रविवार, 21 अक्टूबर 2012

पान की लाली को लील गया गुटखा

 

बाडमेर आजकल सालियॉ अपने जीजा से पान की मांग नही करती।पान बीते ामय की बात हो गई ।चॉकलेट,आईसक्रीम,फास्ट फूड की मांग करती हैं।ससुराल जाते समय जीजा द्धारा सालीयों के लिऐ पान ले जाना परम्परा का प्रतीक था।मगर समय के साथ पान के कद्रदानों की संख्या बहुत कम रह गइ्र हैं।कभी हर मुॅह में पान की लाली का पंग चढा नजर आता था।पान की इस लाली को गंटखा लील गया कहना अतिश्योक्ति नही होगा।गुटखे के बढते प्रचलन नें पान की शान को मंद कर दिया।
मारवाद के मीठे पान कभी शान और शौकत के प्रतीक रहे हैं। बाडमेर के लोग कभी पान के जबरदस्त शौकिन रहे हैंमगर अन शैकिनों पर भी गंअखे का असर चढ गया।जिसके कारण ना केवल पान की षान में कमी आई हैं बल्कि पान का व्यासाय भी दम तोड रही हैं।पान के साथ जुडी परम्पराऐं ,संस्कृति और किदवन्तिया भी इसके साथ ही समाप्त होने के कगार पर हैं।
बाडमेर में पिछले साठ सालों सें पान का व्यवसाय करने वाले मूलजी का परिवार आज भी पान के इस व्यापार को ढो रहा हैं।मूलजह भारत पाकिस्तान विभाजन सें पहले थार क्षैत्र के एक मात्र पान के बडे व्यवसायी थे।और आज भी मूलजी का पोता भरत अपने पुश्तेनी व्यवसाय को सम्भालें हैं।मूलजी के पोते भरत कुमार नें बताया कि एक दशक पूव्र तक पान के प्रति लोगों की जबरदस्त दीवानगी थी।उस वक्त में प्रति दिन बीस से तीस हजार पान बाउमेर जिले में बेचते थे।उस वक्त बाडमेर में पान की सतर से अधिक छोटी बउी दुकानें थी।भरत ने बताया कि उस वक्त प्रात कालीन रेल से सुबह चार बजे पान आते थेंपान के व्यवसायी सीधे रेल पर ही अपना माल लेने आ जातें क्योकि अन्हे डर था कि डिमाण्ड अधिक होने के कारण शायद उन्हे पान मिले या नही मिले।उस वक्त बाडमेर के नारायणजी पान वाले,जगदीश खत्री,श्यामजी पान वाले हीराभाई पान वाले ,बसन्त पान वाला ,झामन पान वाला बेहतरीन पान बनाने वालों में शुमार थे।जहॉ एक हजार से अधिक पान प्रतिदिन बिकते थे।शंष दुकानों में भी 500 से 700 पान प्रतिदिन बिकते थे।बेल के इन पान को लकी मीठी तथा रैली श्रेणी में बांटा जाता था।उस वक्त लकह पान की जबरदस्त मांग थी।सुबह ग्यारह बजे से दोपहर दो बजे तक साय। सात बजे से रात 11 बजे तक पान के शौकिनों की दुकानों पर भीड लगी रहती थी।पान के इन्तजार में लोग धण्टों बतियाते रहते थे।

ये लोग बेहतरीन पान बनाने की मिशाल थै।समय के साथ ये लोग दुनिया छोड चुके हैं।इनमे से जगदीश ,टौर झामन आज भी अपनी साख बनाऐ हुऐं है। कहना अतिश्योक्ति ना होगा कि पान की कुछ शान इन लोगों नें बनाऐं रखी हैं।आज बाडमेर में पान की महज आठ दस दुकानें हैं।पान दुकान चलाने वालें राजू भाई का कहना है कि मेरी पुश्तेनी पान की पेढी हैं।पहले मेरे पिताजी श्यामजी पान लगाते थें।उन्हे आज भी श्यामजी पान वाला के नाम से लोग जानते हैं।पान का वयवसाय खत्म सा हो गया हैंे।पान के कद्रदान थोडे से बचे हैं।गुटखें के प्रचलन नें पान कह लाली को खतम कर दिया ।
भरत का कहना है कि वह दौर सूनहरा था।हमारा भी व्यवसाय के प्रति जबरदस्त मोह था।प्रति पान दस पैसा मजदूरी मिल जाती थी।1996 सें पान का संक्रमण काल शुरू हुआ था जब पहली वार गुटखा बाजार में आया।तेजह से बढते गुटखे के प्रचलन नें पान व्यवसाय को चौपट कर दिया।आज पान की बिक्री चालीस हजार प्रतिदिन से धटकर महज दस हजार सें भी कम रह गयी हैं।वही गुटखे के दस लाख पाउच प्रतिदिन बिक रहे हैं।

कभी पान लबों की शान हुआ करता था।चूना,कत्था,सुपारी ,लौंग ,इलायची,किमाम,बेलगम, सौंफ ,गुलकन्द कें मिश्रण का पान खाते ही पान के शोकिनों को नई उमंग ओर तरोताजगी का सुखद अहसास होजाता था।इसके साथ ही जर्दायुक्त पान का प्रचलन बराबर था।इसके अलावा बनारसी पान ,कलकती पान,सिन्धी पान,मीठा पान तथा रैली पान का भ्सी बराबर मांग थी।मगर जबसें गुटखे का प्रचलन शुरू हुआ हैं तब से पान आम आदमी से दूर हो गया।आज पान की बजाय गुटखें कें सैकडों ब्राण्ड प्रचलन में हैं।बहाहाल कभी सामाजिक सरोकारों तथा परम्पराओं का प्रतीक रहा पान की लाली होंठों सें दूर हो गई हैं

शनिवार, 20 अक्टूबर 2012

बाड़मेर सड़क दुर्घटना में तीन की मौत एक घायल

सड़क दुर्घटना में तीन की मौत एक घायल 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के गुड़ा थाना अन्तरगत गुड़ा सिंधरी मेगा हाई वे पर शनिवार शाम एक मोटर बाइक  और टेक्टर ट्रोले में हुई भिडंत में तीन जनों की मौत हो गई वही एक जाना घायल हो गया ,धटना की जानकारी मिलाने पर पुलिस दल मौके पर पहुँच गया ,म्रताको की शिनाक्त नहीं हुई हें ,घायल को सिनधरी अस्पताल उपचार के लिए लाया गया हें .

बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक नयी उंचाई पर छः लाख पाठक ..




बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक नयी उंचाई पर छः लाख पाठक ..

पिछले पंद्रह दिनों में एक लाख पैंतीस हज़ार लोगो ने देखा


बाड़मेर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक न्यूज़ ब्लॉग नापके सहयोग और साथ के चलते नयी उंचाइयो पर पहुंचा रहा हें ,पिछले पंद्रह दिनों में इस ब्लॉग को एक लाख पैंतीस हज़ार लोगो ने देखा .अब इसे छः लाक दो हज़ार लोग देख चुके हें ,प्रतिदिन इसे दस से तेरह हज़ार लोग देख रहे हें .आप भी अपनी प्रतिक्रिया जरुर दे आप सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद ..आप सभी को बधाई ...

आधार से खत्म होगा भ्रष्टाचार: मन

आधार से खत्म होगा भ्रष्टाचार: मन
जयपुर। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि आधार कार्ड आम आदमी के साथ उन करोड़ों लोगों को खास फायदा होगा जो आज भी गरीबी,बेरोजगारी और बीमारी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आमजन के पास आधार कार्ड नहीं होने से सरकारी योजनाओं का फायदा लेने तथा अपना कारोबार करने में दिक्कत होती है। आधार कार्ड मिलने से उनकी यह दिक्कत दूर होगी और भ्रष्टाचार खत्म होगा।

डॉ. सिंह शनिवार को जयपुर की दूदू तहसील में आधार की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आधार समर्थित सेवा प्रदायगी कार्यक्रम एवं जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, आधार हमारी प्रमुख परियोजना है। इससे प्रत्येक भारतवासी को एक विशिष्ट पहचान नंबर दिया जाएगा। यह पूरी दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी परियोजना है और दुनिया के दूसरे देश हमारी इस परियोजना को देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यूपीए सरकार ने हमेशा आम आदमी की भलाई और खुशहाली के लिए काम किया है। हमारी यह कोशिश रही है कि गरीब भाई-बहनों को तरक्की के समान अवसर मिलें। इसी उद्देश्य से यूपीए सरकार ने आधार परियोजना को शुरू किया है।

आधार से खुलेगा बैंक खाता,बनेगा पासपोर्ट

पीएम ने इस मौके पर कहा कि आधार कार्ड का यह फायदा होगा कि इससे बैंक खाता खोलने,नया टेलीफोन कनेक्शन लेने,हवाई या रेल टिकिट लेने तथा अन्य कामों में आम आदमी को मदद मिलेगी। छात्र-छात्राओं को इससे विशेष फायदा होगा। क्योंकि बहुत से मौकों पर उन्हें अपना परिचय पत्र दिखाना पड़ता है। सरकार की तरफ से मिलने वाली छात्रवृत्ति,बुजुर्गों को पेंशन तथा चिकित्सा लाभ को सीधे लोगों के खातों में आधार के जरिए पहुंचाया जा सकेगा।

सोनिया ने सौंपा 21 करोड़वां "आधार"

कार्यक्रम में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने उदयपुर जिले की वाली देवी को 21 करोड़वां आधार कार्ड प्रदान किया। सोनिया गांधी ने अपने सम्बोधन में आधार परियोजना को सामाजिक समावेशी विकास के लिए सबसे बड़ी परियोजना बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने दो वर्ष पूर्व जब आधार की यह यात्रा शुरू की थी तब यह संकल्प लिया था कि प्रत्येक देशवासी को एक आधार नम्बर देंगे जो हर आदमी की पहचान का आधार बनेगा। भारत जैसे बड़े देश एवं इतनी बड़ी आबादी को आधार कार्ड देना मामूली काम नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का यह सपना था कि आम आदमी की सेवा एवं लोकसेवाओं की प्रदायगी के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो। आज गांव-गांव में टेलीफोन बूथ,मोबाइल,कंप्यूटर,इंटरनेट के माध्यम से त्वरित सेवाएं पहुंच रही हैं। आधार उनके इसी सपने का अगला चरण है।

चिदम्बरम ने दिया हिंदी में भाषण

समारोह में वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने लीक से हटकर हिंदी में संबोधन किया। उन्होंने कहा कि आधार एक विशिष्ट पहचान नंबर है और हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक भारतवासी के पास यह पहचान संख्या हो। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न लोककल्याणकारी योजनाओं का लाभ उनके वास्तविक जरूरतमंदों एवं पात्र व्यक्तियों तक पहंुचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आधार से विद्यार्थियों,अनुसूचित जाति,जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लाभार्थियों को उनका हक,स्कॉलरशिप,एलपीजी एवं केरोसिन पर अनुदान पहंुचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि आधार एक वरदान के समान है जिसमें नकल एवं धोखे से बचा जा सकता है। हमारा प्रयास है कि बहुत जल्द भारत के प्रत्येक नागरिक को आधार नंबर मिले।

परिंदा नहीं मार सकता पर यहाँ क्यूंकि मुस्तैद हैं बीएसफ यहाँ







सीमा पर सुरक्षा का दूसरा भाग 

परिंदा नहीं मार सकता पर यहाँ क्यूंकि मुस्तैद हैं बीएसफ यहाँ

चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर वो दिन अब शायद नहीं आये कि इस तरीके की खबरें प्रमुखता से अखबारों के मुख्य समाचारों में या चैनलों की ब्रेकिंग में शुमार हो जैसे सीमा के उसपार से हरामीनाला से चार पाकिस्तानी कच्छ में घुस आए हैं या देश के किसी शहर में जो बम विस्फोट हुआ, उसके लिए मौत का सामान कच्छ की सीमा से ही भारत में आया था.. ऐसी खबरें अब बीते समय की बात हो जाएंगी, क्योंकि बीएसएफ ने इस खतरनाक सरहद को अब पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। वैसे तो सेना पिछले काफी समय से इस बॉर्डर की सुरक्षा के इंतजामों में लगी हुई थी, जो काम अब लगभग पूरा हो चुका है। यानी अब इस समुद्री सीमा से भारत में घुसपैठ की संभावना शून्य हो गई है।

बीएसएफ के उच्च अधिकारियों की यह बात मानने का कारण भी है। बीते दिनों सीमा सुरक्षा बल यानी देश के सबसे मजबूत अर्ध सैनिक दल ने गुजरात और राजस्थान के पत्रकारों को इस बॉर्डर की सैर करवाई। इसके साथ ही गांधीनगर स्थित डीआईजी यू.के. नयाल तथा भुज स्थित डीआईजी वीरेंद्र कुमार ने पत्रकारों को यह भी दिखाया कि हमारे जवान किस तरह चौबीसों घंटे इस सरहद की सुरक्षा के लिए चौकस रहते हैं। यही वजह है कि अब यहां से घुसपैठ की समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बताया कि हरामी नाले की भौगोलिक स्थिति ही कुछ ऐसी है, जिसे पूरी तरह से कंट्रोल में लेना बहुत मुश्किल है। लेकिन भारतीय जवानों ने अपने कंधों पर बोट रखकर मीलों का सफर तय करते हुए उन इलाकों में भी चौकियां स्थापित कर दीं, जहां पहुंचने की बात सोचना भी आसान नहीं था। याद रहे कि क्रीक में घुसना बीएसएफ के लिये बहुत ही मुश्किल है, कारण कि हरामी नाले का पानी भारत की तरफ सीमा में फैला हुआ है जो मारसी और कीचड़ से भरा रहता है और तकरीबन 500 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र को घेरता है। साथ ही इस क्षेत्र में पैदल तो क्या गाड़ी या पेट्रोल बोट से भी जाना नामुमकिन है। साथ ही साथ हरामी नाला भारत के क्षेत्र वियानवरी क्रीक की तरफ से पाकिस्तान के जी-पिलर 29 की तरफ जाता है उसके पश्चात् यह बॉर्डर पिलर न.1171 के पास वापस भारत की सीमा की ओर बढ़ता है। पाकिस्तान सरकार ने इस विवादित क्रीक क्षेत्र को अपने इलाके में तकरीबन 2 किलोमीटर लम्बी और 50 मीटर चौड़ी एक कृत्रिम चैनल खोद कर मिला लिया है। अब तो सरक्रीक इलाके में हरामीनाला के तहत लखपत से अंतिम बॉर्डर आउट पोस्ट 1175 तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जो लम्बे समय से इस इलाके कि ख़ास जरूरतों में भी शुमार रही हैं ।

हालांकि क्रीक इलाके में सीमा को लेकर भारत का पाकिस्तान के साथ लंबे समय से विवाद रहा है और दोनों देशों की बातचीत के एजेंडे में यह मुद्दा है। क्षेत्र में सर क्रीक, पीर सनाई क्रीक, पाबेवरी क्रीक, वियांबारी क्रीक, कूरी क्रीक और देवेरी क्रीक जैसी संकरी खाड़ियों के साथ-साथ कई नाले हैं, जिनमें हरामी नाला घुसपैठ के लिहाज से काफी संवेदनशील है। पिछले कुछ वषों में यह इलाका पाकिस्तानी मछुआरों द्वारा जल सीमा के उल्लंघन का गवाह रहा है। दलदली भूमि होने की वजह से सैनिकों को इस इलाके से होने वाली तस्करी और घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करने में कठिनाई आती है।


जम्मू कश्मीर में सेना की सख्ती के बाद अब आतंकवादी घुसपैठ के लिए गुजरात और राजस्थान बॉर्डर को चुन सकते है , यह बात बार सामने आ रही ही और पिछले कुछ समय से पाक की खुफिया ऐजन्सी ISI गुजरात और राजस्थान बॉर्डर से घुसपैठ की बार बार कोशिशि भी कर रही है , लेकिन अब हिंदुस्तान बॉर्डर पर आतकवादियो को करार जबाब देने के लिए तैयार हो गया है । अब पाकिस्तान संभल जाए शायद इसी का ऐलान हुआ हैं , इस सुरक्षा की नई दीवार को भांपने के बाद पाकिस्तान और दहशत पसंद लोगो के होश फाख्ता हो गए हैं । आतंकवादियों के इस इलाके से होकर घुसपैठ करने के सपने चकनाचूर हो जाएगे हिंदुस्तान ने अपने बॉर्डर पर अब अपने जवानों को आधुनिक उपकरण और हथियारों के साथ तैनात कर दिया है । अब गुजरात और राजस्थान बॉर्डर पर परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा अगर किसी ने इस बॉर्डर से आतकवादियो नेघुसपैठ की हिमाकत भी की तो सीमा सुक्ष बल के जवानो की तेज़ तर्रार नज़रों से वो बाख नहीं पायेनेगे । क्यूंकि अब सीमा सुरक्षा बल और भी ही ज्यादा हाई टेक हो गया है ।

याद रहे कि गुजरात में पाकिस्तान सीमा से सटे सरक्रीक क्षेत्र में अब और कड़ी निगरानी हो सकेगी। बीएसएफ क्षेत्र की निगरानी के लिए कई उपाय कर रहा है। इनमें क्रीक सीमा तक सड़क निर्माण के साथ-साथ नए सुविधायुक्त वाहनों होवरक्राफ्ट, ऑल टेरेन ह्विकल (एटीवी) और तेजी से हमला करने वाले यान फास्ट की खरीद भी शामिल है। ऑल टेरेन ह्विकल (एटीवी) पूर्व में ही सीमा सुरक्षा बल के पास चार उपलब्ध हैं जो कारगर भी साबित हुए हैं ।

बीएसएफ के गुजरात इलाके में सरक्रीक इलाके में हरामीनाला के तहत लखपत से अंतिम बॉर्डर आउट पोस्ट 1175 तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। 26 किमी लम्बी इस सड़क पर अब सिर्फ चार किमी का निर्माण ही शेष है। इसके अलावा क्रीक की दूसरी अंतिम सीमा पर स्थित "जी" पिलर तक भी सड़क के निर्माण का प्रस्ताव है। इन सड़कों के निर्माण के बाद क्रीक के अंतरराष्ट्रीय सीमा तक नजर रखी जा सकेगी।

सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी डीआईजी यूके न्याल के अनुसार एटीवी इटली से मंगाए जा रहे हैं। इसके अलावा चार फास्ट अटैक क्राफ्ट की भी खरीद की जाएगी, बताया जारहा हैं कि इनकी कीमत करीब सवा 62 करोड़ रुपए है।

भारत-पाक की खतरनाक सरहद: नाम -‘हरामी नाला’

हरामी नाले पर सीमा सुरक्षा बल ने अग्रीम चौकिय स्थापित की 


बाड़मेर पाकिस्तान-भारत सीमा से लगे कच्छ के सरक्रीक में ‘हरामी नाला’। यह पोस्ट देश की सबसे खतरनाक सरहदों में से एक है, जो जुड़ी हुई से गुजरात से। आम लोगों के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित इस क्षेत्र में 8 किमी लंबी खतरनाक दलदल, जिस पर दो कदम चलना भी आम आदमी के लिए आसान नहीं। उसी पर हमारे जवान चौबीसों घंटों की गश्त लगाते हैं। इस बार सीमा सुरक्षा बल ने हरामी नाले के दोनों छोर पर अग्रीम चौकिय स्थापित कर घुसपेठ रोकने के लिए प्रयासरत हें .यह यह प्रथम बार हें की सीमा सुरक्षा बल ने तेजी से बढ़ते हरामी नाले से पाकिस्तानी घुसपैठ को रोकने के लिए अग्रीम चौकिय स्थापित की हें .

क्रीक इलाके में सीमा को लेकर भारत का पाकिस्तान के साथ लंबे समय से विवाद रहा है और दोनों देशों की बातचीत के एजेंडे में यह मुद्दा है। क्षेत्र में सर क्रीक, पीर सनाई क्रीक, पाबेवरी क्रीक, वियांबारी क्रीक, कूरी क्रीक और देवेरी क्रीक जैसी संकरी खाड़ियों के साथ-साथ कई नाले हैं, जिनमें हरामी नाला घुसपैठ के लिहाज से काफी संवेदनशील है।

पाकिस्तान-भारत सीमा से लगे कच्छ के सरक्रीक में हरामी नाला दलदली, उथला वॉटर चैनल करीब 500 वर्ग किमी में फैला हुआ है। पिछले कुछ वषों में यह इलाका पाकिस्तानी मछुआरों द्वारा जल सीमा के उल्लंघन का गवाह रहा है। दलदली भूमि होने की वजह से सैनिकों को इस इलाके से होने वाली तस्करी और घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करने में कठिनाई आती है।

क्रीक में घुसना बीएसएफ के लिये बहुत ही मुश्किल है, कारण कि हरामी नाले का पानी भारत की तरफ सीमा में फैला हुआ है जो मारसी और कीचड़ से भरा रहता है और तकरीबन 500 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र को घेरता है। साथ ही इस क्षेत्र में पैदल तो क्या गाड़ी या पेट्रोल बोट से भी जाना नामुमकिन है।

हरामी नाला भारत के क्षेत्र वियानवरी क्रीक की तरफ से पाकिस्तान के जी-पिलर 29 की तरफ जाता है उसके पश्चात् यह बॉर्डर पिलर न.1171 के पास वापस भारत की सीमा की ओर बढ़ता है। पाकिस्तान सरकार ने इस विवादित क्रीक क्षेत्र को अपने इलाके में तकरीबन 2 किलोमीटर लम्बी और 50 मीटर चौड़ी एक कृत्रिम चैनल खोद कर मिला लिया है।

यहां सौ वर्ष पुराना है रामलीला का इतिहास



गुडग़ांव। साइबर सिटी गुडग़ांव की लगभग सभी कॉलोनियों और गांवों में रामलीला का लोग आनंद उठाते नजर आ जाएंगे। नेशनल हाई-वे के साथ लगे झाड़सा गांव में लगभग 100 वर्ष पहले बाबा जुगलदास ने श्री कृष्ण मंदिर में रामलीला की शुरुआत की थी। 1980 में यहां से उठकर रामलीला राम तालाब के पास पहुंच गई।

कुछ वर्ष बाद रामलीला का दो भाग हो गया, एक ग्रुप ने कृष्ण मंदिर में दोबारा रामलीला शुरू कर दिया, जबकि दूसरा ग्रुप राम तालाब के पास ही रहा। कुछ ही वर्षों के बाद दोनों ग्रुप फिर से एक हो गया। इस दौरान कुछ युवाओं ने स्कूल के पास रामलीला का मंचन शुरू कर दिया, जिसे मस्जिद वाली रामलीला करार दिया गया। यहां अब भी रामलीला चल रही है।

30 वर्षों से सक्रिय हैं कलाकार

स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि पूरे जिले में पहले केवल झाड़सा गांव में ही रामलीला होती थी, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे। गांव के श्रीकृष्ण मंदिर स्थित रामलीला में गांव के लोग ही सभी भूमिका निभाते हैं। रामलीला में कथा-वाचक चौपाइयां सुनाते हैं, जिसे कलाकार अपने संवाद के माध्यम से अर्थ स्पष्ट करते हैं। यह यहां के रामलीला की खासियत है। यहां केवल कौशिक 30 वर्षों से रावण का किरदार निभाते आ रहे हैं।
60 साल के होने के बाद भी उनकी आवाज और अभिनय में पहले जैसा जोश बरकरार है। वे चौपाइयों के सहारे संवाद करते हैं। रामलीला में राज सिंह सैनी भी 30 वर्षों से कथा-वाचक का काम कर रहे हैं।
झाड़सा में राम वनवास का मंचन-
शुक्रवार को आदर्श श्री कृष्ण मंदिर रामलीला द्वारा राम वनवास की कथा प्रस्तुत की गई। कलाकारों ने दिखाया कि कैसे माता कैकेयी पति दशरथ से तीन वरदान मांगती हैं, जिसमें से एक वर राम के लिए वनवास का होता है। अयोध्यावासी दुखी मन से राम को विदा करते हैं। इस दौरान छोटा भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता भी उनके साथ होती हैं। भगवान राम के वनवास जाने के दृश्य को कलाकारों ने इस कदर पेश किया कि उपस्थित लोगों की आंखों से आंसू झलक पड़े।
मंदिर की रामलीला कमेटी के सदस्य शीतल कुमार सोहनी ने बताया कि रामलीला का प्रत्येक किरदार अपने रोल को बेहद खूबी से निभाता है। मंचन किए जाने से पहले कई बार रामलीला का रिहर्सल किया जाता है। शनिवार की रात यहां भरत मिलाप दिखाया जाएगा।

अब भाटी की यात्रा से बीजेपी में जयपुर से दिल्ली खलबली

अब भाटी की यात्रा से बीजेपी में जयपुर से दिल्ली खलबली


राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले ही राजस्थान में बीजेपी में आपसी लड़ाई सडको पर आ गयी है पहले राजस्थान बीजेपी के कदावर नेता और आरएसएस में गहरी पेठ रखने वाले गुलाबचंद कटरिया ने अपने संभाग उदयपुर में यात्रा का आगाज क्र बीजेपी में खलबली मचाई लेकिन फिर दिल्ली में बठे बीजेपी के नेताओ ने गुलाबचंद कटरिया से बातचीत करके यात्रा को बीच में रोकना पड़ा और एक बार फिर राजस्थान बीजेपी के कदावर नेता देवीसिंह भाटी ने मालिक बनो यात्रा का आगाज कर बीजेपी की प्रदेश राजनीती में तूफ़ान खड़ा कर दिया है के राजस्थान बीजेपी के प्रभारी कप्तानसिंह सोलंकी ने गुरुवार को बीकनेर जा कर देवीसिंह भाटी से मुलकात की और उन्हें यह समझाने की कोशशि की एक बार कोर ग्रुप नेताओ से बातचीत कर लो लेकिन भाटी ने कोलायत से बुधवार को 'मालिक बनो' यात्रा के पहले चरण के लिए रवाना हुए। इस यात्रा के पहले चरण में नहरी छेत्र बीकनेर और जैसलमेर जा रहे है
भाटी ने एक माग पत्र छपवाया है जिसमे नौ सूत्रीय मांग पत्र में गांव की जमीन गांव के भूमिहीनों को आबंटित करने, खेती योग्य जमीन का कंपनियों का आबंटन बंद करने, सभी बेरोजगार को बेरोजगारी भत्ता देने, सरकारी कामों में समाज की भागीदारी तय कर पारदर्शिता बनाए रखने और रिकार्ड में भूल से दर्ज होनी छूटी गोचर ओरण, तालाब आगोर का सर्वे कर दर्ज करने सहित नौ सूत्रीय मांगें शामिल हैं।
दरसल राजनीती के जानकर मानते है कि आने वाले विधान सभा चुनावो से पहले भाटी अपनी ताकात का अहसास कराने चाहते है इसी लिए भाटी ने जोधपुर और बीकनेर संभाग को चुना है इन इलाके में भाटी की गहरी पेठ है और भाटी जिस जाति से आते है उनके वोटरों की बड़ी सख्या इन से आती है भाटी का कहना है कि इस यात्रा का राजनीती से जोड़ कर देखना सही नहीं होगा यह यात्रा में किसानो के हक़ के लिए लड़ी जा रही है मेने हमेशा किसानो से हक़ ले लिए लम्बी लड़ाई लड़ी है और लड़ता रहूगा
दरसल बीजेपी के लिए मुस्किल यह है कि अगले महीने से ही बीजेपी की और से पुरे राजस्थान की २०० विधानसभा सीटो पर वसुंधरा राजे अगले छह महीनो के लिए अपनी परिवर्तन यात्रा का आगाज जोधपुर से करने वाली है ऐसे में इस तरीके की यात्रा निलकना बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है राजस्थान बीजेपी के प्रभारी कप्तानसिंह सोलंकी पत्रकार वार्ता में कहा कि यात्रा वाजिब है लेकिन एक बार कोर ग्रुप से बात करते तो अच्छा लगता
शुक्रवार को भाटी की 'मालिक बनो' यात्रा ने जैसलमेर के नहरी इलाके नाचना में प्रवेश किया है इस यात्रा को लेकर नहरी इलाको में रहने वाले किसान में जबरदस्त उत्साह है यह यात्रा सोमवार को जैसलमेर जिला मुख्यालय पर पहुकर अपना पहला चरण पूरा करेगी यह यात्रा तीन चरण में पूरी होगी
अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावो को देखते हुए आने वाले दिनों में कई और नेता अगर कोई और यात्रा निकले तो कोई चोकने वाली बात नहीं होगी

विजय माल्‍या को सबसे बड़ा झटका, किंगफिशर का लाइसेंस सस्‍पेंड

नई दिल्ली। उड्डयन नियामक डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। यह किंगफिशर एयरलाइंस और उसके चेयरमैन विजय माल्या के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है। लाइसेंस निरस्‍त करने से पहले डीजीसीए ने कंपनी को एक नोटिस भी भेजा था।
विजय माल्‍या को सबसे बड़ा झटका, किंगफिशर का लाइसेंस सस्‍पेंड
डीजीसीए के अनुसार, लाइसेंस सस्पेंड करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों की राय ली गई, इसके बाद ही यह फैसला लिया गया।

डीजीसीए के इस फैसले पर अब तक एयरलाइंस कंपनी की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, एयरलाइन ने तालाबंदी 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। कंपनी ने डीजीसीए को कारण बताओ नोटिस का जवाब भी भेज दिया है।

किंगफिशर के कर्मचारियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है। इसके भुगतान की मांग को लेकर वे कई दिनों से हड़ताल पर हैं। एयरलाइन प्रबंधन गतिरोध खत्म करने में अब तक विफल रहा है। एयरलाइन की उड़ानें पूरी तरह ठप हैं। हड़ताल की वजह से उसने 23 अक्टूबर को आंशिक तालाबंदी की घोषणा की थी। कंपनी 8000 करोड़ रुपए के घाटे में है। उसपर 7000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

क्या है मामला

डीजीसीए ने पांच अक्टूबर को किंगफिशर को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था। इसमें एयरलाइन से पूछा गया था कि वह उड़ान शेड्यूल का पालन नहीं कर रही है। बीते 10 महीनों में उसकी उड़ानें बार-बार रद्द हुई हैं। इससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है। इसलिए क्यों नहीं उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द कर दिया जाए? जवाब के लिए डीजीसीए ने किंगफिशर को 15 दिन का समय दिया था। इसकी अवधि शनिवार को खत्म हो रही थी।

नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी किंगफिशर मामले को गंभीरता से लिया था। वे पहले ही कह चुके हैं कि विमान संचालन में सुरक्षा के मसले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इससे पहले किंगफिशर एयरलाइंस और उसके चेयरमैन विजय माल्या के नाम गैर जमानती वारंट जारी कर किया जा चुका है। देश की एक अदालत के विशेष मजिस्ट्रेट ने 10.5 करोड़ रुपए के चैक बाउंस मामले में माल्या के अदालत में पेश न होने की वजह से यह कार्रवाई की थी। कोर्ट ने किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल सहित चार निदेशकों के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए। मामले की अगली सुनवाई अब पांच नवंबर को होगी। हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की व्यवस्था देख रही जीएमआर लिमिटेड ने कोर्ट में शिकायत की थी। कोर्ट ने 20 सितंबर को माल्या सहित 5 निदेशकों को पेश होने के लिए समन जारी किए थे।

"आधार" सिर्फ कार्ड नहीं, आम आदमी का आधार भी बनेगा: सोनिया गांधी

जयपुर। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने के लिए "आधार" आधारित सेवा की शुरुआत कर दी है। आधार कार्ड योजना के दो साल पूरे होने पर जयपुर के दूदू कस्बे आयोजित समारोह में सोनिया गांधी ने उदयपुर के पुरावाड गांव की बाली देवी को 21 करोड़वां आधार कार्ड सौंपा। सोनिया गांधी ने आधार योजना की दूसरी वर्षगांठ पर कहा, आधार सभी का आधार बनेगा, यह सिर्फ कार्ड नहीं है इससे आम आदमी के जीवन में बदलाव आएगा। समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम भी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि सुबह 10:55 बजे, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। यहां पहले से मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा कई केंद्रीय मंत्री व राज्य के मंत्रियों ने अगवानी की।





प्रधानमंत्री व यूपीए अध्यक्ष को मुख्यमंत्री ने बुके भेंट कर स्वागत किया। कुछ देर बातचीत के बाद यहीं से सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह दूदू के लिए रवाना हो गए। सेना के चार हेलीकॉप्टर में भारी अमले के साथ वे रवाना हुए। उनके साथ केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, नमोनारायण मीणा, सी.पी. जोशी, सचिन पायलट, आधार के नंदन नीलेकणी ने भी हेलीकॉप्टर से दूदू की उड़ान भरी। जयपुर एयरपोर्ट तथा उसके आसपास के इलाके में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। सभी मकानों के आसपास तथा उनकी छतों पर पुलिसकर्मी खड़े सुरक्षात्मक मुआयना कर रहे थे।

सोनिया के आगे प्रोटोकोल बौना

सोनिया के आगे प्रोटोकोल बौना

जयपुर। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के राजस्थान दौरे पर शनिवार को सरकारी प्रोटोकोल का उल्लंघन होता नजर आया। जयपुर पहुंचे पीएम के काफिले में प्रोटोकोल के अनुसार शुरूआत में तो डॉ.सिंह सबसे आगे थे,लेकिन जल्द ही सोनिया प्रधानमंत्री को पीछे छोड़कर आगे चलती नजर आई। जबकि प्रधानमंत्री बाकी लोगों के साथ पीछे रह गए थे। प्रोटोकोल की अनदेखी का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ दूदू में भी जारी रहा।

आधार कार्ड की दूसरी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में पीएम के साथ सोनिया गांधी,वित्त मंत्री पी चितम्बरम,योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और यूआईडीए के चेयरमैन नंदन नीलकणी भी मौजूद थे। समारोह के दौरान जब प्रधानमंत्री मंच पर खड़े थे,सोनिया गांधी बैठी हुई न जर आई। प्रधानमंत्री मेरिटोरियस अवॉर्ड प्रदान कर रहे थे और प्रोटोकोल के मुताबिक चिदम्बरम,अहलूवालिया,नीलकणी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी खड़े थे।

राजस्थान की 10 योजनाएं आधार से जुड़ी

राजस्थान की 10 योजनाएं आधार से जुड़ी

जयपुर। आधार कार्ड योजना के दो साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आधार से जुड़ी प्रदेश की 10 योजनाओं की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आगे आने वालो समय से आधार कार्ड के माध्यम से ही कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। उन्होंने दूदू,चौमूं और शाहपुरा क्षेत्र के लिए विशेष्ा "पीडीएस" पायलट प्रोजेक्ट की भी घोषणा की।

उल्लेखनीय है जयपुर के दूदू कस्बे में आयोजित इस समारोह में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 करोड़वां कार्ड सौंपते हुए सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने के लिए आधार आधारित सेवा की शुरूआत की। प्रधानमंत्राी डॉ. सिंह एवं राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस कार्यक्रम में वित्त मंत्राी पी. चिदम्बरम,रेल मंत्री डॉ.सी.पी. जोशी,योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया,यूआईडीएआई के चेयरमैन नंदन नीलेकणि तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्राी अश्विनी कुमार भी मौजूद रहे। जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्हें गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया।

बाड़मेर झाड़ियो में फेका नवजात का शव मिला

बाड़मेर झाड़ियो  में फेका  नवजात का शव  मिला



बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर शनिवार की रोज सुबह करीब 10 बजे महावीर पार्क के पीछे रेलवे परिधि में झारियो में फेका भ्रूण मिला, झारियो में फेका भूर्ण को चदर में लपेटा हुआ था और उस भ्रूण के नाल में हॉस्पिटल की क्लिप लगी हुई थी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 10 बजे झारियो में फेका भूर्ण मिला वहा के रहवासिय लोगो ने जी आर पी थाना और पुलिश को सूचना दी थी और मोके पर जी आर पी ठाणे के अधिकारी और पुलिश भी पहुची और जी आर पी थाना के मुताबिक भ्रूण की नाल में लगी हॉस्पिटल क्लिप थी जिससे आसपास के हॉस्पिटल में जाच की जाएगी और पूरे मामले की गहनता से जाच की जाएगी

टूटे दिल की परियाद लेकर आशिक पंहुच रहे हैं भगवान के दर पर

टूटे दिल की परियाद लेकर आशिक पंहुच रहे हैं भगवान के दर पर



लुधियाना. जब इंसान को कोई रास्ता नजर न आए तो वह भगवान के दर पर जाता है। भगवान के पास औलाद, धन संपदा, सेहत और कोठी बंगले के लिए भक्तों की डिमांड तो पहुंचती ही रही है, अब दिल के मारों की फरियाद भी पहुंचने लगी हैं। डिमांड भी जुबानी नहीं बल्कि रिटर्न में हो रही है।
 
दिल के मारे जब मंदिरों में जाते हैं, तो वहां भगवान के आगे सिर झुकाने के साथ ही गोलक में चुपके से भगवान के नाम एक चिट्ठी डाल देते हैं। इन चिट्ठियों में अपने एकतरफा प्रेम को परवान चढ़ाने की फरियाद होती है।
शहर के कई प्रमुख मंदिरों में जब भी चढ़ावा गिनने के लिए गोलकों को खोला जाता है, तो उनमें से नोटों के साथ-साथ भगवान को लिखी ऐसी कुछ चिट्ठियां भी निकल रही हैं।
गीता मंदिर विकास नगर के महासचिव प्रदीप ढल्ल के मुताबिक कई बार गोलक खोलने पर उसमें से पर्चियां निकलती हैं। इन पर्चियों में भगवान से मन्नतें पूरी करने की फरियाद होती है।
ज्यादातर मन्नतें औलाद या सुख संपदा को लेकर होती हैं। मगर अब कुछ पर्चियां ऐसी भी निकलती हैं, जिनमें प्रेमिका को पाने की गुहार लगाई गई है।

एग्जाम्स की भी चिट्ठियां
गोविंद गौधाम के चेयरमैन सुंदर दास धमीजा के मुताबिक उनके यहां गोलक से भगवान को लिखी चिट्ठियां निकलती हैं। कुछ ऐसी होती हैं जिसमें प्रेमिका का प्यार पाने की गुहार की जाती है।
परीक्षाओं में गोलक से निकलने वाली चिट्ठियां बढ़ जाती हैं। पर्चियों में विद्यार्थियों की ओर से परीक्षा में सफलता के लिए भगवान से फरियाद की जाती है।

सोनिया ने बाली देवी को सौंपा 21 करोड़वां "आधार"

सोनिया ने  बाली देवी को सौंपा 21 करोड़वां "आधार"

जयपुर। आधार कार्ड योजना के दो साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 करोड़वां कार्ड सौंपते हुए सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने के लिए आधार आधारित सेवा की शुरूआत की। समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम भी मौजूद हैं।

जयपुर के दूदू कस्बे में आयोजित इस समारोह में सोनिया गांधी ने उदयपुर के पुरावाड गांव की बाली देवी को 21 करोड़वां आधार कार्ड सौंपा। इस मौके पर चिदम्बरम हिंदी में संबोधन करते हुए आधार कार्ड को किसानों के लिए बेहतर बताया। चिदम्बरम ने कहा कि आधार से किसानों को सब्सिडी देने में सहूलियत होगी।

इससे पूर्व डॉ.सिंह और सोनिया सुबह 11.05 बजे जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगुवाई की और तीन हैलीकॉप्टर्स में पीएम सहित सभी दिग्गज नेता एयरपोर्ट से दूदू कस्बे के लिए रवाना हुए। प्रदेश में पीएम और सोनिया गांधी पहली बार किसी कार्यक्रम में साथ आए हैं। उनका दोपहर भोज राजभवन में रखा है। वे करीब एक घंटा राजभवन में रहेंगे। राजभवन में कोई औपचारिक बैठक या मुलाकात का कार्यक्रम नहीं रखा गया है।

चिदम्बरम व अहलूवालिया भी साथ

समारोह में केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी कुमार और सूचना-प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट और यूआईडी परियोजना के अध्यक्ष नंदन निलेकणी सोनिया के ही संग आए हैं। राज्यपाल माग्रेüट आल्वा विदेश दौरे पर हैं।