसरी चाबी के संबंध में पूछा तो वह उसके पास मिली थी। आखिर उस पर सख्ती बरती गई तो इस अंधे कत्ल का राज खुल सका।
प्रेमी अभी जांच के घेरे में
एएसपी शुक्ल ने बताया कि मीना ने हत्या कबूल करते हुए बताया कि इंदौर के नंदा नगर में रहने वाले सचिन पिता मदन राठौर के साथ उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वे दोनों लव मैरिज करना चाहते थे, लेकिन गीताबाई इस बात का विरोध कर रही थी। काफी प्रयास करने पर भी मां नहीं मानी तो मीना ने घर में रखे लोहे के सरिए से हमला कर मां को मौत के घाट उतार दिया। फिर प्रेमी सचिन के साथ इंदौर चली गई थी। प्राथमिक जांच में प्रेमी के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिले हैं फिर भी पुलिस गहराई से छानबीन कर वारदात में उसकी की जांच कर रही है।
इंदौर। स्वार्थसिद्धि के लिए इंसान किस हद गिर सकता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण महू के पास गवली पलासिया में देखने को मिला है। वहां एक युवती ने लव मैरिज का विरोध करने वाली अपनी मां को ही मौत घाट उतार डाला। फिर अपनी करतूत पर परदा डालने के लिए प्रेमी के साथ इंदौर भाग आई व घटना के प्रति अनभिज्ञता जताती रही थी। मगर पुलिस की पड़ताल में सच्चाई सामने आई तब कलयुगी बेटी को हवालात पहुंचाया जा सका है।
एएसपी देहात पkविलोचन शुक्ल के अनुसार यह घटना बड़गोंदा थाना क्षेत्र के गवली पलासिया में 25 अक्टूबर की शाम हुई थी। वहां आनंद नगर में रहने वाली गीताबाई पति कैलाश अग्रवाल (45) की रक्तरंजित लाश उसके घर में पड़ी मिली थी। पास रहने वालों ने लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में पता चला कि वह अपनी बेटी मीना उर्फ सोनू (22) के साथ रहती थी। घटना के कुछ देर पहले ही मीना किसी काम से इंदौर के लिए रवाना हुई थी। पुलिस ने मीना से संपर्क किया तो उसने घटना के प्रति अनभिज्ञता बताई थी। इसे चोरी, लूट या किसी रंजिश में हत्या का मामला समझकर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया व तहकीकात शुरू की थी। मृतका की लाश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसी ठोस व बोथरे हथियार से सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर आई चोटों के कारण गीताबाई की मौत हुई थी। एएसपी शुक्ला, डीएसपी सीपीसिंह व बड़गोंदा टीआई ने अपने अमले के साथ घटनास्थल की बारीकी से पड़ताल की तो पता चला कि घर से कोई कीमती वस्तु गायब नहीं है। साथ ही यह तथ्य सामने आया कि वारदात में किसी चिरपरिचित व्यक्ति का हाथ होसकता है।
चाबी ने खोला राज
जांच में यह पता चला था कि घर के दरवाजे पर ताला लगा था। पड़ोसियों की मदद से पुलिस ने दरवाजा तोड़कर ही प्रवेश किया था। घर के ताले की दो ही चाबियां थीं। एक चाबी तो पहले दिन ही लाश के पास पड़ी मिली थी। जब पुलिस ने मीना उर्फ सोनू से दूसरी चाबी के संबंध में पूछा तो वह उसके पास मिली थी। आखिर उस पर सख्ती बरती गई तो इस अंधे कत्ल का राज खुल सका।
प्रेमी अभी जांच के घेरे में
एएसपी शुक्ल ने बताया कि मीना ने हत्या कबूल करते हुए बताया कि इंदौर के नंदा नगर में रहने वाले सचिन पिता मदन राठौर के साथ उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वे दोनों लव मैरिज करना चाहते थे, लेकिन गीताबाई इस बात का विरोध कर रही थी। काफी प्रयास करने पर भी मां नहीं मानी तो मीना ने घर में रखे लोहे के सरिए से हमला कर मां को मौत के घाट उतार दिया। फिर प्रेमी सचिन के साथ इंदौर चली गई थी। प्राथमिक जांच में प्रेमी के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिले हैं फिर भी पुलिस गहराई से छानबीन कर वारदात में उसकी की जांच कर रही है।
जैसलमेर में अरण्य पर्व रविवार को
जैसलमेर में अरण्य पर्व रविवार को
मशहूर जनजाति कलाकार बरसाएंगे लोक संस्कृति के रंग और रस
जैसलमेर, 3 नवम्बर/ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से लोक कला यात्रा ‘‘अरण्य पर्व’’ के अन्तर्गत जैसलमेर के पूनम स्टेडियम में रविवार शाम सात बजे जनजाति कलाकारों के समूह देश-विदेश में प्रसिद्ध रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे। इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने जैसलमेर में होने वाले अपनी तरह के इस अनूठे सांस्कृतिक उत्सव में शरीक होने की अपील जैसलमेरवासियों से की है। इस दौरान् देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातियों की मशहूर लोककला और नृत्य शैलियों पर आधारित प्रतिनिधि कार्यक्रमों से भरपूर मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा।
जैसलमेर जिले में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय अरण्य पर्व के कार्यक्रमों का समापन रविवार शाम पूनम स्टेडियम में होगा जहां एक दर्जन से ज्यादा आदिवासी नृत्य शैलियों के 200 लोक कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन किया जायेगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि इस आयोजन में राजस्थान से सहरिया स्वाँग, गरासिया गैर, गैर घूमरा, कुचामणी ख्याल, गुजरात से सिद्धि धमाल, मेवासी,डांग नृत्य, महाराष्ट्र से तारपा व सौंगी मुखवटे, गोवा से कुणबी गावड़ा व मई छत्तीसगढ़ से पंथी व गौंडी कर्मा मध्यप्रदेश नृत्य शैलियों से जुड़े अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त कलाकारों के कार्यक्रम मन मोहेंगे।
मशहूर जनजाति कलाकार बरसाएंगे लोक संस्कृति के रंग और रस
जैसलमेर, 3 नवम्बर/ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से लोक कला यात्रा ‘‘अरण्य पर्व’’ के अन्तर्गत जैसलमेर के पूनम स्टेडियम में रविवार शाम सात बजे जनजाति कलाकारों के समूह देश-विदेश में प्रसिद्ध रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे। इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने जैसलमेर में होने वाले अपनी तरह के इस अनूठे सांस्कृतिक उत्सव में शरीक होने की अपील जैसलमेरवासियों से की है। इस दौरान् देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातियों की मशहूर लोककला और नृत्य शैलियों पर आधारित प्रतिनिधि कार्यक्रमों से भरपूर मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा।
जैसलमेर जिले में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय अरण्य पर्व के कार्यक्रमों का समापन रविवार शाम पूनम स्टेडियम में होगा जहां एक दर्जन से ज्यादा आदिवासी नृत्य शैलियों के 200 लोक कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन किया जायेगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि इस आयोजन में राजस्थान से सहरिया स्वाँग, गरासिया गैर, गैर घूमरा, कुचामणी ख्याल, गुजरात से सिद्धि धमाल, मेवासी,डांग नृत्य, महाराष्ट्र से तारपा व सौंगी मुखवटे, गोवा से कुणबी गावड़ा व मई छत्तीसगढ़ से पंथी व गौंडी कर्मा मध्यप्रदेश नृत्य शैलियों से जुड़े अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त कलाकारों के कार्यक्रम मन मोहेंगे।
देखभाल केंद्रों में बुजुर्गों को भी मिले सेक्स का हक
सेक्स पर जुड़ी तमाम चर्चाओं को आमतौर पर युवा वर्ग से जोड़ कर ही देखा जाता है. लेकिन एक नई रिपोर्ट में बुजुर्गों के सेक्स अधिकारों को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड एज केयर नाम की संस्था ने नई रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा है कि बुजुर्गों के लिए बने देखभाल केंद्रों में रहने वाले लोगों को सेक्स के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की बढ़ती उम्र और सुरक्षा चिंताओं के कारण इन संस्थानों में उम्रदराज लोगों को सेक्स का आनंद उठाने नहीं दिया जाता.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्स एक सामान्य चीज़ है और ढलती उम्र में स्वस्थ रहने की जो भी क्रियाएँ होती हैं उसमें सेक्स भी शामिल है. इसमें ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जिन्हें डिमेंशिया है.
उनकी क्या इच्छा है....
बुजुर्गों की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को आशंका रहती है कि क्या ऐसे लोगों को यौन संबंध बनाने देना कानूनी है या जोखिम भरा तो नहीं है. इस वजह से कार्यकर्ता बूढ़े लोगों को शारीरिक तौर पर नजीदकियाँ बढ़ाने नहीं देते.
रिपोर्ट में इस बात को माना गया है कि ये जरूरी है कि कुछ मरीजों को किसी भी तरह की नुकसानदेह स्थिति से दूर रखा जाए लेकिन ये भी जरूरी है कि बूढ़े लोग सेक्स के बारे में अपने निर्णय खुद ले सकें.
इस रिपोर्ट की मानें तो मरीजों को सेक्स के बारे में अपनी इच्छा जाहिर करने का मौका न देकर एक तरह से उनकी स्वायत्ता का गला घोटना है और ये इन लोगों की उनकी देखभाल के कर्तव्य में कार्यकर्ताओं की विफलता है.
रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले लोगों का कहना है कि बूढ़े लोगों के लिए बने देखभाल केंद्रों को औपचारिक नीतियाँ लागू करने के बारे में सोचना चाहिए या फिर इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ रखना चाहिए.
पिता की अनदेखी के लिए पुत्र गए जेल
पिता की अनदेखी के लिए पुत्र गए जेल
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की एक अदालत ने एक बुज़ुर्ग पिता की अनदेखी और उन्हें अकेला छोड़ देने के जुर्म में उनके तीन पुत्रों को दो-दो महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है.
बाड़मेर के गुधमलानी एसडीएम अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए पुलिस को तीनों पुत्रों को फ़ौरन गिरफ़्तार करके जेल भेजने के आदेश दिए.70 साल के सोनाराम बिश्नोई ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उनके पुत्रों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है और वे उनका ख़्याल नहीं रखते हैं.
सोनाराम बिश्नोई के छह पुत्र हैं और उनमें से तीन ने अदालत के निर्देश के बावजूद उनकी कोई मदद नहीं कर रहे थे.
उनके अनुसार उनके तीन पुत्रों ने अदालत के सामने वादा किया था कि वे अपने पिता का पूरा ख़्याल रखेंगे जबकि तीन पुत्रों ने किसी तरह की मदद से इनकार कर दिया था.
अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनी. पुत्रों का कहना था कि उनके पिता खुद ग़ैर-ज़िम्मेदार व्यक्ति हैं और उन्होंने कभी भी अपने पुत्रों का ख़्याल नहीं रखा था.
अदालत ने पहले पुत्रों को समझाने की कोशिश की कि वे अपने पिता का ख़्याल रखें, लेकिन उन्होंने अदालत की बात नहीं मानी.
तब जाकर एसडीएम शंकर लाल ने वरिष्ठ नागरिकों की देख-रेख के लिए बने क़ानून के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके पुत्रों को सज़ा सुना दी.
राज्य में लगभग दो साल पहले बने क़ानून के अनुसार अगर कोई पुत्र अपने माता-पिता की अनदेखी का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन महीने की सज़ा और पांच हज़ार रूपए तक का जुर्माना हो सकता है.
नारायण बारेठ
जयपुर से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की एक अदालत ने एक बुज़ुर्ग पिता की अनदेखी और उन्हें अकेला छोड़ देने के जुर्म में उनके तीन पुत्रों को दो-दो महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है.
बाड़मेर के गुधमलानी एसडीएम अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए पुलिस को तीनों पुत्रों को फ़ौरन गिरफ़्तार करके जेल भेजने के आदेश दिए.70 साल के सोनाराम बिश्नोई ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उनके पुत्रों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है और वे उनका ख़्याल नहीं रखते हैं.
सोनाराम बिश्नोई के छह पुत्र हैं और उनमें से तीन ने अदालत के निर्देश के बावजूद उनकी कोई मदद नहीं कर रहे थे.
उनके अनुसार उनके तीन पुत्रों ने अदालत के सामने वादा किया था कि वे अपने पिता का पूरा ख़्याल रखेंगे जबकि तीन पुत्रों ने किसी तरह की मदद से इनकार कर दिया था.
अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनी. पुत्रों का कहना था कि उनके पिता खुद ग़ैर-ज़िम्मेदार व्यक्ति हैं और उन्होंने कभी भी अपने पुत्रों का ख़्याल नहीं रखा था.
अदालत ने पहले पुत्रों को समझाने की कोशिश की कि वे अपने पिता का ख़्याल रखें, लेकिन उन्होंने अदालत की बात नहीं मानी.
तब जाकर एसडीएम शंकर लाल ने वरिष्ठ नागरिकों की देख-रेख के लिए बने क़ानून के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके पुत्रों को सज़ा सुना दी.
राज्य में लगभग दो साल पहले बने क़ानून के अनुसार अगर कोई पुत्र अपने माता-पिता की अनदेखी का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन महीने की सज़ा और पांच हज़ार रूपए तक का जुर्माना हो सकता है.
दो माह की पल्लवी के गर्भ में मिला बच्चा
पटना राज्य के अररिया जिले के जोकीहाथ थाना क्षेत्र के बनकोरा गांव निवासी गंगा प्रसाद सिंह की दो माह की बेटी के गर्भ में बच्चा मिला है। यह आश्चर्यजनक संयोग भारत में दूसरी जबकि बिहार में पहली बार हुआ है। अल्ट्रासाउंट व सिटी स्कैन रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद चिकित्सा जगत में इस बात को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है।
जानकारी के अनुसार गंगा प्रसाद सिंह की पत्नी मंजू देवी ने दो माह पूर्व एक बच्ची को जन्म दिया था। जन्म से ही बच्ची का पेट फूला हुआ था, जिससे उसे काफी पीड़ा हो रही थी। परेशान अंजू देवी ने अररिया के डॉ नसीर एवं डॉ ओम प्रकाश से उसे दिखाया। डॉक्टरों ने पेट में पानी होने की बात कही और काफी दिनों तक उसका इलाज किया। तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद बच्ची की तकलीफ कम नहीं हुई।
थक-हार कर पल्लवी के मां-पिता ने ग्रामीणों की सलाह पर पूर्णिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमरेंद्र कुमार से उसे दिखाया। उन्होंने बच्ची का अल्ट्रासाउंट करवाने को कहा। रिपोर्ट में बच्ची पल्लवी के पेट में बच्चा मिला। इस हैरअंगेज घटना की पुष्टि के लिए सिटी स्कैन भी करवाया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर यह मामला पूरे क्षेत्र में फैल गया। बच्ची को देखने के लिए अस्पताल में मीडियाकर्मियों व स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी।
बच्ची के गर्भ में बच्च रहने का इतिहास काफी पुराना है। सबसे पहले जब यह मामला 1808 में प्रकाश में आया था, तब चिकित्सा विज्ञान उतना डेवलप नहीं था। उस वक्त जार्ज विलियम ने इसे देखा था। उस समय पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची की पेट में बच्च मिला था।
अप्रैल 1990 में ग्रीस में व 1999 में महाराष्ट्र के नागपुर में संजू भगत के यहां भी इस तरह का मामला सामने आया था। इसके अलावा 2006 में पाकिस्तान, 2008 में इंडोनेशिया, 2008 व 2009 में चीन एवं 2011 में यूनान के इजिप्ट में गर्भस्थ शिशु के गर्भ में बच्चा मिला था।
वसुंधरा को पार्लियामेंटरी बोर्ड अध्यक्ष के लिए हरी झंडी
जयपुर.भाजपा हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का चेयरमैन बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का गठन आने वाले दिनों में कभी भी हो सकता है। स्टेट पार्लिमेंटरी बोर्ड के चेयरमैन का पद इसलिए अहम है, क्योंकि विधानसभा और लोकसभा सहित स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए टिकट तय करने में बोर्ड अध्यक्ष की भूमिका अहम होती है।
पार्टी अध्यक्ष के रूप में अरुण चतुर्वेदी को ही रखते हुए दोनों खेमों में संतुलन बिठाना चाहती है। चतुर्वेदी लो-प्रोफाइल हैं और वसुंधरा राजे के साथ उनका तालमेल बिठाने में ज्यादा दिक्कत नहीं है।
भाजपा हाईकमान के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी अगर विवादों में नहीं फंसते तो इसकी घोषणा अब तक हो जाती। वसुंधरा राजे का नाम स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड के लिए इसलिए तय किया जा रहा है कि उनके समर्थक उन्हें अध्यक्ष बनाने की मांग करते रहे हैं, ताकि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण में उनका पलड़ा भारी रहे।
अब तक इस बोर्ड की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष ही करते रहे हैं। पार्टी संविधान में राष्ट्रीय स्तर पर पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही बनाए जाने का उल्लेख है, लेकिन स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का अध्यक्ष कौन हो, इसे लेकर पार्टी संविधान का अनुच्छेद17 मौन है।
इसके राजनीतिक मायने क्या?
पार्टी की कमान वसुंधरा राजे को सौंपने को लेकर विवाद हो रहा है, इसलिए यह रास्ता उचित माना जा रहा है।
राजस्थान में वसुंधरा ही क्यों?
जिस तरह गुजरात में नरेंद्र मोदी, मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह चौहान, हिमाचल प्रदेश में प्रेमकुमार धूमल, छत्तीसगढ़ में रमनसिंह आदि हैं, वैसे ही राजस्थान में वसुंधरा राजे क्यों नहीं हो सकतीं। प्रदेश में वे ही जननेता हैं और उनकी लोकप्रियता को विरोधी भी मानते हैं।
विरोध में ये तर्क
वे नेता प्रतिपक्ष रहते ही पार्टी से सीधे टकराव ले सकती हैं और दो-दो बार अपने इस्तीफों की पेशकश कर सकती हैं तो मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके तेवर और तीखे हो सकते हैं।
पार्लियामेंटरी बोर्ड क्या?
इसे राजनीतिक भाषा में स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड कहा जाता है, लेकिन मूलत: यह स्टेट इलेक्शन कमेटी ही है।
प्रदेश से बाहर रहकर वसुंधरा ने संघ व हाईकमान के प्रमुख नेताओं और संगठन के फैसलों को प्रभावित करने वाले प्रमुख लोगों से मुलाकातें कीं।
विधायकों से ले रहीं फीडबैक
वसुंधरा राजे ने विधायकों से फीडबैक जुटाना शुरू कर दिया है। उनसे पूछा जा रहा है कि उनके इलाके के जातीय समीकरण क्या हैं? सरकारी कामों के क्या हाल हैं? लोगों में सरकार के प्रति कितना जनाक्रोश है और वे मुद्दे क्या हैं? विधायक के नाते उनका प्रोफाइल क्या है? हमारी सरकार को आपके इलाके में आज भी लोग किन कामों के लिए याद करते हैं? सरकार की कौन-सी बजट घोषणा पूरी नहीं हुई है?
हमारी सरकार के समय की वे कौन-सी घोषणाएं हैं, जो इस सरकार के समय पूरी हुई हैं। विधायकों से एक-एक पेज पर यह नोट मांगा जा रहा है। विधायकों से फीडबैक के आधार पर ही दिसंबर से शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा की रणनीति तय की जाएगी। उसी आधार पर घोषणाएं की जाएंगी। इसके लिए हर पाइंट और इलाके में काम करने वाले नेताओं की सूचियां तैयार हो चुकी हैं।
वसुंधरा राजे स्थापित नेता : कप्तान सिंह
वसुंंधरा राजे प्रदेश में पार्टी की स्थापित नेता हैं। जो स्थापित होता है, वही आम तौर पर मुख्यमंत्री होता है। चाहे गुजरात को देखें या हिमाचल को। पार्टी में अनुशासन और संविधान की व्यवस्था है। इसलिए इसकी औपचारिक घोषणा बहुमत आने के बाद की जाती है। जहां तक पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन का सवाल है, अभी बोर्ड की घोषणा नहीं हुई है।
कप्तान सिंह, प्रदेश प्रभारी भाजपा
हां, कभी-कभी ऐसा भी होता है : चतुर्वेदी
स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का अध्यक्ष वैसे तो प्रदेशाध्यक्ष ही होता है, लेकिन कुछ प्रदेशों में कभी-कभी (कभी-कभी पर विशेष जोर) कहीं-कहीं किसी अन्य नेता को भी बना दिया जाता है।
ललितकिशोर चतुर्वेदी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष
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