मोदी लगाएंगे गुजरात में जीत की हैट्रिक!
नई दिल्ली। गुजरात में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी का जादू चलता दिख रहा है। मोदी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार सत्ता हासिल कर सकती है। इंडिया टुडे और ओआरजी के ओपिनियन पोल में यह अनुमान जाहिर किया गया है। कांग्रेस की हालत 2007 के मुकाबले और भी पतली हो सकती है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक इस चुनाव में भाजपा को 128 सीटें मिलने का अनुमान है जो कि पिछले चुनाव से 11 सीटें ज्यादा हैं। कांग्रेस को 48 सीटें मिलने का अनुमान है जो कि पिछले चुनाव से 11 सीटें कम हैं।
पोल के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी को केवल एक सीट मिलने के आसार हैं जबकि अन्य को पांच सीटें मिल सकती हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में 13 और 17 दिसंबर को होने वाले हैं। 20 दिसबंर को वोटों की गिनती होगी। 2007 में भी गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 2007 चुनावों में भाजपा 117 सीटें हासिल हुई थीं जबकि कांग्रेंस को 59 सीटें मिलीं थीं।
शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2012
राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने का आदेश
राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने का आदेश
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने दारा सिंह फर्जी मुठभेड़ मामले में राठौड़ को आरोप मुक्त करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने राठौड़ को सरेंडर करने को कहा है।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी की पीठ ने राठौड़ को आरोप मुक्त करने को चुनौती देने वाली सीबीआई व दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर राठौड़ सरेंडर नहीं करते हैं तो अधीनस्थ अदालत आवश्यक कार्रवाई करे।
सीबीआई के वकील सरफराज खान ने बताया कि राठौड़ को सीबीआई या अदालत में सरेंडर करना होगा। याचिकाकर्ता सुशीला देवी के वकील एसके सिन्हा के मुताबिक,राठौड़ को अब अदालत,पुलिस या सीबीआई के सामने सरेंडर करना होगा। वहीं बचाव पक्ष के वकील अजय कुमार जैन ने कहा कि अदालत के विस्तृत फैसले की कॉपी नहीं मिली है। फैसले की कॉपी मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर विचार होगा।
गौरतलब है कि मामले में सभी पक्षकारों की बहस 6 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। याचिकाओं में सीबीआई व सुशीला देवी ने जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर (जिला)के 31 मई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें राजेन्द्र राठौड़ को आरोप तय होने के स्तर पर ही आरोप मुक्त कर दिया था।
हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई को राजेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी किए थे। सीबीआई ने दारा सिंह एनकाउंटर केस में राठौड़ को 5 अपै्रल 2012 को गिरफ्तार कर उन्हें हत्या के आपराधिक षडयंत्र का आरोपी माना था लेकिन 31 मई को जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला ने राठौड़ को आरोप मुक्त कर दिया था।
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने दारा सिंह फर्जी मुठभेड़ मामले में राठौड़ को आरोप मुक्त करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने राठौड़ को सरेंडर करने को कहा है।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी की पीठ ने राठौड़ को आरोप मुक्त करने को चुनौती देने वाली सीबीआई व दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर राठौड़ सरेंडर नहीं करते हैं तो अधीनस्थ अदालत आवश्यक कार्रवाई करे।
सीबीआई के वकील सरफराज खान ने बताया कि राठौड़ को सीबीआई या अदालत में सरेंडर करना होगा। याचिकाकर्ता सुशीला देवी के वकील एसके सिन्हा के मुताबिक,राठौड़ को अब अदालत,पुलिस या सीबीआई के सामने सरेंडर करना होगा। वहीं बचाव पक्ष के वकील अजय कुमार जैन ने कहा कि अदालत के विस्तृत फैसले की कॉपी नहीं मिली है। फैसले की कॉपी मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर विचार होगा।
गौरतलब है कि मामले में सभी पक्षकारों की बहस 6 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। याचिकाओं में सीबीआई व सुशीला देवी ने जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर (जिला)के 31 मई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें राजेन्द्र राठौड़ को आरोप तय होने के स्तर पर ही आरोप मुक्त कर दिया था।
हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई को राजेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी किए थे। सीबीआई ने दारा सिंह एनकाउंटर केस में राठौड़ को 5 अपै्रल 2012 को गिरफ्तार कर उन्हें हत्या के आपराधिक षडयंत्र का आरोपी माना था लेकिन 31 मई को जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला ने राठौड़ को आरोप मुक्त कर दिया था।
रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट
रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट
नई दिल्ली। हरियाणा के उपायुक्तों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में कोई अनियमितता नहीं मिली है। चार उपायुक्तों के पैनल ने वाड्रा को क्लीन चिट दी है। वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने 12 अक्टूबर को वाड्रा के जमीन सौदों की जांच का आदेश दिया था। अरविंद केजरीवाल ने जांच के नतीजे को खारिज करते हुए कहा कि यह तो होना ही था। अगर वाड्रा को क्लीन चिट नहीं मिलती तो देश हैरान होता।
ये थे आरोप
आईएएस अशोक खेमका ने हरियाणा के चार जिलों गुड़गांव,फरीदाबाद,पलवल और मेवात में वाड्रा या उनकी कंपनी के नाम से रजिस्टर प्रॉपर्टी की जांच के आदेश दिए थे। खेमका को शक था कि इन सौदों में कम कीमत दिखाकर स्टैम्प ड्यूटी की चोरी की गई है। खेमका ने ही वाड्रा के मानेसर के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया था।
म्यूटेशन का मतलब सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के मालिक से टैक्स वसूलने से है यानी जिसके नाम से संपत्ति होती है म्यूटेशन के बाद वही आदमी संपत्ति का टैक्स भरता है। मानेसर का ये प्लॉट वाड्रा की कंपनी स्काई लाईट होस्पेटिलिटी प्राईवेट लिमिटेड ने 7.5 करोड़ में खरीद कर डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था।
यहां चौंकाने वाली बात ये है कि 28 मार्च 2008 को हरियाणा सरकार ने वाड्रा को इस प्लॉट पर हाउसिंग कॉलोनी बनाने की इजाजत दी थी। सिर्फ 65 दिन बाद ही वाड्रा ने इसे बेचने का करार डीएलएफ के साथ कर लिया। खेमका ने 15 अक्टूबर को वाड्रा के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया।
नई दिल्ली। हरियाणा के उपायुक्तों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में कोई अनियमितता नहीं मिली है। चार उपायुक्तों के पैनल ने वाड्रा को क्लीन चिट दी है। वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने 12 अक्टूबर को वाड्रा के जमीन सौदों की जांच का आदेश दिया था। अरविंद केजरीवाल ने जांच के नतीजे को खारिज करते हुए कहा कि यह तो होना ही था। अगर वाड्रा को क्लीन चिट नहीं मिलती तो देश हैरान होता।
ये थे आरोप
आईएएस अशोक खेमका ने हरियाणा के चार जिलों गुड़गांव,फरीदाबाद,पलवल और मेवात में वाड्रा या उनकी कंपनी के नाम से रजिस्टर प्रॉपर्टी की जांच के आदेश दिए थे। खेमका को शक था कि इन सौदों में कम कीमत दिखाकर स्टैम्प ड्यूटी की चोरी की गई है। खेमका ने ही वाड्रा के मानेसर के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया था।
म्यूटेशन का मतलब सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के मालिक से टैक्स वसूलने से है यानी जिसके नाम से संपत्ति होती है म्यूटेशन के बाद वही आदमी संपत्ति का टैक्स भरता है। मानेसर का ये प्लॉट वाड्रा की कंपनी स्काई लाईट होस्पेटिलिटी प्राईवेट लिमिटेड ने 7.5 करोड़ में खरीद कर डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था।
यहां चौंकाने वाली बात ये है कि 28 मार्च 2008 को हरियाणा सरकार ने वाड्रा को इस प्लॉट पर हाउसिंग कॉलोनी बनाने की इजाजत दी थी। सिर्फ 65 दिन बाद ही वाड्रा ने इसे बेचने का करार डीएलएफ के साथ कर लिया। खेमका ने 15 अक्टूबर को वाड्रा के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया।
प्रेमी संग ऐश के लिए पति-सास की हत्या की
प्रेमी संग ऐश के लिए पति-सास की हत्या की
फरीदाबाद अपनी सास और पति की हत्या की आरोपी निशा ने खुद ही उनका लाखों रुपये का इंश्योरेंस कराया था। दोनों की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई थी और उन्हें एक्सिडेंट दिखाने की कोशिश की गई थी। सास की हत्या को एक्सिडेंट दिखाने में तो निशा कामयाब रही, लेकिन पति की हत्या ने उसे फंसा दिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि करीब 30 वर्षीय निशा अपने 19 वर्षीय प्रेमी के साथ ऐश की जिंदगी बिताना चाहती थी, जिसके चलते यह सारी योजना तैयार की गई।
अरविंद को इसका गुमान भी नहीं था कि उसकी मां की मौत दुर्घटना में नहीं हुई थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। उससे भी बड़ी बात कि हत्या उसकी पत्नी ने कराई थी और वह उसकी भी हत्या की तैयारी कर चुकी थी। सीआईए 30 इंस्पेक्टर रणवीर सिंह ने बताया कि अरविंद की पत्नी निशा उर्फ विजय एक इंश्योरेंस कंपनी की एजेंट है। उसकी उम्र करीब 30 वर्ष है। 19 साल के मनीष से जब उसका प्रेम हुआ तो वह सबकुछ भूल बैठी। उसके साथ वह आगे की जिंदगी सुख के साथ काट सके, इसे लेकर उसने एक खतरनाक योजना तैयार की, जिसमें उसने अपनी सास और पति दोनों की हत्या करने की ठान ली। दोनों की मौत के बाद उनके पास रुपयों की भी कमी न रहे, इसे लेकर उसने कुछ महीने पहले खुद अपनी सास का 50 लाख और पति का 20 लाख रुपये का इंश्योरेंस कराया।
दोनों में वह खुद नॉमिनी बनी। सास और पति दोनों की हत्या एक्सिडेंट लगे, यह भी पहले ही तय कर लिया गया। सुनियोजित योजना के तहत उसने 13 सितंबर को अपनी सास की हत्या कराई। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जब विजय उर्फ निशा की सास अंगूरी देवी की हत्या की गई तो निशा अपनी सास की छाती पर बैठ गई थी, जिससे वह विरोध न कर सके। इसके बाद इसे दुर्घटना का रंग दिया गया। अरविंद जब अपनी मां की मौत पर छुट्टी लेकर आया, तब तक उस समय से पहले ही उसकी हत्या की भी तैयार की जा चुकी थी। 9 अक्टूबर को अरविंद की हत्या निशा के प्रेमी मनीष और उसके दोस्त श्याम संुंदर और मुकेश ने की और उसे दुर्घटना का रंग देने की कोशिश की, लेकिन इस बार वह कानून के फंदे में वह फंस गए।
सेक्टर 30 सीआईए इंचार्ज रणवीर सिंह के मुताबिक निशा को उम्मीद थी कि अपनी सास और पति की हत्या के बाद जहां उसे इंश्योरेंस का 70 लाख रुपये मिलता, वहीं पति के मरने पर आर्मी से भी उसको करीब 40 लाख रुपये मिल जाते। एक करोड़ से अधिक रकम हाथ में आने के बाद वह अपने प्रेमी मनीष के साथ ऐश की जिंदगी जीने की ठाने बैठी थी।
अरविंद को इसका गुमान भी नहीं था कि उसकी मां की मौत दुर्घटना में नहीं हुई थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। उससे भी बड़ी बात कि हत्या उसकी पत्नी ने कराई थी और वह उसकी भी हत्या की तैयारी कर चुकी थी। सीआईए 30 इंस्पेक्टर रणवीर सिंह ने बताया कि अरविंद की पत्नी निशा उर्फ विजय एक इंश्योरेंस कंपनी की एजेंट है। उसकी उम्र करीब 30 वर्ष है। 19 साल के मनीष से जब उसका प्रेम हुआ तो वह सबकुछ भूल बैठी। उसके साथ वह आगे की जिंदगी सुख के साथ काट सके, इसे लेकर उसने एक खतरनाक योजना तैयार की, जिसमें उसने अपनी सास और पति दोनों की हत्या करने की ठान ली। दोनों की मौत के बाद उनके पास रुपयों की भी कमी न रहे, इसे लेकर उसने कुछ महीने पहले खुद अपनी सास का 50 लाख और पति का 20 लाख रुपये का इंश्योरेंस कराया।
दोनों में वह खुद नॉमिनी बनी। सास और पति दोनों की हत्या एक्सिडेंट लगे, यह भी पहले ही तय कर लिया गया। सुनियोजित योजना के तहत उसने 13 सितंबर को अपनी सास की हत्या कराई। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जब विजय उर्फ निशा की सास अंगूरी देवी की हत्या की गई तो निशा अपनी सास की छाती पर बैठ गई थी, जिससे वह विरोध न कर सके। इसके बाद इसे दुर्घटना का रंग दिया गया। अरविंद जब अपनी मां की मौत पर छुट्टी लेकर आया, तब तक उस समय से पहले ही उसकी हत्या की भी तैयार की जा चुकी थी। 9 अक्टूबर को अरविंद की हत्या निशा के प्रेमी मनीष और उसके दोस्त श्याम संुंदर और मुकेश ने की और उसे दुर्घटना का रंग देने की कोशिश की, लेकिन इस बार वह कानून के फंदे में वह फंस गए।
सेक्टर 30 सीआईए इंचार्ज रणवीर सिंह के मुताबिक निशा को उम्मीद थी कि अपनी सास और पति की हत्या के बाद जहां उसे इंश्योरेंस का 70 लाख रुपये मिलता, वहीं पति के मरने पर आर्मी से भी उसको करीब 40 लाख रुपये मिल जाते। एक करोड़ से अधिक रकम हाथ में आने के बाद वह अपने प्रेमी मनीष के साथ ऐश की जिंदगी जीने की ठाने बैठी थी।
'राष्ट्रपिता' नहीं हैं महात्मा गांधी: गृह मंत्रालय
नई दिल्ली।। सरकार महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' की उपाधि नहीं दे सकती क्योंकि संविधान एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत नहीं देता। गृह मंत्रालय ने आरटीआई में पूछे एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। यह सवाल लखनऊ की 11वीं की एक स्टूडेंट ऐश्वर्या पाराशर ने पूछा था।
ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर पूछा था कि गांधीजी को 'राष्ट्रपिता' क्यों कहा जाता है? जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने की रिक्वेस्ट की थी।
ऐश्वर्या की अर्जी इस निर्देश के साथ गृह मंत्रालय को भेजी गई थी कि उनकी रिक्वेस्ट पर क्या कार्रवाई की गई, इसका खुलासा किया जाए। गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' का खिताब न दिए जाने के लिए सांवैधानिक मजबूरियों का हवाला दिया। मंत्रालय ने कहा कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत सरकार को नहीं देती।
जैसलमेर के सीमा क्षेत्र में सेना नहीं कर सकेगी अभ्यास
जैसलमेर भारतीय सेना को प्रदेश के जैसलमेर जिले में पाक से लगती सीमा पर सैन्य अभ्यास रेंज बनाने के प्रयासों को झटका लगा है। सेना की उच्चस्तरीय कमेटी ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद पेट्रोलियम मंत्रालय ने जैसलमेर के तेल खोज क्षेत्र में ऐसी कोई अनुमति देने से स्पष्ट मना कर दिया है।
जैसलमेर कलेक्टर शुचि त्यागी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामला केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी है। पेट्रोलियम और रक्षा मंत्रालय के बीच इस संबंध में एग्रीमेंट हो रखा है। इस एग्रीमेंट की समीक्षा 2013 में होगी। इसके पहले तेल खोज क्षेत्र में कोई अभ्यास या रेंज बनाने की अनुमति नहीं होगी।
सेना के उच्च पदस्थ अधिकारियों की ओर से तेल खोज क्षेत्र में कोई अड़चन नहीं आने देने का भरोसा दिलाया, इसके बाद भी पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस मामले में कोई छूट नहीं दी है। मंत्रालय का तर्क है कि इससे क्षेत्र में तेल और गैस की खोज और दोहन के काम में अड़चन आ सकती है। जैसलमेर जिले के शाहगढ़ सहित कुछ अन्य क्षेत्रों ने कई ब्लॉक्स में तेल खोज और शोधन के लिए फोकस एनर्जी, ओएनजीसी और अन्य तेल कंपनियों को आवंटित किए हुए हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि इन गतिविधियों के साथ सेना की गतिविधियों का संचालन नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी सेना के उच्च अधिकारी अपने मंत्रालय में शीर्ष स्तर के सामने यह मुद्दा उठाया है और इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय से संपर्क का आग्रह किया है।
इससे पहले सेना की ओर से ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम जैसे अभियानों को इस क्षेत्र में सफलता पूर्वक चला चुके हैं।
अब नए अभियान का मामला इस विवाद के बाद अटकता सा लग रहा है। हालांकि राज्य के पेट्रोलियम और खान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सेना के अभ्यास रेंज के लिए अन्य क्षेत्र को लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस तरह के अभ्यास रेंज के लिए पौने दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र की जरूरत होती है। दस साल पहले तक देश में सेना के अभ्यास के लिए 104 रेंज होती थी जो अब सिमट कर 66 पर आ गई हैं।
जैसलमेर कलेक्टर शुचि त्यागी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामला केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी है। पेट्रोलियम और रक्षा मंत्रालय के बीच इस संबंध में एग्रीमेंट हो रखा है। इस एग्रीमेंट की समीक्षा 2013 में होगी। इसके पहले तेल खोज क्षेत्र में कोई अभ्यास या रेंज बनाने की अनुमति नहीं होगी।
सेना के उच्च पदस्थ अधिकारियों की ओर से तेल खोज क्षेत्र में कोई अड़चन नहीं आने देने का भरोसा दिलाया, इसके बाद भी पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस मामले में कोई छूट नहीं दी है। मंत्रालय का तर्क है कि इससे क्षेत्र में तेल और गैस की खोज और दोहन के काम में अड़चन आ सकती है। जैसलमेर जिले के शाहगढ़ सहित कुछ अन्य क्षेत्रों ने कई ब्लॉक्स में तेल खोज और शोधन के लिए फोकस एनर्जी, ओएनजीसी और अन्य तेल कंपनियों को आवंटित किए हुए हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि इन गतिविधियों के साथ सेना की गतिविधियों का संचालन नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी सेना के उच्च अधिकारी अपने मंत्रालय में शीर्ष स्तर के सामने यह मुद्दा उठाया है और इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय से संपर्क का आग्रह किया है।
इससे पहले सेना की ओर से ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम जैसे अभियानों को इस क्षेत्र में सफलता पूर्वक चला चुके हैं।
अब नए अभियान का मामला इस विवाद के बाद अटकता सा लग रहा है। हालांकि राज्य के पेट्रोलियम और खान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सेना के अभ्यास रेंज के लिए अन्य क्षेत्र को लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस तरह के अभ्यास रेंज के लिए पौने दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र की जरूरत होती है। दस साल पहले तक देश में सेना के अभ्यास के लिए 104 रेंज होती थी जो अब सिमट कर 66 पर आ गई हैं।
इन्द्रा की संपत्ति की नीलामी 19 को
इन्द्रा की संपत्ति की नीलामी 19 को
जोधपुर। भंवरीदेवी मामले में अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई मामलात) महानगर की ओर से उद्घोषित अपराधी इन्द्रा विश्नोई की कुर्क संपत्ति की नीलामी उन्नीस नवम्बर को होगी। कोर्ट ने 18 सितम्बर को सरस्वती नगर में उसके कुर्क मकान ए-144 को नीलाम करने के आदेश दिए थे। इसके तहत तहसीलदार द्वारा 19 नवम्बर को सम्पत्ति नीलाम की जाएगी। नीलामी अधीक्षण अभियंता ड्रिलींग वृत पीएचईडी कार्यालय परिसर में होगी।
जोधपुर। भंवरीदेवी मामले में अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई मामलात) महानगर की ओर से उद्घोषित अपराधी इन्द्रा विश्नोई की कुर्क संपत्ति की नीलामी उन्नीस नवम्बर को होगी। कोर्ट ने 18 सितम्बर को सरस्वती नगर में उसके कुर्क मकान ए-144 को नीलाम करने के आदेश दिए थे। इसके तहत तहसीलदार द्वारा 19 नवम्बर को सम्पत्ति नीलाम की जाएगी। नीलामी अधीक्षण अभियंता ड्रिलींग वृत पीएचईडी कार्यालय परिसर में होगी।
१० लाख की शराब बरामद, एक आरोपी गिरफ्तार
१० लाख की शराब बरामद, एक आरोपी गिरफ्तार
चितलवाना व झाब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अलग-अलग स्थानों पर शराब से भरी चार गाडिय़ां पकड़ी, गाडिय़ों से बरामद हुई १० लाख की शराब, एक आरोपी गिरफ्तार।
चितलवाना नाकेबंदी तोड़ भागी चार गाडिय़ों का पीछा कर झाब और चितलवाना पुलिस ने करीब १० लाख की शराब बरामद कर एक जने को गिरफ्तार किया है। यह शराब गुजरात ले जाई जा रही थी।
झाब थानाधिकारी हरीराम चौधरी ने बताया कि हेमागुडा गांव की सरहद में गुरुवार सवेरे नाकाबंदी की गई थी। कुछ देर बाद तीन बोलेरो कैंपर व एक टाटा सूमो जीप सामने से आती हुई दिखाई दी। पुलिस ने उन जीपों को रुकने का इशारा किया लेकिन, चारों नाकेबंदी तोड़ भागने लगी। जिनका का काफी देर तक पीछा करने के बाद झाब खिरोड़ी गांव के पास पुलिस ने दो गाडिय़ों को पकड़ लिया, लेकिन इनमें चालक समेत अन्य आरोपी भागने में सफल रहे। वहीं अन्य दो जीपों को परावा गांव की ओर जाते देख चितलवाना पुलिस को सूचना दी गई। जिस पर चितलवाना पुलिस ने परावा गांव की सरहद में दोनों गाडिय़ों को पकड़ लिया। इस दौरान एक गाड़ी का चालक फरार हो गया, जबकि दूसरा आरोपी सत्यपुर (सीकर) निवासी राकेश कुमार पुत्र रणजीत जाट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
यह शराब हुई बरामद
झाब पुलिस द्वारा खिरोड़ी गांव के पास दो बोलेरो से १८१ कर्टन शराब बरामद की गई। वहीं चितलवाना पुलिस द्वारा परावा सरहद पर दो गाडिय़ों से १५० कार्टन शराब जब्त की है। पुलिस के अनुसार बाजार में इनकी कीमत करीब १० लाख रुपए है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों गाडिय़ों को भी जब्त किया। यह शराब गुजरात ले जाई जा रही थी। पुलिस ने बताया कि वाहनों पर नंबर प्लेट नहीं थी।
बरामद की अवैध शराब
झाब व चितलवाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए क्षेत्र से करीब ३३१ कर्टन अवैध शराब बरामद की है। कार्रवाई के दौरान दो वाहन झाब पुलिस ने खिरोड़ी गांव के पास और चितलवाना पुलिस ने दो वाहन परावा की सहरद में पकड़े हैं। कैलाशदान बारहठ, थानाधिकारी चितलवाना
परीक्षा के नाम पर वसूले 10 लाख
परीक्षा के नाम पर वसूले 10 लाख
राजसमंद। छात्र कल्याण एवं सामान्य ज्ञान बढ़ाने के नाम पर एक संस्था ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का दुरूपयोग कर विद्यार्थियां से लाखों रूपए बटोर लिए। विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने फरवरी-2011 में राज्य स्तरीय मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा खोज (छात्रवृत्ति) परीक्षा आयोजित कर बकायदा पूर्व राष्ट्रपति के हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र हजारों विद्यार्थियों को बांट दिए। प्रमाण-पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी मिलान में सही प्रतीत नहीं होते हैं।
इसके अलावा वर्ष 2011 में देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थीं। संस्था ने प्रदेश के 17 हजार विद्यार्थियों से परीक्षा के लिए करीब 10 लाख 20 हजार रूपए वसूले। उधर, संस्था ने फिर वर्तमान शैक्षिक सत्र 2012-13 में करीब 50 हजार विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजसमंद घनश्याम दैया का कहना है कि ऎसी किसी संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के लिए अनुमति नहीं ली। न किसी विद्यालय से कोई सूचना है। अगर ऎसा हो रहा है तो गलत है। पता करवाया जाएगा।
नहीं ली स्वीकृति
संस्थान ने सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में इस परीक्षा के आयोजन के लिए न तो शिक्षा विभाग से कोई स्वीकृति ली और न शिक्षाधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया। संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के साथ इस बार सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रस्तावित की हैं। इनमें एकल नृत्य, समूह नृत्य, संगीत, वन मिनट गेम, सामान्य ज्ञान व चित्रकला आदि शामिल हैं। इसके लिए 180 रूपए प्रति विद्यार्थी शुल्क रखा गया है। यह परीक्षा जनवरी या फरवरी-2013 में होगी। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने मध्यप्रदेश से प्रतिभा खोज परीक्षा की शुरूआत की। इसके बाद तीन वर्षो से राजस्थान में परीक्षा हो रही है। गत वर्ष 17 जिलों के 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
मिस प्रिंट हो गया
गत वर्ष उदयपुर में करीब दस केन्द्रों पर परीक्षा कराई थी। प्रिंटिंग की त्रुटि से राष्ट्रपति छप गया। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली। स्वैच्छिक परीक्षा थी। हमारा उद्देश्य सामान्य ज्ञान, बौद्धिक विकास करना है।
संजय जैन, अध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण संस्थान, उदयपुर
राजसमंद। छात्र कल्याण एवं सामान्य ज्ञान बढ़ाने के नाम पर एक संस्था ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का दुरूपयोग कर विद्यार्थियां से लाखों रूपए बटोर लिए। विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने फरवरी-2011 में राज्य स्तरीय मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा खोज (छात्रवृत्ति) परीक्षा आयोजित कर बकायदा पूर्व राष्ट्रपति के हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र हजारों विद्यार्थियों को बांट दिए। प्रमाण-पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी मिलान में सही प्रतीत नहीं होते हैं।
इसके अलावा वर्ष 2011 में देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थीं। संस्था ने प्रदेश के 17 हजार विद्यार्थियों से परीक्षा के लिए करीब 10 लाख 20 हजार रूपए वसूले। उधर, संस्था ने फिर वर्तमान शैक्षिक सत्र 2012-13 में करीब 50 हजार विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजसमंद घनश्याम दैया का कहना है कि ऎसी किसी संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के लिए अनुमति नहीं ली। न किसी विद्यालय से कोई सूचना है। अगर ऎसा हो रहा है तो गलत है। पता करवाया जाएगा।
नहीं ली स्वीकृति
संस्थान ने सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में इस परीक्षा के आयोजन के लिए न तो शिक्षा विभाग से कोई स्वीकृति ली और न शिक्षाधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया। संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के साथ इस बार सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रस्तावित की हैं। इनमें एकल नृत्य, समूह नृत्य, संगीत, वन मिनट गेम, सामान्य ज्ञान व चित्रकला आदि शामिल हैं। इसके लिए 180 रूपए प्रति विद्यार्थी शुल्क रखा गया है। यह परीक्षा जनवरी या फरवरी-2013 में होगी। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने मध्यप्रदेश से प्रतिभा खोज परीक्षा की शुरूआत की। इसके बाद तीन वर्षो से राजस्थान में परीक्षा हो रही है। गत वर्ष 17 जिलों के 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
मिस प्रिंट हो गया
गत वर्ष उदयपुर में करीब दस केन्द्रों पर परीक्षा कराई थी। प्रिंटिंग की त्रुटि से राष्ट्रपति छप गया। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली। स्वैच्छिक परीक्षा थी। हमारा उद्देश्य सामान्य ज्ञान, बौद्धिक विकास करना है।
संजय जैन, अध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण संस्थान, उदयपुर
जैसलमेर. परिषद द्वारा रिंग रोड पर हटाया अतिक्रमण।
हमने पहले नोटिस दिया था दुर्ग के पास बनी दुकानों को ध्वस्त किया
बिना नोटिस के कार्रवाई की
जैसलमेर
शिव रोड से जाने वाली लिंक रोड पर दुर्ग के एकदम पास बन रहे अवैध निर्माण को गुरुवार को नगरपरिषद के अतिक्रमण दस्ते ने ध्वस्त कर दिया। नगरपरिषद की इस कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध भी किया। एक तरफ नगरपरिषद का कहना है कि उन्हें पहले नोटिस दिया था वहीं निर्माण करवाने वालों का कहना है कि उन्हें किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया।
गुरुवार की दोपहर बाद नगरपरिषद का अतिक्रमण दस्ता लिंक रोड पहुंचा। यहां वाणिज्यिक दृष्टि से बनाई जा रही दुकानों को अवैध करार देते हुए नगरपरिषद के दस्ते ने ध्वस्त कर दिया। नगरपरिषद आयुक्त आर.के. माहेश्वरी व एसडीएम रमेशचंद्र जैन्थ के साथ ही पुलिस दस्ता भी मौके पर तैनात था। देखते ही देखते आधे घंटे में अतिक्रमण दस्ते ने मौके पर हो रहे निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
नगरपरिषद की कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध भी किया।
दूसरी तरफ यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अमरदीन फकीर ने प्रशासन व नगरपरिषद की इस कार्रवाई का खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया। अमरदीन ने बताया कि ईद के मौके पर की गई यह कार्रवाई अनुचित है। इसके लिए कुछ दिन इंतजार किया जा सकता था। अमरदीन ने बताया कि दुर्ग की 100 मीटर परिधि में अन्य कई निर्माण हो चुके हैं और वर्तमान में चल रहे हैं, जिस तरफ प्रशासन व नगरपरिषद ध्यान ही नहीं दे रहा है।
नगरपरिषद आयुक्त आर.के. माहेश्वरी ने बताया कि दुर्ग के एकदम पास वाणिज्यिक दुकानें बनाई जा रही थी, जो कि अवैध निर्माण की श्रेणी में है। इस मामले में जिला कलेक्टर के आदेशानुसार हमने यह कार्रवाई की है। आयुक्त माहेश्वरी ने बताया कि इस संबंध में संबंधित को नोटिस भी दिया गया था लेकिन उसके द्वारा स्वत:: निर्माण नहीं रोका गया इसके चलते गुरुवार को अतिक्रमण दस्ते ने अवैध निर्माण को हटा दिया।
मालिक बनो यात्रा प्रथम चरण का फलसूंड में समापन
मालिक बनो यात्रा प्रथम चरण का फलसूंड में समापन
सैकड़ों की संख्या में उमड़े लोगों ने किया स्वागत
फलसूंड कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी के नेतृत्व में आयोजित की गई मालिक बनो प्रदेश यात्रा गुरुवार को फलसूंड पहुंची। कस्बे में पहुंचने के साथ ही ग्रामीणों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया। कस्बे में पहुंचने पर कोलायत विधायक भाटी ने संबोधित करते हुए कहा कि सैकड़ों साल पहले अंग्रेजों ने हमारे देश पर कब्जा करने के लिए जो खेल खेला था, वही खेल आज सत्ता पर काबिज लोग व्यवस्था के नाम पर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1830 में अंग्रेज गवर्नर जनरल लार्ड मेटकाफ ने कहा था हमें इस देश को जीतना है तो हमें यहां की ग्राम सभाओं को तोडऩा होगा। अंग्रेजों के बाद अब नई सत्ता के लोग व अफसर इसी नीति पर कार्य कर रहे हैं। भाटी ने बताया कि गोचर, ओरण व आगोर का प्रबंधन गांव के हाथ में हो। अंग्रेजों द्वारा निर्मित व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाना बहुत जरुरी है। पुलिस व्यवस्था में अंग्रेजी कानून चल रहा है। जिससे गरीब असहाय आदमी को सताया जा रहा है। सरकार की नीति व अन्य नीतियों में ग्रामीणों की राय लेनी चाहिए। सरकारी बजट में ग्रामीण विकास एवं कृषि को प्रमुख स्थान दिया जाना चाहिए, उद्योगों को कृषि आधारित बनाया जाए। कृषि में सब्सिडी व मुआवजे की स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिले में चल रही भू-आवंटन नीति में स्थानीय लोगों को प्रमुखता दी जाय। बिजली उत्पादन की अपार संभावनाओं के बावजूद स्थानीय लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। जैसलमेर जिले की बेशकीमती जमीन को सरकार विदेशी कंपनियों को दे रही हैं। इस सभा में फलसूंड पाराशर, भुर्जगढ़, नेतासर, दांतल, झलोड़ा, राजमथाई, बलाड़, बांधेवा, मानासर, पदमपुरा, धर्मासर, भूरपुरा, श्यामपुरा, पाबूपुरा व कई गांवों से लोग उपस्थित थे।
इन लोगों ने भी की शिरकत : कस्बे में पहुंची मालिक बनो प्रदेश यात्रा को लेकर हजारों की संख्या में लोग बाग फलसूंड पहुंचे। वहीं इस यात्रा के साथ आए बीकानेर शहर विधायक गोपालजी जोशी, बीकानेर के देहात उपाध्यक्ष व भाजपा नेता मंगेजसिंह हाडला, भाजपा नेता हाथीसिंह मूलाना, कादर खां स्वामीजी की ढाणी, मोहन मेघवाल सहित कई लोगों ने संबोधित किया।
गुरुवार, 25 अक्टूबर 2012
केरल में 13 साल की बच्ची बनी मां, अब पुलिस क्या करे?
तिरुवनंतपुरम. यहां के एक सरकारी अस्पताल में एक 13 साल की बच्ची के मां बनने से पुलिस के लिए मुश्किल हो गई है। शहर के एसटी अस्पताल में एक 13 साल की नाबालिग लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया है। अस्पताल प्रशासन ने घटना की जानकारी पुलिस को दी है जिससे पुलिस के सामने मामले की जांच करने का नैतिक संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल भारत में 16 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ मर्जी से सेक्स को भी बलात्कार माना जाता है। वहीं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी को गैर कानूनी करार दिया गया है। इस कानून के मुताबिक ऐसी शादी कराने वाले उसमें शामिल होने वाले लोगों को दो साल तक की सजा और एक साल तक के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि महिलाओं को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जाती है।
भारतीय दंड संहिता और बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 दोनों ही कानूनों के तहत 13 साल की बच्ची का मां बनना अपराध है। लेकिन पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि लड़की के माता पिता लोक लाज के डर से पुलिस में शिकायत देने से बच रहे हैं।
पीड़ित लड़की आठवीं की छात्रा है और केरल के कोल्लम जिले की रहने वाली है। पुलिस को अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के मां बनने की सूचना दी है। पुलिस घटना की एफआईआर दर्ज कर जांच करना चाहती है लेकिन परिवार की शिकायत के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। पुलिस के सामने मामले की जांच करने का संकट खड़ा हो गया है।इस मामले में जांच न करके पुलिस समाज में हो रहे अपराधों को रोकने के अपने दायित्व को पूरा नहीं पाएगी।
दरअसल भारत में 16 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ मर्जी से सेक्स को भी बलात्कार माना जाता है। वहीं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी को गैर कानूनी करार दिया गया है। इस कानून के मुताबिक ऐसी शादी कराने वाले उसमें शामिल होने वाले लोगों को दो साल तक की सजा और एक साल तक के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि महिलाओं को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जाती है।
भारतीय दंड संहिता और बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 दोनों ही कानूनों के तहत 13 साल की बच्ची का मां बनना अपराध है। लेकिन पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि लड़की के माता पिता लोक लाज के डर से पुलिस में शिकायत देने से बच रहे हैं।
पीड़ित लड़की आठवीं की छात्रा है और केरल के कोल्लम जिले की रहने वाली है। पुलिस को अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के मां बनने की सूचना दी है। पुलिस घटना की एफआईआर दर्ज कर जांच करना चाहती है लेकिन परिवार की शिकायत के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। पुलिस के सामने मामले की जांच करने का संकट खड़ा हो गया है।इस मामले में जांच न करके पुलिस समाज में हो रहे अपराधों को रोकने के अपने दायित्व को पूरा नहीं पाएगी।
गडकरी के "फर्जीवाड़े"की जांच शुरू
गडकरी के "फर्जीवाड़े"की जांच शुरू
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आयकर विभाग ने उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
विभाग ने भाजपा अध्यक्ष की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर में वित्तीय अनियमितता की जांच शुरू कर दी है। विभाग कंपनी में निवेश की जांच करेगा। साथ ही उन 18 कंपनियों की जांच करेगा जिन्होंने गडकरी की कंपनी में निवेश किया है। आयकर विभाग जल्द ही अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंपेगा।
उधर कंपनी मामलों के मंत्रालय ने नितिन गडकरी की कंपनियों में निवेश की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार शुरूआती जांच नागपुर व मुंबई में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से की जाएगी। इन शहारों में गडकरी की पूर्ति गु्रप की कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इन कंपनियों की ओर से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने आएगी तो यह जांच मंत्रालय के स्पेशल फ्रॉड यूनिट को सौंप दी जाएगी।
गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। पार्टी व आरएसएस इस बात से चिंतित हैं कि गडकरी पर लग रहे आरोपों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
हालांकि बड़े भाजपा नेता गडकरी का बचाव कर रहे हैं। एक अंगेजी अखबार के गडकरी की कंपनियों में निवेश में गड़बड़ी के खुलासे के बाद उनकी कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में धांधलियों की बातें सामने आ रही हैं। गडकरी की कंपनी में ज्यातिषी,चपरासी व ड्राइवर के निदेशक बनने की बात सामने आई है।
पणसे गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड सुगर लिमेटेड (पीपीएसएल) की पांच कंपनियों व छह अन्य कंपनियों में 2009 से 2011 के बीच निदेशक रह चुका है। पूर्ति की बेकरी इकाई के कर्मचारी राजेश खानजोडे व मुंबई के ज्योतिषी विष्णु शर्मा भी दो कंपनियों में निदेशक हैं। इन कंपनियों की पीपीएसएल में हिस्सेदारी है। हालांकि जानकारी के अनुसार पणसे को यह जानकारी नहीं है कि वह गडकरी की बनाई या नियंत्रित किसी कंपनी में निदेशक के पद पर आसीन है।
खानजोडे को भी नहीं मालूम कि वह भी किसी कंपनी में निदेशक है। गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आयकर विभाग ने उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
विभाग ने भाजपा अध्यक्ष की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर में वित्तीय अनियमितता की जांच शुरू कर दी है। विभाग कंपनी में निवेश की जांच करेगा। साथ ही उन 18 कंपनियों की जांच करेगा जिन्होंने गडकरी की कंपनी में निवेश किया है। आयकर विभाग जल्द ही अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंपेगा।
उधर कंपनी मामलों के मंत्रालय ने नितिन गडकरी की कंपनियों में निवेश की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार शुरूआती जांच नागपुर व मुंबई में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से की जाएगी। इन शहारों में गडकरी की पूर्ति गु्रप की कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इन कंपनियों की ओर से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने आएगी तो यह जांच मंत्रालय के स्पेशल फ्रॉड यूनिट को सौंप दी जाएगी।
गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। पार्टी व आरएसएस इस बात से चिंतित हैं कि गडकरी पर लग रहे आरोपों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
हालांकि बड़े भाजपा नेता गडकरी का बचाव कर रहे हैं। एक अंगेजी अखबार के गडकरी की कंपनियों में निवेश में गड़बड़ी के खुलासे के बाद उनकी कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में धांधलियों की बातें सामने आ रही हैं। गडकरी की कंपनी में ज्यातिषी,चपरासी व ड्राइवर के निदेशक बनने की बात सामने आई है।
पणसे गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड सुगर लिमेटेड (पीपीएसएल) की पांच कंपनियों व छह अन्य कंपनियों में 2009 से 2011 के बीच निदेशक रह चुका है। पूर्ति की बेकरी इकाई के कर्मचारी राजेश खानजोडे व मुंबई के ज्योतिषी विष्णु शर्मा भी दो कंपनियों में निदेशक हैं। इन कंपनियों की पीपीएसएल में हिस्सेदारी है। हालांकि जानकारी के अनुसार पणसे को यह जानकारी नहीं है कि वह गडकरी की बनाई या नियंत्रित किसी कंपनी में निदेशक के पद पर आसीन है।
खानजोडे को भी नहीं मालूम कि वह भी किसी कंपनी में निदेशक है। गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
स्टूडेंट ने चार करोड़ में बेची वर्जिनिटी
स्टूडेंट ने चार करोड़ में बेची वर्जिनिटी
सिडनी। ब्राजील की एक छात्रा ने ऑनलाइन ऑक्शन में अपनी कौमार्यता 780,000 डालर में नीलाम की है। कैटरीना गिलियोरिनी (20) की कौमार्यता की यह बोली बुधवार रात एक जापानी नात्सू ने जीती। नात्सू को एक भारतीय रूद्र चटर्जी,अमरीकियों व ब्राजील के पुरूषों से कड़ा मुकाबला मिला।
इस राशि से गरीबों के लिए घर बनाऊंगी -
शारीरिक शिक्षा की छात्रा कैटरीना ने कहा कि वह इस राशि का इस्तेमाल गरीब परिवारों के लिए मकान बनाने में करेगी। कैटरीना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि डेट पर उसके साथ आस्ट्रेलियाई यूनिट भी मौजूद होगा जो एक फिल्म वर्जिन्स वॉन्टेड बनाएगा।
ऎसे कोई सैक्सवर्कर नही बन जाता -
हालांकि कैटरीना ने कहा,मैं इसे बिजनेस के तौर पर देखती हूं। एक फिल्म का हिस्सा होने के तौर पर मुझे यात्रा करने का मौका मिलेगा साथ ही बोनस भी मिलेगा। अगर आप ऎसा जीवन में एक ही बार करते हैं तो आप सैक्स वर्कर नहीं हैं वैसे ही जैसे एक फोटो लेने पर कोई फोटोग्राफर नहीं बन जाता। यह बोली बिजनेस है और मैं एक रोमांटिक गर्ल हूं। डेटिंग की जो फिल्म बनाई जाएगी उसमें नात्सू की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
सिडनी। ब्राजील की एक छात्रा ने ऑनलाइन ऑक्शन में अपनी कौमार्यता 780,000 डालर में नीलाम की है। कैटरीना गिलियोरिनी (20) की कौमार्यता की यह बोली बुधवार रात एक जापानी नात्सू ने जीती। नात्सू को एक भारतीय रूद्र चटर्जी,अमरीकियों व ब्राजील के पुरूषों से कड़ा मुकाबला मिला।
इस राशि से गरीबों के लिए घर बनाऊंगी -
शारीरिक शिक्षा की छात्रा कैटरीना ने कहा कि वह इस राशि का इस्तेमाल गरीब परिवारों के लिए मकान बनाने में करेगी। कैटरीना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि डेट पर उसके साथ आस्ट्रेलियाई यूनिट भी मौजूद होगा जो एक फिल्म वर्जिन्स वॉन्टेड बनाएगा।
ऎसे कोई सैक्सवर्कर नही बन जाता -
हालांकि कैटरीना ने कहा,मैं इसे बिजनेस के तौर पर देखती हूं। एक फिल्म का हिस्सा होने के तौर पर मुझे यात्रा करने का मौका मिलेगा साथ ही बोनस भी मिलेगा। अगर आप ऎसा जीवन में एक ही बार करते हैं तो आप सैक्स वर्कर नहीं हैं वैसे ही जैसे एक फोटो लेने पर कोई फोटोग्राफर नहीं बन जाता। यह बोली बिजनेस है और मैं एक रोमांटिक गर्ल हूं। डेटिंग की जो फिल्म बनाई जाएगी उसमें नात्सू की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
चैनल ने सांसद से मांगे 100 करोड़!
चैनल ने सांसद से मांगे 100 करोड़!
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने आरोप लगाया है कि एक न्यूज चैनल ने उनकी कंपनी के खिलाफ स्टोरी नहीं चलाने के बदले 100 करोड़ रूपए के विज्ञापन देने की मांग की थी। जिंदल ने गुरूवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया।
न्यूज चैनल पहले ही जिंदल के आरोपों को खारिज कर चुका है। चैनल ने कहा है कि उसने करोड़ों रूपए के विज्ञापन की कोई मांग नहीं की थी। पहले भी इस तरह के आरोप लगाए जा चुके हैं और आगे भी लगते रहेंगे। हम सच्चाई को सामने रखते रहेंगे। यह दबाव की रणनीति है।
जिंदल ने कहा कि चैनल ने उनकी कंपनी के अधिकारियों से कहा था कि अगर 100 करोड़ के विज्ञापन नहीं दिए गए तो कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उनकी कंपनी के खिलाफ स्टोरी चलाई जाएगी। जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर ने चैनल के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया है। जिंदल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उस सीडी को भी दिखाया जिसमें पत्रकार कथित रूप से 100 करोड़ रूपए के विज्ञापन की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मीडिया को संदेह से ऊपर होना चाहिए। मीडिया ने देश में बड़ी भूमिका निभाई है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने एक घटना का सामना किया था। जिसको लेकर मैं सही वर्जन सामने रखना चाहता हूं। जिस तरह से चैनल ने न्यूज दिखाई इसके चलते मुझे यह दिखाने के लिए आगे आना पड़ा।
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने आरोप लगाया है कि एक न्यूज चैनल ने उनकी कंपनी के खिलाफ स्टोरी नहीं चलाने के बदले 100 करोड़ रूपए के विज्ञापन देने की मांग की थी। जिंदल ने गुरूवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया।
न्यूज चैनल पहले ही जिंदल के आरोपों को खारिज कर चुका है। चैनल ने कहा है कि उसने करोड़ों रूपए के विज्ञापन की कोई मांग नहीं की थी। पहले भी इस तरह के आरोप लगाए जा चुके हैं और आगे भी लगते रहेंगे। हम सच्चाई को सामने रखते रहेंगे। यह दबाव की रणनीति है।
जिंदल ने कहा कि चैनल ने उनकी कंपनी के अधिकारियों से कहा था कि अगर 100 करोड़ के विज्ञापन नहीं दिए गए तो कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उनकी कंपनी के खिलाफ स्टोरी चलाई जाएगी। जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर ने चैनल के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया है। जिंदल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उस सीडी को भी दिखाया जिसमें पत्रकार कथित रूप से 100 करोड़ रूपए के विज्ञापन की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मीडिया को संदेह से ऊपर होना चाहिए। मीडिया ने देश में बड़ी भूमिका निभाई है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने एक घटना का सामना किया था। जिसको लेकर मैं सही वर्जन सामने रखना चाहता हूं। जिस तरह से चैनल ने न्यूज दिखाई इसके चलते मुझे यह दिखाने के लिए आगे आना पड़ा।
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