अवैध शराब एव बीयर बरामद, तीन गिरफतार
रविवार, 9 सितंबर 2012
अवैध शराब एव बीयर बरामद, तीन गिरफतार
ध्वनि प्रदुषण अधिनियम के तहत 2 प्रकरणों में ध्वनि उपकरण जब्त
ध्वनि प्रदुषण अधिनियम के तहत 2 प्रकरणों में ध्वनि उपकरण जब्त
बाड़मेर निरजन प्रतापसिंह उप निरीक्षक थानाधिकारी पुलिस थाना समदड़ी मय जाब्ता द्वारा सीएचसी समदड़ी के आगे ट्रक चालक भीयाराम पुत्र शिवाराम देवासी नि. लूणावास द्वारा ट्रक नम्बर आरजे 19 टीबी 0596 में लगा प्रेशर हॉर्न बजाकर मरीजों के अमन चेन में व्यधान उत्पन करते पाये जाने पर दस्तयाब कर प्रेशर हॉर्न जब्त किया गया। इसी तरह बस चालक जोगसिंह पुत्र धोकसिंह पुरोहित नि. कुसीप द्वारा बस नम्बर आरजे 19 पीए 1362 में लगा प्रेशर हॉर्न बजाकर मरीजों के अमन चेन में व्यधान उत्पन करते पाये जाने पर दस्तयाब कर प्रेशर हॉर्न जब्त किया जाकर पुलिस थाना समदड़ी पर ध्वनि प्रदुषण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किये गये।
मारपीट के मामले दर्ज
मारपीट के मामले दर्ज
बाड़मेर सहदाद पुत्र शेराखां मुसलमान नि. तिरसीगड़ी ने मुलजिम जुजाराम पुत्र सोनाराम जाट नि. रोहिली वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस को रोककर मारपीट कर जेब से रूपये छीनकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
इसी तरह आम्बाराम पुत्र केसराराम मेगवाल नि. गोलियार ने मुलजिम अर्जुनसिंह पुत्र निम्बसिंह राजपूत नि. सणाउ वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा उचित मुल्य की दुकान में प्रवेश कर मारपीट कर जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
इसी तरह आम्बाराम पुत्र केसराराम मेगवाल नि. गोलियार ने मुलजिम अर्जुनसिंह पुत्र निम्बसिंह राजपूत नि. सणाउ वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा उचित मुल्य की दुकान में प्रवेश कर मारपीट कर जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
जुआरियों के विरूद्व कार्यवाही पांच प्रकरणों में पांच गिरफ्तार
जुआरियों के विरूद्व कार्यवाही पांच प्रकरणों में पांच गिरफ्तार
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में जुआ सट्टा की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानुसार कैलाशचंद मीणा नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना बालोतरा के निर्देशन में गठित टीमों ने कस्बा बालोतरा में कार्यवाही करते हुए सार्वजनिक स्थान पर अंको से दाव लगाकर जुआ गुब्बाखाई वाली कर एक को लाभ व दुसरे को हानि पहुंचाते हुए 3 जुआरियों को दस्तयाब कर इनके कब्जा से जुआ सामग्री व जुआ राशि बरामद करने में सफलता प्राप्त की गई। गठित टीमों क्रमंश श्री पदमसिंह स.उ.नि. मय जाब्ता द्वारा धान मण्डी में सार्वजनिक स्थान पर जुआ गुब्बाखाई वाली करते हुए मुलजिम विक्रम पुत्र धुड़ाराम नट नि. नट कॉलोनी बालोतरा को दस्तयाब कर उसके कब्जा से जुआ सामग्री व 205/रूपये जुआ राशि, वभूतसिंह स.उ.नि. मय जाब्ता द्वारा मूगड़ा रोड़ पर मुलजिम राकेश पुत्र सरदाराराम नट नि. आसोतरा को दस्तयाब कर उसके कब्जा से जुआ सामग्री व 105/रूपये जुआ राशि तथा श्री भंवरसिंह स.उ.नि. मय जाब्ता द्वारा शास्त्री कॉलोनी में मुलजिम अरविन्द पुत्र अलीजा नट नि. शास्त्री कॉलोनी बालोतरा को दस्तयाब कर उसके कब्जा से जुआ सामग्री व 130/रूपये जुआ राशि बरामद कर मुलजिमानों के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर जुआ अधिनियम के तहत अलग अलग प्रकरण दर्ज किये गये।
बाड़मेर अवेध शराब सहित तीन गिरफ्तार
बाड़मेर अवेध शराब सहित तीन गिरफ्तार
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में अवेध शराब की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत श्री गौरव अमरावत नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना गुड़ामालानी मय जाब्ता द्वारा मोजा लूणवा जागीर में मुलजिम नारायणसिंह पुत्र भीमसिंह राजपूत नि. लूणवा जागीर को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 37 पव्वे अंग्रेजी शराब व 12 बोतल बीयर बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई।
श्री पप्पाराम हैड कानि. पुलिस थाना सेड़वा मय जाब्ता द्वारा सरहद चालकना में मुलजिम खेमाराम पुत्र निम्बाराम जाट नि. चालकना को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 21 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई। इधर हिन्दुसिंह हैड कानि. पुलिस थाना चौहटन मय जाब्ता द्वारा गांव ़ोक में मुलजिम अखेसिंह पुत्र भोजराजसिंह राजपूत नि. ़ोक को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 5 बोतल हथकड़ी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई।
श्री पप्पाराम हैड कानि. पुलिस थाना सेड़वा मय जाब्ता द्वारा सरहद चालकना में मुलजिम खेमाराम पुत्र निम्बाराम जाट नि. चालकना को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 21 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई। इधर हिन्दुसिंह हैड कानि. पुलिस थाना चौहटन मय जाब्ता द्वारा गांव ़ोक में मुलजिम अखेसिंह पुत्र भोजराजसिंह राजपूत नि. ़ोक को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 5 बोतल हथकड़ी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई।
सुप्रीम कोर्ट में हो रहा है महिला वकीलों का यौन शोषण!
नई दिल्ली.क्या देश की तमाम निचली अदालतों से लेकर सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट तक में महिला वकीलों का यौन शोषण हो रहा है? अगर 63 महिला वकीलों की याचिका को सच माना जाए तो इन अदालतों में ऐसा ही हो रहा है। इनमें से कई महिला वकीलों ने एक दशक से ज़्यादा लंबे समय तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है। महिला वकीलों के मुताबिक, हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय चाहिए। याचिका दाखिल करने वाली महिला वकील महिलाओं के साथ कोर्ट परिसर में भेदभाव और उनके यौन उत्पीड़न की घटनाओं को जानती हैं। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट वकालत जैसे सम्मानित पेशे में काम कर रही महिलाओं को राहत दे।
याचिकाकर्ता महिला वकीलों ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट या अन्य किसी भी कोर्ट में महिला वकीलों के लिए कोई फोरम नहीं है जहां वे यौन उत्पीड़न करने वाले अपने पुरुष सहयोगियों या पुरुष मुवक्किलों के खिलाफ शिकायत कर सकें।'
1997 के विशाखा जजमेंट के तहत सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइंस तय की थीं। इनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सभी ट्रायल कोर्ट में महिला के नेतृत्व वाली समितियों का गठन किया जाना था। इन समितियों में महिला सदस्यों की संख्या बहुमत में रखे जाने की बात कही गई थी। इन समितियों का काम महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन शोषण के मामलों में महिलाओं को इंसाफ दिलाना था। याचिका दाखिल करने वाली महिला वकीलों के मुताबिक, 'अभी तक ऐसी कोई कमिटी या फोरम नहीं बनाया गया है। ऐसी समितियों या फोरम के गठन की तुरंत जरुरत है।'
याचिकाकर्ता महिला वकीलों ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट या अन्य किसी भी कोर्ट में महिला वकीलों के लिए कोई फोरम नहीं है जहां वे यौन उत्पीड़न करने वाले अपने पुरुष सहयोगियों या पुरुष मुवक्किलों के खिलाफ शिकायत कर सकें।'
1997 के विशाखा जजमेंट के तहत सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइंस तय की थीं। इनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सभी ट्रायल कोर्ट में महिला के नेतृत्व वाली समितियों का गठन किया जाना था। इन समितियों में महिला सदस्यों की संख्या बहुमत में रखे जाने की बात कही गई थी। इन समितियों का काम महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन शोषण के मामलों में महिलाओं को इंसाफ दिलाना था। याचिका दाखिल करने वाली महिला वकीलों के मुताबिक, 'अभी तक ऐसी कोई कमिटी या फोरम नहीं बनाया गया है। ऐसी समितियों या फोरम के गठन की तुरंत जरुरत है।'
15 साल से जंजीरों की कैद में गंवाया मानसिक संतुलन
15 साल से जंजीरों की कैद में गंवाया मानसिक संतुलन
बाड़मेर। जब वह मात्र 10 साल का था, तब उसे एक रोग (मेडिकल अफ्लीक्शन) के चलते जंजीरों से एक पेड़ के सहारे बांध दिया गया था। अब 15 साल बाद भी वह इसी स्थिति में रहने को मजबूर है। बीमारी के लगातार इलाज के बीच उसने अपना मानसिक संतुलन भी खो दिया है। उसे इलाज के लिए कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिली।
वह जयपुर से करीब 550 किलोमीटर दूर बाड़मेर के जलियाला बेरा गांव का निवासी रमेश कुमार है। रमेश ज्यादातर समय अपने घर के बाहर एक पेड़ से रस्सी के जरिए बंधा रहता है या फिर उसे एक कमरे में बंद रखा जाता है, जहां उसके पैर पलंग से बंधे रहते हैं।
बीते 15 सालों में रमेश के इलाज के दौरान उसके परिवार की सारी जमा पूंजी खर्च हो चुकी है और उन्हें अपनी कई चीजों को बेचना पड़ा। रमेश के छोटे भाई पुखराज ने बताया कि एक किसान अपना ट्रैक्टर कभी नहीं बेचता क्योंकि वह उसके लिए बहुत मूल्यवान होता है। वह उसके परिवार के लिए दो वक्त के खाने का इंतजाम करता है। लेकिन मेरे पिता नेमीराम को रमेश के इलाज के लिए अपना ट्रैक्टर बेचना पड़ा। दो साल पहले दुखों को झेलते हुए उनका निधन हो गया।
पुखराज ने बताया कि जब रमेश 10 साल का था, तभी उसमें बीमारी विकसित होने लगी थी। उन्होंने बताया कि रमेश अपने जबड़े अचानक से जकड़ लेता था और हिंसक हो जाता था। ऐसा लगता था कि जैसे उसे कोई झटका लगा हो। बीते सालों के दौरान ऐसी ही स्थिति बनी रही। वह पत्थर फेंकता था और हमारे घर के सामने से गुजरने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता था।
उन्होंने कहा कि शहरों में इलाज महंगा है और उसके परिणाम भी अच्छे नहीं हैं, इसलिए उन्हें रमेश को जंजीरों में बांधकर रखना पड़ा। पुखराज ने कहा कि गांव वालों ने हमें परेशान करना शुरू कर दिया। वे हमसे रमेश को नियंत्रण में रखने के लिए कहते।
उसने कहा कि जब वह बच्चे थे तब उनके लिए अपने भाई को रस्सियों में बंधा देखना बहुत मुश्किल होता था। पुखराज ने कहा कि मेरी बीमार मां बताती हैं कि जब वह अन्य बच्चों को जंजीरों में बंधे रमेश के इर्द-गिर्द खेलता व उसे तंग करता देखतीं तो अक्सर रोने लगती थीं।
उसने बताया कि रमेश के इलाज के लिए उन्हें सरकार से कभी कोई मदद नहीं मिली। पुखराज ने कहा कि मैं उसे मदद के लिए इस क्षेत्र के प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय ले गया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ।
वह जयपुर से करीब 550 किलोमीटर दूर बाड़मेर के जलियाला बेरा गांव का निवासी रमेश कुमार है। रमेश ज्यादातर समय अपने घर के बाहर एक पेड़ से रस्सी के जरिए बंधा रहता है या फिर उसे एक कमरे में बंद रखा जाता है, जहां उसके पैर पलंग से बंधे रहते हैं।
बीते 15 सालों में रमेश के इलाज के दौरान उसके परिवार की सारी जमा पूंजी खर्च हो चुकी है और उन्हें अपनी कई चीजों को बेचना पड़ा। रमेश के छोटे भाई पुखराज ने बताया कि एक किसान अपना ट्रैक्टर कभी नहीं बेचता क्योंकि वह उसके लिए बहुत मूल्यवान होता है। वह उसके परिवार के लिए दो वक्त के खाने का इंतजाम करता है। लेकिन मेरे पिता नेमीराम को रमेश के इलाज के लिए अपना ट्रैक्टर बेचना पड़ा। दो साल पहले दुखों को झेलते हुए उनका निधन हो गया।
पुखराज ने बताया कि जब रमेश 10 साल का था, तभी उसमें बीमारी विकसित होने लगी थी। उन्होंने बताया कि रमेश अपने जबड़े अचानक से जकड़ लेता था और हिंसक हो जाता था। ऐसा लगता था कि जैसे उसे कोई झटका लगा हो। बीते सालों के दौरान ऐसी ही स्थिति बनी रही। वह पत्थर फेंकता था और हमारे घर के सामने से गुजरने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता था।
उन्होंने कहा कि शहरों में इलाज महंगा है और उसके परिणाम भी अच्छे नहीं हैं, इसलिए उन्हें रमेश को जंजीरों में बांधकर रखना पड़ा। पुखराज ने कहा कि गांव वालों ने हमें परेशान करना शुरू कर दिया। वे हमसे रमेश को नियंत्रण में रखने के लिए कहते।
उसने कहा कि जब वह बच्चे थे तब उनके लिए अपने भाई को रस्सियों में बंधा देखना बहुत मुश्किल होता था। पुखराज ने कहा कि मेरी बीमार मां बताती हैं कि जब वह अन्य बच्चों को जंजीरों में बंधे रमेश के इर्द-गिर्द खेलता व उसे तंग करता देखतीं तो अक्सर रोने लगती थीं।
उसने बताया कि रमेश के इलाज के लिए उन्हें सरकार से कभी कोई मदद नहीं मिली। पुखराज ने कहा कि मैं उसे मदद के लिए इस क्षेत्र के प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय ले गया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ।
गैंगवर से दहला वासेपुर, गोलीबारी और बम फेंके
वासेपुर (धनबाद). वासेपुर का शमशेर नगर फिर से ‘गैंगवार’ का गवाह बना है। जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद में फहीम खान के साले टुन्नू खान और लंगड़ा चांद गैंग के लोगों ने एक-दूसरे पर गोलियों और बम से हमला कर दिया। पांच राउंड फायरिंग हुई और एक बम विस्फोट भी हुआ। इसमें दोनों गैंग्स के तीन लोग जख्मी हो गए।
फहीम गैंग के पप्पू उर्फ परवेज खान के सिर में गोली लगी है। सेंट्रल अस्पताल में उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। फहीम के साले का हाथ टूट गया है, जबकि लंगड़ा चांद गैंग के छोटू कुरैशी के हाथ में गोली लगी है। खबर मिलने पर भूली और बैंक मोड़ थानों की पुलिस वहां पहुंची। कुछ ही देर में धनसार, सरायढेला, धनबाद आदि थानों की पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस लाइन से भी जवानों को बुलाया गया। शमशेर नगर और आरा मोड़ का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
एसपी आरके धान और लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी संजय रंजन ने भी हालात का जायजा लिया। स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। पुलिस ने घटनास्थल से एक जिंदा बम, गोली के खोखे, हॉकी स्टिक, लोहे की रॉड, बोलेरो और एक बाइक जब्त की। पुलिस ने जमीन मालिक लोबिन मांझी से पूछताछ की है। डीएसपी संजय रंजन ने उसका बयान लिया। पुलिस को घटनास्थल पर मौजूद रहे सीमेंट दुकानदार इमरान की तलाश है।
नामधारी अस्पताल में इलाज करा रहे फहीम के साले टुन्नू ने भूली थाना प्रभारी आलोक सिंह पर हमला कराने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि वह जमीन मेरी है। 10 दिनों पहले मैंने परवेज के साथ मिलकर उसे लोबिन मांझी से खरीदी थी। थाना प्रभारी विरोधियों से मिले हैं।। टुन्नू ने कहा कि उस पर हमला करनेवालों में जहांगीर खान, लंगड़ा चांद, सोनू, राजा, गनी खान, बाबू खान आदि शामिल थे।
35 कट्ठा जमीन को लेकर खून-खराबा
शमशेर नगर में लोबिन मांझी की 35 कट्ठा जमीन है। करोड़ों की इस जमीन पर फहीम खान के साले टुन्नू खान और लंगड़ा चांद गैंग्स की नजर है। दोनों ने जमीन मालिक को पैसे भी दिए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, टुन्नू दो दिनों से उस जमीन पर जबरन मिट्टी डलवा रहा है और घेराबंदी करा रहा है। जमीन के मालिक ने विरोध भी किया था, लेकिन उसे धमकाकर जबरन कागजात पर साइन करा लिया गया। लोबिन ने शमशेर नगर के लोगों से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने जब टुन्नू का विरोध किया, तो उसने परवेज, सलीम, शमशी, कैसर आदि के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच लंगड़ा चांद गैंग के लोग भी स्थानीय लोगों के समर्थन में वहां पहुंच गए। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई थी।
फहीम गैंग के पप्पू उर्फ परवेज खान के सिर में गोली लगी है। सेंट्रल अस्पताल में उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। फहीम के साले का हाथ टूट गया है, जबकि लंगड़ा चांद गैंग के छोटू कुरैशी के हाथ में गोली लगी है। खबर मिलने पर भूली और बैंक मोड़ थानों की पुलिस वहां पहुंची। कुछ ही देर में धनसार, सरायढेला, धनबाद आदि थानों की पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस लाइन से भी जवानों को बुलाया गया। शमशेर नगर और आरा मोड़ का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
एसपी आरके धान और लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी संजय रंजन ने भी हालात का जायजा लिया। स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। पुलिस ने घटनास्थल से एक जिंदा बम, गोली के खोखे, हॉकी स्टिक, लोहे की रॉड, बोलेरो और एक बाइक जब्त की। पुलिस ने जमीन मालिक लोबिन मांझी से पूछताछ की है। डीएसपी संजय रंजन ने उसका बयान लिया। पुलिस को घटनास्थल पर मौजूद रहे सीमेंट दुकानदार इमरान की तलाश है।
नामधारी अस्पताल में इलाज करा रहे फहीम के साले टुन्नू ने भूली थाना प्रभारी आलोक सिंह पर हमला कराने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि वह जमीन मेरी है। 10 दिनों पहले मैंने परवेज के साथ मिलकर उसे लोबिन मांझी से खरीदी थी। थाना प्रभारी विरोधियों से मिले हैं।। टुन्नू ने कहा कि उस पर हमला करनेवालों में जहांगीर खान, लंगड़ा चांद, सोनू, राजा, गनी खान, बाबू खान आदि शामिल थे।
35 कट्ठा जमीन को लेकर खून-खराबा
शमशेर नगर में लोबिन मांझी की 35 कट्ठा जमीन है। करोड़ों की इस जमीन पर फहीम खान के साले टुन्नू खान और लंगड़ा चांद गैंग्स की नजर है। दोनों ने जमीन मालिक को पैसे भी दिए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, टुन्नू दो दिनों से उस जमीन पर जबरन मिट्टी डलवा रहा है और घेराबंदी करा रहा है। जमीन के मालिक ने विरोध भी किया था, लेकिन उसे धमकाकर जबरन कागजात पर साइन करा लिया गया। लोबिन ने शमशेर नगर के लोगों से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने जब टुन्नू का विरोध किया, तो उसने परवेज, सलीम, शमशी, कैसर आदि के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच लंगड़ा चांद गैंग के लोग भी स्थानीय लोगों के समर्थन में वहां पहुंच गए। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई थी।
इसरो ने रचा इतिहास,किया 100वां प्रक्षेपण
इसरो ने रचा इतिहास,किया 100वां प्रक्षेपण
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने 100वें अभियान के तहत रविवार को पीएसएलवी सी.21 का प्रक्षेपण करने के साथ ही इतिहास रच दिया। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थिति सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रविवार सुबह 9.51 बजे किया गया।
पीएम की मौजूदगी में हुआ प्रक्षेपण -
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की श्रीहरिकोटा में मौजूदगी में इसरो ने यह उपलब्धि हासिल की। पीएसएलवी अपने साथ फ्रांस निर्मित 720 किलोग्राम वजनी दूर संवेदी उपग्रह स्पाट 6 और 15 किलोग्राम वजनी जापानी उपग्रह प्रोइटर्स को ले गया है। इन्हें 655 किलोमीटर पर ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाना है। हालांकि इस मिशन में कोई भारतीय उपग्रह शामिल नहीं है।
इसरो के अभियान में स्पाट 6 अब तक का सबसे बड़ा वाणिज्यिक उपग्रह है। इससे पहले 2007 में इटली के 350 किलो के एजाइल का प्रक्षेपण किया गया था।
19 अप्रेल 1975 को पहला उपग्रह प्रक्षेपित किया था -
गौरतलब है कि इसरो ने 19 अप्रेल 1975 को पहला उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण यान उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएलवी) था। इसरो के अनुसार भारत ने 62 उपग्रहों का निर्माण किया और 37 प्रक्षेपण यानों को छोड़ा है।
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने 100वें अभियान के तहत रविवार को पीएसएलवी सी.21 का प्रक्षेपण करने के साथ ही इतिहास रच दिया। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थिति सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रविवार सुबह 9.51 बजे किया गया।
पीएम की मौजूदगी में हुआ प्रक्षेपण -
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की श्रीहरिकोटा में मौजूदगी में इसरो ने यह उपलब्धि हासिल की। पीएसएलवी अपने साथ फ्रांस निर्मित 720 किलोग्राम वजनी दूर संवेदी उपग्रह स्पाट 6 और 15 किलोग्राम वजनी जापानी उपग्रह प्रोइटर्स को ले गया है। इन्हें 655 किलोमीटर पर ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाना है। हालांकि इस मिशन में कोई भारतीय उपग्रह शामिल नहीं है।
इसरो के अभियान में स्पाट 6 अब तक का सबसे बड़ा वाणिज्यिक उपग्रह है। इससे पहले 2007 में इटली के 350 किलो के एजाइल का प्रक्षेपण किया गया था।
19 अप्रेल 1975 को पहला उपग्रह प्रक्षेपित किया था -
गौरतलब है कि इसरो ने 19 अप्रेल 1975 को पहला उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण यान उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएलवी) था। इसरो के अनुसार भारत ने 62 उपग्रहों का निर्माण किया और 37 प्रक्षेपण यानों को छोड़ा है।
क्लास में डॉक्टरी के बदले बनाते थे अश्लील तस्वीर
सागर।। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की दूसरे वर्ष की दो छात्राओं ने क्लासमेट पर अश्लील चित्र बनाने और भद्दी फब्तियां कसने के आरोप लगाए हैं। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पीके शर्मा के मुताबिक कॉलेज की छात्राओं ने शिकायत की है कि उसके क्लासमेट अंकित उपाध्याय और भूपेन्द्र सिंह राजावत अश्लील चित्र और अभद्र बातें कर परेशान करते हैं।
शर्मा ने बताया कि छात्राओं की शिकायत की जांच के बाद दोनों आरोपी छात्रों को क्लास और हॉस्टल से तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर ने बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल प्रबंधन की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर दो आरोपी छात्रों के खिलाफ अश्लील चित्र बनाने और डराने-धमकाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी छात्रों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
शर्मा ने बताया कि छात्राओं की शिकायत की जांच के बाद दोनों आरोपी छात्रों को क्लास और हॉस्टल से तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर ने बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल प्रबंधन की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर दो आरोपी छात्रों के खिलाफ अश्लील चित्र बनाने और डराने-धमकाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी छात्रों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
अमर शहीद पूनम सिंह भाटी के 55 वें बलिदान दिवस पर विशेष जान की बाजी लगा कर की भुट्टेवाला चौकी की रक्षा
अमर शहीद पूनम सिंह भाटी के 55 वें बलिदान दिवस पर विशेष
जान की बाजी लगा कर की भुट्टेवाला चौकी की रक्षा
पाक रेंजरों पर भारी पड़ा जैसाणा का सपूत
जैसलमेर 9 सितंबर 1965 के दिन भुट्ïटोवाला चौकी पर एक हैड कांस्टेबल की अगुवाई में मात्र 8-9पुलिस के जवान अपना नियमित चौकसी का कार्य कर रहे थे। घास-फूस से बनी चौकी में उनकी बंदूक जंग लगी पड़ी थी। अचानक करीब 60 पाकिस्तान रेंजरों ने पुलिस चौकी को घेर लिया। उनके पास युद्ध करने की पूरी तैयारी थी। सूर्यास्त के बाद यद्यपि सैनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन पाकिस्तानी रेंजरों ने युद्ध तमाम मर्यादाएं तोड़कर भुट्ïटोवाला चौकी पर कब्जा करने के लिए धावा बोल दिया। रेंजरों की ओर से आई गोलियों की आवाज से पुलिस के जवान चौकस हो गए। चौकी के हवालदार लूण सिंह रावलोत व अन्य सिपाहियों ने राष्ट्र रक्षा के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया। इस चौकी पर ही उस समय एक सिपाही भाटी पूनम सिंह भी मुकाबले में सबसे आगे था। एक तरफ रात पड़ जाने से पुलिस जवानों को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वहीं दूसरी ओर चारों ओर से पाक रेंजरों ने इन्हें घेर रखा था। लेकिन उसके बावजूद हवालदार लूण सिंह ने दुश्मन को घेरने की जोरदार योजना तैयार कर ली। उन्होंने अपने अल्प साथियों को निर्देश दिया कि अब घबराने की कोई बात नहीं है। सभी जवान चारों दिशाओं से अपने मोर्चे खोलकर वार करने शुरू कर दें। ऐसा चमत्कार हुआ कि चंद ही क्षणों में पाक के पांच रेंजर रेत के धोरों में धराशायी हो गए।
पुलिस के जवानों ने जोश भरे पाक रेंजरों के हौसले पस्त कर दिए लेकिन दूसरी ओर पुलिस जवानों के सामने कारतूसों के खाली स्टॉक का संकट खड़ा हो गया। इस संकट पूर्ण स्थिति में शहीद पूनम सिंह ने हिम्मत के साथ काम लिया। वे रेंगकर मरे हुए पाक रेंजरों के पास पहुंचे तथा उनके हथियार व बंदूक लाकर अपने साथियों को देकर एक बार युद्ध का माहौल बदल दिया। इसी दरम्यान पूनम सिंह भाटी के हाथों पाक के दो और रेंजर शिकार हो गए। कुल मिलाकर शहीद भाटी ने पाक कमांडर अफजल खां सहित आठ रेंजरों को मौत के घाट उतार दिया। इस बीच उधर से आई एक गोली पूनम सिंह को शहीद चिता पर ले गई। शेष त्न पेज १२
मरणोपरांत पुलिस अग्नि सेवा पदक दिया गया: गौरतलब है कि शहीद भाटी हाबूर गांव के निवासी जयसिंह भाटी की दूसरी संतान थे। उनकी माता का नाम श्रीमती धाय कंवर था। अपने देश के लिए जब भाटी ने प्राण न्यौछावर किए तब उनकी आयु मात्र 25 वर्ष ही थी। वह अविवाहित थे। सीमा के सपूत व शहीद भाटी को 26 जनवरी 1966 को गणतंत्र दिवस समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा पुलिस अग्नि सेवा पदक द्वारा सम्मानित किया था। शहीद की यादगार में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत ने शहीद की प्रतिमा का अनावरण कर उनकी याद चिर स्थाई की है।
बाड़मेर.रक्षा प्रयोजनार्थ सेना अवाप्त करेगी तीन हजार बीघा जमीन
रक्षा प्रयोजनार्थ सेना अवाप्त करेगी तीन हजार बीघा जमीन
बाड़मेर. रक्षा प्रयोजनार्थ सेना शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में करीब तीन हजार बीघा जमीन अवाप्त करेगी। इसमें से 68 बीघा सरकारी भूमि भी शामिल है। सेना की 125 एस एटीए रेजीमेंट को उक्त भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर कार्यालय से ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव सरपंच को एनओसी के लिए पत्र जारी किया गया है। इसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। शिव तहसील की ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में अलग अलग खसरों में कुल पांच हजार बीघा भूमि सेना अवाप्त करेगी। सेना की ओर से सर्वे के बाद उक्त भूमि को अवाप्त करने के लिए राजस्व शाखा कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की गई। जहां पर भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार खसरा न. 52, 53, 54 समेत कुल 35 खसरों का चयन किया गया है। जहां पर तीन हजार बीघा भूमि अवाप्ति के लिए प्रस्तावित है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
किसान बोले जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे: शिव. ग्राम पंचायत हाथीसिंह के गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में सेना के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर किसान लामबद्ध हो गए हैं। दोनों गांवों के किसानों ने कहा कि सिंचित एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर नहीं देंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जान दे देंगे, मगर जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। प्रशासन की ओर से पंचायत से मांगी गई एनओसी का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों की सिंचित भूमि को कौडिय़ों के दामों पर अवाप्त करना चाहता है। लेकिन किसान किसी भी सूरत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे। डीएलसी दरों व उक्त जमीन की वर्तमान दरों में जमीन व आसमान का फर्क हैं। किसान बच्चू खां मतुजा ने बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर खेतों में टयूबवेल खुदवाएं है। डबल क्रॉप एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर अवाप्त होने का विरोध किया जाएगा। इसी तरह किसान पीराराम ने बताया कि शिव तहसील के एक फसली क्षेत्रों की भूमि अवाप्त करने की बजाय दो फसली क्षेत्र की भूमि अवाप्त कर ग्रामीणों को बेघर किया जा रहा है।
क्यों आई यह नौबत: राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में वर्तमान डीएलसी दर 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि सिंचित भूमि की बाजार दर एक से सवा लाख रुपए प्रति बीघा है। डीएलसी दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मुआवजा महज 72 हजार रुपए मिलेगा। बाजार दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मूल्य छह लाख रुपए है।
दरों में भारी अंतर होने से किसान भूमि अवाप्ति के पक्ष में नहीं है।
किसान कल सौंपेंगे ज्ञापन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि अवाप्ति से प्रभावित किसान सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर कलेक्टर को भूमि अवाप्ति से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान दोनों गांवों के दर्जनों किसान बाड़मेर जाएंगे। इसके बाद आगामी रणनीति तय करेंगे।
बाड़मेर. रक्षा प्रयोजनार्थ सेना शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में करीब तीन हजार बीघा जमीन अवाप्त करेगी। इसमें से 68 बीघा सरकारी भूमि भी शामिल है। सेना की 125 एस एटीए रेजीमेंट को उक्त भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर कार्यालय से ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव सरपंच को एनओसी के लिए पत्र जारी किया गया है। इसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। शिव तहसील की ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में अलग अलग खसरों में कुल पांच हजार बीघा भूमि सेना अवाप्त करेगी। सेना की ओर से सर्वे के बाद उक्त भूमि को अवाप्त करने के लिए राजस्व शाखा कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की गई। जहां पर भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार खसरा न. 52, 53, 54 समेत कुल 35 खसरों का चयन किया गया है। जहां पर तीन हजार बीघा भूमि अवाप्ति के लिए प्रस्तावित है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
किसान बोले जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे: शिव. ग्राम पंचायत हाथीसिंह के गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में सेना के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर किसान लामबद्ध हो गए हैं। दोनों गांवों के किसानों ने कहा कि सिंचित एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर नहीं देंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जान दे देंगे, मगर जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। प्रशासन की ओर से पंचायत से मांगी गई एनओसी का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों की सिंचित भूमि को कौडिय़ों के दामों पर अवाप्त करना चाहता है। लेकिन किसान किसी भी सूरत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे। डीएलसी दरों व उक्त जमीन की वर्तमान दरों में जमीन व आसमान का फर्क हैं। किसान बच्चू खां मतुजा ने बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर खेतों में टयूबवेल खुदवाएं है। डबल क्रॉप एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर अवाप्त होने का विरोध किया जाएगा। इसी तरह किसान पीराराम ने बताया कि शिव तहसील के एक फसली क्षेत्रों की भूमि अवाप्त करने की बजाय दो फसली क्षेत्र की भूमि अवाप्त कर ग्रामीणों को बेघर किया जा रहा है।
क्यों आई यह नौबत: राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में वर्तमान डीएलसी दर 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि सिंचित भूमि की बाजार दर एक से सवा लाख रुपए प्रति बीघा है। डीएलसी दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मुआवजा महज 72 हजार रुपए मिलेगा। बाजार दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मूल्य छह लाख रुपए है।
दरों में भारी अंतर होने से किसान भूमि अवाप्ति के पक्ष में नहीं है।
किसान कल सौंपेंगे ज्ञापन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि अवाप्ति से प्रभावित किसान सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर कलेक्टर को भूमि अवाप्ति से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान दोनों गांवों के दर्जनों किसान बाड़मेर जाएंगे। इसके बाद आगामी रणनीति तय करेंगे।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल सैकंड
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल सैकंड
अंतिम कट ऑफ लिस्ट
गणित-विज्ञान
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १४१.८३ ११९.११ ९४.०२ ९७.२५ - -
ओबीसी १३४.६८ १०८.१० - - - -
एसबीसी १२६.२५ ८६.७१ - - ९२.५९ (मस्तिष्क) -
एससी ११३.६६ ५८.३ - - - -
एसटी ७६.८५ ६१.९५ - - - -
सामाजिक अध्ययन
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १५५.१७ १४२.८२ ८२.२३ १२२.६ - -
ओबीसी १५१.६ १३६.८६ - १०८.८४ - -
एसबीसी १४८.३७ ११८.१० - - ९०.१५ (अंधता) ८९.४१
एससी १४२.१८ १०८.७७ - १०१.७९ १४८.१७ (मस्तिष्क)
एसटी १३७.१२ ११२.९ - - - -
हिंदी
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १६४.७९ १५७.७२ ६७.३६ १४०.३६ - -
ओबीसी १६१.०८ १५३.०७ - १२५.४६ - -
एसबीसी १५५.०८ - - - ११७.४५ (अंधता) -
एससी १५२.१५ १३८.१३ - - १५७.७२ (मस्तिष्क) -
एसटी १४६.२२ १३७.४८ - - - -
अंग्रेजी
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १५३.६१ १४२.५५ - १३८.५४ - -
ओबीसी १४९.०२ १३१.२९ - १२६.३२ - -
एसबीसी १३५.३४ - - - १३५.३७ (मस्तिष्क) -
एससी १३९.७५ १०७.८१ - - - -
एसटी १०१.५५ ७४.४८ - - - -
संस्कृत
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १७४.११ १६०.०१ ११६.८ १३९.५८ - -
ओबीसी १६८.४३ १५२.४८ - १२९.१८ १३८.२ (अंधता)
एसबीसी १६६.५५ - - - १६३.२ (मस्तिष्क)
एससी १५७.८९ १११.६९ - - - -
एसटी १५१.३४ १४१.५४ - - - -
नोट: अंक सूची जिला परिषद की ओर से जारी की गई है इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो तो जिला परिषद की सूचना को अंतिम माना जाए।(सं.)
विशेष शिक्षक
एचआई विज्ञान-गणित १३७.४९
एचआई सामाजिक अध्ययन १०२.०८
एमआर सामाजिक अध्ययन १५८.३४
वीआई सामाजिक अध्ययन ११४.२६
उर्दू
केटेगरी पुरुष
सामान्य १२३.०३
ओबीसी ११७.६८
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १४१.८३ ११९.११ ९४.०२ ९७.२५ - -
ओबीसी १३४.६८ १०८.१० - - - -
एसबीसी १२६.२५ ८६.७१ - - ९२.५९ (मस्तिष्क) -
एससी ११३.६६ ५८.३ - - - -
एसटी ७६.८५ ६१.९५ - - - -
सामाजिक अध्ययन
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १५५.१७ १४२.८२ ८२.२३ १२२.६ - -
ओबीसी १५१.६ १३६.८६ - १०८.८४ - -
एसबीसी १४८.३७ ११८.१० - - ९०.१५ (अंधता) ८९.४१
एससी १४२.१८ १०८.७७ - १०१.७९ १४८.१७ (मस्तिष्क)
एसटी १३७.१२ ११२.९ - - - -
हिंदी
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १६४.७९ १५७.७२ ६७.३६ १४०.३६ - -
ओबीसी १६१.०८ १५३.०७ - १२५.४६ - -
एसबीसी १५५.०८ - - - ११७.४५ (अंधता) -
एससी १५२.१५ १३८.१३ - - १५७.७२ (मस्तिष्क) -
एसटी १४६.२२ १३७.४८ - - - -
अंग्रेजी
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १५३.६१ १४२.५५ - १३८.५४ - -
ओबीसी १४९.०२ १३१.२९ - १२६.३२ - -
एसबीसी १३५.३४ - - - १३५.३७ (मस्तिष्क) -
एससी १३९.७५ १०७.८१ - - - -
एसटी १०१.५५ ७४.४८ - - - -
संस्कृत
केटेगरी पुरुष महिला विधवा परित्यक्ता निशक्तजन भूतपूर्व सैनिक
सामान्य १७४.११ १६०.०१ ११६.८ १३९.५८ - -
ओबीसी १६८.४३ १५२.४८ - १२९.१८ १३८.२ (अंधता)
एसबीसी १६६.५५ - - - १६३.२ (मस्तिष्क)
एससी १५७.८९ १११.६९ - - - -
एसटी १५१.३४ १४१.५४ - - - -
नोट: अंक सूची जिला परिषद की ओर से जारी की गई है इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि हो तो जिला परिषद की सूचना को अंतिम माना जाए।(सं.)
विशेष शिक्षक
एचआई विज्ञान-गणित १३७.४९
एचआई सामाजिक अध्ययन १०२.०८
एमआर सामाजिक अध्ययन १५८.३४
वीआई सामाजिक अध्ययन ११४.२६
उर्दू
केटेगरी पुरुष
सामान्य १२३.०३
ओबीसी ११७.६८
ढाणियां पानी से घिरी अतिवृष्टि के हालात बने
ढाणियां पानी से घिरी अतिवृष्टि के हालात बने
डाऊवाणियों की ढाणी के घरों में घुसा पानी, खेत पानी से लबालब
बाड़मेर . शिव उपखंड क्षेत्र में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से अतिवृष्टि के हालात बन रहे हैं। शनिवार को बारिश का दौर दिनभर जारी रहा। मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर स्थित डाऊवाणियों की ढाणी पानी से घिर गई। घरों के चारों तरफ पानी का भराव हो गया। इससे एक बारगी तो अफरा तफरी मच गई। बाद में ग्रामीण संभल गए। इधर, तेज बारिश से कई सड़कें टूट गई। खेतों में पानी के भराव से खरीफ फसलें खराब होने की आशंका बनी है।
उपखंड क्षेत्र में शनिवार को बारिश का दौर दिनभर जारी रहा। लगातार बारिश से डाऊवाणियों की ढाणी के चारों तरफ दो से तीन फीट पानी का भराव हो गया। पानी घरों में घुसने से ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ गई। कुछ ही देर बाद पानी का भराव कम होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। नाले के रुप में आया पानी खेतों में जमा हो गया। शिव से कोटड़ा व भैंसका से शिव जाने वाली संपर्क सड़कें पानी के बहाव से टूट गई। साथ ही कई जगह गड्ढे पड़ गए। ग्रामीण रतनाराम प्रजापत ने बताया कि पानी घरों में घुसने से लोगों में भय पैदा हो गया है। अब बारिश न जाने कब रुकेगी। उन्होंने बताया कि ढाणियां पानी से घिरने के बाद अधिकारी मौके पर सुध लेने नहीं पहुंचे।
यहां बने है अतिवृष्टि के हालात: शिव तहसील के गूंगा, भैंसका, झांफली, हड़वा, हड़वेचा, बालासर, हाथीसिंह का गांव, कोटड़ा, राणेजी की बस्ती, आगोरिया, शिव, जोरानाडा, बलाई, बीसू, पुषड़, धारवी समेत कई गांवों में लगातार बारिश से खेतों में पानी का भराव होने के साथ एनिकट, तालाब पानी से लबालब भर गए हैं।
बाड़मेर 36 घंटों में तीन इंच बरसात
36 घंटों में तीन इंच बरसात
. बाड़मेर थार में बीते कई दिनों से मानसून सक्रिय होने से लगातार बारिश का दौर जारी है। शहर समेत गांवों में शनिवार को दिनभर रूक रूककर बारिश की बौछारे चली। कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से अतिवृष्टि के हालात बने हैं। शहर में दोपहर को झमाझम बारिश से सड़कें पानी से तरबतर हो गई। कच्ची बस्तियों में पानी का भराव हो गया। शहर में पिछले 36 घंटों में तीन इंच बारिश दर्ज की गई।
शनिवार को दोपहर दो बजे अचानक तेज बारिश से शहर में पानी ही पानी भर गया। हालात ये थे कि तेज बारिश से बाड़मेर शहर में कलेक्ट्रेट, अहिंसा सर्किल, किसान बोर्डिंग सहित कई मार्गों पर पानी का भराव होने से एक बारगी यातायात अवरूद्ध हो गया। जिससे वाहन चालक काफी देर तक इंतजार करते नजर आए।
कहां कितनी हुई बारिश
शनिवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बारिश बाड़मेर शहर व गडरारोड में दर्ज की गई। बाड़मेर में 43 एमएम और गडरारोड में 44 एमएम बारिश हुई। वहीं सिणधरी में 42, सिवाना ने भी 42, बालोतरा में 39, पचपदरा में 32, धोरीमन्ना में 30, गुडामालानी में 20, शिव में 21, गिड़ा में 23, बायतु में व चौहटन में दस-दस एम बारिश दर्ज की गई।
कच्ची बस्तियों में पानी का भराव
शहर के निचले इलाकों में पानी भर जाने से आमजन को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ा। जगह जगह पानी के भराव से राहगीरों के साथ वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के गांधीनगर, चामुंडा मंदिर, शास्त्रीनगर, विष्णु कॉलोनी में पानी का भराव रहा। गली-मोहल्लों में एक से दो फीट तक पानी का भराव रहने से लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पाए।
. बाड़मेर थार में बीते कई दिनों से मानसून सक्रिय होने से लगातार बारिश का दौर जारी है। शहर समेत गांवों में शनिवार को दिनभर रूक रूककर बारिश की बौछारे चली। कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से अतिवृष्टि के हालात बने हैं। शहर में दोपहर को झमाझम बारिश से सड़कें पानी से तरबतर हो गई। कच्ची बस्तियों में पानी का भराव हो गया। शहर में पिछले 36 घंटों में तीन इंच बारिश दर्ज की गई।
शनिवार को दोपहर दो बजे अचानक तेज बारिश से शहर में पानी ही पानी भर गया। हालात ये थे कि तेज बारिश से बाड़मेर शहर में कलेक्ट्रेट, अहिंसा सर्किल, किसान बोर्डिंग सहित कई मार्गों पर पानी का भराव होने से एक बारगी यातायात अवरूद्ध हो गया। जिससे वाहन चालक काफी देर तक इंतजार करते नजर आए।
कहां कितनी हुई बारिश
शनिवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बारिश बाड़मेर शहर व गडरारोड में दर्ज की गई। बाड़मेर में 43 एमएम और गडरारोड में 44 एमएम बारिश हुई। वहीं सिणधरी में 42, सिवाना ने भी 42, बालोतरा में 39, पचपदरा में 32, धोरीमन्ना में 30, गुडामालानी में 20, शिव में 21, गिड़ा में 23, बायतु में व चौहटन में दस-दस एम बारिश दर्ज की गई।
कच्ची बस्तियों में पानी का भराव
शहर के निचले इलाकों में पानी भर जाने से आमजन को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ा। जगह जगह पानी के भराव से राहगीरों के साथ वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के गांधीनगर, चामुंडा मंदिर, शास्त्रीनगर, विष्णु कॉलोनी में पानी का भराव रहा। गली-मोहल्लों में एक से दो फीट तक पानी का भराव रहने से लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पाए।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)