परीक्षा के नाम पर वसूले 10 लाख
राजसमंद। छात्र कल्याण एवं सामान्य ज्ञान बढ़ाने के नाम पर एक संस्था ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का दुरूपयोग कर विद्यार्थियां से लाखों रूपए बटोर लिए। विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने फरवरी-2011 में राज्य स्तरीय मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा खोज (छात्रवृत्ति) परीक्षा आयोजित कर बकायदा पूर्व राष्ट्रपति के हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र हजारों विद्यार्थियों को बांट दिए। प्रमाण-पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी मिलान में सही प्रतीत नहीं होते हैं।
इसके अलावा वर्ष 2011 में देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थीं। संस्था ने प्रदेश के 17 हजार विद्यार्थियों से परीक्षा के लिए करीब 10 लाख 20 हजार रूपए वसूले। उधर, संस्था ने फिर वर्तमान शैक्षिक सत्र 2012-13 में करीब 50 हजार विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजसमंद घनश्याम दैया का कहना है कि ऎसी किसी संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के लिए अनुमति नहीं ली। न किसी विद्यालय से कोई सूचना है। अगर ऎसा हो रहा है तो गलत है। पता करवाया जाएगा।
नहीं ली स्वीकृति
संस्थान ने सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में इस परीक्षा के आयोजन के लिए न तो शिक्षा विभाग से कोई स्वीकृति ली और न शिक्षाधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया। संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के साथ इस बार सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रस्तावित की हैं। इनमें एकल नृत्य, समूह नृत्य, संगीत, वन मिनट गेम, सामान्य ज्ञान व चित्रकला आदि शामिल हैं। इसके लिए 180 रूपए प्रति विद्यार्थी शुल्क रखा गया है। यह परीक्षा जनवरी या फरवरी-2013 में होगी। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने मध्यप्रदेश से प्रतिभा खोज परीक्षा की शुरूआत की। इसके बाद तीन वर्षो से राजस्थान में परीक्षा हो रही है। गत वर्ष 17 जिलों के 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
मिस प्रिंट हो गया
गत वर्ष उदयपुर में करीब दस केन्द्रों पर परीक्षा कराई थी। प्रिंटिंग की त्रुटि से राष्ट्रपति छप गया। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली। स्वैच्छिक परीक्षा थी। हमारा उद्देश्य सामान्य ज्ञान, बौद्धिक विकास करना है।
संजय जैन, अध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण संस्थान, उदयपुर
राजसमंद। छात्र कल्याण एवं सामान्य ज्ञान बढ़ाने के नाम पर एक संस्था ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का दुरूपयोग कर विद्यार्थियां से लाखों रूपए बटोर लिए। विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने फरवरी-2011 में राज्य स्तरीय मेधावी विद्यार्थी प्रतिभा खोज (छात्रवृत्ति) परीक्षा आयोजित कर बकायदा पूर्व राष्ट्रपति के हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र हजारों विद्यार्थियों को बांट दिए। प्रमाण-पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी मिलान में सही प्रतीत नहीं होते हैं।
इसके अलावा वर्ष 2011 में देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थीं। संस्था ने प्रदेश के 17 हजार विद्यार्थियों से परीक्षा के लिए करीब 10 लाख 20 हजार रूपए वसूले। उधर, संस्था ने फिर वर्तमान शैक्षिक सत्र 2012-13 में करीब 50 हजार विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजसमंद घनश्याम दैया का कहना है कि ऎसी किसी संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के लिए अनुमति नहीं ली। न किसी विद्यालय से कोई सूचना है। अगर ऎसा हो रहा है तो गलत है। पता करवाया जाएगा।
नहीं ली स्वीकृति
संस्थान ने सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में इस परीक्षा के आयोजन के लिए न तो शिक्षा विभाग से कोई स्वीकृति ली और न शिक्षाधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया। संस्था ने प्रतिभा खोज परीक्षा के साथ इस बार सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रस्तावित की हैं। इनमें एकल नृत्य, समूह नृत्य, संगीत, वन मिनट गेम, सामान्य ज्ञान व चित्रकला आदि शामिल हैं। इसके लिए 180 रूपए प्रति विद्यार्थी शुल्क रखा गया है। यह परीक्षा जनवरी या फरवरी-2013 में होगी। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी कल्याण संस्थान ने मध्यप्रदेश से प्रतिभा खोज परीक्षा की शुरूआत की। इसके बाद तीन वर्षो से राजस्थान में परीक्षा हो रही है। गत वर्ष 17 जिलों के 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
मिस प्रिंट हो गया
गत वर्ष उदयपुर में करीब दस केन्द्रों पर परीक्षा कराई थी। प्रिंटिंग की त्रुटि से राष्ट्रपति छप गया। परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली। स्वैच्छिक परीक्षा थी। हमारा उद्देश्य सामान्य ज्ञान, बौद्धिक विकास करना है।
संजय जैन, अध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण संस्थान, उदयपुर
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