तिरुवनंतपुरम. यहां के एक सरकारी अस्पताल में एक 13 साल की बच्ची के मां बनने से पुलिस के लिए मुश्किल हो गई है। शहर के एसटी अस्पताल में एक 13 साल की नाबालिग लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया है। अस्पताल प्रशासन ने घटना की जानकारी पुलिस को दी है जिससे पुलिस के सामने मामले की जांच करने का नैतिक संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल भारत में 16 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ मर्जी से सेक्स को भी बलात्कार माना जाता है। वहीं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी को गैर कानूनी करार दिया गया है। इस कानून के मुताबिक ऐसी शादी कराने वाले उसमें शामिल होने वाले लोगों को दो साल तक की सजा और एक साल तक के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि महिलाओं को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जाती है।
भारतीय दंड संहिता और बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 दोनों ही कानूनों के तहत 13 साल की बच्ची का मां बनना अपराध है। लेकिन पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि लड़की के माता पिता लोक लाज के डर से पुलिस में शिकायत देने से बच रहे हैं।
पीड़ित लड़की आठवीं की छात्रा है और केरल के कोल्लम जिले की रहने वाली है। पुलिस को अस्पताल प्रशासन ने बच्ची के मां बनने की सूचना दी है। पुलिस घटना की एफआईआर दर्ज कर जांच करना चाहती है लेकिन परिवार की शिकायत के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। पुलिस के सामने मामले की जांच करने का संकट खड़ा हो गया है।इस मामले में जांच न करके पुलिस समाज में हो रहे अपराधों को रोकने के अपने दायित्व को पूरा नहीं पाएगी।
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