शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट

रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट

नई दिल्ली। हरियाणा के उपायुक्तों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में कोई अनियमितता नहीं मिली है। चार उपायुक्तों के पैनल ने वाड्रा को क्लीन चिट दी है। वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने 12 अक्टूबर को वाड्रा के जमीन सौदों की जांच का आदेश दिया था। अरविंद केजरीवाल ने जांच के नतीजे को खारिज करते हुए कहा कि यह तो होना ही था। अगर वाड्रा को क्लीन चिट नहीं मिलती तो देश हैरान होता।

ये थे आरोप

आईएएस अशोक खेमका ने हरियाणा के चार जिलों गुड़गांव,फरीदाबाद,पलवल और मेवात में वाड्रा या उनकी कंपनी के नाम से रजिस्टर प्रॉपर्टी की जांच के आदेश दिए थे। खेमका को शक था कि इन सौदों में कम कीमत दिखाकर स्टैम्प ड्यूटी की चोरी की गई है। खेमका ने ही वाड्रा के मानेसर के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया था।

म्यूटेशन का मतलब सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के मालिक से टैक्स वसूलने से है यानी जिसके नाम से संपत्ति होती है म्यूटेशन के बाद वही आदमी संपत्ति का टैक्स भरता है। मानेसर का ये प्लॉट वाड्रा की कंपनी स्काई लाईट होस्पेटिलिटी प्राईवेट लिमिटेड ने 7.5 करोड़ में खरीद कर डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था।

यहां चौंकाने वाली बात ये है कि 28 मार्च 2008 को हरियाणा सरकार ने वाड्रा को इस प्लॉट पर हाउसिंग कॉलोनी बनाने की इजाजत दी थी। सिर्फ 65 दिन बाद ही वाड्रा ने इसे बेचने का करार डीएलएफ के साथ कर लिया। खेमका ने 15 अक्टूबर को वाड्रा के प्लॉट का म्यूटेशन रद्द कर दिया।

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