पर्यटन स्वागत केंद्र की पहल मानचित्र बनाने के लिए
सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौंपा काम
पर्यटकों को होगी सहूलियत
जिले के पर्यटन क्षेत्र का बनेगा मानचित्र
कम आते हैं पर्यटक
जालोर जिला पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां के पर्यटन स्थलों की जानकारी नहीं होने से यहां गिने चुने पर्यटक ही पहुंच पाते हैं। इसके अलावा भी प्रशासन की ओर से भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए जाते हैं। जिले में पर्यटन स्थलों के नाम पर गिने चुने व प्रमुख स्थल की जानकारी मिलती है। इसके अलावा भी पूरा जिला ऐतिहासिक, धार्मिक व प्राकृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
मानचित्र में जिले के पर्यटन स्थल, हॉटल्स व क्षेत्र को दर्शाया जाएगा
पर्यटकों को होगी सहूलियत
जिले के पर्यटन क्षेत्र का बनेगा मानचित्र
कम आते हैं पर्यटक
जालोर जिला पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां के पर्यटन स्थलों की जानकारी नहीं होने से यहां गिने चुने पर्यटक ही पहुंच पाते हैं। इसके अलावा भी प्रशासन की ओर से भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए जाते हैं। जिले में पर्यटन स्थलों के नाम पर गिने चुने व प्रमुख स्थल की जानकारी मिलती है। इसके अलावा भी पूरा जिला ऐतिहासिक, धार्मिक व प्राकृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
मानचित्र में जिले के पर्यटन स्थल, हॉटल्स व क्षेत्र को दर्शाया जाएगा
जालोर पर्यटन स्वागत केंद्र की ओर से जिले के पर्यटन स्थलों को मानचित्र में दर्शाने की कवायद शुरू की गई है। कुछ दिन पूर्व पर्यटन स्वागत केंद्र की स्थाई समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस मानचित्र के बन जाने के बाद जिले में पर्यटन का विकास होगा। इसकी पहल से पर्यटकों को मानचित्र के आधार पर जिले के पर्यटन क्षेत्र की जानकारी भी मिल सकेगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने स्थाई समिति के सदस्यों व प्रशासन से जिले के पर्यटन क्षेत्रों की सूची मांगी है। सूची के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से जिले का मानचित्र बनाया जाएगा। इस मानचित्र से देशी व विदेशी पर्यटकों को जालोर जिले की जानकारी मिलने के साथ ही जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों की समरी भी हासिल हो सकेगी। सब कुछ सही रहा तो जिले का पर्यटन मानचित्र बनने के बाद पर्यटन विभाग की ओर से इसे नेट पर भी दर्शाया जाएगा।
यह भी हैं पर्यटन स्थल
जिले में स्वर्णगिरी दुर्ग की प्राचीरें, सिरे मंदिर, तोपखाना, नंदीश्वर द्वीप तीर्थ, चितहरणी, मोदरान माताजी मंदिर, जसवंतपुरा स्थित सुंधा माता मंदिर, जसवंतपुरा की पहाडिय़ां, खोड़ेश्वर महादेव, मांडवला का जहाज मंदिर, कैलाश धाम, भाद्राजून गढ़, जसवंतपुरा स्थित लोहियाणा किला, भीनमाल स्थित 72 जिनालय, भीनमाल का कोट कास्ता दुर्ग, सांचौर-रानीवाड़ा मार्ग पर स्थित गोधाम पथमेड़ा व भांडवपुर तीर्थ समेत कई छोटे बड़े ऐतिहासिक व धार्मिक तीर्थ स्थल हैं।
॥जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के लिए जिले के पर्यटन क्षेत्र का मानचित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को मानचित्र बनाने का काम सौंपा गया है। मानचित्र में जिले के ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक, मेले, प्राकृतिक व धर्मशालाएं व हॉटल्स को दर्शाया जाएगा। मानचित्र की बुकलेट भी तैयार की जाएगी। जिसके पीछे जिले के मुख्य स्थलों का संक्षिप्त में परिचय भी दिया जाएगा। मानचित्र बन जाने के बाद पर्यटकों को जिले के बारे में जानने में काफी सहुलियत होगी। भानुप्रताप सिंह, सहायक निदेशक पर्यटन स्वागत केंद्र, माउंट आबू
बनेगा फोल्डर पैम्पलेट
जिले के पर्यटन स्थलों का मानचित्र बनने के बाद विभाग की ओर से जिले के मानचित्र का फोल्डर पैम्पलेट बनाया जाएगा। जिसमें जिले के दार्शनिक व ऐतिहासिक स्थलों के चित्र में रहेंगे। वहीं फोल्डर पैम्पलेट के दूसरी ओर जिले प्रमुख स्थलों के इतिहास की जानकारी का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा। विभिन्न जिलों के ऐसे फोल्डर बने हुए हैं।
इन्हें दर्शाया जाएगा
मानचित्र में पर्यटन स्थलों के अलावा जिले में बस, ट्रेन, हवाई जहाज के रास्ते को भी दर्शाया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र की संस्कृति, मेले, हॉटल्स, ग्रामीण इलाके, हर पर्यटन स्थल तक पहुंचने के साधन, ऐतिहासिक धरोहरों का संक्षिप्त इतिहास समेत कई बिंदुओं को रेखांकित किया जाएगा।
यह भी हैं पर्यटन स्थल
जिले में स्वर्णगिरी दुर्ग की प्राचीरें, सिरे मंदिर, तोपखाना, नंदीश्वर द्वीप तीर्थ, चितहरणी, मोदरान माताजी मंदिर, जसवंतपुरा स्थित सुंधा माता मंदिर, जसवंतपुरा की पहाडिय़ां, खोड़ेश्वर महादेव, मांडवला का जहाज मंदिर, कैलाश धाम, भाद्राजून गढ़, जसवंतपुरा स्थित लोहियाणा किला, भीनमाल स्थित 72 जिनालय, भीनमाल का कोट कास्ता दुर्ग, सांचौर-रानीवाड़ा मार्ग पर स्थित गोधाम पथमेड़ा व भांडवपुर तीर्थ समेत कई छोटे बड़े ऐतिहासिक व धार्मिक तीर्थ स्थल हैं।
॥जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के लिए जिले के पर्यटन क्षेत्र का मानचित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को मानचित्र बनाने का काम सौंपा गया है। मानचित्र में जिले के ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक, मेले, प्राकृतिक व धर्मशालाएं व हॉटल्स को दर्शाया जाएगा। मानचित्र की बुकलेट भी तैयार की जाएगी। जिसके पीछे जिले के मुख्य स्थलों का संक्षिप्त में परिचय भी दिया जाएगा। मानचित्र बन जाने के बाद पर्यटकों को जिले के बारे में जानने में काफी सहुलियत होगी। भानुप्रताप सिंह, सहायक निदेशक पर्यटन स्वागत केंद्र, माउंट आबू
बनेगा फोल्डर पैम्पलेट
जिले के पर्यटन स्थलों का मानचित्र बनने के बाद विभाग की ओर से जिले के मानचित्र का फोल्डर पैम्पलेट बनाया जाएगा। जिसमें जिले के दार्शनिक व ऐतिहासिक स्थलों के चित्र में रहेंगे। वहीं फोल्डर पैम्पलेट के दूसरी ओर जिले प्रमुख स्थलों के इतिहास की जानकारी का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा। विभिन्न जिलों के ऐसे फोल्डर बने हुए हैं।
इन्हें दर्शाया जाएगा
मानचित्र में पर्यटन स्थलों के अलावा जिले में बस, ट्रेन, हवाई जहाज के रास्ते को भी दर्शाया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र की संस्कृति, मेले, हॉटल्स, ग्रामीण इलाके, हर पर्यटन स्थल तक पहुंचने के साधन, ऐतिहासिक धरोहरों का संक्षिप्त इतिहास समेत कई बिंदुओं को रेखांकित किया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें