शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

जैसलमेर के सीमा क्षेत्र में सेना नहीं कर सकेगी अभ्यास

जैसलमेर  भारतीय सेना को प्रदेश के जैसलमेर जिले में पाक से लगती सीमा पर सैन्य अभ्यास रेंज बनाने के प्रयासों को झटका लगा है। सेना की उच्चस्तरीय कमेटी ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद पेट्रोलियम मंत्रालय ने जैसलमेर के तेल खोज क्षेत्र में ऐसी कोई अनुमति देने से स्पष्ट मना कर दिया है।

जैसलमेर कलेक्टर शुचि त्यागी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामला केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी है। पेट्रोलियम और रक्षा मंत्रालय के बीच इस संबंध में एग्रीमेंट हो रखा है। इस एग्रीमेंट की समीक्षा 2013 में होगी। इसके पहले तेल खोज क्षेत्र में कोई अभ्यास या रेंज बनाने की अनुमति नहीं होगी।

सेना के उच्च पदस्थ अधिकारियों की ओर से तेल खोज क्षेत्र में कोई अड़चन नहीं आने देने का भरोसा दिलाया, इसके बाद भी पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस मामले में कोई छूट नहीं दी है। मंत्रालय का तर्क है कि इससे क्षेत्र में तेल और गैस की खोज और दोहन के काम में अड़चन आ सकती है। जैसलमेर जिले के शाहगढ़ सहित कुछ अन्य क्षेत्रों ने कई ब्लॉक्स में तेल खोज और शोधन के लिए फोकस एनर्जी, ओएनजीसी और अन्य तेल कंपनियों को आवंटित किए हुए हैं।

पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि इन गतिविधियों के साथ सेना की गतिविधियों का संचालन नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी सेना के उच्च अधिकारी अपने मंत्रालय में शीर्ष स्तर के सामने यह मुद्दा उठाया है और इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय से संपर्क का आग्रह किया है।

इससे पहले सेना की ओर से ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम जैसे अभियानों को इस क्षेत्र में सफलता पूर्वक चला चुके हैं।

अब नए अभियान का मामला इस विवाद के बाद अटकता सा लग रहा है। हालांकि राज्य के पेट्रोलियम और खान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सेना के अभ्यास रेंज के लिए अन्य क्षेत्र को लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस तरह के अभ्यास रेंज के लिए पौने दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र की जरूरत होती है। दस साल पहले तक देश में सेना के अभ्यास के लिए 104 रेंज होती थी जो अब सिमट कर 66 पर आ गई हैं।

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