मंगलवार, 19 जून 2012

मॉडर्न रामायण में 'हनुमान' बनेंगे सलमान!



मुंबई. बॉलीवुड स्‍टार सलमान खान रामायण के 'मॉडर्न वर्जन' में 'हनुमान' की भूमिका निभा सकते हैं। इस रोल के लिए पहले आमिर खान से संपर्क किया गया था लेकिन टीवी शो और आने वाली‍ फिल्‍मों में आमिर के व्‍यस्‍त होने के चलते बात नहीं बनी। फिल्‍म के निर्माता ने अब सलमान से संपर्क किया है। यदि सलमान हामी भर देते हैं तो बॉलीवुड का 'दबंग' एक खास रोल में नजर आएगा।
 

फिल्‍म की शूटिंग अमेरिका के न्‍यू यॉर्क में होगी। फिल्‍म की कहानी हनुमान के पुनर्जन्‍म पर आधारित है। शिल्‍पा शेट्टी फिल्‍म में सीता की भूमिका में नजर आएंगी जबकि हॉलीवुड स्‍टार कीनू रीव्‍स राम और गैरी ओल्‍डमैन रावण का किरदार निभाएंगे।





इंडस्‍ट्री में सलमान की इमेज शुरू में रोमांटिक चॉकलेटी ब्‍वॉय की थी जो अब 'एक्‍शन हीरो' के तौर पर मशहूर हो गए हैं। अब सलमान एक 'सुपरहीरो' का किरदार निभाने जा रहे हैं। सलमान से 'एवेंजर्स' के हिंदी रीमेक में 'आयरन मैन' की भूमिका निभाने के लिए संपर्क किया गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि सलमान का नया रोल दर्शकों को कितना रास आता है।

बेटी से रेप के आरोपी फ्रेंच डिप्‍लोमैट को पब्लिक ने जड़ा तमाचा



बेंगलुरू. अपनी 3 साल की बच्ची के साथ रेप के आरोपी फ्रेंच कॉन्‍सुलेट के अधिकारी को यहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अधिकारी पास्कल माजुरियर को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। बाद में उन्‍हें पुलिस कोर्ट में पेशी के लिए ले गई। पेशी के लिए ले जाते समय अदालत के पास लोगों की भीड़ थी। भीड़ काफी गुस्‍साई थी और एक शख्‍स ने तो पास्‍कल के मुंह पर तमाचा भी जड़ दिया।
अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई विदेश मंत्रालय की पुष्टि किए जाने के बाद हुई। मंत्रालय ने बेंगलुरू पुलिस से कहा था कि पास्कल माजुरियर को राहत नहीं दी जा सकती। फ्रेंच कॉन्‍सुलेट ने सोमवार को बयान जारी कर कहा था कि वो बेंगलूर पुलिस के साथ इस मामले में पूरा सहयोग करेगा।
 


माजुरियार की पत्‍नी (जो केरल की रहने वाली है) ने अपने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत पुलिस में एफआईआर कराई थी।

राजस्थान बाड़मेर में लगेगी रिफायनरी


सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम राजस्थान में ऑयल रिफायनरी लगाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ओएनजीसी के साथ मिलकर बाड़मेर में 90 लाख टन क्षमता की इकाई लगाएगी। बाड़मेर में तेल के बड़े भंडार खोजे जा चुके हैं। रिफायनरी लगने से जहां राजस्थान के राजस्व में बढ़ोतरी होगी, वहीं यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। एचपीसीएल के पास फिलहाल मुंबई और आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में रिफायनरी हैं। पंजाब के भठिंडा की रिफायनरी में भी उसकी हिस्सेदारी है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केयर्न के बाड़मेर तेल क्षेत्र में 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली ओएनजीसी ने 2005 में वहां एक रिफायनरी लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। सूत्रों के मुताबिक अब एचपीसीएल ने इस प्रोजेक्ट में 51 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ जुड़ने की इच्छा जताई है। ओएनजीसी इस प्रोजेक्ट में 26 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी। बाड़मेर ऑयल फील्ड में 70 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली केयर्न इंडिया फिलहाल यहां 1.75 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन करती है। यहां उत्पादन को तीन लाख बैरल प्रतिदिन तक ले जाने की क्षमता है। सूत्रों का कहना है कि एचपीसीएल-ओएनजीसी रिफायनरी के लिए करीब 926 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का काम राजस्थान सरकार ने शुरू कर दिया है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम लि. का कहना है कि राज्य सरकार इसके अलावा उसे समुचित मात्रा में ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध करवाए, जिसका भुगतान कम से कम 15 वर्ष बाद आरम्भ किया जाय। रिफायनरी प्रोजेक्ट के लिए बनी बीसी त्रिपाठी कमेटी की रिपोर्ट को राज्य सरकार के स्वीकार करने के बाद इसके लिए ओएनजीसी और इंजीनियर्स इंडिया लि. ने भी इक्विटी हिस्सेदारी लेने का मानस बनाया है। इधर वेदांता ग्रुप ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि वेदांता ग्रुप ने हाल ही में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण कर लिया था, जिसकी बाड़मेर के मंगला क्षेत्र से कच्चा तेल निकालने के बारे में ओएनजीसी के साथ भागीदारी थी।

थार की धार ....आज की खबरे ..बाड़मेर से


थार की धार ....आज की खबरे ..बाड़मेर से 
कराइयों में आग से अनाज व चारा हुआ राख

बाड़मेर ग्राम पंचायत बिशाला के समीप स्थित प्रजापतों की ढाणी में सोमवार दोपहर अचानक आग लग गई। जिससे खेत में बनाई गई कराइयां राख हो गईं। चार दमकलों व सात टैंकरों की मदद से करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि घटना में कोई चपेट में तो नहीं आया लेकिन करीब तीन लाख रुपए की कीमत का अनाज व चारा जलकर नष्ट हो गया।जानकारी के अनुसार दोपहर दो बजे सांगाराम पुत्र चैनाराम प्रजापत के खेत में अचानक आग लग गई। जब आस-पास के लोगों ने अनाज व चारे से भरी कराइयों में से धुंआ उठता हुआ देखा तो इसकी सूचना फायरब्रिगेड को दी और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। वहीं नागरिक सुरक्षा विभाग, नगर परिषद, भाडखा केयर्न व राजवेस्ट प्लांट भादरेश से अग्निशमन वाहन मौके पर पहुंचे और आग बुझाना शुरू किया। करीब 4:30 बजे सात अन्य पानी की टैंकरों व दमकलों ने की सहायता से आग पर काबू पाया जा सका।

तीन लाख का नुकसान: आग से कराइयों में रखे 50 क्विंटल बाजरा व 400 क्विंटल चारा राख हो गया। मौका पटवारी रिपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ है। आग बुझाने वालों में फायरमैन ओमप्रकाश गोसाईं, सुखदेव खड़ीन, भानाराम सारण, चालक मेवसिंह गोयल, जेसीबी चालक बालसिंह सहित अन्य दमकलकर्मी शामिल थे।

गुजरात रोडवेज बस से अवैध शराब व बीयर बरामद
धोरीमन्ना थानांतर्गत गुजरात रोडवेज की बस से अवैध अंग्रेजी शराब व बीयर बरामद की गई। पुलिस ने आरोपी बस चालक व कंडक्टर को गिरफ्तार करने के साथ ही बस सीज कर दी। मुखबिर की सूचना पर थानाधिकारी लूणसिंह भाटी के नेतृत्व में पुलिस दल ने नाकाबंदी करवाई। इस दौरान बाड़मेर से गुजरात जा रही गुजरात रोडवेज की बस को रुकवा दिया। बस की तलाशी लेने पर केबिन के पास 12 बोतल अवैध अंग्रेजी शराब व 36 बोतल बीयर जप्त की गई। यह शराब व बीयर हरियाणा निर्मित है। इस दौरान बस चालक पूंजा भाई पुत्र समत भाई मारवाड़ा निवासी जुटा भुज व कंडक्टर कानजी भाई पुत्र नारायण भाई निवासी माडवी भुज को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।

सांत्वना मिली, सहायता नहीं

बाड़मेर सिवाड़ा में हुए भीषण हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को अब तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिले । 72 घंटे बाद भी इन परिवारों में से किसी को भी अभी तक सरकार की ओर से न तो कोई विशेष सहायता की घोषणा की गई है और न ही नियमानुसार मिलने वाली साधारण सहायता दी गई है। जालोर दुखांतिका में 19 लोग काल कवलित हो गए। जिसमें नौ लोग बाड़मेर जिले के शामिल हैं। साथ ही कुल 42 जने घायल हो गए थे। हादसे के बाद राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी व सांसद हरीश चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। लेकिन मृतकों को सरकारी स्तर पर मिलने वाली सहायता राशि की अभी तक घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में परिजनों को दुख की घड़ी में न तो सरकारी स्तर पर सहायता मिली है ओर न ही प्रशासनिक स्तर पर है।

राज्य सरकार के नियमानुसार किसी हादसे में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को पांच हजार रुपए, साधारण घायल को एक हजार से चार हजार रुपए और मृतक के परिजनों को 20 हजार रुपए मिलते हैं।

यह सहायता प्रशासनिक स्तर पर ही जारी कर दी जाती है। अधिकांश मामलों में यह सहायता हाथोंहाथ दे दी जाती है ताकि घायल बेहतर इलाज करवा सकें और मृतकों के परिजनों को कोई समस्या न आए, लेकिन इस हादसे में अब तक यह मदद भी जारी नहीं की गई है।



जिले के पर्यटन क्षेत्र का बनेगा मानचित्र



पर्यटन स्वागत केंद्र की पहल  मानचित्र बनाने के लिए

 सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंपा काम
पर्यटकों को होगी सहूलियत

जिले के पर्यटन क्षेत्र का बनेगा मानचित्र

कम आते हैं पर्यटक

जालोर जिला पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां के पर्यटन स्थलों की जानकारी नहीं होने से यहां गिने चुने पर्यटक ही पहुंच पाते हैं। इसके अलावा भी प्रशासन की ओर से भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए जाते हैं। जिले में पर्यटन स्थलों के नाम पर गिने चुने व प्रमुख स्थल की जानकारी मिलती है। इसके अलावा भी पूरा जिला ऐतिहासिक, धार्मिक व प्राकृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

मानचित्र में जिले के पर्यटन स्थल, हॉटल्स व क्षेत्र को दर्शाया जाएगा  

जालोर पर्यटन स्वागत केंद्र की ओर से जिले के पर्यटन स्थलों को मानचित्र में दर्शाने की कवायद शुरू की गई है। कुछ दिन पूर्व पर्यटन स्वागत केंद्र की स्थाई समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस मानचित्र के बन जाने के बाद जिले में पर्यटन का विकास होगा। इसकी पहल से पर्यटकों को मानचित्र के आधार पर जिले के पर्यटन क्षेत्र की जानकारी भी मिल सकेगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने स्थाई समिति के सदस्यों व प्रशासन से जिले के पर्यटन क्षेत्रों की सूची मांगी है। सूची के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से जिले का मानचित्र बनाया जाएगा। इस मानचित्र से देशी व विदेशी पर्यटकों को जालोर जिले की जानकारी मिलने के साथ ही जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों की समरी भी हासिल हो सकेगी। सब कुछ सही रहा तो जिले का पर्यटन मानचित्र बनने के बाद पर्यटन विभाग की ओर से इसे नेट पर भी दर्शाया जाएगा।

यह भी हैं पर्यटन स्थल


जिले में स्वर्णगिरी दुर्ग की प्राचीरें, सिरे मंदिर, तोपखाना, नंदीश्वर द्वीप तीर्थ, चितहरणी, मोदरान माताजी मंदिर, जसवंतपुरा स्थित सुंधा माता मंदिर, जसवंतपुरा की पहाडिय़ां, खोड़ेश्वर महादेव, मांडवला का जहाज मंदिर, कैलाश धाम, भाद्राजून गढ़, जसवंतपुरा स्थित लोहियाणा किला, भीनमाल स्थित 72 जिनालय, भीनमाल का कोट कास्ता दुर्ग, सांचौर-रानीवाड़ा मार्ग पर स्थित गोधाम पथमेड़ा व भांडवपुर तीर्थ समेत कई छोटे बड़े ऐतिहासिक व धार्मिक तीर्थ स्थल हैं।

॥जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के लिए जिले के पर्यटन क्षेत्र का मानचित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को मानचित्र बनाने का काम सौंपा गया है। मानचित्र में जिले के ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक, मेले, प्राकृतिक व धर्मशालाएं व हॉटल्स को दर्शाया जाएगा। मानचित्र की बुकलेट भी तैयार की जाएगी। जिसके पीछे जिले के मुख्य स्थलों का संक्षिप्त में परिचय भी दिया जाएगा। मानचित्र बन जाने के बाद पर्यटकों को जिले के बारे में जानने में काफी सहुलियत होगी। भानुप्रताप सिंह, सहायक निदेशक पर्यटन स्वागत केंद्र, माउंट आबू

बनेगा फोल्डर पैम्पलेट

जिले के पर्यटन स्थलों का मानचित्र बनने के बाद विभाग की ओर से जिले के मानचित्र का फोल्डर पैम्पलेट बनाया जाएगा। जिसमें जिले के दार्शनिक व ऐतिहासिक स्थलों के चित्र में रहेंगे। वहीं फोल्डर पैम्पलेट के दूसरी ओर जिले प्रमुख स्थलों के इतिहास की जानकारी का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा। विभिन्न जिलों के ऐसे फोल्डर बने हुए हैं।


इन्हें दर्शाया जाएगा

मानचित्र में पर्यटन स्थलों के अलावा जिले में बस, ट्रेन, हवाई जहाज के रास्ते को भी दर्शाया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र की संस्कृति, मेले, हॉटल्स, ग्रामीण इलाके, हर पर्यटन स्थल तक पहुंचने के साधन, ऐतिहासिक धरोहरों का संक्षिप्त इतिहास समेत कई बिंदुओं को रेखांकित किया जाएगा।




युवती से आपत्तिजनक बात करना महंगा पड़ा कांस्टेबल को



जोधपुर.भीतरी शहर में गोल पुलिस चौकी में तैनात कांस्टेबल रमेश मीणा को एक युवती से आपत्तिजनक बात करना महंगा पड़ा। युवती के परिजनों की शिकायत के बाद डीसीपी (पूर्व) ने सोमवार को उसे निलंबित कर दिया।
 
कांस्टेबल ने रविवार को पूर्व में अपने पड़ोस में रहने वाली युवती से आपत्तिजनक बातें की। युवती के परिजनों ने रातानाडा पुलिस थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने उसके खिलाफ प्रकरण तो दर्ज नहीं किया, लेकिन दुराचरण के मामले में उसे निलंबित कर दिया।

हिन्दू धर्म की पांच प्रमुख सतियां



स्त्री का पतिव्रता होना आज के युग में दुर्लभ हो चला है। एक ही पति या पत्नी धर्म का पालन करना हिन्दू धर्म के कर्तव्यों में शामिल है। यूं तो भारत में हजारों ऐसी महिलाएं हुई हैं जिनकी पतिव्रता पालन की मिसाल दी जाती है, लेकिन उनमें से भी कुछ ऐसी हैं जो इतिहास का अमिट हिस्सा बन चुकी हैं।
 
हिंदू इतिहास अनुसार इस संसार में पांच सती हुई है, जो क्रमश: इस प्रकार है 1.अनुसूया (ऋषि अत्रि की पत्नी), 2.द्रौपदी (पांडवों की पत्नी), 3.सुलक्षणा (रावण पुत्र मेघनाद की पत्नी), 4.सावित्री (जिन्होंने यमराज से अपना पति वापस ले लिया था), 5.मंदोदरी (रावण की पत्नी)।

1. अनुसूया : पतिव्रता देवियों में अनुसूया का स्थान सबसे ऊंचा है। वे अत्रि-ऋषि की पत्‍‌नी थीं। एक बार सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा में यह विवाद छिड़ा कि सर्वश्रेष्ठ पतिव्रता कौन है? अंत में तय यही हुआ कि अत्रि पत्‍‌नी अनुसूया ही सर्वश्रेष्ठ पतिव्रता हैं। इस बात की परीक्षा लेने के लिए अत्रि जब बहार गए थे तब त्रिदेव अनुसूया के आश्रम में ब्राह्मण के भेष में भिक्षा मांगने लगे और अनुसूया से कहा कि जब आप अपने संपूर्ण वस्त्र उतार देंगी तभी हम भिक्षा स्वीकार करेंगे। तब अनुसूया ने अपने सतीत्व के बल पर उक्त तीनों देवों को अबोध बालक बनाकर उन्हें भिक्षा दी। माता अनुसूया ने देवी सीता को पतिव्रत का उपदेश दिया था।

2. द्रौपदी : द्रौपदी को कौन नहीं जानता। पांच पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सती के साथ ही पांच कुवांरी कन्याओं में भी शामिल किया जाता है। द्रौपदी के पिता पांचाल नरेश राजा ध्रुपद थे। एक प्रतियोगिता के दौरान अर्जुन ने द्रौपदी को जीत लिया था।पांडव द्रौपदी को साथ लेकर माता कुंती के पास पहुंचे और द्वार से ही अर्जुन ने पुकार कर अपनी माता से कहा, 'माते! आज हम लोग आपके लिए एक अद्भुत भिक्षा लेकर आए हैं।' इस पर कुंती ने भीतर से ही कहा, 'पुत्रों! तुम लोग आपस में मिल-बांट उसका उपभोग कर लो।' बाद में यह ज्ञात होने पर कि भिक्षा वधू के रूप में हैं, कुंती को अत्यन्त दुख हुआ किन्तु माता के वचनों को सत्य सिद्ध करने के लिए द्रौपदी ने पांचों पांडवों को पति के रूप में स्वीकार कर लिया।
3.सुलक्षणा : रावण के पुत्र मेघनाद (इंद्रजीत) की पत्नी सुलक्षणा को पंच सती में शामिल किया गया है।

4.सावित्री : महाभारत अनुसार सावित्री राजर्षि अश्वपति की पुत्री थी। उनके पति का नाम सत्यवान था जो वनवासी राजा द्युमत्सेन के पुत्र थे। सावित्री के पति सत्यवान की असमय मृत्यु के बाद, सावित्री ने अपनी तपस्या के बल पर सत्यवान को पुनर्जीवित कर लिया था। इनके नाम से वट सावित्री नामक व्रत प्रचलित है जो महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। यह व्रत गृहस्थ जीवन के मुख्य आधार पति-पत्नी को दीर्घायु, पुत्र, सौभाग्य, धन समृद्धि से भरता है।

5. मंदोदरी : मंदोदरी रामायण के पात्र, लंकापति रावण की पत्नी थी। हेमा अप्सरा से उत्पन्न रावण की पटरानी जो मेघनाद की माता तथा मयासुर की कन्या थी। रावण को सदा अच्छी सलाह देती थी और कहा जाता है कि अपने पति के मनोरंजनार्थ इसी ने शतरंज के खेल का प्रारंभ किया था। इसकी गणना भी पंचकन्याओं में है। सिंघलदीप की राजकन्या और एक मातृका का भी नाम मंदोदरी था।

हरी सब्जियां बचाती हैं कई बड़ी बीमारियों से


अच्छी सेहत के लिए तरह तरह के नुस्खे आजमाने में गलत कुछ भी नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि सेहत का राज हरी सब्जियों में छिपा है। इनका नियमित सेवन न केवल रक्तचाप, ब्लड शुगर जैसी समस्याओं का खतरा कम कर सकता है, बल्कि कैंसर तथा नेत्रहीनता आदि से बचाव भी कर सकता है। 

डॉ खुशवंत खत्री ने बताया कि हरी सब्जियों के सेवन की आदत बचपन से ही होनी चाहिए। इनमें रेशा, प्रोटीन, विटामिन, कई जरूरी अम्ल आदि भरपूर होते हैं, जो कई बीमारियों से बचाव में मददगार होते हैं। गाजर, पालक, चौलाई, सरसों के साग में बीटा कैरोटिन तथा ल्यूटिन एवं जेएक्सैन्थिन कैरोटिनॉयड होते हैं। ये एंटी ऑक्सीडेंट हैं और कैंसर को शुरुआती अवस्था में ही रोक सकते हैं।

 फोलेट यानी विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की भरपूर मात्रा वाली सब्जियों जैसे पालक आदि के सेवन से स्तन कैंसर, त्वचा तथा फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम होता है। ल्यूटिन की वजह से बढ़ती उम्र के साथ साथ मांसपेशियों के क्षरण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। एएमडी के कारण ही उम्र के साथ नेत्रहीनता बढ़ती है।

 फोलेट जन्म से होने वाली विकतियों को रोकता है। यह डीएनए के डुप्लीकेशन और उसकी मरम्मत के लिए भी जरूरी है। अगर डीएनए की मरम्मत नहीं हुई और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती रहीं तो कैंसर हो सकता है। फोलेट का भरपूर मात्रा में सेवन कोलोन यानी गुदा में पॉलिप का खतरा भी घटाता है। ये पॉलिप ही गुदा के कैंसर का कारण होते हैं। महिलाओं में फोलेट की कम मात्रा की वजह से स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

डिस्कॉम कार्यालय पर जड़ा ताला


डिस्कॉम कार्यालय पर जड़ा ताला


कई किसानों ने पेट्रोल की बोतलें हाथ में लेकर किया प्रदर्शन


मुख्य रोड पर दो घंटे लगाया जाम, बिजली संबंधित समस्याओं को लेकर भाजपा के किसान मोर्चे के बैनर तले किया प्रदर्शन

जैसलमेरजिला मुख्यालय पर भाजपा के किसान मोर्चे के बैनर तले एकत्र हुए किसानों ने डिस्कॉम कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। बिजली संबंधी समस्याओं से त्रस्त किसानों ने डिस्कॉम कार्यालय पर ताला जड़ कर मुख्य रोड पर दो घंटे तक जाम लगा दिया। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने हाथ में पेट्रोल की बोतलें लेकर भी प्रदर्शन किया। किसानों ने डिस्कॉम व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी के नेतृत्व में बड़ी तादाद में एकत्र हुए किसानों ने उग्र प्रदर्शन भी किया। दोपहर बाद प्रशासन के बीच बचाव से समझौता वार्ता हुई और प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद जाम व धरना हटाया गया।

सोमवार की सुबह पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी के नेतृत्व में डिस्कॉम के बाहर बड़ी तादाद में किसान एकत्र हुए। बिजली समस्याओं को लेकर परेशान किसानों ने डिस्कॉम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शीघ्र ही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी ने कहा कि जब तक डिस्कॉम किसानों की मांगों को नहीं मानेगा तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि क्षेत्रों में बैठे किसानों को बिजली नहीं मिलने से लाखों का नुकसान हो रहा है। भाटी ने बताया कि डिमांड राशि जमा होने के बावजूद कृषि कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। किसानों ने डिमांड राशि जमा करवाने के बाद साहूकारों से पैसे उधार लेकर ट्यूबवेल भी खुदवा दिए हैं मगर कनेक्शन नहीं मिलने के कारण किसान बर्बाद हो रहे हैं। पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत ने कहा कि यदि किसानों की मांगों को अनसुना किया गया तो 10 जुलाई के बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा।

वाहनों की लगी कतारें

किसानों ने प्रदर्शन करते हुए दो घंटे तक मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई। पुलिसकर्मियों द्वारा इस मार्ग पर आने वाले वाहनों को अन्य रास्तों से जाने का आग्रह किया गया।



डिस्कॉम कार्यालय पर जड़ा ताला

भाजपा के जिलामंत्री ओमसेवक ने बताया कि किसानों ने पहले डिस्कॉम कार्यालय का घेराव कर अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता को घेरा और बाद में डिस्कॉम कार्यालय पर ताला जड़ दिया। इस दौरान किसानों ने डिस्कॉम के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान वहां जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा किशनसिंह बोहा, रावतमल सांवल, कमल ओझा, हाथीसिंह मूलाना, शंभुदान, सगतसिंह, तारेन्द्रसिंह, चंदनसिंह, सुभानसिंह, तनसिंह, लीलाधर, ओंकारराम, जूझारसिंह, आईदानसिंह भाटी, शिवदानसिंह, उम्मेदसिंह, नरेन्द्र चौधरी, हुकमसिंह, दीपसिंह सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।

लिखित आश्वासन देने पर माने किसान

करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर परशुराम धानका मौके पर पहुंचे। इस दौरान एसई केएस राठौड़ को भी बुलाया गया। इनके द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया लेकिन पूर्व विधायक भाटी लिखित आश्वासन की मांग पर डटे रहे। आखिरकार अधिकारियों को लिखित में आश्वासन देना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ।

प. राजस्थान से लगती सीमा पर एक डिवीजन व ब्रिगेड तैनात

सेना में ढांचागत बदलाव तथा एकीकृत युद्धक प्रणाली (नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर) की रणनीति के तहत एक साल में तीन स्ट्राइक कोर के युद्धाभ्यास की सफलता के बाद अब पश्चिमी बॉर्डर पर सामरिक ताकत बढ़ाई जा रही है। सेना ने जैसलमेर को केंद्र मानकर नई तैनातगी शुरू कर दी है। हाल ही जैसलमेर में एक आम्र्ड ब्रिगेड, एक डिवीजन तथा अलवर से एक तोपखाना डिवीजन को जयपुर में तैनात किया गया है। जबकि एक इंफैन्ट्री डिवीजन को जोधपुर से जैसलमेर भेजा जा रहा है।


किसकी कहां तैनाती

तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने ही ट्रांसफॉर्मेशन व नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर की रणनीति तैयार की थी। इसके तहत ही जोधपुर में तैनात 4 इंडिपेंडेंट आम्र्ड ब्रिगेड को जैसलमेर में तैनात किया गया है। जोधपुर स्थित 12 इंफैन्ट्री डिवीजन का भी मुख्यालय जैसलमेर किया गया है। अलवर में तैनात 42 आर्टिलरी डिवीजन को बस्सी (जयपुर) में तैनात किया गया है। इसके अलावा चीन की सामरिक तैयारियों को देखते हुए पश्चिम बंगाल स्थित पानागढ़ में माउंटेन स्ट्राइक कोर तैनात की गई है।

बदला युद्ध का सिद्धांत

स्ट्राइक कोर के युद्ध का सिद्धांत भी बदल रहा है। अब युद्ध के दौरान पूरा फोकस नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर पर रहेगा। वाररूम में बैठा कमांडर मानव रहित विमान, सेटेलाइट व सर्विलेंस डिवाइस से युद्ध का जीवंत नजारा देख रणनीति बदलने का आदेश दे सकता है। थलसेना भी वायुसेना द्वारा दुश्मन पर हमला करने का इंतजार नहीं करेगी। इसके लिए स्ट्राइक कोर में एविएशन ब्रिगेड गठित हो रही है।

स्ट्राइक कोर के पहुंचने तक संभालेंगे मोर्चा

थार के रेगिस्तान में एक साल में अम्ंबाला के खड़क दल स्ट्राइक कोर ने विजयी भव:, भोपाल स्थित 21 सुदर्शन चक्र कोर ने सुदर्शन शक्ति तथा हाल में मथुरा स्थित सप्तशक्ति 1 स्ट्राइक कोर ने ‘शूरवीर’ युद्धाभ्यास में अपना रणकौशल व ताकत दिखाई थी। इन तीनों युद्धाभ्यास का मुख्य मकसद बॉर्डर पर पहुंचने का रेस्पांस टाइम कम करना था। तीनों स्ट्राइक कोर को अपने मुख्यालय से पश्चिमी सीमा पर आने तक 48 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। ऐसे में उनके आने तक आम्र्ड बिग्रेड व इंफैन्ट्री डिवीजन किसी भी स्थिति का सामना करते हुए सीमापार दुश्मन के घर में घुसकर हमला करेंगे।


एक्सपर्ट व्यू: बदलाव की जरूरत थी

‘पश्चिमी सीमा पर लंबे समय से बदलाव की जरूरत थी। जोधपुर से एक डिवीजन व ब्रिगेड को जैसलमेर तैनात करने तथा तोपखाना डिवीजन की जयपुर में तैनातगी से हमारी ताकत और बढ़ गई है। इससे रेस्पांस टाइम भी कम हो जाएगा। सीमा के निकट एक ही स्थान पर सेना का जमावड़ा नहीं कर अलग-अलग स्थानों पर तैनातगी से हमारी ताकत बढ़ेगी।’

-मेजर जनरल (रिटायर्ड) शेरू थपलियाल, रक्षा विशेषज्ञ

बीमार हैं भगवान जगन्नाथ, चल रहा है इलाज


 
पुरी (ओडीशा). दो दिन रह गए हैं। 21 को पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलनी है। लेकिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन बीमार हैं। कस्बेनुमा शहर के बीच बने मंदिर के पट 15 दिनों से बंद हैं, क्योंकि वैद्य भगवान का इलाज कर रहे हैं। इसमें भगवान को दशमूलारिष्ट से बनाई गोलियां (मोदक) दी (चढ़ाई) जा रही हैं। साथ ही जड़ी-बूटियों वाले दुर्लभ पुलरी तेल की मालिश की गई है। चौंकिए नहीं। ऐसा सचमुच हो रहा है। दरअसल रथयात्रा से पहले 15 दिनों के लिए भगवान को बुखार आता है। पंडित गौरीशंकर शृंगारी कहते हैं कि साल में एक ही बार भगवान को स्नान कराया जाता है। इसमें उन्हें ठंडी लग जाती है। भगवान जून की पूर्णिमा से बीमार होते हैं। रथयात्रा से ठीक पहले स्वस्थ हो जाते हैं। 21 की रथयात्रा से पहले 20 को भगवान दर्शन देंगे। जब तक इलाज चलता है भगवान के बजाय उनकी प्रतिकृति रखी जाती है जिनके दर्शन बड़े दरवाजे के छोटे-छोटे छिद्रों में से दस रुपए चुकाकर किए जा सकते हैं।


इलाज वाले तय हैं


भगवान के इलाज के लिए पुजारियों में अलग ही महकमा है। ये जड़ी-बूटियों के जानकार होते हैं। यहां जगन्नाथ मंदिर एक मंत्रालय की तरह काम करता है। इसमें 36 विभाग हैं। सभी पंडितों को उनके पुश्तैनी इतिहास या पौराणिक मान्यताओं के आधार पर जिम्मेदारी दी गई है। खाना बनाने वाले, इलाज करने वाले, शृंगार करने वाले सभी अलग-अलग। दवा देने वाले को दैत्या कहा जाता है। इसी तरह शृंगार करने वाले के नाम के आगे शृंगारी लगा होता है।


स्वर्ग भी सिधारते हैं भगवान


भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन स्वर्ग भी सिधारते हैं। यदि आप मंदिर के पीछे वाले हिस्से में जाएंगे तो आपकों चारों की समाधि मिलेंगी। ये समाधियां 16 साल पुरानी हैं। तब भगवान स्वर्ग सिधारे थे। समाधि बनाने के साथ ही पूरे अनुष्ठान और श्रद्धा के साथ नई मूर्तियों से भगवान की स्थापना कर दी जाती है। पंडित ज्योतिप्रकाश महापात्र कहते हैं अगली समाधि संभवत: 2015 में होगी। जिस जून-जुलाई में दो मलमास आते हैं उसमें भगवान को समाधि दे दी जाती है। यहां समाधियों की रक्षा करने वाला विभाग भी अलग है जिन्हें अघोरी कहा जाता है। नई मूर्तियों की स्थापना के लिए विश्वकर्मा बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले पंडितों का विभाग काम करता है।


खंडित भगवान पूजे जाते हैं


भारतीय संस्कृति में शायद ऐसा कहीं नहीं होता है कि खंडित मूर्ति की पूजा की जाती हो, लेकिन 'जगत' के इस 'नाथ' को दुनिया खंडित स्वरूप में ही पूजती है। जो मूर्तियां मंदिर में रखी हैं उसमें भगवान जगन्नाथ के कान, पांव, हाथ के पंजे और पलकें नहीं हैं, जबकि सुभद्रा और बलभद्र की पलकें तो हैं, लेकिन शेष मूर्ति इनकी भी जगन्नाथ जैसी ही हैं। यह भी बता दें कि और मंदिरों की तरह यहां मूर्तियां किसी धातु की न होकर लकड़ी की हैं।

'फन्नर' मंदिर में नहीं आ सकते
साहब जी इस मंदिर में 'फन्नर' के आने पर रोक है। टैक्सी वाले ने जब ये कहा तो पहले मैं समझा नहीं, फिर सोचा कोई उडिय़ा बिरादरी होगी जिसे मंदिर में घुसने नहीं दिया जाता है। कुछ देर की चुप्पी के फिर पूछा- कौन नहीं आ सकता? जवाब वही मिला- 'फन्नर'। 'फन्नर' का ये रहस्य मंदिर में जाने के बाद खुला। 'फन्नर' याने फॉरेनर। जगन्नाथ मंदिर केवल हिंदुओं के लिए है। बोर्ड पर साफ ये हिदायत लिखी गई है। फन्नर उर्फ फॉरेनर तो यहां आ ही नहीं सकते इसके अलावा भी कुछ बिरादरियों का प्रवेश निषेध है। जानकार इसके पीछे इतिहास में दर्ज मुगल और अंग्रेज कालीन आक्रमणों की बात कहते हैं। कैसे पहचानते हो कि मंदिर में आने वाला हिंदू ही है? इस सवाल का जवाब वहां के कर्ताधर्ता जगन्नाथजी पर छोड़ देते हैं। भगवान से कौन छुप सकता है।



रौनक का इंतजार

समंदर की लहरों से घिरे पुरी के चबूतरों पर साधु बाबाओं और होटलों में देशी-विदेशी सैलानियों ने डेरा जमा लिया है लेकिन भक्तों की लहरें अभी नहीं उठी हैं। चार किलो मीटर लंबे जिस मार्ग से रथ यात्रा गुजरेगी, वहां अभी सड़क पर सब्जी मंडी लग रही है, बेतरतीब रिक्शा स्टैंड भी वहीं डटा है। यह जरूर है इस मार्ग पर पडऩे वाले घरों, दुकानों और होटलों में बांस-बल्ली ठोंककर मेहमानों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। बाहर से आए रंगरूटों के बूट पुरी की सड़कों पर बजने लगे हैं। भक्तों का मजमा 20 से लगेगा जो 22 की सुबह तक रहेगा। वो परीक्षा की घड़ी होती है।

हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस



नई दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस में महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर उपस्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं। बालचन्द्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का महान केंद्र है।इसके साथ बने शनि मंदिर का भी प्राचीन इतिहास है। एक दक्षिण भारतीय द्वारा बनवाए गए कनॉट प्लेस शनि मंदिर में दुनिया भर के दक्षिण भारतीय दर्शनों के लिए आते हैं। प्रत्येक मंगलवार एवं विशेषतः हनुमान जयंती के पावन पर्व पर यहां भजन संध्या और भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। इसके साथ ही भागीरथी संस्था के तत्वाधान में संध्या का आयोजन किया जाता है, साथ ही क्षेत्र में झांकी निकाली जाती हैदिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ शहर है, जो यमुनानदी के तट पर पांडवों द्वारा महाभारत-काल में बसाया गया था। तब पांडव इंद्रप्रस्थ पर और कौरव हस्तिनापुरपर राज्य करते थे। ये दोनों ही कुरु वंश से निकले थे। हिन्दू मान्यता के अनुसार पांडवों में द्वितीय भीम कोहनुमान जी का भाई माना जाता है। दोनों ही वायु-पुत्र कहे जाते हैं। इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय पांडवों ने इस शहर में पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी।ये मंदिर उन्हीं पांच में से एक है।

मान्यता अनुसार प्रसिद्ध भक्तिकालीन संत तुलसीदासजी ने दिल्ली यात्रा के समय इस मंदिर में भी दर्शन किये थे। तभी उन्होंने इस स्थल पर ही हनुमान चालीसा की रचना की थी। तभी मुगल सम्राट ने उन्हें अपने दरबार में कोई चमत्कार दिखाने का निवेदन किया। तब तुलसीदास जी ने हनुमान जी की कृपा से सम्राट को संतुष्ट किया। सम्राट ने प्रसन्न होकर इस मंदिर के शिखर पर इस्लामी चंद्रमा सहित किरीट कलश समर्पित किया। इस कारण ही अनेक मुस्लिम आक्रमणों के बावजूद किसी मुस्लिम आक्रमणकारी ने इस इस्लामी चंद्रमा के मान को रखते हुए कभी भी इस मंदिर पर हमला नहीं किया।
गर्भ गृह की दीवार, व हनुमान जी सहित अन्य देवता दक्षिण ओर देखते हुए

वर्तमान इमारत आंबेर के महाराजा मान सिंह प्रथम (१५४०-१६१४) नेमुगल सम्राट अकबर के शासन काल में बनवायी थी। इसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय (१६८८-१७४३) ने जंतर मंतर के साथ ही करवाया था। दोनों इमारतें निकट ही स्थित हैं। इसके बाद भी इमारत में समय समय पर कुछ कुछ सुधार, बदलाव आदि होते रहे। इस मंदिर का विशेष आकर्षण यहां होने वाले २४-घंटे का अटूट मंत्र जाप है। ये जाप "श्रीराम जय राम, जय जय राम॥" मंत्र का होता है, और यह १ अगस्त, १९६४ से अनवरत चलता आ रहा है। बताया जाता है, कि ये विश्व का सबसे लंबा जाप है और इसकी रिकॉर्डिंग गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अंकित है।

कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर के निकट स्थित एशिया के सबसे बड़े फूलों के बाजार में पिछले पंद्रह सालों से फूलों का बाजार भी लगता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष २००६-०७ में कुल ६४९.८४ करोड़ रुपये का निर्यात हुआ जबकि पिछले वर्ष यह २१०.९९ करोड़ रुपये का था। केवल दिल्ली से लगभग १०० करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है

सोमवार, 18 जून 2012

आठवीं की छात्रा से रेप

आठवीं की छात्रा से रेप
जयपुर/बस्सी। बस्सी थाना इलाके के हुरेला गांव में एक मुंह बोले चाचा व उसके साथी ने आठवीं की छात्रा से बलात्कार किया। मेडिकल जांच में छात्रा से दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। वारदात के बाद से आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश दी। पुलिस के अनुसार, गांव हुरेला निवासी पीडिता के पिता ने मामला दर्ज कराया है कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी पुत्री को गांव देव डूंगरी निवासी रामरतन मीणा गत आठ जून को बहला-फुसला कर खेत में ले गया और दुष्कर्म किया।

इस दौरान रामरतन ने अपने साथी बाबूलाल मीणा को भी बुला लिया। बाबूलाल ने भी छात्रा के साथ बलात्कार किया। छात्रा ने घर पहुंच कर परिवारवालों को घटना के बारे में जानकारी दी। परिवारवालों ने पुलिस को खबर करना जरूरी समझा और रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज होने के फौरन बाद पुलिस आरोपियों के घर गई लेकिन वे दोनों फरार हो चुके थे। जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद गत शनिवार को जब पीडिता घर में अकेली थी, तो फिर से आरोपी रामरतन आ धमका और छात्रा को गांव से बाहर ले जाकर फिर बलात्कार कर डाला।

गंगा मैया को बचाने संतों ने भरी हुंकार



नई दिल्ली। गंगा की धारा को अविरल, निर्मल तथा आचमन लायक बनाने का संतों ने बीड़ा उठाया है। सरकार की बेरुखी पर संतों ने साफ कहा कि महीनों से जो संत गंगा के लिए अनशन पर बैठे हैं शायद सरकार उनका बलिदान चाहती है, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे। गंगा को 'गंगा मैया' बनाने के लिए जन आंदोलन होगा। सोमवार को पहली बार स्वयं जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सैकड़ों संतों के साथ सड़क पर उतरे। उन्होंने आह्वान किया कि तब तक शांत नहीं बैठना है, जब तक गंगा अविरल नहीं हो जाती है। उन्होंने देशभर के संतों से कहा है कि वे गंगातट पर बसे लोगों को गंगा की दुर्दशा के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें।
Activists protest for Save River Ganga campaign in Delhi 
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार प्रात: 10 बजे संत व पर्यावरणविद् दिल्ली के राजघाट पर एकत्रित हुए। वहां बापू की समाधि का जलाभिषेक किया, सर्वधर्म सभा में हिस्सा लेने के बाद 'अविरल गंगा, निर्मल गंगा हमें चाहिए कल-कल गंगा' का नारा लगाते हुए प्रदर्शन स्थल जंतर मंतर की ओर रवाना हुए। राजघाट से जंतर मंतर तक साढ़े छह किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान संतों को लोगों का भारी समर्थन मिला। पूर्वाह्न 11 बजे सभी जंतर मंतर पहुंचे फिर गंगा की दुर्दशा तथा सरकार की संवेदनहीनता को संतों ने अपने अंदाज में बयां किया। गंगा मुक्ति संग्राम में शिरकत करने के लिए संत समाज ने सभी राजनीतिक दलों को भी न्यौता भेजा था। कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी, भारतीय किसान यूनियन के नेता भी गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए संतों के साथ मंच पर आए। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का संदेश लेकर साध्वी उमा भारती व दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा आए। शाम चार बजे के करीब कांग्रेसी महासचिव दिग्विजय सिंह भी पहुंचे। गंगा के लिए दिल्ली में संतों का ऐसा समागम देख कुछ प्रमुख हस्तियां भी उनसे आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचीं और गंगा के प्रति अपनी श्रद्धा बयां की। इसमें क्रिकेटर चेतन चौहान, संगीतकार लखविंदर सिंह लक्खा, महाभारत में गंगा पुत्र का किरदार निभाने वाले अभिनेता मुकेश खन्ना, वेद प्रताप वैदिक आदि प्रमुख शामिल थे।

इस मौके पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद सरस्वती मुनि, आचार्य प्रमोद कृष्णम व अन्य संतों ने कहा कि विकास के नाम पर गंगा की जो दुर्दशा सरकार ने की है, वह संवेदनहीनता का परिचय देने वाली है। विकास भी जरूरी है लेकिन बिना गंगा के साथ छेड़छाड़ किए हुए। बिजली के लिए जिस तरह अभी गंगा पर सात बांध बने हैं, उससे गंगा की अविरलता छिन गई है। आने वाले वर्षो में जिस तरह 39 बांध बनाने की योजना है इससे गंगा विलुप्त हो जाएगी। उन्होंने इसके लिए समाज को जागरुक करने फिर सीवर तथा औद्योगिक कचरे का गंगा में प्रवाह रोके जाने की मांग की।

पार्षद जाटव फिर युवती लेकर भागा!

कोटा. पार्षद रोहित जाटव के युवती भागने का मामला फिर चर्चा में आया है। शहर में रविवार को चर्चा थी कि पार्षद जाटव उस युवती को फिर से ले गया है। हालांकि पुलिस अभी इस बारे में रिपोर्ट दर्ज होने की बात से इंकार कर रही है। लोगों ने बताया कि पार्षद रोहित जाटव शनिवार को युवती के घर पहुंचा और बाहर बुलाकर कार से लेकर चला गया। परिवार वालों ने अभी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। सीआई धर्मेंद्र ने बताया कि उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है।  

इस संबंध में पार्षद जाटव से भी संपर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल बंद मिला। गौरतलब है कि युवती को पहले भी भगा लेने का मामला दर्ज हुआ था तब युवती ने कोर्ट स्वयं की मर्जी से जाने की बात कही थी। बाद में उसने पार्षद पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए कोर्ट में इस्तगासा किया था, जिस पर दादाबाड़ी थाने में मामला दर्ज है। उसकी जांच चल रही है। लोगों का मानना है कि पार्षद मुकदमे से बचने के लिए फिर से युवती को मनाने का प्रयास कर रहा है।