शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

अमावस्या का खौफ: पत्नी और बच्चों को उतारा मौत के घाट और...!



पुणे। एक मजदूर ने अपनी पत्नी और 3 बच्चों की गला दबाकर हत्या कर दी और इसके बाद खुद को आग लगा ली। यह घटना गुरुवार तड़के कोथरूढ़ क्षेत्र में घटी।

 

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोथरूड इलाके का परशुराम कलमंटी किसी अंधविश्वास के चलते परेशान था और इसलिए उसने अपनी पत्नी जमुना (25) के अलावा अपने बच्चों पायल (7), मनीषा (5) और करण (3) की हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को आग के हवाले कर दिया।



कोथरूड़ पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कल्याणराव विधाते ने बताया कि परशुराम मूल रूप से कर्नाटक का निवासी है। काम के लिए वह पुणो आया हुआ था। कोथरूड़ स्थित लोकमान्य बस्ती में वह अपने परिवार के साथ रहता था।



विगत दो माह से उसे लगता था कि अमावस्या अथवा पूर्णिमा को कोई उसे मार डालेगा। इसलिए वह एक माह से घर में ही था। बुधवार की सुबह परशुराम पत्नी जमुना को लेकर उसकी मां कस्तुरबाई कांबले के घर गया था। परशुराम का भाई शरणाअप्पा उसके घर के पास ही रहता है।



गुरुवार तड़के परशुराम के भाई ने उसके घर का दरवाजा खुला देखा। उसने भीतर जाकर देखा तो जमुना और पायल के मृतदेह पड़े हुए थे और घर के पास स्थित कचरा डेपो परिसर में परशुराम, मनीषा और करन के मृतदेह पड़े हुए थे। परशुराम के भाई ने तत्काल इस बारे में कोथरूड़ पुलिस थाने को सूचित किया।



पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सभी के शव ससुन अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। पुलिस ने बताया कि परशुराम ने जमुना और पायल की घर में ही गला दबाकर हत्या की। मनीषा और करन की कचरा डेपो के पास ले जाकर हत्या की। उसके बाद परशुराम ने खुद को जलाकर आत्महत्या की।

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