शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

बाड़मेर में तैनात होगा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल

बाड़मेर में तैनात होगा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल

बाड़मेर राष्ट्रीय आपदा से बचने के लिए बाड़मेर राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल की तैनातगी की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ने राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के दलों की स्थायी रूप से तैनाती के लिए बाड़मेर समेत कुछ स्थानों की सिफारिश की थी, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में किसी भी प्राकृतिक और मानवकृत आपदा के दौरान तुरंत कार्रवाई की जा सके। देश की संवेदनशीलता के प्रोफाइल के साथसाथ हवाई मार्ग सड़कों की संपर्कता (कनक्टिविटी) के मद्देनजर इस प्रस्ताव की गृह मंत्रालय मे जांच कर प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से इन दलों के लिए उपयुक्त भूमि,आवास की व्यवस्था करने के पश्चात ही इन दलों की संबंधित स्थानों पर तैनात होगी।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ने राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के दलों की स्थायी रूप से तैनाती के लिए कतिपय स्थानों की सिफारिश की थी, ताकि दूरस्थक्षेत्रों में किसी भी प्राकृतिक और मानवकृत आपदा के दौरान तुरंत कार्रवाई की जा सके। देश की संवेदनशीलता के प्रोफाइल के साथसाथ हवाईमार्गध्सड़कों की संपर्कता (कनक्टिविटी) के मद्देनजर इस प्रस्ताव की गृह मंत्रालय मे जांच की गई है और एन डी आर एफ दलों की स्थायी रूप से तैनाती के स्थान के लिए एजवाल (मिजोरम), इटानगर (अरूणाचल प्रदेश), गंगटोक (सिक्किम), बंगलौर (कर्नाटक), गांधीनगर (गुजरात), बाड़मेर (राजस्थान), श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), सेपौल (बिहार), हैदराबाद, विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) और एन डी आर एफ की रासायनिक, जैविक रेडियोधर्मी, न्यूक्लियर टीमों के लिए दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई को अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकारोंध्संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा इन दलों के लिए उपयुक्त भूमिधावास की व्यवस्था करने के पश्चात ही इन दलों की संबंधित स्थानों पर तैनाती की जाएगी। सिक्किम में आए भूकंप में एन डी आर एफ की ओर से कार्रवाई करने में कोई विलम्ब नहीं हुआ था। हिण्डन एयरबेस और कोलकाता प्रत्येक से एन डी आर एफ की 5 टीमें 1819 सितम्बर, 2011 की मध्यरात्रि के आगे गंगटोक जाने के लिए बागडोगरा चली गई थीं। तथापि, बागडोगरा से गंगटोक के बीच की सड़क पर भूस्खलन होने और मौसम खराब होने के कारण हवाई जहाज की सुविधा न मिलने के कारण एन डी आर एफ कार्मिकों को सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों में जाने में कुछ विलम्ब हुआ था।

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