शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

आरएएस में 20 फीसदी अंक राजस्थान के

आरएएस में 20 फीसदी अंक राजस्थान के

अजमेर । राजस्थान लोक सेवा आयोग ने गुरूवार को स्पष्ट किया कि आरएएस परीक्षा के प्रश्न पत्रों में राजस्थानी भाषा का न तो कभी विषय रहा और न ही इस भाषा में कभी प्रश्न पत्र रखा गया। सामान्य अध्ययन में राजस्थानी भाषा और साहित्य से जुड़े प्रश्न पूछे जाते रहे।

लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हबीब खान गौरान, सदस्यों व सचिव ने गुरूवार शाम यह जानकारी दी। गौरान ने कहा कि आयोग की ओर से अगले साल से प्रस्तावित आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा में राजस्थानी भाषा, संस्कृति तथा साहित्य का अंकभार कम से कम 20 प्रतिशत रहेगा।

ढाई गुना बढ़ा महत्व
आयोग की ओर से प्रस्तावित पैटर्न में प्रारंभिक परीक्षा के एक तथा मुख्य परीक्षा के तीन प्रश्न-पत्रों को पर्याप्त महत्व दिया गया है। 2013 से प्रस्तावित पैटर्न में राजस्थान का महत्व ढाई गुना तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया, प्रस्तावित पाठ्यक्रम में प्रारंभिक परीक्षा में कम से कम 20 प्रतिशत अंक राजस्थान से संबंधित होंगे। मुख्य परीक्षा में प्रस्तावित चार प्रश्न-पत्रों में तीन प्रश्न-पत्रों में राजस्थान का जुड़ाव होगा।

पहले और तीसरे प्रश्न-पत्र में राजस्थान के भूगोल, सामाजिक ज्ञान, संस्कृति, साहित्य एवं अन्य पहलुओं की जानकारी ली जाएगी। यह कम से कम 20 प्रतिशत होगी। इसी तरह भाषा से संबंधित चौथा प्रश्न-पत्र तीन भाषाओं पर आधारित होगा।

100 अंक हिंदी के
200 अंक के इस प्रश्न-पत्र में 100 अंक हिंदी, 80 अंक अंग्रेजी तथा 20 अंक राजस्थानी के होंगे। आयोग ने स्पष्ट किया कि 800 अंकों में से करीब 200 अंक तक राजस्थान से संबंधित होंगे।

बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने रेल राज्य मंत्री तथा मैम्बर टैªफिक से की मुलाकात

बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने रेल राज्य मंत्री तथा मैम्बर टैªफिक से की मुलाकात


नई दिल्ली। 07 सितम्बर 2012। बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने गुरूवार को रेल राज्य मंत्री के.एच. मुनियप्पा तथा मैम्बर ट्रैफिक के.के.श्रीवास्तव से उनके रेल भवन स्थित कार्यालय मे मुलाकात कर बीकानेर के लिए रेलवे विकास से संबंधित चर्चा की। सांसद मेघवाल ने रेल राज्य मंत्री से मुलाकात के दौरान बीकानेर की रेलवे समस्याओ से अवगत करवाया। सांसद अर्जुन मेघवाल ने चर्चा के दौरान प्रमुख मांगे रखी कि गाडी संख्या 12457/12458 बीकानेर - दिल्ली सरायरोहिल्ला सप्ताह में तीन दिन चलती है जिसकी रेल बजट की घोषणानुसार प्रतिदिन संचालित किया जावें। गाडी संख्या 09734/09734 हनुमानगढ़ - बीकानेर - कोटा का अर्जुनसर स्टेषन पर ठहराव किया जावें। इस गाड़ी को नियमित करने की बजट घोषणा की पालना कराई जावें। बीकानेर का वर्कषॉप के मैनेजमेंट द्वारा दो प्रोजेक्ट¼1. Providing facilities for POH of BCN wagons 2. Providing Facilities & Development of Infrastructure for POH of ICF & LHB coaches½ मुख्यालय को भेजे हुये है। यह दोनेा प्रोजेक्ट स्वीकृत होने चाहिए जिससे बीकानेर के वर्कषॉप में उपलब्ध संसाधनो का बेहतर उपयोग हो सकेगा। संसदीय क्षेत्र का अनूपगढ़ क्षेत्र रेल लाईन से अछुता है। यह क्षेत्र पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है। सामरिक दृष्टिकोण से महत्व का क्षेत्र होने के कारण सैना द्वारा भी अनूपगढ़ से बीकानेर वाया खाजूवाला रेल्वे लाईन के निर्माण की माँग की जाती रही है। अतः नई लाईनों के निर्माण में अनुपगढ़ से बीकानेर वाया खाजूवाला को जोड़ा जायें। श्रीकोलायत धार्मिक महत्व का कस्बा है तथा उपखण्ड व तहसील मुख्यालय है। देषनोक में करणी माता जी का मंदिर है। नवरात्रो के अलावा भी यात्री काफी संख्या में देषनोक आवागमन करते है। गजनेर पर्यटन की दृष्टि से , सुड़सर व शींथल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है अतः उपरोक्त पांचो स्टेषनों के रूट से गुजरने वाली सभी गाड़ियों का ठहराव प्रत्येक रेलवे स्टेषन पर कम से कम दो मिनट किया जावें। नौखा तहसील औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता है। नोखा की जनसंख्या करीब 1.5 लाख है। यहंा के प्रवासी महाराष्ट्र एवं गुजरात मे व्यापार के लिए जाते है। बीकानेर - दादर एक्सप्रेस ट्रेन नं. (12489-12490) का ठहराव नौखा रेलवे स्टेषन पर चालू किया जावें। जोधपुर मण्डल के अन्तर्गत आने वाले नोखा रेलवे स्टेषन 11 अक्टुबर 2011 को रेलवे बोर्ड के सर्कुलर संख्या 52/11 के अन्तर्गन्त आदर्ष स्टेषन घोषित किया था। निर्धारित दिनांक 30.9.12 तक आदर्ष स्टेषन का विकास किया जावें।


सदस्य यातायात के.के.श्रीवास्तव ने मुख्य प्रबन्धक से फोन पर वार्ता की तथा ठहराव से संबंधित समस्याओ के समाधान के निर्देष दिये। रेल राज्य मंत्री ने रेल समस्याओं के शीघ्र समाधान का आष्वासन दिया।


सांसद अर्जुन मेघवाल के साथ बिहारी लाल बिष्नोई प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य भाजपा, कोड़ाराम भादू भाजपा नेता श्रीडूंगरगढ़, भीखा राम जाखड़, तेजा राम संासद प्रतिनिधि श्रीकोलायत भी उपस्थित थे।

रेत में खिल रही हें सिविल सेवा की नई पोध

रेत में खिल रही हें सिविल सेवा की नई पोध


विश्व भर में अपने काम के चलते पहचना जाने वाला संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम एक बार फिर बाड़मेर के हालातो और हर से वाकिफ हुआ . जहा भर में इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए राष्ट्रिय स्तर पर हुई एक महत्वपूर्ण सेमिनार में एक बार फिर चोहटन प्रधान शम्मा खान को आमंत्रित किया गया .और इस सेमिनार में इस सेमिनार में चोहटन प्रधान का राजस्थान में विशेषकर रेतीले इलाके में सिविल सेवा को लेकर युवाओ का नजरिया विषय पर उदबोधन भी रखा . शम्मा खान ऩे जहा अपनी बात में डाक्टर ललित के पवार और सागाराम जागिड को सहरा के युवाओ के आदर्श बताया तो आज के हालातो पर सरकार के कामो को सराहा .बाड़मेर एक जमाना हुआ करता था जब रेतीले इलाके के लोग अपनी जिन्दगी और अपनी काम को खेती बड़ी और घर की चार दिवारी तक ही सिमित रखा करते है . अगर कोई इस इलाके में पढ़ लिख भी गया तो शायद उस्सने कभी भी बेहद आगे जाने के बारे में कभी नही सोच लेकिन सरकार द्वारा रेतीले इलाके में तेजी से करवाए जा रहे कार्यो और आम आदमी के बच्चों को दी जा रही तालीमी मदद आज हरे परिवार के बच्चे में सिविल सेवा का सपना भर चुकी है . जिस रेतीले इलाके में बामुश्किल खेती होती है उस इलाके में बीते कुछ बरसो में उच्च्च प्र्शश्निक अधिकारियो की पोध तयार हो चुकी है . बरसों पहले बाड़मेर के सांगाराम जागिड और डाक्टर ललित के पवार ऩे जो करवा शुरू किया वह आज सरकार द्वारा द्नाये गए सुगुम माहोल के चलते रेत में सिविल सेवा की नई पोध खड़ी कर चुकी है . यह कहना है चोहत्न प्रधान शम्मा खान का . चोहत्न प्रधान ऩे यह बात मुल्क की राजधानी दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के उस राष्ट्रिय सेमिनार में कही जो सेमिनार देश भर में 21 वीं सदी में शासन और सिविल सेवा में नेतृत्व का विकास के लिए मिल का पत्र साबित होने वाला रहेगा . सीनियर आईएस अधिकारी कुश वर्मा ऩे बताया कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा हर इलाके में आम जनता के हितो से जुड़े हें कार्यो को करवाया जाता है और ईन कामो के सफल संचालन के लिए देश के विद्वानों और उच्च अधिकारियो से राय और मशवरा लिया जाता रहा हें उस क्रम में देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार से दो दिन तक 21 वीं सदी में शासन और सिविल सेवा में नेतृत्व का विकास विषय पर अलग अलग बाते और विचार मुखर हुए . जिसमे बाड़मेर के चोहटन की प्रधान शम्मा खान को विशेष तोर से आमंत्रित किया गया था . इस सेमिनार में लोगो के सामने रेतीले इलाके के तालीम के हालात के साथ साथ बीते कुछ बरसो में इस क्षेत्र में तेजी से हुए बदलाव पर शम्मा खान ऩे बड़ी बेबाकी से अपनी राय राखी . उन्ह्होने कहा की शासन तंत्र की रीढ़ कही जाने वाली सिविल सर्विस ग्लैमर और प्रतिष्ठा से परिपूर्ण सेवा है, जिसमें शामिल होने का ख्वाब अधिकतर युवाओं की आंखों में रहता है। हर कोई सिविल सर्विसेज में शामिल होकर देश के विकास में अपना योगदान देने का सपना देखता हैं, लेकिन वर्तमान परिवेश में इस क्षेत्र में कई चुनोतिया आ चुकी है जिससे निपटना आज कि जरूरत है. सरकार जहा आम आदमी के होनहार बच्चों को उच्च पदों पर देखने के सपने को हकीकत का रूप दे चुकी है वही आज हर दूसरा बच्चों आने वाला सिविल सेवा का अधिकारी मानते हुए तालीम ले रहा है . इस सेमिनार में राजस्थान से चोहटन प्रधान के आलावा राजस्थान मेडिकल कोर्परेशन के निदेशक डाक्टर समित शर्मा ऩे भी भाग लिया . .

रेगिस्तानी क्षेत्र में कुमट के पेड़ किसानों के लिये अतिरिक्त आय का जरिया बने

बाड़मेर राजस्थान में बाड़़मेर जिले के रेगिस्तानी क्षेत्र में कुमट के पेड़ किसानों के लिये अतिरिक्त आय का बढ़ि‍या जरिया बन गये है । एक समय इन पेड़ों से नाम मात्र का गोंद प्राप्त होता था, लेकिन जोधपुर स्थित केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान “काजरी“ द्वारा विकसित तकनीक अपनाने के बाद एक पेड़ से एक मौसम में आधा से पौन किलो उच्च गुणवत्ता वाला गोंद मिलने लगा है ।  
एक समय इन पेड़ों से बहुत ही कम गोंद प्राप्त होता था तथा इसकी लकड़ी काट कर लोग ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते थे, लेकिन काजरी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में गोंद की उपयोगिता और औषधीय महत्व को ध्यान में रखकर कुमट के पेड़ों से अधिक गोंद हासिल करने के प्रयास किये । साथ ही इस बात का पूरा ध्यान रखा कि गोंद प्राप्त करने के चक्कर में पेड़ सूख कर खत्म न हों ।

गौरतलब है कि अरब में इन पेड़ों की छाल हटा उस स्थान पर रसायन का इस्तेमाल कर गोंद प्राप्त किया जाता था । इस विधि से गोंद तो निकलता था, लेकिन पेड़ मर जाता । किन्तु काजरी के वैज्ञानिकों ने पहले अपने संस्थान में और बाद में किसानों के खेतों में जाकर कुमट के पेड़ों में नुकीले औजार से छेद कर उसमें इन्जेक्शन द्वारा निर्धारित मात्रा में रसायन प्रविष्ट करा प्रयोग किये और इसमें उन्हें सफलता हासिल हुई।

बाद में बेटरी संचालित ड्रिल मशीन से यह काम किया जाने लगा । इसके तहत पेड़ के तने में डेढ़ से दो सेंटीमीटर व्यास का एक से डेढ़ इंच गहरा छेद कर उसमें साढ़े तीन से चार मिलीमीटर इथेफान सोल्युसन इंजेक्शनल के माध्यम से प्रविष्ट कराते और छेद को तालाब की काली चिकनी मिट्टी मोम या लुगदी से बंद किया जाता है। इसके बाद पांच से दस दिन के अंतराल में गोंद निकलना शुरू होने लग जाता है ।

काजरी में वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले वरिष्ठ कृषि विज्ञानी एल एन हर्ष बताते हैं कि इन पेड़ों में इंजेंक्शन से रसायन प्रविष्ट कराने का समय 15 फरवरी से मई तक रहता है । चट्टानी क्षेत्र में स्थित कुमट पर यह प्रयोग सफल नहीं रहता, जबकि नाले के किनारों पर स्थित पेडों पर इसके बहुत अच्छे परिणाम आये हैं। उन्होंने बताया कि चैहटन. फलौदी. मोडकिया. जाम्बा में कुमट के पेड़ सफलता की कहानी बयां कर रहे हैं ।

श्री हर्ष के मुताबिक पेड़ों में इंजेक्शन से रसायन प्रविष्ट कराने की जानकारी एवं प्रशिक्षण कुमट बहुल इलाकों के काश्तकारों को संस्थान में बुलाकर दिया गया है ताकि वे अपने खेतों और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ों में इंजेक्शन के माध्यम से अधिक से अधिक गोंद प्राप्त कर अच्छा पैसा कमा सकें । काजरी इसके लिये किसानों को रसायन उपलब्घ कराता है ।

एक पेड़ में रसायन का एक इंजेक्शन लगता है और उसे लगाने का खर्चा 15 से 20 रूपये आता है । इसमें रसायन की कीमत भी शामिल है । उन्होंने बताया कि शुरू में काजरी द्वारा रसायन का एक डोज पांच रूपये में किसान को उपलब्ध कराया जाता था । अब इसकी दर बढ़ाकर दस रूपये की गयी है । बाड़मेर और समीपवर्ती इलाकों के लगभग पांच हजार किसान कुमट के पेड़ों से गोंद प्राप्त करने की तकनीक का लाभ उठा रहे हैं । काजरी ने 1997 में जब इस कार्य की शुरूआत की उस समय नौ हजार रूपये का रसायन इस्तेमाल हुआ था । धीरे-धीरे बढ़ कर अब लगभग दो लाख रूपये के रसायन का उपयोग हो रहा है ।

गोंद की खेती के संबंध में बाड़मेर जिले की बायतु तहसील के जाखड़ा गांव के किसान रेखाराम का कहना है, ''मैंने काजरी से दो दिन की ट्रेनिंग ले रखी है तथा फरवरी से मई के दौरान जोधपुर जिले की शेरगढ़ और बायतु तहसील के गांवों में स्थित कुमट के पेडों में इंजेक्शन लगाने का कार्य करता हूं । मौसम के दौरान लगभग बारह- तेरह सौ पेड़ों में इंजेक्शन लगाता हूं । एक पेड़ में इंजेक्शन लगाने के 15 से 20 रूपये लेता हूं । इसमें रसायन की कीमत अलग है । इंजेक्शन उन्हीं पेड़ों पर लगाया जाता है, जो कम से कम पांच सात साल का होता है ।

मेरे खुद के खेत पर कुमट के 50 पेड़ हैं । एक पेड़ से लगभग आधा से पौन किलो गोंद प्राप्त होता है । कुमट के पेड़ों पर फल के रूप में फलियां लगती हैं तथा एक पेड से दो से सात किलोग्राम फलियां मिल जाती हैं । ये फलियां 50 से 80 रूपये किलो के भाव से बाजार में बिक जाती है । फलियों के अंदर के बीज राजस्थान की मशहूर पंचकूटे की लजीज सब्जी में इस्तेमाल होते हैं। पेड़ की पत्तियां बकरियां चारे की रूप में खाती हैं । साल भर में कुमट के पेड़ों से मुझे 50 हजार रूपये की आय हो जाती है।''

जिले की चैहटन तहसील के बींजराड गांव के 60 वर्षीय मोटाराम ने फरवरी 2005 में जोधपुर स्थित काजरी में कुमट के पेड़ों से इंजेक्शन के जरिये गोंद प्राप्त करने का प्रशिक्षण लिया था । उनके पास लगभग एक सौ बीघा जमीन है, जिस पर मोठ. मूंग. बाजरा, ग्वार आदि की खेती करते हैं । खेत में खड़े बीस फुट ऊँचे कुमट के पेड़ों से 70 से 80 किलो गोंद प्राप्त हो जाता है। यह गोंद 300 रूपये से लेकर 800 रूपये किलो की दर से बिक जाता है। वे कहते हैं पेड़ों के तने में इंजेक्शन लगाने के सप्ताह भर बाद पेड़ के विभिन्न स्थानों से गोंद निकलना शुरू होता है। खेती-बाड़ी के साथ अतिरिक्त आय का यह एक अच्छा साधन कहा जा सकता है।

बाड़मेर में तैनात होगा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल

बाड़मेर में तैनात होगा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल

बाड़मेर राष्ट्रीय आपदा से बचने के लिए बाड़मेर राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की तैनातगी की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ने राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के दलों की स्थायी रूप से तैनाती के लिए बाड़मेर समेत कुछ स्थानों की सिफारिश की थी, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में किसी भी प्राकृतिक और मानवकृत आपदा के दौरान तुरंत कार्रवाई की जा सके। देश की संवेदनशीलता के प्रोफाइल के साथसाथ हवाई मार्ग सड़कों की संपर्कता (कनक्टिविटी) के मद्देनजर इस प्रस्ताव की गृह मंत्रालय मे जांच कर प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से इन दलों के लिए उपयुक्त भूमि,आवास की व्यवस्था करने के पश्चात ही इन दलों की संबंधित स्थानों पर तैनात होगी।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ने राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के दलों की स्थायी रूप से तैनाती के लिए कतिपय स्थानों की सिफारिश की थी, ताकि दूरस्थक्षेत्रों में किसी भी प्राकृतिक और मानवकृत आपदा के दौरान तुरंत कार्रवाई की जा सके। देश की संवेदनशीलता के प्रोफाइल के साथसाथ हवाईमार्गध्सड़कों की संपर्कता (कनक्टिविटी) के मद्देनजर इस प्रस्ताव की गृह मंत्रालय मे जांच की गई है और एन डी आर एफ दलों की स्थायी रूप से तैनाती के स्थान के लिए एजवाल (मिजोरम), इटानगर (अरूणाचल प्रदेश), गंगटोक (सिक्किम), बंगलौर (कर्नाटक), गांधीनगर (गुजरात), बाड़मेर (राजस्थान), श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), सेपौल (बिहार), हैदराबाद, विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) और एन डी आर एफ की रासायनिक, जैविक रेडियोधर्मी, न्यूक्लियर टीमों के लिए दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई को अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकारोंध्संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा इन दलों के लिए उपयुक्त भूमिधावास की व्यवस्था करने के पश्चात ही इन दलों की संबंधित स्थानों पर तैनाती की जाएगी। सिक्किम में आए भूकंप में एन डी आर एफ की ओर से कार्रवाई करने में कोई विलम्ब नहीं हुआ था। हिण्डन एयरबेस और कोलकाता प्रत्येक से एन डी आर एफ की 5 टीमें 1819 सितम्बर, 2011 की मध्यरात्रि के आगे गंगटोक जाने के लिए बागडोगरा चली गई थीं। तथापि, बागडोगरा से गंगटोक के बीच की सड़क पर भूस्खलन होने और मौसम खराब होने के कारण हवाई जहाज की सुविधा न मिलने के कारण एन डी आर एफ कार्मिकों को सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों में जाने में कुछ विलम्ब हुआ था।

आर ऐ एस की परीक्षा के राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को बहार करने के विरोध में


आर ऐ एस की परीक्षा के राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को बहार करने के विरोध में

नए पदाधिकारी सुसाइड ही करना चाहते हैं, तो करें.....अशोक गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष के कमरे में करीब 25 मिनट तक पदाधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दौरे के समय मंत्रियों के भी पास नहीं बन पाए, ल ेकिन नए पदाधिकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चन्द्रभान की गाड़ी का पास नहीं बनने को मुद्दा बनाकर अध्यक्ष को भड़का रहे हैं। नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि नए पदाधिकारी सुसाइड ही करना चाहते हैं, तो करें। मुख्यमंत्री की नाराजगी देख सभी सन्न रह गए। 
पूर्व अध्यक्ष को पुष्पांजलि दी
मुख्यमंत्री गहलोत पूर्व अध्यक्ष मथुरादास माथुर की जयंती पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लेने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे। श्रद्धांजलि के बाद वह सीधे अध्यक्ष के कमरे में गए। उनके साथ पदाधिकारी भी कमरे में बैठ गए। मुख्यमंत्री ने नाराज लहजे में कहा कि नए पदाधिकारी कांगे्रस की परम्परा को नहीं समझ पा रहे। छोटी-मोटी बातों का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। हमारे मंत्रियों के पास नहीं बने, तो हमने कौन सा मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जैसे नेता के दौरे के तहत पूरी व्यवस्था बनी हुई है, जिसे सभी को मानना होता है। उन्होंने कहा कि नए पदाधिकारियों को पार्टी के अनुशासन को सीखना चाहिए।

जैसा बोल रहा हूं,वैसा ही छप जाएगा
क्लास के दौरान सावधान की मुद्रा में बैठे पदाधिकारियों की एकाएक हंसी फूट गई, जब मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पता है, जो मैं बोल रहा हूं, कल बिलकुल वैसा ही छप जाएगा। मुख्यमंत्री के जाने के बाद उनकी नाराजगी की चर्चा पदाधिकारियों के बीच दिनभर चलती रही। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्धारित कार्यक्रम के तहत दिल्ली गए हुए हैं।

कसाब को नागपुर में होगी फांसी!

कसाब को नागपुर में होगी फांसी!

नागपुर। मुंबई आंतकी हमले के आरोपी अजमल कसाब की फ ांसी की सजा पर 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की मोहर लगने के बाद नागपुर की केन्द्रीय जेल में कसाब को फ ांसी पर लटकाने की प्रबल संभावना है। जिस राज्य में गुनाह होता है उसी राज्य में सजा दिए जाने की प्रथा के कारण कसाब को महाराष्ट्र में फांसी होना तय है।

महाराष्ट्र में पुणे की येरवदा जेल और नागपुर की केन्द्रीय जेल ही ऎसी जगह हैं, जहां पर फ ांसी दिए जाने की व्यवस्था है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर है कि बेस्ट बेकरी कांड और ताजा बम विस्फ ोट के बाद आंतकी निशाने पर आए पुणे में कसाब को लटकाए जाने की संभावना कम ही है। ऎसी स्थिति मे कसाब को नागपुर में फ ांसी दिए जाने की प्रबल संभावना है। मुंबई हमले के बाद पकड़े गए कसाब को कुछ ही महीने बाद सुरक्षा की दृष्टि से मुंबई से नागपुर स्थानातंरित करने पर गंभीर विचार गृह मंत्रालय ने किया था। जिसके कारण नागपुर सेन्ट्रल जेल में कसाब को रखने के लिए बेहद सुरक्षित अंडानुमा सेल भी बनाई गई थी।

इन बातों से मिला बल

नागपुर केन्द्रीय जेल के उच्च सूत्रों के हवाले से खबर है कि फांसी पर लटकाने में लगने वाली विशेष किस्म की रस्सी को मंगवाना, कसाब के लिए तैयार किए गए अंडानुमा सेल की साफ -सफाई और गृह विभाग के अधिकारियों के सुरक्षा निरीक्षण से कसाब को नागपुर में फांसी दिए जाने की संभावना को बल मिला है। नागपुर की केन्द्रीय जेल में आखरी फांसी 1984 में और पुणे में आखरी फांसी 1995 मे दी गई थी। राज्य में फ ांसी की सजा प्राप्त कुल 50 अपराधी हैं। जिसमे से 21 अपराधी नागपुर केन्द्रीय जेल में और 28 पुणे के येरवदा जेल में हैं।
मुंबई की आर्थर रोड जेल में फ ांसी की सजा पाया कसाब अकेला कैदी है।

मेजर ने फ्लाइट कमांडर की पत्नी के वीडियो पोर्न वेबसाइटों पर किए पोस्ट



बठिंडा. आर्मी की एविएशन डिवीजन के एक मेजर के खिलाफ अपने वरिष्ठ अधिकारी और उसकी पत्नी की अश्लील तस्वीरें और वीडियो पोर्न साइटों पर अपलोड करने के मामले की जांच की जा रही है।


पीड़ित अधिकारी बठिंडा स्थित 668 स्कावड्रन में फ्लाइट कमांडर हैं। इस अफसर और उसकी पत्नी के अश्लील फोटो कम से कम 19 पोर्न वेबसाइटों पर पोस्ट किए गए हैं। अधिकारी की पत्नी की तस्वीरों के साथ उसका फोन नंबर भी दिया गया है।


10 कोर्प्स आर्टिलरी ब्रिगेड के एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी कर रहे हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने पोर्न वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए भी कहा है। फिलहाल कमांडिंग अधिकारी को बठिंडा से हटा दिया गया है। सेना इस बात की जांच कर रही है कि यह तस्वीरें और वीडियो कैसे लिए गए और बठिंडा में ही तैनात मेजर तक कैसे पहुंचे। यूनिट के अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इसे एक बड़े रैकेट का हिस्सा मानकर भी जांच जारी है।


करीब आधा दर्जन अश्लील वीडियो वेबसाइटों पर अपलोड किए गए हैं जिनमें सबसे लंबा वीडियो करीब चार मिनट का है। यह पहला मामला है जब सेना के किसी अधिकारी ने पोर्न वेबसाइटों पर अश्लील सामग्री पोस्ट की हो।

मेघवाल समाज ने लिया मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय


मेघवाल समाज ने लिया मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय



बालोतरा मेघवाल समाज ने बुधवार को एक मृत्यु भोज पर विशेष पहल करते हुए सराहनीय फैसला लिया। समाज के मौजीज लोगों ने मृत्युभोज का खर्च नहीं करने व कुरीतियों को त्यागने का फैसला किया।राजस्थान मेघवाल समाज उपखंड बालोतरा के अध्यक्ष हरिराम जसोल ने बताया कि 5 सितंबर को पादरू वाले ठेकेदार अमरा राम राठौड़ के बड़े भाई गेनाराम मेघवाल की मृत्यु पर एकत्र हुए समाज के लोगों ने ऐतिहासिक पहल करते हुए मृत्यु पर बनने वाले मृत्युभोज को कम कर केवल सादा भोजन और ऐसे आयोजनों में अनावश्यक खर्च नहीं करने का संकल्प लिया।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने से समाज जरूर प्रगति करेगा। इस दौरान मृत्यु भोज पर एकत्रित हुए लोगों को समाजसेवी सांवल राम सेजू, सिवाना पूर्व विधायक मोटाराम मेघवाल, भैरु लाल नामा, कृषि मंडी डायरेक्टर बाबूलाल नामा, अमरा राम राठौड़, हिम्मत बोध, मघा राम आदि ने संबोधित करते हुए समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने तथा शिक्षा की ओर से अग्रसर होने का आह्वान किया।

अमावस्या का खौफ: पत्नी और बच्चों को उतारा मौत के घाट और...!



पुणे। एक मजदूर ने अपनी पत्नी और 3 बच्चों की गला दबाकर हत्या कर दी और इसके बाद खुद को आग लगा ली। यह घटना गुरुवार तड़के कोथरूढ़ क्षेत्र में घटी।

 

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोथरूड इलाके का परशुराम कलमंटी किसी अंधविश्वास के चलते परेशान था और इसलिए उसने अपनी पत्नी जमुना (25) के अलावा अपने बच्चों पायल (7), मनीषा (5) और करण (3) की हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को आग के हवाले कर दिया।



कोथरूड़ पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कल्याणराव विधाते ने बताया कि परशुराम मूल रूप से कर्नाटक का निवासी है। काम के लिए वह पुणो आया हुआ था। कोथरूड़ स्थित लोकमान्य बस्ती में वह अपने परिवार के साथ रहता था।



विगत दो माह से उसे लगता था कि अमावस्या अथवा पूर्णिमा को कोई उसे मार डालेगा। इसलिए वह एक माह से घर में ही था। बुधवार की सुबह परशुराम पत्नी जमुना को लेकर उसकी मां कस्तुरबाई कांबले के घर गया था। परशुराम का भाई शरणाअप्पा उसके घर के पास ही रहता है।



गुरुवार तड़के परशुराम के भाई ने उसके घर का दरवाजा खुला देखा। उसने भीतर जाकर देखा तो जमुना और पायल के मृतदेह पड़े हुए थे और घर के पास स्थित कचरा डेपो परिसर में परशुराम, मनीषा और करन के मृतदेह पड़े हुए थे। परशुराम के भाई ने तत्काल इस बारे में कोथरूड़ पुलिस थाने को सूचित किया।



पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सभी के शव ससुन अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। पुलिस ने बताया कि परशुराम ने जमुना और पायल की घर में ही गला दबाकर हत्या की। मनीषा और करन की कचरा डेपो के पास ले जाकर हत्या की। उसके बाद परशुराम ने खुद को जलाकर आत्महत्या की।

बीबी से झगड़कर बाप ने मासूम को दूसरी मंजिल से नीचे फेंका

जोधपुर. नई सड़क पर जुबैदा मस्जिद के सामने रहने वाले एक पिता ने डेढ़ साल के बेटे हनीफ को दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। मासूम को मामूली खरोंच आई है। घटना के बाद उसे एमडीएमएच में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है।
 
पुलिस ने आरोपी की पत्नी शकीला की रिपोर्ट पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर आरोपी पिता हाफिज को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि पति-पत्नी के बीच कलह व इसमें ससुराल पक्ष के हस्तक्षेप से हाफिज नाराज था।


नाराज बेटे को फेंक कर भाग गया

सदर बाजार पुलिस के अनुसार गुरुवार को नई सड़क पर जुबैदा मस्जिद के सामने रहने वाले मोहम्मद हाफिज ने अपने बेटे मोहम्मद हनीफ को दूसरी मंजिल से फेंक दिया। क्षेत्रवासियों ने पुलिस को सूचना दी, इससे पहले आरोपी मौके से भाग गया। बाद में उसे करीब एक किलोमीटर की दूरी पर उसे पकड़ लिया।


गृहक्लेश व ससुराल के हस्तक्षेप पर आया गुस्सा

पुलिस के अनुसार आरोपी मोहम्मद हाफिज और उसकी पत्नी शकीला के बीच तीन साल से अनबन चल रही है। गुरुवार को उसके ससुराल की कुछ महिलाएं शकीला से मिलने आई हुई थीं। इसी दौरान आपसी बहस झगड़े में बदल गई और आवेश में हाफिज ने अपने बेटे हनीफ को उठा लिया। जब तक महिलाएं उस बच्चे को छुड़ा पातीं, उससे पहले आरोपी ने मासूम को बालकनी से नीचे फेंक दिया। मासूम जमीन पर औंधे मुंह गिरा, लेकिन उसकी जान बच गई।

भंवरी प्रकरण : अदालत में पेश नहीं हुईं मलखानसिंह की बहन

जोधपुर. एएनएम भंवरी के अपहरण व हत्या मामले में फरार आरोपी व लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई की बहन इंद्रा की संपत्ति नीलामी के संबंध में इंद्रा की मां पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई की पत्नी अमरी देवी को गुरुवार को सीबीआई मामलों की विशेष अदालत में पेश होना था, लेकिन वे नहीं आईं।
 
उनकी तरफ से मेडिकल पेश कर हाजिरी माफी चाही गई। इस पर पीठासीन अधिकारी जगदीश ज्याणी ने उनके वकील से कहा कि यदि वे इस मामले में अपना पक्ष रखना चाहती हैं तो शुक्रवार को अदालत में पेश हो कर अपना पक्ष रख सकती हैं।

गुरुवार, 6 सितंबर 2012

आर एस एस परीक्षा से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को हटाने के विरोध में शिव में दिया ज्ञापन ,

आर एस एस परीक्षा से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को हटाने के विरोध में शिव में दिया ज्ञापन ,


शिव अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यत्य संघर्ष समिति शिव ब्लोक द्वारा आर पी एस सी द्वारा आर ऐ एस परीक्षा से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को हटाने के विरोध में ब्लोक अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भीयाड़ ने उप खंड अधिकारी नखतदान बारहट को मुख्यमंत्री और अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा योग के नाम ज्ञापन सुपुर्द कर आर पी एस सी में राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को पुनः शामिल करने की मांग की ,राजेन्द्र सिंह ने बताया की शिव उप खंड अधिकारी नखतदान बारहट को ज्ञापन सौंप कर राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को पुनः शामिल करने की मांग की ,ज्ञापन देने समिति के धन सिंह बलाई ,बख्तावर सिंह ,पदम् सिंह राजगुरु ,छगन सिंह राजगुरु ,देवी सिंह रानीगांव ,डूंगर सिंह शिव,उगम सिंह ,महेंद्र राजगुरु ,मनोहर लाल सेन म्जेथारम मेघवाल स्वरुप सिंह कोटडा सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे .

राजस्थानियों की अस्मिता से खेल रही हें सरकार पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह

सरकार के कदम की कड़ी आलोचना


राजस्थानियों की अस्मिता से खेल रही हें सरकार


बाड़मेर आर पी एस सी द्वारा आर ऐ एस परीक्षा से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को बहार करने का बाड़मेर जिले के प्रतिनिधियों ने जबरदस्त विरोध कर सरकार के इस विरोधी कदम की कड़ी आलोचना की हें ,भारतीय जनता पार्टी के  पूर्व  सांसद मानवेन्द्र सिंह ने कहा की राजस्थानी भाषा को आर ऐ एस परीक्षा से बहार कर सरकार ने राजस्थानियों की अस्मिता से खिलवाड़ किया हें जो बर्दास्त नही किया जायेगा ,उन्होंने कहा की राजस्थानी संस्कृति,जीवन शेली ,परंपरा ,इतिहास भाषा के बिना अधूरा हें ,राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को पुनः शामिल नाघी किया तो सरकार को इसके घटक परिणाम भुगतने को टायर रहना चाहिय , भाजपा के जिला अध्यक्ष मेजर पर्वत सिंह ने कहा की राजस्थानी भाषा के साथ सरकार जिस कदर खिलवाड़ कर रही हें उससे सरकार की नियत स्वतः सामने आती हें सरकार राजस्थानी भाषा की विरोधी हें ,जब सब प्रान्तों में अपनी भाषा का प्रश्न पत्र शामिल होता हें तो राजस्थानी क्यों नहीं ,भाजपा नेत्री प्रियंका चौधरी ने कहा की आर ऐ एस परीक्षा से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को हटाने का सरकार का निर्णय दुर्भाग्यशाली हें ,राजस्थान के युवाओ के भविष्य जके साथ सरकार खिलवाड़ कर रही हें जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा ,भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव स्वरुप सिंह राठोड ने कहा की सरकार के इस निर्णय से लाखो राजस्थानी युवाओ का भविष्य चौपट हो जाएगा ,उन्होंने आरोप क्लागाया की बाहरी प्रान्तों के आला अधिकारियो की साज़िश का शिकार सरकार हो रही हें आज राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की तयारी चल रही हें ऐसे में आर पी एस सी से राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को हटाना सरकार की दुर्भावना को दर्शाता हें ,राजेन्द्र सिंह भिन्याद ने बताया की लाखो युवाओ के सपनों को साकार करने की बजे सरकार से युवाओ के अपने ही घर में सरकारी ओहदे पर आने के सपनों पर विराम लगा युवाओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया हें ,राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संभाग उप पस्त्वी और बाड़मेर जैसलमेर प्रभारी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की सरकार का यह कदम नकारात्मक हें इसके दुष्परिणाम युवा वर्ग को भुगतने पड़ेंगे उन्होंने कहा की यदि राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र को पुनः शामिल नाशी किया गया तो राज्य भर में आन्दोलन किये जाकर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा ,